< Esaias 12 >

1 På den tid skal du si: Jeg takker dig, Herre; for du var vred på mig, men din vrede hørte op, og du trøstet mig.
और उस वक़्त तू कहेगा, ऐ ख़ुदावन्द मैं तेरी तम्जीद करूँगा; कि अगरचे तू मुझ से नाख़ुश था, तोभी तेरा क़हर टल गया और तूने मुझे तसल्ली दी।
2 Se, Gud er min frelse, jeg er trygg og frykter ikke; for Herren, Israels Gud, er min styrke og lovsang, og han blev mig til frelse.
“देखो, ख़ुदा मेरी नजात है; मैं उस पर भरोसा करूँगा और न डरूँगा, क्यूँकि याह — यहोवाह मेरा ज़ोर और मेरा सरोद है और वह मेरी नजात हुआ है।”
3 Og I skal øse vann med glede av frelsens kilder.
फिर तुम ख़ुश होकर नजात के चश्मों से पानी भरोगे।
4 Og I skal si på den tid: Takk Herren, påkall hans navn, kunngjør hans gjerninger blandt folkene, forkynn at hans navn er ophøiet!
और उस वक़्त तुम कहोगे, ख़ुदावन्द की तम्जीद करो, उससे दू'आ करो लोगों के बीच उसके कामों का बयान करो, और कहो कि उसका नाम बुलन्द है।
5 Syng Herrens pris, for herlige ting har han gjort! La dette bli kunngjort over hele jorden!
“ख़ुदावन्द की मदह सराई करो; क्यूँकि उसने जलाली काम किये जिनको तमाम दुनिया जानती है।
6 Rop høit og juble, I Sions innbyggere! Stor er Israels Hellige midt iblandt eder!
ऐ सिय्यून की बसनेवाली, तू चिल्ला और ललकार; क्यूँकि तुझमें इस्राईल का क़ुद्दूस बुज़ुर्ग है।”

< Esaias 12 >