< ମାର୍କ 7 >

1 ଚିମିନ୍‌ ଫାରୁଶୀକ ଆଡଃ ଯୀରୁଶାଲେମ୍‌ଏତେ ହିଜୁଃଲେନ୍‌ ଚିମିନ୍‌ ଆଇନ୍‌ ଇତୁକ ୟୀଶୁତାଃରେକ ହୁଣ୍ଡିୟାନା ।
येरूशलेम नगर से फ़रीसियों तथा कुछ शास्त्रियों ने आकर मसीह येशु को घेर लिया.
2 ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ୟୀଶୁଆଃ ଚିମିନ୍‌ ଚେଲାକକେ ଯିହୁଦୀକଆଃ ରିତିରିୱାଜ୍‌ ଲେକାତେ ସତ୍‌ରାକେଦ୍‌ତେ କା ଆବୁଙ୍ଗ୍‌ ତିଃଇତେ ଜମ୍‌ତାନ୍‌କ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌କଆ ।
उन्होंने देखा कि मसीह येशु के कुछ शिष्य सांस्कारिक रूप से अशुद्ध हाथों से (बिना धोए हुए हाथों से) भोजन कर रहे हैं.
3 ଚିୟାଃଚି ଫାରୁଶୀକ ଆଡଃ ସବେନ୍‌ ଯିହୁଦୀକ ପ୍ରାଚିନ୍‌ ହଡ଼କଆଃ ରିତିରିୱାଜ୍‌ ଲେକା ତିଃଇ ବୁଗିଲେକାତେ କା ଆବୁଙ୍ଗ୍‌ ଜାକେଦ୍‌ କାକ ଜଜମାଃ ।
फ़रीसी और सभी यहूदी हाथों को भली-भांति धोए बिना भोजन नहीं करते. ऐसा करते हुए वे पूर्वजों से चली आ रही प्रथाओं का पालन करते थे.
4 ଆଡଃ ପିଟ୍‌ଏତେ ରୁହାଡ଼୍‌କେଦ୍‌ତେ ଦାଆଃ'ତେ ଆଉରି ଆବୁଙ୍ଗ୍‌ ଜାକେଦ୍‌ କାକ ଜଜମାଃ । ଆଡଃ ନେ'ଲେକାନ୍ ରିତିରିୱାଜ୍‌ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନାକ, ତାୱାକ, ଚାଟୁକ, ପାର୍‌କମ୍‌କ, ଆଡଃ ତାମ୍ବାତେ ବାଇୟାକାନ୍ ବାର୍ତାନ୍‌କକେ ଦାଆଃତେ ଆବୁଙ୍ଗ୍‌ ଗାସାର୍ ତାଇକେନାକ ।
बाजार से लौटने पर वे स्वयं को पारम्परिक रीति से शुद्ध किए बिना भोजन नहीं करते थे. वे चली आ रही अन्य अनेक प्रथाओं का पालन करते चले आए थे जैसे, कटोरों, घड़ों तथा पकाने के तांबे के बर्तनों का धोना.
5 ଏନାମେନ୍ତେ ଫାରୁଶୀକ ଆଡଃ ଆଇନ୍‌ ଇତୁକ ୟୀଶୁକେ କୁଲିକିୟାକ, “ଚିନାଃମେନ୍ତେ ଆମାଃ ଚେଲାକ ତିଃଇ ବେଗାର୍‌ ଆବୁଙ୍ଗ୍‌କେଦ୍‌ତେ ସତ୍‌ରାଗି ଜଜମ୍‌କ ଦୁବାଃ ଆଡଃ ଆବୁଆଃ ପ୍ରାଚିନ୍‌କଆଃ ରିତିରିୱାଜ୍‌କ କାକ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ତାନା?”
फ़रीसियों तथा शास्त्रियों ने मसीह येशु से प्रश्न किया, “तुम्हारे शिष्य पूर्वजों से चली आ रही प्रथाओं का पालन क्यों नहीं करते? वे अशुद्ध हाथों से भोजन करते हैं.”
6 ୟୀଶୁ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କେଦ୍‌କଆଏ, “ଆପେ ବେଦାହଡ଼କ ତାନ୍‌ପେ, ଯିଶାୟ ଆପେୟାଃ ବିଷାଏରେ ସାର୍‌ତିଗି ଆୟାର୍‌କାଜି କାଜିକାଦା, ନେଆଁଦ ଅଲାକାନା, “ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ କାଜିକେଦାଏ, ‘ନେ ହଡ଼କ ମଚାତେକ ମାଇନିଙ୍ଗ୍‌ତାନା, ମେନ୍‌ଦ ଆକଆଃ ମନ୍‌ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ତାଃଏତେ ସାଙ୍ଗିନ୍‌ରେଆ ।
मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम पाखंडियों के लिए भविष्यवक्ता यशायाह की यह भविष्यवाणी ठीक ही है: “‘ये लोग मात्र अपने होंठों से मेरा सम्मान करते हैं, किंतु उनके हृदय मुझसे बहुत दूर हैं.
7 ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ସାମାଗିକ ସେୱାଇଙ୍ଗ୍‌ୟାଁ; ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁଦ ନେୟାଁ ଧାରାମ୍‌ରେୟାଃ କାଜି ତାନାଃ ମେନ୍ତେ ହଡ଼କଆଃ ଆନାଚୁକ ଇତୁକତାନା ।’
मेरे प्रति उनकी उपासना व्यर्थ है. उनकी शिक्षाएं मात्र मनुष्य के मस्तिष्क की उपज हैं.’
8 “ଆପେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ରାଃ ଆନ୍‌ଚୁକ ଦୟା କୁଣ୍ଡାମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ହଡ଼କଆଃ ରିତିରିୱାଜ୍‌ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ ତାନାପେ ।”
आप लोग मनुष्यों की परंपराओं का तो पालन करते जाते हैं किंतु परमेश्वर की आज्ञा को टालते जाते हैं.”
9 ୟୀଶୁ ଆଡଃଗି କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ରାଃ ଆନ୍‌ଚୁକେ କା ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆପେୟାଃ ରିତିରିୱାଜ୍‌କେ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଆପେ ଆପେୟାଃ ହରାପେ ନାମାକାଦାଃ ।
मसीह येशु ने उनसे यह भी कहा, “आप लोग कितनी सुविधापूर्वक परंपराओं का पालन करने के लिए परमेश्वर की आज्ञा को टाल देते हैं!
10 ୧୦ ମୁଶା ଆନ୍‌ଚୁରେ କାଜିୟାକାଦାଏ, ‘ଏଙ୍ଗା ଆପୁ କିନ୍‌କେ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌କିନ୍‌ମେ’ ଆଡଃ ‘ଜେତାଏ ଏଙ୍ଗାତେକେ ଚାଏ ଆପୁତେକେ ସାର୍‌ପାଅ ରେଦ ଇନିଃ ଗଜଃକାଏ ।’
मोशेह की आज्ञा है, ‘अपने माता-पिता का सम्मान करो और वह, जो माता या पिता के प्रति बुरे शब्द बोले, उसे मृत्यु दंड दिया जाए.’
11 ୧୧ ମେନ୍‌ଦ ଆପେ କାଜିତାନାପେ, ଜେତାଏ ଆୟାଃ ଆପୁ ଚାଏ ଏଙ୍ଗାକେ କାଜିୟାକିନାଏ, ଆୟାଃତାଃଏତେ ଅକ୍‌ନାଃ ନାଗେନ୍ତେ ଆମାଃ ବୁଗିନାଃ ନାମେତେୟାଃ ‘କୁର୍ବାନା’ କାନା, ନେଆଁଁରାଃ ମୁଣ୍ଡିଦ ନେୟାଁ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଦାନ୍‌ ଏମାକାନା,
किंतु आपका कहना है, ‘यदि कोई व्यक्ति अपने पिता या माता से इस प्रकार कहे, मेरी संपत्ति में से जो कुछ आपकी सहायता के लिए उपलब्ध हो सकता था, वह कोरबान है अर्थात् परमेश्वर को समर्पित,’
12 ୧୨ ଏନ୍ତେଦ ଆପେ ତାୟମ୍‌ତେ ଇନିଃକେ ଆୟାଃ ଏଙ୍ଗା ଚାହେ ଆୟାଃ ଆପୁଆଃ ନାଙ୍ଗ୍‌ ବୁଗିନାଃ ରିକା ନାଗେନ୍ତେ ଆଡଃ ଜେତ୍‌ନାଃ କାପେ ରିକାଚିକାଇତାନା ।
इसके द्वारा आप उसे अपने पिता और अपनी माता के लिए कुछ भी करने नहीं देते.
13 ୧୩ ଆଡଃ ନେ ଲେକାତେ ଆପେୟାଃ ରିତିରିୱାଜ୍‌ତେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ରାଃ କାଜିପେ ଫାଦାଆତମେତାନା । ଆଡଃ ନେ ଲେକାନ୍ କାମିକ ପୁରାଃପେ କାମିତାନା ।”
अपनी इस प्रथा के द्वारा, जो पूर्वजों से चली आई है, आप परमेश्वर के वचन को टाल देते हैं. आप ऐसे ही अनेक काम किया करते हैं.”
14 ୧୪ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କକେ କେଡ଼ାକେଦ୍‌କଆଏ ଆଡଃ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ଆୟୁମେପେ ଆଡଃ ଆଟ୍‌କାର୍‌ ଉରୁମେପେ ।
इसके बाद मसीह येशु ने भीड़ को दोबारा अपने पास बुलाकर उसे संबोधित करते हुए कहा, “तुम सब मेरी सुनो और समझो:
15 ୧୫ ହଡ଼ରେ ବାହାରିଏତେ ବଲଃତେୟାଃ ଜେତ୍‌ନାଃ ଇନିଃକେ କାଏ ସତ୍‌ରା ଦାଡ଼ିୟାଇଆ, ମେନ୍‌ଦ ଇନିଃତେ ଅକ୍‌ନାଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃଆ ଏନା ଆଇଃକ୍‌କେ ସତ୍‌ରାଇଆଏ ।”
ऐसी कोई वस्तु नहीं, जो मनुष्य में बाहर से प्रवेश कर उसे अशुद्ध कर सके. मनुष्य को अशुद्ध तो वह करता है, जो उसके भीतर से बाहर निकल आता है. [
16 ୧୬ ଆୟୁମ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଲୁତୁର୍‌ ମେନାଃନିଃ ଆୟୁମ୍‌ଜମେକାଏ ।
जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले.]”
17 ୧୭ ଆଡଃ ଇନିଃ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କସାଃଏତେ ଫାର୍‌କାକେଦ୍‌ତେ ଅଡ଼ାଃରେ ବଲୟାନ୍‌ଚି, ଚେଲାତାୟାଃକ ଏନ୍‌ ଜନ୍‌କା କାଜିରାଃ ମୁଣ୍ଡିକ କୁଲିକିୟାଃ ।
जब भीड़ से विदा ले वह घर में आ गए, उनके शिष्यों ने उनसे इस दृष्टांत के विषय में प्रश्न किया.
18 ୧୮ ଇନିଃ କାଜିରୁହାଡ଼ାଦ୍‌କଆଏ, “ଚିୟାଃ ଆପେୟଗି ଡଣ୍ଡଗିୟାପେ? ବାହାରିଏତେ ହଡ଼ରେ ବଲଃତେୟାଃ ଇନିଃକେ କାଏ ସତ୍‌ରା ଦାଡ଼ିୟାଇଆ ।
इसके उत्तर में मसीह येशु ने कहा, “क्या तुममें भी बुद्धि का इतना अभाव है? क्या तुम्हें समझ नहीं आया कि जो कुछ मनुष्य में बाहर से प्रवेश करता है, उसे अशुद्ध नहीं कर सकता
19 ୧୯ ଚିୟାଃଚି ଏନା ମନ୍‌ରେ କାହାଗି, ମେନ୍‌ଦ ଲାହିଦ୍‌ରେ ବଲଃଆ, ଆଡଃ ହଡ଼୍‌ମଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ ଏଣ୍ଡାଗଆଃ, ନେୟାଁ ଚିୟାଃ କାପେ ଆଟ୍‌କାରେତାନା ।” ନେ କାଜିରେ, ସବେନ୍‌ ଜଜମାଃ ଫାର୍‌ଚିଗିୟା ମେନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଉଦୁବ୍‌କେଦାଏ ।
क्योंकि वह उसके हृदय में नहीं, परंतु उसके पेट में जाता है और बाहर निकल जाता है!” इस प्रकार मसीह येशु ने सभी प्रकार के भोजन को स्वच्छ घोषित कर दिया.
20 ୨୦ ଆଡଃଗି ଇନିଃ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ଅକ୍‌ନାଃ ହଡ଼ରାଃ ବିଚାର୍‌ଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃଆ, ଏନା ହଡ଼କେ ସତ୍‌ରାଇୟାଏ ।
“जो मनुष्य में से बाहर आता है, वही मनुष्य को अशुद्ध करता है.
21 ୨୧ ଚିୟାଃଚି ଭିତାର୍‌ଏତେଗି, ହଡ଼କଆଃ ମନ୍‌ଏତେ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଉଡ଼ୁଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃତାନା, ଆପାଙ୍ଗିର୍‌ କାମି, କୁମ୍ବୁଡ଼ୁ, ହଡ଼ଗଏଃ,
मनुष्य के भीतर से—मनुष्य के हृदय ही से—बुरे विचार बाहर आते हैं, जो उसे चोरी, हत्या, व्यभिचार,
22 ୨୨ ଆପାଙ୍ଗିର୍‌, ଲାଲାଚ୍‌, ଏତ୍‌କାନାଃ, ବେଦା, ନିଲାଜ୍‌, ହିସ୍‌ଙ୍ଗା, ନିନ୍ଦା, ଫୁଟାନି ଆଡଃ ବାଲୁସେଣାଁଁ ।
लोभ, दुराचारिता, छल-कपट, कामुकता, जलन, निंदा, अहंकार तथा मूर्खता की ओर लगा देते हैं.
23 ୨୩ ନେ ସବେନ୍‌ ଏତ୍‌କାନ୍‌ କାଜି ମନ୍‌ଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃତାନା ଆଡଃ ହଡ଼କେ ସତ୍‌ରାଇଆଏ ।”
ये सभी अवगुण मनुष्य के अंदर से बाहर आते तथा उसे अशुद्ध करते हैं.”
24 ୨୪ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଏନ୍ତାଃକେ ବାଗିକେଦ୍‌ତେ ସୋର୍‌ ଦିଶୁମ୍‌ରାଃ ଜାପାଃ ହାତୁତେ ସେନଃୟାନାଏ । ଇନିଃ ମିଆଁଦ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ ବଲୟାନାଏ ଆଡଃ ଜେତାଏ ଏନ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ ମେନାଇୟା ଏନା ଆଲକାକ ସାରିକା ମେନ୍ତେ ଇନିଃ ସାନାଙ୍ଗ୍‌କେଦାଏ, ମେନ୍‌ଦ ଇନିଃ କାଏ ଉକୁ ଦାଡ଼ିୟାନା ।
मसीह येशु वहां से निकलकर सोर प्रदेश में चले गए, जहां वह एक घर में ठहरे हुए थे और नहीं चाहते थे कि भीड़ को उनके विषय में कुछ मालूम हो किंतु उनका वहां आना छिप न सका.
25 ୨୫ ମେନ୍‌ଦ ଇମ୍‌ତାଗି ମିଆଁଦ୍‌ କୁଡ଼ି, ୟୀଶୁ ହିଜୁଃକାନାଏ ମେନ୍ତେ ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ହିଜୁଃୟାନାଏ ଆଡଃ ୟୀଶୁଆଃ କାଟାସୁବାରେ ଉୟୁଃୟାନାଏ, ଚିୟାଃଚି ସତ୍‌ରା ଆତ୍ମାଦ ଇନିୟାଃ ହନ୍ତେକୁଡ଼ିକେ ଏସେରାକାଇ ତାଇକେନାଏ ।
उनके विषय में सुनकर एक स्त्री उनसे भेंट करने वहां आई जिसकी पुत्री दुष्टात्मा से पीड़ित थी. वहां प्रवेश करते ही वह मसीह येशु के चरणों पर जा गिरी.
26 ୨୬ ଇନିଃ ସିରିୟା ଦିଶୁମ୍‌ରାଃ ଫୋନେସିୟାରେନ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ ସାଅଁସାର୍‌ କୁଡ଼ି ତାଇକେନାଏ, ଇନିଃ ହନ୍ତେକୁଡ଼ିଏତେ ବଙ୍ଗାକେ ହାର୍‌ଅଡଙ୍ଗ୍‌ତାଇମେ ମେନ୍ତେ ୟୀଶୁକେ ବିନ୍ତିକିୟାଏ ।
वह स्त्री यूनानी थी—सुरोफ़ॉयनिकी जाति की. वह मसीह येशु से विनती करती रही कि वह उसकी पुत्री में से दुष्टात्मा को निकाल दें.
27 ୨୭ ମେନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ ମେତାଇୟାଏ, “ସିଦାତେ ହନ୍‌କକେ ଜମ୍‌ ରିକାକମେ, ଚିୟାଃଚି ହନ୍‌କଆଃ ଜମେୟାଃଁ ରେଃକ୍‌କେଦ୍‌ତେ ସେତାକଆଃ ଆୟାର୍‌ରେ ହୁଦ୍‌ମାତେୟାଃ କା ବୁଗିନାଃ ।”
मसीह येशु ने उससे कहा, “पहले बालकों को तो तृप्‍त हो जाने दो! बालकों को परोसा भोजन उनसे लेकर कुत्तों को देना सही नहीं!”
28 ୨୮ ଏନ୍ତେ ଏନ୍‌ କୁଡ଼ି କାଜିକିୟାଏ, “ହେଗି ପ୍ରାଭୁ, ମେନ୍‌ଦ ମେଜ୍‌ ଲାତାର୍‌ରେ ସେତାକହଗି ହନ୍‌କଆଃ ହଲଙ୍ଗ୍‌କେଚାଃକ ଜଜମାଃ ।”
किंतु इसके उत्तर में उस स्त्री ने कहा, “सच है प्रभु, किंतु कुत्ते भी तो बालकों की मेज़ पर से गिरे टुकड़ों से अपना पेट भर लेते हैं.”
29 ୨୯ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଇନିଃକେ କାଜିକିୟାଏ, “ନେ କାଜିରେୟାଃ ନାଗେନ୍ତେ ଜୁ, ଅଡ଼ାଃତେ ରୁହାଡ଼୍‌ମେଁ, ହନ୍‌ମେଁ କୁଡ଼ିତାଃଏତେ ବଙ୍ଗା ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା ।”
मसीह येशु ने उससे कहा, “तुम्हारे इस उत्तर का परिणाम यह है कि दुष्टात्मा तुम्हारी पुत्री को छोड़कर जा चुकी है. घर लौट जाओ.”
30 ୩୦ ଏନ୍‌ କୁଡ଼ି ଅଡ଼ାଃତେ ରୁହାଡ଼୍‌ୟାନ୍ତେ ହନ୍ତେକୁଡ଼ିତାୟାଃକେ ପାର୍‌କମ୍‌ରେ ଗିତିଜାକାନ୍‌ ନେଲ୍‌କିୟାଏ, ଆଡଃ ବଙ୍ଗା ଇନିଃତାଃଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଆଁକାନ୍‌ ନାମ୍‌କିୟାଃ ।
घर पहुंचकर उसने अपनी पुत्री को बिछौने पर लेटा हुआ पाया. दुष्टात्मा उसे छोड़कर जा चुकी थी.
31 ୩୧ ଆଡଃଗି ୟୀଶୁ ସୋର୍‌ ଦିଶୁମ୍‌ଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ଚି, ସିଦୋନ୍‌ ଦିଶୁମ୍‌ରାଃ ଥାଲା ହରା, ଗାଲିଲ୍‌ ଦରେୟା, ଆଡଃ ଦେକାପଲ୍ଲୀ ସିମ୍‌ନାସାଃତେ ସେନଃୟାନାଏ ।
तब वह सोर के क्षेत्र से निकलकर सीदोन क्षेत्र से होते हुए गलील झील के पास आए, जो देकापोलिस अंचल में था.
32 ୩୨ ଚିମିନ୍‌ ହଡ଼କ ମିଆଁଦ୍‌ କା ଆୟୁମ୍‌ ଦାଡ଼ିତାନ୍‌ ହଡ଼ ଆଡଃ କା ବାଖାଁଣ୍‌ ଦାଡ଼ିତାନ୍‌ ହଡ଼କେ ୟୀଶୁତାଃତେ ଆଉକିୟାଃକ, ଆଡଃ ଆମାଃ ତିଃଇ ଇନିଃରେ ଦହେମେ ମେନ୍ତେକ ବିନ୍ତିକିୟା ।
लोग उनके पास एक ऐसे व्यक्ति को लाए जो बहिरा था तथा बड़ी कठिनाई से बोल पाता था. लोगों ने मसीह येशु से उस व्यक्ति पर हाथ रखने की विनती की.
33 ୩୩ ଆଡଃ ୟୀଶୁ ଇନିଃକେ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ଥାଲାଏତେ ଗେନାତେ ଏସ୍‌କାର୍‌ଗି ଇଦିକିୟାଏ, ଆଡଃ ଆୟାଃ ସାର୍‌ସାର୍‌ ଇନିୟାଃ ଲୁତୁର୍‌ରେ ଦହକେଦାଏ, ଆଡଃ ବେଏକ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଇନିୟାଃ ଆଲାଙ୍ଗ୍‌କେ ଜୁଟିଦ୍‌କେଦାଏ ।
मसीह येशु उस व्यक्ति को भीड़ से दूर एकांत में ले गए. वहां उन्होंने उसके कानों में अपनी उंगलियां डालीं. इसके बाद अपनी लार उसकी जीभ पर लगाई.
34 ୩୪ ଆଡଃ ସିର୍ମାସାଃତେ ସାଙ୍ଗିଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ, ମାରାଙ୍ଗ୍‌ସାହେଁଦ୍‌ଲଃ ମେନ୍‌କେଦାଏ “ଏଫ୍‌ଫାଥାଃ” ନେଆଁଁରାଃ ମୁଣ୍ଡିଦ “ନିଜଃମେଁ” ।
तब एक गहरी आह भरते हुए स्वर्ग की ओर दृष्टि उठाकर उन्होंने उस व्यक्ति को संबोधित कर कहा, “एफ़्फ़ाथा!” (अर्थात् खुल जा!)
35 ୩୫ ଇମ୍‌ତାଗି ଇନିୟାଃ ଲୁତୁର୍‌ଦ ନିଜ୍‌ୟାନା ଆଡଃ ଆଲାଙ୍ଗ୍‌ରେୟାଃ ତନଲ୍‌ ରାଡ଼ାୟାନା, ଆଡଃ ଇନିଃ ବୁଗିଲେକାତେ ବାଖାଁଣ୍‌ ଦାଡ଼ିକେଦାଏ ।
उस व्यक्ति के कान खुल गए, उसकी जीभ की रुकावट भी जाती रही और वह सामान्य रूप से बातें करने लगा.
36 ୩୬ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଜେତାଏକକେ ନେ କାଜି କା ଉଦୁବ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ, ମେନ୍‌ଦ ଇନିଃ ହଡ଼କକେ ପୁରାଃଗି କାଜିକେଦ୍‌କରେହ ଇନ୍‌କୁ ଆଡଃଗି ପୁରାଃତେକ ଉଦୁବ୍‌ବାଡ଼ାକେଦା ।
मसीह येशु ने लोगों को आज्ञा दी कि वे इसके विषय में किसी से न कहें किंतु मसीह येशु जितना रोकते थे, वे उतना ही अधिक प्रचार करते जाते थे.
37 ୩୭ ଆଡଃ ଏନା ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ ହଡ଼କ ପୁରାଃଗିକ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅୟାନା, ଆଡଃ କାଜିକେଦାଃକ, “ଇନିଃଦ ସବେନାଃ ବୁଗିଲେକାତେ କାମିୟାକାଦାଏ, କା ଆୟୁମ୍‌ଦାଡ଼ିତାନ୍‌କକେ ଇନିଃ ଆୟୁମ୍‌ ରିକାକେଦ୍‌କଆଏ, ଆଡଃ କା ବାଖାଁଣ୍‌ଦାଡ଼ିତାନ୍‌କକେ ବାଖାଁଣ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ପେଡ଼େଃ ଏମାକୁତାନାଏ ।”
लोग आश्चर्य से भरकर कहा करते थे, “वह जो कुछ करते हैं, भला ही करते हैं—यहां तक कि वह बहिरे को सुनने की तथा गूंगे को बोलने की शक्ति प्रदान करते हैं.”

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