< 5 Mosebok 22 >
1 Dersom du ser din brors okse eller lam fare vill, skal du ikke dra dig unda; du skal føre dem tilbake til din bror.
१“तू अपने भाई के गाय-बैल या भेड़-बकरी को भटकी हुई देखकर अनदेखी न करना, उसको अवश्य उसके पास पहुँचा देना।
2 Men dersom din bror ikke bor i nærheten av dig, eller du ikke vet hvem det er, da skal du ta dem hjem til dig, og de skal være hos dig, til din bror spør efter dem; da skal du gi ham dem tilbake.
२परन्तु यदि तेरा वह भाई निकट न रहता हो, या तू उसे न जानता हो, तो उस पशु को अपने घर के भीतर ले आना, और जब तक तेरा वह भाई उसको न ढूँढ़े तब तक वह तेरे पास रहे; और जब वह उसे ढूँढ़े तब उसको दे देना।
3 Det samme skal du gjøre med hans asen og med hans klær og med alt hvad din bror har tapt - det som er kommet bort for ham, og som du finner; du har ikke lov til å dra dig unda.
३और उसके गदहे या वस्त्र के विषय, वरन् उसकी कोई वस्तु क्यों न हो, जो उससे खो गई हो और तुझको मिले, उसके विषय में भी ऐसा ही करना; तू देखी-अनदेखी न करना।
4 Dersom du ser din brors asen eller okse ligge over ende på veien, skal du ikke dra dig unda; du skal hjelpe ham med å reise dem op.
४“तू अपने भाई के गदहे या बैल को मार्ग पर गिरा हुआ देखकर अनदेखी न करना; उसके उठाने में अवश्य उसकी सहायता करना।
5 En kvinne skal ikke ha mannsklær på sig, og en mann skal ikke klæ sig i kvinneklær; hver den som gjør så, er en vederstyggelighet for Herren din Gud.
५“कोई स्त्री पुरुष का पहरावा न पहने, और न कोई पुरुष स्त्री का पहरावा पहने; क्योंकि ऐसे कामों के सब करनेवाले तेरे परमेश्वर यहोवा की दृष्टि में घृणित हैं।
6 Når du på veien treffer på et fuglerede i et tre eller på jorden, med unger eller egg i, og moren ligger på ungene eller på eggene, da skal du ikke ta både moren og ungene;
६“यदि वृक्ष या भूमि पर तेरे सामने मार्ग में किसी चिड़िया का घोंसला मिले, चाहे उसमें बच्चे हों चाहे अण्डे, और उन बच्चों या अण्डों पर उनकी माँ बैठी हुई हो, तो बच्चों समेत माँ को न लेना;
7 du skal la moren flyve, men ungene kan du ta; da skal det gå dig vel, og du skal leve lenge.
७बच्चों को अपने लिये ले तो ले, परन्तु माँ को अवश्य छोड़ देना; इसलिए कि तेरा भला हो, और तेरी आयु के दिन बहुत हों।
8 Når du bygger et nytt hus, så skal du gjøre et rekkverk om taket, forat du ikke skal føre blodskyld over ditt hus om nogen faller ned derfra.
८“जब तू नया घर बनाए तब उसकी छत पर आड़ के लिये मुण्डेर बनाना, ऐसा न हो कि कोई छत पर से गिर पड़े, और तू अपने घराने पर खून का दोष लगाए।
9 Du skal ikke så noget i din vingård, forat ikke hele avlingen, både det du har sådd, og frukten av vingården, skal hjemfalle til helligdommen.
९“अपनी दाख की बारी में दो प्रकार के बीज न बोना, ऐसा न हो कि उसकी सारी उपज, अर्थात् तेरा बोया हुआ बीज और दाख की बारी की उपज दोनों अपवित्र ठहरें।
10 Du skal ikke pløie med en okse og et asen for samme plog.
१०बैल और गदहा दोनों संग जोतकर हल न चलाना।
11 Du skal ikke gå med klær av ulikt tøi, ull og lin sammen.
११ऊन और सनी की मिलावट से बना हुआ वस्त्र न पहनना।
12 Du skal gjøre dig dusker på de fire kanter av din kappe, som du dekker dig med.
१२“अपने ओढ़ने के चारों ओर की कोर पर झालर लगाया करना।
13 Når en mann tar sig en hustru og går inn til henne, men siden får uvilje mot henne
१३“यदि कोई पुरुष किसी स्त्री को ब्याहे, और उसके पास जाने के समय वह उसको अप्रिय लगे,
14 og skylder henne for skammelige ting og fører ondt rykte ut om henne og sier: Denne kvinne tok jeg til ekte og holdt mig nær til henne, men fant at hun ikke var jomfru,
१४और वह उस स्त्री की नामधराई करे, और यह कहकर उस पर कुकर्म का दोष लगाए, ‘इस स्त्री को मैंने ब्याहा, और जब उससे संगति की तब उसमें कुँवारी अवस्था के लक्षण न पाए,’
15 da skal pikens far og mor ta tegnet på hennes jomfrudom og ha med sig ut til porten, til byens eldste.
१५तो उस कन्या के माता-पिता उसके कुँवारीपन के चिन्ह लेकर नगर के वृद्ध लोगों के पास फाटक के बाहर जाएँ;
16 Og pikens far skal si til de eldste: Jeg gav denne mann min datter til hustru, men nu har han fått uvilje mot henne,
१६और उस कन्या का पिता वृद्ध लोगों से कहे, ‘मैंने अपनी बेटी इस पुरुष को ब्याह दी, और वह उसको अप्रिय लगती है;
17 og så skylder han henne for skammelige ting og sier: Jeg fant at din datter ikke var jomfru; men her er tegnet på min datters jomfrudom. Så skal de bre ut klædet for de eldste i byen.
१७और वह तो यह कहकर उस पर कुकर्म का दोष लगाता है, कि मैंने तेरी बेटी में कुँवारीपन के लक्षण नहीं पाए। परन्तु मेरी बेटी के कुँवारीपन के चिन्ह ये हैं।’ तब उसके माता-पिता नगर के वृद्ध लोगों के सामने उस चद्दर को फैलाएँ।
18 Og de eldste i byen skal ta mannen og gi ham hugg
१८तब नगर के पुरनिये उस पुरुष को पकड़कर ताड़ना दें;
19 og ilegge ham en bot på hundre sekel sølv og gi dem til pikens far, fordi han førte ondt rykte ut om en jomfru i Israel, og hun skal være hans hustru; han må ikke skille sig fra henne så lenge han lever.
१९और उस पर सौ शेकेल चाँदी का दण्ड भी लगाकर उस कन्या के पिता को दें, इसलिए कि उसने एक इस्राएली कन्या की नामधराई की है; और वह उसी की पत्नी बनी रहे, और वह जीवन भर उस स्त्री को त्यागने न पाए।
20 Men var det sant, var piken ikke jomfru,
२०परन्तु यदि उस कन्या के कुँवारीपन के चिन्ह पाए न जाएँ, और उस पुरुष की बात सच ठहरे,
21 da skal de føre henne ut foran døren til hennes fars hus, og mennene i hennes by skal stene henne til døde, fordi hun har gjort en skammelig gjerning i Israel og drevet hor i sin fars hus; således skal du rydde det onde bort av din midte.
२१तो वे उस कन्या को उसके पिता के घर के द्वार पर ले जाएँ, और उस नगर के पुरुष उसको पथराव करके मार डालें; उसने तो अपने पिता के घर में वेश्या का काम करके बुराई की है; इस प्रकार तू अपने मध्य में से ऐसी बुराई को दूर करना।
22 Når en mann gripes i å ligge hos en gift kvinne, så skal de begge dø, både mannen som lå hos kvinnen, og kvinnen selv; således skal du rydde det onde bort av Israel.
२२“यदि कोई पुरुष दूसरे पुरुष की ब्याही हुई स्त्री के संग सोता हुआ पकड़ा जाए, तो जो पुरुष उस स्त्री के संग सोया हो वह और वह स्त्री दोनों मार डाले जाएँ; इस प्रकार तू ऐसी बुराई को इस्राएल में से दूर करना।
23 Når en pike som er jomfru, er trolovet med en mann, og en annen mann treffer henne i byen og ligger hos henne,
२३“यदि किसी कुँवारी कन्या के ब्याह की बात लगी हो, और कोई दूसरा पुरुष उसे नगर में पाकर उससे कुकर्म करे,
24 så skal I føre dem begge ut til byens port og stene dem til døde, piken fordi hun ikke skrek om hjelp i byen, og mannen fordi han krenket sin næstes hustru; således skal du rydde det onde bort av din midte.
२४तो तुम उन दोनों को उस नगर के फाटक के बाहर ले जाकर उन पर पथराव करके मार डालना, उस कन्या को तो इसलिए कि वह नगर में रहते हुए भी नहीं चिल्लाई, और उस पुरुष को इस कारण कि उसने पड़ोसी की स्त्री का अपमान किया है; इस प्रकार तू अपने मध्य में से ऐसी बुराई को दूर करना।
25 Men dersom en mann treffer en trolovet pike ute på marken, og han holder fast på henne og ligger hos henne, da skal bare mannen som lå hos henne, dø.
२५“परन्तु यदि कोई पुरुष किसी कन्या को जिसके ब्याह की बात लगी हो मैदान में पाकर बरबस उससे कुकर्म करे, तो केवल वह पुरुष मार डाला जाए, जिसने उससे कुकर्म किया हो।
26 Men piken skal du ikke gjøre noget, hun har ingen dødsskyld; for med denne sak har det sig på samme måte som når en overfaller sin næste og slår ham ihjel;
२६और उस कन्या से कुछ न करना; उस कन्या का पाप प्राणदण्ड के योग्य नहीं, क्योंकि जैसे कोई अपने पड़ोसी पर चढ़ाई करके उसे मार डाले, वैसी ही यह बात भी ठहरेगी;
27 han traff den trolovede pike ute på marken, hun skrek, men der var ingen til å hjelpe henne.
२७कि उस पुरुष ने उस कन्या को मैदान में पाया, और वह चिल्लाई तो सही, परन्तु उसको कोई बचानेवाला न मिला।
28 Når en mann treffer en pike som er jomfru og ikke trolovet, og tar fatt på henne og ligger hos henne, og nogen kommer over dem,
२८“यदि किसी पुरुष को कोई कुँवारी कन्या मिले जिसके ब्याह की बात न लगी हो, और वह उसे पकड़कर उसके साथ कुकर्म करे, और वे पकड़े जाएँ,
29 da skal den mann som lå hos henne, gi pikens far femti sekel sølv, og hun skal være hans hustru, fordi han krenket henne; han må ikke skille sig fra henne sa lenge han lever.
२९तो जिस पुरुष ने उससे कुकर्म किया हो वह उस कन्या के पिता को पचास शेकेल चाँदी दे, और वह उसी की पत्नी हो, उसने उसका अपमान किया, इस कारण वह जीवन भर उसे न त्यागने पाए।
30 Ingen må ekte sin stedmor eller søke seng med henne.
३०“कोई अपनी सौतेली माता को अपनी स्त्री न बनाए, वह अपने पिता का ओढ़ना न उघाड़े।