< Esters 3 >
1 Nogen tid efter ophøiet kong Ahasverus agagitten Haman, Hammedatas sønn, og gav ham rang og sete over alle de fyrster som var hos ham.
१इन बातों के बाद राजा क्षयर्ष ने अगागी हम्मदाता के पुत्र हामान को उच्च पद दिया, और उसको महत्त्व देकर उसके लिये उसके साथी हाकिमों के सिंहासनों से ऊँचा सिंहासन ठहराया।
2 Og alle kongens tjenere som var i kongens port, falt på kne og kastet sig ned for Haman, for så hadde kongen befalt om ham; men Mordekai falt ikke på kne og kastet sig ikke ned for ham.
२राजा के सब कर्मचारी जो राजभवन के फाटक में रहा करते थे, वे हामान के सामने झुककर दण्डवत् किया करते थे क्योंकि राजा ने उसके विषय ऐसी ही आज्ञा दी थी; परन्तु मोर्दकै न तो झुकता था और न उसको दण्डवत् करता था।
3 Da sa kongens tjenere som var i kongens port, til Mordekai: Hvorfor overtreder du kongens bud?
३तब राजा के कर्मचारी जो राजभवन के फाटक में रहा करते थे, उन्होंने मोर्दकै से पूछा, “तू राजा की आज्ञा का क्यों उल्लंघन करता है?”
4 Og da de dag efter dag hadde sagt så til ham, og han ikke hørte på dem, så meldte de det til Haman for å se om den grunn Mordekai gav, vilde bli tatt for god: for han hadde sagt dem at han var jøde.
४जब वे उससे प्रतिदिन ऐसा ही कहते रहे, और उसने उनकी एक न मानी, तब उन्होंने यह देखने की इच्छा से कि मोर्दकै की यह बात चलेगी कि नहीं, हामान को बता दिया; उसने उनको बता दिया था कि मैं यहूदी हूँ।
5 Da Haman så at Mordekai ikke falt på kne eller kastet sig ned for ham, blev han full av harme.
५जब हामान ने देखा, कि मोर्दकै नहीं झुकता, और न मुझ को दण्डवत् करता है, तब हामान बहुत ही क्रोधित हुआ।
6 Men det syntes ham alt for lite å legge hånd bare på Mordekai; for han hadde fått vite hvilket folk Mordekai hørte til; derfor søkte han å få utryddet alle de jøder som fantes i hele Ahasverus' rike, fordi det var Mordekais folk.
६उसने केवल मोर्दकै पर हाथ उठाना अपनी मर्यादा से कम जाना। क्योंकि उन्होंने हामान को यह बता दिया था, कि मोर्दकै किस जाति का है, इसलिए हामान ने क्षयर्ष के साम्राज्य में रहनेवाले सारे यहूदियों को भी मोर्दकै की जाति जानकर, विनाश कर डालने की युक्ति निकाली।
7 I den første måned, det er måneden nisan, i kong Ahasverus' tolvte år blev det kastet pur, det er lodd, i Hamans påsyn om hver enkelt dag og hver enkelt måned like til den tolvte måned, det er måneden adar.
७राजा क्षयर्ष के बारहवें वर्ष के नीसान नामक पहले महीने में, हामान ने अदार नामक बारहवें महीने तक के एक-एक दिन और एक-एक महीने के लिये “पूर” अर्थात् चिट्ठी अपने सामने डलवाई।
8 Og Haman sa til kong Ahasverus: Her er et folk som bor spredt og for sig selv blandt de andre folk i alle ditt rikes landskaper, og deres lover er forskjellige fra alle andre folks; de holder sig ikke efter kongens lover, og det høver ikke for kongen å la dem være i fred.
८हामान ने राजा क्षयर्ष से कहा, “तेरे राज्य के सब प्रान्तों में रहनेवाले देश-देश के लोगों के मध्य में तितर-बितर और छिटकी हुई एक जाति है, जिसके नियम और सब लोगों के नियमों से भिन्न हैं; और वे राजा के कानून पर नहीं चलते, इसलिए उन्हें रहने देना राजा को लाभदायक नहीं है।
9 Dersom det tykkes kongen godt, så la det bli utferdiget en skrivelse om at de skal utryddes; og jeg skal da kunne tilveie embedsmennene ti tusen talenter sølv til å legge i kongens skattkammer.
९यदि राजा को स्वीकार हो तो उन्हें नष्ट करने की आज्ञा लिखी जाए, और मैं राजा के भण्डारियों के हाथ में राजभण्डार में पहुँचाने के लिये, दस हजार किक्कार चाँदी दूँगा।”
10 Da trakk kongen signetringen av sin hånd og gav den til agagitten Haman, Hammedatas sønn, jødenes fiende,
१०तब राजा ने अपनी मुहर वाली अंगूठी अपने हाथ से उतारकर अगागी हम्मदाता के पुत्र हामान को, जो यहूदियों का बैरी था दे दी।
11 og sa til ham: Sølvet skal være ditt, og med folket kan du gjøre som du finner for godt.
११और राजा ने हामान से कहा, “वह चाँदी तुझे दी गई है, और वे लोग भी, ताकि तू उनसे जैसा तेरा जी चाहे वैसा ही व्यवहार करे।”
12 Kongens skrivere blev da kalt sammen på den trettende dag i den første måned, og det blev utferdiget en skrivelse aldeles således som Haman bød, både til kongens stattholdere og til landshøvdingene for hvert landskap og til fyrstene over hvert folk - til hvert landskap i dets skrift og til hvert folk på dets tungemål. I kong Ahasverus' navn blev skrivelsene utferdiget, og de blev forseglet med kongens signetring.
१२फिर उसी पहले महीने के तेरहवें दिन को राजा के लेखक बुलाए गए, और हामान की आज्ञा के अनुसार राजा के सब अधिपतियों, और सब प्रान्तों के प्रधानों, और देश-देश के लोगों के हाकिमों के लिये चिट्ठियाँ, एक-एक प्रान्त के अक्षरों में, और एक-एक देश के लोगों की भाषा में राजा क्षयर्ष के नाम से लिखी गईं; और उनमें राजा की मुहर वाली अंगूठी की छाप लगाई गई।
13 Så sendtes der med ilbud skrivelser til alle kongens landskaper at alle jøder skulde ødelegges, drepes og utryddes, både unge og gamle, små barn og kvinner, alle på en dag, på den trettende dag i den tolvte måned, det er måneden adar, og deres gods skulde gis til plyndring.
१३राज्य के सब प्रान्तों में इस आशय की चिट्ठियाँ हर डाकियों के द्वारा भेजी गई कि एक ही दिन में, अर्थात् अदार नामक बारहवें महीने के तेरहवें दिन को, क्या जवान, क्या बूढ़ा, क्या स्त्री, क्या बालक, सब यहूदी घात और नाश किए जाएँ; और उनकी धन-सम्पत्ति लूट ली जाए।
14 Forat befalingen skulde bli kjent i hvert landskap, blev en avskrift av skrivelsen kunngjort for alle folkene, så de kunde holde sig rede til den nevnte dag.
१४उस आज्ञा के लेख की नकलें सब प्रान्तों में खुली हुई भेजी गईं कि सब देशों के लोग उस दिन के लिये तैयार हो जाएँ।
15 På kongens bud drog ilbudene i hast avsted så snart befalingen var utferdiget på borgen Susan. Så satte kongen og Haman sig til å drikke, men byen Susan var forferdet.
१५यह आज्ञा शूशन गढ़ में दी गई, और डाकिए राजा की आज्ञा से तुरन्त निकल गए। राजा और हामान तो दाखमधु पीने बैठ गए; परन्तु शूशन नगर में घबराहट फैल गई।