< ଦ୍ବିତୀୟ ବଂଶାବଳୀ 32 >

1 ଏହି ସକଳ ଘଟଣା ଓ ଏହି ବିଶ୍ୱସ୍ତତାର କର୍ମ ଉତ୍ତାରେ ଅଶୂରର ରାଜା ସନ୍‍‌‌ହେରୀବ ଆସି ଯିହୁଦାରେ ପ୍ରବେଶ କଲା ଓ ପ୍ରାଚୀର-ବେଷ୍ଟିତ ନଗର ବିରୁଦ୍ଧରେ ଛାଉଣି ସ୍ଥାପନ କରି ତାହାସବୁ ଆପଣା ପାଇଁ ଲାଭ କରିବାକୁ ବିଚାର କଲା।
हिज्कीयाने परमेश्वरावर भरवंसा ठेवून केलेल्या सगळ्या गोष्टी प्रत्यक्षात उतरल्यावर अश्शूरचा राजा सन्हेरीब यहूदावर चाल करून आला. नगराच्या तटबंदी बाहेर त्याने आपल्या सैन्यासह तळ ठोकला. आतील नगरांचा पाडाव करून ती जिंकून घ्यायचा त्याने बेत केला.
2 ପୁଣି, ସନ୍‍‌‌ହେରୀବ ଆସିଅଛି ଓ ଯିରୂଶାଲମ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବାକୁ ମନସ୍ଥ କରିଅଛି, ହିଜକୀୟ ଏହା ଦେଖନ୍ତେ,
यरूशलेमेवर हल्ला करायला सन्हेरीब आला आहे हे हिज्कीयाला कळले.
3 ସେ ନଗରର ବହିଃସ୍ଥିତ ନିର୍ଝରସବୁ ବନ୍ଦ କରିବା ପାଇଁ ଆପଣାର ଅଧିପତି ଓ ବଳବାନ ଲୋକଙ୍କ ସହିତ ମନ୍ତ୍ରଣା କଲେ; ଆଉ, ସେମାନେ ତାଙ୍କର ସାହାଯ୍ୟ କଲେ।
तेव्हा तो आपल्या सरदारांशी आणि सैन्याच्या अधिकाऱ्यांशी बोलला. त्यांच्या साहाय्याने व त्यांच्याशी मसलत करून राजाने नगराबाहेरच्या झऱ्यांचे पाणी अडवायचा एकमताने निर्णय घेतला. त्या सर्वांनी त्यास मदत केली.
4 “ଏଣୁ ଅଶୂର-ରାଜାଗଣ ଆସି କାହିଁକି ଅନେକ ଜଳ ପାଇବେ?” ଏହା କହି ଅସଂଖ୍ୟ ଲୋକ ଏକତ୍ରିତ ହୋଇ ସମସ୍ତ ଝର ଓ ଦେଶମଧ୍ୟବାହୀ ସ୍ରୋତ ବନ୍ଦ କଲେ।
झरे आणि आपल्या प्रांतामधून वाहणारी नदी लोकांनी एकत्र येऊन अडवली. ते म्हणाले, “अश्शूरच्या राजाला आत्ता इथवर आल्यावर त्यास मुबलक पाणी का मिळावे?”
5 ପୁଣି, ସେ ସାହସ ବାନ୍ଧି ସମସ୍ତ ଭଗ୍ନ ପ୍ରାଚୀର ନିର୍ମାଣ କରି ଦୁର୍ଗ ସମାନ ଓ ବହିଃସ୍ଥିତ ଅନ୍ୟ ପ୍ରାଚୀର ସମାନ ଉଚ୍ଚ କଲେ ଓ ଦାଉଦ-ନଗରସ୍ଥ ମିଲ୍ଲୋ ଦୃଢ଼ କଲେ, ଆଉ ପ୍ରଚୁର ଅସ୍ତ୍ର ଓ ଢାଲ ପ୍ରସ୍ତୁତ କଲେ।
हिज्कीयाने पुढील उपाययोजनेने यरूशलेमची मजबुती वाढवली. तटबंदीची भिंत ज्याठिकाणी ढासळली होती तिथे बांधून काढली. भिंतीवर बुरुज बांधले. तटबंदी बाहेर दुसरा मजबूत कोट केला. दावीद नगरातील मिल्लो नावाच्या बूरूजाची मजबूती केली. शस्त्रे आणि ढाली आणखी करवून घेतल्या.
6 ଆଉ, ସେ ଲୋକମାନଙ୍କ ଉପରେ ସେନାପତି ନିଯୁକ୍ତ କଲେ ଓ ନଗର-ଦ୍ୱାର ଛକରେ ଆପଣା ନିକଟରେ ସେମାନଙ୍କୁ ଏକତ୍ର କରି ସେମାନଙ୍କୁ ଚିତ୍ତ ପ୍ରବୋଧକ ବାକ୍ୟ କହିଲେ,
हिज्कीयाने प्रजेवर सेना नायकांच्या नेमणुका केल्या, आणि नगराच्या वेशीजवळच्या चौकात त्यांची सभा घेऊन त्यांच्याशी उत्तेजनपर बातचीत केली.
7 “ବଳବାନ ଓ ସାହସିକ ହୁଅ, ଅଶୂରର ରାଜା ଓ ତାହାର ସଙ୍ଗୀ ସମସ୍ତ ଜନତା ସକାଶୁ ଭୀତ କି ନିରାଶ ହୁଅ ନାହିଁ; କାରଣ ତାହାର ସହାୟ ଅପେକ୍ଷା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସହାୟ ମହାନ;
हिज्कीया त्यांना म्हणाला, “हिंमत बाळगा आणि द्दढ राहा. अश्शूरच्या राजाची किंवा त्याच्या विशाल सेनेची धास्ती घेऊ नका. आपली ताकद त्यांच्यापेक्षा जास्त आहे.
8 ମାଂସର ବାହୁ ତାହାର ସହାୟ; ମାତ୍ର ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ସାହାଯ୍ୟ କରିବାକୁ ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପକ୍ଷରେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବାକୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱର ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସହାୟ ଅଛନ୍ତି।” ଏଥିରେ ଲୋକମାନେ ଯିହୁଦା-ରାଜା ହିଜକୀୟଙ୍କ ବାକ୍ୟରେ ନିର୍ଭର ରଖିଲେ।
अश्शूरच्या राजाजवळ फक्त मनुष्यबळ आहे. आपल्या बाजूला तर साक्षात परमेश्वर देव आहे. तोच आपल्याला मदत करील.” आपल्या युध्दात तोच लढेल अशाप्रकारे यहूदाचा राजा हिज्कीयाचे धीराचे बोलणे ऐकून लोकांचा त्यावर विश्वास बसला आणि त्यांना हुरुप आला.
9 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଅଶୂରର ରାଜା ସନ୍‍‌‌ହେରୀବ ଓ ତାହା ସଙ୍ଗେ ତାହାର ସୈନ୍ୟସାମନ୍ତ ଲାଖୀଶ୍‍ ନଗର ସମ୍ମୁଖରେ ଥିବା ବେଳେ ସେ ଯିରୂଶାଲମକୁ ଯିହୁଦାର ରାଜା ହିଜକୀୟଙ୍କ ନିକଟକୁ ଓ ଯିରୂଶାଲମରେ ଉପସ୍ଥିତ ସମଗ୍ର ଯିହୁଦା ନିକଟକୁ ଆପଣା ଦାସଗଣ ପଠାଇ କହିଲା,
अश्शूरचा राजा सन्हेरीब याने लाखीशाचा पराभव करण्याच्या हेतूने आपल्या सैन्यासह लाखीश नगराजवळ तळ दिला होता. तेथून त्याने यहूदाचा राजा हिज्कीया आणि यरूशलेममधील यहूदी लोक यांच्यासाठी आपल्या सेवकांमार्फत निरोप पाठवला.
10 “ଅଶୂରର ରାଜା ସନ୍‍‌‌ହେରୀବ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେମାନେ କାହିଁରେ ନିର୍ଭର ରଖି ଅବରୋଧ କାଳରେ ଯିରୂଶାଲମରେ ରହୁଅଛ?
१०सेवक म्हणाले की, “अश्शूरचा राजा सन्हेरीब याचा संदेश असा आहे. यरूशलेमेला वेढा पडला असताना कशाच्या भरवंशावर तुम्ही तिथे राहता?”
11 ସଦାପ୍ରଭୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱର ଅଶୂର ରାଜାର ହସ୍ତରୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଉଦ୍ଧାର କରିବେ ବୋଲି ଦୁର୍ଭିକ୍ଷରେ ଓ ତୃଷାରେ ମରିବା ପାଇଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ସମର୍ପି ଦେବାକୁ କʼଣ ହିଜକୀୟ ମଣାଉ ନାହାନ୍ତି?
११हिज्कीयाचा हा तुम्हास फसवण्याचा डाव आहे. यरूशलेमामध्ये अडकून तुम्ही तहानभुकेने व्याकुळ होऊन मरावे असा त्याचा अंतताः हेतू आहे. तो तुम्हास म्हणतो, “अश्शूरच्या राजापासून आपला देव परमेश्वर आपले रक्षण करील.”
12 ଏହି ହିଜକୀୟ ତାହାଙ୍କ ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀ ଓ ଯଜ୍ଞବେଦିସବୁ ଦୂର କରି ଯିହୁଦା ଓ ଯିରୂଶାଲମକୁ ଆଜ୍ଞା କରି କି କହି ନାହାନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏକ ଯଜ୍ଞବେଦି ସମ୍ମୁଖରେ ପ୍ରଣାମ କରିବ ଓ ତହିଁ ଉପରେ ଧୂପ ଜ୍ୱଳାଇବ?
१२पण त्यानेच परमेश्वराची उंचस्थाने आणि वेद्या काढून टाकल्या. तुम्हा यहूदी आणि यरूशलेमेच्या लोकांस त्याने सांगितले की तुम्ही फक्त एकाच वेदीवर उपासना केली पाहिजे आणि धूप जाळला पाहिजे.
13 ମୁଁ ଓ ମୋʼ ପିତୃଲୋକମାନେ ଏହିସବୁ ଦେଶର ଲୋକମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଯାହା କରିଅଛୁ, ତାହା କି ତୁମ୍ଭେମାନେ ଜାଣ ନାହିଁ? ସେହି ସବୁ ଦେଶସ୍ଥ ଗୋଷ୍ଠୀମାନଙ୍କ ଦେବଗଣ କି କୌଣସି ରୂପେ ଆମ୍ଭ ହସ୍ତରୁ ଆପଣା ଆପଣା ଦେଶ ଉଦ୍ଧାର କରି ପାରିଲେ?
१३माझ्या पूर्वजांनी आणि मी इतर देशांतल्या लोकांची कशी अवस्था करून टाकली ती तुम्हास माहीत आहे. त्या देशांतले दैवते काही आपल्या लोकांस वाचवू शकले नाहीत. मलाही ते त्यांचा नाश करण्यापासून परावृत्त करु शकले नाहीत.
14 ମୋʼ ପିତୃଲୋକମାନେ ଯେଉଁ ଗୋଷ୍ଠୀମାନଙ୍କୁ ନିଃଶେଷରେ ବିନାଶ କଲେ, ସେମାନଙ୍କ ଦେବଗଣ ମଧ୍ୟରୁ କିଏ ଆପଣା ଲୋକଙ୍କୁ ମୋʼ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କରି ପାରିଅଛି ଯେ, ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ମୋʼ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କରି ପାରିବେ?
१४माझ्या पूर्वजांनी इतर देशांचा नाश केला. त्यांच्या सर्व देवांपैकी आपल्या लोकांस विनाशातून सोडवणारा असा कोणी देव होता काय? तर तुमचा देव तरी तुम्हास माझ्या सामर्थ्यापासुन वाचवू शकेल असे वाटते का?
15 ଏହେତୁ ହିଜକୀୟ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ନ ଭୁଲାଉ, କି ଏରୂପ ନ ମଣାଉ, କିଅବା ତୁମ୍ଭେମାନେ ତାହାକୁ ବିଶ୍ୱାସ କର ନାହିଁ; କାରଣ କୌଣସି ଦେଶର କି ରାଜ୍ୟର ଦେବତା ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ମୋʼ ହସ୍ତରୁ ଓ ମୋʼ ପିତୃଲୋକଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କରିପାରି ନାହିଁ; ତେବେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱର କି ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ମୋʼ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କରି ପାରିବେ?”
१५हिज्कीयाच्या बतावणीला बळी पडू नका व त्याच्यावर विश्वास ठेऊ नका. आमच्या पासून आपल्या प्रजेचे रक्षण करण्यात कोणत्याच राष्ट्राच्या दैवताला अद्यापि यश आलेले नाही. तेव्हा तुमचा संहार करण्याला तुमचे दैवत माझ्या हातून तुम्हास वाचवू शकेल असे समजू नका.
16 ପୁଣି, ତାହାର ଦାସମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଓ ତାହାଙ୍କ ଦାସ ହିଜକୀୟଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆହୁରି ଅନେକ କଥା କହିଲେ।
१६अश्शूरच्या राजाच्या सेवकांनी परमेश्वर देवाची आणि देवाचा सेवक हिज्कीया याची निंदानालस्ती केली.
17 ମଧ୍ୟ ସେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ନିନ୍ଦା କରିବାକୁ ଓ ତାହାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ କଥା କହିବାକୁ ଏହିପରି ପତ୍ରମାନ ଲେଖିଲା, ଯଥା, “ନାନା ଦେଶୀୟ ଲୋକମାନଙ୍କ ଦେବଗଣ ଯେପରି ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ମୋʼ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କରି ନାହାନ୍ତି, ସେପରି ହିଜକୀୟର ପରମେଶ୍ୱର ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ମୋʼ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କରିବେ ନାହିଁ।”
१७सन्हेरीबनच्या दासांनी पत्रांमध्ये इस्राएलाचा देव परमेश्वर याविषयी अपमानकारक मजकूरही लिहिला. तो असा होता. “इतर देशांच्या दैवतांना मी केलेल्या संहारापासून आपल्या प्रजेला वाचवता आले नाही. तसेच हिज्कीयाचा देवही मला त्याच्या प्रजेचा नाश करण्यापासून थोपवू शकणार नाही.”
18 ଆଉ, ଯିରୂଶାଲମର ଯେଉଁ ଲୋକମାନେ ପ୍ରାଚୀର ଉପରେ ଥିଲେ, ସେମାନଙ୍କୁ ଭୟାର୍ତ୍ତ ଓ ବ୍ୟାକୁଳ କରି ନଗର ହସ୍ତଗତ କରିବା ପାଇଁ ସେମାନେ ଯିହୁଦୀୟ ଭାଷାରେ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ ଡାକି କହିଲେ।
१८मग अश्शूरच्या राजाच्या सेवकांनी तटबंदीवर उभ्या असलेल्या यरूशलेमेच्या लोकांस घाबरवण्यासाठी हिब्रू भाषेत मोठ्याने आरडाओरडा केला. असे करून यरूशलेम नगर ताब्यात घ्यायचा त्यांचा विचार होता.
19 ଆଉ, ପୃଥିବୀସ୍ଥ ନାନା ଗୋଷ୍ଠୀୟମାନଙ୍କର ମନୁଷ୍ୟ ହସ୍ତକୃତ ଦେବଗଣ ବିରୁଦ୍ଧରେ କଥା କହିବା ତୁଲ୍ୟ ସେମାନେ ଯିରୂଶାଲମର ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ କଥା କହିଲେ।
१९जगभरचे लोक ज्या दैवतांची पूजा करतात त्या दैवतांविषयी हे सेवक वाईटसाईट बोलत राहिले. हांतानी बनवीलेल्या मुर्तीच्या व यरूशलेमेच्या परमेश्वरासही या सेवकांनी त्या देवतांच्याच रांगेला बसवले.
20 ଏଥିରେ ହିଜକୀୟ ରାଜା ଓ ଆମୋସର ପୁତ୍ର ଯିଶାଇୟ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତା ଏସକାଶୁ ପ୍ରାର୍ଥନା କରି ସ୍ୱର୍ଗ ଆଡ଼େ ଡାକ ପକାଇଲେ।
२०यामुळे राजा हिज्कीया आणि आमोजचा पुत्र यशया संदेष्टा यांनी या प्रश्नावर स्वर्गाकडे तोंड करून मोठ्याने प्रार्थना केली.
21 ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଏକ ଦୂତ ପ୍ରେରଣ କରି ଅଶୂର ରାଜାର ଛାଉଣି ମଧ୍ୟରେ ମହାବିକ୍ରମଶାଳୀ ଲୋକ ସମସ୍ତଙ୍କୁ, ଆଉ ପ୍ରଧାନ ଓ ସେନାପତିମାନଙ୍କୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ କଲେ। ତହିଁରେ ସେ ଲଜ୍ଜିତମୁଖ ହୋଇ ଆପଣା ଦେଶକୁ ଫେରିଗଲା। ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ସେ ଆପଣା ଦେବ ମନ୍ଦିରକୁ ଆସନ୍ତେ, ତାହାର କେତେକ ଔରସଜାତ ସେଠାରେ ତାହାକୁ ଖଡ୍ଗରେ ବଧ କଲେ।
२१तेव्हा अश्शूरच्या राजाच्या छावणीवर परमेश्वराने आपला दूत पाठवला. या दूताने अश्शूरांचे सगळे सैन्य, त्यातील सरदार आणि अधिकारी यांना मारुन टाकले. एवढे झाल्यावर अश्शूरचा राजा माघार घेऊन आपल्या देशात परत गेला. त्याच्या प्रजेला त्याची शरम वाटली. राजा त्याच्या दैवताच्या देवळात गेला. तिथे त्याच्या पोटच्या पुत्रांना तलवारीने त्याने ठार केले.
22 ଏହିରୂପେ ସଦାପ୍ରଭୁ ହିଜକୀୟଙ୍କୁ ଓ ଯିରୂଶାଲମ ନିବାସୀମାନଙ୍କୁ ଅଶୂରର ରାଜା ସନ୍‍‌‌ହେରୀବ ହସ୍ତରୁ ଓ ଅନ୍ୟ ସମସ୍ତଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କଲେ, ପୁଣି ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରୁ ସେମାନଙ୍କୁ ପଥ ଦେଖାଇଲେ।
२२अशाप्रकारे परमेश्वराने अश्शूरचा राजा सन्हेरीब आणि त्याचे सैन्य यांच्यापासून हिज्कीया आणि यरूशलेमचे लोक यांचे संरक्षण केले. परमेश्वरास हिज्कीयाची आणि यरूशलेमेच्या प्रजेची काळजी होती.
23 ତହିଁରେ ଅନେକେ ଯିରୂଶାଲମକୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଉପହାର ଆଣିଲେ ଓ ଯିହୁଦାର ରାଜା ହିଜକୀୟଙ୍କ ନିକଟକୁ ବହୁମୂଲ୍ୟ ପଦାର୍ଥ ଆଣିଲେ; ତହୁଁ ସେ ସେହି ସମୟଠାରୁ ସମଗ୍ର ଗୋଷ୍ଠୀର ଦୃଷ୍ଟିରେ ଉନ୍ନତ ହେଲେ।
२३बऱ्याच जणांनी परमेश्वरास वाहण्यास भेटवस्तू यरूशलेमेत आणल्या. यहूदाचा राजा हिज्कीया याच्यासाठी ही नजराणे आणले. या घटनेपासून सर्व राष्ट्रांना हिज्कीयाबद्दल आदर वाटू लागला.
24 ସେହି ସମୟରେ ହିଜକୀୟଙ୍କୁ ସାଂଘାତିକ ପୀଡ଼ା ହୋଇଥିଲା; ପୁଣି ସେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରନ୍ତେ, ସେ ତାଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଓ ଏକ ଚିହ୍ନ ଦେଲେ।
२४या काळातच हिज्कीयाला आजारपणाने घेरले आणि तो मरणासन्न झाला. त्याने परमेश्वराची प्रार्थना केली. परमेश्वर त्याच्याशी बोलला याप्रकारे परमेश्वराने त्यास एक संकेत दिला.
25 ମାତ୍ର ହିଜକୀୟ ଆପଣା ପ୍ରତି କୃତ ମଙ୍ଗଳ ଅନୁସାରେ ପ୍ରତିଦାନ କଲେ ନାହିଁ; କାରଣ ତାଙ୍କର ଅନ୍ତଃକରଣ ଗର୍ବିତ ହେଲା; ଏହେତୁ ତାଙ୍କ ଉପରେ, ପୁଣି ଯିହୁଦା ଓ ଯିରୂଶାଲମ ଉପରେ କୋପ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା।
२५पण हिज्कीयाला गर्व वाटू लागला होता. त्यामुळे त्याने परमेश्वराने दाखवलेल्या दयाळूपणाबद्दल त्यास धन्यवाद दिले नाहीत. या गोष्टीमुळे हिज्कीयावर आणि यहूदा व यरूशलेमेच्या लोकांवर परमेश्वर कोपला.
26 ତଥାପି ଆପଣା ଅନ୍ତଃକରଣର ଗର୍ବ ସକାଶୁ ହିଜକୀୟ ଓ ଯିରୂଶାଲମ ନିବାସୀମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ନମ୍ର କଲେ, ତେଣୁ ହିଜକୀୟଙ୍କର ସମୟରେ ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ କୋପ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା ନାହିଁ।
२६परंतु यरूशलेमेचे लोक आणि हिज्कीया यांचे हृदयपरिवर्तन झाले आणि त्यांची वर्तणूक बदलली. त्यांच्यात नम्रता आली. त्यामुळे हिज्कीयाच्या हयातीत परमेश्वराचा रोष त्यांच्यावर ओढवला नाही.
27 ଆଉ, ହିଜକୀୟଙ୍କର ଅତି ପ୍ରଚୁର ସମ୍ପଦ ଓ ସମ୍ଭ୍ରମ ଥିଲା ପୁଣି, ସେ ରୂପା, ସୁନା, ବହୁମୂଲ୍ୟ ପ୍ରସ୍ତର, ସୁଗନ୍ଧି ଦ୍ରବ୍ୟ, ଢାଲ ଓ ସର୍ବପ୍ରକାର ମନୋହର ପାତ୍ର ନିମନ୍ତେ ଭଣ୍ଡାର ପ୍ରସ୍ତୁତ କଲେ;
२७हिज्कीयाची भरभराट झाली, त्यास मान सन्मान मिळाला. चांदी, सोने, किंमती रत्ने, मसाल्याचे पदार्थ, ढाली इत्यादी नाना तऱ्हेच्या वस्तू ठेवण्यासाठी त्याने कोठारे केली.
28 ମଧ୍ୟ ଉତ୍ପନ୍ନ ଶସ୍ୟ ଓ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ଓ ତୈଳ ନିମନ୍ତେ ଭଣ୍ଡାର, ପୁଣି ସର୍ବପ୍ରକାର ପଶୁ ନିମନ୍ତେ ଶାଳା ଓ ମେଷପଲ ନିମନ୍ତେ ଖୁଆଡ଼ ପ୍ରସ୍ତୁତ କଲେ।
२८धान्य, नवीन मद्य, तेल या लोकांकडून आलेल्या गोष्टी ठेवायलाही कोठारे बांधली, गुरेढोरे आणि मेंढ्या आपल्या कळपासाठी कोंडवाडे बांधले.
29 ଆହୁରି, ସେ ଆପଣା ନିମନ୍ତେ ନାନା ନଗର ଓ ଗୋମେଷାଦି ପ୍ରଚୁର ପଶୁଧନ ଆୟୋଜନ କଲେ; କାରଣ ପରମେଶ୍ୱର ତାଙ୍କୁ ବହୁତ ବହୁତ ସମ୍ପତ୍ତି ଦେଇଥିଲେ।
२९हिज्कीयाने नवीन नगरे वसवली. सर्व तऱ्हेचे पशू आणि मेंढरे यांचे कळप त्याच्याकडे होते. देव दयेने हिज्कीयाला समृध्दी आली.
30 ଏହି ହିଜକୀୟ ମଧ୍ୟ ଗୀହୋନସ୍ଥିତ ଉଚ୍ଚତର ଜଳଝର ବନ୍ଦ କରି ତାହା ସଳଖ ପଥରେ ଦାଉଦ-ନଗରର ପଶ୍ଚିମ ପାର୍ଶ୍ୱକୁ ଆଣିଲେ। ପୁଣି, ହିଜକୀୟ ଆପଣାର ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟରେ କୃତକାର୍ଯ୍ୟ ହେଲେ।
३०याच हिज्कीयाने गीहोनचा यरूशलेम मधला वरचा प्रवाह अडवून त्यास दावीद नगराच्या पश्चिमेकडून सरळ खाली आणले होते. हिज्कीयाला त्याने हाती घेतलेल्या प्रत्येक कार्यात यश मिळाले.
31 ତଥାପି ଦେଶରେ ଯେଉଁ ଅଦ୍ଭୁତ କାର୍ଯ୍ୟ ହୋଇଥିଲା, ତହିଁର ବିବରଣ ପଚାରିବା ନିମିତ୍ତ ତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ବାବିଲୀୟ ଅଧିପତିମାନଙ୍କ ପ୍ରେରିତ ଦୂତମାନଙ୍କ କାର୍ଯ୍ୟ ସମ୍ବନ୍ଧରେ ଯେପରି ସେ ଆପଣା ଅନ୍ତଃକରଣର ସମସ୍ତ ଭାବ ଜାଣି ପାରିବେ, ଏଥିପାଇଁ ପରମେଶ୍ୱର ତାଙ୍କର ପରୀକ୍ଷା ନେବା ସକାଶେ ତାଙ୍କୁ ଛାଡ଼ିଦେଲେ।
३१एकदा देशात घडलेल्या चमत्कारांविषयी चौकशी करायला बाबेलच्या अधिपतींनी त्याच्याकडे राजदूत पाठवले. तेव्हा हिज्कीयाची पारख करावी आणि त्याचे मन जाणून घ्यावे म्हणून देवाने त्यास एकटे सोडले.
32 ଏହି ହିଜକୀୟଙ୍କର ଅବଶିଷ୍ଟ ବୃତ୍ତାନ୍ତ ଓ ତାଙ୍କର ସୁକ୍ରିୟା, ଯିହୁଦାର ଓ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜାମାନଙ୍କ ଇତିହାସ-ପୁସ୍ତକ ଅନ୍ତର୍ଗତ ଆମୋସର ପୁତ୍ର ଯିଶାଇୟ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତାର ଦର୍ଶନ ପୁସ୍ତକରେ ଲେଖାଅଛି।
३२हिज्कीयाने केलेल्या इतर गोष्टी आणि त्याचा लोकांविषयीचा दयाळूपणा, त्याची धार्मिक कृत्ये, त्याची परमेश्वरा प्रती एकनिष्ठा याविषयी आमोजचा पुत्र यशया संदेष्टा याचे दृष्टांत आणि यहूदा व इस्राएल राजांचा इतिहास या ग्रंथांमध्ये लिहिलेले आहे.
33 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ହିଜକୀୟ ମୃତ୍ୟୁବରଣ କଲେ, ତହିଁରେ ଲୋକମାନେ ଦାଉଦ-ସନ୍ତାନଗଣର କବର ସ୍ଥାନର ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱଗାମୀ ପଥ ପାର୍ଶ୍ୱରେ ତାଙ୍କୁ କବର ଦେଲେ; ପୁଣି, ତାଙ୍କର ମରଣ ସମୟରେ ସମଗ୍ର ଯିହୁଦା ଓ ଯିରୂଶାଲମ ନିବାସୀମାନେ ତାଙ୍କର ସମ୍ମାନ କଲେ। ତହୁଁ ତାଙ୍କର ପୁତ୍ର ମନଃଶି ତାଙ୍କର ପଦରେ ରାଜ୍ୟ କଲେ।
३३हिज्कीया मरण पावला आणि त्याचे त्याच्या पूर्वजांशेजारी दफन झाले. दाविदाच्या वंशजांच्या कबरीपाशी उंच भागावर लोकांनी त्याचे दफन केले. हिज्कीया मरण पावला तेव्हा यहूदा आणि यरूशलेममधील लोकांनी त्यास सन्मानपूर्वक निरोप दिला. हिज्कीयाच्या जागी त्याचा पुत्र मनश्शे गादीवर आला.

< ଦ୍ବିତୀୟ ବଂଶାବଳୀ 32 >