< गणना 21 >
1 १ अरादाचा कनानी राजा नेगेबमध्ये राहत होता. इस्राएल लोक अथारीम वरून जात आहेत हे त्याने ऐकले. म्हणून राजा त्यांच्यावर हल्ला करण्यासाठी बाहेर पडला आणि त्याने त्यांच्यातील काही लोकांस कैद केले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଇସ୍ରାଏଲ ଅଥାରୀମର ପଥ ଦେଇ ଆସୁଅଛନ୍ତି, ଏହି କଥା ଶୁଣି ଦକ୍ଷିଣ ପ୍ରଦେଶ ନିବାସୀ କିଣାନ ବଂଶୀୟ ଅରାଦର ରାଜା ଇସ୍ରାଏଲର ପ୍ରତିକୂଳରେ ଯୁଦ୍ଧ କଲେ ଓ ସେମାନଙ୍କର କେତେକ ଲୋକଙ୍କୁ ଧରି ବନ୍ଦୀ କଲେ।
2 २ नंतर इस्राएल लोकांनी परमेश्वरास खास वचन दिले, परमेश्वरा या लोकांचा पराभव करायला आम्हास मदत कर. जर तू हे केले तर आम्ही तुला त्यांची शहरे देऊ. आम्ही त्यांचा संपूर्ण नाश करु.
ତହିଁରେ ଇସ୍ରାଏଲ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ମାନତ କରି କହିଲେ, “ଯଦି ତୁମ୍ଭେ ଏହି ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଆମ୍ଭ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିବ, ଯଦି ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ନଗରସବୁ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ରୂପେ ବିନାଶ କରିବା।”
3 ३ परमेश्वराने इस्राएल लोकांचे म्हणणे ऐकले आणि त्याने इस्राएल लोकांस कनानी लोकांचा पराभव करायला मदत केली. इस्राएल लोकांनी कनानी लोकांचा व त्यांच्या शहरांचा संपूर्ण नाश केला. म्हणून त्या प्रदेशाला हर्मा असे नाव पडले.
ଏଥିରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ରବରେ କର୍ଣ୍ଣପାତ କରି ସେହି କିଣାନୀୟମାନଙ୍କୁ ସମର୍ପଣ କଲେ; ତହିଁରେ ସେମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ଓ ସେମାନଙ୍କ ସମସ୍ତ ନଗର ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ରୂପେ ବିନାଶ କଲେ, ପୁଣି, ସେହି ସ୍ଥାନର ନାମ ହର୍ମା ହେଲା।
4 ४ इस्राएल लोकांनी होर पर्वत सोडला व ते तांबड्या समुद्राकडे जाणाऱ्या रस्त्याला लागले. अदोम देशाला वळसा घालून जाण्यासाठी त्यांनी असे केले. परंतु लोक अधीर झाले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ଇଦୋମ ଦେଶ ପ୍ରଦକ୍ଷିଣ କରିବା ନିମନ୍ତେ ହୋର ପର୍ବତରୁ ସୂଫ ସାଗର ପଥ ଦେଇ ଯାତ୍ରା କଲେ; ପୁଣି, ପଥ ସକାଶୁ ଲୋକମାନଙ୍କର ପ୍ରାଣ ଅତି ସାହସହୀନ ହେଲା।
5 ५ त्यांनी मोशेविरूद्ध व देवाविरूद्ध तक्रार करायला सुरुवात केली. लोक म्हणाले, तू आम्हास या रानात मरण्यासाठी मिसर देशातून बाहेर का आणलेस? इथे भाकरी नाही, पाणी नाही आणि या हलक्या अन्नाला आम्ही कंटाळलो आहोत.
ତହିଁରେ ଲୋକମାନେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଓ ମୋଶାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ କହିଲେ, “କାହିଁକି ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ପ୍ରାନ୍ତରରେ ମାରିବାକୁ ମିସର ଦେଶରୁ ବାହାର କରି ଆଣିଲ?” ଦେଖ, ଏଠାରେ ରୁଟି ନାହିଁ ଓ ଜଳ ନାହିଁ; ପୁଣି, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରାଣ ଏହି ଲଘୁ ଅନ୍ନକୁ ଘୃଣା କରେ।
6 ६ तेव्हा परमेश्वराने लोकांमध्ये विषारी साप सोडले. साप लोकांस चावले आणि बरेच इस्राएल लोक मरण पावले.
ସେତେବେଳେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟକୁ ବିଷାକ୍ତ ସର୍ପଗୁଡ଼ିକୁ ପ୍ରେରଣ କରନ୍ତେ, ସେମାନେ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଦଂଶନ କଲେ; ତହିଁରେ ଇସ୍ରାଏଲର ଅନେକ ଲୋକ ମଲେ।
7 ७ लोक मोशेकडे आले आणि म्हणाले, आम्ही तुझ्याविरूद्ध आणि परमेश्वराविरूद्ध बोललो तेव्हा आम्ही पाप केले हे आम्हास माहीत आहे. तू परमेश्वराची प्रार्थना कर. हे साप आमच्या मधून काढून टाक. तेव्हा मोशेने लोकांसाठी परमेश्वराची प्रार्थना केली.
ଏନିମନ୍ତେ ଲୋକମାନେ ମୋଶାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସି କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେମାନେ ପାପ କରିଅଛୁ, କାରଣ ଆମ୍ଭେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଓ ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ କଥା କହିଅଛୁ; ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କର ଯେପରି ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟରୁ ଏହି ସର୍ପମାନଙ୍କୁ ଦୂର କରିବେ।” ତେଣୁ ମୋଶା ଲୋକମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ପ୍ରାର୍ଥନା କଲେ।
8 ८ परमेश्वर मोशेला म्हणाला, एक पितळेचा साप कर आणि तो खांबावर ठेव. साप चावल्यानंतर जर एखाद्याने खांबावरच्या पितळेच्या सापाकडे पाहिले तर तो मनुष्य मरणार नाही.
ତେବେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଗୋଟିଏ ବିଷାକ୍ତ ସର୍ପର ନମୁନା ନିର୍ମାଣ କରି ପତାକା-ଦଣ୍ଡ ଉପରେ ରଖ; ତହିଁରେ ସର୍ପଦ୍ରଂଷ୍ଟ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଲୋକ ତାହା ପ୍ରତି ଅନାଇଲେ ବଞ୍ଚିବ।”
9 ९ मोशेने परमेश्वराची आज्ञा पाळली त्याने पितळेचा साप बनवला व तो खांबावर ठेवला. नंतर जेव्हा जेव्हा एखाद्या साप चावलेल्या मनुष्याने त्या खांबावरच्या पितळेच्या सापाकडे पाहिले तेव्हा तो जिवंत राहिला.
ତହୁଁ ମୋଶା ପିତ୍ତଳର ଏକ ସର୍ପ ନିର୍ମାଣ କରି ପତାକା-ଦଣ୍ଡ ଉପରେ ରଖିଲେ; ତହିଁରେ ସର୍ପ କୌଣସି ମନୁଷ୍ୟକୁ ଦଂଶନ କଲେ, ସେ ସେହି ପିତ୍ତଳ ସର୍ପ ପ୍ରତି ଦୃଷ୍ଟିପାତ କରନ୍ତେ, ବଞ୍ଚିଲା।
10 १० इस्राएल लोक तो प्रदेश सोडून ओबोथ येथे आले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ଯାତ୍ରା କରି ଓବୋତରେ ଛାଉଣି ସ୍ଥାପନ କଲେ।
11 ११ नंतर ओबोथ सोडून त्यांनी ईये-अबारीमाला मवाबाच्या पूर्वेकडे रानात तळ दिला.
ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଓବୋତରୁ ଯାତ୍ରା କରି ସୂର୍ଯ୍ୟୋଦୟ ଦିଗରେ ମୋୟାବର ସମ୍ମୁଖସ୍ଥିତ ପ୍ରାନ୍ତରରେ ଇୟୀ-ଅବାରୀମରେ ଛାଉଣି ସ୍ଥାପନ କଲେ।
12 १२ तो सोडून ते जेरेद खोऱ्यात आले व तिथे तळ दिला.
ସେମାନେ ସେଠାରୁ ଯାତ୍ରା କରି ସେରଦ୍ ଉପତ୍ୟକାରେ ଛାଉଣି ସ୍ଥାପନ କଲେ।
13 १३ ते तेथूनही निघाले आणि आर्णोन नदीत्या पैलतीरावरच्या वाळवंटात त्यांनी तळ दिला. या नदीचा उगम आमोऱ्याच्या सरहद्दीवर आहे. या नदीचे खोरे हीच मवाब आणि अमोरी यांची सरहद्द होती.
ସେଠାରୁ ସେମାନେ ଯାତ୍ରା କରି ଇମୋରୀୟମାନଙ୍କର ସୀମାରୁ ନିର୍ଗତ ଅର୍ଣ୍ଣୋନର ଅନ୍ୟ ପାରିସ୍ଥିତ ପ୍ରାନ୍ତରରେ ଛାଉଣି ସ୍ଥାପନ କଲେ; କାରଣ ମୋୟାବର ଓ ଇମୋରୀୟମାନଙ୍କର ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ ଅର୍ଣ୍ଣୋନ ମୋୟାବର ସୀମା ଥିଲା।
14 १४ म्हणून परमेश्वराचे युद्ध या पुस्तकात पुढील शब्द लिहिले आहेत, सुफातला वाहेब व आर्णोनाची खोरी,
ଏନିମନ୍ତେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଯୁଦ୍ଧର ନଳାକାର ପୁସ୍ତକରେ କଥିତ ଅଛି, ଯଥା “ସୁଫଃରେ ବାହେବକୁ ଓ ଅର୍ଣ୍ଣୋନର ସକଳ ଉପତ୍ୟକା,
15 १५ त्या खोऱ्याची उतरण आर शहराकडे वळते, आणि मवाबाच्या सरहद्दीपर्यंत खाली जाते.
ପୁଣି, ଆରର ବାସସ୍ଥାନଗାମୀ ଓ ମୋୟାବ-ସୀମାର ପାର୍ଶ୍ଵସ୍ଥିତ ଗଡ଼ନ୍ତି ଉପତ୍ୟକାସକଳକୁ (ସେ ଜୟ କଲେ।”)
16 १६ तेथपासून ते बैर येथे प्रवास करीत गेले. ज्या विहिरीविषयी परमेश्वराने मोशेला सांगितले होते तीच ही विहिर आहे, “माझ्यासाठी लोकांस एकत्र जमव म्हणजे मी त्यांना पाणी देईन.”
ସେଠାରୁ ସେମାନେ (ଯାତ୍ରା କରି) ବେର (କୂପ) ନାମକ ସ୍ଥାନକୁ ଆସିଲେ। ସେହି କୂପ ବିଷୟରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଏହି ସ୍ଥାନରେ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଏକତ୍ର କର, ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ଜଳ ଦେବା।”
17 १७ नंतर इस्राएली हे गाणे गाइलेः विहिर, उसळून ये. त्या संबंधी गाणे गा.
ସେହି ସମୟରେ ଇସ୍ରାଏଲ ଏହି ଗୀତ ଗାନ କଲେ, “ହେ କୂପ, ଉଚ୍ଛୁଳି ଉଠ ତୁମ୍ଭେମାନେ ତହିଁ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଗାନ କର;
18 १८ आमच्या सरदारांनी विहीर खणली, सरदारांनी ही विहीर खणली. त्यांच्या राजदंडानी व आपल्या काठ्यांनी विहीर खणली, मग त्यांनी अरण्यापासून ते मत्तानापर्यंत प्रवास केला.
ଅଧିପତିମାନେ ସେହି କୂପ ଖୋଳିଛନ୍ତି, ଲୋକମାନଙ୍କର କୁଳୀନମାନେ ରାଜଦଣ୍ଡ ଓ ଆପଣା ଆପଣା ଯଷ୍ଟି ଘେନି ତାହା ଖୋଳିଛନ୍ତି।”
19 १९ लोक मत्तानाहून नाहालीयेलला गेले. नंतर ते नाहीलयेलासहून बामोथाला गेले.
ଏଉତ୍ତାରେ ସେମାନେ ପ୍ରାନ୍ତରରୁ ମତ୍ତାନକୁ ଓ ମତ୍ତାନଠାରୁ ନହଲୀୟେଲକୁ ଓ ନହଲୀୟେଲଠାରୁ ବାମୋତକୁ
20 २० लोक बामोथाहून मवाबाच्या खोऱ्यात गेले. या जागी पिसगा पर्वताच्या उंच माथा वाळवंटाकडे जातो. पिसगा पर्वताच्या उंच माथ्यावरुन वाळवंट दिसते.
ଓ ବାମୋତଠାରୁ ମୋୟାବ କ୍ଷେତ୍ରସ୍ଥିତ ଉପତ୍ୟକା ଦେଇ ପିସ୍ଗା ପର୍ବତର ଶୃଙ୍ଗକୁ ଯାତ୍ରା କଲେ, ତାହା ମରୁଭୂମି ଆଡ଼କୁ ଥିଲା।
21 २१ इस्राएल लोकांनी काही माणसे अमोऱ्याचा राजा सीहोन याच्याकडे पाठवली. ते राजास म्हणाले,
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଇସ୍ରାଏଲ ଇମୋରୀୟମାନଙ୍କ ରାଜା ସୀହୋନ ନିକଟକୁ ଏହା କହି ଦୂତ ପଠାଇଲେ;
22 २२ “आम्हास तुमच्या देशातून जाण्याची परवानगी द्या. आम्ही कोणत्याही शेतातून वा द्राक्षाच्या मळयातून जाणार नाही. आम्ही तुमच्या कोणत्याही विहिरीचे पाणी पिणार नाही. आम्ही केवळ राजामार्गवरुनच जाऊ.”
“ତୁମ୍ଭ ଦେଶ ଦେଇ ଆମ୍ଭକୁ ଯିବାକୁ ଦିଅ; ଆମ୍ଭେମାନେ ଶସ୍ୟକ୍ଷେତ୍ର କି ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଆଡ଼େ ଫେରିବୁ ନାହିଁ; ଆମ୍ଭେମାନେ କୂପରୁ ଜଳ ପାନ କରିବୁ ନାହିଁ; ଆମ୍ଭେମାନେ ତୁମ୍ଭ ସୀମା ପାର ହେବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ରାଜପଥ ଦେଇ ଗମନ କରିବୁ।”
23 २३ पण सीहोन राजाने इस्राएल लोकांस त्याच्या देशातून जाण्याची परवानगी दिली नाही. राजाने आपले सैन्य गोळा केले आणि तो रानाकडे कूच करीत निघाला. तो इस्राएल लोकांबरोबर युद्ध करण्यासाठी निघाला होता. याहसला राजाच्या सैन्याने इस्राएल लोकांशी युद्ध केले.
ଏଥିରେ ସୀହୋନ ଆପଣା ସୀମା ଦେଇ ଇସ୍ରାଏଲକୁ ଯିବା ପାଇଁ ଦେଲେ ନାହିଁ; ମାତ୍ର ସୀହୋନ ଆପଣାର ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କୁ ଏକତ୍ର କରି ଇସ୍ରାଏଲର ପ୍ରତିକୂଳରେ ପ୍ରାନ୍ତରକୁ ବାହାର ହେଲେ, ପୁଣି, ଯହସରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇ ଇସ୍ରାଏଲ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ କଲେ।
24 २४ पण इस्राएलानी त्याच्यावर तलवार चालविली. नंतर त्यांनी आर्णोन आणि यब्बोक नद्यांच्या मधला प्रदेश घेतला. त्यांनी अम्मोनी लोकांच्या सरहद्दीपर्यंतचा प्रदेश घेतला, ते त्या सरहद्दीवर थांबले कारण अम्मोनी लोक तिचे रक्षण करीत होते.
ତହିଁରେ ଇସ୍ରାଏଲ ଖଡ୍ଗଧାରରେ ତାଙ୍କୁ ଆଘାତ କରି ଅର୍ଣ୍ଣୋନଠାରୁ ଯବ୍ବୋକ୍ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ, ଅର୍ଥାତ୍, ଅମ୍ମୋନ-ସନ୍ତାନଗଣଙ୍କର ସୀମା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ, ତାହାର ଦେଶ ଅଧିକାର କଲେ; କାରଣ ଅମ୍ମୋନ-ସନ୍ତାନଗଣଙ୍କର ସୀମା ଦୃଢ଼ ଥିଲା।
25 २५ इस्राएल लोकांनी सगळी अमोऱ्यांची शहरे घेतली आणि तिथे रहायला सुरुवात केली. त्यांनी हेशबोन शहराचा व आजूबाजूच्या लहान शहरांचाही पराभव केला.
ଏହିରୂପେ ଇସ୍ରାଏଲ ସେହି ସମସ୍ତ ନଗର ହସ୍ତଗତ କଲେ ଓ ଇସ୍ରାଏଲ ଇମୋରୀୟମାନଙ୍କର ସମସ୍ତ ନଗରରେ, ଅର୍ଥାତ୍ ହିଷ୍ବୋନରେ ଓ ତହିଁର ସମସ୍ତ ନଗରରେ ବାସ କଲେ।
26 २६ हेशबोनामध्ये अमोऱ्यांचा राजा सीहोन राहत होता. पूर्वी सीहोनाने मवाबाच्या राजाशी युद्ध केले होते. सीहोनाने आर्णोन नदीपर्यंतचा प्रदेश घेतला होता.
କାରଣ ହିଷ୍ବୋନ ଇମୋରୀୟମାନଙ୍କ ରାଜା ସୀହୋନଙ୍କ ନଗର ଥିଲା, ସେ ମୋୟାବର ପୂର୍ବ ରାଜାର ପ୍ରତିକୂଳରେ ଯୁଦ୍ଧ କରି ତାହା ହସ୍ତରୁ ଅର୍ଣ୍ଣୋନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତାହାର ସମସ୍ତ ଦେଶ ନେଇଥିଲେ।
27 २७ यावरुन ते म्हणीमध्ये बोलतात; ते म्हणतात, हेशबोनाला या. पुन्हा सीहोनाचे शहर बांधू द्या, त्याची स्थापना होऊ द्या.
ଏନିମନ୍ତେ କବିମାନେ କହନ୍ତି, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ହିଷ୍ବୋନକୁ ଆସ, ସୀହୋନର ନଗର ନିର୍ମିତ ଓ ଦୃଢ଼ୀକୃତ ହେଉ;
28 २८ हेशबोनामधून आग निघाली आहे, ज्वाला सीहोनाच्या शहरातून निघाली आहे. त्या आगीत मवाबामधले आर शहर बेचीराख झाले. आणि आर्णोनेच्या गढ्याचे स्वामी भस्म करून टाकले आहेत.
କାରଣ ହିଷ୍ବୋନଠାରୁ ଅଗ୍ନି, ସୀହୋନ ନଗରଠାରୁ ଅଗ୍ନିଶିଖା ନିର୍ଗତ ହୋଇଅଛି; ତାହା ମୋୟାବର ଆର ନଗରକୁ, ଅର୍ଣ୍ଣୋନସ୍ଥ ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀର ଦେବଗଣକୁ ଗ୍ରାସ କରିଅଛି।
29 २९ हे मवाबा! तू हायहाय करशील, कमोशाचे लोक नष्ट झाले. त्याची मुले पळून गेली. त्याच्या मुलींना अमोऱ्याचा राजा सीहोन याने कैद करून पकडून नेले.
ହେ ମୋୟାବ, ତୁମ୍ଭର ସନ୍ତାପ ହେଲା! ହେ କମୋଶର ଲୋକଗଣ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ ହେଲ; ସେ ତାହାର ପୁତ୍ରଗଣକୁ ପଳାତକ ରୂପେ ଓ ତାହାର କନ୍ୟାଗଣକୁ ବନ୍ଦୀ ରୂପେ ଇମୋରୀୟ ରାଜା ସୀହୋନର ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିଅଛି;
30 ३० पण आम्ही सीहोन जिंकले आहे. दीबोनापर्यंत हेशबोन सर्व नष्ट झाले आहे. आम्ही नोफा जे मेदबाजवळ पोहचते तेथपर्यंत त्यांचा सर्व पराभव केला आहे.
ଆମ୍ଭେମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ବାଣ ମାରିଅଛୁ; ହିଷ୍ବୋନ ଦୀବୋନ୍ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ବିନଷ୍ଟ ହେଲା, ଆମ୍ଭେମାନେ ନୋଫହ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଧ୍ୱଂସ କଲୁ, ତାହା ମେଦବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ବ୍ୟାପଇ।”
31 ३१ याप्रमाणे इस्राएल लोक अमोऱ्यांच्या देशात राहू लागले.
ଏହିରୂପେ ଇସ୍ରାଏଲ ଇମୋରୀୟମାନଙ୍କ ଦେଶରେ ବାସ କଲେ।
32 ३२ मग मोशेने याजेर शहर बघण्यासाठी काही लोकांस पाठवले. त्यांनी त्यातली गावे हस्तगत करून घेतली आणि जे अमोरी लोक तेथे होते त्यांना घालवून दिले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମୋଶା ଯାସେର ଅନୁସନ୍ଧାନ କରିବା ପାଇଁ ଲୋକ ପଠାନ୍ତେ, ସେମାନେ ତହିଁର ସକଳ ନଗର ହସ୍ତଗତ କଲେ ଓ ସେଠାସ୍ଥିତ ଇମୋରୀୟମାନଙ୍କୁ ତଡ଼ିଦେଲେ।
33 ३३ नंतर इस्राएल लोक बाशानाच्या रस्त्याला लागले. बाशानाचा राजा ओग याने त्याचे सैन्य घेतले व तो इस्राएल लोकांशी लढावयास निघाला. तो त्यांच्याबरोबर एद्रई येथे लढला.
ତହୁଁ ସେମାନେ ଫେରି ବାଶନର ପଥ ଦେଇ ଉଠିଗଲେ; ତହିଁରେ ବାଶନର ରାଜା ଓଗ୍, ସେ ଓ ତାହାର ସମସ୍ତ ଲୋକ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳରେ ବାହାର ହୋଇ ଇଦ୍ରିୟୀରେ ଯୁଦ୍ଧ କଲେ।
34 ३४ तेव्हा परमेश्वर मोशेला म्हणाला, “त्याला भिऊ नकोस. कारण मी तुला त्याच्यावर, त्याच्या सर्व सैन्यावर आणि त्याच्या देशावर विजय दिला आहे. तू हेशबोनमध्ये राहणाऱ्या अमोऱ्यांचा राजा सीहोन ह्याचे जे केलेस तेच याचेही कर.”
ସେହି ସମୟରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତାହାକୁ ଭୟ କର ନାହିଁ; କାରଣ ଆମ୍ଭେ ତାହାକୁ ଓ ତାହାର ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କୁ ଓ ତାହାର ଦେଶକୁ ତୁମ୍ଭ ହସ୍ତରେ ସମର୍ପଣ କରିଅଛୁ; ତୁମ୍ଭେ ହିଷ୍ବୋନବାସୀ ଇମୋରୀୟ ରାଜା ସୀହୋନ ପ୍ରତି ଯେରୂପ କଲ, ତାହା ପ୍ରତି ସେରୂପ କରିବ।”
35 ३५ तेव्हा त्यांनी त्याला, त्याच्या मुलांना आणि त्याच्या सर्व सैन्याला, इतके मारले की, त्याच्या लोकांपैकी कोणी जिवंत उरला नाही. मग त्यांनी त्यांचा सर्व प्रदेश घेतला.
ଏଣୁ ତାହାର କେହି ଅବଶିଷ୍ଟ ନ ରହିବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେମାନେ ତାହାକୁ ଓ ତାହାର ପୁତ୍ରଗଣକୁ ଓ ତାହାର ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କୁ ଆଘାତ କଲେ, ପୁଣି, ସେମାନେ ତାହାର ଦେଶ ଅଧିକାର କଲେ।