< गन्ती 12 >

1 मोशाले विवाह गरेका कूशी महिलाको कारण हारून र मिरियम मोशाको विरुद्धमा बोले ।
मोशेह ने कूश देश की स्त्री से विवाह किया था, और उनका इस स्त्री से विवाह करना मिरियम तथा अहरोन का उनके विरुद्ध हो जाने का कारण बन गया.
2 तिनीहरूले भने, “के परमप्रभु मोशासँग मात्र बोल्नुभएको छ र? के उहाँ हामीसँगचाहिँ बोल्नुभएको छैन र?” तिनीहरूले भनेका कुरा परमप्रभुले सुन्‍नुभयो ।
उन्होंने यह कहना शुरू कर दिया, “क्या यह सच है कि याहवेह ने सिर्फ मोशेह के द्वारा ही बातचीत की है? क्या उन्होंने हमारे द्वारा भी बातें नहीं की?” याहवेह ने उनकी ये बातें सुन लीं.
3 मोशा साह्रै नम्र मानिस थिए, तिनी संसारका सबैभन्दा नम्र थिए ।
(सब जानते थे कि मोशेह अपने स्वभाव में बहुत ही विनीत थे; पृथ्वी पर किसी भी व्यक्ति से कहीं अधिक.)
4 त्यसै बेला परमप्रभु मोशा, हारून र मिरियमसित बोल्नुभयो, “तिमीहरू तिनै जना भेट हुने पालमा आओ ।” त्यसैले तिनै जना बाहिर आए ।
इसलिये अचानक याहवेह ने मोशेह, अहरोन तथा मिरियम से कहा, “तुम तीनों मिलनवाले तंबू के पास आ जाओ.” तब वे तीनों बाहर आ गए.
5 अनि परमप्रभु बादलको खामोमा ओर्लेर आउनुभयो । उहाँ पालको प्रवेश-द्वारमा खडा हुनुभयो अनि हारून र मिरियमलाई बोलाउनुभयो । तिनीहरू दुवै अगि आए ।
तब याहवेह बादल के खंभे में उतरकर उस तंबू के द्वार पर खड़े हो गए और अहरोन तथा मिरियम को बुलाया. जब वे दोनों पास आ गए,
6 परमप्रभुले भन्‍नुभयो, “मेरो वचन सुन । मेरो अगमवक्‍ता तिमीहरूसँग हुँदा म आफैलाई त्यससँग दर्शनमा प्रकट गर्नेछु र त्यससँग सपनामा कुरा गर्छु ।
तब याहवेह ने कहा, “अब तुम मेरी बात सुनो: “यदि तुम्हारे बीच कोई भविष्यद्वक्ता है, मैं, याहवेह, उस पर दर्शन के द्वारा स्वयं को प्रकट करूंगा, मैं स्वप्न में उससे बातचीत करना सही समझूंगा.
7 मेरो दास मोशा त्यस्‍तो होइन । त्यो मेरा सबै घरानामा विश्‍वासयोग्य छ ।
किंतु मेरे सेवक मोशेह के साथ नहीं; मेरे सारे परिवार में वही विश्वासयोग्य है.
8 म मोशासँग दर्शन वा अड्कोमा होइन प्रत्यक्ष रूपमा बोल्छु । त्यसले मेरो रूप देख्छ । यसैले तिमीहरूलाई मेरो दास मोशा विरुद्ध बोल्न किन डर लागेन?”
मोशेह के साथ मेरी बातचीत आमने-सामने हुआ करती है, इतना ही नहीं, हमारी बातचीत में कुछ भी गुप्‍त नहीं होता है, और न पहेली के समान, उसे तो मुझ याहवेह का स्वरूप दिखाई देता है. फिर तुम्हें मेरे सेवक मोशेह के विरुद्ध यह सब कहते हुए भय क्यों न लगा?”
9 परमप्रभुको क्रोध तिनीहरू विरुद्ध दन्कियो, र उहाँ तिनीहरूबाट जानुभयो ।
तब याहवेह का क्रोध उन पर भड़क गया और वह उन्हें छोड़कर चले गए.
10 बादल पालमाथिबाट हट्यो र मिरियम अचानक कुष्‍ठरोगी भइन् । तिनी हिउँजस्तै सेतो भइन् । हारून मिरियमतिर फर्कंदा तिनले तिनलाई कुष्‍ठ रोग लागेको देखे ।
जब तंबू के ऊपर का वह बादल गायब हो गया, तब उन्होंने देखा कि मिरियम कोढ़ से भरकर हिम के समान सफेद हो चुकी थी. जब अहरोन ने मिरियम की ओर दृष्टि की, तो पाया कि वह कोढ़ रोग से भर गई थी.
11 हारूनले मोशालाई भने, “हे मेरा मालिक, बिन्ती छ यो पाप हाम्रो विरुद्ध नलिनुहोस् । हामीले मूर्खतापूर्वक बोलेका छौँ र हामीले पाप गरेका छौँ ।
इस पर अहरोन ने मोशेह से विनती की, “मेरे गुरु, मेरी आपसे विनती है, यह पाप हम पर न लगने दीजिए. यह हमारी निरी मूर्खता थी, जो हम यह पाप कर बैठे.
12 बिन्ती छ, तिनी आफ्नो आमाको गर्भबाट निस्कँदा नै आधा मासु कुहेको मृत जन्मेकोजस्तो नहोऊन् ।”
ओह, उसे उस स्थिति में न छोड़ दीजिए, जो मृत-जात शिशु के समान, मानो प्रसव होते-होते उसकी आधी देह गल गई हो!”
13 यसैले मोशाले परमप्रभुलाई पुकारे, “हे परमेश्‍वर, बिन्ती छ, उनलाई निको पारिदिनुहोस् ।”
मोशेह ने याहवेह की दोहाई दी, “परमेश्वर, मेरी प्रार्थना है, उसे शुद्ध कर दीजिए!”
14 परमप्रभुले मोशालाई भन्‍नुभयो, “यदि त्यसको बुबाले त्यसलाई अनुहारमा थुकेको भए, त्यो सात दिनसम्म अपमानित हुन्थ्यो । त्यसलाई छाउनी बाहिर लगेर थुन् । त्यसपछि त्यसलाई फेरि ले ।”
किंतु याहवेह का मोशेह को उत्तर यह था: “यदि उसके पिता ने उसके मुंह पर थूक दिया होता, तो क्या वह सात दिन तक लज्जा की स्थिति में न रहती? रहने दो उसे इस लज्जा की स्थिति में छावनी के बाहर सात दिनों तक. इसके बाद वह छावनी में स्वीकार कर ली जाए.”
15 यसैले मिरियमलाई छाउनीबाहिर सात दिनसम्म थुनियो । तिनी छाउनीमा नफर्केसम्म मानिसहरूले यात्रा गरेनन् ।
तब मिरियम को सात दिनों के लिए छावनी के बाहर कर दिया गया. प्रजा ने उस स्थान से तब तक कूच नहीं किया, जब तक मिरियम को छावनी में वापस न ले लिया गया.
16 त्यसपछि, मानिसहरू हसेरोतबाट यात्रा गरेर पारानको मरुभूमिमा छाउनी लगाए ।
किंतु इसके बाद इस्राएली प्रजा ने हाज़ोरौथ से कूच किया तथा पारान नामक मरुभूमि में डेरा डाल दिया.

< गन्ती 12 >