< मत्तय 12 >

1 त्यावेळी एका शब्बाथ दिवशी येशू धान्याच्या शेतामधून चालला होता. शिष्याना भूक लागली होती, म्हणून ते कणसे मोडून खाऊ लागले.
অনন্তৰং যীশু ৰ্ৱিশ্ৰামৱাৰে শ্স্যমধ্যেন গচ্ছতি, তদা তচ্ছিষ্যা বুভুক্ষিতাঃ সন্তঃ শ্স্যমঞ্জৰীশ্ছৎৱা ছিৎৱা খাদিতুমাৰভন্ত|
2 जेव्हा परूश्यांनी हे पाहिले, तेव्हा ते येशूला म्हणाले, “पाहा, तुमचे शिष्य शब्बाथ दिवशी जे करू नये ते करीत आहेत.”
তদ্ ৱিলোক্য ফিৰূশিনো যীশুং জগদুঃ, পশ্য ৱিশ্ৰামৱাৰে যৎ কৰ্ম্মাকৰ্ত্তৱ্যং তদেৱ তৱ শিষ্যাঃ কুৰ্ৱ্ৱন্তি|
3 तेव्हा येशूने त्यांना म्हटले, दाविदाला व त्याच्याबरोबरच्या मनुष्यांना भूक लागली तेव्हा त्याने काय केले, हे तुम्ही कधी वाचले नाही काय?
স তান্ প্ৰত্যাৱদত, দাযূদ্ তৎসঙ্গিনশ্চ বুভুক্ষিতাঃ সন্তো যৎ কৰ্ম্মাকুৰ্ৱ্ৱন্ তৎ কিং যুষ্মাভি ৰ্নাপাঠি?
4 तो देवाच्या भवनात कसा गेला आणि ज्या समर्पित भाकरी त्याने व त्याच्याबरोबरच्या लोकांनी खाऊ नयेत, असे करणे नियमशास्त्राच्या विरूद्ध होते. फक्त याजकांनाच ती भाकर खाण्याची परवानगी होती. त्या त्यांनी कशा खाल्ल्या?
যে দৰ্শনীযাঃ পূপাঃ যাজকান্ ৱিনা তস্য তৎসঙ্গিমনুজানাঞ্চাভোজনীযাস্ত ঈশ্ৱৰাৱাসং প্ৰৱিষ্টেন তেন ভুক্তাঃ|
5 आणि प्रत्येक शब्बाथाच्या दिवशी परमेश्वराच्या भवनातील याजक भवनात शब्बाथ पवित्र पाळण्याविषयीचा नियम मोडीत असत हे तुम्ही नियमशास्त्रात वाचले नाही काय? परंतु तरी ते निर्दोष असत.
অন্যচ্চ ৱিশ্ৰামৱাৰে মধ্যেমন্দিৰং ৱিশ্ৰামৱাৰীযং নিযমং লঙ্ৱন্তোপি যাজকা নিৰ্দোষা ভৱন্তি, শাস্ত্ৰমধ্যে কিমিদমপি যুষ্মাভি ৰ্ন পঠিতং?
6 मी तुम्हास सांगतो की, परमेश्वराच्या भवनापेक्षा महान असा कोणीतरी येथे आहे.
যুষ্মানহং ৱদামি, অত্ৰ স্থানে মন্দিৰাদপি গৰীযান্ এক আস্তে|
7 पवित्र शास्त्र म्हणते, मला दया हवी आहे आणि यज्ञ पशू नको. याचा खरा अर्थ तुम्हास समजला असता तर तुम्ही या निर्दोष लोकांस दोष लावला नसता.
কিন্তু দযাযাং মে যথা প্ৰীতি ৰ্ন তথা যজ্ঞকৰ্ম্মণি| এতদ্ৱচনস্যাৰ্থং যদি যুযম্ অজ্ঞাসিষ্ট তৰ্হি নিৰ্দোষান্ দোষিণো নাকাৰ্ষ্ট|
8 कारण मनुष्याचा पुत्र शब्बाथाचा धनी आहे.
অন্যচ্চ মনুজসুতো ৱিশ্ৰামৱাৰস্যাপি পতিৰাস্তে|
9 नंतर येशूने ते ठिकाण सोडले व यहूद्यांच्या सभास्थानात तो गेला.
অনন্তৰং স তৎস্থানাৎ প্ৰস্থায তেষাং ভজনভৱনং প্ৰৱিষ্টৱান্, তদানীম্ একঃ শুষ্ককৰামযৱান্ উপস্থিতৱান্|
10 १० सभास्थानात हात वाळलेला एक मनुष्य होता. काही यहूद्यांनी येशूवर काही दोषारोप करता यावा या हेतूने त्यास विचारला, “शब्बाथ दिवशी रोग बरे करणे योग्य आहे काय?”
১০ততো যীশুম্ অপৱদিতুং মানুষাঃ পপ্ৰচ্ছুঃ, ৱিশ্ৰামৱাৰে নিৰামযৎৱং কৰণীযং ন ৱা?
11 ११ येशूने त्यांना उत्तर दिले, “जर तुमच्यापैकी एखाद्याकडे मेंढरू असले व शब्बाथ दिवशी ते खड्ड्यात पडले, तर तो त्यास वर काढणार नाही काय?
১১তেন স প্ৰত্যুৱাচ, ৱিশ্ৰামৱাৰে যদি কস্যচিদ্ অৱি ৰ্গৰ্ত্তে পততি, তৰ্হি যস্তং ঘৃৎৱা ন তোলযতি, এতাদৃশো মনুজো যুষ্মাকং মধ্যে ক আস্তে?
12 १२ तर मग मनुष्य मेंढरापेक्षा कितीतरी अधिक मौल्यवान आहे. म्हणून नियमशास्त्र लोकांस शब्बाथ दिवशी चांगले करण्याची मोकळीक देते.”
১২অৱে ৰ্মানৱঃ কিং নহি শ্ৰেযান্? অতো ৱিশ্ৰামৱাৰে হিতকৰ্ম্ম কৰ্ত্তৱ্যং|
13 १३ मग येशू त्या वाळलेल्या हाताच्या मनुष्यास म्हणाला, “तुझा हात पुढे सरळ कर.” त्या मनुष्याने हात लांब केला व तो हात बरा झाला आणि दुसऱ्या हातासारखाच चांगला झाला.
১৩অনন্তৰং স তং মানৱং গদিতৱান্, কৰং প্ৰসাৰয; তেন কৰে প্ৰসাৰিতে সোন্যকৰৱৎ স্ৱস্থোঽভৱৎ|
14 १४ नंतर परूश्यांनी बाहेर जाऊन त्यास कसे मारावे याविषयी मसलत केली.
১৪তদা ফিৰূশিনো বহিৰ্ভূয কথং তং হনিষ্যাম ইতি কুমন্ত্ৰণাং তৎপ্ৰাতিকূল্যেন চক্ৰুঃ|
15 १५ परूशी काय करीत आहेत ते येशूला माहीत होते. म्हणून येशू तेथून गेला. पुष्कळ लोक येशूच्या मागे निघाले व त्याने जे कोणी रोगी होते, त्या सर्वांना बरे केले.
১৫ততো যীশুস্তদ্ ৱিদিৎৱা স্থনান্তৰং গতৱান্; অন্যেষু বহুনৰেষু তৎপশ্চাদ্ গতেষু তান্ স নিৰামযান্ কৃৎৱা ইত্যাজ্ঞাপযৎ,
16 १६ आणि त्याने त्यांना निक्षून सांगितले की, तो कोण आहे, हे इतरांना सांगू नका.
১৬যূযং মাং ন পৰিচাযযত|
17 १७ यशया संदेष्ट्याच्याद्वारे जे सांगितले गेले होते ते पूर्ण होण्यासाठी त्याने असे म्हटले.
১৭তস্মাৎ মম প্ৰীযো মনোনীতো মনসস্তুষ্টিকাৰকঃ| মদীযঃ সেৱকো যস্তু ৱিদ্যতে তং সমীক্ষতাং| তস্যোপৰি স্ৱকীযাত্মা মযা সংস্থাপযিষ্যতে| তেনান্যদেশজাতেষু ৱ্যৱস্থা সংপ্ৰকাশ্যতে|
18 १८ “हा माझा सेवक, याला मी निवडले आहे. मी त्याजवर प्रीती करतो आणि त्याच्याविषयी माझा जीव संतुष्ट वाटतो. मी आपला आत्मा त्याच्यावर ठेवीन, आणि तो परराष्ट्रीय लोकांस योग्य न्यायाची घोषणा करील.
১৮কেনাপি ন ৱিৰোধং স ৱিৱাদঞ্চ কৰিষ্যতি| ন চ ৰাজপথে তেন ৱচনং শ্ৰাৱযিষ্যতে|
19 १९ तो वाद घालणार नाही किंवा ओरडणार नाही, रस्त्यावर लोक त्याचा आवाज ऐकणार नाहीत.
১৯ৱ্যৱস্থা চলিতা যাৱৎ নহি তেন কৰিষ্যতে| তাৱৎ নলো ৱিদীৰ্ণোঽপি ভংক্ষ্যতে নহি তেন চ| তথা সধূমৱৰ্ত্তিঞ্চ ন স নিৰ্ৱ্ৱাপযিষ্যতে|
20 २० वाकलेला बोरू तो मोडणार नाही आणि मंदावलेली वात तो विझवणार नाही. न्याय विजयास होईपर्यंत तो असे करील.
২০প্ৰত্যাশাঞ্চ কৰিষ্যন্তি তন্নাম্নি ভিন্নদেশজাঃ|
21 २१ परराष्ट्रीय लोक त्याच्यावर आशा ठेवतील. येशूचे सामर्थ्य देवाकडून आहे.”
২১যান্যেতানি ৱচনানি যিশযিযভৱিষ্যদ্ৱাদিনা প্ৰোক্তান্যাসন্, তানি সফলান্যভৱন্|
22 २२ मग काही मनुष्यांनी एकाला येशूकडे आणले. तो मनुष्य आंधळा व मुका होता व त्याच्यामध्ये भूत होते. येशूने त्या मनुष्यास बरे केले व तो बोलू लागला व पाहू लागला.
২২অনন্তৰং লোকৈ স্তৎসমীপম্ আনীতো ভূতগ্ৰস্তান্ধমূকৈকমনুজস্তেন স্ৱস্থীকৃতঃ, ততঃ সোঽন্ধো মূকো দ্ৰষ্টুং ৱক্তুঞ্চাৰব্ধৱান্|
23 २३ सर्व लोक चकित झाले, ते म्हणाले, “हा दाविदाचा पुत्र असेल काय?”
২৩অনেন সৰ্ৱ্ৱে ৱিস্মিতাঃ কথযাঞ্চক্ৰুঃ, এষঃ কিং দাযূদঃ সন্তানো নহি?
24 २४ परूश्यांनी लोकांस हे बोलताना ऐकले. परूशी म्हणाले, “भूते काढण्यासाठी येशू बालजबूलचे सामर्थ्य वापरतो आणि बालजबूल हा तर भूतांचा अधिपती आहे.”
২৪কিন্তু ফিৰূশিনস্তৎ শ্ৰুৎৱা গদিতৱন্তঃ, বাল্সিবূব্নাম্নো ভূতৰাজস্য সাহায্যং ৱিনা নাযং ভূতান্ ত্যাজযতি|
25 २५ परूशी कसला विचार करीत आहेत ते येशूला जाणवत होते. म्हणून येशू त्यांना म्हणाला, “आपसात लढणारी राज्ये नाश पावतात व फूट पडलेले शहर किंवा घर टिकत नाही.
২৫তদানীং যীশুস্তেষাম্ ইতি মানসং ৱিজ্ঞায তান্ অৱদৎ কিঞ্চন ৰাজ্যং যদি স্ৱৱিপক্ষাদ্ ভিদ্যতে, তৰ্হি তৎ উচ্ছিদ্যতে; যচ্চ কিঞ্চন নগৰং ৱা গৃহং স্ৱৱিপক্ষাদ্ ৱিভিদ্যতে, তৎ স্থাতুং ন শক্নোতি|
26 २६ आणि जर सैतानच सैतानला काढतो तर त्यांच्यात मतभेद आहे, त्यांच्यात फूट आहे मग त्याचे राज्य कसे टिकेल?
২৬তদ্ৱৎ শযতানো যদি শযতানং বহিঃ কৃৎৱা স্ৱৱিপক্ষাৎ পৃথক্ পৃথক্ ভৱতি, তৰ্হি তস্য ৰাজ্যং কেন প্ৰকাৰেণ স্থাস্যতি?
27 २७ आणि मी जर बालजबूलाच्या सहाय्याने भूते काढतो तर तुमचे लोक कोणाच्या सामर्थ्याने भूते काढतात. म्हणून तुमचे स्वतःचे लोक तुमचा न्याय करतील.
২৭অহঞ্চ যদি বাল্সিবূবা ভূতান্ ত্যাজযামি, তৰ্হি যুষ্মাকং সন্তানাঃ কেন ভূতান্ ত্যাজযন্তি? তস্মাদ্ যুষ্মাকম্ এতদ্ৱিচাৰযিতাৰস্ত এৱ ভৱিষ্যন্তি|
28 २८ परंतु मी जर देवाच्या आत्म्याच्या साहाय्याने भूते काढतो तर देवाचे राज्य तुमच्यावर आले आहे.
২৮কিন্তৱহং যদীশ্ৱৰাত্মনা ভূতান্ ত্যাজযামি, তৰ্হীশ্ৱৰস্য ৰাজ্যং যুষ্মাকং সন্নিধিমাগতৱৎ|
29 २९ किंवा एखाद्या बलवान मनुष्याच्या घरात शिरून, त्याच्या घरातील सर्व वस्तूची चोरी जर कोणाला करायची असेल तर प्रथम त्या बलवान मनुष्यास तो बांधून टाकील व मग तो चोरी करील.
২৯অন্যঞ্চ কোপি বলৱন্ত জনং প্ৰথমতো ন বদ্ৱ্ৱা কেন প্ৰকাৰেণ তস্য গৃহং প্ৰৱিশ্য তদ্দ্ৰৱ্যাদি লোঠযিতুং শক্নোতি? কিন্তু তৎ কৃৎৱা তদীযগৃস্য দ্ৰৱ্যাদি লোঠযিতুং শক্নোতি|
30 ३० जो मनुष्य माझ्याबरोबर काम करीत नाही तो माझ्याविरुद्ध आहे आणि जो माझ्याबरोबर गोळा करत नाही तो उधळून टाकतो.
৩০যঃ কশ্চিৎ মম স্ৱপক্ষীযো নহি স ৱিপক্ষীয আস্তে, যশ্চ মযা সাকং ন সংগৃহ্লাতি, স ৱিকিৰতি|
31 ३१ म्हणून मी तुम्हास सांगतो, मनुष्यांना ते करीत असलेल्या सर्व पापांची व वाईट बोलतील त्याबद्दलही क्षमा करण्यात येईल पण जर कोणी पवित्र आत्म्याविरूद्ध बोलेल, तर त्यास क्षमा करण्यात येणार नाही.
৩১অতএৱ যুষ্মানহং ৱদামি, মনুজানাং সৰ্ৱ্ৱপ্ৰকাৰপাপানাং নিন্দাযাশ্চ মৰ্ষণং ভৱিতুং শক্নোতি, কিন্তু পৱিত্ৰস্যাত্মনো ৱিৰুদ্ধনিন্দাযা মৰ্ষণং ভৱিতুং ন শক্নোতি|
32 ३२ एखादा मनुष्य जर मनुष्याच्या पुत्राविरुद्ध काही बोलेल तर त्यास क्षमा करण्यात येईल पण जो कोणी पवित्र आत्म्याविरूद्ध बोलेल त्यास क्षमा होणार नाही. त्यास या युगातही क्षमा होणार नाही व येणाऱ्या युगातही होणार नाही. (aiōn g165)
৩২যো মনুজসুতস্য ৱিৰুদ্ধাং কথাং কথযতি, তস্যাপৰাধস্য ক্ষমা ভৱিতুং শক্নোতি, কিন্তু যঃ কশ্চিৎ পৱিত্ৰস্যাত্মনো ৱিৰুদ্ধাং কথাং কথযতি নেহলোকে ন প্ৰেত্য তস্যাপৰাধস্য ক্ষমা ভৱিতুং শক্নোতি| (aiōn g165)
33 ३३ झाड चांगले आणि त्याचे फळ चांगले असे म्हणा, अथवा झाड वाईट आणि त्याचे फळ वाईट असे म्हणा; कारण झाड त्याच्या फळावरून ओळखले जाते.
৩৩পাদপং যদি ভদ্ৰং ৱদথ, তৰ্হি তস্য ফলমপি সাধু ৱক্তৱ্যং, যদি চ পাদপং অসাধুং ৱদথ, তৰ্হি তস্য ফলমপ্যসাধু ৱক্তৱ্যং; যতঃ স্ৱীযস্ৱীযফলেন পাদপঃ পৰিচীযতে|
34 ३४ अहो सापाच्या पिल्लांनो, तुम्ही वाईट असता तुम्हास चांगल्या गोष्टी कशा बोलता येतील? जे अंतःकरणात आहे तेच तोंडावाटे बाहेर पडते.
৩৪ৰে ভুজগৱংশা যূযমসাধৱঃ সন্তঃ কথং সাধু ৱাক্যং ৱক্তুং শক্ষ্যথ? যস্মাদ্ অন্তঃকৰণস্য পূৰ্ণভাৱানুসাৰাদ্ ৱদনাদ্ ৱচো নিৰ্গচ্ছতি|
35 ३५ चांगला मनुष्य आपल्या चांगल्या भांडारातून चांगल्या गोष्टी काढतो आणि वाईट मनुष्य आपल्या वाईट भांडारातून वाईट गोष्टी काढतो.
৩৫তেন সাধুৰ্মানৱোঽন্তঃকৰণৰূপাৎ সাধুভাণ্ডাগাৰাৎ সাধু দ্ৰৱ্যং নিৰ্গমযতি, অসাধুৰ্মানুষস্ত্ৱসাধুভাণ্ডাগাৰাদ্ অসাধুৱস্তূনি নিৰ্গমযতি|
36 ३६ आणखी मी तुम्हास सांगतो की. जो प्रत्येक व्यर्थ शब्द लोक बोलतील त्याचा हिशोब ते न्यायाच्या दिवशी देतील.
৩৬কিন্ত্ৱহং যুষ্মান্ ৱদামি, মনুজা যাৱন্ত্যালস্যৱচাংসি ৱদন্তি, ৱিচাৰদিনে তদুত্তৰমৱশ্যং দাতৱ্যং,
37 ३७ कारण तू आपल्या बोलण्यावरून न्यायी ठरशील आणि आपल्या बोलण्यावरूनच दोषी ठरशील.”
৩৭যতস্ত্ৱং স্ৱীযৱচোভি ৰ্নিৰপৰাধঃ স্ৱীযৱচোভিশ্চ সাপৰাধো গণিষ্যসে|
38 ३८ काही नियमशास्त्राचे शिक्षक व परूशी यांच्यापैकी काहीजणांनी येशूला म्हटले, “गुरुजी, तुमच्या हातून एखादे चिन्ह पहावे अशी आमची इच्छा आहे.”
৩৮তদানীং কতিপযা উপাধ্যাযাঃ ফিৰূশিনশ্চ জগদুঃ, হে গুৰো ৱযং ভৱত্তঃ কিঞ্চন লক্ষ্ম দিদৃক্ষামঃ|
39 ३९ येशूने उत्तर दिले, “जे लोक देवाशी अप्रामाणिक आहेत, पापी आहेत असे लोक पुराव्यासाठी चमत्कार पाहू इच्छितात. पण योना संदेष्ट्याशिवाय दुसरे चिन्ह तुम्हास मिळणार नाही.
৩৯তদা স প্ৰত্যুক্তৱান্, দুষ্টো ৱ্যভিচাৰী চ ৱংশো লক্ষ্ম মৃগযতে, কিন্তু ভৱিষ্যদ্ৱাদিনো যূনসো লক্ষ্ম ৱিহাযান্যৎ কিমপি লক্ষ্ম তে ন প্ৰদৰ্শযিষ্যন্তে|
40 ४० कारण योना जसा तीन दिवस व तीन रात्री मोठ्या माशाच्या पोटात होता तसा मनुष्याचा पुत्र तीन दिवस व तीन रात्री पृथ्वीच्या पोटात राहील.
৪০যতো যূনম্ যথা ত্ৰ্যহোৰাত্ৰং বৃহন্মীনস্য কুক্ষাৱাসীৎ, তথা মনুজপুত্ৰোপি ত্ৰ্যহোৰাত্ৰং মেদিন্যা মধ্যে স্থাস্যতি|
41 ४१ जेव्हा तुमच्या पिढीचा न्याय होईल, तेव्हा निनवे शहराचे लोक उभे राहतील, तुमच्याविरुध्द साक्ष देतील आणि तुम्हास दोष देतील कारण त्यांनी योनाच्या उपदेशावरून पश्चात्ताप केला आणि आता तर तुमच्यामध्ये योनापेक्षा महान असा कोणीएक येथे आहे.
৪১অপৰং নীনিৱীযা মানৱা ৱিচাৰদিন এতদ্ৱংশীযানাং প্ৰতিকূলম্ উত্থায তান্ দোষিণঃ কৰিষ্যন্তি, যস্মাত্তে যূনস উপদেশাৎ মনাংসি পৰাৱৰ্ত্তযাঞ্চক্ৰিৰে, কিন্ত্ৱত্ৰ যূনসোপি গুৰুতৰ এক আস্তে|
42 ४२ न्यायाच्या दिवशी दक्षिणेकडील देशाची राणी या पिढीबरोबर उभी राहून हिला दोषी ठरवील कारण शलमोनाचे ज्ञान ऐकायला ती पृथ्वीच्या शेवटापासून आली आणि शलमोनापेक्षा महान असा कोणी येथे आहे.”
৪২পুনশ্চ দক্ষিণদেশীযা ৰাজ্ঞী ৱিচাৰদিন এতদ্ৱংশীযানাং প্ৰতিকূলমুত্থায তান্ দোষিণঃ কৰিষ্যতি যতঃ সা ৰাজ্ঞী সুলেমনো ৱিদ্যাযাঃ কথাং শ্ৰোতুং মেদিন্যাঃ সীম্ন আগচ্ছৎ, কিন্তু সুলেমনোপি গুৰুতৰ একো জনোঽত্ৰ আস্তে|
43 ४३ “जेव्हा अशुद्ध आत्मा मनुष्यास सोडून बाहेर निघून जातो तेव्हा तो पाणी नसलेल्या ठिकाणाहून विसावा शोधीत फिरतो पण तो त्यास मिळत नाही.
৪৩অপৰং মনুজাদ্ বহিৰ্গতো ঽপৱিত্ৰভূতঃ শুষ্কস্থানেন গৎৱা ৱিশ্ৰামং গৱেষযতি, কিন্তু তদলভমানঃ স ৱক্তি, যস্মা; নিকেতনাদ্ আগমং, তদেৱ ৱেশ্ম পকাৱৃত্য যামি|
44 ४४ तेव्हा तो म्हणतो, जेथून मी आलो त्या माझ्या घरात मी परत जाईन आणि जेव्हा तो परत येतो तेव्हा ते घर रिकामे असलेले तसेच स्वच्छ व नीटनेटके असे त्यास दिसते.
৪৪পশ্চাৎ স তৎ স্থানম্ উপস্থায তৎ শূন্যং মাৰ্জ্জিতং শোভিতঞ্চ ৱিলোক্য ৱ্ৰজন্ স্ৱতোপি দুষ্টতৰান্ অন্যসপ্তভূতান্ সঙ্গিনঃ কৰোতি|
45 ४५ नंतर तो जाऊन आपल्यापेक्षा दुष्ट असे दुसरे सात आणखी आत्मे आपल्याबरोबर घेतो व ते आत शिरून त्यास झपाटतात व त्याच्यात राहतात. मग त्या मनुष्याची शेवटची स्थिति पहिल्यापेक्षा वाईट होते. तसेच आजच्या या पापी पिढीचे होईल.”
৪৫ততস্তে তৎ স্থানং প্ৰৱিশ্য নিৱসন্তি, তেন তস্য মনুজস্য শেষদশা পূৰ্ৱ্ৱদশাতোতীৱাশুভা ভৱতি, এতেষাং দুষ্টৱংশ্যানামপি তথৈৱ ঘটিষ্যতে|
46 ४६ मग तो लोकसमुदायाबरोबर बोलत असता, त्याची आई व त्याचे भाऊ त्याच्याशी बोलण्यासाठी बाहेर वाट पाहत उभे होते.
৪৬মানৱেভ্য এতাসাং কথনাং কথনকালে তস্য মাতা সহজাশ্চ তেন সাকং কাঞ্চিৎ কথাং কথযিতুং ৱাঞ্ছন্তো বহিৰেৱ স্থিতৱন্তঃ|
47 ४७ तेव्हा कोणीतरी त्यास म्हणाले, “तुमची आई व भाऊ बाहेर उभे आहेत. ते तुमच्याशी बोलण्याची वाट पाहत आहेत.”
৪৭ততঃ কশ্চিৎ তস্মৈ কথিতৱান্, পশ্য তৱ জননী সহজাশ্চ ৎৱযা সাকং কাঞ্চন কথাং কথযিতুং কামযমানা বহিস্তিষ্ঠন্তি|
48 ४८ त्याच्याशी बोलणाऱ्याला त्याने उत्तर दिले, “कोण माझी आई? कोण माझा भाऊ?”
৪৮কিন্তু স তং প্ৰত্যৱদৎ, মম কা জননী? কে ৱা মম সহজাঃ?
49 ४९ मग तो आपल्या शिष्यांकडे हात करून म्हणाला, “पाहा, माझी आई व माझे भाऊ हे आहेत.
৪৯পশ্চাৎ শিষ্যান্ প্ৰতি কৰং প্ৰসাৰ্য্য কথিতৱান্, পশ্য মম জননী মম সহজাশ্চৈতে;
50 ५० कारण माझ्या स्वर्गीय पित्याच्या इच्छेनुसार जे वागतात, तेच माझे भाऊ, बहीण आणि आई.”
৫০যঃ কশ্চিৎ মম স্ৱৰ্গস্থস্য পিতুৰিষ্টং কৰ্ম্ম কুৰুতে, সএৱ মম ভ্ৰাতা ভগিনী জননী চ|

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