< ଦ୍ୱିତୀୟ ଶାମୁୟେଲ 12 >
1 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଦାଉଦଙ୍କ ନିକଟକୁ ନାଥନଙ୍କୁ ପ୍ରେରଣ କଲେ। ତହୁଁ ସେ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି ତାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଏକ ନଗରରେ ଦୁଇ ଲୋକ ଥିଲେ; ଜଣେ ଧନୀ ଓ ଜଣେ ଦରିଦ୍ର।
१परमेश्वराने नाथानाला दावीदाकडे पाठवले. तेव्हा नाथान दावीदाकडे आला. नाथान म्हणाला, एका नगरात दोन माणसे होती एक श्रीमंत होता आणि एक गरीब.
2 ଧନୀ ଲୋକର ଅତି ପ୍ରଚୁର ଗୋମେଷାଦି ଓ ପଲ ଥିଲା;
२श्रीमंत मनुष्याकडे मेंढरे आणि गुरे भरपूर होती.
3 ମାତ୍ର ଦରିଦ୍ର ଲୋକର ଗୋଟିଏ ସାନ ମେଷବତ୍ସା ବିନା ଅନ୍ୟ ଆଉ କିଛି ନ ଥିଲା, ଯାହା ସେ କିଣି ପାଳିଥିଲା; ତାହା ସଙ୍ଗେ ଓ ତାହାର ବାଳକମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ସେ ଏକତ୍ର ବଢ଼ିଲା; ସେ ତାହାର ନିଜ ତୁଣ୍ଡର ଆହାରରୁ ଖାଇଲା ଓ ତାହାର ନିଜ ପାତ୍ରରୁ ପାନ କଲା ଓ ତାହାର କୋଳରେ ଶୟନ କଲା, ପୁଣି ତାହା ପ୍ରତି ସେ କନ୍ୟା ତୁଲ୍ୟ ଥିଲା।
३पण गरीबाकडे त्याने विकत घेतलेल्या एका लहान मेंढी खेरीज काही नव्हते. त्याने मेंढीला खाऊपिऊ घातले. या गरीब मनुष्याच्या मुलाबाळांबरोबर ती वाढली त्याच्याच अन्नातला घास ती खाई त्याच्याच कपातले पाणी ती पिई त्याच्याच छातीवर डोके ठेवून झोपे त्या गरीबाला ती मेंढी मुलीसारखीच होती.
4 ଦିନେ ସେହି ଧନୀ ଲୋକ ନିକଟକୁ ଜଣେ ଯାତ୍ରୀ ଆସିଲା, କିନ୍ତୁ ସେ ଧନୀ ଲୋକ ଆପଣା ନିକଟକୁ ଆଗତ ପଥିକ ପାଇଁ ରାନ୍ଧିବାକୁ ନିଜ ପଲରୁ ଓ ନିଜ ଗୋଠରୁ ନେବାକୁ କୁଣ୍ଠିତ ହେଲା, ମାତ୍ର ସେହି ଦରିଦ୍ର ଲୋକର ମେଷବତ୍ସାଟିକୁ ନେଇ ଆଗନ୍ତୁକ ଲୋକ ପାଇଁ ରାନ୍ଧିଲା।”
४एकदा एक पाहुणा त्या श्रीमंत मनुष्याकडे आला. त्या पाहुण्याला खाऊपिऊ घालायची श्रीमंत मनुष्याची इच्छा होती. पण आपल्या गुरामेंढरांमधून त्यास काही काढून घ्यायचे नव्हते, म्हणून त्याने त्या गरीब मनुष्याची मेंढी घेतली. तिला मारले आणि त्या पाहुण्यासाठी अन्न शिजवले.
5 ଏଥିରେ ସେହି ଧନୀ ଲୋକ ପ୍ରତି ଦାଉଦଙ୍କର କ୍ରୋଧ ଅତିଶୟ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଲା; ପୁଣି ସେ ନାଥନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତି ଏହା କରିଅଛି, ସଦାପ୍ରଭୁ ଜୀବିତ ଥିବା ପ୍ରମାଣେ ସେ ମୃତ୍ୟୁର ଯୋଗ୍ୟ;
५दावीदाला त्या श्रीमंत मनुष्याचा फारच राग आला. तो नाथानला म्हणाला, परमेश्वराची शपथ या मनुष्यास प्राणदंड मिळाला पाहिजे
6 ସେ ଏହି କର୍ମ କରିବାରୁ ଓ ସେ କିଛି ଦୟା ନ କରିବାରୁ ସେହି ମେଷବତ୍ସାର ଚାରିଗୁଣ ଫେରାଇ ଦେବ।”
६त्या मेंढीच्या चौपट पैसे त्याने भरले पाहिजेत, कारण त्याचे हे भयंकर कृत्य करताना त्यास दया आली नाही.
7 ଏଥିରେ ନାଥନ ଦାଉଦଙ୍କୁ କହିଲେ, “ସେହି ବ୍ୟକ୍ତି ତ ତୁମ୍ଭେ। ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ‘ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଇସ୍ରାଏଲ ଉପରେ ରାଜାଭିଷିକ୍ତ କଲୁ, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଶାଉଲଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ରକ୍ଷା କଲୁ;
७तेव्हा नाथान दावीदाला म्हणाला, तूच तो मनुष्य आहेस. इस्राएलचा देव परमेश्वर म्हणतो, इस्राएलचा राजा म्हणून मी तुला अभिषेक केला, तुला शौलापासून वाचवले.
8 ପୁଣି ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରଭୁର ଗୃହ ଓ ତୁମ୍ଭ କୋଳରେ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରଭୁର ଭାର୍ଯ୍ୟାମାନଙ୍କୁ ଦେଲୁ, ପୁଣି ଇସ୍ରାଏଲ ଓ ଯିହୁଦା ବଂଶ ମଧ୍ୟ ତୁମ୍ଭକୁ ଦେଲୁ; ଆଉ ଯଦି ଏହା ଅଳ୍ପ ହୋଇଥାʼନ୍ତା, ତେବେ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଆହୁରି ଅନ୍ୟାନ୍ୟ ବିଷୟ ଦେଇଥାʼନ୍ତୁ।
८त्याचे घरदार आणि स्त्रिया तुझ्या स्वाधीन केल्या. इस्राएल आणि यहूदाचा तुला राजा केले. एवढे पुरेसे नव्हते म्हणून तुला आणखीही देत राहिलो.
9 ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଯାହା ମନ୍ଦ, ତାହା କରିବା ପାଇଁ ତୁମ୍ଭେ କାହିଁକି ତାହାଙ୍କ ବାକ୍ୟ ତୁଚ୍ଛ କଲ? ତୁମ୍ଭେ ଖଡ୍ଗ ଦ୍ୱାରା ହିତ୍ତୀୟ ଊରୀୟକୁ ମାରିଅଛ ଓ ତାହାର ଭାର୍ଯ୍ୟାକୁ ତୁମ୍ଭର ଭାର୍ଯ୍ୟା ହେବା ପାଇଁ ନେଇଅଛ, ପୁଣି ଅମ୍ମୋନ-ସନ୍ତାନଗଣର ଖଡ୍ଗ ଦ୍ୱାରା ଊରୀୟକୁ ବଧ କରିଅଛ।
९असे असताना तू परमेश्वराची आज्ञा का मोडलीस? त्याच्या दृष्टीने वाईट असे कृत्य का केलेस? उरीया हित्तीला तू तलवारीने मारलेस, आणि त्याच्या पत्नीचा स्वतःची पत्नी म्हणून स्विकार केलास. होय, अम्मोन्यांच्या तलवारीने तू त्याचा वध करवलास.
10 ଏହେତୁ ତୁମ୍ଭ ଗୃହରୁ ଖଡ୍ଗ କେବେ ଯିବ ନାହିଁ; କାରଣ ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭକୁ ତୁଚ୍ଛ କରି ତୁମ୍ଭ ଭାର୍ଯ୍ୟା ହେବା ପାଇଁ ହିତ୍ତୀୟ ଊରୀୟର ଭାର୍ଯ୍ୟାକୁ ନେଇଅଛ।’
१०तेव्हा आता ही तलवार तुझ्या कुटुंबाचा पिच्छा सोडणार नाही. तू उरीया हित्तीच्या पत्नीचे हरण केलेस. तुला माझी पर्वा नाही हेच यातून दिसते.
11 ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ‘ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ନିଜ ବଂଶରୁ ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଅମଙ୍ଗଳ ଉତ୍ପନ୍ନ କରିବା ଓ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ଭାର୍ଯ୍ୟାମାନଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରେ ନେଇ ତୁମ୍ଭ ଆତ୍ମୀୟକୁ ଦେବା; ତହିଁରେ ସେ ପ୍ରକାଶ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭ ଭାର୍ଯ୍ୟାଗଣ ସହିତ ଶୟନ କରିବ।
११परमेश्वर म्हणतो, आता तुझ्यावर संकटे कोसळतील. अडचणींना सुरुवात तुझ्या घरातूनच होईल. तुझ्या स्त्रिया तुझ्यापासून मी हिरावून घेऊन. त्या तुझ्या एका आप्ताच्याच हवाली करीन. तो तुझ्या बायकां बरोबर झोपेल आणि ही गोष्ट सर्वांसमक्ष घडेल.
12 ତୁମ୍ଭେ ଏହା ଗୋପନରେ କଲ, ମାତ୍ର ଆମ୍ଭେ ଏହି କର୍ମ ସମୁଦାୟ ଇସ୍ରାଏଲ ଆଗରେ ଓ ପ୍ରକାଶ୍ୟରେ କରିବା।’”
१२बथशेबाचा उपभोग तू गुपचूप घेतलास, पण हे मात्र सूर्याच्या साक्षीने, सर्व इस्राएलादेखत होईल.
13 ସେତେବେଳେ ଦାଉଦ ନାଥନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରିଅଛି।” ଏଥିରେ ନାଥନ ଦାଉଦଙ୍କୁ କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭର ପାପ ମଧ୍ୟ ଦୂର କରିଅଛନ୍ତି; ତୁମ୍ଭେ ମରିବ ନାହିଁ।
१३मग दावीद नाथानला म्हणाला, माझ्याहातून परमेश्वराचा मोठा अपराध घडला आहे. नाथान तेव्हा दावीदाला म्हणाला, परमेश्वराने हा तुझा अपराध दूर केला आहे. तू मरणार नाहीस.
14 ତଥାପି ଏହି କର୍ମ ଦ୍ୱାରା ତୁମ୍ଭେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ନିନ୍ଦା କରିଅଛ, ଏହେତୁ ତୁମ୍ଭର ଏହି ଯେଉଁ ସନ୍ତାନ ଜନ୍ମିଅଛି, ସେ ନିଶ୍ଚୟ ମରିବ।”
१४पण परमेश्वराच्या शत्रूंना तू त्याचा उपहास करायला मोठे कारण दिलेस, म्हणून हा तुझा पुत्र मरेल.
15 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ନାଥନ ଆପଣା ଗୃହକୁ ଚାଲିଗଲେ। ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଊରୀୟର ଭାର୍ଯ୍ୟାଠାରୁ ଜାତ ଦାଉଦଙ୍କର ପୁତ୍ରକୁ ଆଘାତ କରନ୍ତେ, ସେ ଅତ୍ୟନ୍ତ ପୀଡ଼ିତ ହେଲା।
१५यानंतर नाथान घरी परतला. उरीयाची पत्नी बथशेबा आणि दावीद यांना झालेला मुलगा परमेश्वराच्या कोपामुळे खूप आजारी पडला.
16 ଏହେତୁ ଦାଉଦ ବାଳକ ନିମନ୍ତେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିକଟରେ ନିବେଦନ କଲେ ଓ ଦାଉଦ ଉପବାସ କଲେ ଓ ଭିତରେ ଯାଇ ସାରା ରାତି ଭୂମିରେ ପଡ଼ି ରହିଲେ।
१६दावीदाने बाळासाठी देवाची प्रार्थना केली. दावीदाने अन्नपाण्याचा त्याग केला. घरात जाऊन रात्रभर जमिनीवर पडून राहिला.
17 ଏଥିରେ ଦାଉଦଙ୍କ ଗୃହସ୍ଥ ପ୍ରାଚୀନମାନେ ଉଠି ତାଙ୍କୁ ଭୂମିରୁ ଉଠାଇବା ପାଇଁ ତାଙ୍କ ନିକଟରେ ଛିଡ଼ା ହେଲେ; ମାତ୍ର ସେ ଉଠିଲେ ନାହିଁ, କିଅବା ସେମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ଭୋଜନ କଲେ ନାହିଁ।
१७घरातील वडीलधाऱ्या मनुष्यांनी येऊन दावीदाला जमिनीवरून उठवायचा खूप प्रयत्न केला. पण काही केल्या दावीद तेथून हलेना. त्यांच्याबरोबर खायला प्यायलाही त्याने नकार दिला.
18 ଏଉତ୍ତାରେ ସପ୍ତମ ଦିନରେ ବାଳକ ମଲା। ମାତ୍ର ବାଳକ ଯେ ମରିଅଛି, ଏହି କଥା ଦାଉଦଙ୍କୁ ଜଣାଇବା ପାଇଁ ତାଙ୍କର ଦାସମାନେ ଭୟ କଲେ; କାରଣ ସେମାନେ କହିଲେ, “ଦେଖ, ବାଳକ ବଞ୍ଚିଥିବା ବେଳେ ଆମ୍ଭେମାନେ ବହୁତ କହିଲେ ହେଁ ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ରବ ଶୁଣିଲେ ନାହିଁ; ଏବେ ବାଳକ ମରିଅଛି, ଏ କଥା ତାଙ୍କୁ ଜଣାଇଲେ, ସେ ଆପଣାର କି ଅନିଷ୍ଟ ନ କରିବେ?”
१८सातव्या दिवशी ते मूल मरण पावले. मुलाच्या मृत्यूची बातमी दावीदाला द्यायला त्याचे नोकर कचरु लागले. ते म्हणाले, मुलगा जिवंत असतानाही आम्ही दावीदाशी बोलायला गेलो तरी तो ऐकत नसे, मग आता तर मूल मरण पावले असे आम्ही सांगितले तर तो आपल्या जिवाचे काही बरेवाईट करून घेईल.
19 ମାତ୍ର ଦାଉଦ ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କୁ ପରସ୍ପର ଫୁସ୍ ଫୁସ୍ ହେଉଥିବାର ଦେଖି ଅନୁମାନ କଲେ ଯେ, ବାଳକ ମରିଅଛି; ଏଣୁ ଦାଉଦ ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, “ବାଳକ ମଲାଣି କି?” ସେମାନେ କହିଲେ, “ମଲାଣି।”
१९पण आपल्या नोकरांची कुजबूज दावीदाने ऐकली त्यावरून मूल गेल्याचे तो मनोमन उमजला. त्याने नोकरांना विचारले, मूल गेले का? नोकरांनी होय म्हणून उत्तर दिले.
20 ଏଥିରେ ଦାଉଦ ଭୂମିରୁ ଉଠି ସ୍ନାନ ଓ ମର୍ଦ୍ଦନ ଓ ବସ୍ତ୍ର ପରିବର୍ତ୍ତନ କରି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଗୃହକୁ ଯାଇ ପ୍ରଣାମ କଲେ; ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ସେ ଆପଣା ଗୃହକୁ ଆସି ଆଜ୍ଞା ଦିଅନ୍ତେ, ଲୋକମାନେ ତାଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଖାଦ୍ୟଦ୍ରବ୍ୟ ରଖିଲେ, ତହୁଁ ସେ ଭୋଜନ କଲେ।
२०तेव्हा दावीद जमिनीवरून उठला त्यांने आंघोळ केली, कपडे बदलून तयार झाला. मग आराधना करण्यासाठी परमेश्वराच्या मंदिरात गेला. त्यानंतर घरी जाऊन त्याने खायला मागितले. सेवकांनी त्यास वाढले आणि तो जेवला.
21 ଏଥିରେ ତାଙ୍କର ଦାସମାନେ ତାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଆପଣ ଏ କି ପ୍ରକାର କର୍ମ କଲେ? ବାଳକ ବଞ୍ଚିଥିବା ବେଳେ ଆପଣ ତାହା ପାଇଁ ଉପବାସ ଓ ରୋଦନ କଲେ; ମାତ୍ର ବାଳକ ମଲା ଉତ୍ତାରେ ଆପଣ ଉଠି ଭୋଜନ କଲେ।”
२१दावीदाचे सेवक त्यास म्हणाले, तुम्ही असे का वागलात? मूल जिवंत असताना तुम्ही अन्नत्याग केलात, शोक केलात. पण मुलगा वारल्यावर मात्र तुम्ही उठलात आणि खाल्लेत.
22 ତହିଁରେ ସେ କହିଲେ, “ବାଳକ ବଞ୍ଚିଥିବା ବେଳେ ମୁଁ ଉପବାସ ଓ ରୋଦନ କଲି; କାରଣ ମୁଁ କହିଲି, କେଜାଣି ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋʼ ପ୍ରତି କୃପା କଲେ, ମୋହର ବାଳକଟି ବଞ୍ଚି ପାରିବ।
२२दावीदाने सांगितले, मूल जिवंत होते तेव्हा मी अन्न वर्ज्य केले आणि शोक केला, कारण मला वाटले न जाणो परमेश्वरास माझी दया येईल आणि बाळ जगेल.
23 ମାତ୍ର ଏବେ ତ ସେ ମଲା, ମୁଁ କାହିଁକି ଉପବାସ କରିବି? ମୁଁ କି ତାକୁ ଫେରାଇ ଆଣି ପାରିବି? ମୁଁ ତାହା ନିକଟକୁ ଯିବି, ମାତ୍ର ସେ ମୋʼ ନିକଟକୁ ଫେରି ଆସିବ ନାହିଁ।”
२३पण आता ते गेलेच. तेव्हा आता मी कशासाठी उपास करू? मुलाचे तर प्राण मी परत आणू शकत नाही. ते गेलेच. एक दिवस मीच त्याच्या भेटीला जाईन पण तो आता परत येणे नाही.
24 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଦାଉଦ ଆପଣା ଭାର୍ଯ୍ୟା ବତ୍ଶେବାକୁ ସାନ୍ତ୍ୱନା କଲେ ଓ ତାହା ନିକଟକୁ ଯାଇ ତାହାର ସହବାସ କଲେ; ଏଥିଉତ୍ତାରେ ବତ୍ଶେବା ପୁତ୍ର ପ୍ରସବ କରନ୍ତେ, ଦାଉଦ ତାହାର ନାମ ଶଲୋମନ ଦେଲେ, ଆଉ ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହାକୁ ପ୍ରେମ କଲେ।
२४दावीदाने मग आपली पत्नी बथशेबा हिचे सांत्वन केले. तिच्याशी त्याने शरीरसंबंध केला. बथशेबा पुन्हा गरोदर राहिली. तिला दुसरा मुलगा झाला. दावीदाने त्याचे नाव शलमोन ठेवले. शलमोनावर परमेश्वराची प्रीती होती.
25 ପୁଣି ସେ ନାଥନ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତାଙ୍କ ଦ୍ୱାରା କହି ପଠାନ୍ତେ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସକାଶୁ ସେ ତାହାର ନାମ ଯିଦିଦୀୟ ଦେଲେ।
२५त्याने नाथान या संदेष्ट्यामार्फत दावीदाला निरोप पाठविला. नाथानने त्याचे नाव यदीद्या, म्हणजेच देवाला प्रिय असे ठेवले. परमेश्वराच्या वतीने नाथानने हे केले.
26 ଏଥିମଧ୍ୟରେ ଯୋୟାବ ଅମ୍ମୋନ-ସନ୍ତାନଗଣର ରବ୍ବା ନଗର ପ୍ରତିକୂଳରେ ଯୁଦ୍ଧ କରି ରାଜନଗର ଅଧିକାର କଲା।
२६अम्मोन्यांच्या राब्बावर हल्ला करून यवाबाने हे राजधानीचे नगर काबीज केले.
27 ପୁଣି ଯୋୟାବ ଦାଉଦଙ୍କ ନିକଟକୁ ଦୂତଗଣ ପଠାଇ କହିଲା, “ମୁଁ ରବ୍ବା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ କରିଅଛି, ଆହୁରି ଜଳନଗର ଅଧିକାର କରିଅଛି।
२७यवाबाने निरोप्यामार्फत दावीदाला निरोप पाठवला राब्बाशी लढाई देऊन मी हे जलनगर हस्तगत केले आहे.
28 ଏହେତୁ ଆପଣ ଅବଶିଷ୍ଟ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଏକତ୍ର କରି ନଗର ନିକଟରେ ଛାଉଣି ସ୍ଥାପନ କରି ତାହା ଅଧିକାର କରନ୍ତୁ, ନୋହିଲେ ମୁଁ ସେ ନଗର ଅଧିକାର କଲେ, ତାହା ମୋʼ ନାମାନୁସାରେ ଖ୍ୟାତ ହେବ।”
२८आता इतर लोकांस एकत्र आणून या शहराचा ताबा घ्या मी घेण्यापूर्वी हे करा. मी जर आधी ताबा घेतला तर ते नगर माझ्या नावाने ओळखले जाईल.
29 ଏଣୁ ଦାଉଦ ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କୁ ଏକତ୍ର କରି ରବ୍ବାକୁ ଗଲେ ଓ ତହିଁ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ କରି ତାହା ଅଧିକାର କଲେ।
२९मग दावीद सर्व लोकांस घेऊन राब्बाकडे गेला. राब्बा येथे लढाई करून त्याने त्याचा ताबा घेतला.
30 ପୁଣି ଦାଉଦ ସେମାନଙ୍କର ରାଜାର ମସ୍ତକରୁ ମୁକୁଟ କାଢ଼ି ନେଲେ; ତାହା ଏକ ତାଳନ୍ତ ପରିମିତ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ଓ ତହିଁରେ ବହୁମୂଲ୍ୟ ପ୍ରସ୍ତରମାନ ଥିଲା; ଆଉ ତାହା ଦାଉଦଙ୍କର ମସ୍ତକରେ ଦିଆଗଲା। ପୁଣି ସେ ସେହି ନଗରରୁ ପ୍ରଚୁର ଲୁଟିତ ଦ୍ରବ୍ୟ ବାହାର କରି ଆଣିଲେ।
३०त्यांच्या राजाच्या मस्तकावरचा मुकुट दावीदाने काढला. हा मुकुट सोन्याचा असून त्याचे वजन सुमारे एक किक्कार होते. त्यामध्ये मौल्यवान रत्ने जडवलेली होती, तो मुकुट लोकांनी दावीदाच्या मस्तकावर ठेवला. दावीदाने बऱ्याच किंमती वस्तू आपल्याबरोबर आणल्या.
31 ଆହୁରି ସେ ତନ୍ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ବାହାର କରି ଆଣି ସେମାନଙ୍କୁ କରତ ଓ ଲୁହା ମଇ ଓ ଲୁହା କୁହ୍ରାଡ଼ି ଦ୍ୱାରା ଦଣ୍ଡ ଦେଲେ ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ଇଟା ଭାଟିରେ କାମ କରାଇଲେ; ସେ ଅମ୍ମୋନ-ସନ୍ତାନଗଣର ସମୁଦାୟ ନଗର ପ୍ରତି ଏହି ପ୍ରକାର କଲେ। ଏଉତ୍ତାରେ ଦାଉଦ ଓ ସମସ୍ତ ଲୋକ ଯିରୂଶାଲମକୁ ଫେରି ଆସିଲେ।
३१राब्बा नगरातील लोकांसही त्याने बाहेर नेले त्यांना कुऱ्हाडी, करवती, लोखंडी दाताळी यांनी काम करायला ठेवले. त्यांच्याकडून जबरदस्तीने वीट कामही करून घेतले. सर्व अम्मोनी नगरांमध्ये दावीदाने असेच केले. नंतर दावीद आपल्या सैन्यासह यरूशलेमेला परतला.