< Esaias 27 >
1 På den tid skal Herren med sitt sverd, det hårde og store og sterke, hjemsøke Leviatan, den lettfarende drage, og Leviatan, den buktede drage, og han skal drepe uhyret som er i havet.
उस दिन, याहवेह अपनी बड़ी और भयानक तलवार से, टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान को दंड दिया करेंगे, टेढ़े चलनेवाले सांप लिवयाथान; वह उसको मार देंगे जो समुद्र में रहता है.
2 På den tid skal de synge: Der er en edel vingård; syng om den!
उस दिन— “आप दाख की बारी के विषय में एक गीत गाओगे:
3 Jeg, Herren, er dens vokter, hvert øieblikk vanner jeg den; forat ikke nogen skal hjemsøke den, vokter jeg den dag og natt.
मैं, याहवेह इसका रक्षक हूं; हर क्षण मैं इसकी सिंचाई करता हूं. मैं दिन-रात इसका पहरा देता हूं कि कोई इसको नुकसान न पहुंचाएं.
4 Vrede har jeg ikke mot den. Hadde jeg torner og tistler mot mig i krig, da vilde jeg gå løs på dem og brenne dem op alle sammen,
मैं कठोर नहीं हूं. किंतु यदि कंटीले झाड़ मेरे विरुद्ध खड़े होंगे! तो मैं उन्हें पूर्णतः भस्म कर दूंगा.
5 dersom de da ikke skulde søke vern hos mig, gjøre fred med mig, ja, gjøre fred med mig.
या मेरे साथ मिलकर मेरी शरण में आना चाहे तो वे मेरे पास आए.”
6 I de kommende dager skal Jakob skyte røtter, Israel blomstre og få skudd, og de skal fylle jorderike med frukt.
उस दिन याकोब अपनी जड़ मजबूत करेगा, इस्राएल और पूरा संसार इसके फल से भर जाएगा.
7 Har vel Herren slått Israel så hårdt som han slo den som slo ham? Eller blev han drept således som hans fiender blev drept?
क्या याहवेह ने उन पर वैसा ही आक्रमण किया है, जैसा उनके मारने वालों पर आक्रमण करता है? या उनका वध उस प्रकार कर दिया गया, जिस प्रकार उनके हत्यारों का वध किया गया था?
8 Med måte gikk du i rette med folket da du jaget det fra dig. Herren drev det bort med sitt hårde vær på østenvindens dag.
जब तूने उसे निकाला तब सोच समझकर उसे दुःख दिया, पूर्वी हवा के समय उसको आंधी से उड़ा दिया.
9 Derfor blir Jakobs misgjerning utsonet, og det at hans synd blir tatt bort, gir full frukt, når alle alterstener blir knust som kalkstener, og Astarte-billeder og solstøtter ikke reiser sig mere.
जब याकोब वेदियों के पत्थरों को चूर-चूर कर देगा, फिर न कोई अशेराह और न कोई धूप वेदी खड़ी रहेगी: तब इसके द्वारा याकोब का अपराध क्षमा किया जाएगा; यह उसके पापों का प्रायश्चित होगा.
10 For den faste by ligger forlatt, en folketom bolig, øde som ørkenen. Kalver beiter der; der hviler de og fortærer dens kvister;
क्योंकि नगर निर्जन हो गया है, घर मरुभूमि, छोड़ी हुई और बंजर भूमि समान कर दिया गया है; वहां बछड़े चरेंगे, और आराम करेंगे; और इसकी शाखाओं से भोजन करेंगे.
11 når dens grener blir tørre, brytes de av, kvinner kommer og gjør op ild med dem. For dette er ikke noget forstandig folk; derfor forbarmer dets skaper sig ikke over det, og han som dannet det, er ikke nådig mot det.
जब इसकी शाखाएं सूख जाएंगी, तब महिलाएं आकर इन्हें आग जलाने के लिए काम में लेंगी. क्योंकि ये निर्बुद्धि लोग हैं; इसलिये उनका सृष्टि करनेवाला उन पर अनुग्रह नहीं करेगा, जिन्होंने उन्हें सृजा, वे उन पर दया नहीं करेंगे.
12 Og det skal skje på den tid at Herren skal slå ned frukter like fra Storelven til Egyptens bekk, og I, Israels barn, I skal sankes op en for en.
उस दिन याहवेह फरात नदी से मिस्र की घाटी तक अपने अनाज को झाड़ेंगे और इस्राएल, तुम्हें एक-एक करके एकत्र किया जाएगा.
13 Og det skal skje på den tid at de skal støte i en stor basun, og da skal de komme de fortapte i Assurs land og de fordrevne i Egyptens land, og de skal tilbede Herren på det hellige berg i Jerusalem.
उस दिन नरसिंगा फूंका जाएगा. वे जो अश्शूर देश में नष्ट किए गए थे और वे जो मिस्र देश में तितर-बितर कर दिए गए थे, वे सब आएंगे और येरूशलेम में पवित्र पर्वत पर याहवेह की आराधना करेंगे.