< ପ୍ରଥମ ଶାମୁୟେଲ 2 >
1 ପୁଣି, ହାନ୍ନା ପ୍ରାର୍ଥନା କରି କହିଲା; “ମୋହର ଅନ୍ତଃକରଣ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରେ ମହା ଉଲ୍ଲାସ କରୁଅଛି, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରେ ମୋହର ଶୃଙ୍ଗ ଉନ୍ନତ ହୋଇଅଛି; ମୋହର ମୁଖ ମୋର ଶତ୍ରୁମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ଖୋଲିଅଛି; ଯେହେତୁ ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ପରିତ୍ରାଣରେ ଆନନ୍ଦ କରେ।
१मग हन्ना प्रार्थना करून म्हणाली, “माझे मन परमेश्वराच्या ठायी आनंद पावत आहे; माझे शिंग परमेश्वराच्या ठायी उंच केले आहे; माझे मुख माझ्या शत्रूविरूद्ध धैर्याने बोलत आहे, कारण तू केलेल्या तारणाने मी आनंदीत होत आहे.
2 ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ତୁଲ୍ୟ ପବିତ୍ର ଆଉ କେହି ନାହିଁ; ଯେହେତୁ ତୁମ୍ଭ ଭିନ୍ନ ଆଉ କେହି ନାହିଁ; କିଅବା ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ତୁଲ୍ୟ କୌଣସି ଶୈଳ ନାହିଁ।
२परमेश्वरासारखा कोणी पवित्र नाही, कारण तुझ्या शिवाय कोणी नाही, आमच्या देवासारखा खडकही कोणी नाही,
3 ଏପରି ଅତି ଅହଙ୍କାରରେ ଆଉ କଥା ନ କୁହ; ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମୁଖରୁ ଦାମ୍ଭିକତା ନିର୍ଗତ ନ ହେଉ; କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ସର୍ବଜ୍ଞ ପରମେଶ୍ୱର ଅଟନ୍ତି, ତାହାଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ସକଳ କ୍ରିୟା ତୌଲାଯାଏ।
३अति गर्विष्ठपणाने आणखी बढाई मारू नका; तुमच्या तोंडातून उद्धटपणाचे भाषण न निघो. कारण परमेश्वर ज्ञानाचा देव आहे; त्याच्याकडून कृत्ये तोलली जातात.
4 ବୀରମାନଙ୍କର ଧନୁ ଭଙ୍ଗା ଯାଇଅଛି ଓ ଝୁଣ୍ଟି ପଡ଼ିବା ଲୋକମାନଙ୍କର କଟି ବଳରେ ବନ୍ଧାଯାଇଅଛି।
४पराक्रमी पुरूषांची धनुष्ये मोडलेली आहेत, परंतू जे अडखळले त्यांनी बलरूप कमरबंद वेष्टीला आहे.
5 ଯେଉଁମାନେ ପରିତୃପ୍ତ ଥିଲେ, ସେମାନେ ଆପେ ଖାଦ୍ୟ ନିମନ୍ତେ ବେତନଜୀବୀ ହୋଇଅଛନ୍ତି ଓ ଯେଉଁମାନେ କ୍ଷୁଧିତ ଥିଲେ, ସେମାନେ ବିଶ୍ରାମ ପାଇଅଛନ୍ତି; ହଁ, ବନ୍ଧ୍ୟା ସପ୍ତ ସନ୍ତାନ ପ୍ରସବ କରିଅଛି ଓ ଯାହାର ଅନେକ ସନ୍ତାନସନ୍ତତି ଥିଲେ, ସେ ନିସ୍ତେଜ ହେଉଅଛି।
५जे तृप्त होते ते अन्नासाठी मोलमजुरी करीत आहेत; आणि जे भुकेले होते ते तसे राहिले नाहीत. वांझ होती तिने सात मुलांस जन्म दिला आहे, परंतु फार लेकरे आहेत ती अशक्त झाली आहे.
6 ସଦାପ୍ରଭୁ ମୃତ୍ୟୁୁ ଘଟାନ୍ତି ଓ ସଜୀବ କରନ୍ତି; ସେ ପାତାଳକୁ ଓହ୍ଲାଇ ଆଣନ୍ତି ଓ ଉପରକୁ ଉଠାଇ ନିଅନ୍ତି। (Sheol )
६परमेश्वर जिवे मारतो व जिवनात आणतो. तो अधोलोकास नेतो व वर आणतो. (Sheol )
7 ସଦାପ୍ରଭୁ ନିର୍ଦ୍ଧନ କରନ୍ତି ଓ ଧନବାନ କରନ୍ତି; ସେ ନତ କରନ୍ତି, ସେ ମଧ୍ୟ ଉନ୍ନତ କରନ୍ତି।
७परमेश्वर गरीब करतो व श्रीमंतही करतो. तो नम्र करतो, तसेच तो उंचही करतो.
8 ସେ କୁଳୀନମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗେ ବସାଇବା ପାଇଁ ଓ ଗୌରବ ସିଂହାସନ ଅଧିକାର କରିବା ପାଇଁ ଧୂଳିରୁ ଦୀନହୀନକୁ ଉଠାନ୍ତି ଓ ଦରିଦ୍ରକୁ ଖତରାଶିରୁ ଉନ୍ନତ କରନ୍ତି; କାରଣ ପୃଥିବୀର ସ୍ତମ୍ଭସକଳ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ଓ ସେ ତହିଁ ଉପରେ ଜଗତ ସ୍ଥାପନ କରିଅଛନ୍ତି।
८तो गरीबाला धुळीतून वर उठवतो; तो भिकाऱ्याला उकिरड्यावरून उठवून उभे करतो; यासाठी की त्यांना राजपुत्राबरोबर बसवावे आणि त्यांना वारसाने सन्मानाचे आसन मिळावे. कारण पृथ्वीचे खांब परमेश्वराचे आहेत; त्याने त्यावर जग ठेवले आहे.
9 ସେ ଆପଣା ଧାର୍ମିକ ଲୋକମାନଙ୍କର ଚରଣ ରକ୍ଷା କରିବେ; ମାତ୍ର ଦୁଷ୍ଟମାନେ ଅନ୍ଧକାରରେ ନୀରବ କରାଯିବେ; ଯେହେତୁ କୌଣସି ମନୁଷ୍ୟ ବଳରେ ଜୟୀ ହୋଇ ପାରିବ ନାହିଁ।
९तो आपल्या विश्वास ठेवणाऱ्या लोकांचे पाय संभाळील, परंतु दुष्ट अंधारात शांत ठिकाणी ठेवले जातील, कारण सामर्थ्याने कोणी मनुष्य विजय मिळविणार नाही.
10 ଯେଉଁମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସହିତ ବିବାଦ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ଭଗ୍ନ ହେବେ; ସେ ସ୍ୱର୍ଗରେ ଥାଇ ସେମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଗର୍ଜ୍ଜନ କରିବେ; ସଦାପ୍ରଭୁ ପୃଥିବୀର ପ୍ରାନ୍ତଭାଗ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଶାସନ କରିବେ ଓ ସେ ଆପଣା ରାଜାକୁ ବଳ ଦେବେ, ପୁଣି, ଆପଣା ଅଭିଷେକୀଙ୍କ ଶୃଙ୍ଗ ଉନ୍ନତ କରିବେ।”
१०देवाशी विरोध करणाऱ्यांचे तुकडे तुकडे केले जातील; आकाशांतून तो त्यांच्याविरुध्द मेघगर्जना करील. परमेश्वर पृथ्वीच्या शेवटल्या टोकावर असलेल्यांचा न्याय करील; तो आपल्या राजाला सामर्थ्य देईल आणि आपल्या अभिषिक्ताचे शिंग उंच करील.”
11 ଏଉତ୍ତାରେ ଇଲ୍କାନା ରାମାସ୍ଥିତ ଆପଣା ଗୃହକୁ ଗଲା। ପୁଣି, ବାଳକ ଏଲି ଯାଜକଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଥାଇ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ପରିଚର୍ଯ୍ୟା କଲା।
११मग एलकाना रामा येथे आपल्या घरी गेला. आणि तो लहान मुलगा एली याजकासमोर परमेश्वराची सेवा करू लागला.
12 ଏଲିଙ୍କର ପୁତ୍ରମାନେ ଦୁଷ୍ଟ ଥିଲେ, ସେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ଜାଣିଲେ ନାହିଁ।
१२एलीची मुले नालायक माणसे होती; ते परमेश्वरास ओळखत नव्हते.
13 ସେହି ଯାଜକମାନେ ଲୋକମାନଙ୍କ ସହିତ ଏପରି ବ୍ୟବହାର କରୁଥିଲେ ଯେ, କୌଣସି ଲୋକ ବଳିଦାନ କଲେ, ମାଂସ ସିଦ୍ଧ ହେବା ସମୟରେ ଯାଜକର ଦାସ ହସ୍ତରେ ତ୍ରିଶୂଳ ଘେନି ଆସେ;
१३लोकांच्या बाबतीत याजकांची अशी रीत होती की कोणी मनुष्य यज्ञ अर्पण करू लागला की, मांस शिजत असतानाच याजकाचा चाकर मांस उचलण्यासाठी तीन अणकुचीदार टोकाचा काटा आपल्या हातात घेऊन येई
14 ଆଉ ସେ ପାତ୍ର, ବା ତସଲା, ବା ହଣ୍ଡା, ବା କହ୍ରାଇ ଭିତରେ ମାରେ; ଯେତେକ ତ୍ରିଶୂଳରେ ଆସେ, ସେସବୁ ଯାଜକ ନିଏ। ଇସ୍ରାଏଲର ଯେତେ ଲୋକ ଶୀଲୋକୁ ଆସିଲେ, ସେଠାରେ ସେମାନେ ସେସମସ୍ତଙ୍କ ପ୍ରତି ଏହିପରି କରୁଥିଲେ।
१४तो परातीत किंवा पातेल्यांत किंवा कढईत किंवा गंगाळात तो काटा घुसवत असे आणि तो काटा जे सर्व धरून काढी, ते याजक आपणासाठी घेई. जे इस्राएली लोक शिलो येथे येत त्या सर्वांना ते तसेच करत असत
15 ଆହୁରି ମେଦ ଦଗ୍ଧ କରିବା ପୂର୍ବରୁ ଯାଜକର ଦାସ ବଳିଦାନକାରୀ ଲୋକ ନିକଟକୁ ଆସି କହେ, “ଯାଜକ ପାଇଁ ମାଂସ ଦିଅ; କାରଣ ସେ ତୁମ୍ଭଠାରୁ ସିଦ୍ଧ ମାଂସ ନେବେ ନାହିଁ, କଞ୍ଚା ନେବେ।”
१५त्यांनी चरबी जाळण्याच्या आधीच याजकाचा चाकर येऊन यज्ञ करणाऱ्याला म्हणत असे की, “याजकासाठी मांस भाजण्यास दे कारण तो तुझ्यापासून शिजलेले मांस घेणार नाही तर फक्त कच्चे घेईल.”
16 ଏଥିରେ ଯେବେ ସେ ଲୋକ ତାହାକୁ କହେ, “ମେଦ ଏହିକ୍ଷଣି ଦଗ୍ଧ ହେବ, ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରାଣ ଯେତେ ଚାହେଁ ସେତେ ନିଅ;” ତେବେ ସେ ଉତ୍ତର କରେ, “ନାହିଁ, ମାତ୍ର ଏହିକ୍ଷଣି ତାହା ମୋତେ ଦେବାକୁ ହେବ; ତୁମ୍ଭେ ନ ଦେଲେ ତାହା ବଳରେ ନେବି।”
१६जर त्या मनुष्याने त्यास असे म्हटले की, “अगोदर ते चरबी जाळतील मगच तुला पाहिजे तेवढे तू घे” तर तो म्हणे असे नाही, “पण तू आताच दे नाही तर मी ते बळजबरीने घेईन.”
17 ଏରୂପେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସାକ୍ଷାତରେ ସେହି ଯୁବା ଲୋକଙ୍କର ପାପ ଅତି ଭାରୀ ହେଲା; କାରଣ ସେହି ଲୋକମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନୈବେଦ୍ୟ ତୁଚ୍ଛଜ୍ଞାନ କଲେ।
१७हे त्या तरुणाचे पाप परमेश्वराच्यासमोर फार मोठे होते कारण त्यामुळे देवासाठी अर्पण आणण्याचा लोकांस तिरस्कार वाटू लागला.
18 ସେସମୟରେ ଶାମୁୟେଲ ବାଳକ ଶୁକ୍ଳ ଏଫୋଦ ପିନ୍ଧି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ପରିଚର୍ଯ୍ୟା କଲେ।
१८परंतु शमुवेल बाळ तर तागाचे वस्त्र एफोद घालून देवाची सेवा करीत होता.
19 ଆହୁରି ତାଙ୍କର ମାତା ପ୍ରତି ବର୍ଷ ଆପଣା ସ୍ୱାମୀ ସଙ୍ଗେ ବାର୍ଷିକ ବଳି ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବାକୁ ଆସିବା ବେଳେ ତାଙ୍କ ପାଇଁ ଗୋଟିଏ ସାନ ଚୋଗା ବନାଇ ତାଙ୍କ କତିକି ଆଣିଥାଏ।
१९त्याची आई त्याच्यासाठी लहान अंगरखा करीत असे आणि प्रत्येक वर्षी आपल्या पतीबरोबर वार्षिक यज्ञ करावयास येई त्यावेळी त्यास तो देत असे.
20 ପୁଣି, ଏଲି ଇଲ୍କାନାକୁ ଓ ତାହାର ଭାର୍ଯ୍ୟାକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରି କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟରେ ଯାହା ନିବେଦିତ ହୋଇଅଛି, ସେହି ନିବେଦନ ସକାଶୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି ସ୍ତ୍ରୀଠାରୁ ତୁମ୍ଭକୁ ସନ୍ତାନ ଦେଉନ୍ତୁ।”
२०एलकानाला व त्याच्या पत्नीला एली आशीर्वाद देऊन म्हणत, “असे या पत्नीपासून परमेश्वर तुला संतान देवो” कारण जे तिने देवाकडे विनंती करून मागितले त्यास परत दिले मग ते आपल्या घरी जात असत.
21 ଏଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ଆପଣା ଗୃହକୁ ଫେରିଗଲେ। ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ହାନ୍ନାର ତତ୍ତ୍ୱାବଧାରଣ କଲେ ଓ ସେ ଗର୍ଭଧାରଣ କରି ତିନି ପୁତ୍ର ଓ ଦୁଇ କନ୍ୟା ପ୍ରସବ କଲେ। ଏଥିମଧ୍ୟରେ ଶାମୁୟେଲ ବାଳକ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସାକ୍ଷାତରେ ବଢ଼ିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
२१आणि परमेश्वराने हन्नेला पुन्हा मदत केली ती गरोदर झाली. तिने तीन मुलांना व दोन मुलींना जन्म दिला दरम्यानच्या काळात शमुवेल बाळ परमेश्वरासमोर वाढत गेला.
22 ଏଲି ଅତି ବୃଦ୍ଧ ହେଲେ; ପୁଣି, ତାଙ୍କର ପୁତ୍ରମାନେ ସମୁଦାୟ ଇସ୍ରାଏଲ ପ୍ରତି ଯାହା ଯାହା କଲେ ଓ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁ ଦ୍ୱାର ନିକଟରେ ସେବାକାରିଣୀ ସ୍ତ୍ରୀଗଣ ସହିତ କିପରି ଶୟନ କଲେ, ଏସବୁ କଥା ସେ ଶୁଣିଲେ।
२२आता एली फार म्हातारा झाला होता आणि आपले पुत्र सर्व इस्राएलाशी कसे वागले आणि दर्शनमंडपाच्या प्रवेशदाराजवळ ज्या स्त्रिया सेवा करीत त्यांच्यापाशी ते कसे निजले हे सर्व त्याने ऐकले.
23 ତହୁଁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ କାହିଁକି ଏପରି କଥା କରୁଅଛ? କାରଣ ମୁଁ ଏହି ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କଠାରୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ବିଷୟରେ ନାନା ମନ୍ଦ କଥା ଶୁଣୁଅଛି।
२३तेव्हा तो त्यांना म्हणाला, “तुम्ही अशी कृत्ये का करता? कारण तुमची वाईट कृत्ये या सर्व लोकांपासून मी ऐकली आहेत.
24 ନାହିଁ, ନାହିଁ, ମୋହର ପୁତ୍ରମାନେ, ମୁଁ ଯେଉଁ ଜନରବ ଶୁଣୁଅଛି, ତାହା ଭଲ ନୁହେଁ; ତୁମ୍ଭେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଆଜ୍ଞାଲଙ୍ଘନ କରାଉଅଛ।
२४माझ्या मुलांनो असे करू, नका कारण जी बातमी मी ऐकतो ती चांगली नाही; तुम्ही परमेश्वराच्या लोकांस आज्ञाभंग करायला लावता.
25 ମନୁଷ୍ୟ ଯଦି ମନୁଷ୍ୟ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରେ, ତେବେ ପରମେଶ୍ୱର ତାହାର ବିଚାର କରିବେ; ମାତ୍ର ମନୁଷ୍ୟ ଯଦି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରେ, ତେବେ କିଏ ତାହା ପକ୍ଷରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରିବ?” ତଥାପି ସେମାନେ ଆପଣା ପିତାଙ୍କ ରବ ଶୁଣିଲେ ନାହିଁ, କାରଣ ସେମାନଙ୍କୁ ବଧ କରିବାକୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ଇଚ୍ଛା ଥିଲା।
२५जर कोणी एक पुरुष दुसऱ्याविरूद्ध पाप करील तर परमेश्वर त्याचा न्याय करील. पण जर पुरुष परमेश्वराच्या विरूद्ध पाप करील तर त्यासाठी कोण मध्यस्थी करेल?” पण ते आपल्या बापाचे शब्द ऐकेनात कारण त्यांना जिवे मारावे असा देवाचा हेतू होता.
26 ମାତ୍ର ବାଳକ ଶାମୁୟେଲ କ୍ରମେ କ୍ରମେ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଲେ, ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ଓ ମଧ୍ୟ ମନୁଷ୍ୟର ସାକ୍ଷାତରେ ଅନୁଗ୍ରହପ୍ରାପ୍ତ ହେଲେ।
२६शमुवेल बाळ हा मोठा झाला आणि परमेश्वराच्या व मनुष्याच्या कृपेत वाढत गेला.
27 ଏଥିଉତ୍ତାରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କର ଏକ ଲୋକ ଏଲିଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି ତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ‘ଯେଉଁ ସମୟରେ ତୁମ୍ଭ ପିତୃଗୃହ ମିସରରେ ଫାରୋର ଦାସତ୍ୱରେ ଥିଲେ, ସେସମୟରେ ଆମ୍ଭେ କି ପ୍ରତ୍ୟକ୍ଷ ରୂପେ ସେମାନଙ୍କୁ ଦର୍ଶନ ଦେଇ ନାହୁଁ
२७आता देवाचा एक पुरुष एलीकडे येऊन त्यास म्हणाला, “परमेश्वर असे म्हणतो, तुझ्या पूर्वजांचे घराणे मिसरात फारोच्या दास्यात राहत असता मी त्यास प्रगट झालो नाही काय?
28 ଓ ଆମ୍ଭେ କି ଆମ୍ଭ ବେଦି ଉପରକୁ ଯିବାକୁ ଓ ଧୂପ ଜ୍ୱଳାଇବାକୁ ଓ ଆମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରେ ଏଫୋଦ ପରିଧାନ କରିବାକୁ ସମଗ୍ର ଇସ୍ରାଏଲ ଗୋଷ୍ଠୀ ମଧ୍ୟରୁ ତାହାକୁ ଯାଜକ ହେବା ପାଇଁ ମନୋନୀତ କରି ନାହୁଁ? ଆହୁରି, ଆମ୍ଭେ କି ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣର ଅଗ୍ନିକୃତ ସମସ୍ତ ଉପହାର ତୁମ୍ଭ ପିତୃଗୃହକୁ ଦେଇ ନାହୁଁ?
२८आणि त्याने माझा याजक व्हावे माझ्या वेदीकडे धूप जाळायला वरती जावे माझ्यासमोर एफोद धारण करावे म्हणून मी त्यास सर्व इस्राएलाच्या वंशातून निवडून काढले नाही काय? आणि इस्राएलाच्या लोकांनी अग्नीतून केलेली सर्व अर्पणे मी तुझ्या पूर्वजांच्या घराण्याला दिली नाहीत काय?
29 ତେବେ ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ଆବାସରେ ଯେ ଯେ ବଳି ଓ ନୈବେଦ୍ୟ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବାକୁ ଆଜ୍ଞା ଦେଇଅଛୁ, ତୁମ୍ଭେମାନେ କାହିଁକି ତହିଁରେ ପଦାଘାତ କରୁଅଛ? ପୁଣି, ଆମ୍ଭ ଲୋକ ଇସ୍ରାଏଲର ସର୍ବୋତ୍ତମ ସମସ୍ତ ନୈବେଦ୍ୟରେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ହୃଷ୍ଟପୁଷ୍ଟ କରିବା ନିମନ୍ତେ ଆମ୍ଭ ଅପେକ୍ଷା ଆପଣା ପୁତ୍ରମାନଙ୍କର ଅଧିକ ଗୌରବ କରୁଅଛ?’
२९तर तुम्ही जो माझा यज्ञ व जे माझे अर्पण मी जिथे राहतो तिथे आज्ञापिले आहे, त्यांना तुम्ही का लाथ मारता? आणि माझे लोक इस्राएलांच्या सर्व अर्पणातील जी उत्तम त्यांकडून आपणाला पुष्ट करण्यास माझ्यांपेक्षा आपल्या मुलांचा तू का अधिक आदर करतोस?
30 ଏଣୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର କହନ୍ତି, ‘ତୁମ୍ଭ ଗୃହ ଓ ତୁମ୍ଭ ପିତୃଗୃହ ଆମ୍ଭ ସମ୍ମୁଖରେ ଅନନ୍ତକାଳ ଗମନାଗମନ କରିବେ ବୋଲି ଆମ୍ଭେ କହିଥିଲୁ ପ୍ରମାଣ,’ ମାତ୍ର ଏବେ ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ‘ତାହା ଆମ୍ଭଠାରୁ ଦୂର ହେଉ; କାରଣ ଯେଉଁମାନେ ଆମ୍ଭର ଗୌରବ କରନ୍ତି, ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କର ଗୌରବ କରିବା, ମାତ୍ର ଯେଉଁମାନେ ଆମ୍ଭକୁ ତୁଚ୍ଛଜ୍ଞାନ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ଲଘୁ ଜ୍ଞାନ କରାଯିବେ।
३०यामुळे इस्राएलांचा परमेश्वर म्हणतो, की तुझे घराणे व तुझ्या बापाचे घराणे माझ्यासमोर निरंतर चालेल असे मी म्हटले खरे; परंतु आता परमेश्वर असे म्हणतो, ही गोष्ट माझ्यापासून दूर होवो कारण जे माझा आदर करतात त्यांचा आदर मी करीन आणि जे मला तिरस्कार करतात त्यांचा अवमान होईल.
31 ଦେଖ, ଯେଉଁ ଦିନ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭର ବାହୁ ଓ ତୁମ୍ଭ ପିତୃଗୃହର ବାହୁ କାଟି ପକାଇବା, ଏପରି ଦିନ ଆସୁଅଛି, ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭ ଗୃହରେ ଜଣେ ବୃଦ୍ଧ ଲୋକ ରହିବ ନାହିଁ।
३१पाहा असे दिवस येत आहे की, ज्यात मी तुझे सामर्थ्य व तुझ्या वडिलाच्या घराण्याचे सामर्थ्य कापून टाकीन आणि तुझ्या घराण्यात कोणी म्हातारा होणार नाही.
32 ପୁଣି, ପରମେଶ୍ୱର ଇସ୍ରାଏଲକୁ ଯେ ଯେ ମଙ୍ଗଳ ପ୍ରଦାନ କରିବେ, ସେସବୁ ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ଆବାସରେ ବିପତ୍ତି ଦେଖିବ; ଆଉ ତୁମ୍ଭ ଗୃହରେ କେହି କଦାପି ବୃଦ୍ଧ ହେବ ନାହିଁ।
३२जरी इस्राएलाला जे सर्व चांगले दिले जाईल तरी जिथे मी राहतो त्या जागी दुःख पाहशील आणि तुझ्या घराण्यात सर्वकाळ कधी कोणी म्हातारा होणार नाही.
33 ଆଉ ତୁମ୍ଭର ଯେଉଁ ଲୋକକୁ ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ଯଜ୍ଞବେଦିରୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ ନ କରିବା, ସେ ତୁମ୍ଭ ଚକ୍ଷୁର କ୍ଷୟ ଓ ତୁମ୍ଭ ହୃଦୟର ଶୋକ ଜନ୍ମାଇବାକୁ ରହିବ; ପୁଣି, ତୁମ୍ଭ ବଂଶଜାତ ସମସ୍ତେ ଯୌବନାବସ୍ଥାରେ ମରିବେ।
३३आणि तुझा जो पुरुष मी आपल्या वेदीपासून काढून टाकणार नाही, त्यास जिवंत राखले जाईल यासाठी की, तो तुझे डोळे क्षीण करणारा व तुझ्या मनाला खेद देणारा होईल. आणि तुझ्या घराण्याची सर्व संतती ऐन तरुणपणात मरेल.
34 ପୁଣି, ତୁମ୍ଭର ଦୁଇ ପୁତ୍ର ହଫ୍ନି ଓ ପୀନହସ୍ ପ୍ରତି ଯାହା ଘଟିବ, ତାହା ତୁମ୍ଭ ପାଇଁ ଚିହ୍ନସ୍ୱରୂପ ହେବ; ସେ ଦୁହେଁ ଏକ ଦିନରେ ମରିବେ।
३४आणि तुझे दोघे पुत्र हफनी व फिनहास यांच्यावर जे येईल तेच तुला चिन्ह होईल; ते दोघेही एकाच दिवशी मरतील.
35 ପୁଣି, ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ନିମନ୍ତେ ଏକ ବିଶ୍ୱସ୍ତ ଯାଜକ ଉତ୍ପନ୍ନ କରିବା, ସେ ଆମ୍ଭ ମନ ଓ ଆମ୍ଭ ହୃଦୟ ଅନୁସାରେ କର୍ମ କରିବ; ଆଉ ଆମ୍ଭେ ତାହାର ବଂଶ ସ୍ଥିର କରିବା; ପୁଣି, ସେ ଆମ୍ଭ ଅଭିଷିକ୍ତଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ସର୍ବଦା ଗମନାଗମନ କରିବ।
३५मी आपणासाठी विश्वासू याजक उभा करीन; तो माझ्या मनात व माझ्या मनांत जे आहे त्याप्रमाणे करील. मी त्याचे घराणे निश्चित स्थापीन; आणि तो माझ्या अभिषिक्त राजासमोर निरंतर चालेल.
36 ଆଉ, ତୁମ୍ଭ ବଂଶର ଅବଶିଷ୍ଟ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜଣ ଏକ ରୂପା ମୁଦ୍ରା ଓ ଏକ ରୁଟି ପାଇଁ ତାହା ପାଖକୁ ଆସି ପ୍ରଣାମ କରି କହିବେ, ବିନୟ କରୁଅଛି, ମୁଁ ଯେପରି ଖଣ୍ଡେ ରୁଟି ଖାଇବାକୁ ପାଇବି, ଏଥିପାଇଁ କୌଣସି ଯାଜକତ୍ୱ ପଦରେ ମୋତେ ରଖ।’”
३६असे होईल की तुझ्या घराण्यातील प्रत्येक जण जो कोणी राहिलेला आहे तो येऊन रुप्याच्या तुकड्यासाठी व भाकरीच्या तुकड्यासाठी त्याच्यापुढे नमन करील आणि म्हणेल की, मी तुला विनंती करतो मला भाकरीचा तुकडा खाण्यास मिळावा म्हणून मला याजकपदातले एखादे काम दे.”