< लेवीहरू 2 >
1 कसैले परमप्रभुको निम्ति अन्नबलि ल्याउँदा, त्यसको बलि मसिनो पिठोको होस्, र त्यसले त्यसमा तेल खन्याओस् र त्यसमा धूप हालोस् ।
और अगर कोई ख़ुदावन्द के लिए नज़्र की क़ुर्बानी का हदिया लाए, तो अपने हदिये के लिए मैदा ले और उसमें तेल डाल कर उसके ऊपर लुबान रख्खे;
2 त्यसले त्यो भेटी हारूनका छोराहरू, अर्थात् पुजारीहरूकहाँ लगोस्, र त्यहाँ तेल र धूपसहित त्यस मसिनो पिठोबाट पुजारीले एक मुट्ठी निकालोस् । त्यसपछि बलिको रूपमा पुजारीले त्यसलाई जलाओस् । त्यसले परमप्रभुको निम्ति मिठो सुगन्ध दिने छ; यो उहाँको निम्ति आगोद्वारा गरिएको बलि हुने छ ।
और वह उसे हारून के बेटों के पास जो काहिन हैं लाए, और तेल मिले हुए मैदे में से इस तरह अपनी मुट्ठी भर कर निकाले कि सब लुबान उसमें आ जाए। तब काहिन उसे नज़्र की क़ुर्बानी की यादगारी के तौर पर मज़बह के ऊपर जलाए। यह ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी होगी।
3 अन्नबलिबाट जे बाँकी रहन्छ त्यो हारून र तिनका छोराहरूको हुने छ । परमप्रभुको निम्ति आगोबाट गरिएका बलिहरूमध्ये यो अति पवित्र हुने छ ।
और जो कुछ उस नज़्र की क़ुर्बानी में से बाक़ी रह जाए, वह हारून और उसके बेटों का होगा। यह ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानियों में पाकतरीन चीज़ है।
4 चुलोमा पकाइएको अखमिरी अन्नबलि चढाउँदा, त्यो तेल मिसाइएको मसिनो पिठोको नरम रोटी होस्, वा त्यो तेल लगाइएको अखमिरी कडा रोटी होस् ।
“और जब तू तनूर का पका हुआ नज़्र की क़ुर्बानी का हदिया लाए, तो वह तेल मिले हुए मैदे के बेख़मीरी गिरदे या तेल चुपड़ी हुई बेख़मीरी चपातियाँ हों।
5 यदि तिमीहरूको अन्नबलि च्याप्टो फलामको तावामा पकाइएको हो भने, त्यो तेल मिसाइएको अखमिरी मसिनो पिठोको होस् ।
और अगर तेरी नज़्र की क़ुर्बानी का चढ़ावा तवे का पका हुआ हो, तो वह तेल मिले हुए बेख़मीरी मैदे का हो।
6 त्यसलाई टुक्रा-टुक्रा पार्नू र त्यसमा तेल खन्याउनू । यो अन्नबलि हो ।
उसको टुकड़े — टुकड़े करके उस पर तेल डालना, तो वह नज़्र की क़ुर्बानी होगी।
7 यदि तिमीहरूको अन्नबलि तावामा पकाइएको हो भने, त्यो मसिनो पिठो र तेलबाट बनाउनू ।
और अगर तेरी नज़्र की क़ुर्बानी का चढ़ावा कढ़ाई का तला हुआ हो, तो वह मैदे से तेल में बनाया जाए।
8 यी कुराहरूले बनाइएको अन्नबलि तिमीहरूले परमप्रभुकहाँ ल्याउनू, र त्यो पुजारीकहाँ लगियोस्, अनि त्यसले त्यो वेदीमा लैजाओस् ।
तू इन चीज़ों की नज़्र की क़ुर्बानी का चढ़ावा ख़ुदावन्द के पास लाना, वह काहिन को दिया जाए। और वह उसे मज़बह के पास लाए।
9 त्यसपछि पुजारीले त्यस अन्नबलिबाट केही झिकेर वेदीमा जलाओस् । यो आगोद्वारा गरिएको बलि हुने छ, र यसले परमप्रभुको निम्ति मिठो सुगन्ध दिने छ ।
और काहिन उस नज़्र की क़ुर्बानी में से उसकी यादगारी का हिस्सा उठा कर मज़बह पर जलाए, यह ख़ुदावन्द के लिए राहतअंगेज़ ख़ुशबू की आतिशी क़ुर्बानी होगी।
10 अन्नबलिबाट बाँकी रहेका सबै हारून र त्यसका छोराहरूको हुने छ । आगोद्वारा परमप्रभुलाई चढाइएका बलिहरूमध्ये यो परमप्रभुको निम्ति अति पवित्र हुने छ ।
और जो कुछ उस नज़्र की क़ुर्बानी में से बच रहे वह हारून और उसके बेटों का होगा। यह ख़ुदावन्द की आतिशी क़ुर्बानियों में पाकतरीन चीज़ है।
11 तिमीहरूले परमप्रभुलाई चढाउने कुनै पनि अन्नबलि खमिरद्वारा बनाइनुहुँदैन, किनभने परमप्रभुको निम्ति आगोद्वारा गरिएको बलिमा खमिर वा मह नजलाउनू ।
कोई नज़्र की क़ुर्बानी जो तुम ख़ुदावन्द के सामने चढ़ाओ, वह ख़मीर मिला कर न बनाई जाए; तुम कभी आतिशी क़ुर्बानी के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने ख़मीर या शहद न जलाना।
12 तिमीहरूले ती परमप्रभुलाई पहिलो फलहरूको भेटीको रूपमा चढाउनू, तर वेदीमा मिठो सुगन्ध दिनलाई ती प्रयोग नहोऊन् ।
तुम इनको पहले फलों के हदिये के तौर पर ख़ुदावन्द के सामने लाना, लेकिन राहतअंगेज़ ख़ुशबू के लिए वह मज़बह पर न पेश किये जाएँ।
13 तिमीहरूले आफ्ना सबै अन्नबलिहरूमा नून मिसाउनू । आफ्नो अन्नबलिमा आफ्ना परमेश्वरको प्रतिज्ञाको नून कहिल्यै नछुटाउनू । आफ्ना सबै भेटीहरूमा तिमीहरूले नून चढाउनू ।
और तू अपनी नज़्र की क़ुर्बानी के हर हदिये को नमकीन बनाना, और अपनी किसी नज़्र की क़ुर्बानी को अपने ख़ुदा के 'अहद के नमक बग़ैर न रहने देना; अपने सब हदियों के साथ नमक भी पेश करना।
14 परमप्रभुलाई पहिलो फलहरूको अन्नबलि चढाउँदा, आगोमा सेकाइएको र पिसिएको ताजा अन्न चढाउनू ।
'और अगर तू पहले फलों की नज़्र का हदिया ख़ुदावन्द के सामने पेश करे तो अपने पहले फलों की नज़्र के चढ़ावे के लिए अनाज की भुनी हुई बालें, या'नी हरी — हरी बालों में से हाथ से मलकर निकाले हुए अनाज को चढ़ाना।
15 त्यसपछि त्यसमा तेल र धूप राख्नू । यो अन्नबलि हो ।
और उसमें तेल डालना और उसके ऊपर लुबान रखना, तो वह नज़्र की क़ुर्बानी होगी।
16 त्यसपछि पुजारीले पिसिएको अन्न, तेल र धूपबाट केही जलाओस् । यो परमप्रभुको निम्ति आगोद्वारा गरिएको बलि हो ।
और काहिन उसकी यादगारी के हिस्से को, या'नी थोड़े से मल कर निकाले हुए दानों को और थोड़े से तेल को और सारे लुबान को जला दे; यह ख़ुदावन्द के लिए आतिशी क़ुर्बानी होगी।