< ମାର୍କ 11 >

1 ୟୀଶୁ ଆଡଃ ଚେଲାକ ଯୀରୁଶାଲେମ୍‌ ନାଡ଼େଃୟାନ୍‌ତେ, ଜାଇତୁନ୍‌ ବୁରୁଜାପାଃ ବେତ୍‌ଫାଗି ଆଡଃ ବେଥ୍‌ନିଆ ନାଡ଼େଃତେକ ସେଟର୍‌ୟାନା, ଇମ୍‌ତା ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ଚେଲାକଏତେ ବାର୍‌ହଡ଼୍‌କିନ୍‌କେ ଆୟାର୍‌ତେ କୁଲ୍‌କେଦ୍‌କିନାଏ ।
जब वे येरूशलेम के पास ज़ैतून पर्वत के समीप बैथनियाह तथा बैथफ़गे गांव के पास पहुंचे, मसीह येशु ने अपने दो शिष्यों को यह आज्ञा देकर भेजा,
2 ଆଡଃ ମେତାଦ୍‌କିନାଏ, “ସାମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ରେଆଃ ହାତୁତେ ସେନଃବେନ୍, ଏନ୍‌ ହାତୁ ତେବାଃ ଇମ୍‌ତାଙ୍ଗ୍‌ଗି ନାହାଁଃ ଜାକେଦ୍‌ ଜେତାଏ ଇନିଃରେ କା ଦେଜାକାନ୍ ମିଆଁଦ୍‌ ଗାଧାହନ୍‌ ତଲାକାନ୍‌ବେନ୍ ନାମିଆଁ, ଇନିଃକେ ରାଡ଼ାଇବେନ୍ ଆଡଃ ନେତାଃ ଆଉୱିବେନ୍ ।
“इस गांव में जाओ. वहां प्रवेश करने पर तुम्हें एक गधी का बच्चा बंधा हुआ दिखाई देगा, जिस पर अब तक कोई नहीं बैठा है. उसे खोलकर मेरे पास ले आओ.
3 ଜେତାଏ ହଡ଼ ଇନିଃକେ ଚିନାଃ ମେନ୍ତେବେନ୍ ରାଡ଼ାଇତାନା ମେନ୍ତେ କୁଲିବେନ୍‌ରେଦ, କାଜିୟାଇବେନ୍‌, ନିଃ'ତାଃରେ ପ୍ରାଭୁଆଃ କାମିମେନାଃ, ଆଡଃ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ତାୟମ୍‌ତେ କୁଲ୍‌ରୁହାଡ଼୍‌ତାଇୟା ।”
यदि कोई तुमसे यह पूछे, ‘यह क्या कर रहे हो?’ तो तुम यह उत्तर देना, ‘प्रभु को इसकी ज़रूरत है, वह शीघ्र ही इसे लौटा देंगे.’”
4 ଇନ୍‌କିନ୍‌ ସେନଃୟାନାକିନ୍‌ ଆଡଃ ରାଚା ଦୁଆର୍‌ତାଃ ବାହାରିରେ ମିଆଁଦ୍‌ ଗାଧାହନ୍‌ ତଲାକାନ୍‌କିନ୍ ନାମ୍‌କିୟାଃ । ଇନିଃକେକିନ୍‌ ରାଡ଼ାଇ ଇମ୍‌ତା,
वे चले गए. उन्होंने गली में द्वार के पास गधी का एक बच्‍चे को बंधे देखा. उन्होंने उसे खोल लिया.
5 ଏନ୍ତାଃରେ ତିଙ୍ଗୁଆକାନ୍‌ ହଡ଼କ କୁଲିକେଦ୍‌କିନା, “ଗାଧାହନ୍‌କେ ଚିନାଃ ମେନ୍ତେବେନ୍ ରାଡ଼ାଇତାନା?”
वहां खड़े हुए कुछ व्यक्तियों ने यह देख उनसे पूछा, “क्यों खोल रहे हो इसे?”
6 ଇନ୍‌କିନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ କାଜିୟାଦ୍‌କିନ୍ ଲେକାକିନ୍‌ କାଜିରୁହାଡ଼ାଦ୍‌କଆ, ଏନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ଇନ୍‌କିନ୍‌କେ ରାଡ଼ା ରିକାଦ୍‌କିନାକ ।
उन्होंने उन्हें वही उत्तर दिया जैसा मसीह येशु ने उन्हें आदेश दिया था और उन लोगों ने उन्हें जाने दिया.
7 ଗାଧାହନ୍‌କେ ଇନ୍‌କିନ୍‌ ୟୀଶୁତାଃକିନ୍ ଆଉକିୟା, ଆଡଃ ଗାଧା ଚେତାନ୍‌ରେ ଆକିନାଃ ଲିଜାଃକିନ୍ ଆଟେଦ୍‌କେଦା, ଆଡଃ ୟୀଶୁ ଇନିଃରେ ଦୁବ୍‌ୟାନାଏ ।
वे गधी के उस बच्‍चे को मसीह येशु के पास ले आए. उन्होंने अपने वस्त्र उस पर बिछा दिए और मसीह येशु उस पर बैठ गए.
8 ପୁରାଃ ହଡ଼କ ୟୀଶୁକେ ମାଇନି ନାଗେନ୍ତେ ଆକଆଃ ଲିଜାଃ ହରାହରାକ ବିଲ୍‌ଇଦି ତାଇକେନା; ଏଟାଃକଦ, ପିଡ଼ିକଏତେ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ ଢାଉଡ଼ା ମାଆଃ ଆଉକେଦ୍‌ତେ, ହରାହରାକ ଆଟେଦ୍ଇଦି ତାଇକେନା ।
अनेकों ने मार्ग पर अपने वस्त्र बिछा दिए और कुछ ने नए पत्तों से लदी हुई डालियां, जो वे मैदान से काटकर लाए थे.
9 ୟୀଶୁଆଃ ଆୟୁର୍‌ ତାୟମ୍‌ରେ ସେନଃତାନ୍‌ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ କାଉରିକେଦାଃ, “‘ହୋଶାନ୍ନା’ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ମାନାରାଙ୍ଗ୍‌ ହବାଅଃକା, ପ୍ରାଭୁଆଃ ନୁତୁମ୍‌ତେ ହିଜୁଃନିଃ ଧାଇନ୍‌ ହବାଅଃକାଏ ।
वे सब लोग, जो मसीह येशु के आगे-आगे तथा पीछे-पीछे चल रहे थे, नारे लगा रहे थे, “होशान्‍ना!” “धन्य हैं वह जो प्रभु के नाम में आ रहे हैं.”
10 ୧୦ ଆବୁଆଃ ପୁର୍‌ଖାଆପୁ ଦାଉଦ୍‌ଆଃ ହିଜୁଃତାନ୍‌ ରାଇଜ୍‌ ଧାଇନ୍‌ ହବାଅଃକା, ସାଲାଙ୍ଗିଉତାର୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ରେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ରାଃ ହୋଶାନ୍ନା ହବାଅଃକା” ମେନ୍ତେକ କାଉରିକେଦାଃ ।
“धन्य है हमारे कुलपिता दावीद का आगामी राज्य.” “सबसे ऊंचे स्वर्ग में होशान्‍ना!”
11 ୧୧ ୟୀଶୁ ଯୀରୁଶାଲେମ୍‌ତେ ତେବାଃୟାନ୍‌ଚି ମାନ୍ଦିର୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ ବଲୟାନାଏ ଆଡଃ ଇନିଃ ସବେନାଃ ନେଲ୍‌ ବାଡ଼ାକେଦ୍‌ଚି ସିଙ୍ଗିହାସୁରଃତାନ୍ ଇମ୍‌ତା ବାରାଝାନ୍‌ ଚେଲାକଲଃ ବେଥ୍‌ନିଆତେ ସେନଃୟାନାଏ ।
येरूशलेम नगर में प्रवेश करने पर मसीह येशु मंदिर में आए और वहां का सावधानीपूर्वक निरीक्षण करने के बाद उन्होंने बारहों के साथ बैथनियाह नगर की ओर चलना शुरू किया क्योंकि शाम हो गयी थी.
12 ୧୨ ଏଟାଃ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ଚେଲାକଲଃ ବେଥ୍‌ନିଆଏତେ ରୁହାଡ଼୍‌ ଇମ୍‌ତା, ୟୀଶୁକେ ରେଙ୍ଗେଃକିୟା ।
दूसरे दिन जब वे बैथनियाह से चले तो मसीह येशु को भूख लगी.
13 ୧୩ ସାଙ୍ଗିନ୍‌ରେ ଇନିଃ ସାକାମାକାନ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ ଲଆଦାରୁକେ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ, ଏନ୍‌ରେ ଜ'କଇଙ୍ଗ୍‌ ନାମେଜାଃ ମେନ୍ତେ ଏନ୍ତାଃତେ ସେନଃୟାନା । ମେନ୍‌ଦ ତେବାଃୟାନ୍‌ଚି ଏନାରେ ସାକାମ୍‌ ବିଡ଼ାଙ୍ଗ୍‌ ନାମ୍‌କେଦାଏ ଆଡ଼ାଃ ଜ କାଏ ନାମ୍‌କେଦାଃ, ଚିୟାଃଚି ଇମ୍‌ତା ଲଆ ଜ'ସାହା କା ତାଇକେନା ।
दूर ही से उन्हें अंजीर का एक हरा-भरा पेड़ दिखाई दिया. वह उस पेड़ के पास आए कि कदाचित उन्हें उसमें कुछ मिल जाए किंतु वहां उन्हें पत्तियों के अतिरिक्त कुछ भी न मिला क्योंकि उसमें फल लगने का समय अभी नहीं आया था.
14 ୧୪ ଏନ୍ତେ, “ଆମାଃ ଜ ଆଡଃ ଜେତାଏ ହଡ଼ ଚିଉଲାଅ ଆଲକାଏ ଜମେକା” ମେନ୍ତେ ଲଆ ଦାରୁକେ କାଜିକେଦା । ଆଡଃ ଚେଲାକତାୟାଃ ଏନ୍‌ କାଜିକ ଆୟୁମ୍‌କେଦା । (aiōn g165)
उस पेड़ से मसीह येशु ने कहा, “अब तुझसे कभी भी कोई फल न खाए!” शिष्य यह सुन रहे थे. (aiōn g165)
15 ୧୫ ଯୀରୁଶାଲେମ୍‌ତେ ତେବାଃୟାନ୍‌ଚି, ୟୀଶୁ ମାନ୍ଦିର୍‌ ଅଡ଼ାଃତେ ବଲୟାନାଏ, ଆଡଃ ଏନ୍ତାଃରେ ଦାଣେଁନାଙ୍ଗ୍‌ ଜାଁତୁକକେ କିରିଙ୍ଗ୍‌ ଆଖ୍‌ରିଙ୍ଗ୍‌ ତାନ୍‌କକେ ହାର୍‌ଅଡଙ୍ଗ୍‌ ଏଟେଦ୍‌କେଦ୍‌ଆଏ । ପାଏସା ଭାଞ୍ଜାଅତାନ୍‌କଆଃ ମେଜ୍‌କ ଆଡଃ ଦୁଦୁମୁଲ୍‌ ଆଖ୍‌ରିଙ୍ଗ୍‌ ତାନ୍‌କଆଃ ଦୁବ୍‌ତେୟାଃକ ଉଦୁର୍‌ବାଟିକେଦାଏ ।
वे येरूशलेम पहुंचे और मसीह येशु ने मंदिर में जाकर उन सभी को मंदिर से बाहर निकाल दिया, जो वहां लेनदेन कर रहे थे. साथ ही येशु ने साहूकारों की चौकियां उलट दीं और कबूतर बेचने वालों के आसनों को पलट दिया.
16 ୧୬ ଆଡଃ ମାନ୍ଦିର୍‌ ଅଡ଼ାଃରାଃ ବାହାରି ରାଚା ଥାଲା ଥାଲାତେ କିରିଙ୍ଗ୍‌ ଆଖ୍‌ରିଙ୍ଗ୍‌ତେଆଃକ ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଜେତାଏକେୟ କାଏ ସେନ୍ ପାରମ୍‌ ଇଚିକେଦ୍‌କଆ ।
मसीह येशु ने किसी को भी मंदिर में बेचने का सामान लेकर आने जाने की अनुमति न दी.
17 ୧୭ ଏନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁକେ ଇତୁତାନ୍‌ଲଃ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, ନେଆଁଁ ଅଲାକାନା, “ଆଇଁୟାଃ ଅଡ଼ାଃ ଦିଶୁମ୍‌ରାଃ ସବେନ୍‌ ଜାତିକ ନାଗେନ୍ତେ ବିନ୍ତିଅଡ଼ାଃ ନୁତୁମଃଆ ମେନ୍‌ଦ ଆପେ ନେଆଁଁକେ କୁମ୍ବୁଡ଼ୁକଆଃ ତାଇନଃ ଠାୟାଦ୍‌ପେ ବାଇୟାକାଦା ।”
वहां शिक्षा देते हुए मसीह येशु ने कहा, “क्या पवित्र शास्त्र में तुमने यह नहीं पढ़ा: ‘सारे राष्ट्रों के लिए मेरा भवन प्रार्थना का भवन होगा’? और यहां तुमने इसे डाकुओं की ‘गुफ़ा बना रखा है.’”
18 ୧୮ ମୁଲ୍‌ ଯାଜାକ୍‌କ ଆଡଃ ଆଇନ୍‌ ଇତୁକ, ଏନା ସବେନ୍‌ ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ, ୟୀଶୁକେ ଚିଲ୍‌କାକ ଗଜିୟା ମେନ୍ତେ ହରାକ ଦାଣାଁଁବାଡ଼ାକେଦାଃ । ସବେନ୍‌ ହଡ଼କଦ ୟୀଶୁଆଃ ଇନିତୁରେ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅୟାନା ମେନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ଇନିଃକେ ବରଆଇତାନ୍‌କ ତାଇକେନା ।
इस घटना के विषय में मालूम होने पर प्रधान पुरोहित तथा शास्त्री मसीह येशु की हत्या की युक्ति खोजने लगे. उन्हें भीड़ का भय था क्योंकि मसीह येशु की शिक्षा से भीड़ प्रभावित थी.
19 ୧୯ ସିଙ୍ଗିହାସୁର୍‌ୟାନ୍‌ଚି ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ଚେଲାକଲଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌କେଦ୍‌ତେ ସାହାର୍‌ଏତେ ସେନଃୟାନାଏ ।
संध्या होने पर मसीह येशु तथा उनके शिष्य नगर के बाहर चले जाते थे.
20 ୨୦ ଏଟାଃ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ ସେତାଃ ଇଦାନ୍‌ତେ ହରାରେ ସେନଃ ଇମ୍‌ତା ଇନ୍‌କୁ ଲଆଦାରୁକେକ ନେଲ୍‌କେଦା । ଏନା ବୁଟାଏତେ ଚୁଟି ଜାକେଦ୍‌ ରହଡ଼୍‌ ଗଜାକାନ୍‌ ତାଇକେନା ।
प्रातःकाल, जब वे वहां से आ रहे थे, उन्होंने उस अंजीर के पेड़ को जड़ से सूखा हुआ पाया.
21 ୨୧ ପାତ୍‌ରାସ୍‌ ସିଦାହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରାଃ କାଜି ପାହାମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ମେତାଇୟାଏ “ନେଲେମେ, ହେ ଗୁରୁ, ଆମ୍‌ ସାର୍‌ପାଅଲେଦ୍ ଲଆଦାରୁ ରହଡ଼୍‌କାନା ।”
पेतरॉस ने याद करते हुए कहा, “रब्बी देखिए! जिस पेड़ को आपने शाप दिया था, वह सूख गया है.”
22 ୨୨ ୟୀଶୁ ଚେଲାକକେ କାଜିରୁହାଡ଼ାଦ୍‌କଆଏ, “ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ରେ ବିଶ୍ୱାସ୍‌ ଦହେପେ ।”
इसके उत्तर में मसीह येशु ने कहा, “परमेश्वर में विश्वास रखो,
23 ୨୩ ସାର୍‌ତିଗି କାଜିୟାପେ ତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, “ଜେତାଏ ହଡ଼ ନେ ବୁରୁକେ, ମାର୍‌ ବିରିଦ୍‌ମେ ଆଡଃ ଦରେୟାରେ ଉୟୁଗଃମେ ମେନ୍ତେ କାଜିରେ, ଆଡଃ ମନ୍‌ରେ କାଏ ଆଡ଼ାଃଉଡ଼ୁଃରେ ଆଡଃ ଇନିଃ ଆସିତେୟାଃ ସାର୍‌ତିଗି ହବାଅଆଃ ମେନ୍ତେ ବିଶ୍ୱାସେରେଦ, ଇନିଃ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ତାନ୍‌ଲେକା ହବାଅଆଃ ।
मैं तुम पर एक अटल सत्य प्रकट कर रहा हूं: यदि तुम्हें विश्वास हो—संदेह तनिक भर भी न हो—तो तुम न केवल वह करोगे, जो इस अंजीर के पेड़ के साथ किया गया परंतु तुम यदि इस पर्वत को भी आज्ञा दोगे, ‘उखड़ जा और समुद्र में जा गिर!’ तो यह भी हो जाएगा.
24 ୨୪ ଏନାମେନ୍ତେ କାଜିୟାପେ ତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ବିନ୍ତି ଇମ୍‌ତା ଜେତ୍‌ନାଃପେ ଆସିଆ, ଏନ୍‌ ସବେନାଃ ନାମାକାଦାଃଲେ ମେନ୍ତେପେ ବିଶ୍ୱାସେରେଦ, ଆସିତେୟାଃ ସବେନାଃପେ ନାମେୟା ।
इसलिये तुमसे मुझे यह कहना है: प्रार्थना में विश्वास से तुम जो भी विनती करोगे, उनके लिए यह विश्वास कर लो कि वे तुम्हें प्राप्‍त हो गई हैं, तो वे तुम्हें प्रदान की जाएंगी.
25 ୨୫ ଆଡଃ ବିନ୍ତି ନାଗେନ୍ତେପେ ତିଙ୍ଗୁନ୍‌ରେ ଜେତା ହଡ଼ଆଃ ବିରୁଧ୍‌ରେ ଜେତ୍‌ନାଃ ଆପେୟାଃ ଗୁହ୍ନାଁଁ ମେନାଃରେଦ, ଇନିଃକେ ଏନା ଛାମାଇପେ, ଏନାରେ ଆପେୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆପୁ ଆପେକେୟଗି ଛାମାପେୟା ।
इसी प्रकार, जब तुम प्रार्थना करो और तुम्हारे हृदय में किसी के विरुद्ध कुछ हो, उसे क्षमा कर दो, जिससे तुम्हारे स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे पाप क्षमा कर दें. [
26 ୨୬ ମେନ୍‌ଦ ଆପେ କାପେ ଛାମାଇରେଦ, ଆପେୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆପୁହଁ ଆପେୟାଃ ପାପ୍‌ କାଏ ଛାମାଏଆ ।”
किंतु यदि तुम क्षमा नहीं करते हो तो तुम्हारे स्वर्गीय पिता भी तुम्हारे पाप क्षमा न करेंगे.]”
27 ୨୭ ୟୀଶୁ ଆଡଃ ଚେଲାକ ଆଡଃଗି ଯୀରୁଶାଲେମ୍‌ତେ ହିଜୁଃୟାନାକ । ମାନ୍ଦିର୍‌ଅଡ଼ାଃରେ ୟୀଶୁ ସେନ୍‌ବାଡ଼ାତାନ୍ ଦିପିଲିରେ, ମୁଲ୍‌ ଯାଜାକ୍‌କ, ଆଇନ୍‌ ଇତୁକ ଆଡଃ ପ୍ରାଚିନ୍‌କ ଇନିଃତାଃତେକ ହିଜୁଃୟାନା ।
इसके बाद वे दोबारा येरूशलेम नगर आए. जब मसीह येशु मंदिर परिसर में टहल रहे थे, प्रधान पुरोहित, शास्त्री तथा प्रवर (नेतागण) उनके पास आए
28 ୨୮ ଆଡଃ, ଇନ୍‌କୁ କୁଲିକିୟାଃକ, “ଆମ୍‌ ଅକ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ତେ ନେଆଁଁକମ୍‌ ରିକାତାନା? ନେ କାମିକ ରିକାନାଗେନ୍ତେ ଅକଏ ନେ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ ଏମାକାଦ୍‌ମେଆ?”
और उनसे प्रश्न करने लगे, “किस अधिकार से तुम यह सब कर रहे हो? कौन है वह, जिसने तुम्हें यह सब करने का अधिकार दिया है?”
29 ୨୯ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିରୁହାଡ଼ାଦ୍‌କଆଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ହଁ ମିଆଁଦ୍‌ କାଜିଙ୍ଗ୍‌ କୁଲିପେୟା, ଏନା ଉଦୁବାଇଙ୍ଗ୍‌ପେ, ଏନ୍ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ହଁ ଅକ ପେଡ଼େଃତେ ନେଆଁଁକଇଙ୍ଗ୍‌ ରିକାତାନା, ଏନାଇଙ୍ଗ୍‌ ଉଦୁବାପେୟା ।
मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “आप लोगों से मैं भी एक प्रश्न करूंगा. जब आप मुझे उसका उत्तर देंगे तब मैं भी आपके इस प्रश्न का उत्तर दूंगा कि मैं किस अधिकार से यह सब कर रहा हूं.
30 ୩୦ ଯୋହାନ୍‌ଆଃ ବାପ୍ତିସ୍ମା ସିର୍ମାରେନ୍‌ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ତାଃଏତେ ଚି ମାନୱାତାଃଏତେ ତାଇକେନା? ନେଆଁଁ, ମାର୍‌ କାଜିୟାଇଙ୍ଗ୍‌ପେ ।”
यह बताइए कि योहन का बपतिस्मा परमेश्वर की ओर से था या मनुष्यों की ओर से?”
31 ୩୧ ଇନ୍‌କୁ ଆକ ଆକରେକ କାପ୍‌ଜିୟାନା, “ଆବୁ ନେ କାଜିରେ ଚିନାଃବୁ କାଜିରୁହାଡ଼ିୟା? ‘ସିର୍ମାରେନ୍‌ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ତାଃଏତେ’ ମେନେରେଦ, ଇନିଃ ‘ଚିକାନାଙ୍ଗ୍‌ ଯୋହାନ୍‌ରେ କାପେ ବିଶ୍ୱାସ୍‌କେଦା’ ମେତାବୁଆଏ?”
वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे, “यदि हम यह कहते हैं कि वह परमेश्वर की ओर से था तो यह कहेगा, ‘तब आप लोगों ने उस पर विश्वास क्यों नहीं किया?’
32 ୩୨ ମେନ୍‌ଦ ମାନୱାକତାଃଏତେ ମେନ୍ତେ କାଜିନାଙ୍ଗ୍‌ ବରକେଦାଃକ ଚିୟାଃଚି, ଇନ୍‌କୁ ହଡ଼କକେ ବର ତାଇକେନାକ, ଚିୟାଃଚି ସବେନ୍‌ ହଡ଼କ ଯୋହାନ୍‌ ଆୟାର୍‌କାଜିନିଃ ତାନିଃ ମେନ୍ତେ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ଇ ତାଇକେନାକ ।
और यदि हम यह कहें, ‘मनुष्यों की ओर से’” वस्तुतः यह कहने में उन्हें जनसाधारण का भय था क्योंकि जनसाधारण योहन को भविष्यवक्ता मानता था.
33 ୩୩ ଏନାମେନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ୟୀଶୁକେ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟାଃକ, “ଆଲେ କାଲେ ସାରିଆଃ ।” ୟୀଶୁ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ହଁ ଅକ ପେଡ଼େଃତେ ଏନାକଇଙ୍ଗ୍‌ ରିକାତାନା, କାଇଙ୍ଗ୍‌ ଉଦୁବାପେୟା ।”
उन्होंने मसीह येशु को उत्तर दिया, “हम नहीं जानते.” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “ठीक है, मैं भी तुम्हें यह नहीं बताता कि मैं ये सब किस अधिकार से कर रहा हूं.”

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