< ମାର୍କ 4 >

1 ୟୀଶୁ ଆଡଃଗି ଗାଲିଲ୍‌ ଦରେୟା ଗେନାରେ ଇନିତୁ ଏଟେଦ୍‌କେଦାଏ, ଆଡଃ ଏନ୍ତାଃରେ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ହୁଣ୍ଡିୟାନ୍‌ଚି ଦରେୟାରେ ତାଇକାନ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ ଲାଉକାରେ ଦୁବ୍‌ୟାନାଏ ଆଡଃ ସବେନ୍‌ ହଡ଼କ ଦରେୟା ଗେନାରେ ଅତେରେକ ତାଇକେନା ।
एक बार फिर मसीह येशु ने झील तट पर शिक्षा देना प्रारंभ किया. ऐसी बड़ी भीड़ उनके आस-पास इकट्ठी हो गयी कि उन्हें झील तट पर लगी एक नाव में जाकर बैठना पड़ा और भीड़ झील तट पर खड़ी रही.
2 ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ ଜନ୍‌କା କାଜିତେ ପୁରାଃ କାଜିକ ଇତୁକେଦ୍‌କଆଏ, ଆଡଃ ଇତୁକତାନ୍‌ଲଃ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ,
वह अनेक विषयों को दृष्टान्तों के माध्यम से स्पष्ट करने लगे. शिक्षा देते हुए उन्होंने कहा,
3 “ଆୟୁମେପେ, ମିଆଁଦ୍‌ ହିତାହେର୍‌ନିଃ ହିତା ହେର୍‌ନାଗେନ୍ତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା ।
“सुनो! एक किसान बीज बोने के लिए निकला.
4 ଆଡଃ ଇନିଃ ହିତା ହେର୍‌ତାନ୍‌ଲଃ ଚିମିନ୍‌ ହିତା ହରା ଗେନାରେ ଉୟୁଃୟାନା ଆଡଃ ଚେଣେଁକ ଆଡ଼୍‌ଗୁକେଦ୍‌ତେ ଏନାକ ହାଲାଙ୍ଗ୍‌ ଜମ୍‌କେଦାଃ ।
बीज बोने में कुछ बीज तो मार्ग के किनारे गिरे, जिन्हें पक्षियों ने आकर चुग लिया.
5 ଚିମିନ୍‌ ହିତାଦ ହାସା ପୁରାଃ ବାନଃ ଦିରି ଅତେରେ ଉୟୁଃୟାନା, ହାସା ଏତାଙ୍ଗ୍‌ଗି ତାଇକାନ୍‌ ହରାତେ ଅମନ୍‌ ଧାବ୍‌ୟାନା ।
कुछ अन्य बीज पथरीली भूमि पर भी जा गिरे, जहां पर्याप्‍त मिट्टी नहीं थी. पर्याप्‍त मिट्टी न होने के कारण वे जल्दी ही अंकुरित भी हो गए
6 ମେନ୍‌ଦ ସିଙ୍ଗି ରାକାବ୍‌ୟାନ୍‌ଚି ଏନ୍‌ ଅମନ୍‌ତେୟାଃକ ସବେନ୍‌ ଗସୟାନା, ଆଡଃ କା ରେହେଦାକାନ୍‌ ହରାତେ ରହଡ଼୍‌ୟାନା ।
किंतु जब सूर्योदय हुआ, वे झुलस गए और इसलिये कि उन्होंने जड़ें ही नहीं पकड़ी थी, वे मुरझा गए.
7 ଚିମିନ୍‌ ହିତା ଜାନୁମ୍‌ ଚୁପାଦ୍‌କ ଥାଲାରେ ଉୟୁଃୟାନା, ଏନାକକେ ଜାନୁମ୍‌ ହାରାତପାକେଦାଏ, ଆଡଃ ଏନାକ କା ଜ ୟାନା ।
कुछ अन्य बीज कंटीली झाड़ियों में गिरे और कंटीली झाड़ियों ने उन्हें दबा दिया और उनसे कोई फल उत्पन्‍न न हुआ.
8 ମେନ୍‌ଦ ଚିମିନ୍‌ ହିତା ବୁଗିନ୍‌ ଅତେରେ ଉୟୁଃୟାନା, ଆଡଃ ଏନା ଅମନ୍‌ ହାରାୟାନ୍ତେ ଜ ୟାନା, ଅକଆଃକ ତିରିଶ୍‌, ଅକଆଃ ଷାଠେ, ଅକଆଃ ମିଦ୍‌ଶାଅଗୁନା, ଜ ୟାନା ।”
कुछ अन्य बीज अच्छी भूमि पर जा गिरे, अंकुरित हो बड़े हुए तथा उनमें तीस गुणा, साठ गुणा तथा सौ गुणा फसल हुई.”
9 ଆଡଃ ୟୀଶୁ ମେନ୍‌କେଦାଏ, “ଆୟୁମ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଲୁତୁର୍ ମେନାଃନିଃ ଆୟୁମେକାଏ ।”
मसीह येशु ने आगे कहा, “जिस किसी के सुनने के कान हों, वह सुन ले.”
10 ୧୦ ୟୀଶୁ ଏସ୍‌କାର୍‌ଗି ତାଇକାନ୍‌ ଦିପିଲିରେ, ଆୟାଃଲଃ ତାଇକେନ୍‌ ହଡ଼କ, ଗେଲ୍‌ବାର୍‌ ଚେଲାକଲଃ, ନେ ଜନ୍‌କା କାଜିରେୟାଃ ମୁଣ୍ଡି ଚିକ୍‌ନାଃ ତାନାଃ ମେନ୍ତେକ କୁଲିକିୟାଃ?
जैसे ही शिष्यों और अन्य साथियों ने मसीह येशु को अकेला पाया, उन्होंने मसीह येशु से दृष्टान्तों के विषय में पूछा.
11 ୧୧ ଇନିଃ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଆପେଦ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ରେୟାଃ ଉକୁଆକାନ୍‌ କାଜିରାଃ ମୁଣ୍ଡିପେ ନାମ୍‌କାଦାଃ । ମେନ୍‌ଦ ବାହାରିରେନ୍‌ ଏଟାଃକକେ କାଜିରାଃ ଜନ୍‌କା କାଜିତେ ସବେନାଃ ଉଦୁବଃତାନା ।
मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम्हें तो परमेश्वर के राज्य का भेद सौंपा गया है किंतु अन्यों को सब कुछ दृष्टान्तों के माध्यम से समझाया जाता है
12 ୧୨ ଏନ୍‌ଲେକାତେ, “‘ଇନ୍‌କୁ ନେଲ୍‌ଦକ ନେଲେଆ, ମେନ୍‌ଦ କାକ ନେଲ୍‌ଉରୁମେୟାଁ, ଇନ୍‌କୁ ଆୟୁମ୍‌ଦକ ଆୟୁମେୟା, ମେନ୍‌ଦ କାକ ଆଟ୍‌କାରେୟା, କା'ରେଦ ଇନ୍‌କୁ ମନ୍‌କ ରୁହାଡ଼େତେୟାଃ, ଆଡଃ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ଇନ୍‌କୁକେ ଛାମା ଏମାଦ୍‌କତେୟାଏ ।’”
क्योंकि, “वे देखते तो हैं किंतु उन्हें कुछ दिखता नहीं, वे सुनते तो हैं किंतु कुछ समझ नहीं पाते ऐसा न हो वे मेरे पास लौट आते और क्षमा प्राप्‍त कर लेते!”
13 ୧୩ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ନେ କାଜିରାଃ ଜନ୍‌କା କା'ଚିପେ ମୁଣ୍ଡିକେଦା? ତାବ୍‌ଦ, ଆଡଃ ଜନ୍‌କାକ ଚିଲ୍‌କାପେ ମୁଣ୍ଡିଆ?
तब मसीह येशु ने उनसे प्रश्न किया, “क्या यह दृष्टांत तुम्हारी समझ में नहीं आया? तब तुम अन्य सब दृष्टान्तों का अर्थ कैसे समझोगे?
14 ୧୪ ହିତାହେର୍‌ନିଃଦ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ କାଜି ହେର୍‌ନିଃ ତାନିଃ ।
बीज बोनेवाला वचन बोता है.
15 ୧୫ ଚିମିନ୍‌ ହଡ଼କ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ରାଃ କାଜି ଆୟୁମ୍‌ ତାନ୍‌ଲଃଗି ସାଏତାନ୍‌ ହିଜୁଃକେଦ୍‌ତେ ଇନ୍‌କୁତାଃଏତେ ଆୟୁମ୍‌ କାଜିକେ ରେଃକ୍‌ଇଦିତାଃଏ, ଇନ୍‌କୁଦ ହରା ଗେନାରେ ହେରାକାନ୍‌ ହିତା ଲେକାଃକ ।
मार्ग के किनारे की भूमि वे लोग हैं, जिनमें सुसमाचार बोया तो जाता है किंतु जैसे ही वे उसे सुनते हैं शैतान आकर उस बोये हुए सुसमाचार को उठा ले जाता है.
16 ୧୬ ଏନ୍‌ଲେକା, ଚିମିନ୍‌ ହଡ଼କଦ ହିତା ହେରାକାନ୍‌ ଦିରିଅତେ ଲେକାନ୍‌କ ତାନ୍‌କ, ଇନ୍‌କୁଦ କାଜି ଆୟୁମ୍‌ଲଃଗି ରାସ୍‌କାତେ ତେଲାଏତାନ୍‌ ହଡ଼କ ତାନ୍‌କ ।
इसी प्रकार पथरीली भूमि वे लोग हैं, जिनमें सुसमाचार बोया जाता है और वे इसे तुरंत खुशी से अपना लेते हैं.
17 ୧୭ ମେନ୍‌ଦ ଇନ୍‌କୁତାଃରେ ‘ରେହେଦ୍‌’ କା ତାଇନ୍ ହରାତେ ଇନ୍‌କୁ କାଟିଃ ଘାଡ଼ିଗିକ ତାଇନାଃ, ତାୟମ୍‌ତେ କାଜିରାଃ ହରାତେ ଦୁକୁହାସୁ ଚାହେ ସାସାତି ହିଜୁଃରେ ଇମ୍‌ତାଗିକ ରୁହାଡ଼୍‌କଆଃ ।
उनमें स्थायी जड़ें तो होती नहीं इसलिये जब सुसमाचार के कारण उन पर कष्ट और अत्याचारों का प्रहार होता है, वे शीघ्र ही पीछे हट जाते हैं.
18 ୧୮ ଜେତାଏ କାଜି ଆୟୁମାଃଏ ମେନ୍‌ଦ ସାଂସାର୍‌ରେୟାଃ ଉଡ଼ୁଃ ଆଡଃ ପୁରାଃ ମେନାଃତେୟାଃରାଃ ହାୟା, କାନାଜିକେ ହାରାତପାଏୟା ଆଡଃ ଇନିଃ କାଏ ଜଅଃ'ଆ, ଇନିଃ ଜାନୁମ୍‌ ଥାଲାରେ ଉୟୁଗାକାନ୍‌ ହିତା ଲେକାନ୍‌ନିଃ ତାନିଃ, ଇନିଃ ଜେତାନ୍‌ ଜ କାଏ ଜଅଃ'ଆ ।
अन्य लोग उस भूमि के समान हैं, जहां सुसमाचार कांटों के बीच बोया जाता है. वे सुसमाचार को सुनते हैं,
19 ୧୯ ନେ ଲେକାନ୍‌ ହଡ଼କଦ ଜାନୁମ୍‌ ଥାଲାରେ ହେରାକାନ୍‌ ହିତାଲେକାନ୍‌କତାନ୍‌କ । (aiōn g165)
संसार की चिंताएं, धन-संपत्ति का छलावा तथा अन्य वस्तुओं की लालसाओं का प्रवेश उस सुसमाचार को दबा देता है, जिससे उसका फलदाई होना असंभव हो जाता है. (aiōn g165)
20 ୨୦ ଆଡଃ ବୁଗିନ୍‌ ଅତେରେ ହେରାକାନ୍‌ ହିତାଲେକା ଚିମିନ୍‌ ହଡ଼କ ସୁକୁକାଜି ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ୟାଁଃକ, ଆଡଃ ମିଆଁଦ୍‌ନିଃ ତିରିଶ୍‌, ଏଟାଃନିଃ ଷାଠେ, ଆଡଃ ମିଆଁଦ୍‌ନିଃ ମିଦ୍‌ଶାଅ ଗୁନାକ, ଜ ଆଃ ।”
अन्य लोग उस बीज के समान हैं, जो उत्तम भूमि में बोया जाता है जो संदेश को सुनता हैं, उसे ग्रहण करते हैं तथा फल लाता है—बोया गया बीज के तीस गुणा, साठ गुणा तथा सौ गुणा.”
21 ୨୧ ଆଡଃଗି ୟୀଶୁ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଚିୟାଃ ଜେତାଏ ହଡ଼ ଦିମି ଜୁଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ ‘ତାୱାତେ’ ଚାଏ ପାର୍‌କମ୍‌ ଲାତାର୍‌ରେ ଦହୟାଏ? ଏନାକେଦ ପାଖା ଚାଏ ଦିର୍କା ଚେତାନ୍‌ରେ ଦହୟାଏ ।
मसीह येशु ने आगे कहा, “दीपक को इसलिये नहीं जलाया जाता कि उसे टोकरी या चारपाई के नीचे रख दिया जाए. क्या उसे दीवट पर नहीं रखा जाता?
22 ୨୨ ଅକ ସବେନ୍‌ ଉକୁଆକାନ୍‌ତେୟାଃ ଏନା ମାସ୍କାଲ୍‌ତେ ଆଉଃଆ, ଆଡଃ ଅକ ସବେନାଃ ଦାନାଙ୍ଗ୍‌ଆଁକାନା ଏନା ଉଦୁବଃଆ ।
ऐसा कुछ भी नहीं, जो छुपा है और खोला न जाएगा और न कुछ गुप्‍त है, जो प्रकाश में न लाया जाएगा.
23 ୨୩ ଲୁତୁର୍‌ ତାପେଆଃ ଆୟୁମ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ମେନାଃରେଦ, ଆୟୁମେପେ ।”
जिस किसी के सुनने के कान हों, वह सुन ले.”
24 ୨୪ ଆଡଃଗି ଇନିଃ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଆପେ ଆୟୁମେତେୟାଃ ବୁଗିଲେକା ଆୟୁମ୍ଉରୁମେପେ, ଆପେ ସଙ୍ଗେ ତାମ୍ବିରେଗି ଆପେ ନାଗେନ୍ତେ ସୋଙ୍ଗଃଆ, ଆଡଃ ଏନାଏତେ ଆଦ୍‌କାପେ ନାମେଆଁ ।
इसके बाद मसीह येशु ने कहा, “इसका विशेष ध्यान रखो कि तुम क्या सुनते हो. तुम्हारा नापना उसी नाप से किया जाएगा जिसका इस्तेमाल स्वयं तुम करते हो—तुम्हें ज़रूर इससे भी अधिक दिया जाएगा.
25 ୨୫ ଚିୟାଃଚି, ଅକଏତାଃ ମେନାଃ ଇନିଃଦ ଆଡଃଗି ନାମେଆଁ, ଆଡଃ ଜେତାଏତାଃରେ ବାନଃଆ, ଇନିଃତାଃଏତେ ଅକ୍‌ନାଃ ମେନାଃ ଏନାହଗି ଇଦିୟଃଆ ।”
जिसके पास है उसे और भी अधिक दिया जाएगा; जिसके पास नहीं है, उससे वह भी ले लिया जाएगा, जो उसके पास है.”
26 ୨୬ ଆଡଃଗି ୟୀଶୁ କୁଲିକେଦ୍‌କଆଏ, “ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ ନେ'ଲେକାଗିଆଃ, ମିଆଁଦ୍‌ ହଡ଼ ଆୟାଃ ଅତେରେ ହିତା ହେର୍‌କେଦାଏ ।
मसीह येशु ने आगे कहा, “परमेश्वर का राज्य उस व्यक्ति के समान है, जिसने भूमि पर बीज डाल दिया
27 ୨୭ ଆଡଃ ଇନିଃ ନିଦାରେ ଦୁଡ଼ୁମାଏ, ସିଙ୍ଗିରେ ବିରିଦାଏ, ଆଡଃ ଇନିୟାଃ କା ସାରିତେ ହିତା ଅମନଆଃ ଆଡଃ ହାରାଅଆଃ ।
और रात में जाकर सो गया. प्रातः उठकर उसने देखा कि बीज अंकुरित होकर बड़ा हो रहा है. कैसी होती है यह प्रक्रिया, यह वह स्वयं नहीं जानता.
28 ୨୮ ଅତେଦ ଆୟାଃତେଗି ଜ'ଏମାଃଏ, ସିଦା ଅମନେୟାଏ, ଏନ୍ତେ ଗେଲେୟାଏ, ଏନ୍ତେ ଗେଲେରେ ଜାଙ୍ଗ୍‌ଅଃଆ ।
भूमि स्वयं उपज उत्पन्‍न करती है. सबसे पहले अंकुर उगता है, फिर बालें, उसके बाद बालों में दाना.
29 ୨୯ ଜ ଜାଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ଚି ଏନ୍‌ ହଡ଼, ଇରୋଃ ଦିପିଲି ସେଟେର୍‌ୟାନା ମେନ୍ତେ, ଦାତ୍‌ରମ୍‌ ସାବେଆଏ ।
दाना पड़ने पर वह उसे बिना देरी किए हसिया से काट लेता है क्योंकि उपज तैयार है.”
30 ୩୦ “ଆଡଃଗି ୟୀଶୁ କୁଲିକେଦ୍‌କଆଏ, ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ ଚିନାଃଲଃବୁ ଜକାଏୟା ଚାଏ ଅକ ଜନ୍‌କା କାଜିତେ ଏନାବୁ ଉଦୁବେୟା ।
तब मसीह येशु ने आगे कहा, “परमेश्वर के राज्य की तुलना किससे की जा सकती है? किस दृष्टांत के द्वारा इसे स्पष्ट किया जा सकता है?
31 ୩୧ ଏନାଦ ମିଆଁଦ୍‌ ମାନିଜାଙ୍ଗ୍‌ ଲେକା, ଅତେରେ ହେର୍‌ତାନ୍‌ ସାମାଏରେ ଅତେରାଃ ସବେନ୍‌ ହିତାଜାଙ୍ଗ୍‌ ଏତେ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ଆଁ,
यह राई के बीज के समान है. जब यह भूमि में बोया जाता है, यह बोये गए अन्य सभी बीजों की तुलना में छोटा होता है
32 ୩୨ ମେନ୍‌ଦ ଅତେରେ ହେର୍‌ୟାନ୍‌ଚି ଏନାରେୟାଃ କତକ ଏଟାଃ ଆଡ଼ାଃଦାରୁକଏତେ ପୁରାଃ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ହାରାସାଲାଙ୍ଗିଅଃଆ, ଆଡଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଚେଣେଁକ ଏନାରେୟାଃ ଉମ୍ବୁଲ୍‌ରେକ ଥକାୟା ।”
फिर भी बोये जाने पर यह बड़ा होना शुरू कर देता है तथा खेत के सभी पौधों से अधिक बड़ा हो जाता है—इतना कि आकाश के पक्षी उसकी छाया में बसेरा कर सकते हैं.”
33 ୩୩ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ ଆଟ୍‌କାର୍‌ଉରୁମ୍‌ ଦାଡ଼ିଲେକା ପୁରାଃ ନେ'ଲେକାନ୍‌ ଜନ୍‌କା କାଜିକ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ ।
सुननेवालों की समझ के अनुसार मसीह येशु इसी प्रकार के दृष्टान्तों के द्वारा अपना सुसमाचार प्रस्तुत करते थे;
34 ୩୪ ବେଗାର୍ ଜନ୍‌କା କାଜିତେ ଇନିଃ ଇନ୍‌କୁକେ ଜେତ୍‌ନାଃ କାଏ କାଜିୟାଦ୍‌କଆ, ମେନ୍‌ଦ ଏସ୍‌କାର୍‌ରେ ଇନିଃ ଆୟାଃ ଚେଲାକକେ ସବେନାଃରାଃ ମୁଣ୍ଡି ଉଦୁବାକ ତାଇକେନାଏ ।
बिना दृष्टांत के वह उनसे कुछ भी नहीं कहते थे, और वह अपने शिष्यों के लिए इनका अर्थ तभी बताया करते थे, जब शिष्य उनके साथ अकेले होते थे.
35 ୩୫ ଏନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌, ଆୟୁବ୍‌ୟାନ୍‌ଚି ୟୀଶୁ ଚେଲାକକେ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଦଲାବୁ, ଦରେୟା ହାନ୍‌ ପାରମ୍‌ତେବୁଆ ।”
उसी दिन शाम के समय में मसीह येशु ने शिष्यों से कहा, “चलो, उस पार चलें.”
36 ୩୬ ଆଡଃ ଚେଲାକ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କକେ ବାଗିକେଦ୍‌ତେ ଲାଉକାରେ ଦୁବ୍‌ୟାନାକ, ମେନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ ସିଦାରେ ଦୁବାକାନ୍‌ ତାଇକେନାଏ, ଏନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ଲାଉକାକେ ଚାଲାଅକେଦାଃକ, ଏନ୍ତାଃରେ ଏଟାଃ ଲାଉକାକହ ତାଇକେନା ।
भीड़ को वहीं छोड़, उन्होंने मसीह येशु को, वह जैसे थे वैसे ही, अपने साथ नाव में ले तुरंत चल दिए. कुछ अन्य नावें भी उनके साथ हो लीं.
37 ୩୭ ଇମ୍‌ତାଙ୍ଗ୍‌ଗି ଦୁଦୁଗାର୍‌ହୟ ବିରିଦ୍‌ୟାନା ଆଡଃ ଲାଉକାରେ ଆଲ୍‌ପୁଙ୍ଗ୍‌କ ରାକାବ୍‌ୟାନା, ଏନାତେ ଲାଉକାରେ ଦାଆଃ ପେରେଜଃତାନ୍‌ ତାଇକେନା ।
उसी समय हवा बहुत तेजी से चलने लगी. तेज लहरों के थपेड़ों के कारण नाव में पानी भरने लगा.
38 ୩୮ ଇମ୍‌ତା ୟୀଶୁ ଲାଉକାରେୟାଃ ତାୟମ୍‌ସାଃରେ ଉଠୁଙ୍ଗିକେଦ୍‌ତେ ଦୁଡ଼ୁମାକାନାଏ ତାଇକେନା । ଚେଲାକ ଇନିଃକେ ବିରିଦିତାନ୍‌ଲଃ କାଜିକିୟାଃକ, “ହେ ଗୁରୁ, ଡୁବିଃଗ୍‌ ଗଜଃତାନାଲେ, କାମ୍‌ଚି ପାହାମ୍‌ତାନା?”
मसीह येशु नाव के पिछले भाग में तकिया लगाए हुए सो रहे थे. उन्हें जगाते हुए शिष्य बोले, “गुरुवर! आपको हमारी चिंता ही नहीं कि हम नाश हुए जा रहे हैं!”
39 ୩୯ ୟୀଶୁ ବିରିଦ୍‌ତିଙ୍ଗୁୟାନ୍‌ଚି ହୟକେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ମଚାକିୟା ଆଡଃ ଆଲ୍‌ପୁଙ୍ଗ୍‌କେ କାଜିକେଦା, “ହାପାଅଃମେଁ,” ଆଡଃ ଏନା ରୁଡ଼ୁୟାନା, ଆଡଃ ପୁରା ସିଃସଏଃୟାନା ।
मसीह येशु जाग गए. उन्होंने बवंडर को डांटा तथा लहरों को आज्ञा दी, “शांत हो जाओ! स्थिर हो जाओ!” बवंडर शांत हो गया तथा पूरी शांति छा गई.
40 ୪୦ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଚେଲାକକେ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଚିନାଃ ମେନ୍ତେପେ ବରତାନା? ନାହାଁଃ, ଜାକେଦ୍‌ ଆପେୟାଃ ବିଶ୍ୱାସ୍‌ ବାନଃଆଚି?”
मसीह येशु शिष्यों को देखकर बोले, “क्यों इतने भयभीत हो तुम? क्या कारण है कि तुममें अब तक विश्वास नहीं?”
41 ୪୧ ଏନାତେ ଇନ୍‌କୁ ପୁରାଃଗି ବରକେଦାଃକ, ଆଡଃ ମେପେନ୍‌ୟାନାକ, “ନିଃଦ ଅକଏ ତାନିଃ? ହୟ, ଆଡଃ ଦରେୟା ହଁ ନିୟାଃ କାଜିକ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ତାନା ।”
शिष्य अत्यंत भयभीत थे. वे आपस में कहने लगे, “कौन है यह कि बवंडर और झील तक इनका आज्ञापालन करते हैं!”

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