< ଲୁକ 14 >

1 ମୁସିଙ୍ଗ୍‌ ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେ ୟୀଶୁ ଫାରୁଶୀକଆଃ ମିଆଁଦ୍‌ ଆଗୁଆଇରାଃ ଅଡ଼ାଃରେ ହଲଙ୍ଗ୍‌ ଜଜମ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ ସେନଃୟାନାଏ ଆଡଃ ଇନିଃକେ ଲଡଇତାନ୍‌କ ତାଇକେନା ।
एक अवसर पर जब प्रभु येशु शब्बाथ पर फ़रीसियों के नायकों में से एक के घर भोजन करने गए, वे सभी उन्हें उत्सुकतापूर्वक देख रहे थे.
2 ନେଲେପେ, ମିଆଁଦ୍‌ କାଟା ତିଃଇ ମଁଃ'ତାନ୍‌ ହଡ଼ ଇନିୟାଃ ଆୟାର୍‌ତେ ହିଜୁଃୟାନାଏ ।
वहां जलोदर रोग से पीड़ित एक व्यक्ति था.
3 ୟୀଶୁ “ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେ ବୁଗି ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ୟାଁଃ ଚି କା” ମେନ୍ତେ ଆଇନ୍‌ ଇତୁକ ଆଡଃ ଫାରୁଶୀକକେ କୁଲିକେଦ୍‌କଆଏ । ମେନ୍‌ଦ ଇନ୍‌କୁ ହାପାୟାନାକ ।
प्रभु येशु ने फ़रीसियों और वकीलों से प्रश्न किया, “शब्बाथ पर किसी को स्वस्थ करना व्यवस्था के अनुसार है या नहीं?”
4 ଆଡଃ ୟୀଶୁ ଏନ୍‌ ହଡ଼କେ ସାବ୍‌ତାନ୍‌ଲଃ ବୁଗିକିୟାଏ ଆଡଃ କୁଲ୍‌କିୟାଏ ।
किंतु वे मौन रहे. इसलिये प्रभु येशु ने उस रोगी पर हाथ रख उसे स्वस्थ कर दिया तथा उसे विदा किया.
5 ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିରୁହାଡ଼ାଦ୍‌କଆ, “ଆପେକଏତେ ଜେତାଏରାଃ ହନ୍‌କଡ଼ା ଚାଏ ଉରିଃକ୍‌ କୁଆଁରେ ଉୟୁଃକରେ ଚିୟାଃ ଇନିଃ ଇମ୍‌ତାଙ୍ଗ୍‌ଗି ରୁଡ଼ୁନ୍‌ ହୁଲାଙ୍ଗ୍‌ରେ କାଏ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଇଁୟା?”
तब प्रभु येशु ने उनसे प्रश्न किया, “यह बताओ, यदि तुममें से किसी का पुत्र या बैल शब्बाथ पर कुएं में गिर जाए तो क्या तुम उसे तुरंत ही बाहर न निकालोगे?”
6 ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁ ନେ ସବେନ୍‌ କାଜିନାଙ୍ଗ୍‌ ଇନିଃକେ କାକ କାଜିରୁହାଡ଼୍‌ ଦାଡ଼ିୟାନା ।
उनके पास इस प्रश्न का कोई उत्तर न था.
7 ୟୀଶୁ କେଡ଼ାକାନ୍‌ ହଡ଼କକେ ଚେତାନ୍‌ଠାୟାଦ୍‌ ସାଲାତାନ୍‌ ନେଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ, ନେ ଜନ୍‌କା କାଜି ଇନ୍‌କୁକେ କାଜିକେଦ୍‌କଆ,
जब प्रभु येशु ने यह देखा कि आमंत्रित व्यक्ति अपने लिए किस प्रकार प्रधान आसन चुन लेते हैं, प्रभु येशु ने उन्हें यह विचार दिया:
8 “ଜେତାଏ ହଡ଼ ଆଣ୍‌ଦି ଜମେୟାଁଃରେ କେଡ଼ାମେରେଦ ଚେତାନ୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ରେ ଆଲ୍‌ମେ ଦୁବାଃ, ଇଦୁ ଇନିଃ ଆମାଃଏତେ ଆଦ୍‌କା ମାଇନାନ୍‌ ହଡ଼କେ କେଡ଼ାକାଇୟାଏ ।
“जब भी कोई तुम्हें विवाह के उत्सव में आमंत्रित करे, तुम अपने लिए आदरयोग्य आसन न चुनना. यह संभव है कि उसने तुमसे अधिक किसी आदरयोग्य व्यक्ति को भी आमंत्रित किया हो.
9 ଆମ୍‌ ଆଡଃ ଇନିଃକେ କେଡ଼ାକେଦ୍‌ମେନିଃ ହିଜୁଃଲେନ୍‌ତେ, ‘ମାର୍‌ ନେ ଠାୟାଦ୍‌ରେ ନେ ହଡ଼କେ ଦୁବ୍‌ଇଚିମେଁ’ ମେତାମେଁୟାଏ, ଏନ୍ତେ ଆମ୍‌ ଗିହୁଃୟାନ୍ତେ ସବେନ୍‌ଏତେ ଲାତାର୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ରେମ୍‌ ଦୁବାଃ ।
तब वह व्यक्ति, जिसने तुम्हें और उसे दोनों ही को आमंत्रित किया है, आकर तुमसे कहे ‘तुम यह आसन इन्हें दे दो,’ तब लज्जित हो तुम्हें वह आसन छोड़कर सबसे पीछे के आसन पर बैठना पड़े.
10 ୧୦ ମେନ୍‌ଦ ଆମ୍‌ କେଡ଼ାଅଃରେ କେଡ଼ାକାଦ୍‌ମେନିଃ ହିଜୁଃକେଦ୍‌ତେ, ‘ଏ ଗାତି ଚେତାନ୍‌ରେ ଦୁବ୍‌ମେଁ’ ମେତାମେଁକାଏ ମେନ୍ତେ ସବେନାଃଏତେ ଲାତାର୍‌ ଠାୟାଦ୍‌ରେ ସେନ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଦୁବ୍‌ମେଁ, ଏନ୍ତେ ଆମାଃଲଃ ଜଜମ୍‌ ଦୁବାକାନ୍‌କଆଃ ଆୟାର୍‌ରେମ୍‌ ମାଇନଃଆ ।
किंतु जब तुम्हें कहीं आमंत्रित किया जाए, जाकर सबसे साधारण आसन पर बैठ जाओ जिससे कि जब जिसने तुम्हें आमंत्रित किया है तुम्हारे पास आए तो यह कहे, ‘मेरे मित्र, उठो और उस ऊंचे आसन पर बैठो.’ इस पर अन्य सभी आमंत्रित अतिथियों के सामने तुम आदरयोग्य साबित होगे.
11 ୧୧ ଜେତାଏ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ୟେଁନ୍‌ନିଃଦ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ୟଁଃଆଏ ଆଡଃ ଜେତାଏ ହୁଡିଙ୍ଗ୍‌ୟଃଁନିଃଦ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ଆଁଃଏ ।”
हर एक, जो स्वयं को बड़ा बनाता है, छोटा बना दिया जाएगा तथा जो स्वयं को छोटा बना देता है, बड़ा किया जाएगा.”
12 ୧୨ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ କେଡ଼ାକେନ୍‌ନିଃକେ କାଜିକିୟାଏ, “ଆମ୍‌ ସିଙ୍ଗିରେୟା ଚାଏ ଆୟୁବ୍‌ରେୟାଃ ଜମେୟାଃ ବାଇରେଦ, ଆମାଃ ଗାତିକକେ ଚି ହାଗାକକେ ଚି କୁପୁଲ୍‌କକେ ଚି ହପର୍‌ଜାପାଃରେନ୍ କିସାଁଣ୍‌କକେ ଆଲମ୍‌ କେଡ଼ାକଆ, କା'ରେଦ ଇନ୍‌କୁ କେଡ଼ାରୁହାଡ଼୍‌ମେଁୟାକ ଆଡଃ ନେଆଁଁଗି ଆମାଃ ଜ ନାମଃଆ ।
तब फिर प्रभु येशु ने अपने न्योता देनेवाले से कहा, “जब तुम दिन या रात के भोजन पर किसी को आमंत्रित करो तो अपने मित्रों, भाई-बंधुओं, परिजनों या धनवान पड़ोसियों को आमंत्रित मत करो; ऐसा न हो कि वे भी तुम्हें आमंत्रित करें और तुम्हें बदला मिल जाए.
13 ୧୩ ମେନ୍‌ଦ ଆମ୍‌ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଜମେୟାଁଃମ୍ ବାଇରେଦ, ରେଙ୍ଗେଃକକେ, ଟୁଣ୍ଟାକକେ, କେପାକକେ ଆଡଃ କାଣାଁକାନ୍‌କକେ କେଡ଼ାକମେ,
किंतु जब तुम भोज का आयोजन करो तो निर्धनों, अपंगों, लंगड़ों तथा अंधों को आमंत्रित करो.
14 ୧୪ ଆଡଃ ଆମ୍‌ ଧାଇନଃଆମ୍‌, ଇନ୍‌କୁଦ କାକ ଏମ୍‌ରୁହାଡ଼୍‌ ଦାଡ଼ିୟାମେଁୟା ମେନ୍‌ଦ ଧାର୍‌ମାନ୍‌କଆଃ ଜୀଉବିନିରିଦ୍‌ରେ ଜ ନାମେୟାମ୍ ।”
तब तुम परमेश्वर की कृपा के भागी बनोगे. वे लोग तुम्हारा बदला नहीं चुका सकते. बदला तुम्हें धर्मियों के दोबारा जी उठने (पुनरुत्थान) के अवसर पर प्राप्‍त होगा.”
15 ୧୫ ୟୀଶୁଲଃ ଦୁବାକାନ୍‌କଏତେ ମିଆଁଦ୍‌ ହଡ଼ ନେ କାଜି ଆୟୁମ୍‌କେଦା, ଇନିଃ ୟୀଶୁକେ କାଜିକିୟାଏ, “ପାର୍‌ମେଶ୍ୱାର୍‌ଆଃ ରାଇଜ୍‌ରେ ଜମେନିଃ ସୁକୁତାନ୍‌ଗିୟାଏ ।”
यह सुन वहां आमंत्रित लोगों में से एक ने प्रभु येशु से कहा, “धन्य है वह, जो परमेश्वर के राज्य के भोज में सम्मिलित होगा.”
16 ୧୬ ୟୀଶୁ ଇନିଃକେ କାଜିକିୟାଏ, “ମିଆଁଦ୍‌ ହଡ଼ ମାରାଙ୍ଗ୍‌ ଜମେୟାଃଁ ବାଇକେଦାଏ ଆଡଃ ପୁରାଃଗି ହଡ଼କକେ କେଡ଼ାକେଦ୍‌କଆଏ ।
यह सुन प्रभु येशु ने कहा, “किसी व्यक्ति ने एक बड़ा भोज का आयोजन किया और अनेकों को आमंत्रित किया.
17 ୧୭ ଜଜମ୍ ନେଡାରେ ଇନିଃ, ମାର୍‌ ହିଜୁଃପେ, ସବେନାଃ ସେକାଡ଼ାକାନା ମେତାକୁମ୍ ମେନ୍ତେ ଆୟାଃ ଦାସିକେ କେଡ଼ାକାନ୍‌କତାଃ କୁଲ୍‌କିୟାଏ ।
भोज तैयार होने पर उसने अपने सेवकों को इस सूचना के साथ आमंत्रितों के पास भेजा, ‘आ जाइए, सब कुछ तैयार है.’
18 ୧୮ ମେନ୍‌ଦ କେଡ଼ାକାନ୍‌କ ମିଆଁଦ୍‌ ମନ୍‌ୟାନ୍ତେ ଛାମା ଆସିକ ଏଟେଦ୍‌କେଦା । ସିଦାନିଃ, ‘ଅତେଇଙ୍ଗ୍‌ କିରିଙ୍ଗ୍‌ଆଃକାଦା ଆଡଃ ସେନ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଏନାକେ ନେନେଲ୍‌ ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ୟାଁଃ, ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ନାଙ୍ଗ୍‌ ଛାମା ଆସିମେ’ ମେନ୍ତେ ବିନ୍ତିମେତାନାଇଙ୍ଗ୍‌ ମେନ୍‌କିୟାଏ ।
“किंतु वे सभी बहाने बनाने लगे. एक ने कहा, ‘मैंने भूमि मोल ली है और आवश्यक है कि मैं जाकर उसका निरीक्षण करूं. कृपया मुझे क्षमा करें.’
19 ୧୯ ଆଡଃ ଏଟାଃନିଃ, ପାଞ୍ଚ୍‌ ଆଡ଼୍‌ନା ଉରିଃକ୍‌କଇଙ୍ଗ୍‌ କିରିଙ୍ଗ୍‌କାଦ୍‌କଆ ଆଡଃ ଇନ୍‌କୁକେ ଆଟ୍‌କାର୍‌ଉରୁମ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ସେନଃତାନାଇଙ୍ଗ୍‌ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ନାଙ୍ଗ୍‌ ଛାମା ଆସିମେ ମେନ୍ତେ ବିନ୍ତିମେଁ ତାନାଇଙ୍ଗ୍‌ ମେନ୍‌କିୟାଏ ।
“दूसरे ने कहा, ‘मैंने अभी-अभी पांच जोड़े बैल मोल लिए हैं और मैं उन्हें परखने के लिए बस निकल ही रहा हूं. कृपया मुझे क्षमा करें.’
20 ୨୦ ଏଟାଃନିଃ, ‘ଆଇଙ୍ଗ୍‌ ଆଣ୍‌ଦିୟାକାନାଇଙ୍ଗ୍‌, ଏନାନାଗେନ୍ତେ କାଇଙ୍ଗ୍‌ ସେନ୍‌ଦାଡ଼ିୟାଃ’ ମେନ୍‌କିୟାଏ ।
“एक और अन्य ने कहा, ‘अभी, इसी समय मेरा विवाह हुआ है इसलिये मेरा आना संभव नहीं.’
21 ୨୧ “ଏନ୍‌ ଦାସି ହିଜୁଃକେଦ୍‌ତେ ଗମ୍‌କେ ତାୟାଃକେ ନେ ସବେନ୍‌ ଉଦୁବ୍‌କିୟାଏ । ଏନ୍ତେ ଅଡ଼ାଃ ଗମ୍‌କେ ଖିସ୍‌କେଦ୍‌ତେ ‘ହାତୁରେୟାଃ ଚାକାର୍ ଆଡଃ ରେସେଦ୍‌ ହରାକତେ ସେନଃମେ ଆଡଃ ରେଙ୍ଗେଁଃତାନ୍‌କକେ ଆଡଃ ଟୁଣ୍ଟାକାନ୍‌କକେ ଆଡଃ କେପାକକେ ଆଡଃ କାଣାଁକାନ୍‌କକେ ନେତାଃ ଆଉକୁମ୍’ ମେନ୍ତେ ଏନ୍‌ ଦାସିକେ କାଜିକିୟାଏ ।
“सेवक ने लौटकर अपने स्वामी को यह सूचना दे दी. अत्यंत गुस्से में घर के स्वामी ने सेवक को आज्ञा दी, ‘तुरंत नगर की गलियों-चौराहों में जाओ और निर्धनों, अपंगों, लंगड़ों और अंधों को ले आओ.’
22 ୨୨ ଆଡଃ ଏନ୍‌ ଦାସି କାଜିକିୟାଏ, ‘ହେ ଗମ୍‌କେ, ଆମ୍‌ ଆଚୁଆକାଦ୍‌ଲେକା ବାଇୟାନା ମେନ୍‌ଦ ନାହାଁଃହଁ ଠାୟାଦ୍ ମେନାଃ ।’
“सेवक ने लौटकर सूचना दी, ‘स्वामी, आपके आदेशानुसार काम पूरा हो चुका है किंतु अब भी कुछ जगह भरने बाकी है.’
23 ୨୩ ଏନ୍ତେ ଅଡ଼ାଃ ଗୁସିୟାଁ ଆୟାଃ ଦାସିକେ କାଜିକିୟାଏ, ‘ଜୁ ସେନଃମେ, ଆଡଃ ନାଗାର୍‌ରେୟାଃ ହରା ଗେନାକଏତେ, କଚାକଏତେ ହଡ଼କକେ କେଡ଼ା ଆଉକମେ, ଆଡଃ ଆଇଁୟାଃ ଅଡ଼ାଃକେ ହଡ଼ତେ ପେରେଜ୍‌କମେ ।
“तब घर के स्वामी ने उसे आज्ञा दी, ‘अब नगर के बाहर के मार्गों से लोगों को यहां आने के लिए विवश करो कि मेरा भवन भर जाए.
24 ୨୪ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଦଇଙ୍ଗ୍‌ କାଜିୟାପେତାନା, ଏନ୍‌ କେଡ଼ାକାନ୍‌କଏତେ ଜେତାଏ ଆଇଁୟାଃ ଜମେୟାଃଁ କାକ ଚାଖାଅୟାଃ ।’”
यह निश्चित है कि वे, जिन्हें पहले आमंत्रित किया गया था, उनमें से एक भी मेरे भोज को चख न सकेगा.’”
25 ୨୫ ମିସା ପୁରାଃ ଗାଦେଲ୍‌ ହଡ଼କ ୟୀଶୁଲଃ ସେନଃତାନ୍‌କ ତାଇକେନା, ଆଡଃ ଇନିଃ ହେତାରୁହାଡ଼୍‌କେଦ୍‌ତେ କାଜିୟାଦ୍‌କଆଏ,
एक बड़ी भीड़ प्रभु येशु के साथ साथ चल रही थी. प्रभु येशु ने मुड़कर उनसे कहा,
26 ୨୬ ଜେତାଏ ହଡ଼ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ତାଃତେ ହିଜୁଃରେଦ ଆୟାଃ ଆପୁ ଆଡଃ ଏଙ୍ଗା, କୁଡ଼ି ଆଡଃ ହନ୍‌କ, ହାଗାକ ଆଡଃ ମିଶିକ, ହେଗି ଆୟାଃ ଜୀଉକେହ ଆଇଙ୍ଗ୍‌ଏତେ ଆଦ୍‌କା ଦୁଲାଡ଼୍‌ରେଦ ଇନିଃ ଆଇଁୟାଃ ଚେଲା କାଏ ହବାଦାଡ଼ିୟଆଃ ।
“यदि कोई मेरे पास आता है और अपने माता-पिता, पत्नी, संतान तथा भाई बहनों को, यहां तक कि स्वयं अपने जीवन को, मुझसे अधिक महत्व देता है, मेरा चेला नहीं हो सकता.
27 ୨୭ ଆଡଃ ଜେତାଏ ଆୟାଃ କ୍ରୁଶ୍‌ ଗଅଃକେଦ୍‌ତେ ଆଇଙ୍ଗ୍‌କେ କାଏ ଅତଙ୍ଗ୍‌ଇଙ୍ଗ୍‌ରେଦ, ଇନିଃ ଆଇଁୟାଃ ଚେଲା କାଏ ହବାଦାଡ଼ିୟଆଃ ।
वह, जो अपना क्रूस स्वयं उठाए हुए मेरा अनुसरण नहीं करता, वह मेरा चेला हो ही नहीं सकता.
28 ୨୮ “ଆପେକଏତେ ଗୁମ୍ମାଟ୍‌ ବାବାଇ ସାନାଙ୍ଗ୍‌ନିଃ ଚି ସିଦାରେ ଦୁବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଏନାକେ ବାଇଟୁଣ୍ଡୁ ନାଗେନ୍ତେ ଇଦୁ ଆଇଁୟାଃତାଃରେ ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍‌ ପାଏସା ମେନାଃ ଚି କା ମେନ୍ତେ କାଏ ଲେକାୟା?
“तुममें ऐसा कौन है, जो भवन निर्माण करना चाहे और पहले बैठकर खर्च का अनुमान न करे कि उसके पास निर्माण काम पूरा करने के लिए पर्याप्‍त राशि है भी या नहीं?
29 ୨୯ କା'ରେଦ ଇନିଃ ନିହିଁଗାଡ଼ାକେ ପାଟାଅକେଦ୍‌ତେ ଟୁଣ୍ଡୁକାଏ ଦାଡ଼ିରେଦ ସବେନ୍‌ ନେନେଲ୍‌ ହଡ଼କ ଇନିଃକେ ଲାନ୍ଦାଇୟାକ ।
अन्यथा यदि वह नींव डाल ले और काम पूरा न कर पाए तो देखनेवालों के ठट्ठों का कारण बन जाएगा:
30 ୩୦ ନେ ହଡ଼ ବାବାଇ ଏଟେଦ୍‌କେଦାଏ ମେନ୍‌ଦ ଟୁଣ୍ଡୁ କାଏ ଦାଡ଼ିକେନା ମେନ୍ତେକ ମେନେୟା ।
‘देखो, देखो! इसने काम प्रारंभ तो कर दिया किंतु अब समाप्‍त नहीं कर पा रहा!’
31 ୩୧ “ଆଡଃ ଜେତା ରାଜା ଗେଲ୍‌ ହାଜାର୍‌ ପାଲ୍‌ଟାନ୍‌କକେ ସାବ୍‌କେଦ୍‌ତେ ଅକଏୟାଃଚି କୋଡ଼ିଏ ହାଜାର୍‌ ପାଲ୍‌ଟାନ୍‌ ମେନାକଆଃ ଏନ୍‌ ରାଜାଲଃ ମାପାଃତୁପୁଇଙ୍ଗ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଅଡଙ୍ଗ୍‌ଅଃ ସିଦାରେ ଏନ୍‌ ରାଜାଏତେ ପୁରାଃ କେଟେଦ୍‌ ମେନାଇୟାଃଚି କାହା ମେନ୍ତେ ଇନିଃ ଚିନାଃ ଦୁବ୍‌କେଦ୍‌ତେ କାଏଚି ଉଡ଼ୁଃଇୟା?
“या ऐसा कौन राजा होगा, जो दूसरे पर आक्रमण करने के पहले यह विचार न करेगा कि वह अपने दस हज़ार सैनिकों के साथ अपने विरुद्ध बीस हज़ार की सेना से टक्कर लेने में समर्थ है भी या नहीं?
32 ୩୨ କାଏ ଦାଡ଼ିରେଦ, ଏଟାଃ ରାଜା ସାଙ୍ଗିନ୍‌ରେ ତାଇନ୍‌ ଇମ୍‌ତାଗି ଇନିଃ କାଜିଇଦିନିଃକେ କୁଲ୍‌କେଦ୍‌ତେ ସୁକୁଜୀଉରେ ତାଇନଃ ନାଙ୍ଗ୍‌ ବିନ୍ତିୟାଏ ।
यदि नहीं, तो जब शत्रु की सेना दूर ही है, वह अपने दूतों को भेजकर उसके सामने शांति का प्रस्ताव रखेगा.
33 ୩୩ ନେ ଲେକାତେ ଆପେକଏତେ ଜେତାଏ ଆକଆଃ ସବେନ୍‌ ମେନାଃତେୟାଃ କାକ ବାଗିରେଦ ଆଇଁୟାଃ ଚେଲା କାକ ହବାଦାଡ଼ିୟଆଃ ।”
इसी प्रकार तुममें से कोई भी मेरा चेला नहीं हो सकता यदि वह अपना सब कुछ त्याग न कर दे.
34 ୩୪ “ବୁଲୁଙ୍ଗ୍‌ ବୁଗିନାଃ, ମେନ୍‌ଦ ବୁଲୁଙ୍ଗ୍‌ ସାବାଗଃରେଦ ଏନା ଚିଲ୍‌କାତେ ଆଡଃମିସା ସିବିଲ୍‌ରୁହାଡ଼ଃଆ ।
“नमक उत्तम है किंतु यदि नमक ही स्वादहीन हो जाए तो किस वस्तु से उसका स्वाद लौटाया जा सकेगा?
35 ୩୫ ଏନା ଅତେନାଙ୍ଗ୍‌ ଚାଏ ସାରାଗାଡା ନାଗେନ୍ତେୟ କାମିରେ କା ହିଜୁଃଆ; ହଡ଼କ ଏନାକେ ଏଣ୍ଡାଃୟାକ । ଆୟୁମ୍‌ ନାଗେନ୍ତେ ଲୁତୁର୍ ମେନାଃନିଃ ଆୟୁମେକାଏ ।”
तब वह न तो भूमि के लिए किसी उपयोग का रह जाता है और न खाद के रूप में किसी उपयोग का. उसे फेंक दिया जाता है. “जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले.”

< ଲୁକ 14 >