< ଦ୍ୱିତୀୟ ଶାମୁୟେଲ 13 >

1 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଏହି ଘଟଣା ହେଲା; ଦାଉଦଙ୍କର ପୁତ୍ର ଅବଶାଲୋମର ତାମର ନାମରେ ଏକ ସୁନ୍ଦରୀ ଭଉଣୀ ଥିଲା; ନିଜର ସାବତ ଭଉଣୀ ପ୍ରତି ଦାଉଦଙ୍କର ପୁତ୍ର ଅମ୍ନୋନ କାମାସକ୍ତ ହେଲା।
दावीदाचा मुलगा अबशालोम याला तामार नावाची बहीण होती. ती दिसायला फार सुदंर होती. दावीदाला अम्नोन नावाचा आणखी एक मुलगा होता.
2 ପୁଣି ଅମ୍ନୋନ ଆପଣା ଭଉଣୀ ତାମର ଲାଗି ଏପରି ଆକୁଳ ହେଲା ଯେ, ସେ ପୀଡ଼ିତ ହେଲା; କାରଣ ତାମର ଅନୂଢ଼ା ଥିଲା ଓ ତାହା ପ୍ରତି କିଛି କରିବାକୁ ଅମ୍ନୋନକୁ କଷ୍ଟକର ବୋଧ ହେଲା।
त्याचे तामारेवर प्रेम होते तामार कुमारिका होती तिच्याशी वावगे वागण्याची त्याची छाती नव्हती. पण तिच्याविषयी त्याच्या मनात अभिलाषा होती. तिच्याविषयी विचार करून तो आजारी पडला.
3 ମାତ୍ର ଦାଉଦଙ୍କର ଭ୍ରାତା ଶିମୀୟର ପୁତ୍ର ଯୋନାଦବ୍‍ ନାମରେ ଅମ୍ନୋନର ଜଣେ ବନ୍ଧୁ ଥିଲା; ସେହି ଯୋନାଦବ୍‍ ଅତି ଚତୁର।
अम्नोनाला योनादाब नावाचा मित्र होता. दावीदाचा भाऊ शिमा याचा हा मुलगा. योनादाब धूर्त होता.
4 ଏଣୁ ଯୋନାଦବ୍‍ ଅମ୍ନୋନକୁ କହିଲା, “ହେ ରାଜପୁତ୍ର, ତୁମ୍ଭେ କାହିଁକି ଦିନକୁ ଦିନ ଏପରି କ୍ଷୀଣ ହୋଇ ଯାଉଅଛ; ମୋତେ କʼଣ ତାହା କହିବ ନାହିଁ?” ଏଥିରେ ଅମ୍ନୋନ ତାହାକୁ କହିଲା, “ମୁଁ ମୋର ଭ୍ରାତା ଅବଶାଲୋମର ଭଉଣୀ ତାମର ପ୍ରତି କାମାସକ୍ତ ଅଟେ।”
तो अम्नोनाला म्हणाला, दिवसें दिवस तू क्षीण होत चालला आहेस. तू तर राजपुत्र! खायची प्यायची रेलचेल असताना तू असा अशक्त का होत आहेस? माझ्यापाशी मनमोकळे कर. तेव्हा अम्नोन योनादाबाला म्हणाला, माझे तामार वर प्रेम आहे, पण ती माझा सावत्र भाऊ अबशालोमची बहीण आहे.
5 ଏଥିରେ ଯୋନାଦବ୍‍ ତାହାକୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେ ଶଯ୍ୟାରେ ପଡ଼ି ରୋଗର ବାହାନା କର; ପୁଣି ତୁମ୍ଭ ପିତା ତୁମ୍ଭକୁ ଦେଖିବାକୁ ଆସିଲେ ତାଙ୍କୁ କୁହ, ‘ମୋହର ଭଗିନୀ ତାମରକୁ ମୋʼ ନିକଟକୁ ଆସି ମୋତେ ଖାଦ୍ୟ ଦେବାକୁ ଅନୁମତି ଦେଉନ୍ତୁ, ସେ ମୋʼ ଆଗରେ ଖାଦ୍ୟ ରାନ୍ଧିବ, ତହିଁରେ ମୁଁ ତାହା ଦେଖି ତାହା ହାତରୁ ଭୋଜନ କରିବି।’”
योनादाब यावर अम्नोनाला म्हणाला, आता तू आजारी पडल्याचे सोंग कर आणि झोपून जा. मग वडील भेटायला आले की त्यांना सांग, तामारला माझ्याकडे येऊ द्या. तिने मला खायला घालू द्या. माझ्या समोरच तिला एखादा खाद्य पदार्थ तयार करू द्या. मग तो तिच्या हातून मी खाईन.
6 ଏଣୁ ଅମ୍ନୋନ ରୋଗର ବାହାନା କରି ପଡ଼ି ରହିଲା; ପୁଣି ରାଜା ତାହାକୁ ଦେଖିବାକୁ ଆସନ୍ତେ, ଅମ୍ନୋନ ରାଜାଙ୍କୁ କହିଲା, “ଦୟାକରି ମୋʼ ଭଗିନୀ ତାମରକୁ ଆସିବାକୁ ଦେଉନ୍ତୁ, ପୁଣି ମୁଁ ଦେଖିବା ସମୟରେ ସେ ମୋʼ ନିମନ୍ତେ ଦୁଇ ରୁଟି ପ୍ରସ୍ତୁତ କରୁ, ତହିଁରେ ମୁଁ ତାହା ହାତରୁ ଖାଇବି।”
तेव्हा अम्नोन आजारी असल्याचे भासवून बिछान्यावर झोपून राहिला. राजा दावीद त्याच्या समाचाराला आला. त्यास तो म्हणाला, तामारला माझ्याकडे पाठवा तिला इथे माझ्यादेखत दोन पोळ्या करू द्या आणि मला भरवू द्या. मग मी त्या खाईन.
7 ତେବେ ଦାଉଦ ତାମରର ଗୃହକୁ ଲୋକ ପଠାଇ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭ ଭାଇ ଅମ୍ନୋନର ଘରକୁ ଟିକିଏ ଯାଇ ତାହାର ଖାଇବା ପାଇଁ କିଛି ରାନ୍ଧିଦିଅ।”
दावीदाने तामारच्या दालनात तसा निरोप पाठवायची व्यवस्था केली. तामारला नोकराने निरोप दिला, आपला भाऊ अम्नोन याच्या घरी जाऊन त्याच्यासाठी खायला कर.
8 ତହିଁରେ ତାମର ଆପଣା ଭାଇ ଅମ୍ନୋନର ଗୃହକୁ ଗଲା; ସେତେବେଳେ ସେ ଶଯ୍ୟାରେ ଥିଲା। ତହୁଁ ତାମର ଚକଟା ମଇଦା ନେଇ ଦଳି ତାହା ଆଗରେ ରୁଟି ପ୍ରସ୍ତୁତ କରି ତାହା ସେକିଲା।
तामार तेव्हा आपला भाऊ अम्नोन याच्याकडे गेली. तो पलगांवरच होता. तिने थोडी कणीक घेऊन ती चांगली मळून पोळ्या केल्या. अम्नोन हे सर्व पाहत होता.
9 ପୁଣି ସେ ପାତ୍ର ନେଇ ତାହା ଆଗରେ ତାହା ଦେଲା, ମାତ୍ର ସେ ଭୋଜନ କରିବାକୁ ମନା କଲା। ଆଉ ଅମ୍ନୋନ ସେବକଙ୍କୁ କହିଲା, “ଆମ୍ଭ ନିକଟରୁ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ବାହାର କରିଦିଅ।” ତହିଁରେ ସମସ୍ତେ ତାହା ନିକଟରୁ ବାହାରିଗଲେ।
पोळ्या तयार झाल्यावर तव्यावरून काढून तिने त्या अम्नोनासाठी ताटात वाढल्या. पण अम्नोन ते काही केल्या खाईना मग आपल्या नोकारांना त्याने बाहेर निघून जाण्याची आज्ञा देऊन तिथून घालवले. सर्व नोकर बाहेर पडले.
10 ତହୁଁ ଅମ୍ନୋନ ତାମରକୁ କହିଲା, “ଖାଦ୍ୟଦ୍ରବ୍ୟ ଶୟନ-ଗୃହକୁ ଆଣ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ହାତରେ ଭୋଜନ କରିବି।” ଏଥିରେ ତାମର ଆପଣା ପ୍ରସ୍ତୁତ ରୁଟି ନେଇ ତାହା ଭାଇ ଅମ୍ନୋନର ଶୟନ-ଗୃହକୁ ଗଲା।
१०यानंतर अम्नोन तामारेस म्हणाला, ताट घेऊन शयनगृहात ये आणि तेथे मला तू भरव. तेव्हा ती ताट घेऊन भावाच्या शयनगृहात गेली.
11 ପୁଣି ତାହାକୁ ଖୁଆଇବା ପାଇଁ ତାହା ନିକଟକୁ ନିଅନ୍ତେ, ସେ ତାମରକୁ ଧରି କହିଲା, “ଆସ, ମୋʼ ଭଉଣୀ, ମୋʼ ସଙ୍ଗରେ ଶୁଅ।”
११त्यास ती भरवू लागली. तोच त्याने तिचा हात धरला. तिला तो म्हणाला, हे बहिणी, ये आणि माझ्याजवळ झोप.
12 ତହିଁରେ ସେ ଉତ୍ତର କଲା, “ନା ନା, ମୋର ଭାଇ, ମୋତେ ଭ୍ରଷ୍ଟ ନ କର; କାରଣ ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରେ ଏହିପରି କର୍ମ ନ କରାଯିବା ଉଚିତ। ତୁମ୍ଭେ ଏହି ମୂଢ଼ କର୍ମ ନ କର!
१२तामार त्यास म्हणाली, भाऊ नको! अशी बळजबरी तू माझ्यावर करू नकोस. ही मोठी लाजीरवाणी गोष्ट आहे. असल्या भयंकर गोष्टी इस्राएलमघ्ये कदापि घडता कामा नयेत.
13 ମୁଁ ମଧ୍ୟ ଆପଣା କଳଙ୍କ କେଉଁଠାକୁ ନେଇଯିବି? ପୁଣି ତୁମ୍ଭେ ମଧ୍ୟ ଇସ୍ରାଏଲର ମୂଢ଼ମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଜଣକ ପରି ହେବ। ଏଣୁ ମୁଁ ବିନୟ କରୁଅଛି, ରାଜାଙ୍କ ସଙ୍ଗେ କଥାବାର୍ତ୍ତା କର, ସେ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ମୋତେ ଦେବା ପାଇଁ ଅସମ୍ମତ ହେବେ ନାହିଁ।”
१३मला कायम या लाजिरवाण्या गोष्टीचा कलंक लागेल. लोकांच्या दृष्टीने तू इस्राएलामधल्या अनेक मूर्खांपैकी एक ठरशील. तू कृपा करून राजाशी बोल. तो तुला माझ्याशी लग्न करायला अनुमती देईल.
14 ତଥାପି ଅମ୍ନୋନ ତାହାର ରବ ଶୁଣିଲା ନାହିଁ; ମାତ୍ର ଆପେ ତାହା ଅପେକ୍ଷା ବଳବାନ ହେବାରୁ ତାହାକୁ ବଳାତ୍କାର କରି ତାହା ସଙ୍ଗେ ଶୟନ କଲା।
१४पण अम्नोनाने तिच्या बोलण्याकडे साफ दुर्लक्ष केले शारीरिक दृष्ट्याही तो तिच्यापेक्षा शक्तीवान होता. तिला न जुमानता त्याने तिच्यावर बलात्कार केला.
15 ଏଉତ୍ତାରେ ଅମ୍ନୋନ ତାହାକୁ ଅତିଶୟ ଘୃଣା କଲା; ସେ ତାହାକୁ ଯେପରି ପ୍ରେମ କରିଥିଲା, ତାʼଠାରୁ ଅଧିକ ଘୃଣା କଲା। ଏଣୁ ଅମ୍ନୋନ ତାହାକୁ କହିଲା, ଉଠ, ଯା।
१५मग तिच्याबद्दल त्याच्या मनात तिटकारा निर्माण झाला. पूर्वी त्याचे तिच्यावर जेवढे प्रेम होते त्यापेक्षा अधिक तो आता तिचा द्वेष करू लागला. त्याने तिला तात्काळ तिथून निघून जायला सांगितले.
16 ତହିଁରେ ସେ କହିଲା, “ସେପରି ନ ହେଉ! କାରଣ ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପ୍ରତି ଯାହା କରିଅଛ, ତା ଅପେକ୍ଷା ମୋତେ ଏପରି ବାହାର କରିଦେବା ଅଧିକ ଅନ୍ୟାୟ!” ମାତ୍ର ସେ ତାହା କଥା ଶୁଣିବାକୁ ଅସମ୍ମତ ହେଲା।
१६तामार त्यास म्हणाली, नाही, आता माझी अशी रवानगी करू नकोस. ते तर तुझ्या या आताच्या कृत्यापेक्षाही वाईट होईल. पण त्याने तिचे म्हणणे झिटकारून टाकले.
17 ଏଥିରେ ଅମ୍ନୋନ ଆପଣା ସେବାକାରୀ ଯୁବାକୁ ଡାକି କହିଲା, “ତାମରକୁ ଆମ୍ଭ ନିକଟରୁ ବାହାର କରି କବାଟରେ ଅର୍ଗଳ ଦିଅ।”
१७नोकरांना बोलावून तो म्हणाला, हिला आताच्या आता इथून बाहेर काढा आणि दार बंद करून टाका.
18 ତାମର ଦେହରେ ଲମ୍ବା ଅଙ୍ଗରଖା ଥିଲା, କାରଣ ଅନୂଢ଼ା ରାଜକନ୍ୟାମାନେ ସେହି ପ୍ରକାର ବସ୍ତ୍ର ପିନ୍ଧୁଥିଲେ। ଏଥିରେ ଅମ୍ନୋନର ଦାସ ତାହାକୁ ବାହାରେ ଆଣି ତାହା ପଛେ କବାଟରେ ଅର୍ଗଳ ଦେଲା।
१८तेव्हा अम्नोनाच्या नोकराने तिला तेथून बाहेर काढले आणि दरवाजा लावून घेतला. तामरने रंगीबेरंगी, पट्टट्यापट्ट्यांचा पायघोळ अंगरखा घातला होता. राजकन्या लग्नापूर्वी असा पोषाख करत असत.
19 ତହୁଁ ତାମର ଆପଣା ମସ୍ତକରେ ଭସ୍ମ ଦେଇ ତାହା ଦେହର ଲମ୍ବା ଅଙ୍ଗରଖା ଚିରିଲା, ପୁଣି ସେ ଆପଣା ମସ୍ତକରେ ହସ୍ତ ଦେଇ କ୍ରନ୍ଦନ କରୁ କରୁ ଚାଲିଗଲା।
१९तामारने उद्विग्न मन: स्थितीत आपले कपडे फाडले आणि डोक्यात राख घालून घेतली. डोक्यावर हात आपटून ती शोक करू लागली.
20 ଏଥିରେ ତାହାର ଭାଇ ଅବଶାଲୋମ ତାହାକୁ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭ ଭାଇ ଅମ୍ନୋନ କି ତୁମ୍ଭର ବଳାତ୍କାର କରିଅଛି? ହେଉ, ଆମ୍ଭ ଭଉଣୀ, ଏବେ ତୁନି ହୁଅ, ସେ ତୁମ୍ଭର ଭାଇ; ଏ କଥା ମନେ ଧର ନାହିଁ।” ତହିଁରେ ତାମର ଉଦାସିନୀ ହୋଇ ଆପଣା ସହୋଦର ଅବଶାଲୋମର ଗୃହରେ ରହିଲା।
२०तेव्हा अबशालोम या तिच्या भावाने तिला विचारले, तू अम्नोनकडे गेली होतीस का? त्याने तुला त्रास दिला का? आता तू शांत हो तो तुझा भाऊ आहे. तेव्हा त्याचे काय करायचे ते आम्ही पाहू. तू याचा त्रास करून घेऊ नकोस, यावर तामार काही बोलली नाही. ती शांतपणे अबशालोमच्या घरी राहायला गेली.
21 ମାତ୍ର ଦାଉଦ ରାଜା ଏହିସବୁ କଥା ଶୁଣି ଅତ୍ୟନ୍ତ କ୍ରୁଦ୍ଧ ହେଲେ।
२१हे सर्व राजा दावीदाच्या कानावर गेले व तो संतापला.
22 ପୁଣି ଅବଶାଲୋମ ଅମ୍ନୋନକୁ ଭଲ କି ମନ୍ଦ କିଛି କହିଲା ନାହିଁ; କାରଣ ତାହାର ଭଉଣୀ ତାମରକୁ ବଳାତ୍କାର କରିବାରୁ ଅବଶାଲୋମ ଅମ୍ନୋନକୁ ଘୃଣା କଲା।
२२अबशालोमला अम्नोनाचा तिरस्कार वाटू लागला. तो अम्नोनाशी एक चकार शब्द बोलेना. अम्नोनाने आपली बहिण तामार हिच्याशी जो अतिप्रसंग केला त्याने अबशालोम द्वेषाने पेटून उठला होता.
23 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଦୁଇ ବର୍ଷ ଉତ୍ତାରେ ଇଫ୍ରୟିମ ନିକଟସ୍ଥ ବାଲ-ହାସୋରରେ ଅବଶାଲୋମର ମେଷର ଲୋମ ଛେଦନ ହେଲା; ତହୁଁ ଅବଶାଲୋମ ସମସ୍ତ ରାଜପୁତ୍ରଙ୍କୁ ନିମନ୍ତ୍ରଣ କଲା।
२३दोन वर्षानंतर मेंढरांची लोकर कातरणारे अबशालोमचे काही लोक एफ्राइम जवळील बालहासोरमध्ये आलेले होते अबशालोमने राजाच्या सर्व मुलांना ते पाहायला बोलावले.
24 ପୁଣି ଅବଶାଲୋମ ରାଜାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି କହିଲା, “ଦେଖନ୍ତୁ, ଆପଣଙ୍କ ଦାସର ମେଷଲୋମ ଛେଦନ ହେଉଅଛି, ଏଣୁ ମହାରାଜ ଓ ରାଜାଙ୍କ ଦାସମାନେ ଆପଣଙ୍କ ଏହି ଦାସର ସଙ୍ଗରେ ଆସନ୍ତୁ।”
२४अबशालोम राजाकडे जाऊन म्हणाला, मेंढ्यांची लोकर कातरायला माझी माणसे आलेली आहेत आपल्या नोकरासहीत येऊन हे दृश्य पाहा.
25 ଏଥିରେ ରାଜା ଅବଶାଲୋମଙ୍କୁ କହିଲେ, “ନାହିଁ, ମୋହର ପୁତ୍ର, ଆମ୍ଭେ ସମସ୍ତେ ନ ଯାଉ, ଗଲେ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ଭାର ସ୍ୱରୂପ ହେବୁ।” ମାତ୍ର ସେ ବହୁତ ବାଧ୍ୟ କଲା; ତଥାପି ରାଜା ଯିବାକୁ ସମ୍ମତ ନ ହୋଇ ତାହାକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କଲେ।
२५तेव्हा राजा दावीद त्यास म्हणाला, मुला आम्ही सर्व जण येणे काही शक्य नाही. तुझ्यावरही त्याचा भार पडेल. अबशालोमने दावीदाची खूप आर्जवे केली. परंतु दावीद गेला नाही. पण त्याने आपले आशीर्वाद दिले.
26 ଏଥିରେ ଅବଶାଲୋମ କହିଲା, “ଯେବେ ଏହା ନ ହୁଏ, ତେବେ ଆପଣ ଆମ୍ଭ ଭାଇ ଅମ୍ନୋନକୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗରେ ଯିବାକୁ ଦିଅନ୍ତୁ।” ତେବେ ରାଜା ତାହାକୁ କହିଲେ, “ଅମ୍ନୋନ କାହିଁକି ତୁମ୍ଭ ସଙ୍ଗେ ଯିବ?”
२६अबशालोम म्हणाला, तुम्ही नाही तर निदान माझा भाऊ अम्नोन याला तरी पाठवा. राजा दावीद म्हणाला, तो तरी तुला कशासाठी बरोबर यायला हवा आहे?
27 ମାତ୍ର ଅବଶାଲୋମ ବାଧ୍ୟ କରିବାରୁ ରାଜା ଅମ୍ନୋନକୁ ଓ ସବୁ ରାଜପୁତ୍ରଙ୍କୁ ତାହା ସଙ୍ଗେ ପଠାଇଲେ।
२७पण अबशालोमने आपला हट्ट सोडला नाही. शेवटी, अम्नोन आणि इतर सर्व मुले यांना अबशालोमाबरोबर जायला राजा दावीदाने संमती दिली.
28 ଏଉତ୍ତାରେ ଅବଶାଲୋମ ଆପଣା ଯୁବାମାନଙ୍କୁ ଆଜ୍ଞା ଦେଇ କହିଲା, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ଦେଖୁଥାଅ, ଦ୍ରାକ୍ଷାରସରେ ଅମ୍ନୋନର ଚିତ୍ତ ପ୍ରଫୁଲ୍ଲ ହେଲେ, ଯେତେବେଳେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହିବି, ‘ଅମ୍ନୋନକୁ ମାର,’ ସେତେବେଳେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ତାହାକୁ ବଧ କରିବ, ଭୟ କରିବ ନାହିଁ; ମୁଁ କʼଣ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଆଜ୍ଞା ଦେଇ ନାହିଁ? ବଳ ବାନ୍ଧ ଓ ବିକ୍ରମଶାଳୀ ହୁଅ।”
२८अबशालोमने आपल्या नोकरांना आज्ञा दिली. तो म्हणाला, अम्नोनावर नजर ठेवा. मद्याचा आनंद घेत त्यास जेव्हा त्याची नशा चढेल, तेव्हा मी तुम्हास संकेत करीन. मग त्याच्यावर हल्ला करून तुम्ही त्यास ठार करा शिक्षेची भीती बाळगू नका. अखेर तुम्ही माझ्या आज्ञेचे पालन करत आहात. धैर्याने आणि खंबीरपणाने वागा.
29 ଏଥିରେ ଅବଶାଲୋମର ଆଜ୍ଞା ପ୍ରମାଣେ ଅବଶାଲୋମର ଯୁବାମାନେ ଅମ୍ନୋନ ପ୍ରତି କଲେ। ତହୁଁ ରାଜପୁତ୍ର ସମସ୍ତେ ଉଠି ପ୍ରତ୍ୟେକେ ଆପଣା ଆପଣା ଖଚର ଉପରେ ଚଢ଼ି ପଳାଇଲେ।
२९तेव्हा अबशालोमच्या नोकरांनी त्याचा शब्द पाळला. अम्नोनाला त्यांनी ठार केले. पण दावीदाची बाकीची सर्व मुले निसटली. आपापल्या खेचरावर बसून ती पळाली.
30 ସେମାନେ ବାଟରେ ଥାଉ ଥାଉ ଦାଉଦଙ୍କ ନିକଟରେ ସମ୍ବାଦ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା ଯେ, “ଅବଶାଲୋମ ସମସ୍ତ ରାଜପୁତ୍ରଙ୍କୁ ବଧ କରିଅଛି, ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଜଣେ ଅବଶିଷ୍ଟ ନାହିଁ।”
३०राजाचे पुत्र नगराच्या वाटेवर असतानाच राजा दावीदाला या घडामोडीची खबर मिळाली. ती अशी, अबशालोमने राजाच्या सर्व मुलांना ठार केले कोणालाही त्यातून वगळले नाही.
31 ତହିଁରେ ରାଜା ଉଠି ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଚିରି ଭୂମିରେ ଲମ୍ବ ହୋଇ ପଡ଼ିଲେ ଓ ତାଙ୍କର ଦାସ ସମସ୍ତେ ଆପଣା ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଚିରି ତାଙ୍କ ନିକଟରେ ଠିଆ ହେଲେ।
३१राजा दु: खाने आपले कपडे फाडून जमिनीवर पडून राहिला. राजाच्या जवळ असणाऱ्या इतर अधिकाऱ्यांनीही आपली वस्त्रे फाडली.
32 ସେତେବେଳେ ଦାଉଦଙ୍କର ଭ୍ରାତା ଶିମୀୟର ପୁତ୍ର ଯୋନାଦବ୍‍ ଉତ୍ତର ଦେଇ କହିଲା, “ସେମାନେ ରାଜକୁମାର ସମସ୍ତଙ୍କୁ ବଧ କରିଅଛନ୍ତି ବୋଲି ମୋହର ପ୍ରଭୁ ବୋଧ ନ କରନ୍ତୁ; କେବଳ ଅମ୍ନୋନ ମରିଅଛି, କାରଣ ଅବଶାଲୋମର ଭଗିନୀ ତାମରକୁ ଅମ୍ନୋନ ବଳାତ୍କାର କରିବା ଦିନାବଧି ଅବଶାଲୋମର ମୁଖରେ ଏହା ସ୍ଥିରୀକୃତ ହୋଇଥିଲା।
३२परंतु दावीदाचा भाऊ शिमा याचा मुलगा योनादाब राजाला म्हणाला, सर्व मुले गेली असे समजू नका. फक्त अम्नोन मरण पावला आहे. अम्नोनाने तामार या आपल्या बहिणीवर बलात्कार केला तेव्हा पासूनच अबशालोमच्या डोक्यात ही योजना तयार होत होती.
33 ଏହେତୁ ସମସ୍ତ ରାଜପୁତ୍ର ମରିଅଛନ୍ତି ବୋଲି ମୋହର ପ୍ରଭୁ ମହାରାଜ ମନରେ ନ ଘେନନ୍ତୁ; କାରଣ କେବଳ ଅମ୍ନୋନ ମରିଅଛି।”
३३स्वामी, सर्व मुले मरण पावली असे कृपा करून समजू नका. फक्त अम्नोन गेला.
34 ଏଥିମଧ୍ୟରେ ଅବଶାଲୋମ ପଳାଇ ଯାଇଥିଲା। ଏଉତ୍ତାରେ ଯେଉଁ ଯୁବା ଲୋକ ପ୍ରହରୀକର୍ମ କରୁଥିଲା, ସେ ଅନାନ୍ତେ, ଦେଖିଲା ଯେ, ଦେଖ, ଆପଣା ପଶ୍ଚାଦ୍ଦିଗରୁ ପର୍ବତ-ପାର୍ଶ୍ୱସ୍ଥ ପଥ ଦେଇ ଅନେକ ଲୋକ ଆସୁଅଛନ୍ତି।
३४अबशालोमने पळ काढला. नगराच्या वेशीवर एक पहारेकरी उभा होता. त्याने डोंगरापलीकडून बऱ्याच लोकांस येताना पाहिले.
35 ତହିଁରେ ଯୋନାଦବ୍‍ ରାଜାଙ୍କୁ କହିଲା, “ଦେଖନ୍ତୁ, ରାଜପୁତ୍ରମାନେ ଆସୁଅଛନ୍ତି; ଆପଣଙ୍କ ଦାସ ଯେପରି କହିଲା, ସେପରି ହେଲା।”
३५तेव्हा योनादाब राजाला म्हणाला, बघा मी म्हटले ते खरे आहे की नाही? हे पाहा राजपुत्र येत आहेत.
36 ସେ ଏହି କଥା କହିବା ସମାପ୍ତ କଲାକ୍ଷଣେ ଦେଖ, ରାଜପୁତ୍ରମାନେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ ଓ ଆପଣା ଆପଣା ରବ ଉଠାଇ ରୋଦନ କଲେ; ଆଉ ରାଜା ଓ ତାଙ୍କ ଦାସମାନେ ମଧ୍ୟ ଅତିଶୟ ରୋଦନ କଲେ।
३६योनादाबाचे बोलणे संपत आले तोच राजपुत्र समोर आले. ते सुध्दा मोठ्याने आक्रोश करत होते. दावीद आणि त्याचे आधिकारीही शोक करू लागले. रडण्याचा हलकल्लोळ उडाला.
37 ମାତ୍ର ଅବଶାଲୋମ ପଳାଇ ଗଶୂରର ରାଜା ଅମ୍ମୀହୂଦର ପୁତ୍ର ତଲ୍ମୟ ନିକଟକୁ ଗଲା। ପୁଣି ଦାଉଦ ପ୍ରତିଦିନ ଆପଣା ପୁତ୍ର ପାଇଁ ଶୋକ କଲେ।
३७दावीद अम्नोनासाठी रोज अश्रू ढाळे. अम्मीहूरचा मुलगा तलमय गशूरचा राजा होता अबशालोम त्याच्याकडे आश्रयाला आला.
38 ଏହିରୂପେ ଅବଶାଲୋମ ପଳାଇ ଗଶୂରକୁ ଯାଇ ସେଠାରେ ତିନି ବର୍ଷ ରହିଲା।
३८मग अबशालोम गेशूरच्या राजाकडे पळून गेला, तिथे तो तीन वर्षे राहिला.
39 ପୁଣି ଦାଉଦ ରାଜାଙ୍କର ପ୍ରାଣ ଅବଶାଲୋମ ଆଡ଼େ ଯିବା ଆକାଂକ୍ଷାରେ ବ୍ୟାକୁଳ ହେଲା; କାରଣ ସେ ଅମ୍ନୋନକୁ ମୃତ ଜାଣି ତାହା ବିଷୟରେ ସାନ୍ତ୍ୱନାପ୍ରାପ୍ତ ହେଲେ।
३९राजा दावीद अम्नोनाच्या दु: खातून सावरला, पण अबशालोमच्या आठवणीने तो व्याकुळ होत असे.

< ଦ୍ୱିତୀୟ ଶାମୁୟେଲ 13 >