< Salmenes 109 >
1 Til songmeisteren; av David, ein salme. Min lovsongs Gud, teg ikkje!
१प्रधान बजानेवाले के लिये दाऊद का भजन हे परमेश्वर तू, जिसकी मैं स्तुति करता हूँ, चुप न रह!
2 For dei hev late upp sin ugudlege og falske munn imot meg, dei hev tala imot meg med ljugartunga.
२क्योंकि दुष्ट और कपटी मनुष्यों ने मेरे विरुद्ध मुँह खोला है, वे मेरे विषय में झूठ बोलते हैं।
3 Med hatfulle ord hev dei kringsett meg og ført strid imot meg utan årsak.
३उन्होंने बैर के वचनों से मुझे चारों ओर घेर लिया है, और व्यर्थ मुझसे लड़ते हैं।
4 Til løn for min kjærleik stod dei imot meg, endå eg berre bed,
४मेरे प्रेम के बदले में वे मेरी चुगली करते हैं, परन्तु मैं तो प्रार्थना में लौलीन रहता हूँ।
5 dei hev lagt vondt yver meg til løn for godt og hat til løn for min kjærleik.
५उन्होंने भलाई के बदले में मुझसे बुराई की और मेरे प्रेम के बदले मुझसे बैर किया है।
6 Set ein ugudleg yver honom, og lat ein klagar standa ved hans høgre hand!
६तू उसको किसी दुष्ट के अधिकार में रख, और कोई विरोधी उसकी दाहिनी ओर खड़ा रहे।
7 Når han vert dømd, lat honom ganga skuldig ut, og lat hans bøn verta til synd!
७जब उसका न्याय किया जाए, तब वह दोषी निकले, और उसकी प्रार्थना पाप गिनी जाए!
8 Lat hans dagar verta få, lat ein annan få hans embætte!
८उसके दिन थोड़े हों, और उसके पद को दूसरा ले!
9 Lat hans born verta farlause og kona hans enkja!
९उसके बच्चे अनाथ हो जाएँ, और उसकी स्त्री विधवा हो जाए!
10 Lat hans born flakka ikring og beda seg, lat deim ganga som tiggarar frå sin øydelagde heim!
१०और उसके बच्चे मारे-मारे फिरें, और भीख माँगा करे; उनको अपने उजड़े हुए घर से दूर जाकर टुकड़े माँगना पड़े!
11 Lat okerkallen leggja snara um all hans eigedom, og framande plundra hans avling!
११महाजन फंदा लगाकर, उसका सर्वस्व ले ले; और परदेशी उसकी कमाई को लूट लें!
12 Lat ingen finnast som hyser miskunn imot honom, og ingen som ynkast yver hans farlause born!
१२कोई न हो जो उस पर करुणा करता रहे, और उसके अनाथ बालकों पर कोई तरस न खाए!
13 Lat hans etterkomarar ganga til grunnar og deira namn verta utstroke i næste ættled!
१३उसका वंश नाश हो जाए, दूसरी पीढ़ी में उसका नाम मिट जाए!
14 Hans fedra skuld vere i minne hjå Herren, og syndi åt mor hans verte ikkje utstroki!
१४उसके पितरों का अधर्म यहोवा को स्मरण रहे, और उसकी माता का पाप न मिटे!
15 Dei vere alltid for Herrens åsyn, og han rydje deira minne ut av jordi,
१५वह निरन्तर यहोवा के सम्मुख रहे, वह उनका नाम पृथ्वी पर से मिटे!
16 av di han ikkje kom i hug å gjera miskunn, men forfylgde ein arm og fatig mann, og ein hjarteskræmd og vilde drepa honom.
१६क्योंकि वह दुष्ट, करुणा करना भूल गया वरन् दीन और दरिद्र को सताता था और मार डालने की इच्छा से खेदित मनवालों के पीछे पड़ा रहता था।
17 Han elska forbanning, og denne kom yver honom, han lika ikkje velsigning, og denne kom langt burt frå honom.
१७वह श्राप देने से प्रीति रखता था, और श्राप उस पर आ पड़ा; वह आशीर्वाद देने से प्रसन्न न होता था, इसलिए आशीर्वाद उससे दूर रहा।
18 Han klædde seg i forbanning som sitt klædeplagg, og ho trengde som vatn inn i hans liv, og som olje i hans bein.
१८वह श्राप देना वस्त्र के समान पहनता था, और वह उसके पेट में जल के समान और उसकी हड्डियों में तेल के समान समा गया।
19 Lat henne verta honom til ei kåpa som han sveiper seg i, og til eit belte som han alltid bind um seg!
१९वह उसके लिये ओढ़ने का काम दे, और फेंटे के समान उसकी कमर में नित्य कसा रहे।
20 Dette vere løni frå Herren åt mine motstandarar, og åt deim som talar vondt imot mi sjæl!
२०यहोवा की ओर से मेरे विरोधियों को, और मेरे विरुद्ध बुरा कहनेवालों को यही बदला मिले!
21 Og du, Herre, Herre, gjer vel imot meg for ditt namn skuld, etter som di miskunn er god, so berga meg!
२१परन्तु हे यहोवा प्रभु, तू अपने नाम के निमित्त मुझसे बर्ताव कर; तेरी करुणा तो बड़ी है, इसलिए तू मुझे छुटकारा दे!
22 For arm og fatig er eg, og mitt hjarta er gjenomstunge i meg.
२२क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूँ, और मेरा हृदय घायल हुआ है।
23 Som ein skugge når han lengjest, kverv eg burt, eg vert jaga burt som ein grashopp.
२३मैं ढलती हुई छाया के समान जाता रहा हूँ; मैं टिड्डी के समान उड़ा दिया गया हूँ।
24 Mine kne er ustøde av fasta, og holdet mitt misser feita.
२४उपवास करते-करते मेरे घुटने निर्बल हो गए; और मुझ में चर्बी न रहने से मैं सूख गया हूँ।
25 Og eg hev vorte til spott for deim; når dei ser meg, rister dei på hovudet.
२५मेरी तो उन लोगों से नामधराई होती है; जब वे मुझे देखते, तब सिर हिलाते हैं।
26 Hjelp meg, Herre min Gud, frels meg etter di miskunn!
२६हे मेरे परमेश्वर यहोवा, मेरी सहायता कर! अपनी करुणा के अनुसार मेरा उद्धार कर!
27 so dei må kjenna, at dette er di hand, at du, Herre, hev gjort det.
२७जिससे वे जाने कि यह तेरा काम है, और हे यहोवा, तूने ही यह किया है!
28 Dei forbannar, men du velsignar, dei stend upp, men vert skjemde, og din tenar gled seg.
२८वे मुझे कोसते तो रहें, परन्तु तू आशीष दे! वे तो उठते ही लज्जित हों, परन्तु तेरा दास आनन्दित हो!
29 Mine motstandarar skal klæda seg i skjemsla og sveipa seg i si skam som i ei kåpa.
२९मेरे विरोधियों को अनादररूपी वस्त्र पहनाया जाए, और वे अपनी लज्जा को कम्बल के समान ओढ़ें!
30 Eg vil takka Herren storleg med min munn, og midt imillom mange vil eg lova honom.
३०मैं यहोवा का बहुत धन्यवाद करूँगा, और बहुत लोगों के बीच में उसकी स्तुति करूँगा।
31 For han stend på høgre sida åt den fatige til å frelsa honom frå deim som dømer hans sjæl.
३१क्योंकि वह दरिद्र की दाहिनी ओर खड़ा रहेगा, कि उसको प्राणदण्ड देनेवालों से बचाए।