< Esekiel 33 >
1 Og Herrens ord kom til mig, og det lød så:
याहवेह का वचन मेरे पास आया:
2 Menneskesønn! Tal til ditt folks barn og si til dem: Når jeg lar sverdet komme over et land, og landets folk tar en mann av sin midte og setter ham til vekter for sig,
“मनुष्य के पुत्र, अपने लोगों से बात करो और उनसे कहो: ‘जब मैं किसी देश पर तलवार चलाता हूं, और उस देश के लोग अपने एक व्यक्ति को चुनकर उसे अपना पहरेदार बनाते हैं,
3 og han ser sverdet komme over landet og støter i basunen og advarer folket,
और वह देखता है कि देश के विरुद्ध तलवार चली आ रही है और वह तुरही फूंककर लोगों को चेतावनी देता है,
4 men den som hører basunens lyd, ikke lar sig advare, og sverdet kommer og tar ham bort, da skal hans blod komme over hans eget hode;
तब यदि कोई तुरही को सुनकर चेतावनी पर ध्यान नहीं देता है और तलवार आकर उनका प्राण ले लेती है, तो उसके खून का दोष उसी के सिर पर होगा.
5 han hørte basunens lyd, men lot sig ikke advare, hans blod skal komme over ham selv; men hadde han latt sig advare, så hadde han berget sitt liv.
जब उसने तुरही की आवाज सुनी परंतु उसने चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया, इसलिये उसके खून का दोष उसी के सिर पर होगा. यदि वह चेतावनी पर ध्यान दिया होता, तो वह अपना प्राण बचा लेता.
6 Men når vekteren ser sverdet komme og ikke støter i basunen, og folket ikke blir advart, og sverdet kommer og tar bort nogen av dem, da blir han tatt bort for sin misgjernings skyld, men hans blod vil jeg kreve av vekterens hånd.
पर यदि पहरेदार तलवार को आते हुए देखता है और लोगों को चेतावनी देने के लिये तुरही नहीं बजाता है और तलवार आकर किसी का प्राण ले लेती है, तो उसके पाप के कारण उस व्यक्ति का प्राण ले लिया जाएगा, पर मैं उसके खून के लिये उस पहरेदार को ज़िम्मेदार ठहराऊंगा.’
7 Og du menneskesønn! Til vekter har jeg satt dig for Israels hus, og når du hører et ord av min munn, skal du advare dem fra mig.
“हे मनुष्य के पुत्र, मैंने तुम्हें इस्राएल के लोगों के लिये एक पहरेदार ठहराया है; इसलिये जो बात मैं कहता हूं, उसे सुन और उन्हें मेरी ओर से चेतावनी दे.
8 Når jeg sier til den ugudelige: Du ugudelige, du skal visselig dø, og du ikke taler og advarer den ugudelige for hans ferd, da skal han, den ugudelige, dø for sin misgjernings skyld, men hans blod vil jeg kreve av din hånd.
जब मैं दुष्ट मनुष्य से कहता हूं, ‘हे दुष्ट मनुष्य, तू निश्चय मरेगा,’ और तुम उस व्यक्ति को उसका जीवन बदलने के लिये नहीं कहते हो, तो वह व्यक्ति अपने पाप के कारण मरेगा, और मैं तुम्हें उसके खून के लिये ज़िम्मेदार ठहराऊंगा.
9 Men når du har advart den ugudelige for hans ferd, at han skal vende om fra den, men han ikke vender om fra sin ferd, da skal han dø for sin misgjernings skyld, men du har reddet din sjel.
पर यदि तुम दुष्ट व्यक्ति को उसका जीवन बदलने की चेतावनी देते हो और वह अपना जीवन नहीं बदलता है, तो वह अपने पाप के कारण मरेगा, किंतु तुम स्वयं बच जाओगे.
10 Og du menneskesønn! Si til Israels hus: Således sier I: Våre overtredelser og synder tynger på oss, og for deres skyld visner vi bort; hvorledes kan vi da leve?
“हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएलियों से कहो, ‘तुम यह कह रहे हो: “हमारे पाप और अपराध हमें नीचे गिराते हैं, और हम उनके कारण से बेकार हो रहे हैं. तब हम जीवित कैसे रह सकते हैं?”’
11 Si til dem: Så sant jeg lever, sier Herren, Israels Gud, jeg har ikke behag i den ugudeliges død, men i at den ugudelige vender om fra sin ferd og lever. Vend om, vend om fra eders onde veier! Hvorfor vil I dø, Israels hus?
उनसे कहो, ‘मेरे जीवन की शपथ, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, मैं दुष्ट की मृत्यु से खुश नहीं होता हूं, पर अच्छा यह होगा कि वह अपना जीवन बदले और जीवित रहे. छोड़ो! अपने दुष्ट जीवनशैली को छोड़ो! हे इस्राएल के लोगों, तुम क्यों मरोगे?’
12 Og du menneskesønn! Si til ditt folks barn: Den rettferdiges rettferdighet skal ikke frelse ham på den dag han synder, og den ugudelige skal ikke omkomme for sin ugudelighets skyld på den dag han vender om fra sin ugudelighet, og den rettferdige skal ikke kunne leve ved sin rettferdighet på den dag han synder.
“इसलिये, हे मनुष्य के पुत्र, अपने लोगों से कहो, ‘यदि कोई धर्मी व्यक्ति आज्ञा नहीं मानता है, तो उसके पहले के धर्मीपन का कोई मतलब नहीं होगा. और यदि कोई दुष्ट व्यक्ति पश्चात्ताप करता है, तो उस व्यक्ति के पहले की दुष्टता के कारण उसे दंड नहीं मिलेगा. जो धर्मी व्यक्ति पाप करता है, वह जीवित नहीं रहेगा, यद्यपि वह पहले धर्मी था.’
13 Når jeg sier om den rettferdige: Han skal visselig leve, og han setter sin lit til sin rettferdighet og gjør urett, da skal ingen av hans rettferdige gjerninger tilregnes ham, men for den uretts skyld som han har gjort, for den skal han dø.
यदि मैं किसी धर्मी व्यक्ति से कहता हूं कि वह निश्चय जीवित रहेगा, पर तब वह अपने धर्मीपन पर भरोसा करके दुष्टता करने लगता है, तब उसके द्वारा किया गया कोई भी धर्मीपन का काम याद नहीं किया जाएगा; वह अपने किए गये दुष्ट काम के कारण मरेगा.
14 Og når jeg sier til den ugudelige: Du skal visselig dø, og han vender om fra sin synd og gjør rett og rettferdighet,
और यदि मैं किसी दुष्ट व्यक्ति को यह कहता हूं, ‘तुम निश्चय मरोगे,’ पर तब वह अपने पाप से मन फिराता है और वही करता है जो सही और न्याय संगत है—
15 så han, den ugudelige, gir pant tilbake, godtgjør det han har røvet, følger livets bud, så han ikke gjør urett, da skal han visselig leve, han skal ikke dø.
यदि वह कर्जा देने के बदले रखे गये बंधक की वस्तु को लौटा देता है, चोरी की वस्तु को लौटा देता है, जीवन देनेवाले नियमों का पालन करता है, और दुष्टता नहीं करता—तब वह व्यक्ति निश्चय जीवित रहेगा; वह नहीं मरेगा.
16 Ingen av de synder som han har gjort, skal tilregnes ham; rett og rettferdighet har han gjort, han skal visselig leve.
उसके द्वारा किया गया कोई भी पाप याद किया नहीं जाएगा. उसने सही और न्याय संगत काम किया है; वह निश्चय जीवित रहेगा.
17 Og ditt folks barn sier: Herrens vei er ikke rett. Men det er deres vei som ikke er rett.
“फिर भी तुम्हारे लोग कहते हैं, ‘प्रभु की नीति न्याय संगत नहीं है.’ पर यह उनकी नीति है जो न्याय संगत नहीं है.
18 Når den rettferdige vender om fra sin rettferdighet og gjør urett, så skal han dø.
यदि कोई धर्मी व्यक्ति अपने धर्मीपन को छोड़कर दुष्ट काम करता है, तब वह अपने दुष्ट काम के कारण मरेगा.
19 Og når den ugudelige vender om fra sin ugudelighet og gjør rett og rettferdighet, så skal han leve.
और यदि कोई दुष्ट व्यक्ति अपनी दुष्टता को छोड़कर सही और न्याय संगत काम करता है, तब वह अपने इन कामों के कारण जीवित रहेगा.
20 Og enda sier I: Herrens vei er ikke rett. Jeg vil dømme eder, Israels hus, hver efter hans ferd.
तौभी तुम इस्राएली कहते हो, ‘प्रभु की नीति न्याय संगत नहीं है.’ पर मैं तुममें से हर एक का न्याय उसके कामों के अनुसार करूंगा.”
21 I det tolvte år efterat vi var bortført, i den tiende måned, på den femte dag i måneden, kom det nogen flyktninger fra Jerusalem til mig og sa: Staden er inntatt.
हमारे बंधुआई के बारहवें वर्ष के, दसवें माह के पांचवें दिन, एक व्यक्ति जो येरूशलेम से बच निकला था, मेरे पास आकर कहा, “शहर का पतन हो गया है!”
22 Og Herrens hånd var kommet over mig om aftenen, før flyktningene kom, og han oplot min munn, innen de kom til mig om morgenen; min munn blev oplatt, og jeg var ikke lenger målløs.
उस व्यक्ति के आने के पूर्व संध्या पर, याहवेह का हाथ मुझ पर था, और उसने मेरा मुंह उस व्यक्ति सामने खोला, जो सुबह मेरे पास आया. इस प्रकार मेरा मुंह खुल गया और मैं फिर चुप न रहा.
23 Og Herrens ord kom til mig, og det lød så:
तब याहवेह का वचन मेरे पास आया:
24 Menneskesønn! De som bor iblandt grushaugene der borte i Israels land, sier så: Abraham var bare en, og han fikk landet i eie; vi er mange, vi har fått landet til eiendom.
“हे मनुष्य के पुत्र, वे लोग, जो इस्राएल देश के खंडहरों में रह रहे हैं, वे कह रहे हैं, ‘अब्राहाम तो सिर्फ एक व्यक्ति था, फिर भी उसने देश पर अधिकार किया; पर हम तो बहुत हैं; निश्चय ही यह देश हमें अधिकार करने के लिये दिया गया है.’
25 Si derfor til dem: Så sier Herren, Israels Gud: I eter kjøtt med blodet i og løfter eders øine til eders motbydelige avguder og utøser blod - og I skulde eie landet?
इसलिये उनसे कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जब तुम मांस को खून सहित खाते हो, और अपनी मूर्तियों की ओर दृष्टि करके खून करते हो, तब क्या तुम्हें उस देश पर अधिकार करना चाहिये?
26 I trosser på eders sverd, I gjør det som vederstyggelig er, og krenker hverandres hustruer - og I skulde eie landet?
तुम अपने तलवार पर निर्भर रहते हो, तुम घृणित काम करते हो, और तुममें से हर एक अपने पड़ोसी की पत्नी को अशुद्ध करता है. तब क्या तुम्हें उस देश पर अधिकार करना चाहिये?’
27 Så skal du si til dem: Så sier Herren, Israels Gud: Så sant jeg lever, de som bor blandt grushaugene, skal visselig falle for sverdet, og den som er på marken, ham gir jeg til føde for de ville dyr, og de som er i fjellborgene og i hulene, skal dø av pest.
“उनसे यह कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं अपने जीवन की शपथ खाकर कहता हूं, जो इस समय खंडहरों में रह रहे हैं, वे तलवार से मारे जाएंगे, जो खुले मैदान में हैं, उन्हें मैं जंगली जानवरों का आहार होने के लिये दे दूंगा, और जो दृढ़ गढ़ों और गुफाओं में हैं, वे महामारी से मारे जाएंगे.
28 Jeg vil gjøre landet til en ørken, en ødemark, og det skal være ute med dets stolte makt, og fjellene i Israel skal ligge øde, så ingen ferdes der.
मैं उस देश को उजाड़ एवं निर्जन बना दूंगा, और उसके घमंड से भरे बल का अंत हो जाएगा, और इस्राएल के पर्वत सुनसान हो जाएंगे, जिससे कोई भी उनमें से होकर नहीं जाएगा.
29 Og de skal kjenne at jeg er Herren, når jeg gjør landet til en ørken, en ødemark, for alle de vederstyggelige tings skyld som de har gjort.
उनके द्वारा किए गये सब घृणित कामों के कारण जब मैं उस देश को उजाड़ एवं निर्जन बना दूंगा, तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.’
30 Og du menneskesønn! Ditt folks barn taler sammen om dig ved veggene og i husdørene, og alle sier de til hverandre: Kom og hør hvad det er for et ord som utgår fra Herren!
“हे मनुष्य के पुत्र, जहां तक तुम्हारा सवाल है, तुम्हारे लोग तुम्हारे विषय में दीवारों के किनारे और घर के दरवाजों पर बात करते हुए एक दूसरे से यह कह रहे हैं, ‘आओ और उस संदेश को सुनो, जो याहवेह से आया है.’
31 Så kommer de til dig i store skarer, og de setter sig foran dig som mitt folk og hører dine ord, men de gjør ikke efter dem; for det som er efter deres smak, det gjør de, og til vinning står deres hu.
मेरे लोग तुम्हारे पास आते हैं, जैसा कि वे सामान्यतः करते हैं, और वे तुम्हारा वचन सुनने के लिये तुम्हारे सामने बैठते हैं, पर वे उन वचनों के अनुसार नहीं चलते हैं, वे मुंह से प्रेम की बातें तो करते हैं, पर उनका मन अन्याय की कमाई में लगा रहता है.
32 Og se, du er for dem som en yndig sang, som en som har en vakker røst og spiller fagert; de hører dine ord, men gjør ikke efter dem.
वास्तव में, तुम उनके लिये एक ऐसे व्यक्ति हो, जो सुरिली आवाज में प्रेम गीत गाता है और अच्छा बाजा बजाता है, इससे बढ़कर तुम उनके लिये कुछ नहीं हो, क्योंकि वे तुम्हारे वचन को तो सुनते हैं पर उसके अनुसार नहीं चलते हैं.
33 Men når det kommer - og komme skal det - da skal de kjenne at en profet har vært iblandt dem.
“जब यह सब घटित होगा—और यह अवश्य ही घटित होगा—तब वे जानेंगे कि उनके बीच एक भविष्यवक्ता आया था.”