< ମାର୍କ 6 >

1 ୟୀଶୁ ଏନ୍ତାଃଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା । ଆଡଃ ଚେଲାକଲଃ ଆୟାଃ ସାହାର୍‌ତେ ହିଜୁଃୟାନାଏ ।
मसीह येशु वहां से अपने गृहनगर आए. उनके शिष्य उनके साथ थे.
2 ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ ଇନିଃ ଇତୁ ଏଟେଦ୍‌କେଦାଏ । ଏନ୍ତାଃରେନ୍‌ ପୁରାଃ ହଡ଼କ ଇନିୟାଃ କାଜି ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅୟାନାକ, ଆଡଃକ ମେନ୍‌କେଦାଃ, “ଇନିଃ ନେ ସବେନ୍‌କାଜି ଅକ୍‌ତାଃଏତେ ନାମାକାଦା? ଇନିଃ ଅକ୍‌ତାଃଏତେ ନେ ସେଣାଁଁ ଆଡଃ ପେଡ଼େୟାନ୍‌ କାମିକରେୟାଃ ପେଡ଼େଃ ନାମାକାଦାଏ? ନିଃ ଚିଲ୍‌କା ନେ ଲେକା ପେଡ଼େୟାନ୍‌ କାମିକ କାମିତାନାଏ?
शब्बाथ पर वे यहूदी सभागृह में शिक्षा देने लगे. उनको सुन उनमें से अनेक चकित हो कहने लगे. “कहां से प्राप्‍त हुआ इसे यह सब? कहां से प्राप्‍त हुआ है इसे यह बुद्धि कौशल और हाथों से यह अद्भुत काम करने की क्षमता?
3 ଚିୟାଃ ନିଃ ଏନ୍‌ ବାଢ଼ାଇ ନାହାଁଲିଃ? ଚିୟାଃ ନିଃ ମାରିୟାମ୍‌ଆଃ ହନ୍ତେକଡ଼ା ନାହାଁଲିଃ? ଆଡଃ ଯାକୁବ୍‌, ଯୋସି, ଶିମୋନ୍‌ ଆଡଃ ଯିହୁଦା ନେ ସବେନ୍‌କ ଆୟାଃ ହାଗାକ କା'ଚି ତାନ୍‌କ? ଆଡଃ ଇନିୟାଃ ମିଶିକ ଆବୁଲଃଚି ବାଙ୍ଗ୍‌କଆ?” ଆଡଃ, ଇନ୍‌କୁ ୟୀଶୁକେ କାକ ବିଶ୍ୱାସ୍‌କିୟା ।
क्या यह वही बढ़ई नहीं? क्या यह मरियम का पुत्र तथा याकोब, योसेस, यहूदाह तथा शिमओन का भाई नहीं? क्या उसी की बहनें हमारे मध्य नहीं हैं?” इस पर उन्होंने मसीह येशु को अस्वीकार कर दिया.
4 ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ ମେତାଦ୍‌କଆ, “ନାବୀ ଆୟାଃ ଦିଶୁମ୍‌ ଆଡଃ ଆୟାଃ କୁଟୁମ୍‌, ଆଡଃ ଆୟାଃ ଅଡ଼ାଃରେନ୍‌କକେ ବାଗିକେଦ୍‌ତେ ସବେନ୍‌ତାଃରେ ମାଇନଃଆଏ ।”
मसीह येशु ने उनसे कहा, “भविष्यवक्ता हर जगह सम्मानित होता है सिवाय अपने स्वयं के नगर में, अपने संबंधियों तथा परिवार के मध्य.”
5 ୟୀଶୁ ଚିମିନ୍‌ ଦୁକୁତାନ୍‌କକେ ତିଃଇତେ ଜୁଟିଦ୍‌କେଦ୍‌ତେ ବୁଗିକେଦ୍‌କଆଏ, ଏନା ବାଗିକେଦ୍‌ତେ ଆଡଃ ଏନ୍ତାଃରେ ଇନିଃ ଜେତାନ୍‌ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅ କାମିକ କାଏ ରିକା ଦାଡ଼ିକେଦାଃ ।
कुछ रोगियों पर हाथ रख उन्हें स्वस्थ करने के अतिरिक्त मसीह येशु वहां कोई अन्य अद्भुत काम न कर सके.
6 ଆଡଃ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁଆଃ କା ବିଶ୍ୱାସ୍‌ତେୟାଃ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅୟାନା । ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ହପର୍‌ଜାପାଃ ହାତୁ ହାତୁ ସେନ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଇତୁତାନାଏ ତାଇକେନା ।
मसीह येशु को उनके अविश्वास पर बहुत ही आश्चर्य हुआ. मसीह येशु नगर-नगर जाकर शिक्षा देते रहे.
7 ଏନ୍ତେ ଗେଲ୍‌ବାର୍‌ ଚେଲାକକେ କେଡ଼ାକେଦ୍‌ତେ, ବାବାର୍‌ହଡ଼୍‌ଲେକା କୁଲ୍‌କେଦ୍‌କଆଏ । ଆଡଃ ସତ୍‌ରା ଆତ୍ମା ହାର୍‌ଅଡଙ୍ଗ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁକେ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ ଏମାଦ୍‌କଆଏ ।
उन्होंने उन बारहों को बुलाया और उन्हें दुष्टात्माओं पर अधिकार देते हुए उन्हें दो-दो करके भेज दिया.
8 ଆଡଃ ୟୀଶୁ ଚିର୍ଗାଲ୍‌କେଦ୍‌କଆଏ, “ହରାସେନ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ସଟା ବାଗିକେଦ୍‌ତେ ଆଡଃ ଜେତ୍‌ନାଃ ଆଲ୍‌ପେ ଇଦିୟା, ହଲଙ୍ଗ୍‌ ଚି ଥାଇଲା, ମାୟାଙ୍ଗ୍‌ରେ ଟାକା ପାଏସା ହଁ କାହାଗି ।
मसीह येशु ने उन्हें आदेश दिए, “इस यात्रा में छड़ी के अतिरिक्त अपने साथ कुछ न ले जाना—न भोजन, न झोली और न पैसा.
9 କାଟାରେ ଖାର୍‌ପା ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ୟେଁନ୍‌ପେ ମେନ୍‌ଦ ବାରିଆ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ ଲିଜାଃ ଆଲ୍‌ପେ ସାବେୟା ।
हां, चप्पल तो पहन सकते हो किंतु अतिरिक्त बाहरी वस्त्र नहीं.”
10 ୧୦ ଆଡଃ ଇନିଃ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, ଜେତା ଅଡ଼ାଃରେ ଦାରମ୍‌ପେରେ, ଏନ୍‌ ସାହାର୍‌ଏତେ ଆଉରିପେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃ ଜାକେଦ୍‌ ଏନ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେଗି ତାଇନ୍‌କାନ୍‌ପେ ।
आगे उन्होंने कहा, “जिस घर में भी तुम ठहरो उस नगर से विदा होने तक वहीं रहना.
11 ୧୧ ଜାହାନ୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ରେନ୍‌କ କାକ ସୁକୁଆପେରେ, ଆଡଃ ଆପେୟାଃ କାଜି କାକ ଆୟୁମ୍‌ରେଦ, ଏନ୍ତାଃଏତେ ସେନଃତାନ୍‌ଲଃ, ଆପେୟାଃ କାଟା ତାଲ୍‌କାରେୟାଃ ଧୁଡ଼ି ଇନ୍‌କୁଆଃ ବିରୁଧ୍‌ରେଆଃ ଗାୱା ନାଗେନ୍ତେ କଟା ବାଗିତାପେ ।”
जहां कहीं तुम्हें स्वीकार न किया जाए या तुम्हारा प्रवचन न सुना जाए, वह स्थान छोड़ते हुए अपने पैरों की धूल वहीं झाड़ देना कि यह उनके विरुद्ध प्रमाण हो.”
12 ୧୨ ଇନ୍‌କୁ ସେନଃୟାନାକ ଆଡଃ ହଡ଼କକେ ହେୟାତିଙ୍ଗ୍‌ ଲାଗାତିୟାଃଁ ମେନ୍ତେ ଉଦୁବ୍‌କେଦାକ ।
शिष्यों ने प्रस्थान किया. वे यह प्रचार करने लगे कि पश्चाताप सभी के लिए ज़रूरी है.
13 ୧୩ ଇନ୍‌କୁ ପୁରାଃ ବଙ୍ଗାକକେ ହଡ଼କତାଃଏତେ ହାର୍‌ଅଡଙ୍ଗ୍‌ କେଦ୍‌କଆକ ଆଡଃ ପୁରାଃ ଦୁକୁହାସୁତାନ୍‌ ହଡ଼କକେ ସୁନୁମ୍‌ ଗସଃକେଦ୍‌ତେ ବୁଗିକେଦ୍‌କଆକ ।
उन्होंने अनेक दुष्टात्माएं निकाली तथा अनेक रोगियों को तेल मलकर उन्हें स्वस्थ किया.
14 ୧୪ ୟୀଶୁଆଃ ନୁତୁମ୍‌ ସବେନ୍‌ସାଃରେ ନିତିର୍‌ୟାନ୍ତେ, ହେରୋଦ୍‌ ରାଜା ଇନିୟାଃ ବିଷାଏ ଆୟୁମ୍‌କେଦା । ଚିମିନ୍‌ ହଡ଼କ କାଜିତାଇକେନାକ, “ବାପ୍ତିସ୍ମା ଏମଃନିଃ ଯୋହାନ୍‌ ଗଜାକାନ୍‌ଏତେ ଜୀଉବିରିଦାକାନାଏ, ଏନା ମେନ୍ତେଗି ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅ କାମିକ ଇନିୟାଃ ହରାତେ ହବାଅଃତାନା ।”
राजा हेरोदेस तक इसका समाचार पहुंच गया क्योंकि मसीह येशु की ख्याति दूर-दूर तक फैल गयी थी. कुछ तो यहां तक कह रहे थे, “बपतिस्मा देनेवाले योहन मरे हुओं में से जीवित हो गए हैं. यही कारण है कि मसीह येशु में यह अद्भुत सामर्थ्य प्रकट है.”
15 ୧୫ ମେନ୍‌ଦ ଏଟାଃକ କାଜିକେଦାଃକ, “ଇନିଃ ଏଲିୟ ତାନିଃ, ଆଡଃ ଚିମିନ୍‌ ହଡ଼କ କାଜିକେଦାଃକ, ଇନିଃ ସିଦାରେନ୍ ନାବୀକଏତେ ମିଆଁଦ୍‌ ନାବୀ ତାନିଃ ।”
कुछ कह रहे थे, “वह एलियाह हैं.” कुछ यह भी कहते सुने गए, “वह एक भविष्यवक्ता हैं—अतीत में हुए भविष्यद्वक्ताओं के समान.”
16 ୧୬ ମେନ୍‌ଦ ହେରୋଦ୍‌ ନେଆଁଁକ ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ମେନ୍‌କେଦାଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ବହଃ ଖାଣ୍ଡାଅକାନ୍‌ ଯୋହାନ୍‌ ଗଜାକାନ୍‌ କଏତେ ଜୀଉବିରିଦ୍‌ୟାନାଏ ।”
यह सब सुनकर हेरोदेस कहता रहा, “योहन, जिसका मैंने वध करवाया था, जीवित हो गया है.”
17 ୧୭ ନେ ହେରୋଦ୍‌ଗି ଯୋହାନ୍‌କେ ସାସାବ୍‌ରାଃ ହୁକୁମ୍‌ ଏମାକାଦ୍‌ ତାଇକେନାଏ, ଆଡଃ ଇନିଃକେ ତଲ୍‌କିଃତେ ଜେହେଲ୍‌କିୟାଏ, ହେରୋଦ୍‌ ନେଆଁଁ ରିକାକେଦାଏ, ଚିୟାଃଚି ହେରୋଦ୍‌ ଆୟାଃ ହାଗାତେ ଫିଲିପ୍‌ରାଃ କୁଡ଼ିତେ ହେରୋଦିୟାଃକେ ମାଣ୍ଡାଅକାଇ ତାଇକେନା ।
स्वयं हेरोदेस ने योहन को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया था क्योंकि उसने अपने भाई फ़िलिप्पॉस की पत्नी हेरोदिअस से विवाह कर लिया था.
18 ୧୮ ଚିୟାଃଚି “ହାଗାମାଃ କୁଡ଼ିକେ ଦହତେୟାଃ ଆଇନ୍‌ ଲେକାତେ ଆମାଃ ନାଙ୍ଗ୍‌ କା ଠାଉକାଃ” ମେନ୍ତେ ଯୋହାନ୍‌ ହେରୋଦ୍‌କେ କାଜିକାଇ ତାଇକେନା ।
योहन हेरोदेस को याद दिलाते रहते थे, “तुम्हारे लिए अपने भाई की पत्नी को रख लेना व्यवस्था के अनुसार नहीं है.” इसलिये
19 ୧୯ ଏନାତେ, ହେରୋଦିୟାଃ ଇନିଃକେ ଖିସ୍‌ତେ ଗଗଏଃ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନାଏ, ମେନ୍‌ଦ ହେରୋଦିଆ କାଏ ଦାଡ଼ିତାଇକେନା ।
हेरोदियास के मन में योहन के लिए शत्रुभाव पनप रहा था. वह उनका वध करवाना चाहती थी किंतु उससे कुछ नहीं हो पा रहा था.
20 ୨୦ ଚିୟାଃଚି, ହେରୋଦ୍‌ ଯୋହାନ୍‌କେ ମିଆଁଦ୍‌ ଧାର୍‌ମାନ୍‌ ଆଡଃ ପାବିତାର୍‌ ହଡ଼ ତାନିଃ ମେନ୍ତେ ସାରିକେଦ୍‌ତେ ବରଆଇତାନ୍‌ ତାଇକେନାଏ ଆଡଃ ଇନିଃକେ ଜେହେଲ୍‌ରେ ଜୀହିଦ୍‌ଗି ମାଣ୍ଡାଅକାଇ ତାଇକେନାଏ । ଆଡଃ ଇନିୟାଃ କାଜିକ ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ପୁରାଃଗି ଦାନ୍ଦରାଅଃ ତାଇକେନ୍‌ରେୟ ଇନିୟାଃ କାଜିକ ରାସ୍‌କାତେ ଆୟୁମ୍‌ ତାଇକେନା ।
हेरोदेस योहन से डरता था क्योंकि वह जानता था कि योहन एक धर्मी और पवित्र व्यक्ति हैं. हेरोदेस ने योहन को सुरक्षित रखा था. योहन के प्रवचन सुनकर वह घबराता तो था फिर भी उसे उनके प्रवचन सुनना बहुत प्रिय था.
21 ୨୧ ଟୁଣ୍ଡୁରେ ହେରୋଦିଆ ନାଗେନ୍ତେ ନେଡା ସେଟେର୍‌ୟାନା, ହେରୋଦ୍‌ ଆୟାଃ ଜାନାମ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌କେ ମାନାଅ ନାଗେନ୍ତେ, ଆୟାଃ ମାପ୍‌ରାଙ୍ଗ୍‌ ଦାର୍‌ବାର୍‌ ହଡ଼କ, ପାଲ୍‌ଟାନ୍‌କଆଃ ସାର୍‌ଦାର୍‌କ, ଆଡଃ ଗାଲିଲ୍‌ରେନ୍ ମାପ୍‌ରାଙ୍ଗ୍‌ ହଡ଼କଆଃ ନାଗେନ୍ତେ ନୁବାଃରେୟାଃ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଜଜମାଃ ବାଇକେଦାଏ ।
आखिरकार हेरोदिअस को वह मौका प्राप्‍त हो ही गया: अपने जन्मदिवस के उपलक्ष्य में हेरोदेस ने अपने सभी उच्च अधिकारियों, सेनापतियों और गलील प्रदेश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों को भोज पर आमंत्रित किया.
22 ୨୨ ହେରୋଦିୟାଃରାଃ ହନ୍ତେକୁଡ଼ି ଜମେଅଡ଼ାଃରେ ବଲକେଦ୍‌ତେ ସୁସୁନ୍‌କେଦାଏ, ଆଡଃ ହେରୋଦ୍‌ତାଃ ହିଜୁଆକାନ୍‌ ସବେନ୍‌ ନେଅଁତା ହଡ଼କକେ ରାସ୍‌କା କେଦ୍‌କଆଏ । ଏନ୍ତେ ରାଜା ହେରୋଦ୍‌ ହନ୍ତେକୁଡ଼ିକେ କାଜିକିୟାଏ “ଆମ୍‌ ସୁକୁଃତେଆଃ ଜେତ୍‌ନାଃମ୍‌ ଆସିଙ୍ଗ୍‌ରେହଁ, ଏନାଇଙ୍ଗ୍‌ ଏମାମେୟାଁ ।”
इस अवसर पर हेरोदिअस की पुत्री ने वहां अपने नृत्य के द्वारा हेरोदेस और अतिथियों को मोह लिया. राजा ने पुत्री से कहा. “मुझसे चाहे जो मांग लो, मैं दूंगा.”
23 ୨୩ “ଜାହାନାଃଗି ଆସିଙ୍ଗ୍‌ମେ, ରାଇଜ୍‌ରାଃ ତାରାହାଟିଙ୍ଗ୍‌ ମେନେରେୟଗି ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଏମାମେୟାଁ” ମେନ୍ତେ ରାଜା ଇନିଃତାଃରେ କିରିୟାକେଦାଏ ।
राजा ने शपथ खाते हुए कहा, “तुम जो कुछ मांगोगी, मैं तुम्हें दूंगा—चाहे वह मेरा आधा राज्य ही क्यों न हो.”
24 ୨୪ ଆଡଃ ଏନ୍‌ କୁଡ଼ିହନ୍‌ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ତେ, ଚିକାନାଃଇଙ୍ଗ୍‌ ଆସିୟା ମେନ୍ତେ ଏଙ୍ଗାତେକେ କୁଲିକିୟାଏ? ଆୟାଃ ଏଙ୍ଗାତେ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟା “ବାପ୍ତିସ୍ମା ଏମଃନିଃ ଯୋହାନ୍‌ଆଃ ବହଃ ।”
अपनी मां के पास जाकर उसने पूछा, “क्या मांगूं?” “बपतिस्मा देनेवाले योहन का सिर,” उसने कहा.
25 ୨୫ ଏନ୍‌ କୁଡ଼ିହନ୍‌ ଜାଲ୍‌ଦିଗି ହିଜୁଃ ରୁହାଡ଼୍‌କେଦ୍‌ତେ ରାଜାକେ କାଜିକିୟାଏ, “ନାହାଁଃଗି ନେତାଃରେ, ବାପ୍ତିସ୍ମା ଏମଃନିଃ ଯୋହାନ୍‌ରାଃ ବହଃ ମିଆଁଦ୍‌ ଥାଡ଼ିରେ ଏମାଇଙ୍ଗ୍‌ମେ ।”
पुत्री ने तुरंत जाकर राजा से कहा, “मैं चाहती हूं कि आप मुझे इसी समय एक थाल में बपतिस्मा देनेवाले योहन का सिर लाकर दें.”
26 ୨୬ ଏନ୍‌ କାଜି ହରାତେ ରାଜା ପୁରାଃଗି ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ଜୀଉୟାନା, ମେନ୍‌ଦ ନେଅଁତାକାନ୍‌କଆଃ ସାମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ରେ କିରିୟାକାଦ୍‌ ହରାତେ ଇନିଃ ଆୟାଃ ଆନାସିକେ ବାନଃ ମେନ୍ତେ ମାନା କାଏ ଦାଡ଼ିକେନା ।
हालांकि राजा को इससे गहरा दुःख तो हुआ किंतु आमंत्रित अतिथियों के सामने ली गई अपनी शपथ के कारण वह अस्वीकार न कर सका.
27 ୨୭ ଏନା ମେନ୍ତେ ରାଜା ଇମ୍‌ତାଗି ମିଆଁଦ୍‌ ସିପାଇକେ, ଯୋହାନ୍‌ଆଃ ବହଃ ଥାଡ଼ିରେ ଆଉ ନାଗେନ୍ତେ କୁଲ୍‌କିୟାଏ, ଇନିଃଦ ସେନଃୟାନ୍ତେ, ଜେହେଲ୍‌ରେ ଯୋହାନ୍‌ରାଃ ବହଃକେ ମାଆଃକେଦାଏ,
तत्काल राजा ने एक जल्लाद को बुलवाया और योहन का सिर ले आने की आज्ञा दी. वह गया, कारागार में योहन का वध किया
28 ୨୮ ଏନ୍ତେ ଇନିୟାଃ ବହଃ ମିଆଁଦ୍‌ ଥାଡ଼ିରେକ ଆଉକେଦା ଆଡଃ ହନ୍ତେକୁଡ଼ିକେକ ଏମ୍‌କିୟା, ଏନ୍ତେ କୁଡ଼ିହନ୍‌ ଏଙ୍ଗାତେକେ ଏନା ଏମ୍‌କିୟାଏ ।
और उनका सिर एक बर्तन में रखकर पुत्री को सौंप दिया और उसने जाकर अपनी माता को सौंप दिया.
29 ୨୯ ଯୋହାନ୍‌ଆଃ ଚେଲାକ ଏନା ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେକ ହିଜୁଃୟାନା ଆଡଃ ଆୟାଃ ହଡ଼୍‌ମକେ ଇଦିକେଦ୍‌ତେ ତପାଗାଡ଼ାରେକ ତପାକେଦା ।
जब योहन के शिष्यों को इसका समाचार प्राप्‍त हुआ, वे आए और योहन के शव को ले जाकर एक कब्र में रख दिया.
30 ୩୦ ପ୍ରେରିତ୍‌କ ୟୀଶୁତାଃରେକ ହୁଣ୍ଡିୟାନା, ଆଡଃ ଆକ କାମିକାଦ୍ ସବେନାଃ, ହଡ଼କକେ ଇତୁତେଆଃକ ଇନିଃକେ ଉଦୁବ୍‌କିୟାକ ।
प्रेरित लौटकर मसीह येशु के पास आए और उन्हें अपने द्वारा किए गए कामों और दी गई शिक्षा का विवरण दिया.
31 ୩୧ ଏନ୍ତେ ପୁରାଃ ହଡ଼କ ହିଜୁଃ ସେନଃତାନ୍‌କ ତାଇକେନା, ଆଡଃ କୁଲାକାନ୍‌ ଚେଲାକ ଜଜମ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ସାମାଏ କାକ ନାମ୍‌କେଦାଃ, ଏନାମେନ୍ତେ ୟୀଶୁ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ଦଲା ଜାହାନ୍‌ ସିଃସଏଃ ଠାୟାଦ୍‌ତେବୁଆଃ, ଅକ୍‌ତାଃରେ ଆବୁ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ଲେକା ରୁଡ଼ୁନ୍‌ବୁ ଦାଡ଼ିୟାଃ ।”
मसीह येशु ने उनसे कहा, “आओ, कुछ समय के लिए कहीं एकांत में चलें और विश्राम करें,” क्योंकि अनेक लोग आ जा रहे थे और उन्हें भोजन तक का अवसर प्राप्‍त न हो सका था.
32 ୩୨ ଏନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ଲାଉକାରେ ଦେଏଃୟାନ୍ତେ ମିଆଁଦ୍‌ ସିଃସଏଃ ଠାୟାଦ୍‌ତେ ସେନଃୟାନାକ ।
वे चुपचाप नाव पर सवार हो एक सुनसान जगह पर चले गए.
33 ୩୩ ମେନ୍‌ଦ, ହଡ଼କ ଇନ୍‌କୁକେ ସେନଃତାନ୍‌କ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌କଆ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁକେ ନେଲ୍‌ଉରୁମ୍‌ କେଦ୍‌କଆକ, ଆଡଃ ସବେନ୍‌ ସାହାର୍‌କଏତେ ହଡ଼କ ସେସେନ୍‌ତେଗି ଏନ୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ତେ ସିଦାରେଗି ତେବାଃୟାନାକ ।
लोगों ने उन्हें वहां जाते हुए देख लिया. अनेकों ने यह भी पहचान लिया कि वे कौन थे. आस-पास के नगरों से अनेक लोग दौड़ते हुए उनसे पहले ही उस स्थान पर जा पहुंचे.
34 ୩୪ ୟୀଶୁ ଲାଉକାଏତେ ଆଡ଼୍‌ଗୁୟାନ୍‌ଚି ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କକେ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଜୀଉରେ ବିଲ୍‌କାଅୟାନାଏ, ଚିୟାଃଚି ଇନ୍‌କୁଦ ଗୁପିନିଃ ବାଙ୍ଗାଇ ମିଣ୍ଡିକ ଲେକାକ ତାଇକେନା, ଏନ୍ତାଃରେ ଇନିଃ ଇନ୍‌କୁକେ ଇତୁ ଏଟେଦ୍‌କେଦ୍‌ଆଏ ।
जब मसीह येशु तट पर पहुंचे, उन्होंने वहां एक बड़ी भीड़ को इकट्ठा देखा. उसे देख वह दुःखी हो उठे क्योंकि उन्हें भीड़ बिना चरवाहे की भेड़ों के समान लगी. वहां मसीह येशु उन्हें अनेक विषयों पर शिक्षा देने लगे.
35 ୩୫ ଆଡଃ ସିଙ୍ଗି ହାସୁରଃତାନ୍‌ରେ, ଚେଲାକ ୟୀଶୁତାଃ ସେନ୍‌କେଦ୍‌ତେକ କାଜିକିୟା, “ନେ ଠାୟାଦ୍‌ ସିଃସଏଃଗିୟା, ଆଡଃ ସିଙ୍ଗିଅଃ ସେନଃୟାନା ।
दिन ढल रहा था. शिष्यों ने मसीह येशु के पास आकर उनसे कहा, “यह सुनसान जगह है और दिन ढला जा रहा है.
36 ୩୬ ଏନାମେନ୍ତେ ଜାପାଃ ହାତୁ ଆଡଃ ଟଲାକତେ ସେନ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଜଜ୍‌ମାଃକ କିରିଙ୍ଗ୍‌ ଜମେକା ମେନ୍ତେ ଏନ୍‌ ହଡ଼କକେ ବିଦାତାକମେଁ ।”
अब आप इन्हें विदा कर दीजिए कि ये पास के गांवों में जाकर अपने लिए भोजन-व्यवस्था कर सकें.”
37 ୩୭ ୟୀଶୁ କାଜିରୁହାଡ଼ାଦ୍‌କଆଏ, “ଆପେଗି ଇନ୍‌କୁକେ ଜାହାନାଃ ଜମେୟାଃଁ ଏମାକପେ,” ଇନ୍‌କୁଦ ଇନିଃକେ କାଜିକିୟାକ, “ଆଲେଗି ଚି ୨୦୦ ରୁପାରାଃ ସିକାତେ ହଲଙ୍ଗ୍‌ କିରିଙ୍ଗ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଜମେୟାଃଁଲେ ଏମାକଆ?”
किंतु मसीह येशु ने उन्हीं से कहा, “तुम ही दो इन्हें भोजन!” शिष्यों ने इसके उत्तर में कहा, “इतनों के भोजन में कम से कम दो सौ दीनार लगेंगे. क्या आप चाहते हैं कि हम जाकर इनके लिए इतने का भोजन ले आएं?”
38 ୩୮ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ କୁଲିକେଦ୍‌କଆଏ, “ଆପେତାଃରେ ଚିମିନ୍‌ ହଲଙ୍ଗ୍‌ ମେନାଃ? ଜୁ, ନେଲାଉଲେପେ,” ଇନ୍‌କୁଦ ନାମ୍‌କେଦ୍‌ଚି ଇନିଃକେକ ଉଦୁବ୍‌କିୟା, “ମଣେୟାଁ ହଲଙ୍ଗ୍‌ ଆଡଃ ବାରିଆ ହାକୁ ।”
मसीह येशु ने उनसे पूछा, “कितनी रोटियां हैं यहां? जाओ, पता लगाओ!” उन्होंने पता लगाकर उत्तर दिया, “पांच—और इनके अलावा दो मछलियां भी.”
39 ୩୯ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଚେଲାକକେ “ହାରିୟାର୍‌ ତାସାଦ୍‌ରେ ସବେନ୍‌ ହଡ଼କକେ ପାନ୍ତିପାନ୍ତି ଦୁବ୍‌କୁପେ” ମେନ୍ତେ ଆଚୁକେଦ୍‌କଆ ।
मसीह येशु ने सभी लोगों को झुंड़ों में हरी घास पर बैठ जाने की आज्ञा दी.
40 ୪୦ ଆଡଃ ହଡ଼କ ମିଆଁଦ୍‌ ପାନ୍ତିରେ ଶାଅ ଶାଅ ଆଡଃ ମିଆଁଦ୍‌ ପାନ୍ତିରେ ପାଚାଶ୍‌ ପାଚାଶ୍‌ ଲେକାକ ଦୁବ୍‌ୟାନା ।
वे सभी सौ-सौ और पचास-पचास के झुंडों में बैठ गए.
41 ୪୧ ଆଡଃ, ୟୀଶୁ ଏନ୍‌ ମଣେୟାଁ ହଲଙ୍ଗ୍‌ ଆଡଃ ବାରିଆ ହାକୁ ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ସିର୍ମାସାଃ ସାଙ୍ଗିଲ୍‌ରାକାବ୍‌ତାନ୍‌ଲଃ ଆଶିଷ୍‌କେଦାଏ ଆଡଃ ହଲଙ୍ଗ୍‌ କେଚାଃକେଦ୍‍ତେ ଚେଲାକକେ ଏମାଦ୍‍କଆଏ ଆଡଃ ହାକୁକେହଁ ଇନ୍‌କୁ ହାଟିଙ୍ଗ୍‌କେଦାଃକ ।
मसीह येशु ने वे पांच रोटियां और दो मछलियां लेकर स्वर्ग की ओर आंखें उठाकर उनके लिए धन्यवाद प्रकट किया. तब वह रोटियां तोड़ते और शिष्यों को देते गए कि वे उन्हें भीड़ में बांटते जाएं. इसके साथ उन्होंने वे दो मछलियां भी उनमें बांट दीं.
42 ୪୨ ସବେନ୍‌କ ଜମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ବି'ୟାନାକ ।
सभी ने भरपेट खाया.
43 ୪୩ ଏନ୍ତେ ଚେଲାକ ଜମ୍‌ ସାରେଜାକାନ୍ ହଲଙ୍ଗ୍‌ ଆଡଃ ହାକୁ ବାରା ଟୁଙ୍କିକ ହାଲାଙ୍ଗ୍‌ ପେରେଃକେଦାଃକ ।
शिष्यों ने शेष रह गए रोटियों तथा मछलियों के टुकड़े इकट्ठा किए तो बारह टोकरे भर गए.
44 ୪୪ ଜମ୍‌କେନ୍‌କଦ, ପାଞ୍ଚ୍‌ ହାଜାର୍‌ କଡ଼ାକ ତାଇକେନାକ ।
जिन्होंने भोजन किया था, उनमें पुरुष ही पांच हज़ार थे.
45 ୪୫ ଇମ୍‌ତାଗି ୟୀଶୁ ଚେଲାକକେ ଲାଉକାରେ ଦୁବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଦରେୟା ହାନ୍‌ ପାରମ୍‌ ବେଥ୍‌ସାଇଦାତେ କୁଲ୍‌ ଆୟାର୍‌କେଦ୍‌କଆ । ଇମ୍‌ତାଲଃ ଇନିଃ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କକେ ବିଦାକେଦ୍‌କଆ ।
तुरंत ही मसीह येशु ने शिष्यों को जबरन नाव पर बैठा उन्हें अपने से पहले दूसरे किनारे पर स्थित नगर बैथसैदा पहुंचने के लिए विदा किया—वह स्वयं भीड़ को विदा कर रहे थे.
46 ୪୬ ଇନିଃ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କକେ ବିଦାକେଦ୍‌ତେ, ବିନ୍ତି ନାଗେନ୍ତେ ବୁରୁତେ ରାକାବ୍‌ୟାନା ।
उन्हें विदा करने के बाद वह प्रार्थना के लिए पर्वत पर चले गए.
47 ୪୭ ଆଡଃ ସିଙ୍ଗିହାସୁର୍‌ତାନ୍‌ରେ ଲାଉକା ଥାଲା ଦରେୟାରେ ତାଇକେନା, ଇମ୍‌ତାଦ ୟୀଶୁ ଏସ୍‌କାର୍‌ଗି ଅତେରେ ତାଇକେନାଏ ।
रात हो चुकी थी. नाव झील के मध्य में थी. मसीह येशु किनारे पर अकेले थे.
48 ୪୮ ସାମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ରାଃ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ହୟତେ ଚେଲାକ ଦୁକୁତେ ଲାଉକାକେ ଇଦିତାନ୍‌ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ, ଇନିଃ ସେତାଃ ନିଦାରେୟାଃ ଉପୁନ୍‌ ଘାଡ଼ି ଇମ୍‌ତାକରେ ୟୀଶୁ ଦରେୟାରେ ସେସେନ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଇନ୍‌କୁତାଃତେ ହିଜୁଃକେଦ୍‌ତେ ସେନ୍‌ପାରମ୍‌କତାନାଏ ତାଇକେନା ।
मसीह येशु देख रहे थे कि हवा उल्टी दिशा में चलने के कारण शिष्यों को नाव खेने में कठिन प्रयास करना पड़ रहा था. रात के चौथे प्रहर मसीह येशु झील की सतह पर चलते हुए उनके पास जा पहुंचे और ऐसा अहसास हुआ कि वह उनसे आगे निकलना चाह रहे थे.
49 ୪୯ ମେନ୍‌ଦ ଇନ୍‌କୁ ଦରେୟା ଚେତାନ୍‌ରେ ଇନିଃକେ ସେସେନ୍‌ତାନ୍‌କ ନେଲ୍‌କିଃତେ ବରକେଦାକ ଆଡଃ “ବଙ୍ଗା ତାନିଃ” ମେନ୍ତେକ କାଉରିକେଦା ।
उन्हें जल सतह पर चलता देख शिष्य समझे कि कोई दुष्टात्मा है और वे चिल्ला उठे
50 ୫୦ ସବେନ୍‌କ ଇନିଃକେ ନେଲ୍‌କିଃତେ ବରତେକ ଥାର୍‌ଥାରାଅୟାନା । ଇମ୍‌ତାଗି ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ ମେତାଦ୍‌କଆ, “ଜୀଉରେ କେଟେଜେପେ, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ତାନିଙ୍ଗ୍‌ ଆଲ୍‌ପେ ବରଏୟା ।”
क्योंकि उन्हें देख वे भयभीत हो गए थे. इस पर मसीह येशु ने कहा, “मैं हूं! मत डरो! साहस मत छोड़ो!”
51 ୫୧ ଏନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁଲଃ ଲାଉକାରେ ଦେଏଃୟାନ୍‌ଚି ହୟ ସାଲ୍‌ସାନ୍ତ୍‌ୟାନା, ଚେଲାକଦ ପୁରାଃଗି ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅୟାନାକ,
यह कहते हुए वह उनकी नाव में चढ़ गए और वायु थम गई. शिष्य इससे अत्यंत चकित रह गए.
52 ୫୨ ଇନ୍‌କୁ ପାଞ୍ଚ୍‌ ହାଜାର୍‌ ହଡ଼କକେ ଜମେୟାଃଁ ହାଟିଙ୍ଗ୍‌ କାଜିରାଃ ହରାତେ କାକ ସେଣାଁଁୟାନା, ଚିୟାଃଚି ଆକଆଃ ମନ୍‌ କେଟେଦ୍‌ ତାଇକେନା ।
रोटियों की घटना अब तक उनकी समझ से परे थी. उनके हृदय निर्बुद्धि जैसे हो गए थे.
53 ୫୩ ୟୀଶୁ ଆଡଃ ଆୟାଃ ଚେଲାକ ଦରେୟା ପାରମ୍‌କେଦ୍‌ଚି ଗିନେସରେତ୍‌ ନୁତୁମ୍‌ ପାର୍‌ଗାନ୍‌ତେକ ସେଟେର୍‌ୟାନା, ଆଡଃ ଲାଉକାକେ ତଲ୍‌କେଦାକ ।
झील पार कर वे गन्‍नेसरत प्रदेश में पहुंच गए. उन्होंने नाव वहीं लगा दी.
54 ୫୪ ଇନ୍‌କୁ ଲାଉକାଏତେ ଆଡ଼୍‌ଗୁୟାନ୍‌ ତର୍‌ସା, ଏନ୍ତାଃରେନ୍‌ ହଡ଼କ ୟୀଶୁକେ ନେଲ୍ଉରୁମ୍‌କିୟାକ ।
मसीह येशु के नाव से उतरते ही लोगों ने उन्हें पहचान लिया.
55 ୫୫ ହଡ଼କ ନେତେହେନ୍ତେକ ନିର୍‌ବାଡ଼ାକେଦା ଆଡଃ ଇନିଃ ଏନ୍ତାଃରିୟା ମେନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ସାରିକେଦ୍‌ଚି ଦୁକୁହାସୁତାନ୍‌କକେ ପାର୍‌କମ୍‌କରେ ଇନିଃତାଃତେକ ଗଅଃ ଆଉକେଦ୍‌କଆ ।
जहां कहीं भी मसीह येशु होते थे, लोग दौड़-दौड़ कर बिछौनों पर रोगियों को वहां ले आते थे.
56 ୫୬ ଆଡଃ ୟୀଶୁ ସବେନ୍‌ ହାତୁ, ଟଲା, ସାହାର୍‌ତେ ବଲଃତାଇକେନ୍‌ଲଃଗି, ହଡ଼କ ଦୁକୁହାସୁତାନ୍‌କକେ ପିଟ୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ତେକ ଆଉକେଦ୍‌କଆ, ଆଡଃ ଲିଜାଃରେୟାଃ ଆଚ୍‌ରାକେ ଜୁଟିଦ୍‌ତାକାକ ମେନ୍ତେ ଇନିଃକେକ ବିନ୍ତି ତାଇକେନା, ଆଡଃ ଜୁଟିଦ୍‌କେଦ୍‍ ସବେନ୍‌କ ବୁଗିୟାନା ।
मसीह येशु जिस किसी नगर, गांव या बाहरी क्षेत्र में प्रवेश करते थे, लोग रोगियों को सार्वजनिक स्थलों में लिटा कर उनसे विनती करते थे कि उन्हें उनके वस्त्र के छोर का स्पर्श मात्र ही कर लेने दें. जो कोई उनके वस्त्र का स्पर्श कर लेता था, स्वस्थ हो जाता था.

< ମାର୍କ 6 >