< ଦ୍ୱିତୀୟ ଶାମୁୟେଲ 18 >
1 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଦାଉଦ ଆପଣା ସୈନ୍ୟମାନଙ୍କୁ ଗଣନା କରି ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ସହସ୍ରପତି ଓ ଶତପତିଗଣଙ୍କୁ ନିଯୁକ୍ତ କଲେ।
१दावीदाने आपल्या बरोबरच्या लोकांची शिरगणती केली. मग, शंभर-शंभर, हजार हजार मनुष्यांवर अधिकारी, सरदार नेमले.
2 ପୁଣି ଦାଉଦ ଯୋୟାବ ହସ୍ତରେ ସୈନ୍ୟମାନଙ୍କର ତୃତୀୟାଂଶ ଓ ଯୋୟାବର ଭ୍ରାତା, ସରୁୟାର ପୁତ୍ର ଅବୀଶୟ ହସ୍ତରେ ତୃତୀୟାଂଶ ଓ ଗାଥୀୟ ଇତ୍ତୟ ହସ୍ତରେ ତୃତୀୟାଂଶ ସମର୍ପଣ କରି ପଠାଇଲେ। ଆଉ ରାଜା ଲୋକମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମୁଁ ନିଜେ ମଧ୍ୟ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ନିଶ୍ଚୟ ଯିବି।”
२सर्वांची त्याने तीन गटात विभागणी केली. यवाब, अबीशय यवाबाचा भाऊ आणि सरुवेचा मुलगा आणि गथ येथील इत्तय या तिघांना एकेक गटाचे प्रमुख म्हणून नेमले आणि सर्वांची रवानगी केली. तेव्हा राजा दावीद त्यांना म्हणाला, मी ही तुमच्याबरोबर येतो.
3 ମାତ୍ର ଲୋକମାନେ କହିଲେ, “ଆପଣ ଆମ ସଙ୍ଗେ ଯୁଦ୍ଧକୁ ଯିବେ ନାହିଁ; କାରଣ ଆମ୍ଭେମାନେ ପଳାଇଲେ ସେମାନେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଚିନ୍ତା କରିବେ ନାହିଁ; କିଅବା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ଅର୍ଦ୍ଧେକ ମଲେ ହେଁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଚିନ୍ତା କରିବେ ନାହିଁ; ମାତ୍ର ଆପଣ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ଦଶ ହଜାର ସମାନ; ଏହେତୁ ନଗରରୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ସାହାଯ୍ୟ କରିବା ପାଇଁ ଆପଣ ପ୍ରସ୍ତୁତ ରହିଲେ ଭଲ।”
३पण लोक म्हणाले नाही तुम्ही आमच्याबरोबर येता कामा नये. कारण आम्ही युध्दातून पळ काढला किंवा आमच्यातले निम्मे लोक या लढाईत कामी आले तरी अबशालोमच्या लोकांस त्याची फिकीर नाही. पण तुम्ही एकटे आम्हा दहाहजारांच्या ठिकाणी आहात. तेव्हा तुम्ही शहरात रहावे हे बरे. शिवाय गरज पडली तर तुम्ही आमच्या मदतीला येणारच.
4 ତହିଁରେ ରାଜା ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଯାହା ଭଲ ଦିଶେ, ତାହା ମୁଁ କରିବି।” ଏଉତ୍ତାରେ ରାଜା ନଗର ଦ୍ୱାରର ପାର୍ଶ୍ଵରେ ଠିଆ ହେଲା ସମୟରେ ସମସ୍ତ ଲୋକ ଶହ ଶହ ଓ ହଜାର ହଜାର ହୋଇ ବାହାରିଗଲେ।
४तेव्हा दावीद राजा लोकांस म्हणाला, मी तुमच्या म्हणण्याप्रमाणे करीन. राजा मग वेशीपाशी उभा राहिला. सैन्य बाहेर पडले, शंभर आणि हजाराच्या गटात ते निघाले.
5 ସେତେବେଳେ ରାଜା ଯୋୟାବକୁ ଓ ଅବୀଶୟକୁ ଓ ଇତ୍ତୟକୁ ଆଜ୍ଞା ଦେଇ କହିଲେ, “ମୋʼ ଲାଗି ସେହି ଯୁବା ଅବଶାଲୋମ ପ୍ରତି କୋମଳ ବ୍ୟବହାର କର।” ପୁଣି ରାଜା ଅବଶାଲୋମ ବିଷୟରେ ସମସ୍ତ ସେନାପତିଙ୍କୁ ଏହି ଆଜ୍ଞା ଦେବା ସମୟରେ ସମସ୍ତ ଲୋକ ତାହା ଶୁଣିଲେ।
५यवाब, अबीशय आणि इत्तय यांना राजाने आज्ञा दिली माझ्यासाठी एक करा, अबशालोमशी सौम्यपणाने वागा राजाची ही आज्ञा सर्वांच्या कानावर गेली.
6 ଏହିରୂପେ ସୈନ୍ୟଦଳ ଇସ୍ରାଏଲ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧକ୍ଷେତ୍ରକୁ ଗଲେ ଓ ଇଫ୍ରୟିମ ନାମକ ବନରେ ଯୁଦ୍ଧ ହେଲା।
६अबशालोमच्या इस्राएल सैन्यावर दावीदाचे सैन्य चालून गेले. एफ्राईमाच्या अरण्यात ते लढले.
7 ତହିଁରେ ଇସ୍ରାଏଲର ସୈନ୍ୟଦଳ ସେଠାରେ ଦାଉଦଙ୍କର ଦାସମାନଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ପରାସ୍ତ ହେଲେ ଓ ସେହି ଦିନ ସେଠାରେ ମହାସଂହାର ହେଲା, ପୁଣି କୋଡ଼ିଏ ହଜାର ଲୋକ ହତ ହେଲେ।
७दावीदाच्या सैन्याने इस्राएलाचा पराभव केला. त्यांची वीस हजार माणसे त्यादिवशी मारली गेली.
8 ଦେଶସାରା ଯୁଦ୍ଧ ବ୍ୟାପିଗଲା; ପୁଣି ସେହି ଦିନ ଖଡ୍ଗ ଗ୍ରାସ କରିବା ଅପେକ୍ଷା ବନ ଅଧିକ ଲୋକକୁ ଗ୍ରାସ କଲା।
८देशभर युध्द पेटले. त्या दिवशी तलवारीला बळी पडली त्यापेक्षा जास्त माणसे जंगलामुळे मरण पावली.
9 ଆଉ ଅବଶାଲୋମ ଅକସ୍ମାତ୍ ଦାଉଦଙ୍କର ସୈନ୍ୟମାନଙ୍କୁ ଭେଟିଲା। ସେହି ସମୟରେ ଅବଶାଲୋମ ଖଚର ଉପରେ ଚଢ଼ିଥିଲା, ସେହି ଖଚର ଏକ ବଡ଼ ଅଲୋନ ବୃକ୍ଷର ଛନ୍ଦାଛନ୍ଦି ଶାଖା ତଳେ ଯିବାରୁ ଅବଶାଲୋମର ମସ୍ତକ ସେହି ଅଲୋନ ବୃକ୍ଷରେ ଅଟକି ରହିଲା, ତହିଁରେ ସେ ଆକାଶ ଓ ପୃଥିବୀ ମଧ୍ୟରେ ଝୁଲିଲା ଓ ଖଚର ତାହା ତଳୁ ଚାଲିଗଲା।
९अबशालोमचा दावीदाच्या अधिकाऱ्यांशी सामना झाला, तेव्हा अबशालोम खेचरावर बसून निसटायचा प्रयत्न करू लागला. ते खेचर एका मोठ्या एला वृक्षाच्या खालून जात असताना त्याच्या जाडजूड फांद्यामध्ये अबशालोमचे डोके अडकले. खेचर निघून गेले आणि अबशालोम अधांतरी लोंबकळत राहिला.
10 ସେତେବେଳେ ଜଣେ ତାହା ଦେଖି ଯୋୟାବକୁ କହିଲା, “ଦେଖ, ମୁଁ ଅବଶାଲୋମଙ୍କୁ ଅଲୋନ ବୃକ୍ଷରେ ଟଙ୍ଗାଥିବାର ଦେଖିଲି!”
१०एकाने हे पाहिले आणि यवाबाला सांगितले, अबशालोमला मी एला वृक्षावरून लोंबकळताना पाहिले.
11 ତହୁଁ ଯୋୟାବ ତାହା ଜଣାଇବା ଲୋକଙ୍କୁ କହିଲା, “ଦେଖ! ତୁମ୍ଭେ ଏହା ଦେଖିଲ, ମାତ୍ର କାହିଁକି ତୁମ୍ଭେ ସେଠାରେ ତାଙ୍କୁ ମାରି ଭୂମିରେ ପକାଇ ନ ଦେଲ? ତାହା କରିଥିଲେ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଦଶ ଖଣ୍ଡ ରୂପା ଓ ଏକ କଟିବନ୍ଧନ ଦେଇଥାʼନ୍ତି।”
११यवाब त्या मनुष्यास म्हणाला, मग तू त्याचा वध करून त्यास जमिनीवर का पाडले नाहीस? मी तुला दहा रौप्यमुद्रा आणि एक पट्टा इनाम दिला असता.
12 ତହିଁରେ ସେହି ବ୍ୟକ୍ତି ଯୋୟାବକୁ କହିଲା, “ମୁଁ ଆପଣା ଅଞ୍ଜଳିରେ ସହସ୍ର ଖଣ୍ଡ ରୂପା ପ୍ରାପ୍ତ ହେଲେ ହେଁ ସେହି ରାଜପୁତ୍ର ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆପଣା ହସ୍ତ ପ୍ରସାର କରନ୍ତି ନାହିଁ, କାରଣ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ କର୍ଣ୍ଣଗୋଚରରେ ରାଜା ତୁମ୍ଭକୁ ଓ ଅବୀଶୟକୁ ଓ ଇତ୍ତୟକୁ ଏହି ଆଜ୍ଞା ଦେଇଥିଲେ, ‘ତୁମ୍ଭେମାନେ କେହି ଯୁବା ଅବଶାଲୋମଙ୍କୁ ସ୍ପର୍ଶ କରିବ ନାହିଁ।’
१२तो मनुष्य म्हणाला, तुम्ही हजार रौप्यमुद्रा देऊ केल्या असत्या तरी मी राजकुमाराला इजा पोचू दिली नसती. कारण तुम्ही, अबीशय, आणि इत्तय यांना राजाने केलेला हुकूम आम्ही ऐकला आहे. राजा म्हणाला होता, लहान अबशालोमला घातपात होणार नाही याची काळजी घ्या.
13 ଯଦି ମୁଁ ତାହାର ପ୍ରାଣ ବିରୁଦ୍ଧରେ ବିଶ୍ୱାସଘାତକତା କରିଥାʼନ୍ତି, ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ନିଜେ ତ ଅଲଗା ହୋଇ ଠିଆ ହୋଇଥାʼନ୍ତ; କାରଣ ରାଜାଙ୍କଠାରୁ କୌଣସି ବିଷୟ ଗୁପ୍ତ ରହେ ନାହିଁ।”
१३अबशालोमला मी मारले असते तर राजाला ते समजलेच असते आणि तुम्ही मला शिक्षा केली असती.
14 ତେବେ ଯୋୟାବ କହିଲା, “ମୁଁ ଏପରି ବିଳମ୍ବ କରି ନ ପାରେ।” ତହୁଁ ସେ ଆପଣା ହସ୍ତରେ ତିନୋଟି ବର୍ଚ୍ଛା ନେଇ ଅବଶାଲୋମ ଅଲୋନ ବୃକ୍ଷରେ ଜୀବିତ ଥାଉ ଥାଉ ତାହା ଦେହରେ ବିନ୍ଧିଲା।
१४यवाब म्हणाला, इथे वेळ दवडण्यात काही अर्थ नाही. अबशालोम अजून जिवंत असून एलावृक्षात अजून तसाच लटकत होता. यवाबाने तीन भाले घेतले आणि ते अबशालोमवर फेकले. भाले अबशालोमच्या हृदयातून आरपार गेले.
15 ଏଉତ୍ତାରେ ଯୋୟାବର ଅସ୍ତ୍ରବାହକ ଦଶ ଜଣ ଯୁବା ଅବଶାଲୋମଙ୍କୁ ଚାରିଆଡ଼େ ଘେରି ତାହାକୁ ଆଘାତ କରି ବଧ କଲେ।
१५यवाबाजवळ दहा तरुण सैनिक त्याचे लढाईतील मदतनीस म्हणून होते. त्यांनी भोवती जमून अबशालोमचा वध केला.
16 ତହୁଁ ଯୋୟାବ ତୂରୀ ବଜାନ୍ତେ, ସୈନ୍ୟମାନେ ଇସ୍ରାଏଲର ପଶ୍ଚାତ୍ଗମନରୁ ବାହୁଡ଼ି ଆସିଲେ; କାରଣ ଯୋୟାବ ସୈନ୍ୟମାନଙ୍କୁ ଅଟକାଇଲା।
१६यवाबाने रणशिंग फुंकले आणि लोकांस अबशालोमच्या इस्राएली सैन्याचा पाठलाग थांबवायला सांगितले.
17 ଆଉ ସୈନ୍ୟମାନେ ଅବଶାଲୋମଙ୍କୁ ନେଇ ବନ ମଧ୍ୟରେ ଥିବା ଗର୍ତ୍ତରେ ପକାଇ ତାହା ଉପରେ ଏକ ବଡ଼ ପ୍ରସ୍ତରରାଶି କଲେ; ତହୁଁ ସମସ୍ତ ଇସ୍ରାଏଲ ଆପଣା ତମ୍ବୁକୁ ଗଲେ।
१७यवाबाच्या मनुष्यांनी अबशालोमचा मृतदेह अरण्यातील एका खंदकात नेऊन टाकला. त्यावर दगडांची रास रचून तो खंदक भरून टाकला. अबशालोमाबरोबर आलेल्या इस्राएलींनी पळ काढला आणि ते घरी परतले.
18 ଅବଶାଲୋମ ବଞ୍ଚିଥିବା ବେଳେ ରାଜାଙ୍କର ତଳଭୂମିରେ ଏକ ସ୍ତମ୍ଭ ନିର୍ମାଣ କରି ଆପଣା ପାଇଁ ସ୍ଥାପନ କରିଥିଲା; କାରଣ ସେ କହିଥିଲା, “ମୋʼ ନାମ ସ୍ମରଣରେ ରଖିବାକୁ ମୋହର ପୁତ୍ର ନାହିଁ;” ଏହେତୁ ସେ ଆପଣା ନାମାନୁସାରେ ସେହି ସ୍ତମ୍ଭର ନାମ ରଖିଲା; ସେହି ଦିନଠାରୁ ଅାଜି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଅବଶାଲୋମର ସ୍ମରଣାର୍ଥକ ସ୍ତମ୍ଭ ବୋଲି ତହିଁର ନାମ ରହିଅଛି।
१८अबशालोमने राजाच्या खोऱ्यात पूर्वीच एक स्तंभ उभारलेला होता. आपले नाव चालवायला पुत्र नाही म्हणून त्याने त्या स्तंभाला स्वत: चेच नाव दिले होते. आजही तो अबशालोम स्मृतीस्तंभ म्हणून ओळखला जातो.
19 ଏଉତ୍ତାରେ ସାଦୋକର ପୁତ୍ର ଅହୀମାସ୍ କହିଲା, “ସଦାପ୍ରଭୁ କିପରି ରାଜାଙ୍କର ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କଠାରୁ ସୁରକ୍ଷା ଦେଇଅଛନ୍ତି, ଏହି ସୁସମ୍ବାଦ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ନେବା ପାଇଁ ମୁଁ ଏବେ ଦୌଡ଼ି ଯାଏ।”
१९सादोकाचा मुलगा अहीमास यवाबाला म्हणाला मला धावत जाऊन ही बातमी राजाला सांगू दे. परमेश्वराने त्याच्या शत्रूचा नि: पात केला आहे हे मी त्यास सांगतो.
20 ତହିଁରେ ଯୋୟାବ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲା, “ଆଜି ତୁମ୍ଭେ ସୁସମ୍ବାଦବାହକ ହେବ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ଅନ୍ୟ ଦିନ ସୁସମ୍ବାଦ ନେବ; ରାଜାଙ୍କ ପୁତ୍ର ମରିଅଛି, ଏହେତୁ ଆଜି ତୁମ୍ଭେ ସୁସମ୍ବାଦ ନେବ ନାହିଁ।”
२०यवाब त्यास म्हणाला, आज तुला दावीदाकडे ही बातमी घेऊन जाता येणार नाही. नंतर जाऊन तू सांग पण आज नको. कारण खुद्द राजाचा पुत्र मरण पावला आहे.
21 ତେବେ ଯୋୟାବ କୂଶୀୟଙ୍କୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେ ଯାହା ଦେଖିଅଛ, ତାହା ତୁମ୍ଭେ ରାଜାଙ୍କୁ ଯାଇ ଜଣାଅ।” ଏଥିରେ କୂଶୀୟ ଯୋୟାବକୁ ପ୍ରଣାମ କରି ଦୌଡ଼ିଲା।
२१मग यवाब कूश येथील एकाला म्हणाला, तू पाहिलेस त्याचे वर्तमान राजाला जाऊन सांग त्या मनुष्याने यवाबला अभिवादन केले मग तो दावीदाकडे निघाला.
22 ତହୁଁ ସାଦୋକର ପୁତ୍ର ଅହୀମାସ୍ ପୁନର୍ବାର ଯୋୟାବଙ୍କୁ କହିଲା, “ଯାହାହେଉ, ବିନୟ କରୁଅଛି, ମୁଁ ମଧ୍ୟ ସେହି କୂଶୀୟର ପଛେ ଦୌଡ଼େ।” ତହିଁରେ ଯୋୟାବ କହିଲା, “ମୋʼ ପୁତ୍ର, ତୁମ୍ଭେ କାହିଁକି ଦୌଡ଼ିବ, କାରଣ ସେହି ସମ୍ବାଦ ପାଇଁ ତୁମ୍ଭେ ତ କୌଣସି ପୁରସ୍କାର ପାଇବ ନାହଁ?”
२२सादोकाचा मुलगा अहीमास याने पुन्हा यवाबाकडे विनवणी केली. काय होईल ते होईल, पण मलाही त्या कूशीच्या पाठोपाठ धावत जाऊ दे. यवाब म्हणाला मुला तू ही बातमी नेऊन काय करणार? त्यासाठी काही तुला इनाम मिळायचे नाही.
23 ମାତ୍ର ସେ କହିଲା, “ଯାହାହେଉ, ମୁଁ ଦୌଡ଼ୁଅଛି।” ତହିଁରେ ଯୋୟାବ ତାହାକୁ କହିଲା, “ଦୌଡ଼।” ତହୁଁ ଅହୀମାସ୍ ପ୍ରାନ୍ତର-ପଥ ଦେଇ ଦୌଡ଼ି କୂଶୀୟକୁ ପଛରେ ପକାଇ ଗଲା।
२३अहीमास म्हणाला; “काहीही होवो, मला धावत जाऊ द्या.” तेव्हा यवाबाने त्यास म्हटले, “धाव.” अहीमास मग यार्देनच्या खोऱ्यातून धावत निघाला. त्याने त्या कूशीला मागे टाकले.
24 ଏହି ସମୟରେ ନଗରର ଦ୍ୱାରଦ୍ୱୟର ମଧ୍ୟସ୍ଥାନରେ ଦାଉଦ ବସିଥିଲେ; ଏଥିରେ ପ୍ରହରୀ ଦ୍ୱାରଛାତର କାନ୍ଥ ଉପରକୁ ଯାଇ ଅନାଇ ଦେଖନ୍ତେ, ଦେଖ, ଜଣେ ଲୋକ ଏକାକୀ ଦୌଡ଼ି ଆସୁଅଛି।
२४राजा वेशीच्या दोन दरवाजांमध्येच बसला होता. तेव्हा पहारेकरी तटबंदीवरील छपरावर चढला. त्याने इकडे तिकडे पाहिले तेव्हा त्यास एक मनुष्य धावत येताना दिसला.
25 ତହୁଁ ପ୍ରହରୀ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ ରାଜାଙ୍କୁ ତାହା ଜଣାନ୍ତେ, ରାଜା କହିଲେ, “ଯଦି ସେ ଏକାକୀ ଅଛି, ତେବେ ତାହା ମୁଖରେ ସୁସମ୍ବାଦ ଅଛି।” ଏଥିରେ ସେ ଆସୁ ଆସୁ ସହରର ନିକଟବର୍ତ୍ତୀ ହେଲା।
२५पहारेकऱ्याने हे राजाला ओरडून मोठ्याने सांगितले. राजा दावीद म्हणाला, तो एकटाच असेल तर त्याचा अर्थ तो काहीतरी बातमी घेऊन येत आहे. धावता धावता तो मनुष्य शहराच्या जवळ येऊन पोहचतो तोच,
26 ଏଉତ୍ତାରେ ପ୍ରହରୀ ଆଉ ଜଣକୁ ଦୌଡ଼ି ଆସୁଥିବାର ଦେଖିଲା; ତହିଁରେ ପ୍ରହରୀ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ ଦ୍ୱାରୀକୁ ଡାକି କହିଲା, “ଦେଖ, ଆଉ ଜଣେ ଏକାକୀ ଦୌଡ଼ି ଆସୁଅଛି।” ତହିଁରେ ରାଜା କହିଲେ, “ସେ ମଧ୍ୟ ସୁସମ୍ବାଦ ଆଣୁଅଛି।”
२६पहारेकऱ्याने आणखी एकाला धावत येताना पाहिले. पहारेकरी द्वाररक्षकाला म्हणाला, तो पाहा आणखी एक मनुष्य एकटाच धावत येतोय तेव्हा राजा म्हणाला, तो ही बातमी आणतोय.
27 ଏଥିରେ ପ୍ରହରୀ କହିଲା, “ପ୍ରଥମ ଲୋକର ଦୌଡ଼ ସାଦୋକର ପୁତ୍ର ଅହୀମାସ୍ର ଦୌଡ଼ ପରି ମୋହର ବୋଧ ହୁଏ।” ତେବେ ରାଜା କହିଲେ, “ସେ ଭଲ ଲୋକ, ସେ ଭଲ ସମ୍ବାଦ ନେଇ ଆସୁଅଛି।”
२७पहारेकरी म्हणाला, पहिल्याचे धावणे मला सादोकाचा मुलगा अहीमास याच्यासारखे वाटते. राजा म्हणाला, अहीमास चांगला गृहस्थ आहे. त्याच्याजवळ चांगलीच बातमी असणार
28 ସେତେବେଳେ ଅହୀମାସ୍ ଡାକ ପକାଇ ରାଜାଙ୍କୁ କହିଲା, “ସବୁ ମଙ୍ଗଳ।” ତହୁଁ ସେ ରାଜାଙ୍କର ସମ୍ମୁଖରେ ମୁହଁ ମାଡ଼ି ପ୍ରଣାମ କରି କହିଲା, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱର ଧନ୍ୟ, ମୋହର ପ୍ରଭୁ ମହାରାଜଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯେଉଁ ମନୁଷ୍ୟମାନେ ହସ୍ତ ଉଠାଇଥିଲେ, ସେମାନଙ୍କୁ ସେ ସମର୍ପଣ କରିଦେଇଅଛନ୍ତି।”
२८अहीमासने “सर्व कुशल असो, असे म्हणून राजाला वाकून अभिवादन केले. पुढे तो म्हणाला, परमेश्वर देवाला धन्यवाद द्या. धनीस्वामी, तुमच्याविरुध्द ज्यांनी उठाव केला त्यांना परमेश्वराने पराभूत केले आहे.”
29 ତହିଁରେ ରାଜା କହିଲେ, “ସେ ଯୁବା ଲୋକ ଅବଶାଲୋମର ମଙ୍ଗଳ ତ?” ତହୁଁ ଅହୀମାସ୍ ଉତ୍ତର କଲା, “ଯୋୟାବ ମହାରାଜଙ୍କ ଦାସକୁ, ଅର୍ଥାତ୍, ଆପଣଙ୍କ ଦାସ ମୋତେ ପଠାଇବା ବେଳେ ମହାଲୋକ ଗହଳି ଦେଖିଲି, ମାତ୍ର କଅଣ ହେଲା, ତାହା ଜାଣି ନାହିଁ।”
२९राजाने विचारले अबशालोमचे कुशल आहे ना? अहीमास म्हणाला, यवाबाने मला पाठवले तेव्हा मोठी धांदल उडालेली दिसलेली, पण ती कशाबद्दल हे मला कळले नाही.
30 ଏଥିରେ ରାଜା କହିଲେ, “ଏଆଡ଼େ ଆସି ଠିଆ ହୁଅ।” ତହୁଁ ସେ ଏଆଡ଼େ ଯାଇ ଠିଆ ହେଲା।
३०राजाने मग त्यास बाजूला उभे राहून थांबायला सांगितले. अहीमास त्याप्रमाणे पलीकडे झाला आणि थांबला.
31 ଏଥିମଧ୍ୟରେ ଦେଖ, ସେହି କୂଶୀୟ ପହଞ୍ଚି କହିଲା, “ମୋʼ ପ୍ରଭୁ ମହାରାଜଙ୍କ ପାଇଁ ସୁସମ୍ବାଦ ଅଛି; କାରଣ ଯେଉଁମାନେ ଆପଣଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉଠିଥିଲେ, ସଦାପ୍ରଭୁ ଆଜି ସେହି ସମସ୍ତଙ୍କଠାରୁ ପରିଶୋଧ ନେଇଅଛନ୍ତି।”
३१मग तो कूशी आला. तो म्हणाला, माझ्या स्वामीसाठी ही बातमी आहे. तुमच्या विरूद्ध पक्षाच्या लोकांस परमेश्वराने चांगली अद्दल घडवली.
32 ତହିଁରେ ରାଜା ସେହି କୂଶୀୟଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, “ସେହି ଯୁବା ଲୋକ ଅବଶାଲୋମର ମଙ୍ଗଳ ତ?” ତହିଁରେ କୂଶୀୟ ଉତ୍ତର କଲା, “ମୋʼ ପ୍ରଭୁ ମହାରାଜଙ୍କ ଶତ୍ରୁଗଣ ଓ ଆପଣଙ୍କର ଅମଙ୍ଗଳ କରିବା ପାଇଁ ଯେଉଁମାନେ ଆପଣଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉଠନ୍ତି, ସେମାନେ ସମସ୍ତେ ସେହି ଯୁବା ଲୋକ ପରି ହେଉନ୍ତୁ।”
३२राजाने त्यास विचारले, अबशालोम ठीक आहे ना? त्यावर कूशीने सांगितले तुमचे शत्रू आणि तुमच्या वाईटावर असलेले लोक या सगळ्यांची त्या तरुण माणासा सारखी, अबशालोमासारखीच गत होवो.
33 ତହିଁରେ ରାଜା ଅତି କମ୍ପିତ ହୋଇ ନଗରଦ୍ୱାର-ଉପରିସ୍ଥ କୋଠରିକୁ ଯାଇ ରୋଦନ କଲେ; ପୁଣି ସେ ଯାଉ ଯାଉ ଏପରି କହିଲେ, “ହାୟ ଆମ୍ଭର ପୁତ୍ର ଅବଶାଲୋମ! ଆମ୍ଭର ପୁତ୍ର, ଆମ୍ଭ ପୁତ୍ର ଅବଶାଲୋମ! ହୁଏତ ତୁମ୍ଭ ବଦଳେ ଆମ୍ଭେ ମରିଥାʼନ୍ତୁ, ହାୟ ଅବଶାଲୋମ! ଆମ୍ଭର ପୁତ୍ର, ଆମ୍ଭର ପୁତ୍ର!”
३३यावरुन अबशालोम मरण पावला हे राजाला उमगले. तो फार शोकाकुल झाला. वेशीच्या भिंतीवर बांधलेल्या खोलीत तो गेला. तेथे त्यास रडू कोसळले, आपल्या दालनात जाताना तो म्हणाला, “अबशालोम, माझ्या पुत्रा, तुझ्या ऐवजी मीच मरायला हवे होते माझ्या पुत्रा!”