< ଲୁକ 10 >
1 ୧ ନେଆଁଁତାୟମ୍ତେ ପ୍ରାଭୁ ୭୨ଏଟାଃ ଚେଲାକକେ ସାଲାକେଦ୍ତେ, ଆଇଃକ୍ ସେନଃ ସାନାଙ୍ଗ୍ତାନ୍ ସବେନ୍ ହାତୁ, ଟଲାତେ ବାବାର୍ହଡ଼୍ କୁଲ୍ ଆୟାର୍କେଦ୍କଆଏ ।
इसके बाद प्रभु ने अन्य बहत्तर व्यक्तियों को चुनकर उन्हें दो-दो करके उन नगरों और स्थानों पर अपने आगे भेज दिया, जहां वह स्वयं जाने पर थे.
2 ୨ ଇନିଃ ଇନ୍କୁକେ କାଜିୟାଦ୍କଆଏ, “ଇରୋଃ ପୁରାଃଗିୟାଃ ମେନ୍ଦ କାମିନାଲାକ ହୁଡିଙ୍ଗ୍ଆଁକ, ଏନା ନାଗେନ୍ତେ ଆପେ, ଆମ୍ ଆମାଃ ଇରୋଃତେ କାମି ନାଲାକ କୁଲ୍କମ୍ ମେନ୍ତେ ଇରୋଃ ଗମ୍କେତାଃରେ ବିନ୍ତିପେ ।
प्रभु येशु ने उनसे कहा, “उपज तो बहुत है किंतु मज़दूर कम, इसलिये उपज के स्वामी से विनती करो कि इस उपज के लिए मज़दूर भेज दें.”
3 ୩ ମାର୍ ସେନଃପେ, ଆଇଙ୍ଗ୍ ଆପେକେ ମିଣ୍ଡିହନ୍କ ଲେକା ହୁଣ୍ଡାର୍କ ଥାଲାରେଇଙ୍ଗ୍ କୁଲ୍ପେତାନା ।
जाओ! मैं तुम्हें भेज रहा हूं. तुम भेड़ियों के मध्य मेमनों के समान हो.
4 ୪ ଆପେ ପାଏସାମୁନା, ଥାଇଲାଃ, ଖାର୍ପା ଆଲ୍ପେ ଇଦିୟା ଆଡଃ ହରାରେ ଜେତାଏକେୟ ଆଲ୍ପେ ଜହାର୍କଆ ।
अपने साथ न तो धन, न झोला और न ही जूतियां ले जाना. मार्ग में किसी का कुशल मंगल पूछने में भी समय खर्च न करना.
5 ୫ ଆଡଃ ଜେତା ଅଡ଼ାଃରେ ଦାରମ୍ପେରେ ‘ନେ ଅଡ଼ାଃରେନ୍କଆଃରେ ସୁକୁ ହବାଅଃକା’ ମେନେପେ ।
“जिस किसी घर में प्रवेश करो, तुम्हारे सबसे पहले शब्द हों, ‘इस घर में शांति बनी रहे.’
6 ୬ ସୁକୁ ନାମେଲେକାନ୍ ହଡ଼ ଏନ୍ତାଃରେ ତାଇନ୍ରେଦ ଆପେୟାଃ ସୁକୁ ଇନିଃରେ ତାଇନାଃ, କା'ରେଦ ଏନା ଆପେତାଃତେ ରୁହାଡ଼ାଃ ।
यदि परिवार-प्रधान शांति प्रिय व्यक्ति है, तुम्हारी शांति उस पर बनी रहेगी. यदि वह ऐसा नहीं है तो तुम्हारी शांति तुम्हारे ही पास लौट आएगी.
7 ୭ ଏନ୍ ଅଡ଼ାଃରେ ତାଇନଃପେ, ଇନ୍କୁ ଏମାପେତେୟାଃ ଜମ୍ ନୁଁଏପେ, କାମିନିଃଦ ଆୟାଃ ନାଲା ନାମେଗିୟାଏ । ଆଡଃ ଅଡ଼ାଃ ଅଡ଼ାଃ ଆଲ୍ପେ ହନରାଃ ।
उसी घर के मेहमान बने रहना. भोजन और पीने के लिए जो कुछ तुम्हें परोसा जाए, उसे स्वीकार करना क्योंकि सेवक अपने वेतन का अधिकारी है. एक घर से निकलकर दूसरे घर में मेहमान न बनना.
8 ୮ ଜେତାଏ ହାତୁରେପେ ବଲରେଦ ଆଡଃ ହଡ଼କ ଦାରମ୍ପେରେଦ, ଇନ୍କୁଆଃ ଏମେତେୟାଃ ଜମେପେ ।
“जब तुम किसी नगर में प्रवेश करो और वहां लोग तुम्हें सहर्ष स्वीकार करें, तो जो कुछ तुम्हें परोसा जाए, उसे खाओ.
9 ୯ ଏନ୍ତାଃରେନ୍ ହାସୁତାନ୍କକେ ବୁଗିକପେ, ଆଡଃ ‘ପାର୍ମେଶ୍ୱାର୍ଆଃ ରାଇଜ୍ ଆପେତାଃ ନାଡ଼େୟାକାନା’ ମେତାକପେ ।
वहां जो बीमार हैं, उन्हें चंगा करना और उन्हें सूचित करना, ‘परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ गया है.’
10 ୧୦ ମେନ୍ଦ ଆପେ ଜେତାଏ ହାତୁରେପେ ବଲରେଦ ଆଡଃ ହଡ଼କ କାକ ଦାରମ୍ପେରେଦ, ଏନାରେୟାଃ ହରାଏତେ ଅଡଙ୍ଗ୍କେଦ୍ତେ କାଜିପେ,
किंतु यदि तुम किसी नगर में प्रवेश करो और वहां नगरवासियों द्वारा स्वीकार न किए जाओ तो उस नगर की गलियों में जाकर यह घोषणा करो,
11 ୧୧ ‘ଆଲେୟାଃ କାଟା ତାଲ୍କାରେୟାଃ ଧୁଡ଼ି ଆପେୟାଃ ହାତୁରାଃ ଆୟାର୍ରେଲେ କଟା ଏଣ୍ଡାଏଃତାନା, ଏନ୍ରେୟ ପାର୍ମେଶ୍ୱାର୍ଆଃ ରାଇଜ୍ ଆପେତାଃ ନାଡ଼େୟାକାନା ଏନା ସାରିପେ ।’
‘तुम्हारे नगर की धूल तक, जो हमारे पांवों में लगी है, उसे हम तुम्हारे सामने एक चेतावनी के लिए झाड़ रहे हैं; परंतु यह जान लो कि परमेश्वर का राज्य निकट आ गया है.’
12 ୧୨ ଆଇଙ୍ଗ୍ କାଜିୟାପେ ତାନାଇଙ୍ଗ୍, ଏନ୍ ହୁଲାଙ୍ଗ୍ରେ ଏନ୍ ହାତୁରେୟାଃ ଦୁକୁଏତେ ସୋଦମ୍ରାଃ ଦୁକୁ ସାହାତିଙ୍ଗ୍ୟେଁ ଲେକାୱାଃ ।
सच मानो, न्याय के दिन पर सोदोम नगर के लिए तय किया गया दंड उस नगर के लिए तय किए दंड की तुलना में सहने योग्य होगा.
13 ୧୩ “ଏ କରାଜିନ୍, ଆମାଃ ହାୟ ହାୟ, ଏ ବେଥ୍ସାଇଦା, ଆମାଃ ହାୟ ହାୟ, ଆବେନ୍ରେ ହବାୟାନ୍ ଆକ୍ଦାନ୍ଦାଅ କାମିକ ସୋର୍ ଆଡଃ ସିଦୋନ୍ରେ ହବାକାନ୍ରେଦ, ଇଦୁ ଇନ୍କୁ ଚିଉଲାରେ ବସ୍ତା ତୁସିଙ୍ଗ୍କେଦ୍ତେ ଆଡଃ ତରେକ୍ ଚେତାନ୍ରେ ଦୁବ୍କେଦ୍ତେ ମନ୍ରୁହାଡ଼୍ କାତେତେୟାଃକ ।
“धिक्कार है तुझ पर कोराज़ीन! धिक्कार है तुझ पर बैथसैदा! ये ही अद्भुत काम, जो तुझमें किए गए हैं यदि सोर और सीदोन नगरों में किए जाते तो वे विलाप-वस्त्र पहन, राख में बैठकर, कब के पश्चाताप कर चुके होते! पश्चाताप कर चुके होते.
14 ୧୪ ମେନ୍ଦ ବିଚାର୍ ହୁଲାଙ୍ଗ୍ରେ ଆବେନାଃଏତେ ସୋର୍ ଆଡଃ ସିଦୋନ୍ରେୟାଃ ଦୁକୁ ସାହାତିଙ୍ଗ୍ୟେଁ ଲେକାୱାଃ ।
किंतु तुम दोनों नगरों की तुलना में सोर और सीदोन नगरों का दंड सहने योग्य होगा.
15 ୧୫ ଆଡଃ ଆମ୍, ଏ କପର୍ନାହୁମ୍, ଚିୟାଃ ଆମ୍ ସିର୍ମା ଜାକେଦେମ୍ ରାକାବଆଃ? ବାନଃଗି ଆମ୍ ପାତାଲ୍ ଜାକେଦେମ୍ ଏଣ୍ଡାଗଆଃ ।” (Hadēs )
और कफ़रनहूम! क्या तू स्वर्ग तक ऊंचा किए जाने की आशा कर रहा है? अरे! तुझे तो पाताल में उतार दिया जाएगा. (Hadēs )
16 ୧୬ ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ଚେଲାକକେ ମେତାଦ୍କଆଏ, “ଆପେୟାଃ କାଜି ଆୟୁମ୍ନିଃ ଆଇଁୟାଃ ଆୟୁମେୟାଏ, ଆଡଃ ଆପେକେ କା ସୁକୁନିଃ ଆଇଙ୍ଗ୍କେହଁ କାଏ ସୁକୁୱାଇଙ୍ଗ୍ଆଃ ମେନ୍ଦ ଆଇଙ୍ଗ୍କେ କାଏ ସୁକୁନିଃ ଆଇଙ୍ଗ୍କେ କୁଲ୍ନିଃକେ ହଁ କାଏ ସୁକୁୱାଇୟା ।”
“वह, जो तुम्हारी शिक्षा को सुनता है, मेरी शिक्षा को सुनता है; वह, जो तुम्हें अस्वीकार करता है, मुझे अस्वीकार करता है किंतु वह, जो मुझे अस्वीकार करता है, उन्हें अस्वीकार करता है, जिन्होंने मुझे भेजा है.”
17 ୧୭ ଏନ୍ ୭୨ଝାନ୍ ଚେଲାକ ରାସ୍କାତାନ୍ଲଃକ ରୁହାଡ଼୍ୟାନା ଆଡଃ “ହେ ପ୍ରାଭୁ, ଆମାଃ ନୁତୁମ୍ତେ ବଙ୍ଗାକହଁ ଆଲେକେ ମାନାତିଙ୍ଗ୍ଲେତାନାକ” ମେନ୍କିୟାଏ ।
वे बहत्तर बहुत उत्साह से भरकर लौटे और कहने लगे, “प्रभु! आपके नाम में तो दुष्टात्मा भी हमारे सामने समर्पण कर देते हैं!”
18 ୧୮ ଇନିଃ ମେତାଦ୍କଆଏ, “ଆଇଙ୍ଗ୍ ସାଏତାନ୍କେ ହିଚିର୍ ଲେକା ସିର୍ମାଏତେ ଉୟୁଗଃତାନ୍ତେୟାଃ ନେଲ୍କିୟାଇଙ୍ଗ୍ ।
इस पर प्रभु येशु ने उनसे कहा, “मैं शैतान को बिजली के समान स्वर्ग से गिरते देख रहा था.
19 ୧୯ ନେଲେପେ, ଆଇଙ୍ଗ୍ ବିଙ୍ଗ୍କଆଃ ଆଡଃ ମାର୍ମାର୍କଆଃ ଚେତାନ୍ରେ ସେସେନ୍ରେୟାଃ ଆଡଃ ବାଇରିୟାଃ ଗଟା ପେଡ଼େଃରେ ଆକ୍ତେୟାରାଇଙ୍ଗ୍ ଏମାଦ୍ପେୟା । ଆପେୟାଃ ଜେତ୍ନାଃ କା ହାନିୟଃଆ ।
मैंने तुम्हें सांपों और बिच्छुओं को रौंदने तथा शत्रु के सभी सामर्थ्य का नाश करने का अधिकार दिया है इसलिये किसी भी रीति से तुम्हारी हानि न होगी.
20 ୨୦ ଏନ୍ରେୟ ଏତ୍କାନ୍ ଆତ୍ମାକ ଆଲେକେ ମାନାତିଙ୍ଗ୍ତାନାକ ମେନ୍ତେ ଆଲ୍ପେ ରାସ୍କାୱାଃ, ମେନ୍ଦ ଆପେୟାଃ ନୁତୁମ୍ ସିର୍ମାରେ ଅଲାକାନା ନେୟାଁତେ ରାସ୍କାଅଃପେ” ମେନ୍ତେ କାଜିୟାଦ୍କଆଏ ।
फिर भी, तुम्हारे लिए आनंद का विषय यह न हो कि दुष्टात्मा तुम्हारी आज्ञाओं का पालन करते हैं परंतु यह कि तुम्हारे नाम स्वर्ग में लिखे जा चुके हैं.”
21 ୨୧ ଏନ୍ ଦିପିଲିରେ ୟୀଶୁ ପାବିତାର୍ ଆତ୍ମାରେ ପୁରାଃ ରାସ୍କାୟାନ୍ଲଃ କାଜିକେଦାଏ, “ହେ ଆବା, ସିର୍ମା ଆଡଃ ଅତେରେନ୍ ପ୍ରାଭୁ, ଆମ୍ ନେ କାଜିକ ସେଣାଁଁନ୍କ ଆଡଃ ଇତୁଆନ୍କତାଃଏତେମ୍ ଦାନାଙ୍ଗ୍ଆଁଁକାଦାଃ, ଆଡଃ ବାଲେଃ ହନ୍କତାଃରେମ୍ ଉଦୁବାକାଦାଃ ମେନ୍ତେଇଙ୍ଗ୍ ଧାନ୍ୟାବାଦ୍ମେତାନା । ହେଗି ହେ ଆବା, ନେୟାଁଗିଦ ଆମାଃ ବୁଗିନ୍ ସାନାଙ୍ଗ୍ ।
प्रभु येशु पवित्र आत्मा के आनंद से भरकर कहने लगे, “पिता! स्वर्ग और पृथ्वी के स्वामी, मैं आपकी स्तुति करता हूं कि आपने ये सभी सच बुद्धिमानों और ज्ञानियों से छुपा रखे और नन्हे बालकों पर प्रकट कर दिए क्योंकि पिता, आपकी दृष्टि में यही अच्छा था.
22 ୨୨ “ଆପୁଇଙ୍ଗ୍ ସବେନାଃ ଏମାକାଦିୟାଁଏ, ଆପୁକେ ବାଗିକେଦ୍ତେ ହନ୍ ଅକଏ ତାନିଃ ନେୟାଁ ଜେତାଏ କାକ ସାରିୟାଃ, ଆଡଃ ହନ୍କେ ବାଗିକେଦ୍ତେ ଆପୁ ଅକଏ ତାନିଃ ନେୟାଁ ଜେତାଏ କାକ ସାରିୟାଃ । ମେନ୍ଦ ଅକନ୍କକେ ଏନା ସାରି ନାଗେନ୍ତେ ହନ୍ ଆଇଃକ୍ଗି ସାଲାକୁଆଏ, ଇନ୍କୁ ଏସ୍କାର୍ ପାର୍ମେଶ୍ୱାର୍ଆଃ ବିଷାଏରେ ସାରିୟାଃକ ।”
“मेरे पिता द्वारा सब कुछ मुझे सौंप दिया गया है. पिता के अलावा कोई नहीं जानता कि पुत्र कौन है, और कोई नहीं जानता कि पिता कौन हैं, सिवाय पुत्र के तथा वे, जिन पर वह प्रकट करना चाहें.”
23 ୨୩ ଏନ୍ତେ ଇନିଃ ଆୟାଃ ଚେଲାକକେ ହେତାରୁହାଡ଼୍କେଦ୍ତେ ଏସ୍କାର୍ରେୟାଏ କାଜିୟାଦ୍କଆ, “ଆପେ ସବେନ୍ ନେ ସବେନାଃ ନେଲ୍ତାନ୍ତେୟାଃ ଚିମିନ୍ ସୁକୁତାନ୍ଗିୟାଃପେ ।
तब प्रभु येशु ने अपने शिष्यों की ओर उन्मुख हो उनसे व्यक्तिगत रूप से कहा, “धन्य हैं वे आंख, जो वह देख रही हैं, जो तुम देख रहे हो
24 ୨୪ ଆଇଙ୍ଗ୍ଦ ସାର୍ତିଗିଙ୍ଗ୍ କାଜିୟାପେତାନା, ଆପେ ନେଲ୍ତାନ୍ତେୟାଃ ପୁରାଃ ନାବୀକ ଆଡଃ ରାଜାକ ନେନେଲ୍ ସାନାଙ୍ଗ୍କେଦ୍କଆ ମେନ୍ଦ କାକ ନେଲ୍କେଦା ଆଡଃ ଆପେ ଆୟୁମ୍କେଦ୍ତେୟାଃ ଇନ୍କୁକେ ଆୟୁମ୍ ସାନାଙ୍ଗ୍କେଦ୍କଆ ମେନ୍ଦ କାକ ଆୟୁମ୍କେଦା ।”
क्योंकि सच मानो, अनेक भविष्यवक्ता और राजा वह देखने की कामना करते रहे, जो तुम देख रहे हो किंतु वे देख न सके तथा वे वह सुनने की कामना करते रहे, जो तुम सुन रहे हो किंतु सुन न सके.”
25 ୨୫ ଆଡଃ ନେଲେପେ ମିଆଁଦ୍ ଆଇନ୍ ଇତୁନିଃ ବିରିଦ୍ୟାନ୍ତେ ୟୀଶୁକେ ବିଡ଼ାଅ ନାଗେନ୍ତେ କୁଲିକିୟାଏ, “ଏ ବୁଗିନ୍ ଇତୁନିଃ, ଜାନାଅ ଜୀଦାନ୍ ନାମେ ନାଗେନ୍ତେ ଚିନାଃଇଙ୍ଗ୍ ଚିକାୟା?” (aiōnios )
एक अवसर पर एक वकील ने प्रभु येशु को परखने के उद्देश्य से उनके सामने यह प्रश्न रखा: “गुरुवर, अनंत काल के जीवन को पाने के लिए मैं क्या करूं?” (aiōnios )
26 ୨୬ ୟୀଶୁ କାଜିକିୟାଏ, “ଆନ୍ଚୁରେ ଚିକ୍ନାଃ ଅଲାକାନା? ଆମ୍ ଚିଲ୍କାମ୍ ପାଢ଼ାଅ ତାନା?”
प्रभु येशु ने उससे प्रश्न किया, “व्यवस्था में क्या लिखा है, इसके विषय में तुम्हारा विश्लेषण क्या है?”
27 ୨୭ ଆଡଃ ଇନିଃ ମେନ୍ରୁହାଡ଼ାଇୟାଏ, “ପ୍ରାଭୁ ଆମାଃ ପାର୍ମେଶ୍ୱାର୍କେ ଆମାଃ ସବେନ୍ ମନ୍ସୁରୁଦ୍ତେ ଆଡଃ ଆମାଃ ସବେନ୍ ଜୀଉତେ ଆଡଃ ଆମାଃ ସବେନ୍ ପେଡ଼େଃତେ ଆଡଃ ଆମାଃ ସବେନ୍ ସେଣାଁଁତେ ଦୁଲାଡ଼ିମେ, ଆଡଃ ଆମାଃ ହପର୍ ଜାପାଃରେନ୍ନିଃକେ ଆମାଃ ଲେକାଗି ଦୁଲାଡ଼ିମେ ।”
उस व्यक्ति ने उत्तर दिया, “‘प्रभु, अपने परमेश्वर से अपने सारे हृदय, अपने सारे प्राण, अपनी सारी शक्ति तथा अपनी सारी समझ से प्रेम करो तथा अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम.’”
28 ୨୮ ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ କାଜିରୁହାଡ଼୍କିୟାଏ, “ବୁଗିନାମ୍ କାଜିକାଦା, ଆମ୍ ନେକାଏରେଦମ୍ ଜୀହିଦଃଆ ।”
प्रभु येशु ने उससे कहा, “तुम्हारा उत्तर बिलकुल सही है. यही करने से तुम जीवित रहोगे.”
29 ୨୯ ମେନ୍ଦ ଆଇନ୍ଇତୁନିଃ ଆଇଃକ୍ଗି ଧାର୍ମାନ୍ ଉଦୁବେନ୍ ସାନାଙ୍ଗ୍କିଃତେ ୟୀଶୁକେ କୁଲିକିୟାଏ “ଆଇଁୟାଃ ହପର୍ଜାପାଃରେନ୍ନିଃ ଅକଏ ତାନିଃ?”
स्वयं को संगत प्रमाणित करने के उद्देश्य से उसने प्रभु येशु से प्रश्न किया, “तो यह बताइए कौन है मेरा पड़ोसी?”
30 ୩୦ ୟୀଶୁ କାଜିରୁହାଡ଼୍କିୟାଏ, “ମିଆଁଦ୍ ହଡ଼ ଯୀରୁଶାଲେମ୍ଏତେ ଯିରିହୋତେ ସେନଃତାନାଏ ତାଇକେନା ଆଡଃ କୁମ୍ବୁଡ଼ୁକଆଃ ତିଃଇରେ ଉୟୁଃୟାନାଏ, ଇନ୍କୁ ଇନିୟାଃ ଲିଜାଃ ରେକ୍କିୟାଃକ ଆଡଃ ଦାଲ୍କିଃତେ ଗଏଃଲେକାକ ବାଗିତୁକାଇଜାଃ ।
प्रभु येशु ने उत्तर दिया. “येरूशलेम नगर से एक व्यक्ति येरीख़ो नगर जा रहा था कि डाकुओं ने उसे घेर लिया, उसके वस्त्र छीन लिए, उसकी पिटाई की और उसे अधमरी हालत में छोड़कर भाग गए.
31 ୩୧ ତାୟମ୍ତେ ମିଆଁଦ୍ ଯାଜାକ୍ ଏନ୍ ହରାତେଗି ସେନ୍ତାନାଏ ତାଇକେନା ଆଡଃ ଇନିଃକେ ନେଲ୍କିଃତେ ଏଟାଃ ହରାରେ ପାରମ୍ୟାନାଏ ।
संयोग से एक पुरोहित उसी मार्ग से जा रहा था. जब उसने उस व्यक्ति को देखा, वह मार्ग के दूसरी ओर से आगे बढ़ गया.
32 ୩୨ ନେ ଲେକାଗି ମିଆଁଦ୍ ଲେବୀହ, ଏନ୍ ଠାୟାଦ୍ରେ ସେଟେର୍ୟାନ୍ଚି ଇନିଃକେ ନେଲ୍କିଃତେ ପାରମ୍ୟାନାଏ ।
इसी प्रकार एक लेवी भी उसी स्थान पर आया, उसकी दृष्टि उस पर पड़ी तो वह भी दूसरी ओर से होता हुआ चला गया.
33 ୩୩ ମେନ୍ଦ ମିଆଁଦ୍ ଶମିରୋନିରେନ୍ ହଡ଼ ସେନ୍ତାନ୍ଲଃ ଇନିଃ ତାଇକେନ୍ ଠାୟାଦ୍ରେ ସେଟେର୍ୟାନାଏ ଆଡଃ ଇନିଃକେ ନେଲ୍କିଃତେ ବିଲ୍କାଅୟାନାଏ ।
एक शमरियावासी भी उसी मार्ग से यात्रा करते हुए उस जगह पर आ पहुंचा. जब उसकी दृष्टि उस घायल व्यक्ति पर पड़ी, वह दया से भर गया.
34 ୩୪ ସେନ୍ ନାଡ଼େଃକେଦ୍ତେ ଇନିୟାଃ ଘାଅକରେ ସୁନୁମ୍ ଆଡଃ ଦାଖ୍ରାସି ଦୁଲ୍କେଦାଏ, ଏନାକେ ତଲ୍କେଦାଏ ଆଡଃ ଇନିଃକେ ଆୟାଃ ଗାଧାଚେତାନ୍ରେ ଲାଦିକିଃତେ ଡେରା ଅଡ଼ାଃତେ ଇଦିକିୟାଏ ଆଡଃ ଇନିଃକେ ଯାତାନ୍କିୟାଏ ।
वह उसके पास गया और उसके घावों पर तेल और दाखरस लगाकर पट्टी बांधी. तब वह घायल व्यक्ति को अपने वाहक पशु पर बैठाकर एक यात्री निवास में ले गया तथा उसकी सेवा टहल की.
35 ୩୫ ଏଟାଃ ହୁଲାଙ୍ଗ୍ ଇନିଃ ବାର୍ସିଙ୍ଗ୍ରାଃ ନାଲା ସିକା ଅଡଙ୍ଗ୍କେଦ୍ତେ ଡେରା ଗମ୍କେ କେ ଏମ୍କିୟାଏ ଆଡଃ ନିଃକେ ଯାତାନିଃମେଁ ଆଡଃ ନିମ୍ନାଙ୍ଗ୍ଏତେ ଆଦ୍କାମ୍ ଖାର୍ଚାଏରେଦ ଆଇଙ୍ଗ୍ ରୁହାଡ଼୍ ଇମ୍ତା ପେରେଜାମେଁୟାଇଙ୍ଗ୍” ମେନ୍କିୟାଏ ।
अगले दिन उसने दो दीनार यात्री निवास के स्वामी को देते हुए कहा, ‘इस व्यक्ति की सेवा टहल कीजिए. इसके अतिरिक्त जो भी लागत होगा वह मैं लौटने पर चुका दूंगा.’
36 ୩୬ “ନେ ଆପିୟା ହଡ଼କଏତେ ଅକଏ କୁମ୍ବୁଡ଼ୁକଆଃ ତିଃଇରେ ଉୟୁଗାକାନ୍ ହଡ଼ରାଃ ହପର୍ଜାପାଃରେନ୍ନିଃ ତାନିଃ ମେନ୍ତେପେ ଉଡ଼ୁଃତାନା?”
“यह बताओ तुम्हारे विचार से इन तीनों व्यक्तियों में से कौन उन डाकुओं द्वारा घायल व्यक्ति का पड़ोसी है?”
37 ୩୭ ଏନ୍ ଆଇନ୍ ଇତୁନିଃ ଇନିଃକେ କାଜିରୁହାଡ଼୍କିୟାଏ “ଅକଏ ଲିବୁଇକେନ୍ନିଃ ।” ଏନ୍ତେ ୟୀଶୁ ଆଇନ୍ ଇତୁନିଃକେ କାଜିକିୟାଏ, “ଜୁ ଆମ୍ହ ନେ ଲେକାଗି ରିକାଏମେଁ ।”
वकील ने उत्तर दिया, “वही, जिसने उसके प्रति करुणाभाव का परिचय दिया.” प्रभु येशु ने उससे कहा, “जाओ, तुम्हारा स्वभाव भी ऐसा ही हो.”
38 ୩୮ ୟୀଶୁ ଆୟାଃ ଚେଲାକଲଃ ସେନଃତାନ୍ ଇମ୍ତା ମିଆଁଦ୍ ହାତୁତେ ବଲୟାନାଏ, ଆଡଃ ମାର୍ଥା ନୁତୁମ୍ ମିଆଁଦ୍ କୁଡ଼ି ଆୟାଃ ଅଡ଼ାଃରେ ଇନିଃକେ କୁପୁଲ୍କିୟାଏ ।
प्रभु येशु और उनके शिष्य यात्रा करते हुए एक गांव में पहुंचे, जहां मार्था नामक एक स्त्री ने उन्हें अपने घर में आमंत्रित किया.
39 ୩୯ ଆଡଃ ମାରିୟାମ୍ ନୁତୁମ୍ ଇନିୟାଃ ମିଆଁଦ୍ ମିଶି ତାଇକେନାଏ, ଇନିଃ ପ୍ରାଭୁ ୟୀଶୁଆଃ କାଟା ସୁବାରେ ଦୁବ୍ୟାନ୍ତେ ଇନିୟାଃ କାଜି ଆୟୁମ୍ତାନାଏ ତାଇକେନା ।
उसकी एक बहन थी, जिसका नाम मरियम था. वह प्रभु के चरणों में बैठकर उनके प्रवचन सुनने लगी
40 ୪୦ ମେନ୍ଦ ମାର୍ଥା ପୁରାଃ ସୁସାର୍ରେ ବିତ୍ଲାଅକାନାଏ ତାଇକେନା ଆଡଃ ଇନିଃ ହେପାଦ୍ତେ ହିଜୁଃକେଦ୍ତେ କାଜିକିୟା, “ହେ ପ୍ରାଭୁ, ମିଶିଙ୍ଗ୍ତାଇୟାଁଃ ଆଇଙ୍ଗ୍କେ ଏସ୍କାର୍ ସୁସାର୍ ଇଚିଙ୍ଗ୍ତାନାଏ, ଚିୟାଃ ଏନା ଆମ୍କାମ୍ ଉଡ଼ୁଃତାନା? ମାର୍ ମିଶିମ୍କେ ଦେଙ୍ଗାଇମେଁ” ମେନ୍ତେ ଇନିଃକେ ଆଚୁଇମେଁ ।
किंतु मार्था विभिन्न तैयारियों में उलझी रही. वह प्रभु येशु के पास आई और उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, क्या आपको इसका लेश मात्र भी ध्यान नहीं कि मेरी बहन ने अतिथि-सत्कार का सारा बोझ मुझ अकेली पर ही छोड़ दिया है? आप उससे कहें कि वह मेरी सहायता करे.”
41 ୪୧ ମେନ୍ଦ ପ୍ରାଭୁ ୟୀଶୁ କାଜିରୁହାଡ଼୍କିୟାଏ, ଏ ମାର୍ଥା, ଏ ମାର୍ଥା, ଆମ୍ ପୁରାଃ କାଜି ନାଗେନ୍ତେମ୍ ଉଡ଼ୁଃତାନା ଆଡଃ ବିତ୍ଲାଅକାନା ମେନ୍ଦ ମିଆଁଦ୍ କାଜି ଲାଗାତିଙ୍ଗ୍ୟାଁଃ ।
“मार्था, मार्था,” प्रभु ने कहा, “तुम अनेक विषयों की चिंता करती और घबरा जाती हो
42 ୪୨ ମାରିୟାମ୍ଦ ଏନ୍ ବୁଗିନ୍ ହାନାଟିଙ୍ଗ୍କେ ସାଲାକାଦାଏ, ଏନା ଇନିଃତାଃଏତେ କା ରେଜଃଆ ।
किंतु ज़रूरत तो कुछ ही की है—वास्तव में एक ही की. मरियम ने उसी उत्तम भाग को चुना है, जो उससे कभी अलग न किया जाएगा.”