< ମାଥିଉ 25 >

1 “ଏନ୍‌ ଦିପିଲିରେ ସିର୍ମା ରାଇଜ୍‌ରାଃ ହିନିଜୁଃ ନେ ଗେଲେୟା ଡିଣ୍ଡାକୁଡ଼ିକ ଲେକା ହବାଅଃଆ, ଇନ୍‌କୁ ଆକଆଃ ଦିମି ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଦୁହ୍ଲାକଡ଼ାଲଃ ନେପେଲ୍‌ ନାଗେନ୍ତେକ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା ।
“स्वर्ग-राज्य उस द्वारचार के समान है जिसमें दस कुंवारी युवतियां अपने-अपने दीप लेकर द्वारचार के लिए निकलीं.
2 ଇନ୍‌କୁଏତେ ମଣେୟାଁ ସେଣାଁଁନ୍‌କ ଆଡଃ ମଣେୟାଁ ଡଣ୍ଡକ ତାଇକେନା ।
उनमें से पांच तो मूर्ख थी तथा पांच समझदार.
3 ଏନ୍‍ ଡଣ୍ଡ କୁଡ଼ିକ ଆକଆଃ ଦିମି ଇଦିକେଦ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଆଦ୍‌କା ସୁନୁମ୍‌ କାକ ଇଦି ।
मूर्ख युवतियों ने अपने साथ अपने दीप तो लिए किंतु तेल नहीं;
4 ମେନ୍‌ଦ ଏନ୍‌ ସେଣାଁଁନ୍‌କ ଆକଆଃ ଦିମି ଇଦିତାନ୍‍ଲଃ ଶିଶିରେ ଆଦ୍‌କା ସୁନୁମ୍‌କ ଇଦିକେଦା ।
परंतु समझदार युवतियों ने अपने दीपों के साथ तेल के बर्तन भी रख लिए.
5 ଦୁହ୍ଲାକଡ଼ା ହିଜୁଃରେ ବିଲାମ୍‌କେଦାଏ, ଏନାତେ ଏନ୍‍ ସବେନ୍‌କକେ ଝୁପାଅ ଏଟେଦ୍‌କେଦ୍‌କଆ ଆଡଃ ଦୁଡ଼ୁମ୍‌ ବାଟିୟାନାକ ।
वर के पहुंचने में देर होने के कारण उन्हें नींद आने लगी और वे सो गई.
6 “ଏନ୍ତେ ଥାଲା ନିଦାରେ କାଉରି ଆୟୁମ୍‌ୟାନା, ‘ନେଲିପେ, ଦୁହ୍ଲାକଡ଼ା ହିଜୁଃତାନାଏ, ଇନିଃକେ ଦାରମ୍‌ତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃପେ ।’
“आधी रात को यह धूमधाम का शब्द सुनाई दिया: ‘वर पहुंच रहा है! उससे भेंट के लिए बाहर आ जाओ.’
7 ଏନ୍ତେ ଏନ୍‌ ଗେଲେୟା ଡିଣ୍ଡାକୁଡ଼ିକ ବିରିଦ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆକଆଃ ଆକଆଃ ଦିମିକ ସାଜାଡ଼ାଅକେଦ୍‌ତେ ଜୁଲ୍‌କେଦାକ ।
“सभी युवतियां उठीं और अपने-अपने दीप तैयार करने लगीं.
8 ଆଡଃ ଏନ୍‍ ଡଣ୍ଡ କୁଡ଼ିକ ସେଣାଁଁନ୍‌ କୁଡ଼ିକକେ ମେତାଦ୍‌କଆକ, ‘ଆପେୟାଃ ସୁନୁମ୍‌ କାଟିଃଲେକା ଏମାଲେପେ ଆଲେୟାଃ ଦିମିଦ ଇଣିଁଜଃତାନା ।’
मूर्ख युवतियों ने समझदार युवतियों से विनती की, ‘अपने तेल में से कुछ हमें भी दे दो—हमारे दीप बुझे जा रहे हैं.’
9 ମେନ୍‌ଦ ସେଣାଁଁନ୍‌ କୁଡ଼ିକ କାଜିରୁହାଡ଼ାଦ୍‍କଆ, ‘କାହାଗି ଆଲେୟାଃ ଆଡଃ ଆପେୟାଃ ନାଗେନ୍ତେ ନିମିନାଙ୍ଗ୍‌ ସୁନୁମ୍‌ କା ପୁରାଅଃଆ, ଏନାମେନ୍ତେ ଜୁ ଆଖ୍‌ରିଙ୍ଗ୍‌କତାଃ ସେନଃପେ ଆଡଃ ଆପେୟାଃ ନାଗେନ୍ତେ କିରିଙ୍ଗ୍‌ୟେଁପେ ।’
“किंतु समझदार युवतियों ने उन्हें उत्तर दिया, ‘हमारे और तुम्हारे दोनों के लिए तो तेल पूरा नहीं होगा. भला तो यह होगा कि तुम जाकर व्यापारियों से अपने लिए तेल मोल ले लो.’
10 ୧୦ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ କିରିଙ୍ଗ୍‌ ନାଗେନ୍ତେକ ସେନଃତାନ୍‌ ତାଇକେନ୍‌ ଇମ୍‍ତାଙ୍ଗ୍‌ଗି ଦୁହ୍ଲାକଡ଼ା ସେଟେର୍‍ୟାନାଏ ଆଡଃ ସାପ୍‌ଡ଼ାଅକାନ୍‍କ ଇନିଃଲଃ ଆଣ୍‌ଦି ଅଡ଼ାଃତେକ ବଲୟାନା, ଆଡଃ ଦୁଆର୍‌ ହାଣ୍ଡେଦ୍‍ୟାନା ।
“जब वे तेल लेने जा ही रही थी कि वर आ पहुंचा और वे युवतियां, जो तैयार थी, वर के साथ विवाह के भवन में चली गईं और द्वार बंद कर दिया गया.
11 ୧୧ “ତାୟମ୍‌ତେ ଏନ୍‌ ଡଣ୍ଡ କୁଡ଼ିକ ହିଜୁଃକେଦ୍‌ତେ କାଜିକିୟାକ, ‘ହେ ପ୍ରାଭୁ, ହେ ପ୍ରାଭୁ, ଆଲେୟାଃ ନାଗେନ୍ତେ ଦୁଆର୍‌ ନିଜାଲେମ୍‌ ।’
“कुछ समय बाद वे अन्य युवतियां भी आ गईं और विनती करने लगीं, ‘श्रीमान! हमारे लिए द्वार खोल दीजिए.’
12 ୧୨ ଏନ୍ତେ ଦୁହ୍ଲାକଡ଼ା କାଜିରୁହାଡ଼ାଦ୍‍କଆଏ, ‘ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ ସାର୍‌ତିଗିଙ୍ଗ୍‌ କାଜିୟାପେତାନା, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ କାଇଙ୍ଗ୍‌ ସାରିୟାଃ ।’”
“किंतु उसने उन्हें उत्तर दिया, ‘सच तो यह है कि मैं तुम्हें जानता ही नहीं.’
13 ୧୩ ଆଡଃ ୟୀଶୁ କାଜିଟୁଣ୍ଡୁକେଦ୍‌ତେ କାଜିକେଦାଏ, “ଏୟନାକାନ୍‍ପେ, ଆପେଦ ମାନୱାହନ୍‌ଆଃ ହିଜୁଃ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ ଆଡଃ ହିଜୁଃ ଘାଡ଼ି କାପେ ସାରିୟା ।
“इसलिये इसी प्रकार तुम भी हमेशा जागते तथा सचेत रहो क्योंकि तुम न तो उस दिन को जानते हो और न ही उस घड़ी को.
14 ୧୪ “ଏନ୍‌ ଦିପିଲିରେ ସିର୍ମା ରାଇଜ୍‌ଦ ନେ ଲେକାଗିଆ, ମିଆଁଦ୍‌ ହଡ଼ ଆୟାଃ ଦାସିକକେ ହାକାଅକେଦ୍‌ତେ ଆୟାଃ ସବେନ୍‌ ଖୁର୍ଜି ଏମାଦ୍‍କଆଏ ଆଡଃ ସାଙ୍ଗିନ୍‌ ଦିଶୁମ୍‌ତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା ।
“स्वर्ग-राज्य उस व्यक्ति के समान भी है, जो एक यात्रा के लिए तैयार था, जिसने हर एक सेवक को उसकी योग्यता के अनुरूप संपत्ति सौंप दी.
15 ୧୫ ଇନିଃ ମିହୁଡ଼୍‌କେ ମଣେୟାଁ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା, ଆଡଃମିହୁଡ଼୍‌କେ ବାରିୟା ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା, ଆଡଃମିହୁଡ଼୍‌କେ ମିଦ୍‌ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା, ନେ ଲେକା ସବେନ୍‌କକେ ଆକଆଃ ଆପ୍‌ନାଃ ପେଡ଼େଃ ଲେକାତେ ଏମାଦ୍‍କଆ ଆଡଃ ସାଙ୍ଗିନ୍‌ ଦିଶୁମ୍‌ତେ ସେନଃୟାନା ।
एक को पांच तालन्त, एक को दो तथा एक को एक. इसके बाद वह अपनी यात्रा पर चला गया.
16 ୧୬ ମଣେୟାଁ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ନାମ୍‌କେଦ୍‌ନିଃ ଇମ୍‍ତାଗି ସେନଃୟାନ୍‌ଲଃ ଏନାକେ କିରିଙ୍ଗ୍‌ ଆଖ୍‌ରିଙ୍ଗ୍‌ରେ ଏମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆଡଃ ମଣେୟାଁ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ପସାକେଦାଏ ।
जिस सेवक को पांच तालन्त दिए गए थे, उसने तुरंत उस धन का व्यापार में लेनदेन किया, जिससे उसने पांच तालन्त और कमाए.
17 ୧୭ ଏନ୍‌ଲେକାଗି ବାରିୟା ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ନାମ୍‌କେଦ୍‌ନିଃହଁ ଆଡଃ ବାରିୟା ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ପସାକେଦାଏ ।
इसी प्रकार उस सेवक ने भी, जिसे दो तालन्त दिए गए थे, दो और कमाए.
18 ୧୮ ମେନ୍‌ଦ ମିଦ୍‌ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ନାମ୍‌କେଦ୍‌ନିଃ ସେନ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଅତେରେ ଗାଡା ଉର୍‍କେଦାଏ ଆଡଃ ଆୟାଃ ଗୁସିୟାଁରାଃ ଟାକାକେ ତପାକେଦାଏ ।
किंतु जिसे एक तालन्त दिया गया था, उसने जाकर भूमि में गड्ढा खोदा और अपने स्वामी की दी हुई वह संपत्ति वहां छिपा दी.
19 ୧୯ “ଚିମିନ୍‍ ମାହାଁ ତାୟମ୍‌ତେ ଏନ୍‍ ଦାସିକଆଃ ଗୁସିୟାଁ ହିଜୁଃରୁହାଡ଼୍‌ୟାନାଏ ଆଡଃ ଇନ୍‍କୁଲଃ ହିସାବ୍‌କେଦାଏ ।
“बड़े दिनों के बाद उनके स्वामी ने लौटकर उनसे हिसाब लिया.
20 ୨୦ ମଣେୟାଁ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ନାମାକାଦ୍‌ନିଃ ହିଜୁଃୟାନାଏ ଆଡଃ ମଣେୟାଁ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ଆଦ୍‌କା ଆଉକେଦ୍‌ତେ କାଜିକିୟାଏ, ‘ହେ ଗମ୍‌କେ, ଆମ୍‌ ମଣେୟାଁ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ଏମାକାଇଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନାମ୍‌, ନେଲେମେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ମଣେୟାଁ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ପସାକାଦାଇଙ୍ଗ୍‌ ।’
जिसे पांच तालन्त दिए गए थे, उसने अपने साथ पांच तालन्त और लाकर स्वामी से कहा, ‘महोदय, आपने मुझे पांच तालन्त दिए थे. यह देखिए, मैंने इनसे पांच और कमाए हैं.’
21 ୨୧ ଇନିୟାଃ ଗୁସିୟାଁ କାଜିକିୟାଏ, ‘ସାବାସ୍‌, ଆଇଁୟାଃ ବୁଗିନ୍‌ ଦାସି! ଆମ୍‌ ବୁଗିନ୍‌ ଆଡଃ ପାତିୟାର୍‌ରଃ ଲେକାନ୍‌ ଦାସି ତାନ୍‌ମେ, ଆମ୍‌ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ତେୟାଃରେ ପାତିୟାର୍‍ରଃ ଲେକାମ୍‌ କାମିକାଦ୍‌ ହରାତେ, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆମ୍‌କେ ପୁରାଃତେୟାଃରାଃ ଗୁସିୟାଁ ବାଇମେୟାଇଙ୍ଗ୍‌ । ଏଲା ହିଜୁଃମେ, ଆଇଁୟାଃଲଃ ରାସ୍‌କାନ୍‌ମେ ।’
“उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, मेरे योग्य तथा विश्वसनीय सेवक! तुम थोड़े धन में विश्वसनीय पाए गए इसलिये मैं तुम्हें अनेक ज़िम्मेदारियां सौंपूंगा. अपने स्वामी के आनंद में सहभागी हो जाओ.’
22 ୨୨ “ବାରିୟା ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ନାମାକାଦ୍‌ନିଃହଁ ହିଜୁଃୟାନାଏ ଆଡଃ କାଜିକିୟାଏ, ହେ ଗମ୍‌କେ, ଆମ୍‌ ବାରିୟା ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ଏମାକାଇଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନାମ୍‌, ନେଲେମେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ବାରିୟା ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ଆଦ୍‌କା ପସାକାଦାଇଙ୍ଗ୍‌ ।
“वह सेवक भी आया, जिसे दो तालन्त दिए गए थे. उसने स्वामी से कहा, ‘महोदय, आपने मुझे दो तालन्त दिए थे. यह देखिए, मैंने दो और कमाए हैं!’
23 ୨୩ ଇନିୟାଃ ଗୁସିୟାଁ ଇନିଃକେ କାଜିକିୟାଏ, ‘ବୁଗିନ୍‌ କାମିକାଦାମ୍‌, ଆମ୍‌ ବୁଗିନ୍‌ ଆଡଃ ପାତିୟାର୍‌ରେନ୍‌ ଦାସି ତାନ୍‌ମେ, ଆମ୍‌ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ତେୟାଃରେ ପାତିୟାର୍‍କାନାମ୍ ଏନାତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ପୁରାଃତେୟାଃରାଃ ଗୁସିୟାଁ ବାଇମେୟାଇଙ୍ଗ୍‌, ଏଲା ହିଜୁଃମେ, ଆଇଁୟାଃଲଃ ରାସ୍‌କାନ୍‌ମେ ।’
“उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, मेरे योग्य तथा विश्वसनीय सेवक! तुम थोड़े धन में विश्वसनीय पाए गए इसलिये मैं तुम्हें अनेक ज़िम्मेदारियां सौंपूंगा. अपने स्वामी के आनंद में सहभागी हो जाओ.’
24 ୨୪ “ଏନ୍ତେ ଏନ୍‌ ମିଦ୍‌ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ନାମାକାଦ୍‌ନିଃ ହିଜୁଃକେଦ୍‌ତେ କାଜିକିୟାଏ, ‘ହେ ଗମ୍‌କେ, ଆମ୍‌ କେଟେଦ୍‌ ମନ୍‍ରେନ୍‌ ହଡ଼ ତାନ୍‌ମେ ଏନା ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ସାରିତାଇକେନାଇଙ୍ଗ୍‌ । ଆମ୍‌ କା ହେରାକାନ୍‌ତାଃଏତେ ଇରାଃମେ ଆଡଃ କା ତାସିକାନ୍‌ତାଃଏତେ ହୁଣ୍ଡିୟାଃମେ ।
“तब वह सेवक भी उपस्थित हुआ, जिसे एक तालन्त दिया गया था. उसने स्वामी से कहा, ‘महोदय, मैं जानता था कि आप एक कठोर व्यक्ति हैं. आप वहां से फसल काटते हैं, जहां आपने बोया ही नहीं तथा वहां से फसल इकट्ठा करते हैं, जहां आपने बीज डाला ही नहीं.
25 ୨୫ ଏନାତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ବରକେଦାଇଙ୍ଗ୍‌ ଆଡଃ ସେନଃକେଦ୍‌ତେ ଆମ୍‌ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ଏମାକାଦିଙ୍ଗ୍‌ ଟାକାକେ ଅତେରେ ଗାଡା ଉର୍‌କେଦ୍‌ତେ ଉକୁକେଦାଇଙ୍ଗ୍‌, ନେଲେମେ, ନେ ନେତାଃରେୟା ଟାକା, ଅକ୍‌ନାଃଚି ଆମାଃତାନାଃ ।’
इसलिये भय के कारण मैंने आपकी दी हुई निधि भूमि में छिपा दी. देख लीजिए, जो आपका था, वह मैं आपको लौटा रहा हूं.’
26 ୨୬ “ଇନିୟାଃ ଗୁସିୟାଁ ଇନିଃକେ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟାଏ, ‘ଏ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆଡଃ ଆଲ୍‌ସି ଦାସି, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ କା ହେରାକାନ୍‌ତାଃଏତେ ଇରାଃଇଙ୍ଗ୍‌ ଆଡଃ କା ତାସିକାନ୍‌ତାଃଏତେ ହୁଣ୍ଡିୟାଃଇଙ୍ଗ୍‌ ମେନ୍ତେ ସାରିତାଇକେନ୍‌ରେଦ,
“स्वामी ने उसे उत्तर दिया, ‘अरे ओ दुष्ट, और आलसी सेवक! जब तू यह जानता ही था कि मैं वहां से फसल काटता हूं, जहां मैंने बोया ही न था तथा वहां से फसल इकट्ठा करता हूं, जहां मैंने बीज बिखेरा ही नहीं?
27 ୨୭ ଆମ୍‌ ଆଇଁୟାଃ ଟାକାକେ ବ୍ୟାଙ୍କ୍‌ରେ ଏମଃ ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନା ଆଡଃ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ହିଜୁଃରୁହାଡ଼୍‌କେଦ୍‌ତେ ସବେନ୍‌ ମୁଲ୍‌'କାନ୍‌ତାର୍‌ଲଃ ଟାକା ନାମ୍‍ରୁହାଡ଼୍‌ କେଦ୍‌ତେୟାଃଇଙ୍ଗ୍‌ ।
तब तो तुझे मेरी संपत्ति महाजनों के पास रख देनी थी कि मेरे लौटने पर मुझे मेरी संपत्ति ब्याज सहित प्राप्‍त हो जाती.’
28 ୨୮ ଏନାତେ ନାହାଁଃ, ଏନ୍‌ ମିଦ୍‌ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ଇଦିକେଦ୍‌ତେ, ଅକଏତାଃରେ ଗେଲ୍‌ ହାଜାର୍‌ ରୁପା ସିକା ମେନାଃନିଃକେ ଏମାଇପେ ।
“‘इसलिये इससे यह तालन्त लेकर उसे दे दो, जिसके पास अब दस तालन्त हैं.’
29 ୨୯ ଚିୟାଃଚି ଅକଏତାଃରେ ମେନାଃ, ଇନିଃକେ ଏମଃଆ ଆଡଃ ଇନିୟାଃ ପୁରାଃଗି ହବାଅଃଆ, ମେନ୍‌ଦ ଜେତାଏତାଃରେ ବାନଃଆ, ଇନିଃତାଃଏତେ ଅକ୍‌ନାଃ ମେନାଃ ଏନାହଗି ଇଦିୟଃଆ ।
यह इसलिये कि हर एक को, जिसके पास है, और दिया जाएगा और वह धनी हो जाएगा; किंतु जिसके पास नहीं है, उससे वह भी ले लिया जाएगा, जो उसके पास है.
30 ୩୦ ଆଡଃ ନେ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଦାସିକେ ବାହାରି ନୁବାଃରେ ହୁଦ୍‌ମାଇପେ, ଏନ୍ତାଃରେ ରାନାଃ ଆଡଃ ଡାଟା ରିନିଦ୍‌ ହବାଅଆଃ ।’
‘इस निकम्मे सेवक को बाहर अंधकार में फेंक दो जहां हमेशा रोना और दांत पीसना होता रहेगा.’”
31 ୩୧ “ମାନୱାହନ୍‌ ଆୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ସବେନ୍‌ ଦୁଁତ୍‌କଲଃ ଆୟାଃ ମାନାରାଙ୍ଗ୍‌ରେ ରାଜା ଲେକା ହିଜୁଃ ଦିପିଲିରେ ଇନିଃ ଆୟାଃ ମାନାରାଙ୍ଗ୍‌ ସିର୍ମାରେୟାଃ ରାଜ୍‌ଗାଦିରେ ଦୁବାଃଏ ।
“जब मनुष्य के पुत्र का आगमन अपने प्रताप में होगा और सभी स्वर्गदूत उसके साथ होंगे, तब वह अपने महिमा के सिंहासन पर विराजमान हो जाएगा
32 ୩୨ ଆଡଃ ଅତେଦିଶୁମ୍‌ରେନ୍‌ ସବେନ୍‌ ଜାତିରେନ୍‍ ହଡ଼କ ଇନିୟାଃ ଆୟାର୍‍ରେକ ହୁଣ୍ଡିୟଃଆ ଆଡଃ ଗୁପିନିଃ ମିଣ୍ଡିକକେ ମେରମ୍‌କଏତେ ହିଗାଡ଼୍‌କ ଲେକା ଇନିଃ ଇନ୍‌କୁକେ ମିହୁଡ଼୍‌ଏତେ ଆଡଃମିହୁଡ଼୍‌କେ ହିଗାଡ଼୍‌କଆ ।
और उसके सामने सभी राष्ट्र इकट्ठा किए जाएंगे. वह उन्हें एक दूसरे से अलग करेगा, जैसे चरवाहा भेड़ों को बकरियों से.
33 ୩୩ ଇନିଃ ମିଣ୍ଡିକକେ ଆୟାଃ ଜମ୍‌ତିସାଃରେ ଆଡଃ ମେରମ୍‌କକେ ଲେଙ୍ଗାତିସାଃରେ ଦହକଆଏ ।
वह भेड़ों को अपनी दायीं ओर स्थान देगा तथा बकरियों को अपनी बायीं ओर.
34 ୩୪ ଏନ୍ତେ ରାଜା ଆୟାଃ ଜମ୍‍ତିସାଃରେନ୍‌କକେ କାଜିକଆଏ, ‘ଆଇଁୟାଃ ଆପୁଇଙ୍ଗ୍‌ତାଃଏତେ ଆଶିଷ୍‌କାନ୍‍କ ହିଜୁଃପେ ଆଡଃ ଆପେୟାଃ ନାଗେନ୍ତେ ଅତେଦିଶୁମ୍‌ରେୟାଃ ଏନେଟେଦ୍‌ ସିଦାରେ ବାଇୟାକାନ୍‌ ରାଇଜ୍‌ରେ ବଲପେ ।
“तब राजा अपनी दायीं ओर के समूह की तरफ देखकर कहेगा, ‘मेरे पिता के कृपापात्रों! उस राज्य के उत्तराधिकार को स्वीकार करो, जो तुम्हारे लिए सृष्टि की स्थापना के समय से तैयार किया गया है.
35 ୩୫ ଚିୟାଃଚି ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଦ ରେଙ୍ଗେଜାକାନ୍‍ ତାଇକେନ୍‌ରେ ଜମେୟାଃଁପେ ଏମାଦିୟାଁ, ଆଡଃ ତେତାଙ୍ଗିଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନ୍‌ରେ ନୁଁଏ ନାଗେନ୍ତେ ଦାଆଃପେ ଏମାଦିୟାଁ, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଏଟାଃ ଦିଶୁମ୍‌ରେ ତାଇକେନ୍‌ରେ ଆପେୟାଃ ଅଡ଼ାଃରେ ତାଇନ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ପେ ଏମାଦିୟାଁ,
इसलिये कि जब मैं भूखा था, तुमने मुझे भोजन दिया; जब मैं प्यासा था, तुमने मुझे पानी दिया; मैं परदेशी था, तुमने मुझे अपने यहां स्थान दिया;
36 ୩୬ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ସାମାହଡ଼୍‌ମ ତାଇକେନ୍‌ରେ ଲିଜାଃପେ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌କେଦିୟାଁ, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ହାସୁତାନ୍ ତାଇକେନ୍‌ରେ ଯାତ୍‌ନାଅ ସାକ୍‌ଲାଅ କେଦିୟାଁପେ, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଜେହେଲ୍‌ରେ ତାଇକେନ୍‌ ଇମ୍‌ତା ନେନେଲ୍‌ତେପେ ହିଜୁଃୟାନା ।’
मुझे वस्त्रों की ज़रूरत थी, तुमने मुझे वस्त्र दिए; मैं जब रोगी था, तुम मुझे देखने आए; मैं बंदीगृह में था, तुम मुझसे भेंट करने आए.’
37 ୩୭ “ଏନ୍ତେ ଧାର୍‌ମାନ୍‌ ହଡ଼କ ଇନିଃକେ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟାକ, ‘ହେ ଗମ୍‌କେ, ଚିଉଲା ଆଲେ ଆମ୍‌କେ ରେଙ୍ଗେତାନ୍‍ଲେ ନେଲ୍‌ଲେଦ୍‌ମେୟାଁ ଆଡଃ ଆମ୍‌କେ ଜଜମାଃଲେ ଏମାଦ୍‍ମେୟାଁ, ଚାଏ ଚିଉଲା ତେତାଙ୍ଗ୍‌ତାନ୍‌ଲେ ନେଲ୍‌ଲେଦ୍‌ମେୟାଁ ଆଡଃ ନୁଁ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଦାଆଃଲେ ଏମାଦ୍‌ମେୟାଁ?
“तब धर्मी इसके उत्तर में कहेंगे, ‘प्रभु! हमने कब आपको भूखा पाया और भोजन दिया; प्यासा देखा और पानी दिया;
38 ୩୮ ଚିଉଲା ଆଲେ ଆମ୍‌କେ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଏଟାଃ ଦିଶୁମ୍‌ରେନ୍‌ ତାନିଃ ମେନ୍ତେ ଆଲେୟାଃ ଅଡ଼ାଃରେ ତାଇନ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ଲେ ଏମାଦ୍‌ମେୟାଁ ଆଡଃ ଚିଉଲା ସାମାହଡ଼୍‌ମ ତାଇକେନ୍‌ରେ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଲିଜାଃଲେ ଏମାଦ୍‌ମେୟାଁ?
कब हमने आपको परदेशी पाया और आपको अपने यहां स्थान दिया; आपको वस्त्रों की ज़रूरत में पाया और वस्त्र दिए;
39 ୩୯ ଆଡଃ ଆମ୍‌ ହାସୁତାନ୍‌ରେ ଚାଏ ଜେହେଲ୍‍କାନ୍‌ରେ ଚିଉଲା ଆଲେ ଆମ୍‌କେ ନେନେଲ୍‌ତେଲେ ସେନ୍‌କେନା?’
हमने आपको कब रोगी या बंदीगृह में देखा और आपसे भेंट करने आए?’
40 ୪୦ ଆଡଃ ରାଜା ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କଆଏ, ‘ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ ସାର୍‌ତିଗିଙ୍ଗ୍‌ କାଜିୟାପେତାନା, ଆପେ ଆଇଁୟାଃ ନେ ହାଗାକଏତେ ମିହୁଡ଼୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଅକ୍‌ନାଃପେ ରିକାକାଦା, ଏନା ଆଇଁୟାଃ ନାଗେନ୍ତେୟ ରିକାକାଦାପେ ।’
“राजा उन्हें उत्तर देगा, ‘सच तो यह है कि जो कुछ तुमने मेरे इन लोगों में से किसी एक के लिए किया—यहां तक कि छोटे से छोटे भाई बहिनों के लिए भी—वह तुमने मेरे लिए किया.’
41 ୪୧ “ଏନ୍ତେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ଆୟାଃ ଲେଙ୍ଗାତିସାଃରେନ୍‍କକେ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, ‘ହେ ସାର୍‍ପାଅକାନ୍‍ ହଡ଼କ! ଆଇଁୟାଃତାଃଏତେ ନିର୍‌ପେ ଏନ୍ତେ ସାଏତାନ୍‌ ଆଡଃ ଆୟାଃ ଦୁଁତ୍‌କ ନାଗେନ୍ତେ ବାଇୟାକାନ୍‌ ଜାନାଅ କା ଇଣିଁଜଃ ସେଙ୍ଗେଲ୍‌ତେ ସେନଃପେ । (aiōnios g166)
“तब राजा अपने बायें पक्ष के समूह से उन्मुख हो कहेगा, ‘मुझसे दूर हो जाओ, शापितो! अनंत आग में जा पड़ो, जो शैतान और उसके दूतों के लिए तैयार की गई है; (aiōnios g166)
42 ୪୨ ଚିୟାଃଚି ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ରେଙ୍ଗେଃ ତାଇକେନ୍‌ରେ ଜମେୟାଃଁ କାପେ ଏମାଦିୟାଁ, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ତେତାଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନ୍‌ରେ ନୁଁ ନାଗେନ୍ତେ ଦାଆଃ କାପେ ଏମାଦିୟାଁ ।
क्योंकि मैं जब भूखा था, तुमने मुझे खाने को न दिया; मैं प्यासा था, तुमने मुझे पानी न दिया;
43 ୪୩ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଏଟାଃ ଦିଶୁମ୍‌ରେ ତାଇକେନ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଆପେ ଆପେୟାଃ ଅଡ଼ାଃରେ ତାଇନ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ କାପେ ଏମାଦିୟାଁ, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ସାମାହଡ଼୍‌ମ ତାଇକେନ୍‌ରେ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଲିଜାଃ କାପେ ଏମାଦିୟାଁ, ଆଡଃ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଦୁକୁରେ ଆଡଃ ଜେହେଲ୍‌ରେ ତାଇକେନ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ କାପେ ଯାତ୍‌ନାଅ ସାକ୍‌ଲାଅ କେଦିୟାଁ ।’
मैं परदेशी था, तुमने अपने यहां मुझे स्थान न दिया; मुझे वस्त्रों की ज़रूरत थी, तुमने मुझे वस्त्र न दिए; मैं रोगी और बंदीगृह में था, तुम मुझसे भेंट करने न आए.’
44 ୪୪ “ଏନ୍ତେ ଇନ୍‍କୁହଗି ଇନିଃକେ କାଜିରୁହାଡ଼ିୟାକ, ‘ହେ ପ୍ରାଭୁ, ଚିଉଲା ଆଲେ ଆମ୍‌କେ ରେଙ୍ଗେଃତାନ୍ ଚାଏ ତେତାଙ୍ଗ୍‌ତାନ୍ ଚାଏ ଏଟାଃ ଦିଶୁମ୍‌ରେନ୍‌, ଚାଏ ସାମାହଡ଼୍‌ମ, ଚାଏ ହାସୁତାନ୍, ଚାଏ ଜେହେଲ୍‌ରେ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ କାଲେ ଦେଙ୍ଗାକେଦ୍‌ମେୟାଁ ।’
“तब वे भी उत्तर देंगे, ‘प्रभु, भला कब हमने आपको भूखा, प्यासा, परदेशी, वस्त्रों की ज़रूरत में या रोगी तथा बंदीगृह में देखा और आपकी सुधि न ली?’
45 ୪୫ ଏନ୍ତେ ରାଜା କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କଆଏ, ‘ସାର୍‌ତିଗିଙ୍ଗ୍‌ କାଜିୟାପେତାନା, ଆପେ ନେ ହୁପ୍‌ଡିଙ୍ଗ୍‌କଏତେ ମିହୁଡ଼୍‌କେହଁ କାପେ ଦେଙ୍ଗାକେଦ୍‌କ ନାଗେନ୍ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେହଁ କାପେ ଦେଙ୍ଗାକେଦିୟାଁ ।’
“तब राजा उन्हें उत्तर देगा, ‘सच तो यह है कि जो कुछ तुमने मेरे इन लोगों में से किसी एक के लिए—यहां तक कि छोटे से छोटे तक के लिए नहीं किया—वह तुमने मेरे लिए नहीं किया.’
46 ୪୬ ଏନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ଜାନାଅ ଜାନାଅରେୟାଃ ଦୁକୁ, ମେନ୍‌ଦ ଧାର୍‌ମାନ୍‌କ ଜାନାଅ ଜାନାଅରେୟାଃ ଜୀଦାନ୍‌କ ନାମେୟା ।” (aiōnios g166)
“ये सभी अनंत दंड में भेजे जाएंगे, किंतु धर्मी अनंत काल के जीवन में प्रवेश करेंगे.” (aiōnios g166)

< ମାଥିଉ 25 >