< मार्क 9 >

1 येशू त्या लोकांस म्हणाला, “मी तुम्हास खरे सांगतो की, येथे उभे असलेले काही असे आहेत की, ज्यांना देवाचे राज्य सामर्थ्यानिशी आलेले दिसेपर्यंत मरणाचा अनुभव येणार नाही.”
ଅଥ ସ ତାନୱାଦୀତ୍ ଯୁଷ୍ମଭ୍ୟମହଂ ଯଥାର୍ଥଂ କଥଯାମି, ଈଶ୍ୱରରାଜ୍ୟଂ ପରାକ୍ରମେଣୋପସ୍ଥିତଂ ନ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ମୃତ୍ୟୁଂ ନାସ୍ୱାଦିଷ୍ୟନ୍ତେ, ଅତ୍ର ଦଣ୍ଡାଯମାନାନାଂ ମଧ୍ୟେପି ତାଦୃଶା ଲୋକାଃ ସନ୍ତି|
2 सहा दिवसानंतर येशूने पेत्र, याकोब आणि योहान यांना आपल्याबरोबर एका उंच डोंगरावर नेले आणि तेथे त्यांच्यासमोर त्याचे रूपांतर झाले.
ଅଥ ଷଡ୍ଦିନେଭ୍ୟଃ ପରଂ ଯୀଶୁଃ ପିତରଂ ଯାକୂବଂ ଯୋହନଞ୍ଚ ଗୃହୀତ୍ୱା ଗିରେରୁଚ୍ଚସ୍ୟ ନିର୍ଜନସ୍ଥାନଂ ଗତ୍ୱା ତେଷାଂ ପ୍ରତ୍ୟକ୍ଷେ ମୂର୍ତ୍ୟନ୍ତରଂ ଦଧାର|
3 त्याची वस्त्रे चमकदार, अत्यंत पांढरी शुभ्र, इतकी की तशी पृथ्वीवरील कोणत्याही परिटाला शुभ्र करता येणार नाहीत, अशी झाली होती.
ତତସ୍ତସ୍ୟ ପରିଧେଯମ୍ ଈଦୃଶମ୍ ଉଜ୍ଜ୍ୱଲହିମପାଣଡରଂ ଜାତଂ ଯଦ୍ ଜଗତି କୋପି ରଜକୋ ନ ତାଦୃକ୍ ପାଣଡରଂ କର୍ତ୍ତାଂ ଶକ୍ନୋତି|
4 तेव्हा एलीया व मोशे त्याच्याबरोबर प्रकट झाले, ते येशूबरोबर संभाषण करीत होते.
ଅପରଞ୍ଚ ଏଲିଯୋ ମୂସାଶ୍ଚ ତେଭ୍ୟୋ ଦର୍ଶନଂ ଦତ୍ତ୍ୱା ଯୀଶୁନା ସହ କଥନଂ କର୍ତ୍ତୁମାରେଭାତେ|
5 पेत्र येशूला म्हणाला, “रब्बी, आपण येथे आहोत हे चांगले आहे. आपण तीन मंडप बनवू. एक आपणासाठी, एक मोशेसाठी व एक एलीयासाठी.”
ତଦା ପିତରୋ ଯୀଶୁମୱାଦୀତ୍ ହେ ଗୁରୋଽସ୍ମାକମତ୍ର ସ୍ଥିତିରୁତ୍ତମା, ତତଏୱ ୱଯଂ ତ୍ୱତ୍କୃତେ ଏକାଂ ମୂସାକୃତେ ଏକାମ୍ ଏଲିଯକୃତେ ଚୈକାଂ, ଏତାସ୍ତିସ୍ରଃ କୁଟୀ ର୍ନିର୍ମ୍ମାମ|
6 पेत्र असे बोलला कारण काय बोलावे ते त्यास समजेना कारण ते भयभीत झाले होते.
କିନ୍ତୁ ସ ଯଦୁକ୍ତୱାନ୍ ତତ୍ ସ୍ୱଯଂ ନ ବୁବୁଧେ ତତଃ ସର୍ୱ୍ୱେ ବିଭଯାଞ୍ଚକ୍ରୁଃ|
7 तेव्हा एक ढग आला आणि त्याने त्यांच्यावर छाया केली आणि मेघातून एक वाणी झाली, “हा माझा प्रिय पुत्र आहे याचे तुम्ही ऐका.”
ଏତର୍ହି ପଯୋଦସ୍ତାନ୍ ଛାଦଯାମାସ, ମମଯାଂ ପ୍ରିଯଃ ପୁତ୍ରଃ କଥାସୁ ତସ୍ୟ ମନାଂସି ନିୱେଶଯତେତି ନଭୋୱାଣୀ ତନ୍ମେଦ୍ୟାନ୍ନିର୍ୟଯୌ|
8 अचानक, त्यांनी एकदम सभोवती पाहीले तेव्हा त्यांना येशूशिवाय कोणीही दिसले नाही.
ଅଥ ହଠାତ୍ତେ ଚତୁର୍ଦିଶୋ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ଯୀଶୁଂ ୱିନା ସ୍ୱୈଃ ସହିତଂ କମପି ନ ଦଦୃଶୁଃ|
9 ते डोंगरावरून खाली येत असता, येशूने त्यांना आज्ञा केली की, “तुम्ही जे पाहीले आहे ते मनुष्याचा पुत्र मरण पावलेल्यातून उठेपर्यंत कोणालाही सांगू नका.”
ତତଃ ପରଂ ଗିରେରୱରୋହଣକାଲେ ସ ତାନ୍ ଗାଢମ୍ ଦୂତ୍ୟାଦିଦେଶ ଯାୱନ୍ନରସୂନୋଃ ଶ୍ମଶାନାଦୁତ୍ଥାନଂ ନ ଭୱତି, ତାୱତ୍ ଦର୍ଶନସ୍ୟାସ୍ୟ ୱାର୍ତ୍ତା ଯୁଷ୍ମାଭିଃ କସ୍ମୈଚିଦପି ନ ୱକ୍ତୱ୍ୟା|
10 १० म्हणून त्यांनीही गोष्ट त्यांच्यातच ठेवली, परंतु ते मरण पावलेल्यातून उठणे याचा अर्थ काय याविषयी आपसात चर्चा करीत होते.
ତଦା ଶ୍ମଶାନାଦୁତ୍ଥାନସ୍ୟ କୋଭିପ୍ରାଯ ଇତି ୱିଚାର୍ୟ୍ୟ ତେ ତଦ୍ୱାକ୍ୟଂ ସ୍ୱେଷୁ ଗୋପାଯାଞ୍ଚକ୍ରିରେ|
11 ११ त्यांनी येशूला विचारले, “प्रथम एलीया आला पाहिजे असे नियमशास्त्राचे शिक्षक का म्हणातात?”
ଅଥ ତେ ଯୀଶୁଂ ପପ୍ରଚ୍ଛୁଃ ପ୍ରଥମତ ଏଲିଯେନାଗନ୍ତୱ୍ୟମ୍ ଇତି ୱାକ୍ୟଂ କୁତ ଉପାଧ୍ୟାଯା ଆହୁଃ?
12 १२ तो त्यांना म्हणाला, “होय, एलीया पहिल्याने येऊन सर्वकाही व्यवस्थितपणे करतो हे खरे आहे. परंतु मनुष्याच्या पुत्राविषयी त्याने पुष्कळ दुःखे सोसावीत व नाकारले जावे असे पवित्र शास्त्रात का लिहिले आहे?
ତଦା ସ ପ୍ରତ୍ୟୁୱାଚ, ଏଲିଯଃ ପ୍ରଥମମେତ୍ୟ ସର୍ୱ୍ୱକାର୍ୟ୍ୟାଣି ସାଧଯିଷ୍ୟତି; ନରପୁତ୍ରେ ଚ ଲିପି ର୍ୟଥାସ୍ତେ ତଥୈୱ ସୋପି ବହୁଦୁଃଖଂ ପ୍ରାପ୍ୟାୱଜ୍ଞାସ୍ୟତେ|
13 १३ मी तुम्हास सांगतो, एलीया आलाच आहे आणि त्याच्याविषयी लिहिल्याप्रमाणे, त्यांना पाहिजे तसे त्यांनी त्याचे केले.”
କିନ୍ତ୍ୱହଂ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ୱଦାମି, ଏଲିଯାର୍ଥେ ଲିପି ର୍ୟଥାସ୍ତେ ତଥୈୱ ସ ଏତ୍ୟ ଯଯୌ, ଲୋକା: ସ୍ୱେଚ୍ଛାନୁରୂପଂ ତମଭିୱ୍ୟୱହରନ୍ତି ସ୍ମ|
14 १४ नंतर ते शिष्यांजवळ आले, तेव्हा त्यांना त्यांच्याभोवती मोठा लोकसमुदाय आहे आणि नियमशास्त्राचे शिक्षक त्याच्याशी वाद करत आहेत असे त्यांना दिसले.
ଅନନ୍ତରଂ ସ ଶିଷ୍ୟସମୀପମେତ୍ୟ ତେଷାଂ ଚତୁଃପାର୍ଶ୍ୱେ ତୈଃ ସହ ବହୁଜନାନ୍ ୱିୱଦମାନାନ୍ ଅଧ୍ୟାପକାଂଶ୍ଚ ଦୃଷ୍ଟୱାନ୍;
15 १५ सर्व लोक येशूला पाहताच आश्चर्यचकित झाले आणि ते त्याचे स्वागत करण्यासाठी धावले.
କିନ୍ତୁ ସର୍ୱ୍ୱଲୋକାସ୍ତଂ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱୈୱ ଚମତ୍କୃତ୍ୟ ତଦାସନ୍ନଂ ଧାୱନ୍ତସ୍ତଂ ପ୍ରଣେମୁଃ|
16 १६ येशूने शिष्यांना विचारले, “तुम्ही त्यांच्याशी कसला वाद घालीत आहात?”
ତଦା ଯୀଶୁରଧ୍ୟାପକାନପ୍ରାକ୍ଷୀଦ୍ ଏତୈଃ ସହ ଯୂଯଂ କିଂ ୱିୱଦଧ୍ୱେ?
17 १७ तेव्हा समुदायातील एकाने त्यास उत्तर दिले, “गुरुजी, मी माझ्या मुलाला आपणाकडे आणले. त्यास दुष्ट आत्मा लागला असून तो बोलू शकत नाही.
ତତୋ ଲୋକାନାଂ କଶ୍ଚିଦେକଃ ପ୍ରତ୍ୟୱାଦୀତ୍ ହେ ଗୁରୋ ମମ ସୂନୁଂ ମୂକଂ ଭୂତଧୃତଞ୍ଚ ଭୱଦାସନ୍ନମ୍ ଆନଯଂ|
18 १८ आणि जेव्हा तो त्यास धरतो तेव्हा त्यास खाली आपटतो व तोंडाला फेस आणतो, दात चावतो व नंतर ताठ होतो. मी आपल्या शिष्यांना त्यास काढावायास सांगितले परंतु ते काढू शकले नाहीत.”
ଯଦାସୌ ଭୂତସ୍ତମାକ୍ରମତେ ତଦୈୱ ପାତସତି ତଥା ସ ଫେଣାଯତେ, ଦନ୍ତୈର୍ଦନ୍ତାନ୍ ଘର୍ଷତି କ୍ଷୀଣୋ ଭୱତି ଚ; ତତୋ ହେତୋସ୍ତଂ ଭୂତଂ ତ୍ୟାଜଯିତୁଂ ଭୱଚ୍ଛିଷ୍ୟାନ୍ ନିୱେଦିତୱାନ୍ କିନ୍ତୁ ତେ ନ ଶେକୁଃ|
19 १९ येशू त्यांना म्हणाला, “हे विश्वासहीन पिढी, मी कोठवर तुमच्याबरोबर असणार? मी तुमच्याबरोबर कोठवर सहन करू? मुलाला इकडे आणा.”
ତଦା ସ ତମୱାଦୀତ୍, ରେ ଅୱିଶ୍ୱାସିନଃ ସନ୍ତାନା ଯୁଷ୍ମାଭିଃ ସହ କତି କାଲାନହଂ ସ୍ଥାସ୍ୟାମି? ଅପରାନ୍ କତି କାଲାନ୍ ୱା ୱ ଆଚାରାନ୍ ସହିଷ୍ୟେ? ତଂ ମଦାସନ୍ନମାନଯତ|
20 २० नंतर त्यांनी मुलाला येशूकडे आणले आणि जेव्हा त्या दुष्ट आत्म्याने येशूकडे पाहिले तेव्हा लगेच त्या मुलाला पिळून टाकले आणि तो जमिनीवर पडून तोंडाला फेस आणून लोळू लागला.
ତତସ୍ତତ୍ସନ୍ନିଧିଂ ସ ଆନୀଯତ କିନ୍ତୁ ତଂ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱୈୱ ଭୂତୋ ବାଲକଂ ଧୃତୱାନ୍; ସ ଚ ଭୂମୌ ପତିତ୍ୱା ଫେଣାଯମାନୋ ଲୁଲୋଠ|
21 २१ नंतर येशूने त्याच्या वडिलांना विचारले, “किती काळ हा असा आहे?” वडीलांनी उत्तर दिले, “बाळपणापासून हा असा आहे.
ତଦା ସ ତତ୍ପିତରଂ ପପ୍ରଚ୍ଛ, ଅସ୍ୟେଦୃଶୀ ଦଶା କତି ଦିନାନି ଭୂତା? ତତଃ ସୋୱାଦୀତ୍ ବାଲ୍ୟକାଲାତ୍|
22 २२ पुष्कळदा ठार करण्यासाठी त्याने त्यास अग्नीत किंवा पाण्यात टाकले. जर आपल्या हातून काही होणे शक्य असेल तर आम्हावर दया करा व आम्हास मदत करा.”
ଭୂତୋଯଂ ତଂ ନାଶଯିତୁଂ ବହୁୱାରାନ୍ ୱହ୍ନୌ ଜଲେ ଚ ନ୍ୟକ୍ଷିପତ୍ କିନ୍ତୁ ଯଦି ଭୱାନ କିମପି କର୍ତ୍ତାଂ ଶକ୍ନୋତି ତର୍ହି ଦଯାଂ କୃତ୍ୱାସ୍ମାନ୍ ଉପକରୋତୁ|
23 २३ येशू त्यास म्हणाला, “शक्य असेल तर, असे कसे म्हणतोस? विश्वास ठेवणाऱ्याला सर्वकाही शक्य आहे.”
ତଦା ଯୀଶୁସ୍ତମୱଦତ୍ ଯଦି ପ୍ରତ୍ୟେତୁଂ ଶକ୍ନୋଷି ତର୍ହି ପ୍ରତ୍ୟଯିନେ ଜନାଯ ସର୍ୱ୍ୱଂ ସାଧ୍ୟମ୍|
24 २४ तेव्हा लागलेच मुलाचे वडील मोठ्याने ओरडून म्हणाले, “मी विश्वास करतो, माझा अविश्वास घालवून टाका.”
ତତସ୍ତତ୍କ୍ଷଣଂ ତଦ୍ବାଲକସ୍ୟ ପିତା ପ୍ରୋଚ୍ଚୈ ରୂୱନ୍ ସାଶ୍ରୁନେତ୍ରଃ ପ୍ରୋୱାଚ, ପ୍ରଭୋ ପ୍ରତ୍ୟେମି ମମାପ୍ରତ୍ୟଯଂ ପ୍ରତିକୁରୁ|
25 २५ येशूने लोकसमुदाय त्याच्याकडे धावत येत आहे असे पाहिले तेव्हा येशू त्या दुष्ट आत्म्याला धमकावून म्हणाला, “अरे मुक्या बहिऱ्या आत्म्या, मी तुला आज्ञा करतो की, याच्यातून बाहेर नीघ आणि पुन्हा कधीही याच्यात शिरू नको.”
ଅଥ ଯୀଶୁ ର୍ଲୋକସଙ୍ଘଂ ଧାୱିତ୍ୱାଯାନ୍ତଂ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ତମପୂତଭୂତଂ ତର୍ଜଯିତ୍ୱା ଜଗାଦ, ରେ ବଧିର ମୂକ ଭୂତ ତ୍ୱମେତସ୍ମାଦ୍ ବହିର୍ଭୱ ପୁନଃ କଦାପି ମାଶ୍ରଯୈନଂ ତ୍ୱାମହମ୍ ଇତ୍ୟାଦିଶାମି|
26 २६ नंतर तो ओरडून व त्यास अगदी पिळून बाहेर निघाला व मुलगा मृतासारखा झाला आणि लोकांस वाटले, तो मरण पावला.
ତଦା ସ ଭୂତଶ୍ଚୀତ୍ଶବ୍ଦଂ କୃତ୍ୱା ତମାପୀଡ୍ୟ ବହିର୍ଜଜାମ, ତତୋ ବାଲକୋ ମୃତକଲ୍ପୋ ବଭୂୱ ତସ୍ମାଦଯଂ ମୃତଇତ୍ୟନେକେ କଥଯାମାସୁଃ|
27 २७ परंतु येशूने त्यास हातास धरून त्यास उठवले आणि तो उभा राहिला.
କିନ୍ତୁ କରଂ ଧୃତ୍ୱା ଯୀଶୁନୋତ୍ଥାପିତଃ ସ ଉତ୍ତସ୍ଥୌ|
28 २८ नंतर येशू घरात गेल्यावर त्याच्या शिष्यांनी त्यास एकांतात विचारले, “आम्ही तो अशुद्ध आत्मा का काढू शकलो नाही?”
ଅଥ ଯୀଶୌ ଗୃହଂ ପ୍ରୱିଷ୍ଟେ ଶିଷ୍ୟା ଗୁପ୍ତଂ ତଂ ପପ୍ରଚ୍ଛୁଃ, ୱଯମେନଂ ଭୂତଂ ତ୍ୟାଜଯିତୁଂ କୁତୋ ନ ଶକ୍ତାଃ?
29 २९ येशू त्यांना म्हणाला, “ही जात प्रार्थनेवाचूनदुसऱ्या कशानेही निघणे शक्य नाही.”
ସ ଉୱାଚ, ପ୍ରାର୍ଥନୋପୱାସୌ ୱିନା କେନାପ୍ୟନ୍ୟେନ କର୍ମ୍ମଣା ଭୂତମୀଦୃଶଂ ତ୍ୟାଜଯିତୁଂ ନ ଶକ୍ୟଂ|
30 ३० ते तेथून निघाले आणि गालील प्रांतातून प्रवास करीत चालले होते. हे कोणालाही कळू नये अशी येशूची इच्छा होती.
ଅନନ୍ତରଂ ସ ତତ୍ସ୍ଥାନାଦିତ୍ୱା ଗାଲୀଲ୍ମଧ୍ୟେନ ଯଯୌ, କିନ୍ତୁ ତତ୍ କୋପି ଜାନୀଯାଦିତି ସ ନୈଚ୍ଛତ୍|
31 ३१ कारण तो आपल्या शिष्यांना शिकवीत होता. तो त्यांना म्हणाला, “मनुष्याचा पुत्र विश्वासघाताने धरून मनुष्यांच्या हाती दिला जाणार आहे. ते त्यास ठार मारतील. परंतु मारला गेल्यानंतर तो तिसऱ्या दिवशी उठेल.”
ଅପରଞ୍ଚ ସ ଶିଷ୍ୟାନୁପଦିଶନ୍ ବଭାଷେ, ନରପୁତ୍ରୋ ନରହସ୍ତେଷୁ ସମର୍ପଯିଷ୍ୟତେ ତେ ଚ ତଂ ହନିଷ୍ୟନ୍ତି ତୈସ୍ତସ୍ମିନ୍ ହତେ ତୃତୀଯଦିନେ ସ ଉତ୍ଥାସ୍ୟତୀତି|
32 ३२ पण या बोलण्याचा अर्थ त्यांना समजला नाही आणि त्याविषयी त्यास विचारण्यास ते भीत होते.
କିନ୍ତୁ ତତ୍କଥାଂ ତେ ନାବୁଧ୍ୟନ୍ତ ପ୍ରଷ୍ଟୁଞ୍ଚ ବିଭ୍ୟଃ|
33 ३३ पुढे ते कफर्णहूमास आले. येशू घरात असता त्याने त्यांना विचारले, “वाटेत तुम्ही कशाविषयी चर्चा करीत होता?”
ଅଥ ଯୀଶୁଃ କଫର୍ନାହୂମ୍ପୁରମାଗତ୍ୟ ମଧ୍ୟେଗୃହଞ୍ଚେତ୍ୟ ତାନପୃଚ୍ଛଦ୍ ୱର୍ତ୍ମମଧ୍ୟେ ଯୂଯମନ୍ୟୋନ୍ୟଂ କିଂ ୱିୱଦଧ୍ୱେ ସ୍ମ?
34 ३४ परंतु ते गप्प राहिले कारण वाटेत त्यांनी सर्वांत मोठा कोण याविषयी चर्चा चालली होती.
କିନ୍ତୁ ତେ ନିରୁତ୍ତରାସ୍ତସ୍ଥୁ ର୍ୟସ୍ମାତ୍ତେଷାଂ କୋ ମୁଖ୍ୟ ଇତି ୱର୍ତ୍ମାନି ତେଽନ୍ୟୋନ୍ୟଂ ୱ୍ୟୱଦନ୍ତ|
35 ३५ मग येशू खाली बसला, त्याने बाराजणांना बोलावून त्यांना म्हटले, “जर कोणाला पहिले व्हावयाचे असेल तर त्याने सर्वात शेवटला व सर्वांचा सेवक झाले पाहिजे.”
ତତଃ ସ ଉପୱିଶ୍ୟ ଦ୍ୱାଦଶଶିଷ୍ୟାନ୍ ଆହୂଯ ବଭାଷେ ଯଃ କଶ୍ଚିତ୍ ମୁଖ୍ୟୋ ଭୱିତୁମିଚ୍ଛତି ସ ସର୍ୱ୍ୱେଭ୍ୟୋ ଗୌଣଃ ସର୍ୱ୍ୱେଷାଂ ସେୱକଶ୍ଚ ଭୱତୁ|
36 ३६ मग येशूने एक बालकास घेऊन त्यांच्यामध्ये उभे केले व त्यांना म्हणाला?
ତଦା ସ ବାଲକମେକଂ ଗୃହୀତ୍ୱା ମଧ୍ୟେ ସମୁପାୱେଶଯତ୍ ତତସ୍ତଂ କ୍ରୋଡେ କୃତ୍ୱା ତାନୱାଦାତ୍
37 ३७ “जो कोणी या लहान बालकाला माझ्या नावाने स्वीकारतो तो मला स्वीकारतो आणि जो कोणी मला स्वीकारतो तो केवळ माझाच स्वीकार करतो असे नाही तर ज्याने मला पाठवले त्याचाही स्वीकार करतो.”
ଯଃ କଶ୍ଚିଦୀଦୃଶସ୍ୟ କସ୍ୟାପି ବାଲସ୍ୟାତିଥ୍ୟଂ କରୋତି ସ ମମାତିଥ୍ୟଂ କରୋତି; ଯଃ କଶ୍ଚିନ୍ମମାତିଥ୍ୟଂ କରୋତି ସ କେୱଲମ୍ ମମାତିଥ୍ୟଂ କରୋତି ତନ୍ନ ମତ୍ପ୍ରେରକସ୍ୟାପ୍ୟାତିଥ୍ୟଂ କରୋତି|
38 ३८ योहान येशूला म्हणाला, “गुरुजी, आम्ही एकाला आपल्या नावाने भूते काढताना पाहिले आणि आम्ही त्यास मना केले, कारण तो आपल्यापैकी नव्हता.”
ଅଥ ଯୋହନ୍ ତମବ୍ରୱୀତ୍ ହେ ଗୁରୋ, ଅସ୍ମାକମନନୁଗାମିନମ୍ ଏକଂ ତ୍ୱାନ୍ନାମ୍ନା ଭୂତାନ୍ ତ୍ୟାଜଯନ୍ତଂ ୱଯଂ ଦୃଷ୍ଟୱନ୍ତଃ, ଅସ୍ମାକମପଶ୍ଚାଦ୍ଗାମିତ୍ୱାଚ୍ଚ ତଂ ନ୍ୟଷେଧାମ|
39 ३९ परंतु येशू म्हणाला, “त्याला मना करू नका, कारण जो कोणी माझ्या नावाने चमत्कार करतो तो नंतर माझ्याविषयी वाईट बोलू शकणार नाही.
କିନ୍ତୁ ଯୀଶୁରୱଦତ୍ ତଂ ମା ନିଷେଧତ୍, ଯତୋ ଯଃ କଶ୍ଚିନ୍ ମନ୍ନାମ୍ନା ଚିତ୍ରଂ କର୍ମ୍ମ କରୋତି ସ ସହସା ମାଂ ନିନ୍ଦିତୁଂ ନ ଶକ୍ନୋତି|
40 ४० जो आपल्याला प्रतिकूल नाही तो आपल्याला अनुकूल आहे.
ତଥା ଯଃ କଶ୍ଚିଦ୍ ଯୁଷ୍ମାକଂ ୱିପକ୍ଷତାଂ ନ କରୋତି ସ ଯୁଷ୍ମାକମେୱ ସପକ୍ଷଃ|
41 ४१ मी तुम्हास खरे सांगतो, ख्रिस्ताचे म्हणून तुम्हास जो कोणी एक प्याला पाणी देईल तो नक्कीच आपल्या प्रतिफळाला मुकणार नाही.”
ଯଃ କଶ୍ଚିଦ୍ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ଖ୍ରୀଷ୍ଟଶିଷ୍ୟାନ୍ ଜ୍ଞାତ୍ୱା ମନ୍ନାମ୍ନା କଂସୈକେନ ପାନୀଯଂ ପାତୁଂ ଦଦାତି, ଯୁଷ୍ମାନହଂ ଯଥାର୍ଥଂ ୱଚ୍ମି, ସ ଫଲେନ ୱଞ୍ଚିତୋ ନ ଭୱିଷ୍ୟତି|
42 ४२ माझ्यावर विश्वास ठेवणाऱ्या या लहानातील एकाला जो कोणी देवापासून परावृत्त करील, त्याच्या गळ्यात जात्याची तळी बांधून त्यास समुद्रात फेकून देणे हे त्याच्यासाठी बरे आहे.
କିନ୍ତୁ ଯଦି କଶ୍ଚିନ୍ ମଯି ୱିଶ୍ୱାସିନାମେଷାଂ କ୍ଷୁଦ୍ରପ୍ରାଣିନାମ୍ ଏକସ୍ୟାପି ୱିଘ୍ନଂ ଜନଯତି, ତର୍ହି ତସ୍ୟୈତତ୍କର୍ମ୍ମ କରଣାତ୍ କଣ୍ଠବଦ୍ଧପେଷଣୀକସ୍ୟ ତସ୍ୟ ସାଗରାଗାଧଜଲ ମଜ୍ଜନଂ ଭଦ୍ରଂ|
43 ४३ जर तुझा उजवा हात तुला पाप करण्यासाठी प्रवृत्त करीत असेल तर तो तोडून टाक. दोन हात असून नराकात न विझणाऱ्या अग्नीत जाण्यापेक्षा एक हात नसून जीवनात जाणे बरे. (Geenna g1067)
ଅତଃ ସ୍ୱକରୋ ଯଦି ତ୍ୱାଂ ବାଧତେ ତର୍ହି ତଂ ଛିନ୍ଧି;
44 ४४
ଯସ୍ମାତ୍ ଯତ୍ର କୀଟା ନ ମ୍ରିଯନ୍ତେ ୱହ୍ନିଶ୍ଚ ନ ନିର୍ୱ୍ୱାତି, ତସ୍ମିନ୍ ଅନିର୍ୱ୍ୱାଣାନଲନରକେ କରଦ୍ୱଯୱସ୍ତୱ ଗମନାତ୍ କରହୀନସ୍ୟ ସ୍ୱର୍ଗପ୍ରୱେଶସ୍ତୱ କ୍ଷେମଂ| (Geenna g1067)
45 ४५ आणि जर तुझा पाय तुला पाप करण्यासाठी प्रवृत्त करीत असेल तर तो काढून टाक. दोन पाय असून नरकात फेकले जावे यापेक्षा लंगडे होऊन जीवनात गेलेले बरे. (Geenna g1067)
ଯଦି ତୱ ପାଦୋ ୱିଘ୍ନଂ ଜନଯତି ତର୍ହି ତଂ ଛିନ୍ଧି,
46 ४६
ଯତୋ ଯତ୍ର କୀଟା ନ ମ୍ରିଯନ୍ତେ ୱହ୍ନିଶ୍ଚ ନ ନିର୍ୱ୍ୱାତି, ତସ୍ମିନ୍ ଽନିର୍ୱ୍ୱାଣୱହ୍ନୌ ନରକେ ଦ୍ୱିପାଦୱତସ୍ତୱ ନିକ୍ଷେପାତ୍ ପାଦହୀନସ୍ୟ ସ୍ୱର୍ଗପ୍ରୱେଶସ୍ତୱ କ୍ଷେମଂ| (Geenna g1067)
47 ४७ जर तुझा उजवा डोळा तुला पाप करण्यासाठी प्रवृत्त करीत असेल तर तो काढून टाक. दोन डोळे असून जेथे त्यांना खाणारे किडे मरत नाहीत आणि अग्नी विझत नाही अशा नरकात फेकले जावे यापेक्षा एक डोळा असून देवाच्या राज्यात जाणे हे बरे (Geenna g1067)
ସ୍ୱନେତ୍ରଂ ଯଦି ତ୍ୱାଂ ବାଧତେ ତର୍ହି ତଦପ୍ୟୁତ୍ପାଟଯ, ଯତୋ ଯତ୍ର କୀଟା ନ ମ୍ରିଯନ୍ତେ ୱହ୍ନିଶ୍ଚ ନ ନିର୍ୱ୍ୱାତି,
48 ४८
ତସ୍ମିନ ଽନିର୍ୱ୍ୱାଣୱହ୍ନୌ ନରକେ ଦ୍ୱିନେତ୍ରସ୍ୟ ତୱ ନିକ୍ଷେପାଦ୍ ଏକନେତ୍ରୱତ ଈଶ୍ୱରରାଜ୍ୟେ ପ୍ରୱେଶସ୍ତୱ କ୍ଷେମଂ| (Geenna g1067)
49 ४९ कारण प्रत्येकाची अग्नीने परीक्षा घेतली जाईल.
ଯଥା ସର୍ୱ୍ୱୋ ବଲି ର୍ଲୱଣାକ୍ତଃ କ୍ରିଯତେ ତଥା ସର୍ୱ୍ୱୋ ଜନୋ ୱହ୍ନିରୂପେଣ ଲୱଣାକ୍ତଃ କାରିଷ୍ୟତେ|
50 ५० “मीठ चांगले आहे. जर मीठाने त्याचा खारटपणा घालविला तर ते पुन्हा कसे खारट कराल. तुम्ही आपणामध्ये मीठ असू द्या आणि एकमेकांबरोबर शांतीने रहा.”
ଲୱଣଂ ଭଦ୍ରଂ କିନ୍ତୁ ଯଦି ଲୱଣେ ସ୍ୱାଦୁତା ନ ତିଷ୍ଠତି, ତର୍ହି କଥମ୍ ଆସ୍ୱାଦ୍ୟୁକ୍ତଂ କରିଷ୍ୟଥ? ଯୂଯଂ ଲୱଣଯୁକ୍ତା ଭୱତ ପରସ୍ପରଂ ପ୍ରେମ କୁରୁତ|

< मार्क 9 >