< ଲୁକ 8 >

1 ଏନ୍‌ ତାୟମ୍‌ତେ, ୟୀଶୁ ସାହାର୍‌ ସାହାର୍‌ ଆଡଃ ହାତୁ ହାତୁ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ରେୟାଃ ସୁକୁକାଜି ଉଦୁବ୍‌ତାନ୍‌ଲଃ ହନର୍‌ବାଡ଼ା ତାଇକେନାଏ ଆଡଃ ଗେଲ୍‌ବାର୍‌ ଚେଲାକ ଆୟାଃଲଃ ତାଇକେନାକ,
इसके बाद शीघ्र ही प्रभु येशु परमेश्वर के राज्य की घोषणा तथा प्रचार करते हुए नगर-नगर और गांव-गांव फिरने लगे. बारहों शिष्य उनके साथ साथ थे.
2 ଆଡଃ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମାକଏତେ ଆଡଃ ହାସୁଇତେ ବୁଗିଆକାନ୍‌ ଚିମିନ୍‌ କୁଡ଼ିକ ୟୀଶୁଲଃ ତାଇକେନାକ, ଇନ୍‌କୁଇତେ ମାରିୟାମ୍‌, ଅକଏକେଚି ମାଗ୍‌ଦାଲିନି ମେତାଇ ତାଇକେନାକ, ଇନିଃଏତେଦ ସାତ୍‌ଠୁ ବଙ୍ଗାକକେ ହାର୍‌ଅଡଙ୍ଗ୍‌କାଦ୍‌ ତାଇକେନା;
इनके अतिरिक्त कुछ वे स्त्रियां भी उनके साथ यात्रा कर रही थी, जिन्हें रोगों और दुष्टात्माओं से छुटकारा दिलाया गया था: मगदालावासी मरियम, जिसमें से सात दुष्टात्मा निकाले गए थे,
3 ହେରୋଦ୍‌ଆଃ ଭାଣ୍ଡାରି ଖୁଜାରାଃ କୁଡ଼ିତେ ଯୋହାନ୍ନା, ଶୁସାନା ଆଡଃ ପୁରାଃ ଏଟାଃ କୁଡ଼ିକ ଆକଆଃ ମେନାଃତେୟାଃତେ ୟୀଶୁକେ ଆଡଃ ଆୟାଃ ଚେଲାକକେ ସୁସାରିତାଇକେନାକ ।
हेरोदेस के भंडारी कूज़ा की पत्नी योहान्‍ना, सूज़न्‍ना तथा अन्य स्त्रियां. ये वे स्त्रियां थी, जो अपनी संपत्ति से इनकी सहायता कर रही थी.
4 ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ହୁଣ୍ଡିୟାକାନ୍ ଆଡଃ ସାହାର୍‌ ସାହାର୍‌ଏତେ ହଡ଼କ ୟୀଶୁତାଃକ ହିଜୁଃତାନ୍‌ ତାଇକେନ୍‌ରେ, ୟୀଶୁ ନେ ଜନ୍‌କା କାଜି କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ ।
जब नगर-नगर से बड़ी भीड़ इकट्ठा हो रही थी और लोग प्रभु येशु के पास आ रहे थे, प्रभु येशु ने उन्हें इस दृष्टांत के द्वारा शिक्षा दी.
5 ମିଆଁଦ୍‌ ହିତାହେରଃନିଃ ହିତାହେରଃନାଙ୍ଗ୍‌ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା । ଇନିଃ ହେର୍‌ହେର୍‌ତାନ୍‌ଲଃ ଚିମିନ୍‌ ହିତା ହରା ଗେନାରେ ଉୟୁଃୟାନା ଆଡଃ ତିକାୟାନା, ଆଡଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଚେଣେଁକ ଏନାକେ ହାଲାଙ୍ଗ୍‌ ଜମ୍‌କେଦା ।
“एक किसान बीज बोने के लिए निकला. बीज बोने में कुछ बीज तो मार्ग के किनारे गिरे, पैरों के नीचे कुचले गए तथा आकाश के पक्षियों ने उन्हें चुग लिया.
6 ଆଡଃ ଚିମିନ୍‌ ହିତା ଦିରି ଅତେରେ ଉୟୁଃୟାନା, ଏନା ଗାଜା ଅମନ୍‌ୟାନା, ମେନ୍‌ଦ ହାଲି କା ତାଇକେନ୍‌ତେ ରହଡ଼୍‌ୟାନା ।
कुछ पथरीली भूमि पर जा पड़े, वे अंकुरित तो हुए परंतु नमी न होने के कारण मुरझा गए.
7 ଚିମିନ୍‌ ହିତା ଜାନୁମ୍‌ ଥାଲାରେ ଉୟୁଃୟାନା ଆଡଃ ଏନାକେ ଜାନୁମ୍‌ ହାରାତପାକେଦାଏ ।
कुछ बीज कंटीली झाड़ियों में जा पड़े और झाड़ियों ने उनके साथ बड़े होते हुए उन्हें दबा दिया.
8 ଆଡଃ ଚିମିନ୍‌ ହିତା ବୁଗିନ୍‌ ଅତେରେ ଉୟୁଃୟାନା, ଏନା ଅମନ୍‌ ହାରାୟାନ୍ତେ ହେରାକାନ୍‌ଏତେ ସାଅଗୁନା ଆଦ୍‌କା ଜ'ୟାନା । ନେ କାଜି କାଜିକେଦ୍‌ଚି ଇନିଃ କାଉରିକେଦାଏ, “ଆୟୁମ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଲୁତୁର୍ ମେନାଃନିଃ ଆୟୁମେକାଏ ।”
कुछ बीज अच्छी भूमि पर गिरे, बड़े हुए और फल लाए—जितना बोया गया था उससे सौ गुणा.” जब प्रभु येशु यह दृष्टांत सुना चुके तो उन्होंने ऊंचे शब्द में कहा, “जिसके सुनने के कान हों वह सुन ले.”
9 ଏନ୍ତେ ଇନିୟାଃ ଚେଲାକ ନେ ଜନ୍‌କା କାଜିରେୟାଃ ମୁଣ୍ଡି ଚିନାଃତାନାଃ ମେନ୍ତେକ କୁଲିକିୟାଃ ।
उनके शिष्यों ने उनसे प्रश्न किया, “इस दृष्टांत का अर्थ क्या है?”
10 ୧୦ ଇନିଃ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ରେୟାଃ ମୁଣ୍ଡି ସାରିରେୟାଃ ପେଡ଼େଃ ଆପେଦପେ ନାମାକାଦାଃ ମେନ୍‌ଦ ଏଟାଃକକେ ଜନ୍‌କା କାଜିତେ ସବେନାଃ ଉଦୁବଃତାନା । ଇନ୍‌କୁ ନେଲ୍‌ଦକ ନେଲେୟାଃ, ମେନ୍‌ଦ କାକ ନେଲ୍‌ ଉରୁମେୟାଃ, ଇନ୍‌କୁ ଆୟୁମ୍‌ଦକ ଆୟୁମେୟାଃ, ମେନ୍‌ଦ କାକ ଆଟ୍‌କାର୍ ଉରୁମେୟାଃ ।
प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम्हें तो परमेश्वर के राज्य का भेद जानने की क्षमता प्रदान की गई है किंतु अन्यों के लिए मुझे दृष्टान्तों का प्रयोग करना पड़ता हैं जिससे कि, “‘वे देखते हुए भी न देखें; और सुनते हुए भी न समझें.’
11 ୧୧ “ନେ ଜନ୍‌କା କାଜିରେୟାଃ ମୁଣ୍ଡି ନେଆଁଁତାନାଃ, ହିତା ହବାଅଃତାନା ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ କାଜି ।
“इस दृष्टांत का अर्थ यह है: बीज परमेश्वर का वचन है.
12 ୧୨ ଆଡଃ ହରା ଗେନାରେ ଉୟୁଗାକାନ୍‌ ହିତା ଇନ୍‌କୁତାନ୍‌କ, ଅକନ୍‌କଚି ଆୟୁମାଃକ, ଏନ୍ତେ ସାଏତାନ୍‌ ହିଜୁଃଆଏ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ବିଶ୍ୱାସ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆଲକାକ ବାଞ୍ଚାଅଃକା ମେନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁଆଃ ମନ୍‌ଏତେ କାଜି ରେଃକ୍‌ ଇଦିୟାଏ ।
मार्ग के किनारे की भूमि वे लोग हैं, जो वचन सुनते तो हैं किंतु शैतान आता है और उनके मन से वचन उठा ले जाता है कि वे विश्वास करके उद्धार प्राप्‍त न कर सकें
13 ୧୩ ଦିରି ଅତେରେ ଉୟୁଗାକାନ୍‌ ହିତା ଇନ୍‌କୁତାନ୍‌କ, ଅକନ୍‌କଚି କାଜି ଆୟୁମ୍‌ତର୍‌ସା ରାସ୍‌କାତେ ତେଲାୟାକ, ମେନ୍‌ଦ ରେହେଦ୍‌ କା ତାଇନ୍‌ ହରାତେ ଇନ୍‌କୁ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ ସାମାଏ ଜାକେଦ୍‌କ ବିଶ୍ୱାସେୟାଃ, ମେନ୍‌ଦ ବିଡ଼ାଅ ନେଡାରେକ ବାଗିୟା ।
पथरीली भूमि वे लोग हैं, जो परमेश्वर के वचन को सुनने पर खुशी से स्वीकारते हैं किंतु उनमें जड़ न होने के कारण वे विश्वास में थोड़े समय के लिए ही स्थिर रह पाते हैं. कठिन परिस्थितियों में घिरने पर वे विश्वास से दूर हो जाते हैं.
14 ୧୪ ଆଡଃ ଜାନୁମ୍‌ ଥାଲାରେ ଉୟୁଗାକାନ୍‌ ହିତା ଇନ୍‌କୁତାନ୍‌କ, ଅକନ୍‌କଚି ଇନ୍‌କୁ କାଜି ଆୟୁମାଃକ, ମେନ୍‌ଦ ଜୀଉରେୟାଃ ଉଡ଼ୁଃତେ, ପୁରାଃ ମେନାଃତେୟାଃତେ, ଆଡଃ ଜୀନିଦ୍‌ରେୟାଃ ସୁକୁ ରାସ୍‌କାତେକ ତପା ଇଦିୟଃଆ ଆଡଃ ଜାଙ୍ଗ୍‌ୟାଁନ୍‌ ଜ କାକ ଜ'ଅଃଆ ।
वह भूमि जहां बीज कंटीली झाड़ियों के मध्य गिरा, वे लोग हैं, जो सुनते तो हैं किंतु जब वे जीवनपथ पर आगे बढ़ते हैं, जीवन की चिंताएं, धन तथा विलासिता उनका दमन कर देती हैं और वे मजबूत हो ही नहीं पाते.
15 ୧୫ ମେନ୍‌ଦ ବୁଗିନ୍‌ ଅତେରେ ଉୟୁଗାକାନ୍‌ ହିତା ଇନ୍‌କୁତାନ୍‌କ, ଅକନ୍‌କଚି ବୁଗିନ୍‌ ଆଡଃ ଫାର୍‌ଚି ମନ୍‌ରେ ବାଚାନ୍‌କେ ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେକ ତେଲାଦହୟା ଆଡଃ ସାହାତିଙ୍ଗ୍‌ତାନ୍‌ଲଃକ ଜ'ଅଃଆ ।
इसके विपरीत उत्तम भूमि वे लोग हैं, जो भले और निष्कपट हृदय से वचन सुनते हैं और उसे दृढतापूर्वक थामे रहते हैं तथा निरंतर फल लाते हैं.
16 ୧୬ “ଜେତାଏ ହଡ଼ ଦିମି ଜୁଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ ତାୱାତେ କାଏ ହାରୁବେୟା, ଚାଏ ପାର୍‌କମ୍‌ ଲାତାର୍‌ରେ କାଏ ଦହୟାଃ, ମେନ୍‌ଦ ବଲତାନ୍‌ ହଡ଼କ ମାର୍ସାଲ୍‌କ ନେଲେକା ମେନ୍ତେ ଦିର୍କାରେ ଦହୟାଃ ।
“कोई भी दीपक को जलाकर न तो उसे बर्तन से ढांकता है और न ही उसे पलंग के नीचे रखता है परंतु उसे दीवट पर रखता है कि कमरे में प्रवेश करने पर लोग देख सकें.
17 ୧୭ “ଚିୟାଃଚି ସବେନ୍‌ ଉକୁଆକାନ୍‌ତେୟାଃ ଉଦୁବଃଆ ଆଡଃ ସବେନ୍‌ ଦାନାଙ୍ଗ୍‌ଆଁକାନ୍‌ତେୟାଃ ସାରିଅଃଆ ଚାଏ ମାସ୍କାଲ୍‌ତେ ଆଉଅଃଆ ।
ऐसा कुछ भी छिपा हुआ नहीं है जिसे प्रकट न किया जाएगा तथा ऐसा कोई रहस्य नहीं जिसे उजागर कर सामने न लाया जाएगा.
18 ୧୮ “ଏନାମେନ୍ତେ, ଚିଲ୍‌କାପେ ଆୟୁମେୟାଃ ଏନା ଚିର୍ଗାଲାକାନ୍‌ପେ, ଚିୟାଃଚି ଅକଏତାଃ ମେନାଃ ଇନିଃକେ ଦ ଆଡଃଗି ଏମଃଆ, ଆଡଃ ଜେତାଏତାଃରେ ବାନଃଆ, ଇନିଃତାଃଏତେ ଅକ୍‌ନାଃ ମେନାଃ ଏନାହଗି ଇଦିୟଃଆ ।”
इसलिये इसका विशेष ध्यान रखो कि तुम कैसे सुनते हो. जिस किसी के पास है, उसे और भी दिया जाएगा तथा जिस किसी के पास नहीं है, उसके पास से वह भी ले लिया जाएगा, जो उसके विचार से उसका है.”
19 ୧୯ ୟୀଶୁଆଃ ଏଙ୍ଗାତେ ଆଡଃ ହାଗାତେ ତେକ ଇନିଃତାଃ ହିଜୁଃୟାନାକ ମେନ୍‌ଦ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ନାଗେନ୍ତେ ଇନିଃତାଃ କାକ ସେଟେର୍‌ ଦାଡ଼ିୟାନା ।
तब प्रभु येशु की माता और उनके भाई उनसे भेंट करने वहां आए किंतु लोगों की भीड़ के कारण वे उनके पास पहुंचने में असमर्थ रहे.
20 ୨୦ ଜେତାଏ ମିହୁଡ଼୍‌ ୟୀଶୁକେ ଉଦୁବ୍‌କିୟାଏ, “ଆମାଃ ଏଙ୍ଗାମ୍‌ ଆଡଃ ହାଗାମ୍‌ତେକ ବାହାରିରେ ତିଙ୍ଗୁକେଦ୍‌ତେ ଆମ୍‌ଲଃ ନେପେଲ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌କ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ତାନା ।”
किसी ने प्रभु येशु को सूचना दी, “आपकी माता तथा भाई बाहर खड़े हैं—वे आपसे भेंट करना चाह रहे हैं.”
21 ୨୧ ଇନିଃ ମେନ୍‌ରୁହାଡ଼ାଦ୍‌କଆଏ, “ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ କାଜି ଆୟୁମ୍‌ ଆଡଃ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ ତାନ୍‌କଗି ଆଇଁୟାଃ ଏଙ୍ଗା ଆଡଃ ହାଗାକ ତାନ୍‌କ ।”
प्रभु येशु ने कहा, “मेरी माता और भाई वे हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते तथा उसका पालन करते हैं.”
22 ୨୨ ମୁସିଙ୍ଗ୍‌ ୟୀଶୁ ଆଡଃ ଆୟାଃ ଚେଲାକ ଲାଉକାରେକ ଦେଏଃୟାନା ଆଡଃ “ଦଲାବୁ ଦରେୟା ହାନ୍‌ ପାରମ୍‌ତେବୁଆ” ମେତାଦ୍‌କଆଏ । ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ଲାଉକା ରାଡ଼ାକେଦାଃକ
एक दिन प्रभु येशु ने शिष्यों से कहा, “आओ, हम झील की दूसरी ओर चलें.” इसलिये वे सब नाव में बैठकर चल दिए.
23 ୨୩ ଇନ୍‌କୁ ସେନଃତାନ୍‌ ଇମ୍‌ତା ୟୀଶୁଦ ଦୁଡ଼ୁମ୍‌ୟାନାଏ । ଇମ୍‌ତାଙ୍ଗ୍‌ ଦରେୟାରେ ଦୁଦୁଗାର୍‌ହୟ ବିରିଦ୍‌ୟାନା, ଏନ୍ତେ ଲାଉକାରେ ଦାଆଃ ପେରେଜଃତାନ୍‌ ତାଇକେନା, ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁଦ ଡୁବିଜଃଲେକାକ ତାଇକେନା ।
जब वे नाव खे रहे थे प्रभु येशु सो गए. उसी समय झील पर प्रचंड बवंडर उठा, यहां तक कि नाव में जल भरने लगा और उनका जीवन खतरे में पड़ गया.
24 ୨୪ ଚେଲାକ ଇନିଃତାଃତେ ହିଜୁଃୟାନ୍‌ତେକ ବିରିଦ୍‌କିୟା, “ହେ ଗୁରୁ, ହେ ଗୁରୁ, ଆଲେ ଡୁବିଃଗ୍‌ ଗଜଃତାନାଲେ” ମେନ୍ତେକ କାଜିକିୟାଃ । ଏନ୍ତେ ଇନିଃ ବିରିଦ୍‌ୟାନ୍ତେ ହୟ ଆଡଃ ଆଲ୍‌ପୁଙ୍ଗ୍‌କେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ମଚାକେଦାଃ, ଇମ୍‌ତାଙ୍ଗ୍‌ଗି ସବେନାଃ ହାପାଉତାର୍‌ୟାନା ଆଡଃ ସିଃସଏଃୟାନା ।
शिष्यों ने जाकर प्रभु येशु को जगाते हुए कहा, “स्वामी! स्वामी! हम नाश हुए जा रहे हैं!” प्रभु येशु उठे. और बवंडर और तेज लहरों को डांटा; बवंडर थम गया तथा तेज लहरें शांत हो गईं.
25 ୨୫ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଚେଲାକକେ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ଅକ୍‌ତାଃରେୟା ଆପେୟାଃ ବିଶ୍ୱାସ୍‌?” ମେନ୍‌ଦ ଇନ୍‌କୁ ବରତାନ୍‌ଲଃ ମେପେନ୍‌ୟାନାକ, “ନିଃ ଅକଏ ତାନିଃ, ହୟ ଆଡଃ ଦରେୟାରେୟାଃ ଦାଆଃକହ ନିୟାଃ କାଜି ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ ତାନାକ ।”
“कहां है तुम्हारा विश्वास?” प्रभु येशु ने अपने शिष्यों से प्रश्न किया. भय और अचंभे में वे एक दूसरे से पूछने लगे, “कौन हैं यह, जो बवंडर और लहरों तक को आदेश देते हैं और वे भी उनके आदेशों का पालन करती हैं!”
26 ୨୬ ୟୀଶୁ ଆଡଃ ଚେଲାତାୟାଃକ ଗେରାସିମିକଆଃ ପାର୍‌ଗାନ୍‌ତେ ସେଟେର୍‌ୟାନାକ, ଏନା ଗାଲିଲ୍‌ ଦରେୟାରାଃ ହାନ୍‌ ପାରମ୍‌ରେୟା ।
इसके बाद वे गिरासेन प्रदेश में आए, जो गलील झील के दूसरी ओर है.
27 ୨୭ ୟୀଶୁ ଡଙ୍ଗାଏତେ ଦରେୟା ଗେନାରେ ଆଡ଼୍‌ଗୁତର୍‌ସା, ଏନ୍‌ ନାଗାର୍‌ରେନ୍ ମିହୁଡ଼୍‌ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମାଏତେ ପେରେଜାକାନ୍‌ ହଡ଼ ୟୀଶୁଲଃ ନାପାମ୍‌ୟାନାକିନ୍, ଇନିଃ ପୁରାଃ ମାହାଁଏତେ ଲିଜାଃ କାଏ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ଅଁତାନ୍‌ ତାଇକେନା ଚାଏ ଅଡ଼ାଃରେ କା ତାଇନ୍‌କେଦ୍‌ତେ ହଡ଼ ତପା ଠାୟାଦ୍‌ରେ ତାୟୁଃତାଇକେନାଏ ।
जब प्रभु येशु तट पर उतरे, उनकी भेंट एक ऐसे व्यक्ति से हो गई, जिसमें अनेक दुष्टात्मा समाये हुए थे. दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्ति उनके पास आ गया. यह व्यक्ति लंबे समय से कपड़े न पहनता था. वह मकान में नहीं परंतु कब्रों की गुफाओं में रहता था.
28 ୨୮ ଇନିଃ ୟୀଶୁକେ ନେଲ୍‌ତାନ୍‌ଚି ଆୟାଃ କାଟାସୁବାରେ ଉୟୁଃକେଦ୍‌ତେ କାଉରିତାନ୍‌ଲଃ କାଜିକେଦାଏ, “ହେ ୟୀଶୁ ସାଲାଙ୍ଗିଉତାର୍ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ହନ୍‌, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଲଃ ଆମାଃ ଚିକାନ୍‌ କାମି ମେନାଃ? ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆମ୍‌କେ ଜହାର୍ ମେଁ ତାନାଇଙ୍ଗ୍‌ ଆଲମ୍‌ ଦୁକୁଇୟାଁଃ!”
प्रभु येशु पर दृष्टि पड़ते ही वह चिल्लाता हुआ उनके चरणों में जा गिरा और अत्यंत ऊंचे शब्द में चिल्लाया, “येशु! परम प्रधान परमेश्वर के पुत्र! मेरा और आपका एक दूसरे से क्या लेना देना? आपसे मेरी विनती है कि आप मुझे कष्ट न दें,”
29 ୨୯ ଇନିଃ ଏନା କାଜିକେଦାଏ ଚିୟାଃଚି ୟୀଶୁ ଏନ୍‌ ସତ୍‌ରା ଆତ୍ମାକେ ନେ ହଡ଼ଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃମେ ମେନ୍ତେ ଆଚୁକାଇତାଇନାଏ । ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମା ହଡ଼କେ ପୁରାଃ ମାହାଁଏତେ ସାବାକାଇତାଇନାଏ । ଆଡଃ ହଡ଼କ ଇନିଃକେ ସିକ୍‌ଡ଼ିଲଃ ଆଡଃ ବେଢ଼ିରେ ତଲ୍‌କିଃତେ ହରଇତାନ୍‌କ ତାଇକେନା, ମେନ୍‌ଦ ଇନିଃ ତନଲ୍‌କେ ଟଟାଃଏତାନ୍‌ ଆଡଃ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମା ଇନିଃକେ ବିର୍‌ତେ ହାର୍‌ଇଦିତାନାଏ ତାଇକେନା ।
क्योंकि प्रभु येशु दुष्टात्मा को उस व्यक्ति में से निकल जाने की आज्ञा दे चुके थे. समय समय पर दुष्टात्मा उस व्यक्ति पर प्रबल हो जाया करता था तथा लोग उसे सांकलों और बेड़ियों में बांधकर पहरे में रखते थे, फिर भी वह दुष्टात्मा बेड़ियां तोड़ उसे सुनसान स्थान में ले जाता था.
30 ୩୦ ୟୀଶୁ ଇନିଃକେ କୁଲିକିୟାଏ “ଆମାଃ ନୁତୁମ୍‌ ଚିକ୍‌ନାଃ?” ଇନିଃ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟାଏ, “ଆଇଁୟାଃ ନୁତୁମ୍‌ ଫାଉଦ୍,” ଚିୟାଃଚି ଇନିଃରେ ପୁରାଃଗି ବଙ୍ଗାକ ତାଇକେନା ।
प्रभु येशु ने उससे प्रश्न किया, “क्या नाम है तुम्हारा?” “विशाल सेना,” उसने उत्तर दिया क्योंकि अनेक दुष्टात्मा उसमें समाए हुए थे.
31 ୩୧ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ୟୀଶୁକେ “ଆଲେକେ ହୁଆଙ୍ଗ୍‌ଗାଡ଼ାତେ ଆଲମ୍‌ କୁଲ୍‌ଲେ” ମେନ୍ତେ ପୁରାଃଗିକ ବିନ୍ତିକିୟାଃ । (Abyssos g12)
दुष्टात्मा-गण प्रभु येशु से निरंतर विनती कर रहे थे कि वह उन्हें पाताल में न भेजें. (Abyssos g12)
32 ୩୨ ବୁରୁଗେନା ଜାପାଃରେ ସୁକୁରିକଆଃ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଗୋଟ୍‌ ଆତିଙ୍ଗ୍‌ତାଇକେନାକ । ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମାକ ୟୀଶୁକେ, ଆଲେକେ ଏନ୍‌ ସୁକୁରିକରେ ବଲଃ ନାଗେନ୍ତେ କୁଲ୍‌ତାଲେମେ ମେନ୍ତେକ ବିନ୍ତିକିୟାଃ, ଆଡଃ ଇନିଃ ଇନ୍‌କୁକେ ବଲରିକାକେଦ୍‌କଆଏ ।
वहीं पहाड़ी के ढाल पर सूअरों का एक विशाल समूह चर रहा था. दुष्टात्माओं ने प्रभु येशु से विनती की कि वह उन्हें सूअरों में जाने की अनुमति दे दें. प्रभु येशु ने उन्हें अनुमति दे दी.
33 ୩୩ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମାକ ଏନ୍‌ ହଡ଼ଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ତେ ସୁକୁରିକରେକ ବଲୟାନା ଆଡଃ ସୁକୁରିକଆଃ ଗୋଟ୍‌ ଦରେୟାରେକ ନିର୍‌ବଲୟାନା ଆଡଃ ଡୁବିଃଗ୍‌ ଗଏଃୟାନାକ ।
जब दुष्टात्मा उस व्यक्ति में से बाहर आए, उन्होंने तुरंत जाकर सूअरों में प्रवेश किया और सूअर ढाल से झपटकर दौड़ते हुए झील में जा डूबे.
34 ୩୪ ସୁକୁରି ଗୁପିତାନ୍‌କ ନେଆଁଁ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ ନିର୍‌ୟାନାକ ଆଡଃ ସାହାର୍ ଜାପାଃରାଃ ଟଲାକରେ ନେ କାଜିକ ଉଦୁବ୍‌ ବାଡ଼ାକେଦାଃ,
इन सूअरों के चरवाहे यह देख दौड़कर गए और नगर तथा उस प्रदेश में सब जगह इस घटना के विषय में बताने लगे.
35 ୩୫ ଆଡଃ ହଡ଼କ ହବାଲେନ୍‌ତେୟାଃ ନେଲ୍‌ନାଗେନ୍ତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନାକ ଆଡଃ ୟୀଶୁତାଃକ ହିଜୁଃୟାନ୍ତେ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମାକଆଃ ଫାଉଦ୍‌ତେ ଏସେରାକାନ୍‌ ହଡ଼କେ ୟୀଶୁଆଃ କାଟାସୁବାରେ ଦୁବାକାନ୍‌, ଲିଜାଃ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ଆଁକାନ୍‌ ନେଲ୍‌କିଃତେ ବରକେଦାଃକ ।
लोग वहां यह देखने आने लगे कि क्या हुआ है. तब वे प्रभु येशु के पास आए. वहां उन्होंने देखा कि वह व्यक्ति, जो पहले दुष्टात्मा से पीड़ित था, वस्त्र धारण किए हुए, पूरी तरह स्वस्थ और सचेत प्रभु येशु के चरणों में बैठा हुआ है. यह देख वे हैरान रह गए.
36 ୩୬ ନେ ସବେନାଃ ନେଲାକାଦ୍ ହଡ଼କ ବଙ୍ଗା ଏସେର୍‌କାନ୍‌ ଏନ୍‌ ହଡ଼ ଚିଲ୍‌କା ବୁଗିୟାନାଏ, ଏନା ସବେନ୍‌ ହଡ଼କକେ ଉଦୁବାଦ୍‌କଆକ ।
जिन्होंने यह सब देखा, उन्होंने जाकर अन्यों को सूचित किया कि यह दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्ति किस प्रकार दुष्टात्मा से मुक्त हुआ है.
37 ୩୭ ଏନ୍ତେ ଗେରାସିମି ହପର୍‌ଜାପାଃରେନ୍‌ ସବେନ୍‌ ହଡ଼କ ଆଲେୟାଃ ସାମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ଏତେ ସେନଃମେ ମେନ୍ତେ ୟୀଶୁକେକ ବିନ୍ତିକିୟା, ଚିୟାଃଚି ଇନ୍‌କୁ ବରତାଇକେନାକ । ଆଡଃ ୟୀଶୁ ଲାଉକାରେ ଦେଏଃୟାନ୍ତେ ରୁହାଡ଼୍‌ୟାନାଏ ।
तब गिरासेन प्रदेश तथा पास के क्षेत्रों के सभी निवासियों ने प्रभु येशु को वहां से दूर चले जाने को कहा क्योंकि वे अत्यंत भयभीत हो गए थे. इसलिये प्रभु येशु नाव द्वारा वहां से चले गए.
38 ୩୮ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଆତ୍ମାଏତେ ବୁଗିୟାକାନ୍ ହଡ଼ ୟୀଶୁକେ କାଜିକିୟାଏ, “ଆମାଃଲଃ ତାଇନ୍‌ ଚିକାଆଇଙ୍ଗ୍‌ମେଁ” ମେନ୍ତେ ବିନ୍ତିକିୟାଏ, ମେନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ ଆଇଃକ୍‌କେ ବିଦା ଏମ୍‌ତାନ୍‌ଲଃ କାଜିକିୟାଏ,
वह व्यक्ति जिसमें से दुष्टात्मा निकाला गया था उसने प्रभु येशु से विनती की कि वह उसे अपने साथ ले लें किंतु प्रभु येशु ने उसे यह कहते हुए विदा किया,
39 ୩୯ “ଆମ୍‌ ଆମାଃ ଅଡ଼ାଃତେ ରୁହାଡ଼୍‌ମେଁ ଆଡଃ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ଆମାଃ ନାଗେନ୍ତେ ଚିକ୍‌ନାଃ ରିକାକାଦାୟ, ଚିଲ୍‌କା ଆମ୍‌କେ ଦାୟାକାଦ୍‌ମେୟା ଏନା ସବେନ୍‌କକେ ଉଦୁବାକମେ ।” ଏନ୍ତେଦ ଏନ୍‌ ହଡ଼ ରୁହାଡ଼୍‌ୟାନାଏ, ଆଡଃ ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ନାଗେନ୍ତେ ନେ'ଲେକାନ୍‌ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ କାମି କାମିୟାଁଦିୟାଁଏ ମେନ୍ତେ ସବେନ୍‌ ନାଗାର୍‌ରେ ଉଦୁବ୍‌କେଦାଏ ।
“अपने परिजनों में लौट जाओ तथा इन बड़े-बड़े कामों का वर्णन करो, जो परमेश्वर ने तुम्हारे लिए किए हैं.” इसलिये वह लौटकर सभी नगर में यह वर्णन करने लगा कि प्रभु येशु ने उसके लिए कैसे बड़े-बड़े काम किए हैं.
40 ୪୦ ୟୀଶୁ ଦରେୟା ହାନ୍‌ପାରମ୍‌ତେ ରୁହାଡ଼୍‌ୟାନ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ଇନିଃକେ ଦାରମ୍‌କିୟାଃକ, ଚିୟାଃଚି ସବେନ୍‌କଦ ଇନିଃକେ ନେଲ୍‌ହରାଇତାନ୍‌କ ତାଇକେନା ।
जब प्रभु येशु झील की दूसरी ओर पहुंचे, वहां इंतजार करती भीड़ ने उनका स्वागत किया.
41 ୪୧ ଆଡଃ ନେଲେପେ, ଯାଇରସ ନୁତୁମ୍‌ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେନ୍‌ ଆଗୁଆଇ ହିଜୁଃୟାନାଏ, ଆଡଃ ୟୀଶୁଆଃ କାଟା ସୁବାରେ ଉୟୁଃକେଦ୍‌ତେ ଆଇଁୟାଃ ଅଡ଼ାଃତେ ହିଜୁଃମେ ମେନ୍ତେ ବିନ୍ତିକିୟାଏ,
जाइरूस नामक एक व्यक्ति, जो यहूदी सभागृह का प्रधान था, उनसे भेंट करने आया. उसने प्रभु येशु के चरणों पर गिरकर उनसे विनती की कि वह उसके साथ उसके घर जाएं
42 ୪୨ ଚିୟାଃଚି ଆୟାଃ ବାରା ବାରାଷ୍‌ରେନ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ଗି ହନ୍‌କୁଡ଼ି ତାଇକେନାଏ, ଇନିଃ ଦୁକୁତେ ଗଜଃଲେକା କାନାଏ ତାଇକେନା । ମେନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ ସେସେନ୍‌ତାନ୍ ଦିପିଲିରେ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ଇପ୍‌ଲିଙ୍ଗ୍‌ଅଃ ତାଇକେନାକ ।
क्योंकि उसकी एकमात्र बेटी, जो लगभग बारह वर्ष की थी, मरने पर थी. जब प्रभु येशु वहां जा रहे थे, मार्ग में वह भीड़ में दबे जा रहे थे.
43 ୪୩ ଇମ୍‌ତା ବାରା ବାରାଷ୍‌ଏତେ ମାୟୋମ୍‌ଲିଙ୍ଗି ଦୁକୁରେ ଦୁକୁତାନ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ କୁଡ଼ି ତାଇକେନାଏ, ମେନ୍‌ଦ ଇନିଃ ଆୟାଃ ସବେନ୍‌ ତାଇକେନ୍‌ତେୟାଃ ବାଇଦ୍‌କତାଃରେ ଚାବାକେଦ୍‌ରେୟ ଇନିଃକେ ଜେତାଏ ହ କାକ ବୁଗି ଦାଡ଼ି ତାଇକେନା ।
वहां बारह वर्ष से लहूस्राव-पीड़ित एक स्त्री थी. उसने अपनी सारी जीविका वैद्यों पर खर्च कर दी थी, पर वह किसी भी इलाज से स्वस्थ न हो पाई थी.
44 ୪୪ ଇନିଃ ଦୟାହରା ୟୀଶୁତାଃ ସେନ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଲିଜାଃରାଃ ଆଚ୍‌ରା ଜୁଟିଦ୍‌କେଦାଏ, ଆଡଃ ଇମ୍‌ତାଙ୍ଗ୍‌ଗି ମାୟୋମ୍‌ ଲିଙ୍ଗି ଦୁକୁଏତେ ବୁଗିୟାନାଏ ।
इस स्त्री ने पीछे से आकर येशु के वस्त्र के छोर को छुआ, और उसी क्षण उसका लहू बहना बंद हो गया.
45 ୪୫ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ଅକଏ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ଜୁଟିଦ୍‌କିଦିୟାଏଁ?” ସବେନ୍‌କ କା ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ ତାନ୍‌ତେ, ପାତ୍‌ରାସ୍‌ କାଜିକିୟାଏ “ହେ ଗମ୍‌କେ, ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ଇପ୍‌ଲିଙ୍ଗ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆମାଃ ଚେତାନ୍‌ରେ ଉୟୁଗଃତାନାକ ।”
“किसने मुझे छुआ है?” प्रभु येशु ने पूछा. जब सभी इससे इनकार कर रहे थे, पेतरॉस ने उनसे कहा, “स्वामी! यह बढ़ती हुई भीड़ आप पर गिरी जा रही है.”
46 ୪୬ ୟୀଶୁ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ, “ଅକଏ ମିହୁଡ଼୍‌ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ଜୁଟିଦ୍ କେଦିଙ୍ଗ୍‌ଆଏ, ଚିୟାଃଚି ଆଇଙ୍ଗ୍‌ତାଃଏତେ ପେଡ଼େଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା ମେନ୍ତେ ସାରିଉରୁମ୍‌ କେଦାଆଇଙ୍ଗ୍‌ ।”
किंतु प्रभु येशु ने उनसे कहा, “किसी ने तो मुझे छुआ है क्योंकि मुझे यह पता चला है कि मुझमें से सामर्थ्य निकली है.”
47 ୪୭ ଆଡଃ ଏନ୍‌କୁଡ଼ି କାଏ ଉକୁଦାଡ଼ିୟାନା ମେନ୍ତେ ଆଟ୍‌କାର୍‌କେଦ୍‌ତେ ଇନିଃ ବରତେ ଏକ୍‌ଲାଅଃତାନ୍‌ଲଃ ହିଜୁଃୟାନାଏ ଆଡଃ ୟୀଶୁଆଃ ସାମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ରେ ଇକ୍‌ଡ଼ୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ସବେନ୍‌କଆଃ ଆୟାର୍‌ରେ, ଚିନାଃମେନ୍ତେଇଙ୍ଗ୍‌ ଜୁଟିଦ୍‌କେଦ୍‌ମେୟାଁ ଆଡଃ ଇମ୍‌ତାଗି ଚିଲ୍‌କାଇଙ୍ଗ୍‌ ବୁଗିୟାନା ମେନ୍ତେ ଉଦୁବ୍‌କିୟାଏ ।
जब उस स्त्री ने यह समझ लिया कि उसका छुपा रहना असंभव है, भय से कांपती हुई सामने आई और प्रभु येशु के चरणों में गिर पड़ी. उसने सभी उपस्थित भीड़ के सामने यह स्वीकार किया कि उसने प्रभु येशु को क्यों छुआ था तथा कैसे वह तत्काल रोग से चंगी हो गई.
48 ୪୮ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ କାଜିକିୟାଏ, “ଏ ମାଈ, ବିଶ୍ୱାସ୍‌ ତାମାଃ ବୁଗିୟାକାଦ୍‌ମେଁୟାଏ, ଜୁ ସୁକୁ ଜୀଉତେ ସେନଃମେ ।”
इस पर प्रभु येशु ने उससे कहा, “बेटी! तुम्हारे विश्वास ने तुम्हें स्वस्थ किया है. परमेश्वर की शांति में लौट जाओ.”
49 ୪୯ ୟୀଶୁ ଏନା କାଜିତାନ୍‌ ଇମ୍‌ତାଗି, ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃ ଚାଲାଅନିୟାଃ ଅଡ଼ାଃଏତେ କାଜି ଆଉୱାକାଦ୍‌ ହଡ଼ ଯାଇରସକେ କାଜିକିୟାଏ, “ହନ୍‌ମେକୁଡ଼ି ଗଏଃୟାନାଏ, ଗୁରୁକେ ଆଡଃ ଆଲ୍‌ମେ ଦୁକୁଇୟା ।”
जब प्रभु येशु यह कह ही रहे थे, यहूदी सभागृह प्रधान जाइरूस के घर से किसी व्यक्ति ने आकर सूचना दी, “आपकी पुत्री की मृत्यु हो चुकी है, अब गुरुवर को कष्ट न दीजिए.”
50 ୫୦ ୟୀଶୁ ନେ କାଜି ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଯାଇରସକେ କାଜିକିୟାଏ, “ଆଲମ୍‌ ବରଏୟା, ବିଶ୍ୱାସ୍‌ରେଗି ତାଇନଃମେ, ଆଡଃ ଇନିଃ ବାଞ୍ଚାଅଃଆଏ ।”
यह सुन प्रभु येशु ने जाइरूस को संबोधित कर कहा, “डरो मत! केवल विश्वास करो और वह स्वस्थ हो जाएगी.”
51 ୫୧ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଯାଇରସରାଃ ଅଡ଼ାଃତେ ହିଜୁଃୟାନ୍‌ଚି, ପାତ୍‌ରାସ୍‌, ଯାକୁବ୍‌, ଆଡଃ ଆୟାଃ ହାଗାତେ ଯୋହାନ୍‌ ଆଡଃ କୁଡ଼ିହନ୍‌ଆଃ ଏଙ୍ଗା ଆପୁକିନ୍‌କେ ବାଗିକେଦ୍‌ତେ ଜେତାଏକକେ କାଏ ବଲରିକାକେଦ୍‌କଆ ।
जब वे जाइरूस के घर पर पहुंचे, प्रभु येशु ने पेतरॉस, योहन और याकोब तथा कन्या के माता-पिता के अतिरिक्त अन्य किसी को अपने साथ भीतर आने की अनुमति नहीं दी.
52 ୫୨ ମେନ୍‌ଦ ଏନ୍‌ କୁଡ଼ିହନ୍ ନାଗେନ୍ତେ ସବେନ୍‌କ ରାଆଃତାନ୍ ଆଡଃ କୁଡ଼ାମ୍‌କରେ ତିଃଇ ଥାପ୍‌ଡ଼ିଅଃତାଇକେନାକ । ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ, ଆଲ୍‌ପେ ରାଆଃଏୟା ଇନିଃ କାଏ ଗଜାକାନା ମେନ୍‌ଦ ଦୁଡ଼ୁମ୍‌ତାନାଏ ।
उस समय सभी उस बालिका के लिए रो-रोकर शोक प्रकट कर रहे थे. “बंद करो यह रोना-चिल्लाना!” प्रभु येशु ने आज्ञा दी, “उसकी मृत्यु नहीं हुई है—वह सिर्फ सो रही है.”
53 ୫୩ ଇନ୍‌କୁ ୟୀଶୁକେ ଲାନ୍ଦାକିୟାଃକ ଚିୟାଃଚି ଏନ୍‌ କୁଡ଼ିହନ୍ ଗଜାକାନାଏ ମେନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ସାରିତାଇକେନାକ ।
इस पर वे प्रभु येशु पर हंसने लगे क्योंकि वे जानते थे कि बालिका की मृत्यु हो चुकी है.
54 ୫୪ ୟୀଶୁ ଏନ୍‌ କୁଡ଼ିହନ୍‌ଆଃ ତିଃଇ ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେ କାଜିକିୟାଏ, “ଏ ମାଈ ବିରିଦ୍‌ମେ ।”
प्रभु येशु ने बालिका का हाथ पकड़कर कहा, “बेटी, उठो!”
55 ୫୫ ଏନ୍‌ କୁଡ଼ିହନ୍‌ଆଃ ଜୀଉ ଇମ୍‌ତାଗି ରୁହାଡ଼୍‌ୟାନା, ଇନିଃ ବିରିଦ୍‌ୟାନାଏ ଆଡଃ ଇନିଃକେ ଜାହାନାଃ ଜମେୟାଃଁ ଏମାଇପେ ମେନ୍ତେ ୟୀଶୁ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ ।
उसके प्राण उसमें लौट आए और वह तुरंत खड़ी हो गई. प्रभु येशु ने उनसे कहा कि बालिका को खाने के लिए कुछ दिया जाए.
56 ୫୬ କୁଡ଼ିହନ୍‌ଆଃ ଏଙ୍ଗା ଆପୁ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅୟାନାକିନ୍ ମେନ୍‌ଦ ନେ କାଜି ଜେତାଏତାଃରେ ଆଲ୍‌ପେ ଉଦୁବେୟା ମେନ୍ତେ ୟୀଶୁ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ ।
उसके माता-पिता चकित रह गए किंतु प्रभु येशु ने उन्हें निर्देश दिया कि जो कुछ हुआ है, उसकी चर्चा किसी से न करें.

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