< गणना 11 >

1 इस्राएल लोक आपल्या त्रासाबद्दल कुरकुर करू लागले तसे परमेश्वराने ऐकले. परमेश्वराने लोकांचे ऐकले आणि तो रागावला. परमेश्वरापासूनचा अग्नी त्यांच्यात पेटला आणि त्याने छावणीच्या हद्दीवरचे काही भाग भस्म केले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଲୋକମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ କର୍ଣ୍ଣଗୋଚରରେ ମନ୍ଦ କଥା କହି ବଚସାକାରୀ ଲୋକମାନଙ୍କ ତୁଲ୍ୟ ହେଲେ; ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ତାହା ଶୁଣନ୍ତେ, ତାହାଙ୍କର କ୍ରୋଧ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଲା; ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ଅଗ୍ନି ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହୋଇ ଛାଉଣିର ପ୍ରାନ୍ତଭାଗ ଗ୍ରାସ କଲା।
2 तेव्हा लोकांनी मोशेकडे मदतीसाठी ओरड केली. मोशेने परमेश्वरास विनंती केली तेव्हा अग्नी विझला.
ଏନିମନ୍ତେ ଲୋକମାନେ ମୋଶାଙ୍କ ନିକଟରେ କ୍ରନ୍ଦନ କଲେ; ତହୁଁ ମୋଶା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରନ୍ତେ, ସେହି ଅଗ୍ନି ଲିଭିଗଲା।
3 त्यामुळे त्या ठिकाणाचे नांव तबेरा असे पडले. लोकांनी त्या ठिकाणाला तसे नांव दिले कारण परमेश्वराच्या अग्नीमुळे छावणीचा भाग जळून गेला.
ତେଣୁ ସେହି ସ୍ଥାନର ନାମ ତବୀୟେରା ହେଲା, କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଅଗ୍ନି ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଦହନ କଲା।
4 जे परराष्ट्रीय इस्राएल लोकाबरोबर राहत होते, त्यांना चांगले अन्न खावेसे वाटू लागले. इस्राएल लोकांनी तक्रार व रडण्यास करण्यास सुरवात केली. “आम्हांला मांस खावयास कोण देईल?
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ ମିଶ୍ରିତ ଲୋକମାନଙ୍କର ଜନତା ଲୋଭାକ୍ରାନ୍ତ ହେବାକୁ ଲାଗିଲେ; ପୁଣି, ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣ ମଧ୍ୟ ପୁନର୍ବାର ରୋଦନ କରି କହିଲେ, “କିଏ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ମାଂସ ଖାଇବାକୁ ଦେବ?
5 मिसरमध्ये आम्हास मासे फुकट खाण्यास मिळत होते. त्याचप्रमाणे तेथे आम्हास काकड्या, खरबूजे, फळभाजी, कांदे, लसूण मिळत असे त्याची आठवण आम्हास येते.
ଆମ୍ଭେମାନେ ମିସର ଦେଶରେ ବିନାମୂଲ୍ୟରେ ଯେଉଁ ମାଛ ଖାଉଥିଲୁ, ତାହା ମନରେ ପଡ଼େ; ସେ କାକୁଡ଼ି, ସେ ଖରଭୁଜ, ସେ ପରୁ, ସେ ପିଆଜ ଓ ରସୁଣ (ମନରେ ପଡ଼େ);
6 आता आम्ही कमजोर झालो आहोत. मान्न्याशिवाय आम्ही येथे काहीच पाहत नाही!”
ମାତ୍ର ଏବେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ପ୍ରାଣ ଶୁଷ୍କ ହେଉଅଛି; ଏଠି କିଛି ନାହିଁ; ଏହି ମାନ୍ନା ବ୍ୟତୀତ ଆଉ ଦେଖିବାକୁ କିଛି ନାହିଁ।”
7 हा मान्ना धण्याच्या बीसारखा होता, त्याचा रंग मोत्यासारखा होता.
ଆଉ ସେହି ମାନ୍ନା ଧନିଆ ପରି ଓ ତହିଁର ଦୃଶ୍ୟ ମୁକ୍ତା ସଦୃଶ।
8 लोक तो चोहोकडे फिरून गोळा करीत. तो जात्यात दळीत किंवा उखळात कुटीत, भांड्यात शिजवीत व त्याच्या भाकरी करीत. त्याची चव ताज्या जैतून तेलात तळलेल्या पुरीसारखी लागत असे.
ଲୋକମାନେ ଏଣେତେଣେ ଭ୍ରମଣ କରି ତାହା ସାଉଣ୍ଟିଲେ ଓ ଚକିରେ ତାହା ପେଷିଲେ, ଅବା କୁଟଣୀରେ ତାହା ଚୂର୍ଣ୍ଣ କରି କହ୍ରାଇରେ ସିଝେଇ କରି ପିଠା ପ୍ରସ୍ତୁତ କଲେ; ଆଉ ତୈଳପକ୍ୱ ପିଠା ପରି ତହିଁର ସ୍ୱାଦ ଥିଲା।
9 जेव्हा रात्री छावणीवर दहिवर पडले म्हणजे मान्नासुध्दा पडत असे.
ରାତ୍ରିରେ ଛାଉଣି ଉପରେ କାକର ପଡ଼ିଲା ସମୟରେ ସେହି ମାନ୍ନା ତହିଁ ସଙ୍ଗରେ ପଡ଼ିଲା।
10 १० सर्व लोक त्यांच्या कुटुंबात रडत असल्याचा आवाज मोशेने ऐकला. आणि प्रत्येक मनुष्य आपापल्या तंबूच्या दाराशी बसून रडत होते. परमेश्वराचा राग भयंकर भडकला आणि मोशेच्या दृष्टीने त्यांची तक्रार चूक होती.
ଏଉତ୍ତାରେ ଲୋକମାନେ ସମୁଦାୟ ପରିବାର ସହିତ, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଲୋକ ଆପଣା ତମ୍ବୁଦ୍ୱାର ନିକଟରେ ରୋଦନ କରିବାର ମୋଶା ଶୁଣିଲେ; ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର କ୍ରୋଧ ଅତିଶୟ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଲା; ପୁଣି, ମୋଶା ମଧ୍ୟ ଅସନ୍ତୁଷ୍ଟ ହେଲେ।
11 ११ मोशे परमेश्वरास म्हणाला, तू आपल्या दासास इतके वाइट का वागवतोस? तू माझ्यावर प्रसन्न नाहीस का? या सर्व लोकांचा भार तू मला वाहण्यास सांगतोस.
ତହୁଁ ମୋଶା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ କାହିଁକି ଆପଣା ଦାସ ପ୍ରତି ଅନିଷ୍ଟ ବ୍ୟବହାର କରିଅଛ? ଓ କାହିଁକି ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଅନୁଗ୍ରହ ପାଇ ନାହିଁ, ଯେ ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ଉପରେ ଏହି ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କ ଭାର ଦେଉଅଛ?
12 १२ मी या लोकांचे गर्भधारण केले काय? मी त्यांना जन्म दिला आहे का म्हणून तू म्हणतोस की, जसा पिता आपल्या बाळाला छातीशी धरून घेऊन जातो तसे मी त्यांना न्यावे? जो देश देण्याविषयी त्यांच्या पूर्वजांना तू शपथ दिली त्यांना मी घेऊन जावे का?
ମୁଁ କʼଣ ଏହି ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କୁ ଗର୍ଭରେ ଧାରଣ କରିଅଛି? ମୁଁ କʼଣ ସେମାନଙ୍କୁ ଜନ୍ମ କରିଅଛି ଯେ, ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ପୂର୍ବପୁରୁଷମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ଯେଉଁ ଦେଶ ବିଷୟରେ ଶପଥ କରିଥିଲ, ‘ସେହି ଦେଶ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଦୁଗ୍ଧପୋଷ୍ୟ ଶିଶୁ-ପାଳନକାରୀ ପିତା ତୁଲ୍ୟ ସେମାନଙ୍କୁ କୋଳରେ ବହି ଘେନିଯିବା ପାଇଁ ମୋତେ କହୁଅଛ?’
13 १३ एवढ्या लोकांस पुरेल एवढे मांस देण्यासाठी मी कोठे शोधू? ते माझ्याकडे आसवे गाळून रडत आहेत, ते म्हणतात आम्हास खावयास मांस दे!
ମୁଁ ଏହି ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କୁ ଦେବା ପାଇଁ ମାଂସ କେଉଁଠାରୁ ପାଇବି? କାରଣ ସେମାନେ ମୋʼ ନିକଟରେ କାନ୍ଦି କହୁଅଛନ୍ତି, ‘ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ମାଂସ ଦିଅ,’ ଆମ୍ଭେମାନେ ଖାଇବା।
14 १४ मी एकटा या सर्वांची काळजी घेऊ शकत नाही. हे माझ्यासाठी फारच जड आहे.
ମୁଁ ଏକାକୀ ଏତେ ଲୋକଙ୍କର ଭାର ବହି ନ ପାରେ, କାରଣ ଏହା ମୋʼ ପାଇଁ ଅସହ୍ୟ ଅଟେ।
15 १५ जर तू मला अशा मार्गाने वागवतोस, तुझी दया माझ्यावर असल्यास मला आता मारुन टाक आणि माझे दुःख दूर कर.
ଆଉ ଯଦି ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ପ୍ରତି ଏପରି ବ୍ୟବହାର କର, ତେବେ ବିନୟ କରୁଅଛି, ମୁଁ ତୁମ୍ଭ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଅନୁଗ୍ରହପାତ୍ର ହୋଇଥିଲେ, ସେହିକ୍ଷଣି ମୋତେ ମାରି ପକାଅ; ପୁଣି, ମୋତେ ଆପଣା ଦୁର୍ଗତି ଦେଖିବାକୁ ଦିଅ ନାହିଁ।”
16 १६ परमेश्वर मोशेला म्हणाला, इस्राएलाच्या वडिलांचे सत्तर मनुष्ये मजकडे आण. मंडळीचे नेते असलेल्या या लोकांस दर्शनमंडपाच्या दारापाशी आण; व तुझ्याबरोबर त्यांना उभे कर.
ସେତେବେଳେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଯେଉଁମାନଙ୍କୁ ଲୋକମାନଙ୍କର ପ୍ରାଚୀନ ଓ ଅଧିପତି ବୋଲି ଜାଣୁଅଛ, ଇସ୍ରାଏଲର ଏପରି ସତୁରି ଜଣ ପ୍ରାଚୀନ ଲୋକଙ୍କୁ ଆମ୍ଭ ନିକଟରେ ଏକତ୍ର କର; ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କୁ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁ ଦ୍ୱାର ନିକଟକୁ ଆଣ, ସେମାନେ ତୁମ୍ଭ ସଙ୍ଗେ ସେଠାରେ ଠିଆ ହେବେ।
17 १७ मग मी खाली येऊन तेथे तुझ्याशी बोलेन. मग तुझ्यावर असलेल्या आत्म्यातून काही भाग मी त्यांनाही देईन. मग लोकांची काळजी घेण्यास ते तुला मदत करतील. ह्याप्रकारे इस्राएल लोकांची जबाबदारी केवळ तुझ्या एकट्यावर राहणार नाही.
ତହିଁରେ ଆମ୍ଭେ ସେହି ସ୍ଥାନକୁ ଓହ୍ଲାଇ ଆସି ତୁମ୍ଭ ସଙ୍ଗେ କଥା କହିବା ଓ ତୁମ୍ଭଠାରେ ଯେଉଁ ଆତ୍ମା ଅଛି, ତହିଁରୁ ନେଇ ସେମାନଙ୍କୁ ଦେବା; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭେ ଯେପରି ଏକାକୀ ଲୋକମାନଙ୍କର ଭାର ନ ବହିବ, ଏଥିପାଇଁ ସେମାନେ ତୁମ୍ଭ ସହିତ ଲୋକମାନଙ୍କର ଭାର ବହିବେ।
18 १८ लोकांस सांग उद्या तुम्ही स्वत: शुद्ध राहा म्हणजे तुम्हास मांस खावयास मिळेल. परमेश्वराने तुमचे रडगाणे ऐकले आहे. आम्हास मांस खाण्यास पाहिजे! आम्ही मिसरमध्ये होतो ते बरे होते, असे तुम्ही म्हणाला ते शब्दही परमेश्वराने ऐकले आहेत. तेव्हा आता परमेश्वर तुम्हास मांस देईल आणि तुम्ही ते खाल.
ପୁଣି, ତୁମ୍ଭେ ଲୋକମାନଙ୍କୁ କୁହ, ‘ତୁମ୍ଭେମାନେ କାଲି ପାଇଁ ଆପଣା ଆପଣାକୁ ପବିତ୍ର କର, ଆଉ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମାଂସ ଖାଇବ; କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ କର୍ଣ୍ଣଗୋଚରରେ କ୍ରନ୍ଦନ କରି କହିଅଛ, କିଏ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ମାଂସ ଖାଇବାକୁ ଦେବ? ବରଞ୍ଚ ମିସର ଦେଶରେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ମଙ୍ଗଳ ଥିଲା; ଏନିମନ୍ତେ ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ମାଂସ ଦେବେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ତାହା ଖାଇବ।
19 १९ तुम्ही ते एक, किंवा दोन, किंवा पाच, किंवा दहा दिवस, वीस दिवसच नाही तर,
ତୁମ୍ଭେମାନେ ଦିନେ କିମ୍ବା ଦୁଇ ଦିନ କିମ୍ବା ପାଞ୍ଚ ଦିନ କିମ୍ବା ଦଶ ଦିନ କିମ୍ବା କୋଡ଼ିଏ ଦିନ ଖାଇବ, ତାହା ନୁହେଁ;
20 २० परंतु तुम्ही ते पूर्ण महिनाभर तुमच्या नाकपुड्यातून निघेपर्यंत आणि तुम्हास शिसारी येईपर्यंत तुम्ही ते खाल. कारण तुम्ही जो परमेश्वर तुम्हामध्ये राहतो त्यास तुम्ही नाकारले आहे. तुम्ही त्याच्यासमोर रडला. तुम्ही म्हणाला, आम्ही मिसर देश का सोडला?
ମାତ୍ର ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଏକ ମାସ, ଯେପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନାସିକାରୁ ନିର୍ଗତ ଓ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ଘୃଣାଯୋଗ୍ୟ ନ ହୁଏ, ସେପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଖାଇବ; କାରଣ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟବର୍ତ୍ତୀ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ଅଗ୍ରାହ୍ୟ କରି ତାହାଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ କ୍ରନ୍ଦନ କରି କହିଅଛ, ଆମ୍ଭେମାନେ କାହିଁକି ମିସରରୁ ବାହାରି ଆସିଲୁ।’”
21 २१ नंतर मोशे म्हणाला, परमेश्वरा येथे सहा लाख लोक आहेत आणि तू म्हणतोस की, ह्याना पूर्ण महिनाभर पुरेल एवढे मांस मी खावयास देईन!
ତେବେ ମୋଶା କହିଲେ, “ମୁଁ ଯେଉଁ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଅଛି, ସେମାନେ ଛଅ ଲକ୍ଷ ପଦାତିକ; ତଥାପି ତୁମ୍ଭେ କହୁଅଛ, ‘ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ମାଂସ ଦେବା, ସେମାନେ ତାହା ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଏକ ମାସ ଖାଇବେ।’
22 २२ आम्ही त्यांना तृप्त करावे म्हणून शेरडेमेंढरे व गुरेढोर कापावीत काय? किंवा समुद्रातील सर्व मासे त्यांच्यासाठी गोळा करून आणावे काय?
ସେମାନଙ୍କୁ ଅଣ୍ଟିବା ଭଳି କʼଣ ପଲ ପଲ ଗୋମେଷ ବଧ କରାଯିବ? ଅବା ସେମାନଙ୍କୁ ଅଣ୍ଟିବା ଭଳି ସମୁଦ୍ରର ସବୁ ମାଛ କʼଣ ଏକତ୍ର କରାଯିବ?”
23 २३ परमेश्वर मोशेला म्हणाला, “माझा हात तोकडा आहे काय? आता माझे शब्द खरे आहेत की नाही हे तू पाहशील.”
ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ହସ୍ତ କି ସଙ୍କୁଚିତ ହୋଇଅଛି? ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ଆମ୍ଭର ବାକ୍ୟ ସଫଳ ହେବ କି ନାହିଁ, ତୁମ୍ଭେ ଏବେ ତାହା ଦେଖିବ।”
24 २४ मोशे बाहेर गेला आणि परमेश्वर जे बोलला ते लोकांस सांगितले. मग मोशेने मंडळीच्या सत्तर वडिलांना एकत्र जमविले आणि त्याने त्यांना तंबू सभोवती उभे केले.
ଏଥିରେ ମୋଶା ବାହାରକୁ ଯାଇ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର କଥା କହିଲେ, ପୁଣି, ସେ ଲୋକମାନଙ୍କର ପ୍ରାଚୀନବର୍ଗ ମଧ୍ୟରୁ ସତୁରି ଜଣଙ୍କୁ ଏକତ୍ର କରି ତମ୍ବୁର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ରଖିଲେ।
25 २५ मग परमेश्वर ढगात उतरून आला आणि मोशेशी बोलला. मोशेवर परमेश्वराचा आत्मा होता. त्यातून काही घेऊन परमेश्वराने ते त्या सत्तर वडिलावर ठेवला. तो आत्मा आल्यावर ते संदेश सांगू लागले. परंतु त्यानंतर मात्र त्यांनी पुन्हा संदेश सांगितला नाही.
ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମେଘରେ ଓହ୍ଲାଇ ତାଙ୍କ ସହିତ କଥା କହିଲେ, ଆଉ ଯେଉଁ ଆତ୍ମା ତାଙ୍କଠାରେ ଥିଲା, ତହିଁରୁ ନେଇ ସତୁରି ପ୍ରାଚୀନଙ୍କୁ ଦେଲେ; ପୁଣି, ସେହି ଆତ୍ମା ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ଅବସ୍ଥାନ କରନ୍ତେ, ସେମାନେ ଭବିଷ୍ୟତ କଥା ପ୍ରଚାର କଲେ, ମାତ୍ର ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଆଉ କଲେ ନାହିଁ।
26 २६ त्यातील दोन वडील एलदाद व मेदाद छावणीच्या बाहेर गेले नाहीत. त्यांची नांवे वडीलांच्या यादीत होती. परंतु ते छावणीतच राहिले; त्यामुळे आत्मा त्यांच्यावरही आला आणि ते छावणीतच संदेश सांगू लागले.
ମାତ୍ର ଛାଉଣି ମଧ୍ୟରେ ଦୁଇ ଜଣ ଅବଶିଷ୍ଟ ରହିଲେ, ଜଣକର ନାମ ଇଲଦଦ୍‍ ଓ ଅନ୍ୟର ନାମ ମେଦଦ୍‍; ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ସେହି ଆତ୍ମା ଅବସ୍ଥିତି କଲା; ସେମାନେ ସେହି ଲିଖିତ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଥିଲେ, ମାତ୍ର ବାହାର ହୋଇ ତମ୍ବୁ ନିକଟକୁ ଯାଇ ନ ଥିଲେ; ସେମାନେ ଛାଉଣି ମଧ୍ୟରେ ଥାଇ ଭବିଷ୍ୟତ କଥା ପ୍ରଚାର କଲେ।
27 २७ तेव्हा एका तरुणाने पळत जाऊन मोशेला हे सांगितले. तो म्हणाला, एलदाद व मेदाद हे छावणीत संदेश सांगत आहेत.
ତହୁଁ ଜଣେ ଯୁବା ଦୌଡ଼ିଯାଇ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲା, “ଇଲଦଦ୍‍ ଓ ମେଦଦ୍‍ ଛାଉଣି ମଧ୍ୟରେ ଭବିଷ୍ୟତ କଥା ପ୍ରଚାର କରୁଅଛନ୍ତି।”
28 २८ तेव्हा नूनाचा मुलगा यहोशवा मोशेला म्हणाला, मोशे, माझे स्वामी तुम्ही त्यांना बंदी घाला. यहोशवा तरुण असल्यापासून मोशेचा मदतनीस होता.
ତହିଁରେ (ନୂନର ପୁତ୍ର ଯିହୋଶୂୟ ନାମକ) ମୋଶାଙ୍କର ଜଣେ ମନୋନୀତ ପରିଚାରକ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ହେ ମୋହର ପ୍ରଭୁ ମୋଶା, ସେମାନଙ୍କୁ ନିଷେଧ କରନ୍ତୁ।”
29 २९ मोशेने त्यास उत्तर दिले, माझ्या प्रतिष्ठेसाठी तू त्यांचा हेवा करतोस काय? परमेश्वराचे सर्वच लोक संदेष्टे असते आणि परमेश्वराने त्या सर्वांवर आपला आत्मा ठेविला असता तर किती बरे होते.
ତେବେ ମୋଶା କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ ସକାଶୁ କʼଣ ଈର୍ଷା କରୁଅଛ? ପରମେଶ୍ୱର କରନ୍ତୁ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ସମସ୍ତ ଲୋକ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତା ହୁଅନ୍ତୁ ଓ ସଦାପ୍ରଭୁ ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ଆପଣା ଆତ୍ମା ଦିଅନ୍ତୁ!”
30 ३० मग मोशे व इस्राएलाच्या वडीलजनासह छावणीत परत गेला.
ଏଉତ୍ତାରେ ମୋଶା ଓ ଇସ୍ରାଏଲର ପ୍ରାଚୀନଗଣ ଛାଉଣିକୁ ଗମନ କଲେ।
31 ३१ मग परमेश्वराने समुद्रावरुन जोरदार वारा वाहावयास लाविला. त्या वाऱ्याने लावे पक्षी त्या भागात वाहून आणले. ते लावे पक्षी सर्व छावणीच्या भोंवती उडत राहिले. ते इतके होते की छावणीचे अंगण व सारा परिसर त्यांनी भरुन गेला. त्यांचा जमिनीपासून दोन हात उंचीचा थर साचला. मनुष्य एक दिवसभरात जितका दूर चालत जाईल तिथपर्यंत तो थर होता.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟରୁ ବାୟୁ ବହିଲା ଓ ତାହା ସମୁଦ୍ରରୁ ଭାଟୋଇ ପକ୍ଷୀ ଆଣିଲା, ପୁଣି, ଛାଉଣିର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗରେ ଏପାଖେ ଦିନକର ପଥ ଓ ସେପାଖେ ଦିନକର ପଥ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେମାନଙ୍କୁ ଭୂମିଠାରୁ ପ୍ରାୟ ଦୁଇ ହସ୍ତ ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱରେ ପକାଇଲା।
32 ३२ लोक बाहेर पडले व त्यांनी दिवसभर व रात्रभर लावे पक्षी गोळा केले आणि त्यांनी पूर्ण दुसरा दिवसभरही ते गोळा केले. ज्याने सर्वात कमी गोळा केले पक्षी त्यांचे दहा होमर भरले. त्यांनी लावे पक्षी सर्व छावणी सभोवती पसरून ठेवले.
ତହିଁରେ ଲୋକମାନେ ଛିଡ଼ା ହୋଇ ସେହି ସମସ୍ତ ଦିବାରାତ୍ର ଓ ପରଦିନ ସମସ୍ତ ଦିବସ ସେହି ଭାଟୋଇ ପକ୍ଷୀ ସଂଗ୍ରହ କଲେ; କେହି ଦଶ ହୋମରରୁ ଊଣା ସଂଗ୍ରହ କଲା ନାହିଁ; ଆଉ ସେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଛାଉଣିର ଚାରିଆଡ଼େ ତାହା ବିଛାଇ ରଖିଲେ।
33 ३३ ते मांस त्यांच्या दातात होते, ते चावण्याच्या आधीच परमेश्वराचा राग त्यांच्यावर भयंकर भडकला. त्यांने लोकांचा भयंकर आजाराने संहार केला.
ମାତ୍ର ସେମାନଙ୍କ ଦନ୍ତ ମଧ୍ୟରେ ମାଂସ ଥାଉ ଥାଉ, ଚୋବାଇଲା ପୂର୍ବେ, ଲୋକମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ କ୍ରୋଧ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଲା, ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଅତି ମହାମାରୀରେ ସଂହାର କଲେ।
34 ३४ त्या जागेला किब्रोथ-हत्तव्वा असे नांव दिले. कारण ज्या लोकांस मांस खाण्याची अतिशय तीव्र इच्छा झाली होती त्यांना तेथे पुरण्यात आले.
ତହିଁରେ ସେହି ସ୍ଥାନର ନାମ କିବ୍ରୋତ୍‍-ହତ୍ତାବା ହେଲା; ଯେହେତୁ ସେମାନେ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ଲୋକମାନଙ୍କୁ କବର ଦେଲେ।
35 ३५ किब्रोथ-हत्तव्वापासून लोकांनी हसेरोथ गावापर्यंत प्रवास केला व तेथे त्यांनी मुक्काम केला.
ଲୋକମାନେ କିବ୍ରୋତ୍‍-ହତ୍ତାବାଠାରୁ ହତ୍ସେରୋତକୁ ଯାତ୍ରା କରି ସେହିଠାରେ ରହିଲେ।

< गणना 11 >