< Salmenes 137 >
1 Ved Babylons elver, der satt vi og gråt når vi kom Sion i hu.
हम बाबुल की नदियों पर बैठे, और सिय्यून को याद करके रोए।
2 På vidjene der hengte vi våre harper;
वहाँ बेद के दरख़्तों पर उनके वस्त में, हम ने अपने सितारों को टाँग दिया।
3 for der krevde våre fangevoktere sanger av oss, våre plagere at vi skulde være glade: Syng for oss av Sions sanger!
क्यूँकि वहाँ हम को ग़ुलाम करने वालों ने हम्द गाने का हुक्म दिया, और तबाह करने वालों ने खु़शी करने का, और कहा, “सिय्यून के हम्दों में से हमको कोई हम्द सुनाओ!”
4 Hvorledes skulde vi synge Herrens sang på fremmed jord?
हम परदेस में, ख़ुदावन्द का हम्द कैसे गाएँ?
5 Glemmer jeg dig, Jerusalem, da glemme mig min høire hånd!
ऐ येरूशलेम! अगर मैं तुझे भूलूँ, तो मेरा दहना हाथ अपना हुनर भूल जाए।
6 Min tunge henge fast ved min gane om jeg ikke kommer dig i hu, om jeg ikke setter Jerusalem over min høieste glede!
अगर मैं तुझे याद न रख्खूँ, अगर मैं येरूशलेम को, अपनी बड़ी से बड़ी ख़ुशी पर तरजीह न दूँ मेरी ज़बान मेरे तालू से चिपक जाए!
7 Kom Jerusalems dag i hu, Herre, så du straffer Edoms barn, dem som sa: Riv ned, riv ned, like til grunnen i den!
ऐ ख़ुदावन्द! येरूशलेम के दिन को, बनी अदोम के ख़िलाफ़ याद कर, जो कहते थे, “इसे ढा दो, इसे बुनियाद तक ढा दो!”
8 Babels datter, du ødelagte! Lykksalig er den som gir dig gjengjeld for den gjerning du gjorde mot oss.
ऐ बाबुल की बेटी! जो हलाक होने वाली है, वह मुबारक होगा, जो तुझे उस सुलूक का, जो तूने हम से किया बदला दे।
9 Lykksalig er den som griper og knuser dine spede barn imot klippen.
वह मुबारक होगा, जो तेरे बच्चों को लेकर, चट्टान पर पटक दे!