< मत्तय 12 >

1 त्यावेळी एका शब्बाथ दिवशी येशू धान्याच्या शेतामधून चालला होता. शिष्याना भूक लागली होती, म्हणून ते कणसे मोडून खाऊ लागले.
ସେହି ସମୟରେ ଯୀଶୁ ବିଶ୍ରାମବାର ଦିନରେ ଶସ୍ୟକ୍ଷେତ୍ର ଦେଇ ଗଲେ, ଆଉ ତାହାଙ୍କର ଶିଷ୍ୟମାନେ କ୍ଷୁଧିତ ହୋଇ ଶସ୍ୟର ଶିଁଷା ଛିଣ୍ଡାଇ ଖାଇବାକୁ ଲାଗିଲେ।
2 जेव्हा परूश्यांनी हे पाहिले, तेव्हा ते येशूला म्हणाले, “पाहा, तुमचे शिष्य शब्बाथ दिवशी जे करू नये ते करीत आहेत.”
କିନ୍ତୁ ଫାରୂଶୀମାନେ ତାହା ଦେଖି ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, ଦେଖ, ବିଶ୍ରାମବାର ଦିନରେ ଯାହା କରିବା ବିଧିସଙ୍ଗତ ନୁହେଁ, ତାହା ତୁମ୍ଭର ଶିଷ୍ୟମାନେ କରୁଅଛନ୍ତି।
3 तेव्हा येशूने त्यांना म्हटले, दाविदाला व त्याच्याबरोबरच्या मनुष्यांना भूक लागली तेव्हा त्याने काय केले, हे तुम्ही कधी वाचले नाही काय?
ମାତ୍ର ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଦାଉଦ ଓ ତାହାଙ୍କ ସଙ୍ଗୀମାନେ କ୍ଷୁଧିତ ହେବା ସମୟରେ ସେ କଅଣ କରୁଥିଲେ, ତାହା କି ତୁମ୍ଭେମାନେ ପାଠ କରି ନାହଁ?
4 तो देवाच्या भवनात कसा गेला आणि ज्या समर्पित भाकरी त्याने व त्याच्याबरोबरच्या लोकांनी खाऊ नयेत, असे करणे नियमशास्त्राच्या विरूद्ध होते. फक्त याजकांनाच ती भाकर खाण्याची परवानगी होती. त्या त्यांनी कशा खाल्ल्या?
ସେ କିପରି ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଗୃହରେ ପ୍ରବେଶ କରି, ଯେଉଁ ଉତ୍ସର୍ଗୀକୃତ ରୁଟି କେବଳ ଯାଜକମାନଙ୍କ ଭୋଜନ କରିବା ବିଧିସଙ୍ଗତ ଥିଲା, କିନ୍ତୁ ତାଙ୍କର ଓ ତାହାଙ୍କ ସଙ୍ଗୀମାନଙ୍କର ଭୋଜନ କରିବା ବିଧିସଙ୍ଗତ ନ ଥିଲା, ତାହା ସେମାନେ ଭୋଜନ କରିଥିଲେ।
5 आणि प्रत्येक शब्बाथाच्या दिवशी परमेश्वराच्या भवनातील याजक भवनात शब्बाथ पवित्र पाळण्याविषयीचा नियम मोडीत असत हे तुम्ही नियमशास्त्रात वाचले नाही काय? परंतु तरी ते निर्दोष असत.
କିମ୍ବା ବିଶ୍ରାମବାର ଦିନରେ ଯାଜକମାନେ ମନ୍ଦିର ମଧ୍ୟରେ ବିଶ୍ରାମବାରକୁ ଅପବିତ୍ର କଲେ ହେଁ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ଅଟନ୍ତି, ମୋଶାଙ୍କ ବ୍ୟବସ୍ଥାରେ ତୁମ୍ଭେମାନେ କଅଣ ଏହା ପାଠ କରି ନାହଁ?
6 मी तुम्हास सांगतो की, परमेश्वराच्या भवनापेक्षा महान असा कोणीतरी येथे आहे.
ମାତ୍ର ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହୁଅଛି, ମନ୍ଦିର ଅପେକ୍ଷା ମହତ ବିଷୟ ଏଠାରେ ଅଛି।
7 पवित्र शास्त्र म्हणते, मला दया हवी आहे आणि यज्ञ पशू नको. याचा खरा अर्थ तुम्हास समजला असता तर तुम्ही या निर्दोष लोकांस दोष लावला नसता.
କିନ୍ତୁ ଆମ୍ଭେ ବଳିଦାନ ଭଲ ନ ପାଇ ଦୟା ଭଲ ପାଉ, ଏ ଉକ୍ତିର ଅର୍ଥ ଯେବେ ଜାଣିଥାଆନ୍ତ, ତେବେ ଏହି ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ଲୋକଙ୍କୁ ଦୋଷୀ କରି ନ ଥାଆନ୍ତ।
8 कारण मनुष्याचा पुत्र शब्बाथाचा धनी आहे.
କାରଣ ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ର ବିଶ୍ରାମବାରର ପ୍ରଭୁ ଅଟନ୍ତି।”
9 नंतर येशूने ते ठिकाण सोडले व यहूद्यांच्या सभास्थानात तो गेला.
ସେ ସେହି ସ୍ଥାନରୁ ଚାଲିଯାଇ ସେମାନଙ୍କ ସମାଜଗୃହରେ ପ୍ରବେଶ କଲେ।
10 १० सभास्थानात हात वाळलेला एक मनुष्य होता. काही यहूद्यांनी येशूवर काही दोषारोप करता यावा या हेतूने त्यास विचारला, “शब्बाथ दिवशी रोग बरे करणे योग्य आहे काय?”
ଆଉ ଦେଖ, ସେଠାରେ ଜଣେ ଲୋକ ଥିଲା, ତାହାର ଗୋଟିଏ ହାତ ଶୁଖିଯାଇଥିଲା। ପୁଣି, ସେମାନେ ତାହାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଅଭିଯୋଗ କରିବା ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ତାହାଙ୍କୁ ପଚାରିଲେ, ବିଶ୍ରାମବାର ଦିନରେ ସୁସ୍ଥ କରିବା କଅଣ ବିଧିସଙ୍ଗତ?
11 ११ येशूने त्यांना उत्तर दिले, “जर तुमच्यापैकी एखाद्याकडे मेंढरू असले व शब्बाथ दिवशी ते खड्ड्यात पडले, तर तो त्यास वर काढणार नाही काय?
କିନ୍ତୁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯଦି କାହାରି ଗୋଟିଏ ମେଣ୍ଢା ଥାଏ ଓ ତାହା ବିଶ୍ରାମବାର ଦିନରେ ଖାତରେ ପଡ଼ିଯାଏ, ତାହାହେଲେ ଯେ ତାହାକୁ ଧରି ନ ଉଠାଇବ, ଏପରି ଲୋକ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କିଏ ଅଛି?
12 १२ तर मग मनुष्य मेंढरापेक्षा कितीतरी अधिक मौल्यवान आहे. म्हणून नियमशास्त्र लोकांस शब्बाथ दिवशी चांगले करण्याची मोकळीक देते.”
ତେବେ, ମେଣ୍ଢାଠାରୁ ମନୁଷ୍ୟ ଆହୁରି କେତେ ଅଧିକ ଶ୍ରେଷ୍ଠ। ଏଣୁ ବିଶ୍ରାମବାର ଦିନରେ ମଙ୍ଗଳ ସାଧନ କରିବା ବିଧିସଙ୍ଗତ।
13 १३ मग येशू त्या वाळलेल्या हाताच्या मनुष्यास म्हणाला, “तुझा हात पुढे सरळ कर.” त्या मनुष्याने हात लांब केला व तो हात बरा झाला आणि दुसऱ्या हातासारखाच चांगला झाला.
ସେତେବେଳେ ସେ ସେହି ଲୋକଙ୍କୁ କହିଲେ, ତୁମ୍ଭର ହାତ ବଢ଼ାଅ।” ସେଥିରେ ସେ ହାତ ବଢ଼ାଇଲା ଓ ତାହା ଅନ୍ୟ ହାତ ପରି ପୁଣି, ଭଲ ହୋଇଗଲା।
14 १४ नंतर परूश्यांनी बाहेर जाऊन त्यास कसे मारावे याविषयी मसलत केली.
କିନ୍ତୁ ଫାରୂଶୀମାନେ ବାହାରିଯାଇ ତାହାଙ୍କୁ ବିନାଶ କରିବା ପାଇଁ ତାହାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ମନ୍ତ୍ରଣା କଲେ।
15 १५ परूशी काय करीत आहेत ते येशूला माहीत होते. म्हणून येशू तेथून गेला. पुष्कळ लोक येशूच्या मागे निघाले व त्याने जे कोणी रोगी होते, त्या सर्वांना बरे केले.
ଯୀଶୁ ତାହା ଜାଣି ସେଠାରୁ ଅଲଗା ହୋଇ ବାହାରିଗଲେ, ପୁଣି, ଅନେକେ ତାହାଙ୍କ ପଛେ ପଛେ ଗଲେ, ଆଉ ସେ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ସୁସ୍ଥ କଲେ
16 १६ आणि त्याने त्यांना निक्षून सांगितले की, तो कोण आहे, हे इतरांना सांगू नका.
ଏବଂ ତାହାଙ୍କୁ ପ୍ରକାଶ ନ କରିବା ପାଇଁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଦୃଢ଼ରୂପେ ଆଜ୍ଞା ଦେଲେ,
17 १७ यशया संदेष्ट्याच्याद्वारे जे सांगितले गेले होते ते पूर्ण होण्यासाठी त्याने असे म्हटले.
ଯେପରି, ଯିଶାଇୟ ଭାବବାଦୀଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ଉକ୍ତ ଏହି ବାକ୍ୟ ସଫଳ ହୁଏ,
18 १८ “हा माझा सेवक, याला मी निवडले आहे. मी त्याजवर प्रीती करतो आणि त्याच्याविषयी माझा जीव संतुष्ट वाटतो. मी आपला आत्मा त्याच्यावर ठेवीन, आणि तो परराष्ट्रीय लोकांस योग्य न्यायाची घोषणा करील.
ଦେଖ, ଆମ୍ଭର ଦାସ, ଯାହାଙ୍କୁ ଆମ୍ଭେ ମନୋନୀତ କରିଅଛୁ; ଆମ୍ଭର ପ୍ରିୟପାତ୍ର, ଯାହାଙ୍କଠାରେ ଆମ୍ଭ ଆତ୍ମାର ପରମ ସନ୍ତୋଷ; ଆମ୍ଭେ ତାହାଙ୍କ ଉପରେ ଆପଣା ଆତ୍ମା ଅଧିଷ୍ଠାନ କରାଇବା, ଆଉ ସେ ଅଣଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ପାଖରେ ନ୍ୟାୟବିଚାର ପ୍ରଚାର କରିବେ।
19 १९ तो वाद घालणार नाही किंवा ओरडणार नाही, रस्त्यावर लोक त्याचा आवाज ऐकणार नाहीत.
ସେ ବିବାଦ କରିବେ ନାହିଁ, କିମ୍ବା ଉଚ୍ଚସ୍ୱର କରିବେ ନାହିଁ, କିମ୍ବା ଦାଣ୍ଡରେ କେହି ତାହାଙ୍କ ସ୍ୱର ଶୁଣିବ ନାହିଁ।
20 २० वाकलेला बोरू तो मोडणार नाही आणि मंदावलेली वात तो विझवणार नाही. न्याय विजयास होईपर्यंत तो असे करील.
ନ୍ୟାୟକୁ ଜୟଯୁକ୍ତ ନ କରିବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେ ଛେଚା-ନଳ ଭାଙ୍ଗିବେ ନାହିଁ, ପୁଣି, ସଧୂମ ସଳିତା ଲିଭାଇବେ ନାହିଁ।
21 २१ परराष्ट्रीय लोक त्याच्यावर आशा ठेवतील. येशूचे सामर्थ्य देवाकडून आहे.”
ଆଉ, ତାହାଙ୍କ ନାମରେ ଅଣଯିହୁଦୀମାନେ ଭରସା ରଖିବେ।
22 २२ मग काही मनुष्यांनी एकाला येशूकडे आणले. तो मनुष्य आंधळा व मुका होता व त्याच्यामध्ये भूत होते. येशूने त्या मनुष्यास बरे केले व तो बोलू लागला व पाहू लागला.
ସେହି ସମୟରେ ଜଣେ ଭୂତଗ୍ରସ୍ତ ଅନ୍ଧ ଘୁଙ୍ଗାଲୋକକୁ ତାହାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଅଣାଗଲା, ଆଉ ସେ ତାହାଙ୍କୁ ସୁସ୍ଥ କଲେ; ସେଥିରେ ସେହି ଘୁଙ୍ଗା କଥା କହି ପାରିଲା ଓ ଦେଖି ପାରିଲା।
23 २३ सर्व लोक चकित झाले, ते म्हणाले, “हा दाविदाचा पुत्र असेल काय?”
ପୁଣି, ଲୋକସମୂହ ଆଚମ୍ଭିତ ହୋଇ କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ ଏ କଅଣ ଦାଉଦଙ୍କ ସନ୍ତାନ ନୁହଁନ୍ତି?
24 २४ परूश्यांनी लोकांस हे बोलताना ऐकले. परूशी म्हणाले, “भूते काढण्यासाठी येशू बालजबूलचे सामर्थ्य वापरतो आणि बालजबूल हा तर भूतांचा अधिपती आहे.”
ମାତ୍ର ଫାରୂଶୀମାନେ ତାହା ଶୁଣି କହିଲେ, ଏ ଲୋକଟା ଭୂତପତି ବାଲ୍‌ଜିବୂଲ୍‍ର ବିନା ସାହାଯ୍ୟରେ ଭୂତ ଛଡ଼ାଏ ନାହିଁ।
25 २५ परूशी कसला विचार करीत आहेत ते येशूला जाणवत होते. म्हणून येशू त्यांना म्हणाला, “आपसात लढणारी राज्ये नाश पावतात व फूट पडलेले शहर किंवा घर टिकत नाही.
କିନ୍ତୁ ସେ ସେମାନଙ୍କ ମନର ଚିନ୍ତା ଜାଣି ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯେକୌଣସି ରାଜ୍ୟ ବିଭକ୍ତ ହୋଇ ଆପଣା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉଠେ ତାହା ଧ୍ୱଂସ ହୋଇ ଯାଏ; ପୁଣି, ଯେକୌଣସି ନଗରରେ କିମ୍ବା ଗୃହ ବିଭକ୍ତ ହୋଇ ଆପଣା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉଠେ, ତାହା ସ୍ଥିର ହୋଇ ରହିବ ନାହିଁ।
26 २६ आणि जर सैतानच सैतानला काढतो तर त्यांच्यात मतभेद आहे, त्यांच्यात फूट आहे मग त्याचे राज्य कसे टिकेल?
ଆଉ, ଶୟତାନ ଯଦି ଶୟତାନକୁ ଛଡ଼ାଏ, ତାହାହେଲେ ସେ ବିଭକ୍ତ ହୋଇ ଆପଣା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଉଠିଲାଣି ତେବେ ତାହାର ରାଜ୍ୟ କିପ୍ରକାରେ ସ୍ଥିର ହୋଇ ରହିବ?
27 २७ आणि मी जर बालजबूलाच्या सहाय्याने भूते काढतो तर तुमचे लोक कोणाच्या सामर्थ्याने भूते काढतात. म्हणून तुमचे स्वतःचे लोक तुमचा न्याय करतील.
ମୁଁ ଯେବେ ବାଲ୍‌ଜିବୂଲ୍‍ର ସାହାଯ୍ୟରେ ଭୂତମାନଙ୍କୁ ବାହାର କରେ ତେବେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ସନ୍ତାନଗଣ କାହା ସାହାଯ୍ୟରେ ସେମାନଙ୍କୁ ବାହାର କରନ୍ତି। ଏଣୁ ସେମାନେ ହିଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ବିଚାରକର୍ତ୍ତା ହେବେ।
28 २८ परंतु मी जर देवाच्या आत्म्याच्या साहाय्याने भूते काढतो तर देवाचे राज्य तुमच्यावर आले आहे.
କିନ୍ତୁ ମୁଁ ଯଦି ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଆତ୍ମାଙ୍କ ସାହାଯ୍ୟରେ ଭୂତମାନଙ୍କୁ ଛଡ଼ାଏ, ତେବେ ତ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ରାଜ୍ୟ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲାଣି।
29 २९ किंवा एखाद्या बलवान मनुष्याच्या घरात शिरून, त्याच्या घरातील सर्व वस्तूची चोरी जर कोणाला करायची असेल तर प्रथम त्या बलवान मनुष्यास तो बांधून टाकील व मग तो चोरी करील.
ଅବା କେହି ପ୍ରଥମେ ବଳବାନ ଲୋକଙ୍କୁ ନ ବାନ୍ଧିଲେ କିପ୍ରକାରେ ତାହା ଘରେ ପ୍ରବେଶ କରି ତାହାର ଅସ୍ତ୍ରଶସ୍ତ୍ର ସବୁ ଚୋରି କରିପାରେ? ତାହାକୁ ଆଗେ ବାନ୍ଧିଲେ ସିନା ତାହାର ଗୃହ ଲୁଣ୍ଠନ କରିବ।
30 ३० जो मनुष्य माझ्याबरोबर काम करीत नाही तो माझ्याविरुद्ध आहे आणि जो माझ्याबरोबर गोळा करत नाही तो उधळून टाकतो.
ଯେ ମୋହର ସପକ୍ଷ ନୁହେଁ, ସେ ମୋହର ବିପକ୍ଷ, ପୁଣି, ଯେ ମୋʼ ସହିତ ସଂଗ୍ରହ କରେ ନାହିଁ, ସେ ଛିନ୍ନଭିନ୍ନ କରିପକାଏ।
31 ३१ म्हणून मी तुम्हास सांगतो, मनुष्यांना ते करीत असलेल्या सर्व पापांची व वाईट बोलतील त्याबद्दलही क्षमा करण्यात येईल पण जर कोणी पवित्र आत्म्याविरूद्ध बोलेल, तर त्यास क्षमा करण्यात येणार नाही.
ଅତଏବ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହୁଅଛି, ମନୁଷ୍ୟମାନଙ୍କର ସମସ୍ତ ପାପ ଓ ନିନ୍ଦା କ୍ଷମା କରାଯିବ, କିନ୍ତୁ ପବିତ୍ର ଆତ୍ମାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ନିନ୍ଦା କ୍ଷମା କରାଯିବ ନାହିଁ।
32 ३२ एखादा मनुष्य जर मनुष्याच्या पुत्राविरुद्ध काही बोलेल तर त्यास क्षमा करण्यात येईल पण जो कोणी पवित्र आत्म्याविरूद्ध बोलेल त्यास क्षमा होणार नाही. त्यास या युगातही क्षमा होणार नाही व येणाऱ्या युगातही होणार नाही. (aiōn g165)
ଆଉ, ଯେ କେହି ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ରଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ କଥା କହିବ, ତାହାକୁ କ୍ଷମା ଦିଆଯିବ, ମାତ୍ର ଯେ କେହି ପବିତ୍ର ଆତ୍ମାଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ କଥା କହିବ, ଏହି ଯୁଗରେ କି ଆଗାମୀ ଯୁଗରେ ତାହାକୁ କ୍ଷମା ଦିଆଯିବ ନାହିଁ।” (aiōn g165)
33 ३३ झाड चांगले आणि त्याचे फळ चांगले असे म्हणा, अथवा झाड वाईट आणि त्याचे फळ वाईट असे म्हणा; कारण झाड त्याच्या फळावरून ओळखले जाते.
“ଗଛକୁ ଭଲ କୁହ ଓ ତାହାର ଫଳକୁ ଭଲ କୁହ ନ ହେଲେ ଗଛକୁ ମନ୍ଦ କୁହ ଓ ତାହାର ଫଳକୁ ମନ୍ଦ କୁହ, କାରଣ ଫଳ ଦ୍ୱାରା ଗଛ ଚିହ୍ନାଯାଏ।
34 ३४ अहो सापाच्या पिल्लांनो, तुम्ही वाईट असता तुम्हास चांगल्या गोष्टी कशा बोलता येतील? जे अंतःकरणात आहे तेच तोंडावाटे बाहेर पडते.
ରେ କାଳସର୍ପର ବଂଶ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଦୁଷ୍ଟ ହୋଇ କିପ୍ରକାରେ ଭଲ କଥା କହିପାର? କାରଣ ହୃଦୟର ପୂର୍ଣ୍ଣତାରୁ ମୁଖ କଥା କହେ।
35 ३५ चांगला मनुष्य आपल्या चांगल्या भांडारातून चांगल्या गोष्टी काढतो आणि वाईट मनुष्य आपल्या वाईट भांडारातून वाईट गोष्टी काढतो.
ଉତ୍ତମ ଲୋକ ଉତ୍ତମ ଭଣ୍ଡାରରୁ ଉତ୍ତମ ପଦାର୍ଥ ବାହାର କରେ, ପୁଣି, ମନ୍ଦ ଲୋକ ମନ୍ଦ ଭଣ୍ଡାରରୁ ମନ୍ଦ ପଦାର୍ଥ ବାହାର କରେ।
36 ३६ आणखी मी तुम्हास सांगतो की. जो प्रत्येक व्यर्थ शब्द लोक बोलतील त्याचा हिशोब ते न्यायाच्या दिवशी देतील.
କିନ୍ତୁ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହୁଅଛି ମନୁଷ୍ୟମାନେ ଯେକୌଣସି ଅସାର କଥା କହନ୍ତି, ବିଚାର ଦିନରେ ସେମାନେ ସେଥିର ଉତ୍ତର ଦେବେ;
37 ३७ कारण तू आपल्या बोलण्यावरून न्यायी ठरशील आणि आपल्या बोलण्यावरूनच दोषी ठरशील.”
ଯେଣୁ ତୁମ୍ଭ ବାକ୍ୟ ଦ୍ୱାରା ତୁମ୍ଭେ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ ଓ ତୁମ୍ଭ ବାକ୍ୟ ଦ୍ୱାରା ତୁମ୍ଭେ ଦୋଷୀ ବୋଲି ପ୍ରମାଣିତ ହେବ।”
38 ३८ काही नियमशास्त्राचे शिक्षक व परूशी यांच्यापैकी काहीजणांनी येशूला म्हटले, “गुरुजी, तुमच्या हातून एखादे चिन्ह पहावे अशी आमची इच्छा आहे.”
ସେତେବେଳେ ଶାସ୍ତ୍ରୀ ଓ ଫାରୂଶୀମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କେତେକ ଜଣ ତାହାଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ ହେ ଗୁରୁ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଆପଣଙ୍କଠାରୁ ଗୋଟିଏ ଚିହ୍ନ ଦେଖିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରୁଅଛୁ।
39 ३९ येशूने उत्तर दिले, “जे लोक देवाशी अप्रामाणिक आहेत, पापी आहेत असे लोक पुराव्यासाठी चमत्कार पाहू इच्छितात. पण योना संदेष्ट्याशिवाय दुसरे चिन्ह तुम्हास मिळणार नाही.
କିନ୍ତୁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, “ଦୁଷ୍ଟ ଓ ବ୍ୟଭିଚାରୀ ବଂଶ ଚିହ୍ନ ଅନ୍ୱେଷଣ କରନ୍ତି, ମାତ୍ର ଭାବବାଦୀ ଯୂନସଙ୍କ ଚିହ୍ନ ବିନା ଅନ୍ୟ କୌଣସି ଚିହ୍ନ ସେମାନଙ୍କୁ ଦିଆଯିବ ନାହିଁ।
40 ४० कारण योना जसा तीन दिवस व तीन रात्री मोठ्या माशाच्या पोटात होता तसा मनुष्याचा पुत्र तीन दिवस व तीन रात्री पृथ्वीच्या पोटात राहील.
କାରଣ ଯୂନସ ଯେପରି ତିନି ଦିନ ଓ ତିନି ରାତି ଏକ ବୃହତ୍ ମତ୍ସ୍ୟର ପେଟରେ ଥିଲେ, ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ର ସେହିପରି ତିନି ଦିନ ଓ ତିନି ରାତି ଭୂଗର୍ଭରେ ରହିବେ।
41 ४१ जेव्हा तुमच्या पिढीचा न्याय होईल, तेव्हा निनवे शहराचे लोक उभे राहतील, तुमच्याविरुध्द साक्ष देतील आणि तुम्हास दोष देतील कारण त्यांनी योनाच्या उपदेशावरून पश्चात्ताप केला आणि आता तर तुमच्यामध्ये योनापेक्षा महान असा कोणीएक येथे आहे.
ନୀନିବୀ ସହରର ଲୋକମାନେ ବିଚାରରେ ଏହି ବର୍ତ୍ତମାନ ପୁରୁଷ ସହିତ ଉଠି ଏମାନଙ୍କୁ ଦୋଷୀ କରିବେ, କାରଣ ସେମାନେ ଯୂନସଙ୍କ ପ୍ରଚାରରେ ମନ-ପରିବର୍ତ୍ତନ କଲେ, ଆଉ ଦେଖ, ଯୂନସଙ୍କ ଅପେକ୍ଷା ମହତ ବିଷୟ ଏ ସ୍ଥାନରେ ଅଛି।
42 ४२ न्यायाच्या दिवशी दक्षिणेकडील देशाची राणी या पिढीबरोबर उभी राहून हिला दोषी ठरवील कारण शलमोनाचे ज्ञान ऐकायला ती पृथ्वीच्या शेवटापासून आली आणि शलमोनापेक्षा महान असा कोणी येथे आहे.”
ଆଉ, ଦକ୍ଷିଣ ଦେଶର ରାଣୀ ବିଚାରରେ ଏହି ବର୍ତ୍ତମାନ ପୁରୁଷ ସହିତ ଉଠି ଏମାନଙ୍କୁ ଦୋଷୀ କରିବେ କାରଣ ସେ ଶଲୋମନଙ୍କ ଜ୍ଞାନର କଥା ଶୁଣିବାକୁ ପୃଥିବୀର ପ୍ରାନ୍ତରୁ ଆସିଲେ, ଆଉ ଦେଖ, ଶଲୋମନଙ୍କ ଅପେକ୍ଷା ମହତ ବିଷୟ ଏ ସ୍ଥାନରେ ଅଛି।”
43 ४३ “जेव्हा अशुद्ध आत्मा मनुष्यास सोडून बाहेर निघून जातो तेव्हा तो पाणी नसलेल्या ठिकाणाहून विसावा शोधीत फिरतो पण तो त्यास मिळत नाही.
“ଅଶୁଚି ଆତ୍ମା ଜଣେ ମନୁଷ୍ୟଠାରୁ ବାହାରିଗଲା ପରେ ଜଳଶୂନ୍ୟ ସ୍ଥାନ ସବୁ ଭ୍ରମଣ କରି ବିଶ୍ରାମ ଖୋଜେ ଓ ତାହା ପାଏ ନାହିଁ।
44 ४४ तेव्हा तो म्हणतो, जेथून मी आलो त्या माझ्या घरात मी परत जाईन आणि जेव्हा तो परत येतो तेव्हा ते घर रिकामे असलेले तसेच स्वच्छ व नीटनेटके असे त्यास दिसते.
ସେଥିରେ ସେ କୁହେ, ମୁଁ ଯେଉଁ ଘରୁ ବାହାରି ଆସିଲି, ମୋହର ସେହି ଘରକୁ ଫେରିଯିବି; ପୁଣି, ସେ ଆସି ତାହା ଶୂନ୍ୟ, ମାର୍ଜିତ ଓ ସୁଶୋଭିତ ଦେଖେ।
45 ४५ नंतर तो जाऊन आपल्यापेक्षा दुष्ट असे दुसरे सात आणखी आत्मे आपल्याबरोबर घेतो व ते आत शिरून त्यास झपाटतात व त्याच्यात राहतात. मग त्या मनुष्याची शेवटची स्थिति पहिल्यापेक्षा वाईट होते. तसेच आजच्या या पापी पिढीचे होईल.”
ସେତେବେଳେ ସେ ଯାଇ ଆପଣାଠାରୁ ଅଧିକ ମନ୍ଦ ଆଉ ସାତଟା ଆତ୍ମା ସାଙ୍ଗରେ ନେଇ ଆସେ, ପୁଣି, ସେମାନେ ପ୍ରବେଶ କରି ସେଠାରେ ବାସ କରନ୍ତି ଆଉ ସେହି ଲୋକର ପ୍ରଥମ ଦଶା ଅପେକ୍ଷା ଶେଷ ଦଶା ମନ୍ଦ ହୁଏ। ଏହି ଦୁଷ୍ଟ ପୁରୁଷ ପ୍ରତି ମଧ୍ୟ ସେହି ପ୍ରକାର ଘଟିବ।”
46 ४६ मग तो लोकसमुदायाबरोबर बोलत असता, त्याची आई व त्याचे भाऊ त्याच्याशी बोलण्यासाठी बाहेर वाट पाहत उभे होते.
ସେ ଲୋକସମୂହକୁ କଥା କହୁଥିବା ସମୟରେ, ଦେଖ, ତାହାଙ୍କ ମାଆ ଓ ଭାଇମାନେ ବାହାରେ ଠିଆ ହୋଇ ତାହାଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ କଥା କହିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରୁଥିଲେ।
47 ४७ तेव्हा कोणीतरी त्यास म्हणाले, “तुमची आई व भाऊ बाहेर उभे आहेत. ते तुमच्याशी बोलण्याची वाट पाहत आहेत.”
ସେଥିରେ ଜଣେ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲା, ଦେଖନ୍ତୁ, ଆପଣଙ୍କ ମାଆ ଓ ଭାଇମାନେ ବାହାରେ ଠିଆ ହୋଇ ଆପଣଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ କଥା କହିବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରୁଅଛନ୍ତି।
48 ४८ त्याच्याशी बोलणाऱ्याला त्याने उत्तर दिले, “कोण माझी आई? कोण माझा भाऊ?”
କିନ୍ତୁ ଯେ ତାହାଙ୍କୁ ଏହି କଥା କହିଲା ତାହାଙ୍କୁ ସେ ଉତ୍ତର ଦେଲେ, “ମୋହର ମାଆ କିଏ? ଆଉ, ମୋହର ଭାଇମାନେ କିଏ?”
49 ४९ मग तो आपल्या शिष्यांकडे हात करून म्हणाला, “पाहा, माझी आई व माझे भाऊ हे आहेत.
ପୁଣି, ସେ ଆପଣା ଶିଷ୍ୟମାନଙ୍କ ଆଡ଼କୁ ହାତ ବଢ଼ାଇ କହିଲେ, “ଦେଖ, ମୋହର ମାଆ ଓ ମୋହର ଭାଇମାନେ,
50 ५० कारण माझ्या स्वर्गीय पित्याच्या इच्छेनुसार जे वागतात, तेच माझे भाऊ, बहीण आणि आई.”
କାରଣ ଯେ କେହି ମୋହର ସ୍ୱର୍ଗସ୍ଥ ପିତାଙ୍କ ଇଚ୍ଛା ସାଧନ କରେ, ସେ ମୋହର ଭାଇ, ଭଉଣୀ ଓ ମାଆ।”

< मत्तय 12 >