< Nahum 1 >
1 Dette er et utsagn om Ninive - en bok om elkositten Nahums syn.
१नीनवे के विषय में भारी वचन। एल्कोशवासी नहूम के दर्शन की पुस्तक।
2 En nidkjær og hevnende Gud er Herren, en hevner er Herren og full av harme; en hevner er Herren mot sine motstandere og en som gjemmer på vrede mot sine fiender.
२यहोवा जलन रखनेवाला और बदला लेनेवाला परमेश्वर है; यहोवा बदला लेनेवाला और जलजलाहट करनेवाला है; यहोवा अपने द्रोहियों से बदला लेता है, और अपने शत्रुओं का पाप नहीं भूलता।
3 Herren er langmodig, men han er stor i kraft, og ustraffet lar han aldri den skyldige være. I hvirvelvind og storm har Herren sin vei, og skyer er støvet under hans føtter.
३यहोवा विलम्ब से क्रोध करनेवाला और बड़ा शक्तिमान है; वह दोषी को किसी प्रकार निर्दोष न ठहराएगा। यहोवा बवंडर और आँधी में होकर चलता है, और बादल उसके पाँवों की धूल हैं।
4 Han truer havet og tørker det ut, og alle elvene gjør han tørre; Basan visner og Karmel, og Libanons blomst visner bort.
४उसके घुड़कने से महानद सूख जाते हैं, वह सब नदियों को सूखा देता है; बाशान और कर्मेल कुम्हलाते और लबानोन की हरियाली जाती रहती है।
5 Fjellene skjelver for ham, og haugene smelter, og jorden hever sig for hans åsyn, jorderike og alle som bor der.
५उसके स्पर्श से पहाड़ काँप उठते हैं और पहाड़ियाँ गल जाती हैं; उसके प्रताप से पृथ्वी वरन् सारा संसार अपने सब रहनेवालों समेत थरथरा उठता है।
6 Hvem holder stand for hans harme, og hvem utholder hans brennende vrede? Hans harme strømmer frem som ild, og fjellene styrter sammen for ham.
६उसके क्रोध का सामना कौन कर सकता है? और जब उसका क्रोध भड़कता है, तब कौन ठहर सकता है? उसकी जलजलाहट आग के समान भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्ति से फट फटकर गिरती हैं।
7 Herren er god, et vern på trengselens dag, og han kjenner dem som tar sin tilflukt til ham.
७यहोवा भला है; संकट के दिन में वह दृढ़ गढ़ ठहरता है, और अपने शरणागतों की सुधि रखता है।
8 Men med en overskyllende flom skal han tilintetgjøre grunnen det står på, og mørket skal forfølge hans fiender.
८परन्तु वह उमड़ती हुई धारा से उसके स्थान का अन्त कर देगा, और अपने शत्रुओं को खदेड़कर अंधकार में भगा देगा।
9 Hvad er det I tenker ut mot Herren? Han skal gjøre ende på eder; trengselen skal ikke komme to ganger.
९तुम यहोवा के विरुद्ध क्या कल्पना कर रहे हो? वह तुम्हारा अन्त कर देगा; विपत्ति दूसरी बार पड़ने न पाएगी।
10 For er de enn så sammenflettet som torner og så fulle som deres fullskap kan gjøre dem, så blir de like fullt aldeles fortært som tørr halm.
१०क्योंकि चाहे वे काँटों से उलझे हुए हों, और मदिरा के नशे में चूर भी हों, तो भी वे सूखी खूँटी की समान भस्म किए जाएँगे।
11 Fra dig gikk det ut en som tenkte ut ondt mot Herren, som la op ugudelige råd.
११तुझ में से एक निकला है, जो यहोवा के विरुद्ध कल्पना करता और नीचता की युक्ति बाँधता है।
12 Så sier Herren: Er de enn i full kraft og mange i tall, skal de allikevel bli nedmeiet som de er, og borte er de. Har jeg plaget dig, så vil jeg ikke plage dig mere;
१२यहोवा यह कहता है, “चाहे वे सब प्रकार से सामर्थी हों, और बहुत भी हों, तो भी पूरी रीति से काटे जाएँगे और शून्य हो जाएँगे। मैंने तुझे दुःख दिया है, परन्तु फिर न दूँगा।
13 men nu vil jeg bryte det åk han la på dig, og sønderrive dine bånd.
१३क्योंकि अब मैं उसका जूआ तेरी गर्दन पर से उतारकर तोड़ डालूँगा, और तेरा बन्धन फाड़ डालूँगा।”
14 Men om dig byder Herren så: Det skal ikke mere fødes nogen som bærer ditt navn; av din guds hus vil jeg utrydde både utskårne og støpte billeder; jeg vil gjøre i stand en grav for dig, for du er funnet for lett.
१४यहोवा ने तेरे विषय में यह आज्ञा दी है “आगे को तेरा वंश न चले; मैं तेरे देवालयों में से ढली और गढ़ी हुई मूरतों को काट डालूँगा, मैं तेरे लिये कब्र खोदूँगा, क्योंकि तू नीच है।”
15 Se der på fjellene dens føtter som kommer med godt budskap - som forkynner fred! Hold dine høitider, Juda, opfyll dine løfter! For de ugudelige skal ikke mere trenge inn i ditt land, de er alle utryddet.
१५देखो, पहाड़ों पर शुभ समाचार का सुनानेवाला और शान्ति का प्रचार करनेवाला आ रहा है! अब हे यहूदा, अपने पर्व मान, और अपनी मन्नतें पूरी कर, क्योंकि वह दुष्ट फिर कभी तेरे बीच में होकर न चलेगा, वह पूरी रीति से नष्ट हुआ है।