< ଲୁକ 4 >

1 ୟୀଶୁ ପାବିତାର୍‌ ଆତ୍ମାତେ ପେରେଃୟାନ୍‌ଲଃ ଯାର୍ଦାନ୍‌ ଗାଡ଼ାଏତେ ରୁହାଡ଼୍‌ୟାନାଏ ଆଡଃ ଆତ୍ମା ଇନିଃକେ ବିର୍‌ତେ ଇଦିକିୟା ।
पवित्र आत्मा से भरकर प्रभु येशु यरदन नदी से लौटे और आत्मा उन्हें बंजर भूमि में ले गया,
2 ଏନ୍ତାଃରେ ବାର୍‌ହିସି ନିଦାସିଙ୍ଗି ଜାକେଦ୍‌ ସାଏତାନ୍‌ ଇନିଃକେ ବିଡ଼ାଅକିୟା । ଏନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌କରେ ଇନିଃ ଜେତ୍‌ନାଃ କାଏ ଜମ୍‌କେନା, ଆଡଃ ଏନ୍‌ ନେଡା ଟୁଣ୍ଡୁୟାନ୍‌ରେ ରେଙ୍ଗେଜ୍‌କିୟାଃ ।
जहां चालीस दिन तक शैतान उन्हें परीक्षा में डालने का प्रयास करता रहा. इस अवधि में वह पूरी तरह बिना भोजन के रहे, इसके बाद उन्हें भूख लगी.
3 ସାଏତାନ୍‌ ୟୀଶୁକେ କାଜିକିୟାଏ, “ଆମ୍‌ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ହନ୍‌ ତାନ୍‌ମେରେଦ ନେ ଦିରିକକେ ହଲଙ୍ଗ୍‌ ବାଇୟଃକା ମେନ୍ତେ ଆଚୁତାମ୍‌ ।”
शैतान ने उनसे कहा, “यदि तुम परमेश्वर के पुत्र हो तो इस पत्थर को आज्ञा दो कि यह रोटी बन जाए.”
4 ୟୀଶୁ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟାଏ, “ନେଆଁଁ ଧାରାମ୍‌ପୁଥିରେ ଅଲାକାନା, ‘ହଡ଼ ହଲଙ୍ଗ୍‌ତେ ଏସ୍‌କାର୍‌ କାଏ ଜୀହିଦଃଆ ।’”
प्रभु येशु ने उसे उत्तर दिया, “लिखा है: ‘मनुष्य का जीवन सिर्फ भोजन पर ही निर्भर नहीं रहता है.’”
5 ସାଏତାନ୍‌ ଇନିଃକେ ମିଆଁଦ୍‌ ସାଲାଙ୍ଗି ଠାୟାଦ୍‌ତେ ଇଦିକିୟାଏ ଆଡଃ ଘାଡ଼ିକାଦ୍‌ରେଗି ଅତେଦିଶୁମ୍‌ରେୟାଃ ସବେନ୍‌ ରାଇଜ୍‌ ଉଦୁବ୍‌କିୟାଏ ।
इसके बाद शैतान ने उन्हें ऊंचे पहाड़ पर ले जाकर क्षण मात्र में सारे विश्व के सभी राज्यों की झलक दिखाई
6 ଆଡଃ ସାଏତାନ୍‌ ୟୀଶୁକେ କାଜିକିୟାଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ନେ ସବେନାଃରେୟାଃ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ ଆଡଃ ସୁଗାଡ଼ାନ୍‌ତେୟାଃ ଆମ୍‌କେ ଏମାମେୟାଁଇଙ୍ଗ୍‌ ଚିୟାଃଚି ନେୟାଁ ସବେନ୍‌ ଆଇଁୟାଃ ତିଃଇରେ ଏମାକାନା, ଆଡଃ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆଇଁୟାଃ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ ଲେକା ନେ ସବେନାଃଇଙ୍ଗ୍‌ ଏମ୍ ଦାଡ଼ିୟାଃ ।
और उनसे कहा, “इन सबका सारा अधिकार और वैभव मैं तुम्हें दूंगा क्योंकि ये सब मुझे सौंपे गए हैं इसलिये ये सब मैं अपनी इच्छा से किसी को भी दे सकता हूं.
7 ଏନାମେନ୍ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ଇକ୍‌ଡ଼ୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଜହାରିଙ୍ଗ୍‌ରେଦମ୍ ନେୟାଁ ସବେନ୍‌ ଆମାଃଗି ହବାଅଆଃ ।”
यदि तुम मात्र मेरी आराधना करो तो ये सब तुम्हारा हो जाएगा.”
8 ୟୀଶୁ ଇନିଃକେ କାଜିକିୟାଏ, “ଆତମେନ୍‌ମେ ସାଏତାନ୍‌, ଚିୟାଃଚି ନେଆଁଁ ଧାରାମ୍‌ପୁଥିରେ ଅଲାକାନା, ‘ପ୍ରାଭୁ ଆମାଃ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌କେ ଜହାରିମେ ଆଡଃ ଇନିଃକେ ଏସ୍‌କାର୍‌ ସୁସାରିମେ ।’”
प्रभु येशु ने इसके उत्तर में कहा, “लिखा है: तुम सिर्फ प्रभु अपने परमेश्वर की ही आराधना और सेवा किया करो.”
9 ଏନ୍ତେ ସାଏତାନ୍ ଯୀରୁଶାଲେମ୍‌ତେ ଇଦିକିଃତେ ମାନ୍ଦିର୍‌ ଅଡ଼ାଃରେୟାଃ ଚୁଟିରେ ତିଙ୍ଗୁକିୟା, ଆଡଃ କାଜିକିୟାଏ, “ଆମ୍‌ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ହନ୍‌ ତାନ୍‌ମେରେଦ ନେତାଃଏତେ ଲାତାର୍‌ତେ ଡେଗାଅତାମେ ।
इसके बाद शैतान ने उन्हें येरूशलेम ले जाकर मंदिर की चोटी पर खड़ा कर दिया और उनसे कहा, “यदि तुम परमेश्वर के पुत्र हो तो यहां से कूद जाओ,
10 ୧୦ ଚିୟାଃଚି ଧାରାମ୍‌ପୁଥିରେ ନେୟାଁ ଅଲାକାନା, ‘ଆମ୍‌କେ ତେଲାମେ ନାଗେନ୍ତେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ଆୟାଃ ଦୁଁତ୍‌କକେ ଆଚୁକଆ ।’
क्योंकि लिखा है: “‘वह अपने स्वर्गदूतों को तुम्हारी सुरक्षा के संबंध में आज्ञा देंगे तथा;
11 ୧୧ ଆଡଃଗି ଧାରାମ୍‌ପୁଥିରେ ଅଲାକାନା, ‘ଆମାଃ କାଟା ଦିରିରେ ଆଲକା ଠଗଃକା ମେନ୍ତେ ଇନ୍‌କୁ ଆକଆଃ ତିଃଇତେକ ତେଲାମେୟାଁ ।’”
वे तुम्हें हाथों-हाथ उठा लेंगे; कि तुम्हारे पांव को पत्थर से चोट न लगे.’”
12 ୧୨ ମେନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌କିୟାଏ, “ଧାରାମ୍‌ପୁଥିରେ ନେଆଁଁହଗି ଅଲାକାନା, ‘ପ୍ରାଭୁ ଆମାଃ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌କେ ଆଲମ୍‌ ବିଡ଼ାଅଇୟା ।’”
इसके उत्तर में प्रभु येशु ने उससे कहा, “यह भी तो लिखा है: तुम प्रभु अपने परमेश्वर को न परखना.”
13 ୧୩ ସାଏତାନ୍‌ ସବେନ୍‌ ବିନିଡ଼ାଅ ଚାବାକେଦାଏ ଆଡଃ ଘାତାଅ କା ନାମ୍‌ ଜାକେଦ୍‌ ୟୀଶୁକେ ବାଗିକେଦ୍‌ତେ ନିର୍‌ୟାନା ।
जब शैतान प्रभु येशु को परीक्षा में डालने के सभी प्रयास कर चुका, वह उन्हें किसी सटीक अवसर तक के लिए छोड़कर चला गया.
14 ୧୪ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ପାବିତାର୍‌ ଆତ୍ମାତେ ପେଡ଼େଃ ନାମ୍‌ତାନ୍‌ଲଃ ଗାଲିଲ୍‌ ସାହାର୍‌ତେ ରୁହାଡ଼୍‌ୟାନାଏ, ଆଡଃ ଇନିୟାଃ ନୁତୁମ୍‌ ଗାଲିଲ୍‌ରେୟାଃ ହପର୍‌ଜାପାଃ ସବେନ୍‌ସାଃ ନିତିର୍‌ୟାନା ।
प्रभु येशु आत्मा के सामर्थ्य में गलील प्रदेश लौट गए. नज़दीकी सभी नगरों में उनके विषय में समाचार फैल गया.
15 ୧୫ ଇନିଃ ଇନ୍‌କୁଆଃ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃକରେ ଇତୁକେଦ୍‌କଆଏ ଆଡଃ ସବେନ୍‌କ ଇନିଃକେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌କିୟାଃକ ।
प्रभु येशु यहूदी सभागृहों में शिक्षा देते थे तथा सभी उनकी सराहना करते थे.
16 ୧୬ ଏନ୍‌ ତାୟମ୍‌ତେ ଇନିଃ ନାଜ୍‌ରେତ୍‌ତେୟାଏ ହିଜୁଃୟାନା, ଏନ୍ତାଃରେ ଇନିଃ ଆସୁଲ୍ ହାରାକାନ୍‌ ତାଇନାଏ, ଆଡଃ ଆୟାଃ ରିତି ଲେକାତେ ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ ବଲୟାନ୍ତେ, ଧାରାମ୍‌ପୁଥି ପାଢ଼ାଅ ନାଗେନ୍ତେ ବିରିଦ୍‌ୟାନାଏ ।
प्रभु येशु नाज़रेथ नगर आए, जहां उनका पालन पोषण हुआ था. शब्बाथ पर अपनी रीति के अनुसार वह यहूदी सभागृह में जाकर पवित्र शास्त्र पढ़ने के लिए खड़े हो गए.
17 ୧୭ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ଯିଶାୟ ନାବୀୟାଃ ପୁଥି ଇନିଃକେକ ଏମ୍‌କିୟାଃ, ଇନିଃ ଏନା ରାଡ଼ାକେଦ୍‌ତେ ନେଆଁଁ ଅଲାକାନ୍‌ତେୟାଃ ନାମ୍‌କେଦାଏ:
उन्हें भविष्यवक्ता यशायाह का अभिलेख दिया गया. उन्होंने उसमें वह जगह निकाली, जहां लिखा है:
18 ୧୮ “ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ଆତ୍ମା ଆଇଙ୍ଗ୍‌ରେ ମେନାଇୟାଃ, ଚିୟାଃଚି ନାରାଦୁରା ହଡ଼କତାଃରେ ସୁକୁକାଜି ଉଦୁବ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଇନିଃ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ଆଭିଷେକ୍‌କାଦିୟାଁ । ତଲାକାନ୍‌କ ରାଡ଼ାଅଃରେୟାଃ କାଜି ଉଦୁବ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ, କାଣାଁକାନ୍‌କ ନେନେଲ୍‌ ଦାଡ଼ିରେୟାଃ କାଜି ଉଦୁବ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ, ଦୁକୁତେ ତେନାକାନ୍‌କଆଃ ଦୁକୁ ସାଙ୍ଗିନେ ନାଗେନ୍ତେ,
“प्रभु का आत्मा मुझ पर है, क्योंकि उन्होंने मेरा अभिषेक किया है, कंगालों को सुसमाचार देने के लिए, और बंदियों के लिए मुक्ति का प्रचार करने के लिए और अंधों को रोशनी, कुचले हुओं को कष्ट से छुड़ाने
19 ୧୯ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ଲିବୁୟାନ୍ ବାରାଷ୍‌ରେୟାଃ କାଜି ଉଦୁବ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ କୁଲାକାଦିୟାଁଃଏ ।”
तथा प्रभु की कृपादृष्टि का वर्ष के प्रचार के लिए भेजा है.”
20 ୨୦ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ପୁଥିକୁଡ଼ାକେଦ୍‌ତେ ଦାସ୍‌କେ ଏମ୍‌ରୁହାଡ଼୍‌କିୟାଏ ଆଡଃ ଦୁବ୍‌ୟାନାଏ । ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେନ୍‌ ସବେନ୍‌କ ଇନିଃକେ ଆରିଦାକାଇକ ତାଇକେନା ।
तब उन्होंने पुस्तक बंद करके सेवक के हाथों में दे दी और स्वयं बैठ गए. सभागृह में हर एक व्यक्ति उन्हें एकटक देख रहा था.
21 ୨୧ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ପାଢ଼ାଅକେଦ୍ ଧାରାମ୍‌ପୁଥିରେୟାଃ ନେ କାଜି ତିସିଙ୍ଗ୍‌ ଆପେୟାଃ ସାମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ରେ ପୁରାୟାନା ।”
प्रभु येशु ने आगे कहा, “आज आपके सुनते-सुनते यह लेख पूरा हुआ.”
22 ୨୨ ଆଡଃ ସବେନ୍‌କ ୟୀଶୁଆଃ ବିଷାଏରେ ଗାୱା ଏମ୍‌ ଏଟେଦ୍‌କେଦାକ, ଆଡଃ ଇନିୟାଃ ମଚାଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃତାନ୍‌ ସାୟାଦ୍‌ରାଃ କାଜିତେକ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅୟାନା । ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ କାଜିକେଦାଃକ, “ଚିୟାଃ ନିଃ ଯୋଷେଫ୍‌ଆଃ ହନ୍‌ ନାହାଁଲିଃ?”
सभी प्रभु येशु की सराहना कर रहे थे तथा उनके मुख से निकलने वाले सुंदर विचारों ने सबको चकित कर रखा था. वे आपस में पूछ रहे थे, “यह योसेफ़ का ही पुत्र है न?”
23 ୨୩ ଇନିଃ ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିକେଦ୍‌କଆଏ, “ଆପେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ସାର୍‌ତିଗି ଏନ୍‌ ମାରି ଜନ୍‌କାପେ କାଜିୟାଇଙ୍ଗ୍‌ୟାଁ, ‘ଏ ବାଇଦ୍ ଆମ୍‌ ଆମ୍‌ଗି ବୁଗିନଃମେଁ’ ଆଡଃଗିପେ କାଜିୟା, ‘ଆମ୍‌ କପର୍‌ନାହୁମ୍‌ ସାହାର୍‌ରେମ୍‌ କାମିକେଦ୍‌ ସବେନାଃଲେ ଆୟୁମାକାଦାଃ, ଏନା ନେ ଆମାଃ ଦିଶୁମ୍‌ରେୟ କାମିମେଁ ।’”
प्रभु येशु ने उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “मैं जानता हूं कि आप मुझसे यह कहना चाहेंगे, ‘अरे चिकित्सक! पहले स्वयं को तो स्वस्थ कर! अपने गृहनगर में भी वह सब कर दिखा, जो हमने तुझे कफ़रनहूम में करते सुना है.’”
24 ୨୪ ଆଡଃ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ ମେତାଦ୍‌କଆ, “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ ସାର୍‌ତିଗିଙ୍ଗ୍‌ କାଜିୟାପେତାନା, ‘ଜେତାଏ ନାବୀ ଆୟାଃ ନାଗାର୍‌ରେ କାଏ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ଅଃଆ ।’
प्रभु येशु ने आगे कहा, “वास्तव में कोई भी भविष्यवक्ता अपने गृहनगर में सम्मान नहीं पाता.
25 ୨୫ “ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆପେକେ ସାର୍‌ତି କାଜିୟାପେ ତାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ନାବୀ ଏଲିୟଆଃ ଦିପିଲିରେ ଆପି ବାରାଷ୍ ତୁରିୟା ମାହିଁନା ଜାକେଦ୍‌ ସିର୍ମାଏତେ ଦାଆଃ କାଏ ଗାମାକେଦାଃ, ଏନାତେ ଗଟା ଦିଶୁମ୍‌ରେ ରିଙ୍ଗାକାନ୍ ତାଇକେନ୍‌ରେ ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ ଦିଶୁମ୍‌ରେ ପୁରାଃଗି ରାଣ୍ଡିକୁଡ଼ିକ ତାଇକେନା ।
सच तो यह है कि एलियाह के समय में जब साढ़े तीन साल आसमान बंद होकर वर्षा न हुई, इस्राएल राष्ट्र में अनेक विधवाएं थी, तथा सभी राष्ट्र में भयंकर अकाल पड़ा;
26 ୨୬ ମେନ୍‌ଦ ସିଦୋନ୍‌ ଦିଶୁମ୍‌ରେୟାଃ ସାରିଫାତ୍‌ ହାତୁରେନ୍‌ ମିଆଁଦ୍‌ ରାଣ୍ଡିକୁଡ଼ିତାଃ ଏଲିୟ କୁଲ୍‌ୟାନାଏ ।
एलियाह को उनमें से किसी के पास नहीं भेजा गया, अतिरिक्त उसके, जो सीदोन प्रदेश के ज़रफता नगर में थी.
27 ୨୭ ଆଡଃଗି ଏଲିଶାୟ ନାବୀୟାଃ ଦିପିଲିରେ ଇସ୍ରାଏଲ୍‌ରେ ପୁରାଃ ନାଗେଘାଅୱାକାନ୍‌କ ତାଇକେନା ମେନ୍‌ଦ ଇନ୍‌କୁଏତେ ସୁରିୟା ଦିଶୁମ୍‌ରେନ୍‌ ନାମାନ୍ ଏସ୍‌କାର୍‌ ଫାର୍‌ଚିୟାନାଏ ।”
वैसे ही भविष्यवक्ता एलीशा के समय में इस्राएल राष्ट्र में अनेक कोढ़ रोगी थे किंतु सीरियावासी नामान के अतिरिक्त कोई भी शुद्ध नहीं किया गया.”
28 ୨୮ ନେ କାଜି ଆୟୁମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେନ୍‌ ସବେନ୍‌କ ଖିସ୍‌ତେକ ପେରେଃୟାନା ।
यह सुनते ही यहूदी सभागृह में इकट्ठा सभी व्यक्ति अत्यंत क्रोधित हो गए.
29 ୨୯ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ବିରିଦ୍‌ୟାନ୍ତେ ଇନିଃକେ ସାହାର୍‌ଏତେକ ଅଡଙ୍ଗ୍‌କିୟା ଆକଆଃ ସାହାର୍‌ ବୁରୁ ଚେତାନ୍‌ରେ ତାଇକେନା । ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ଇନିଃକେ ଇଲିଙ୍ଗ୍‌ ଉୟୁଗି ନାଗେନ୍ତେ ବୁରୁ ଚେତାନ୍‌ରେୟାଃ ଖାଇଣ୍‌ତେକ ଇଦିକିୟା ।
उन्होंने प्रभु येशु को धक्‍के मारते हुए नगर के बाहर निकाल दिया और उन्हें खींचते हुए उस पर्वत शिखर पर ले गए, जिस पर वह नगर बसा हुआ था कि उन्हें चट्टान पर से नीचे धकेल दें
30 ୩୦ ମେନ୍‌ଦ ଇନିଃ ଇନ୍‌କୁଆଃ ଥାଲା ଥାଲାଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ଲଃ ସେନଃୟାନାଏ ।
किंतु प्रभु येशु बचते हुए भीड़ के बीच से निकल गए.
31 ୩୧ ୟୀଶୁ ଗାଲିଲ୍‌ରେୟାଃ କପର୍‌ନାହୁମ୍‌ ସାହାର୍‌ତେ ହିଜୁଃକେଦ୍‌ତେ ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେ ଇନିଃ ହଡ଼କକେ ଇତୁ ଏଟେଦ୍‌କେଦ୍‌ଆଏ ।
वहां से वह गलील प्रदेश के कफ़रनहूम नामक नगर में आए और शब्बाथ पर लोगों को शिक्षा देने लगे.
32 ୩୨ ଇନିୟାଃ ଇନିତୁରେ ହଡ଼କ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅୟାନାକ, ଚିୟାଃଚି ଇନିଃ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ ନାମାକାଦ୍‌ନିଃଲେକା ଇତୁକତାନାଏ ତାଇକେନା ।
प्रभु येशु की शिक्षा उनके लिए आश्चर्य का विषय थी क्योंकि उनका संदेश अधिकारपूर्ण होता था.
33 ୩୩ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃରେ ମିଆଁଦ୍‌ ସତ୍‌ରା ଆତ୍ମାତେ ଏସେରାକାନ୍ ହଡ଼ ତାଇକେନାଏ । ଇନିଃ ପୁରାଃ କାଉରିତାନ୍‌ଲଃ କାଜିକେଦାଏ,
सभागृह में एक दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्ति था. वह ऊंचे शब्द में बोल उठा,
34 ୩୪ “ହାଏରେ, ହେ ନାଜ୍‌ରେତ୍‌ରେନ୍‌ ୟୀଶୁ ଆଲେଲଃ ଆମାଃ ଚିକାନ୍‌ କାମି? ଆମ୍‌ ଚିନାଃ ଆଲେକେ ଜିୟନ୍‌ ନାଗେନ୍ତେମ୍ ହିଜୁଆକାନା? ଆମ୍‌ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ପାବିତାର୍‌ନିଃ ତାନ୍‌ମେ, ଏନା ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ସାରିତାନାଇଙ୍ଗ୍‌ ।”
“नाज़रेथवासी येशु! क्या चाहते हैं आप? क्या आप हमें नाश करने आए हैं? मैं जानता हूं कि आप कौन हैं; परमेश्वर के पवित्र जन!”
35 ୩୫ ୟୀଶୁ ଇନିଃକେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ମଚାକେଦ୍‌ତେ କାଜିକିୟାଏ, “ହାପାଅଃମେଁ, ଆଡଃ ଇନିଃତାଃଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃମେ ।” ଏନ୍ତେ ଏନ୍‌ ସତ୍‌ରା ଆତ୍ମା ଇନିଃକେ ସବେନ୍‌କଆଃ ଥାଲାରେ ଥାୱାକିଦ୍‌ଚି ଇନିୟାଃ ନକ୍‌ସାନ୍‌ କା ରିକାତାନ୍‌ଲଃ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା ।
“चुप!” प्रभु येशु ने कड़े शब्द में कहा, “उसमें से बाहर निकल आ!” दुष्टात्मा ने उस व्यक्ति को उन सबके सामने भूमि पर पटक दिया और उस व्यक्ति की हानि किए बिना उसमें से निकल गया.
36 ୩୬ ହଡ଼କ ଆକ୍‌ଦାନ୍ଦାଅୟାନ୍‌ଲଃକ କୁପୁଲିୟାନା, “ନେଆଁଁ ଚିଲ୍‌କାନ୍ ଇନିତୁ? ଇନିଃଦ ଆକ୍‌ତେୟାର୍‌ତେ ଆଡଃ ପେଡ଼େଃଲଃ ସତ୍‌ରା ଆତ୍ମାକକେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଆଚୁକତାନାଏ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ଇନିୟାଃ କାଜିକ ମାନାତିଙ୍ଗ୍‌ତାନା ।”
यह देख वे सभी चकित रह गए और आपस में कहने लगे, “क्या है यह शब्द! यह बड़े अधिकार तथा सामर्थ्य के साथ दुष्टात्माओं को आज्ञा देता है और वे मनुष्यों में से बाहर आ जाते हैं!”
37 ୩୭ ଏନ୍ତେଦ ୟୀଶୁଆଃ କାଜି କଚାକୁନି ସବେନ୍‌ସାଃରେ ନିତିର୍‌ୟାନା ।
उनके विषय में यह वर्णन आस-पास के सभी क्षेत्रों में फैल गया.
38 ୩୮ ୟୀଶୁ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃଏତେ ଶିମୋନ୍‌ଆଃ ଅଡ଼ାଃତେ ସେନଃୟାନାଏ । ପାତ୍‌ରାସ୍‌ଆଃ ହାନାର୍‌ତେ ବରୱାନ୍‌ଗି ଉରିୟୁ ତାଇକେନା, ଆଡଃ ଇନିୟାଃ ବୁଗିୟଃ ନାଗେନ୍ତେ ୟୀଶୁକେ ବିନ୍ତିକିୟାଃକ ।
यहूदी सभागृह से निकलकर प्रभु येशु शिमओन के निवास पर गए. वहां शिमओन की सास ज्वर-पीड़ित थी. शिष्यों ने प्रभु येशु से उन्हें स्वस्थ करने की विनती की
39 ୩୯ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଇନିୟାଃ ହେପାଦ୍‌ରେ ତିଙ୍ଗୁୟାନ୍‌ଲଃ ଉରିୟୁକେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ମଚାକେଦାଏ ଆଡଃ ଇନିଃ ଉରିୟୁଏତେ ବୁଗିୟାନା । ଆଡଃ ଇମ୍‌ତାଙ୍ଗ୍‌ଗି ଇନିଃ ବିରିଦ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଇନ୍‌କୁକେ ସୁସାର୍‌ ଏଟେଦ୍‌କେଦ୍‌କଆ ।
प्रभु येशु ने उनके पास जाकर ज्वर को फटकारा और ज्वर उन्हें छोड़ चला गया. वह तुरंत बिछौने से उठकर उनकी सेवा टहल में जुट गईं.
40 ୪୦ ସିଙ୍ଗିହାସୁରଃ ତାନ୍‌ରେ ହଡ଼କତାଃରେ ତାଇକେନ୍‌ ଦୁକୁହାସୁତାନ୍‌ ସବେନ୍‌ ହଡ଼କକେ ୟୀଶୁତାଃତେକ ଆଉକେଦ୍‌କଆ, ଇନିଃ ମିପିଆଦ୍‌ ହଡ଼କଆଃରେ ତିଃଇ ଦହକେଦ୍‌ତେ ବୁଗିକେଦ୍‌କଆଏ ।
सूर्यास्त के समय लोग विभिन्‍न रोगों से पीड़ितों को उनके पास ले आए. प्रभु येशु ने हर एक पर हाथ रख उन्हें रोग से मुक्ति प्रदान की.
41 ୪୧ ଆଡଃଗି, ପୁରାଃ ହଡ଼କତାଃଏତେ ବଙ୍ଗାକ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ଲଃକ କାଉରିକେଦାଃ, “ଆମ୍‌ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ହନ୍‌ ତାନ୍‌ମେ ।” ମେନ୍‌ଦ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ ହାପାଅଃ ନାଗେନ୍ତେ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ମଚା କେଦ୍‌କଆ, ଆଡଃ ଇନିଃ ବଙ୍ଗାକକେ କାଏ କାଜି ଇଚିକେଦ୍‌କଆ, ଚିୟାଃଚି ଏନ୍‌ ବଙ୍ଗାକ ଇନିଃ ଖ୍ରୀଷ୍ଟ୍‌ ତାନିଃ ମେନ୍ତେକ ସାରିତାଇକେନା ।
इसके अतिरिक्त अनेकों में से दुष्टात्मा यह चिल्लाते हुए बाहर निकल गए, “आप तो परमेश्वर के पुत्र हैं!” किंतु प्रभु येशु उन्हें डांट कर बोलने से रोक देते थे क्योंकि दुष्टात्मा उनके मसीह होने के सत्य से परिचित थे.
42 ୪୨ ଆଙ୍ଗ୍‌ୟାନ୍‌ଚି, ୟୀଶୁ ସାହାର୍‌ଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ୟାନା ଆଡଃ ମିଆଁଦ୍‌ ସିଃସଏଃ ଠାୟାଦ୍‌ତେ ସେନଃୟାନାଏ । ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ଇନିଃକେ ଦାଣାଁଁ ନାମ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଆୟାଃତାଃକ ହିଜୁଃୟାନା, ଆଡଃ ଇନିଃ ଆକତାଃଏତେ ଆଲକାଏ ସେନଃକା ମେନ୍ତେ କେସେଦିତାନ୍‌କ ତାଇକେନା ।
पौ फटते ही प्रभु येशु एक सुनसान स्थल पर चले गए. लोग उन्हें खोजते हुए वहां पहुंच गए. वे प्रयास कर रहे थे कि प्रभु येशु उन्हें छोड़कर न जाएं.
43 ୪୩ ମେନ୍‌ଦ ଇନିଃ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ, “ଏଟାଃ ନାଗାର୍‌ରେୟ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ରେୟାଃ ସୁକୁକାଜି ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ ଉଦୁବ୍‌ ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ୟାଁଃ, ଚିୟାଃଚି ଏନା ନାଗେନ୍ତେ ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ କୁଲାକାଇଙ୍ଗ୍‌ୟାଁ ।”
प्रभु येशु ने स्पष्ट किया, “यह ज़रूरी है कि मैं अन्य नगरों में भी जाकर परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार दूं क्योंकि मुझे इसी उद्देश्य से भेजा गया है.”
44 ୪୪ ଆଡଃ ଇନିଃ ଯିହୁଦା ଦିଶୁମ୍‌ରେୟାଃ ସାମାଜ୍‌ ଅଡ଼ାଃକରେ ଇତୁକତାନାଏ ତାଇକେନା ।
इसलिये वह यहूदिया प्रदेश के यहूदी सभागृहों में सुसमाचार का प्रचार करते रहे.

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