< स्तोत्रसंहिता 97 >
1 १ परमेश्वर राज्य करतो; पृथ्वी आनंदित होवो. अनेक द्वीपसमूह आनंदित होवो.
ସଦାପ୍ରଭୁ ରାଜ୍ୟ କରନ୍ତି; ପୃଥିବୀ ଉଲ୍ଲାସ କରୁ; ଦ୍ୱୀପସମୂହ ଆନନ୍ଦିତ ହେଉନ୍ତୁ।
2 २ ढग आणि काळोख त्याच्याभोवती आहेत. निती व न्याय त्याच्या सिंहासनाचा पाया आहेत.
ମେଘମାଳ ଓ ଅନ୍ଧକାର ତାହାଙ୍କ ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଥାଏ; ଧର୍ମ ଓ ବିଚାର ତାହାଙ୍କ ସିଂହାସନର ଭିତ୍ତିମୂଳ।
3 ३ अग्नी त्याच्यापुढे चालतो, आणि प्रत्येक बाजूने त्याच्या शत्रूंना नष्ट करून टाकतो.
ତାହାଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଅଗ୍ନି ଗମନ କରେ ଓ ତାହାଙ୍କ ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗସ୍ଥ ଶତ୍ରୁଗଣକୁ ଦଗ୍ଧ କରେ।
4 ४ त्याच्या विजांनी जग प्रकाशित केले; पृथ्वी हे पाहून थरथर कापली.
ତାହାଙ୍କ ବିଜୁଳି ଜଗତକୁ ଦୀପ୍ତିମାନ କଲା; ପୃଥିବୀ ଦେଖି କମ୍ପିଲା।
5 ५ परमेश्वरासमोर, सर्व पृथ्वीच्या प्रभूसमोर पर्वत मेणासारखे वितळले.
ପର୍ବତଗଣ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁରେ ମହମ ପରି ତରଳି ଗଲେ, ସମୁଦାୟ ପୃଥିବୀ ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁରେ ତରଳି ଗଲେ।
6 ६ आकाशाने, त्याचा न्याय जाहीर केला, आणि सर्व राष्ट्रांनी त्याचे वैभव पाहिले.
ଆକାଶମଣ୍ଡଳ ତାହାଙ୍କ ଧର୍ମ ପ୍ରଚାର କରଇ ଓ ସମୁଦାୟ ଗୋଷ୍ଠୀ ତାହାଙ୍କ ମହିମା ଦେଖିଅଛନ୍ତି।
7 ७ जे कोरीव मूर्तीची पूजा करतात, जे मूर्तीचा अभिमान बाळगतात ते सर्व लज्जित झाले. अहो सर्व देवहो! त्याच्यासमोर नमन करा.
ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମାଗଣର ସେବକ ସମସ୍ତେ ଓ ଦେବତାଗଣର ଦର୍ପକାରୀ ସମସ୍ତେ ଲଜ୍ଜିତ ହେଉନ୍ତୁ; ହେ ସମସ୍ତ ଦେବତାଗଣ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ପ୍ରଣାମ କର।
8 ८ सियोनेने हे ऐकले आणि आनंदित झाली, कारण हे परमेश्वरा, तुझ्या न्यायामुळे यहूदाच्या नगरांनी आनंद केला.
ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ତୁମ୍ଭ ଶାସନ ବିଷୟ ସିୟୋନ ଶୁଣି ଆନନ୍ଦିତ ହେଲା ଓ ଯିହୁଦାର କନ୍ୟାଗଣ ଉଲ୍ଲସିତ ହେଲେ।
9 ९ कारण हे परमेश्वरा, सर्व पृथ्वीवर तू परात्पर आहेस. तू सर्व देवापेक्षा खूपच उंचावलेला आहेस.
କାରଣ ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ତୁମ୍ଭେ ସମୁଦାୟ ପୃଥିବୀରେ ସର୍ବୋପରିସ୍ଥ; ତୁମ୍ଭେ ସକଳ ଦେବ ଉପରେ ଅତିଶୟ ଉନ୍ନତ।
10 १० जे तुम्ही परमेश्वरावर प्रीती करता, ते तुम्ही वाईटाचा द्वेष करा, तो आपल्या भक्तांच्या जीवाचे रक्षण करतो, आणि तो त्यास दुष्टांच्या हातातून सोडवतो.
ହେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ପ୍ରେମକାରୀଗଣ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ମନ୍ଦତା ଘୃଣା କର; ସେ ଆପଣା ସଦ୍ଭକ୍ତମାନଙ୍କ ପ୍ରାଣ ରକ୍ଷା କରନ୍ତି। ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଦୁଷ୍ଟମାନଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କରନ୍ତି;
11 ११ नितीमानासाठी प्रकाश आणि जे सरळ अंतःकरणाचे आहेत त्यांच्यासाठी हर्ष पेरला आहे.
ଧାର୍ମିକମାନଙ୍କ ପାଇଁ ଦୀପ୍ତି ଓ ସରଳମନାମାନଙ୍କ ପାଇଁ ଆନନ୍ଦ ବୁଣା ଯାଇଅଛି।
12 १२ अहो नितीमानांनो, परमेश्वराठायी आनंदी व्हा. त्याच्या पवित्र नावाला धन्यवाद द्या.
ହେ ଧାର୍ମିକଗଣ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରେ ଆନନ୍ଦ କର; ପୁଣି, ତାହାଙ୍କ ପବିତ୍ର ନାମର ଧନ୍ୟବାଦ କର।