< ଲୁକ 6 >

1 ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେ ୟୀଶୁ ହେରାକାନ୍‌ ପିଡ଼ି ଥାଲାଥାଲାତେ ସେନଃତାନ୍‌ ତାଇକେନାଏ, ଆଡଃ ଆୟାଃ ଚେଲାକ ଗେଲେ ଜ'କେ ହଦ୍‌କେଦ୍‌ତେ ତିଃଇଲଃ ଇତ୍‌କିଦ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଜମ୍‌ତାନ୍‌କ ତାଇକେନା ।
एक शब्बाथ पर प्रभु येशु अन्‍न के खेत से होकर जा रहे थे. उनके शिष्यों ने बालें तोड़कर, मसल-मसल कर खाना प्रारंभ कर दिया.
2 ମେନ୍‌ଦ ଚିମିନ୍‌ ଫାରୁଶୀକ କୁଲିକିୟାଃକ, “ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେ କା ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ କାମି ଚିନାଃମେନ୍ତେକ ରିକାତାନା?”
यह देख कुछ फ़रीसियों ने कहा, “आप शब्बाथ पर यह काम क्यों कर रहे हैं, जो नियम विरुद्ध?”
3 ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିରୁହାଡ଼ାଦ୍‌କଆଏ, “ଦାଉଦ୍‌ ଆଡଃ ଆୟାଃ ଗାତିକ ରେଙ୍ଗେଃୟାନ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଚିନାଃଏ କାମିକେଦାଃ ଏନା କାପେଚି ପାଢ଼ାୱାକାଦାଃ?
प्रभु येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या आपने यह कभी नहीं पढ़ा कि भूख लगने पर दावीद और उनके साथियों ने क्या किया था?
4 ଇନିଃ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ଅଡ଼ାଃତେ ବଲୟାନା, ଆଡଃ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ନୁତୁମ୍‌ରେ ଏମାକାନ୍‌ ହଲଙ୍ଗ୍‌, ଅକ୍‌ନାଃକେଚି ଆଇନ୍‌ ଲେକାତେ ଯାଜାକ୍‌ ଏସ୍‌କାର୍‌ ଜମ୍ ଦାଡ଼ିୟାଏ ମେନଃତାନା, ଏନାକେ ଆଉକେଦ୍‌ତେ ଜମ୍‌କେଦାଏ ଆଡଃ ଆୟାଃଲଃ ତାଇକାନ୍‌କକେୟ ଏମାଦ୍‌କଆଏ ।”
दावीद ने परमेश्वर के भवन में प्रवेश कर वह समर्पित रोटी खाई, जिसका खाना पुरोहितों के अतिरिक्त किसी अन्य के लिए नियम विरुद्ध था? यही रोटी उन्होंने अपने साथियों को भी दी.”
5 ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ମେତାଦ୍‌କଆଏ, “ମାନୱାହନ୍‌ ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେନ୍ ଗମ୍‌କେ ତାନିଃ ।”
प्रभु येशु ने उनसे कहा, “मनुष्य का पुत्र शब्बाथ का प्रभु है.”
6 ଆଡଃ ଏଟାଃ ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେ ଇନିଃ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ ବଲୟାନ୍ତେ ଇତୁକେଦ୍‌କଆଏ, ଆଡଃ ଏନ୍ତାଃରେ ତିଃଇ ରହଡ଼ାକାନ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ ହଡ଼ ତାଇକେନାଏ ।
एक अन्य शब्बाथ पर प्रभु येशु यहूदी सभागृह में शिक्षा देने लगे. वहां एक व्यक्ति था, जिसका दायां हाथ लक़वा मारा हुआ था.
7 ଆଡଃ ୟୀଶୁ ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେ ଇନିଃକେ ବୁଗିୟାଏ ଚି କା ଏନା ନେଲ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଫାରୁଶୀକ ଆଡଃ ଆଇନ୍‌ ଇତୁକ ଇନିଃକେ ଘାତାଇତାନ୍‌କ ତାଇକେନା ଚିୟାଃଚି ଇନ୍‌କୁ ୟୀଶୁକେ ଚିଟାଇ ନାଗେନ୍ତେ ହରାକ ଦାଣାଁଁ ତାଇକେନା ।
फ़रीसी और शास्त्री इस अवसर की ताक में थे कि शब्बाथ पर प्रभु येशु इस व्यक्ति को स्वस्थ करें और वह उन पर दोष लगा सकें.
8 ମେନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁଆଃ ଉଡ଼ୁଃ ସାରିକେଦ୍‌ତେ, ଏନ୍‌ ତିଃଇ ରହଡ଼ାକାନ୍ ହଡ଼କେ କାଜିକିୟାଏ, “ମାର୍‌ ବିରିଦ୍‌ମେ ଆଡଃ ସବେନ୍‌କଆଃ ସାମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ରେ ତିଙ୍ଗୁନ୍‌ମେ, ଆଡଃ ଇନିଃ ବିରିଦ୍‌ୟାନ୍‌ଚି ଏନ୍ତାଃରେ ତିଙ୍ଗୁୟାନାଏ ।”
प्रभु येशु को उनके मनों में उठ रहे विचारों का पूरा पता था. उन्होंने उस व्यक्ति को, जिसका हाथ सूखा हुआ था, आज्ञा दी, “उठो! यहां सबके मध्य खड़े हो जाओ.” वह उठकर वहां खड़ा हो गया.
9 ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ କୁଲିପେତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ଆବୁଆଃ ଆଇନ୍‌ଲେକାତେ ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେ ଅକନ୍‌ କାମି ରିକା ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ୟାଁଃ? ମିହୁଡ଼୍‌ଆଃ ନାଗେନ୍ତେ ବୁଗିନ୍‌ କାମିତେୟାଃ ବୁଗିନାଃ ଚି ଏତ୍‌କାନ୍‌ କାମିତେୟାଃ ବୁଗିନାଃ? ଜୀଉ ବାଞ୍ଚାଅତେୟାଃ ଚି ଜୀଉ ଜିୟନେତେୟାଃ?”
तब प्रभु येशु ने फ़रीसियों और शास्त्रियों को संबोधित कर प्रश्न किया, “यह बताइए, शब्बाथ पर क्या करना उचित है; भलाई या बुराई? जीवन रक्षा या विनाश?”
10 ୧୦ ଇନିଃ ସବେନ୍‌କକେ ନେଲ୍‌ବିୟୁର୍ କେଦ୍‌କଚି ଏନ୍‌ ହଡ଼କେ କାଜିକିୟାଏ, “ତିଃଇତାମାଃ ଜିଲିଙ୍ଗ୍‌ୟେଁମେ ।” ଏନ୍ତେ ଇନିଃ ତିଃଇତାୟାଃ ଜିଲିଙ୍ଗ୍‌କେଦାଏ ଆଡଃ ତିଃଇତାୟାଃ ପୁରାଗି ବୁଗିରୁହାଡ଼୍‌ୟାନା ।
उन सब पर एक दृष्टि डालते हुए प्रभु येशु ने उस व्यक्ति को आज्ञा दी, “अपना हाथ बढ़ाओ!” उसने ऐसा ही किया—उसका हाथ स्वस्थ हो गया था.
11 ୧୧ ମେନ୍‌ଦ ଇନ୍‌କୁ ଏନେସେଦ୍‌ତେ ବାଲୁୟାନାକ, ଆଡଃ ୟୀଶୁକେ ଚିନାଃବୁ ଚିକାଇୟା ମେନ୍ତେ ଆକଥାଲାରେ କାପାଜିୟାନାକ ।
यह देख फ़रीसी और शास्त्री क्रोध से जलने लगे. वे आपस में विचार-विमर्श करने लगे कि प्रभु येशु के साथ अब क्या किया जाए.
12 ୧୨ ଏନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌କରେ ୟୀଶୁ ବିନ୍ତି ନାଗେନ୍ତେ ମିଆଁଦ୍‌ ବୁରୁତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା, ଆଡଃ ମିଦ୍‌ନିଦା ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ତାଃରେ ବିନ୍ତିକେଦାଏ ।
एक दिन प्रभु येशु पर्वत पर प्रार्थना करने चले गए और सारी रात वह परमेश्वर से प्रार्थना करते रहे.
13 ୧୩ ଆଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ଚି ଇନିଃ ଆୟାଃ ଚେଲାକକେ ଆୟାଃତାଃତେ କେଡ଼ାକେଦ୍‌କଆଏ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁଏତେ ଗେଲ୍‌ବାର୍‌ ହଡ଼କକେ ସାଲାକେଦ୍‌କଆଏ, ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁକେ ପ୍ରେରିତ୍‌ ମେନ୍ତେ ନୁତୁମ୍‌କେଦ୍‌କଆଏ ।
प्रातःकाल उन्होंने अपने चेलों को अपने पास बुलाया और उनमें से बारह को चुनकर उन्हें प्रेरित पद प्रदान किया.
14 ୧୪ ଇନ୍‌କୁଆଃ ନୁତୁମ୍‌ ଶିମୋନ୍‌, ଇନିଃକେ ପାତ୍‌ରାସ୍‌ ମେନ୍ତେ ନୁତୁମ୍‌କିୟାଏ, ଶିମୋନ୍‌ଆଃ ହାଗାତେ ଆନ୍ଦ୍ରିୟାସ୍‌, ଯାକୁବ୍‌, ଯୋହାନ୍‌, ଫିଲିପ୍‌, ବାର୍ଥୋଲମି,
शिमओन, (जिन्हें वह पेतरॉस नाम से पुकारते थे) उनके भाई आन्द्रेयास, याकोब, योहन, फ़िलिप्पॉस, बारथोलोमेयॉस
15 ୧୫ ମାଥିଉ, ଥୋମା, ଆଲ୍‌ଫିୟନାଃ ହନ୍ତେକଡ଼ା ଯାକୁବ୍‌, ଶିମୋନ୍‌, ଅକଏଚି ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ ହଡ଼କଆଃ ତନଲ୍‌ହେତେ ରାଡ଼ା ନାଗେନ୍ତେ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନାଏ,
मत्तियाह, थोमॉस, हलफ़ेयॉस के पुत्र याकोब, राष्ट्रवादी शिमओन,
16 ୧୬ ଯାକୁବ୍‌ଆଃ ହନ୍ତେକଡ଼ା ଯିହୁଦା, ଆଡଃ ଇଷ୍କାରିୟତ୍‌ ଯିହୁଦା, ତାୟମ୍‌ତେ ନେ ଯିହୁଦା ୟୀଶୁକେ ବାଇରିକତାଃରେ ଜିମାକିୟାଏ ।
याकोब के पुत्र यहूदाह, तथा कारियोतवासी यहूदाह, जिसने उनके साथ धोखा किया.
17 ୧୭ ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ଚେଲାକଲଃ ବୁରୁଏତେ ଲାତାର୍‌ତେ ଆଡ଼୍‌ଗୁୟାନାକ । ଆଡଃ ଇନିଃ ତିଙ୍ଗୁକାନ୍‌ ସାମ୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ତାଃରେ ଆୟାଃ ପୁରାଃ ଗାଦେଲ୍‌ ଚେଲାକ ତାଇକେନା ଆଡଃ ଏନ୍ତାଃରେ ଗଟା ଯିହୁଦା ଦିଶୁମ୍‌ରେନ୍, ଯୀରୁଶାଲେମ୍‌ରେନ୍, ଦରେୟାଗେନା ସୋର୍‌ରେନ୍ ଆଡଃ ସିଦୋନ୍‌ରେନ୍‌ ପୁରାଃ ହଡ଼କ ତାଇକେନା ।
प्रभु येशु उनके साथ पर्वत से उतरे और आकर एक समतल स्थल पर खड़े हो गए. येरूशलेम तथा समुद्र के किनारे के नगर सोर और सीदोन से आए लोगों तथा सुननेवालों का एक बड़ा समूह वहां इकट्ठा था,
18 ୧୮ ଇନ୍‌କୁ ୟୀଶୁଆଃ ଇନିତୁ ଆୟୁମ୍‌ ଆଡଃ ଆକଆଃ ଦୁକୁଏତେ ବୁଗିୟଃ ନାଗେନ୍ତେ ହିଜୁଃକାନ୍‌କ ତାଇକେନା । ଆଡଃ ସତ୍‌ରା ଆତ୍ମାକଏତେ ଦୁକୁଆକାନ୍‌କ ବୁଗିୟାନା
जो उनके प्रवचन सुनने और अपने रोगों से चंगाई के उद्देश्य से वहां आया था. इस समूह में दुष्टात्मा से पीड़ित भी शामिल थे, जिन्हें प्रभु येशु दुष्टात्मा मुक्त करते जा रहे थे.
19 ୧୯ ଆଡଃ ସବେନ୍‌କ ଇନିଃକେ ଜୁଟିଦିନାଙ୍ଗ୍‌କ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ ତାଇକେନା, ଚିୟାଃଚି ଇନିଃତାଃଏତେ ପେଡ଼େଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃତାନ୍‌ ତାଇକେନା ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ବୁଗିଅଃତାନ୍‌କ ତାଇକେନା ।
सभी लोग उन्हें छूने का प्रयास कर रहे थे क्योंकि उनसे निकली हुई सामर्थ्य उन सभी को स्वस्थ कर रही थी.
20 ୨୦ ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ଚେଲାକସାଃ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ, “ରେଙ୍ଗେଃତାନ୍‌କ ସୁକୁତାନ୍‌ଗିୟାଃ; ଚିୟାଃଚି ସିର୍ମା ରାଇଜ୍‌ ଇନ୍‌କୁଆଃଗି ତାନାଃ ।
अपने शिष्यों की ओर दृष्टि करते हुए प्रभु येशु ने उनसे कहा: “धन्य हो तुम सभी जो निर्धन हो, क्योंकि परमेश्वर का राज्य तुम्हारा है.
21 ୨୧ ନାହାଁଃ ଆପେ ରେଙ୍ଗେଃତାନ୍‌କ, ସୁକୁତାନ୍‌ ଗିୟାଃପେ, ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ଆପେକେ ବିୟଃଗି ଏମାପେୟା! ନାଆଃ ଆପେ ରାଆଃଏ ତାନ୍‌କ, ସୁକୁତାନ୍‌ ଗିୟାଃପେ, ଚିୟାଃଚି ଆପେଦ ଲାନ୍ଦାଏୟାପେ ।
धन्य हो तुम जो भूखे हो, क्योंकि तुम तृप्‍त किए जाओगे. धन्य हो तुम जो इस समय रो रहे हो, क्योंकि तुम आनंदित होगे.
22 ୨୨ “ମାନୱାହନ୍‌ଆଃ ନାଗେନ୍ତେ ହଡ଼କ ଆପେକେ ହିଲାଙ୍ଗ୍‌ପେରେ, ଆପେକେ ଆତମ୍‌ପେରେ, ଆପେକେ ନିନ୍ଦାପେରେ ଆଡଃ ଆପେୟାଃ ନୁତୁମ୍‌ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ନୁତୁମ୍‌ଲେକାକ ଇଦିଲେରେ ଆପେ ସୁକୁତାନ୍‌ ଗିୟାଃପେ ।
धन्य हो तुम सभी जिनसे सभी मनुष्य घृणा करते हैं, तुम्हारा बहिष्कार करते हैं, तुम्हारी निंदा करते हैं, तुम्हारे नाम को मनुष्य के पुत्र के कारण बुराई करनेवाला घोषित कर देते हैं.
23 ୨୩ ଏନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ ରାସ୍‌କାଅଃପେ ଆଡଃ ରାସ୍‌କାତେ ସୁସୁନ୍‌ନେପେ, ଚିୟାଃଚି ନେଲେପେ, ଆପେୟାଃ ନାଙ୍ଗ୍‌ ପୁରାଗି ଜ ସିର୍ମାରେୟା । ଇନ୍‌କୁଆଃ ପୁର୍‌ଖାହାଡ଼ାମ୍‌କ ନାବୀକକେ ସିଗିଦ୍‌କେଦ୍‌କଆକ ।
“उस दिन आनंदित होकर हर्षोल्लास में उछलो-कूदो, क्योंकि स्वर्ग में तुम्हारे लिए बड़ा फल होगा. उनके पूर्वजों ने भी भविष्यद्वक्ताओं को इसी प्रकार सताया था.
24 ୨୪ “ମେନ୍‌ଦ ଆପେ କିସାଁଣ୍‌ ହଡ଼କଆଃ ହାୟ ହାୟ ଆପେ ଦୁକୁପେ ନାମେୟା, ଚିୟାଃଚି ଆପେଦ ଆପେୟାଃ ଜୀଦାନ୍‌ରେ ଜୀଉରାଡ଼େଃପେ ନାମ୍‌ଚାବାକାଦାଃ ।
“धिक्कार है तुम पर! तुम जो धनी हो, तुम अपने सारे सुख भोग चुके.
25 ୨୫ ଆପେ ନାହାଁଃ ବିୟାକାନ୍‌କଆଃ ହାୟ ହାୟ, ଆପେଦପେ ରେଙ୍ଗେଜଆଃ । ଆପେ ନାହାଁଃ ଲାନ୍ଦାତାନ୍‌କଆଃ ହାୟ ହାୟ, ଚିୟାଃଚି ଆପେଦପେ ଏୟମେଁୟା ଆଡଃପେ ରାଆଃୟା ।
धिक्कार है तुम पर! तुम जो अब तृप्‍त हो, क्योंकि तुम्हारे लिए भूखा रहना निर्धारित है. धिक्कार है तुम पर! तुम जो इस समय हंस रहे हो, क्योंकि तुम शोक तथा विलाप करोगे.
26 ୨୬ “ସବେନ୍‌ ହଡ଼କ ଆପେକେ ବୁଗିନ୍‌କ ମେତାପେରେ, ଆପେୟାଃ ହାୟ ହାୟ, ଇନ୍‌କୁଆଃ ପୁର୍‌ଖାହାଡ଼ାମ୍‌କ ହସଡ଼ ନାବୀକକେ ଏନ୍‌କାକେଦ୍‌କଆକ ।
धिक्कार है तुम पर! जब सब मनुष्य तुम्हारी प्रशंसा करते हैं क्योंकि उनके पूर्वज झूठे भविष्यद्वक्ताओं के साथ यही किया करते थे.”
27 ୨୭ “ମେନ୍‌ଦ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେ ଆୟୁମ୍‌ତାନ୍‌କକେ କାଜିୟାପେ ତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ଆପେୟାଃ ବାଇରିକକେ ଦୁଲାଡ଼୍‌କପେ, ଅକନ୍‌କ ଆପେକେ ଖିସ୍‌ସାଅପେୟାକ ଇନ୍‌କୁଆଃ ବୁଗିନ୍‌ ରିକାଏପେ ।
“किंतु तुम, जो इस समय मेरे प्रवचन सुन रहे हो, अपने शत्रुओं से प्रेम करो तथा उनके साथ भलाई, जो तुमसे घृणा करते हैं.
28 ୨୮ ଜେତାଏ ଆପେକେ ସାର୍‌ପାଅପେକ, ଆଶିଷ୍‌କପେ, ଆପେକେ ହିଲାଙ୍ଗ୍‌ପେକ, ବିନ୍ତିପେ ।
जो तुम्हें शाप देते हैं उनको आशीष दो, और जो तुम्हारे साथ दुर्व्यवहार करें उनके लिए प्रार्थना करो.
29 ୨୯ ଜେତାଏ ଆପେକେ ମିଆଁଦ୍‌ ଜଆରେ ଥାପ୍‌ଡ଼ିପେରେଦ, ଏଟାଃ ଜୱାହଗି ବିୟୁରାଇପେ । ଜେତାଏ ଆପେୟାଃ ଚାଦାର୍‌ ଲିଜାଃ ଇଦିରେଦ, ଇନିଃକେ ଆପେୟାଃ ହଡ଼୍‌ମରେ ତୁସିଙ୍ଗ୍‌ ଲିଜାଃ ହଗି ଇଦିନାଙ୍ଗ୍‌ ଆଲପେ ମାନାଇୟାଃ ।
यदि कोई तुम्हारे एक गाल पर प्रहार करे उसकी ओर दूसरा भी फेर दो. यदि कोई तुम्हारी चादर लेना चाहे तो उसे अपना कुर्ता भी देने में संकोच न करो.
30 ୩୦ ଜେତାଏ ଆପେକେ ଆସିପେରେଦ ଇନିଃକେ ଏମାଇପେ, ଆଡଃ ଆପେୟାଃ ମେନାଃତେୟାଃ ରେଃକ୍‌ଇଦିପେରେଦ, ଇନିଃକେ ଆଲପେ ଆସିରୁହାଡ଼ିୟାଃ ।
जब भी कोई तुमसे कुछ मांगे तो उसे अवश्य दो और यदि कोई तुम्हारी कोई वस्तु ले ले तो उसे वापस न मांगो
31 ୩୧ ହଡ଼କ ଆଲେନାଙ୍ଗ୍‌ ରିକାଏକାକ ମେନ୍ତେପେ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ତାନ୍‌ ଲେକା, ଆପେୟଗି ଇନ୍‌କୁ ନାଗେନ୍ତେ ଏନ୍‌ଲେକା ରିକାଏପେ ।
अन्यों के साथ तुम्हारा व्यवहार वैसा ही हो जैसे व्यवहार की आशा तुम उनसे करते हो.
32 ୩୨ “ଆପେକେ ଅକନ୍‌କ ଦୁଲାଡ଼୍‌ପେତାନାକ ଇନ୍‌କୁକେ ଏସ୍‌କାର୍‌ ଦୁଲାଡ଼୍‌ରେକରେ, ଆପେ ଚିକା ନାଙ୍ଗ୍‌ ଆଶିଷ୍‌ପେ ନାମେୟା? ପାପି ହଡ଼କହ ଆକକେ ଦୁଲାଡ଼୍‌ତାନ୍‌ ହଡ଼କକେ ଦୁଲାଡ଼୍‌କଆକ ।
“यदि तुम उन्हीं से प्रेम करते हो, जो तुमसे प्रेम करते हैं तो इसमें तुम्हारी क्या प्रशंसा? क्योंकि दुर्जन भी तो यही करते हैं.
33 ୩୩ ଆଡଃ ଅକନ୍‌କ ଆପେୟାଃ ବୁଗିନାଃ କାମିତାନାକ, ଇନ୍‌କୁଆଃ ଏସ୍‌କାର୍‌ ଆପେ ବୁଗିନ୍‌ କାମିପେ ରିକାଏ ରେଦ, ଆପେ ଚିକାନ୍‌ ଆଶିଷ୍‌ପେ ନାମେୟା? ପାପି ହଡ଼କହଗି ଏନ୍‌ଲେକା କାମିୟାଃକ ।
वैसे ही यदि तुम उन्हीं के साथ भलाई करते हो, जिन्होंने तुम्हारे साथ भलाई की है, तो इसमें तुम्हारी क्या प्रशंसा? क्योंकि दुर्जन भी तो यही करते हैं.
34 ୩୪ ଆଡଃ ଅକନ୍‌ କତାଃଏତେ ଆପେୟାଃ ନାମଃ ରୁହାଡ଼୍‌ରେୟାଃ ଆସ୍ରା ତାଇନାଃ, ଇନ୍‌କୁକେ ଏସ୍‌କାର୍‌ ରିଣୀ ଏମ୍‌ଲେକରେ ଆପେ ଚିକାନ୍‌ ଆଶିଷ୍‌ପେ ନାମେୟା? ଏମାକାଦ୍‌ତେୟାଃ ଇମିୟାଙ୍ଗ୍‌ଗିବୁ ନାମ୍‌ରୁହାଡ଼େୟାଃ ମେନ୍ତେ ପାପି ହଡ଼କହଗି ପାପିକକେ ରିଣୀକ ଏମାକଆଃ ।
और यदि तुम उन्हीं को कर्ज़ देते हो, जिनसे राशि वापस प्राप्‍त करने की आशा होती है तो तुमने कौन सा प्रशंसनीय काम कर दिखाया? ऐसा तो परमेश्वर से दूर रहनेवाले लोग भी करते हैं—इस आशा में कि उनकी सारी राशि उन्हें लौटा दी जाएगी.
35 ୩୫ ମେନ୍‌ଦ ଆପେୟାଃ ବାଇରିକକେ ଦୁଲାଡ଼୍‌କପେ, ବୁଗିନ୍‌ କାମି ରିକାଏପେ ଆଡଃ ନାମ୍‌ରୁହାଡ଼୍‌ରେୟାଃ ଆସ୍ରାବାଗିକେଦ୍‌ତେ ରିଣୀ ଏମାକପେ ଏନ୍ତେ ଆପେ ପୁରାଃ ଜ'ପେ ନାମେୟା, ଆପେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଉତାର୍‌ନିୟାଃ ହନ୍‌କପେ ବାୟୁଃଆ, ଚିୟାଃଚି ଇନିଃଦ କା ଜହାର୍‌କ ଆଡଃ ଏତ୍‌କାନ୍‌କକେ ଲିବୁଇୟାକତାନାଏ ।
सही तो यह है कि तुम अपने शत्रुओं से प्रेम करो, उनका उपकार करो और कुछ भी वापस प्राप्‍त करने की आशा किए बिना उन्हें कर्ज़ दे दो. तब तुम्हारा ईनाम असाधारण होगा और तुम परम प्रधान की संतान ठहराए जाओगे क्योंकि वह उनके प्रति भी कृपालु हैं, जो उपकार नहीं मानते और बुरे हैं.
36 ୩୬ ଆପେୟାଃ ସିର୍ମାରେନ୍‌ ଆପୁ ଲିବୁଇତାନ୍‌ ଲେକା, ଆପେୟ ଲିବୁଆକପେ ।
कृपालु बनो, ठीक वैसे ही, जैसे तुम्हारे पिता कृपालु हैं.
37 ୩୭ “ଏଟାଃକକେ ଆଲ୍‌ପେ ବିଚାର୍‌କଆ, ଏନାରେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ଆପେକେ କାଏ ବିଚାର୍‌ପେୟା, ଆଲ୍‌ପେ ଚିଟାକଆ, ଏନ୍ତେ ଆପେ କାପେ ଚିଟାଃୱା । ଛାମାକପେ, ଏନ୍ତେ ଆପେକେ ଛାମାୱାଃ ।
“किसी का न्याय मत करो तो तुम्हारा भी न्याय नहीं किया जाएगा. किसी पर दोष मत लगाओ तो तुम पर भी दोष नहीं लगाया जाएगा. क्षमा करो तो तुम्हें भी क्षमा किया जाएगा.
38 ୩୮ ଏମେପେ, ଏନ୍ତେ ଆପେକେ ଏମଃଆ, ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ଆପେକେ, ତାମ୍ବିରେ ଅତାପେରେଃକେଦ୍‌ତେ, ଆଡଃ ଉଛ୍‌ଲାଅଃଗି ପୁରାଃ ସଙ୍ଗ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆପେୟାଃ କୟଙ୍ଗ୍‌ରେକ ଦୁଲାପେୟା ଚିୟାଃଚି ଆପେ ସଙ୍ଗେ ତାମ୍ବିରେଗି ଆପେ ନାଗେନ୍ତେ ସୋଙ୍ଗଃଆ ।”
उदारतापूर्वक दो, तो तुम्हें भी दिया जाएगा—पूरा नाप दबा-दबा कर और हिला-हिला कर बाहर निकलता हुआ तुम्हारी झोली में उंडेल (यानी अत्यंत उदारतापूर्वक) देंगे. देने के तुम्हारे नाप के अनुसार ही तुम प्राप्‍त करोगे.”
39 ୩୯ ଆଡଃ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ ନେ ଜନ୍‌କା କାଜି କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଚିୟାଃ ମେଦ୍‌ କା ନେଲ୍‌ ଦାଡ଼ିନିଃ, ଆଡଃ ମିଆଁଦ୍‌ ମେଦ୍‌ କା ନେଲ୍‌ ଦାଡ଼ିନିଃକେ ହରା ଉଦୁବ୍‌ ଦାଡ଼ିୟାଃଏ? ଇନିଃ ଏନ୍‌କା ରିକାଏରେଦ, ଚିୟାଃ ବାରାନ୍‌କିନ୍‌ ଗାଡାରେକିନ୍ ଉୟୁଗଃଆ?
प्रभु येशु ने उन्हें इस दृष्टांत के द्वारा भी शिक्षा दी. “क्या कोई अंधा दूसरे अंधे का मार्गदर्शन कर सकता है? क्या वे दोनों ही गड्ढे में न गिरेंगे?
40 ୪୦ ଗୁରୁଏତେ ଚେଲା କାଏ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ଆଃ, ମେନ୍‌ଦ ଜେତାଏ ପୁରା ଇତୁକେଦ୍‌ରେ ଆୟାଃ ଗୁରୁ ଲେକାଅଆଏ ।
विद्यार्थी अपने शिक्षक से बढ़कर नहीं है परंतु हर एक, जिसने शिक्षा पूरी कर ली है, वह अपने शिक्षक के समान होगा.
41 ୪୧ “ଆମ୍‌ ଆମାଃ ମେଦ୍‌ରେଆଃ ଚୁବାଃ କା ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ ହାଗାମାଃ ମେଦ୍‌ରେଆଃ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ ଚୁବାଃ ଚିକା ନାଗେନ୍ତେମ୍‌ ନେଲେତାନା?
“तुम भला अपने भाई की आंख के कण की ओर उंगली क्यों उठाते हो जबकि तुम स्वयं अपनी आंख में पड़े लट्ठे की ओर ध्यान नहीं देते?
42 ୪୨ ଆମାଃ ମେଦ୍‍ରେ ଚୁବାଃ ତାଇନ୍‌କେଦ୍‌ତେ, ‘ହାଗାମାଃ ମେଦ୍‌ରେଆଃ ଚୁବାଃକେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ତାମାଇଙ୍ଗ୍‌’ ମେନ୍ତେ ଚିଲ୍‌କାତେ କାଜି ଦାଡ଼ିୟାମ୍‌? ଏ ବେଦାହଡ଼, ସିଦାତେ ଆମାଃ ମେଦ୍‌ରେଆଃ ଚୁବାଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟେଁମେ, ଏନ୍ତେ ହାଗାମାଃ ମେଦ୍‌ରାଃ ଚୁବାଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ବୁଗିଲେକାମ୍‌ ନେଲ୍‌ଦାଡ଼ିୟା ।
या तुम भला यह कैसे कह सकते हो ‘ज़रा ठहरो, मैं तुम्हारी आंख से वह कण निकाल देता हूं,’ जबकि तुम्हारी अपनी आंख में तो लट्ठा पड़ा हुआ देख नहीं सकते हो? अरे पाखंडी! पहले तो स्वयं अपनी आंख में से उस लट्ठे को तो निकाल! तभी तू स्पष्ट रूप से देख सकेगा और अपने भाई की आंख में से उस कण को निकाल सकेगा.”
43 ୪୩ “ବୁଗିନ୍‌ ଦାରୁରେଦ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଜ କା ଜଅଃ'ଆଃ, ଆଡଃ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଦାରୁରେଦ ବୁଗିନ୍‌ ଜ କା ଜଅଃ'ଆଃ ।
“कोई भी अच्छा पेड़ बुरा फल नहीं लाता और न बुरा पेड़ अच्छा फल.
44 ୪୪ ମିମିଆଦ୍ ଦାରୁଦ ଆୟାଃ ଜ'ତେଗି ନେଲ୍‌ଉରୁମଃଆ । ଜାନୁମ୍‌ ଦାରୁଏତେଦ ହଡ଼କ ଲଆ ଜ କାକ ଗଦେୟା ଆଡଃ ଜାନୁମ୍‌ ଚୁପାଦ୍‌ଏତେଦ ଦାଖ୍‌ ଜ କାକ ଗଦେୟା ।
हर एक पेड़ उसके अपने फलों के द्वारा पहचाना जाता है. कंटीले वृक्षों में से लोग अंजीर या कंटीली झाड़ियों में से अंगूर इकट्ठा नहीं किया करते.
45 ୪୫ ବୁଗିନ୍‌ ହଡ଼ ଆୟାଃ ମନ୍‌ସୁରୁଦ୍‌ ଲେକାନ୍‌ ବୁଗିନ୍‌ ଭାଣ୍ଡାର୍‌ଅଡ଼ାଃଏତେ ବୁଗିନାଃ ତେୟାଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟେଁଆଏ ଆଡଃ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ହଡ଼ ଆୟାଃ ଏତ୍‌କାନ୍‌ ଭାଣ୍ଡାର୍‌ଅଡ଼ାଃଏତେ ଏତ୍‌କାନ୍‌ତେୟାଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟେଁଆଏ । ଚିଆଃଚି ଆୟାଃ ମନ୍‌ସୁରୁଦ୍‌ରେ ପେରେଜାକାନ୍‌ତେୟାଃ ମଚାଏ କାଜିୟା ।
भला व्यक्ति हृदय में भरे हुए उत्तम भंडार में से उत्तम ही निकालता है तथा बुरा व्यक्ति अपने हृदय में भरे हुए बुरे भंडार में से बुरा; क्योंकि उसका मुख उसके हृदय में भरी हुई वस्तुओं में से ही निकालता है.”
46 ୪୬ “ଆପେ ଚିନାଃମେନ୍ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ, ‘ହେ ପ୍ରାଭୁ, ହେ ପ୍ରାଭୁପେ,’ ମେତାଇଙ୍ଗ୍‌ତାନା ଆଡଃ ଆଇଁୟାଃ କାଜି ଆପେ କାପେ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ତାନା?
“तुम लोग मुझे, प्रभु, प्रभु कहकर क्यों पुकारते हो जबकि मेरी आज्ञाओं का पालन ही नहीं करते?
47 ୪୭ ଜେତାଏ ଆଇଁୟାଃତାଃ ହିଜୁଃନିଃ ଆଡଃ ଆଇଁୟାଃ କାଜି ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ନିଃ, ଇନିଃ ଅକଏ ଲେକାଃଏ ଏନା ଆପେକେଇଙ୍ଗ୍‌ ଉଦୁବାପେୟା ।
मैं तुम्हें बताऊंगा कि वह व्यक्ति किस प्रकार का है, जो मेरे पास आता है, मेरे संदेश को सुनता तथा उसका पालन करता है:
48 ୪୮ ଇନିଃ ନେ'ଲେକାନ୍‌ ଅଡ଼ାଃ ବାଇତାନ୍ ହଡ଼ ଲେକାଃଏ, ଇନିଃ ଉର୍‌କେଦ୍‌ତେ ନିହିଁଗାଡ଼ା କେଦାଏ ଆଡଃ ଦିରି ଚେତାନ୍‌ରେ ବାଇକେଦାଏ, ଆଡଃ ଟୁଡା ହିଜୁଃଲେନ୍‌ରେ ଏନ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ ଦାଆଃ ଟଗଃତାନ୍ ତାଇକେନା ମେନ୍‌ଦ ଏନାକେ କାଏ ହାଦୁଡ଼୍‌ ଦାଡ଼ିକେଦା, ଚିୟାଃଚି ଏନାଦ ଚାଟେନ୍‌ ଦିରି ଚେତାନ୍‌ରେ ବାଇୟାକାନ୍‌ ତାଇକେନା ।
वह उस घर बनानेवाले के जैसा है, जिसने गहरी खुदाई करके चट्टान पर नींव डाली. मूसलाधार बारिश के तेज बहाव ने उस घर पर ठोकरें मारी किंतु उसे हिला न पाया क्योंकि वह घर मजबूत था.
49 ୪୯ ମେନ୍‌ଦ ଆଇଁୟାଃ କାଜି ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ କା ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ନିଃ ଅତେରେ ବେଗାର୍‌ ନିହିଁଗାଡ଼ାତେ ବାଇୟାକାନ୍ ଅଡ଼ାଃ ଲେକାନ୍‌ନିଃ ତାନିଃ, ଏନ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ ଟୁଡା ଦାଆଃ ପୁରାଃଗି ଧାକ୍‌କାକେଦ୍‌ ଇମ୍‌ତା ଏନା ହାଦୁଡ଼୍‌ୟାନା ଆଡଃ ଏନାରାଃ ଜିୟନଃ ପୁରାଃ ବରୱାନ୍‌ଗି ହବାୟାନା ।”
वह व्यक्ति, जो मेरे संदेश को सुनता है किंतु उसका पालन नहीं करता, उस व्यक्ति के समान है, जिसने भूमि पर बिना नींव के घर बनाया और जिस क्षण उस पर तेज बहाव ने ठोकरें मारी, वह ढह गया और उसका सर्वनाश हो गया.”

< ଲୁକ 6 >