< उत्पत्ति 3 >

1 परमप्रभु परमेश्‍वरले बनाउनुभएका सबै जङ्गली पशुहरूमध्ये सर्पचाहिँ बढी धूर्त थियो । त्यसले स्‍त्रीलाई भन्यो, “के परमेश्‍वरले साँच्‍चै नै तिमीहरूलाई बगैँचाको कुनै रुखको फल नखानू भनी भन्‍नुभएको छ?”
А змията беше най-хитра от всички полски зверове, които Господ Бог беше създал. И тя рече на жената: Истина ли каза Бог да не ядете от всяко дърво в градината?
2 स्‍त्रीले सर्पलाई भनिन्, “हामीले बगैँचाका रुखहरूका सबै फल खान सक्छौँ,
Жената рече на змията: От плода на градинските дървета можем да ядем;
3 तर बगैँचाको बिचमा भएको रुखको फलको विषयमा भने, परमेश्‍वरले भन्‍नुभएको छ, ‘तिमीहरूले त्यो नखानू, न त तिमीहरूले त्यो छुनू, नत्रता तिमीहरू मर्नेछौ ।’”
но от плода на дървото, което е всред градината, Бог каза: Да не ядете от него, нито да се допрете до него, за да не умрете.
4 सर्पले स्‍त्रीलाई भन्यो, “निश्‍चय नै तिमीहरू मर्नेछैनौ ।
А змията рече на жената: Никак няма да умрете;
5 किनभने परमेश्‍वर जान्‍नुहुन्छ, कि जुन दिन तिमीहरू त्यो खान्छौ तिमीहरूका आँखा खुल्नेछन्, र असल र खराबको ज्ञान पाएर तिमीहरू परमेश्‍वरजस्तै हुनेछौ ।”
но знае Бог, че в деня, когато ядете от него, ще ви се отворят очите и ще бъдете, като Бога, да познавате доброто и злото.
6 जब स्‍त्रीले त्यो रुखको फल खानमा असल, र हेर्नमा रहरलाग्दो, अनि बुद्धि प्राप्‍त गर्नलाई त्यसको चाह गर्नुपर्ने रहेछ भनेर देखिन्, तिनले त्यसका केही फलहरू टिपिन् र खाइन् । त्यसपछि तिनले केही आफूसँगै भएका आफ्ना पतिलाई पनि दिइन्, र उनले पनि त्यो खाए ।
И като видя жената, че дървото беше добро за храна, и че беше приятно за очите, дърво желателно, за да дава знание, взе от плода му та яде, даде и на мъжа си да яде с нея, та и той яде.
7 तब तिनीहरू दुवैका आँखा खुले, र तिनीहरू नाङ्‍गै रहेछन् भनेर थाहा पाए । तिनीहरूले अञ्‍जीरका पातहरू गाँसेर आफ्ना निम्ति वस्‍त्र बनाए ।
Тогава се отвориха очите и на двамата и те познаха, че бяха голи; и съшиха смокинови листа та си направиха препаски.
8 अनि साँझपख जब तिनीहरूले परमप्रभु परमेश्‍वर बगैँचामा हिँडिरहनुभएको आवाज सुने, तब मानिस र उनकी पत्‍नी बगैँचाका रुखहरूबिच परमप्रभु परमेश्‍वरको नजरबाट लुके।
И при вечерния ветрец чуха гласа на Господа Бога, като ходеше из градината; и човекът и жена му се скриха от лицето на Господа Бога между градинските дървета.
9 परमप्रभु परमेश्‍वरले मानिसलाई बोलाउनुभयो, “तँ कहाँ छस्?”
Но Господ Бог повика човека и му рече: Где си?
10 मानिसले भन्यो, “मैले बगैँचामा तपाईंको आवाज सुनेँ, र म डराएँ किनकि म नाङ्‍गै थिएँ । यसैकारण म लुकेँ ।”
А той рече: Чух гласа Ти в градината и уплаших се, защото съм гол; и се скрих.
11 परमेश्‍वरले भन्‍नुभयो, “तँ नाङ्‍गै थिइस् भनेर तँलाई कसले भन्यो? के मैले तँलाई नखानू भनेर आज्ञा गरेको रुखको फल तैँले खाइस्?”
А Бог му рече: Кой ти каза, че си гол? Да не би да си ял от дървото, от което ти заповядах да не ядеш?
12 मानिसले भन्यो, “तपाईंले मसँगै रहनलाई दिनुभएको स्‍त्रीले मलाई त्यस रुखको फल दिई, र मैले त्यो खाएँ ।”
И човекът рече: Жената, която си ми дал за другарка, тя ми даде от дървото, та ядох.
13 परमप्रभु परमेश्‍वरले स्‍त्रीलाई भन्‍नुभयो, “तैँले यो के गरिस्?” स्‍त्रीले भनिन्, “सर्पले मलाई छल गर्‍यो, र मैले खाएँ ।”
И Господ Бог рече на жената: Що е това, което си сторила? А жената рече: Змията ме подмами, та ядох.
14 परमप्रभु परमेश्‍वरले सर्पलाई भन्‍नुभयो, “तैँले यसो गरेको हुनाले सबै पाल्तु पशुहरू र जङ्गली जनावरहरूमा केवल तँ श्रापित हुनेछस् । तँ तेरो पेटद्वारा हिँड्नेछस्, र तेरो जीवनभरि नै तैँले माटो खानेछस् ।
Тогава рече Господ Бог на змията: Понеже си сторила това, проклета да си измежду всеки вид добитък и измежду всички полски зверове; по корема си ще се влачиш, и пръст ще ядеш през всичките дни на живота си.
15 तेरो र स्‍त्रीबिच, अनि तेरो सन्तान र स्‍त्रीको सन्तानबिच म दुश्मनी हालिदिनेछु । त्यसले तेरो शिर कुल्चनेछ, र तैँले त्यसको कुर्कुच्‍चा डस्‍नेछस् ।”
Ще поставя и вражда между тебе и жената и между твоето потомство и нейното потомство; то ще ти нарани главата, а ти ще му нараниш петата.
16 उहाँले स्‍त्रीलाई भन्‍नुभयो, “म तेरो प्रसव-वेदना ज्यादै बढाइदिनेछु; तैँले पीडामा नै बालक जन्माउनेछस् । तेरो इच्छा तेरो पतिको लागि हुनेछ, तर त्यसले तँलाई आफ्नो अधीनमा राख्‍नेछ ।”
На жената рече: Ще ти преумножа скръбта в бременността; със скръб ще раждаш чада; и на мъжа ти ще бъде подчинено всяко твое желание и той ще те владее.
17 आदमलाई उहाँले भन्‍नुभयो, “तैँले तेरी पत्‍नीको कुरा सुनेको, र मैले तँलाई नखानू भनेको रुखको फल तैँले खाएको हुनाले, तेरो कारण यो भूमि श्रापित भएको छ । तेरो जीवनभरि नै तैँले यस भूमिमाथि कडा परिश्रम गरेर खानेछस् ।
А на човека рече: Понеже си послушал гласа на жена си и си ял от дървото, за което ти заповядах, като казах: Да не ядеш от него, то проклета да бъде земята поради тебе; със скръб ще се прехранваш от нея през всичките дни на живота си.
18 त्यसले तेरो निम्ति काँढा र सिउँडीहरू उमार्नेछ, र तैँले खेतका बिरुवाहरू खानेछस् ।
Тръни и бодли ще ти ражда; и ти ще ядеш полската трева.
19 तँ माटोमा नफर्कुन्जेल, तैँले आफ्नो परिश्रमको पसिना बगाएर भोजन खानेछस्, किनकि तँ माटैबाट निकालिएको थिइस् । तँ माटै होस्, र माटोमा नै फर्किजानेछस् ।”
С пот на лицето си ще ядеш хляб, докато се върнеш в земята, защото от нея си взет; понеже си пръст и в пръстта ще се върнеш.
20 मानिसले आफ्नी पत्‍नीको नाम हव्‍वा राख्‍यो किनकि तिनी सबै जीवित प्राणीकी आमा हुन् ।
И човекът наименува жена си Ева, защото тя беше майка на всички живи.
21 परमप्रभु परमेश्‍वरले आदम र उनकी पत्‍नीका निम्ति छालाका लुगा बनाई तिनीहरूलाई पहिराइदिनुभयो ।
И Господ Бог направи кожени дрехи на Адама и на жена му и ги облече.
22 परमप्रभु परमेश्‍वरले भन्‍नुभयो, “असल र खराबको ज्ञान पाएर मानिस हामीजस्तै भएको छ । यसैकारण अब त्यसलाई आफ्नो हात पसारेर जीवनको रुखको फल खान दिनुहुँदैन नत्रता त्यो सधैँभरि जीवित रहला ।”
И Господ Бог каза: Ето човекът стана като един от Нас, да познава доброто и злото; и сега за да не простре ръката си да вземе от дървото на живота, да яде и да живее вечно,
23 त्यसैकारण जुन भूमिबाट त्यो निकालिएको थियो त्यही भूमिमा खेतीपाती गर्न परमप्रभु परमेश्‍वरले त्यसलाई अदनको बगैँचाबाट निकालिदिनुभयो ।
затова Господ Бог го изпъди от Едемската градина да обработва земята, от която бе взет.
24 परमेश्‍वरले मानिसलाई बगैँचाबाट निकालिदिनुभएपछि जीवनको रुखतर्फको मार्गमा पहरा दिन उहाँले अदनको बगैँचाको पूर्वमा करूबहरू र चारैदिशातर्फ घुमिरहने ज्वालामय तरवार राखिदिनुभयो ।
Така Той изпъди Адама; и постави на изток от Едемската градина херувимите и пламенния меч, който се въртеше, за да пазят пътя към дървото на живота.

< उत्पत्ति 3 >