< Salomos Høisang 6 >

1 «Kvar helst er han gjengen, din ven, du fagraste dros? Kvar helst hev din ven svive av, so me kann leita med deg?»
स्त्रियों में परम सुंदरी, कहां चला गया है तुम्हारा प्रेमी? किस मोड़ पर बढ़ गया है वह, हमें बताओ कि हम भी तुम्हारे साथ उसे खोजें?
2 «Min ven gjekk til hagen sin ned, til balsam-sengjer, til å gjæta i hagom og liljor sanka.»
मेरा प्रेमी अपनी वाटिका में है, जहां बलसान की क्यारियां हैं. कि वह वहां अपनी भेड़-बकरियों को चराए, कि वहां वह सोसन के फूल इकट्ठा करे.
3 «Min ven er min og eg er hans, han som gjæter millom liljor.»
मैं अपने प्रेमी की हो चुकी हूं तथा वह मेरा; वही, जो अपनी भेड़-बकरियों को सोसन के फूलों के बीच में चरा रहा है.
4 «Du er fager, du min hugnad, som Tirsa, som Jerusalem er du frid, som herfylgje ageleg.
मेरी प्रियतमा, तुम तो वैसी ही सुंदर हो, जैसी तिरज़ाह, वैसी ही रूपवान, जैसी येरूशलेम, वैसी ही प्रभावशाली, जैसी झंडा फहराती हुई सेना.
5 Snu augo dine ifrå meg, for dei magtstel meg. Ditt hår er ein geiteflokk likt, ned Gilead renn.
हटा लो मुझसे अपनी आंखें; क्योंकि उन्होंने मुझे व्याकुल कर दिया है. तुम्हारे बाल वैसे ही हैं, जैसे बकरियों का झुण्ड़, जो गिलआद से उतरा हुआ है.
6 Dine tenner ein flokk med sauer, komne upp or laug, med tvillingar alle, utan lamb er ingen.
तुम्हारे दांत अभी-अभी ऊन कतरे हुए भेड़ों के समान हैं, उन सभी के जुड़वां बच्‍चे होते हैं, तथा जिनमें से एक भी अकेला नहीं है.
7 Som eit granateple-brot din tinning glytter fram attum slør.
तुम्हारे गाल ओढ़नी से ढंके हुए अनार की दो फांक के समान हैं.
8 Seksti dronningar, åtteti fylgjekvende, av møyar ein endelaus lyd.
वहां रानियों की संख्या साठ है तथा उपपत्नियों की अस्सी, दासियां अनगिनत हैं,
9 Men ei einast’ mi duva, mi frægd, einaste barnet til mor, brikna hennar som henne åtte. Ho vert sælka av møyar, henne ser, av dronningar og fylgjekvende lova.»
किंतु मेरी कबूतरी, मेरी निर्मल सुंदरी, अनोखी है, अपनी माता की एकलौती संतान, अपनी जननी की दुलारी. जैसे ही दासियों ने उसे देखा, उसे धन्य कहा; रानियों तथा उपपत्नियों ने उसकी प्रशंसा की, उन्होंने कहा:
10 «Kven er ho som lik morgonroden gloser, som fullmånen fager, brikjeleg som sol, som herfylgje ageleg?»
कौन है यह, जो भोर के समान उद्भूत हो रही है, पूरे चांद के समान सुंदर, सूर्य के समान निर्मल, वैसी ही प्रभावशाली, जैसे झंडा फहराती हुई सेना?
11 «Eg gjekk ned i natahagen, vilde sjå kor det grønkast i dale, vilde sjå um vintreet spratt, um granateple-treet bar blom.
मैं अखरोट के बगीचे में गयी कि घाटी में खिले फूलों को देखूं, कि यह पता करूं कि दाखलता में कलियां लगी हैं या नहीं. अनार के पेड़ों में फूल आए हैं या नहीं.
12 Eg visste’kje av, fyrr hugen meg drog og meg sette på mitt gjæve folks vogn.»
इसके पहले कि मैं कुछ समझ पाती, मेरी इच्छाओं ने मुझे मेरे राजकुमार के रथों पर पहुंचा दिया.
13 «Å, snu deg, snu deg, Sulammit! Snu deg, snu deg, so me deg ser.» «Kva er det å sjå på Sulammit?» «Ein dans som i Mahanajim.»
लौट आओ, शुलामी, लौट आओ; लौट आओ, लौट आओ, कि हम तुम्हें देख सकें! नायक तुम लोग शुलामी को क्यों देखोगे, मानो यह कोई दो समूहों का नृत्य है?

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