< लूक 7 >

1 ऐकणाऱ्या लोकांस त्याने आपली सर्व वचने सांगणे संपवल्यानंतर त्याने कफर्णहूमात प्रवेश केला.
ততঃ পৰং স লোকানাং কৰ্ণগোচৰে তান্ সৰ্ৱ্ৱান্ উপদেশান্ সমাপ্য যদা কফৰ্নাহূম্পুৰং প্ৰৱিশতি
2 तेव्हा कोणाएका शताधीपतीचा आवडता दास आजारी होऊन मरणास टेकला होता.
তদা শতসেনাপতেঃ প্ৰিযদাস একো মৃতকল্পঃ পীডিত আসীৎ|
3 मग त्याने येशूविषयी ऐकून यहूद्यांच्या वडिलांना त्याच्याकडे पाठवून, तू येऊन माझ्या दासास वाचवावे, अशी त्यास विनंती केली.
অতঃ সেনাপতি ৰ্যীশো ৰ্ৱাৰ্ত্তাং নিশম্য দাসস্যাৰোগ্যকৰণায তস্যাগমনাৰ্থং ৱিনযকৰণায যিহূদীযান্ কিযতঃ প্ৰাচঃ প্ৰেষযামাস|
4 जेव्हा ते येशूजवळ आले तेव्हा त्यांनी त्यास आग्रहाने विनंती केली, ज्याच्यासाठी तू हे करावे, तो योग्य आहे.
তে যীশোৰন্তিকং গৎৱা ৱিনযাতিশযং ৱক্তুমাৰেভিৰে, স সেনাপতি ৰ্ভৱতোনুগ্ৰহং প্ৰাপ্তুম্ অৰ্হতি|
5 कारण तो आमच्या राष्ट्रावर प्रीती करतो आणि त्याने आमच्यासाठी आमचे सभास्थान बांधून दिले.
যতঃ সোস্মজ্জাতীযেষু লোকেষু প্ৰীযতে তথাস্মৎকৃতে ভজনগেহং নিৰ্ম্মিতৱান্|
6 त्यामूळे येशू त्यांच्याबरोबर मार्गात चालत गेला आणि तो घरापासून फार दूर नव्हता, तोच त्या शताधीपतीने मित्रांना त्यांच्याकडे पाठवून म्हटले, प्रभू, आपण त्रास करून घेऊ नका, कारण तुम्ही माझ्या घरी यावे असा मी योग्य नाही.
তস্মাদ্ যীশুস্তৈঃ সহ গৎৱা নিৱেশনস্য সমীপং প্ৰাপ, তদা স শতসেনাপতি ৰ্ৱক্ষ্যমাণৱাক্যং তং ৱক্তুং বন্ধূন্ প্ৰাহিণোৎ| হে প্ৰভো স্ৱযং শ্ৰমো ন কৰ্ত্তৱ্যো যদ্ ভৱতা মদ্গেহমধ্যে পাদাৰ্পণং ক্ৰিযেত তদপ্যহং নাৰ্হামি,
7 त्यामुळे तुमच्याकडे येण्यासही मी स्वतःला योग्य मानले नाही, परंतु तुम्ही फक्त शब्द बोला, म्हणजे माझा सेवक बरा होईल.
কিঞ্চাহং ভৱৎসমীপং যাতুমপি নাত্মানং যোগ্যং বুদ্ধৱান্, ততো ভৱান্ ৱাক্যমাত্ৰং ৱদতু তেনৈৱ মম দাসঃ স্ৱস্থো ভৱিষ্যতি|
8 कारण मीही दुसऱ्याच्या अधिकाराखाली असलेला मनुष्य असून माझ्या हाताखाली शिपाई आहेत; आणि याला मी म्हणतो, जा, म्हणजे हा जातो व दुसऱ्याला ये म्हणतो, म्हणजे तो येतो आणि माझ्या दासास म्हणतो, हे कर, म्हणजे तो ते करतो.
যস্মাদ্ অহং পৰাধীনোপি মমাধীনা যাঃ সেনাঃ সন্তি তাসাম্ একজনং প্ৰতি যাহীতি মযা প্ৰোক্তে স যাতি; তদন্যং প্ৰতি আযাহীতি প্ৰোক্তে স আযাতি; তথা নিজদাসং প্ৰতি এতৎ কুৰ্ৱ্ৱিতি প্ৰোক্তে স তদেৱ কৰোতি|
9 जेव्हा येशूने हे ऐकले तेव्हा त्यास त्याच्याविषयी आश्चर्य वाटले, तो त्याच्यामागे येणाऱ्या जमावाकडे वळून म्हणाला, “मी तुम्हास सांगतो, एवढा मोठा विश्वास मला इस्राएलात देखील आढळला नाही.”
যীশুৰিদং ৱাক্যং শ্ৰুৎৱা ৱিস্মযং যযৌ, মুখং পৰাৱৰ্ত্য পশ্চাদ্ৱৰ্ত্তিনো লোকান্ বভাষে চ, যুষ্মানহং ৱদামি ইস্ৰাযেলো ৱংশমধ্যেপি ৱিশ্ৱাসমীদৃশং ন প্ৰাপ্নৱং|
10 १० आणि जे पाठवलेले होते, ते घरी परतले, तेव्हा त्यांना आढळून आले की, तो सेवक बरा झाला आहे.
১০ততস্তে প্ৰেষিতা গৃহং গৎৱা তং পীডিতং দাসং স্ৱস্থং দদৃশুঃ|
11 ११ आणि दुसऱ्या दिवशी असे झाले की, तो नाईन नावाच्या नगराकडे जात होता आणि त्याचे पुष्कळ शिष्य व मोठा समुदाय हे त्याच्याबरोबर जात होते.
১১পৰেঽহনি স নাযীনাখ্যং নগৰং জগাম তস্যানেকে শিষ্যা অন্যে চ লোকাস্তেন সাৰ্দ্ধং যযুঃ|
12 १२ जसा तो गावाच्या वेशीजवळ आला तेव्हा पाहा कोणाएका मरण पावलेल्या मनुष्यास बाहेर घेऊन जात होते. तो आपल्या आईचा एकुलता एक मुलगा होता व ती विधवा होती; आणि गावातील बरेच लोक तिच्याबरोबर होते.
১২তেষু তন্নগৰস্য দ্ৱাৰসন্নিধিং প্ৰাপ্তেষু কিযন্তো লোকা একং মৃতমনুজং ৱহন্তো নগৰস্য বহিৰ্যান্তি, স তন্মাতুৰেকপুত্ৰস্তন্মাতা চ ৱিধৱা; তযা সাৰ্দ্ধং তন্নগৰীযা বহৱো লোকা আসন্|
13 १३ तेव्हा तिला पाहून प्रभूला तिचा कळवळा आला व तो तिला म्हणाला “रडू नकोस”
১৩প্ৰভুস্তাং ৱিলোক্য সানুকম্পঃ কথযামাস, মা ৰোদীঃ| স সমীপমিৎৱা খট্ৱাং পস্পৰ্শ তস্মাদ্ ৱাহকাঃ স্থগিতাস্তম্যুঃ;
14 १४ मग जवळ जाऊन त्याने तिरडीस स्पर्श केला; तेव्हा खांदेकरी स्थिर उभे राहीले आणि तो म्हणाला, “मुला, मी तुला सांगतो, उठ!”
১৪তদা স উৱাচ হে যুৱমনুষ্য ৎৱমুত্তিষ্ঠ, ৎৱামহম্ আজ্ঞাপযামি|
15 १५ आणि तो मरण पावलेला उठून बसला व बोलू लागला; मग येशूने त्यास त्याच्या आईजवळ दिले.
১৫তস্মাৎ স মৃতো জনস্তৎক্ষণমুত্থায কথাং প্ৰকথিতঃ; ততো যীশুস্তস্য মাতৰি তং সমৰ্পযামাস|
16 १६ तेव्हा सर्वांना भय वाटले आणि ते देवाला गौरव करीत म्हणाले, “आमच्यामध्ये मोठा संदेष्टा उदयास आला आहे आणि देवाने आपल्या लोकांची भेट घेतली आहे”
১৬তস্মাৎ সৰ্ৱ্ৱে লোকাঃ শশঙ্কিৰে; একো মহাভৱিষ্যদ্ৱাদী মধ্যেঽস্মাকম্ সমুদৈৎ, ঈশ্ৱৰশ্চ স্ৱলোকানন্ৱগৃহ্লাৎ কথামিমাং কথযিৎৱা ঈশ্ৱৰং ধন্যং জগদুঃ|
17 १७ येशूविषयीची ही बातमी सर्व यहूदीया प्रांतात आणि सभोवतालच्या परिसरात पसरली.
১৭ততঃ পৰং সমস্তং যিহূদাদেশং তস্য চতুৰ্দিক্স্থদেশঞ্চ তস্যৈতৎকীৰ্ত্তি ৰ্ৱ্যানশে|
18 १८ योहानाच्या शिष्यांनी योहानाला जाऊन हे सर्वकाही सांगितले,
১৮ততঃ পৰং যোহনঃ শিষ্যেষু তং তদ্ৱৃত্তান্তং জ্ঞাপিতৱৎসু
19 १९ नंतर योहानाने आपल्या दोन शिष्यांना बोलावले आणि त्याने त्यांना प्रभूकडे हे विचारण्यासाठी पाठवले की, जो येणारा तो तूच आहेस की आम्ही दुसऱ्याची वाट पाहावी?
১৯স স্ৱশিষ্যাণাং দ্ৱৌ জনাৱাহূয যীশুং প্ৰতি ৱক্ষ্যমাণং ৱাক্যং ৱক্তুং প্ৰেষযামাস, যস্যাগমনম্ অপেক্ষ্য তিষ্ঠামো ৱযং কিং স এৱ জনস্ত্ৱং? কিং ৱযমন্যমপেক্ষ্য স্থাস্যামঃ?
20 २० जेव्हा ते लोक त्याच्याकडे आले, ते म्हणाले, “बाप्तिस्मा करणाऱ्या योहानाने आम्हास तुमच्याकडे हे विचारण्यास पाठवले आहे की, जो येणारा तो तूच आहेस की आम्ही दुसऱ्याची वाट पाहावी?”
২০পশ্চাত্তৌ মানৱৌ গৎৱা কথযামাসতুঃ, যস্যাগমনম্ অপেক্ষ্য তিষ্ঠামো ৱযং, কিং সএৱ জনস্ত্ৱং? কিং ৱযমন্যমপেক্ষ্য স্থাস্যামঃ? কথামিমাং তুভ্যং কথযিতুং যোহন্ মজ্জক আৱাং প্ৰেষিতৱান্|
21 २१ त्याच घटकेस येशूने अनेक लोकांचे रोग, आजार बरे केले, पुष्कळांमधील दुष्ट आत्मे काढली, आंधळ्यांना दृष्टी दिली.
২১তস্মিন্ দণ্ডে যীশূৰোগিণো মহাৱ্যাধিমতো দুষ্টভূতগ্ৰস্তাংশ্চ বহূন্ স্ৱস্থান্ কৃৎৱা, অনেকান্ধেভ্যশ্চক্ষুংষি দত্ত্ৱা প্ৰত্যুৱাচ,
22 २२ येशूने त्यांना उत्तर दिले, “जा आणि तुम्ही जे ऐकले व पाहिले आहे ते योहानाला सांगा, आंधळे पाहतात, लंगडे चालतात, कुष्ठरोगी शुद्ध होतात, बहिरे ऐकतात, मरण पावलेले जिवंत केले जातात आणि गरीब लोक सुवार्ता ऐकतात.
২২যুৱাং ৱ্ৰজতম্ অন্ধা নেত্ৰাণি খঞ্জাশ্চৰণানি চ প্ৰাপ্নুৱন্তি, কুষ্ঠিনঃ পৰিষ্ক্ৰিযন্তে, বধিৰাঃ শ্ৰৱণানি মৃতাশ্চ জীৱনানি প্ৰাপ্নুৱন্তি, দৰিদ্ৰাণাং সমীপেষু সুসংৱাদঃ প্ৰচাৰ্য্যতে, যং প্ৰতি ৱিঘ্নস্ৱৰূপোহং ন ভৱামি স ধন্যঃ,
23 २३ आणि जो कोणी माझ्याविषयी अडखळत नाही तो धन्य आहे.”
২৩এতানি যানি পশ্যথঃ শৃণুথশ্চ তানি যোহনং জ্ঞাপযতম্|
24 २४ मग योहानाचे निरोपे गेल्यावर तो योहानाविषयी समुदायांशी बोलू लागला, “तुम्ही काय पाहायला बाहेर रानात गेला? वाऱ्याने हलवलेला बोरू काय?
২৪তযো ৰ্দূতযো ৰ্গতযোঃ সতো ৰ্যোহনি স লোকান্ ৱক্তুমুপচক্ৰমে, যূযং মধ্যেপ্ৰান্তৰং কিং দ্ৰষ্টুং নিৰগমত? কিং ৱাযুনা কম্পিতং নডং?
25 २५ तर तुम्ही काय पाहायला बाहेर गेला? मऊ वस्त्रे घातलेल्या मनुष्यास काय? पाहा, भडक पोषाख घातलेले व चैनीत असणारे लोक राजवाड्यांत असतात.
২৫যূযং কিং দ্ৰষ্টুং নিৰগমত? কিং সূক্ষ্মৱস্ত্ৰপৰিধাযিনং কমপি নৰং? কিন্তু যে সূক্ষ্মমৃদুৱস্ত্ৰাণি পৰিদধতি সূত্তমানি দ্ৰৱ্যাণি ভুঞ্জতে চ তে ৰাজধানীষু তিষ্ঠন্তি|
26 २६ तर तुम्ही काय पाहायाला बाहेर गेला? संदेष्ट्याला काय? होय, मी तुम्हास सांगतो, संदेष्ट्याहूनही जो अधिक मोठा आहे त्याला.
২৬তৰ্হি যূযং কিং দ্ৰষ্টুং নিৰগমত? কিমেকং ভৱিষ্যদ্ৱাদিনং? তদেৱ সত্যং কিন্তু স পুমান্ ভৱিষ্যদ্ৱাদিনোপি শ্ৰেষ্ঠ ইত্যহং যুষ্মান্ ৱদামি;
27 २७ पाहा, ‘मी आपल्या दूताला तुझ्या मुखापुढे पाठवतो; तो तुझ्यापुढे तुझी वाट तयार करील,’ असे ज्याच्याविषयी लिहिले आहे तो हाच आहे.
২৭পশ্য স্ৱকীযদূতন্তু তৱাগ্ৰ প্ৰেষযাম্যহং| গৎৱা ৎৱদীযমাৰ্গন্তু স হি পৰিষ্কৰিষ্যতি| যদৰ্থে লিপিৰিযম্ আস্তে স এৱ যোহন্|
28 २८ मी तुम्हास सांगतो की स्त्रियांपासून जे जन्मले त्यांच्यांमध्ये योहानापेक्षा मोठा असा कोणी नाही, तरी देवाच्या राज्यांत जो अगदी लहान आहे, तो त्याच्यापेक्षा मोठा आहे.”
২৮অতো যুষ্মানহং ৱদামি স্ত্ৰিযা গৰ্ব্ভজাতানাং ভৱিষ্যদ্ৱাদিনাং মধ্যে যোহনো মজ্জকাৎ শ্ৰেষ্ঠঃ কোপি নাস্তি, তত্ৰাপি ঈশ্ৱৰস্য ৰাজ্যে যঃ সৰ্ৱ্ৱস্মাৎ ক্ষুদ্ৰঃ স যোহনোপি শ্ৰেষ্ঠঃ|
29 २९ आणि जकातदारांसह सर्व लोकांनी ऐकून ‘देव न्यायी आहे’ असे ठरवले कारण त्यांनी योहानाचा बाप्तिस्मा घेतला होता.
২৯অপৰঞ্চ সৰ্ৱ্ৱে লোকাঃ কৰমঞ্চাযিনশ্চ তস্য ৱাক্যানি শ্ৰুৎৱা যোহনা মজ্জনেন মজ্জিতাঃ পৰমেশ্ৱৰং নিৰ্দোষং মেনিৰে|
30 ३० परंतु परूशी व नियमशास्त्राचे शिक्षक यांनी त्याच्यापासून बाप्तिस्मा न घेऊन आपल्या संबंधीची देवाची योजना धिक्कारली.
৩০কিন্তু ফিৰূশিনো ৱ্যৱস্থাপকাশ্চ তেন ন মজ্জিতাঃ স্ৱান্ প্ৰতীশ্ৱৰস্যোপদেশং নিষ্ফলম্ অকুৰ্ৱ্ৱন্|
31 ३१ प्रभूने म्हटले, “तर मग मी या पिढीच्या मनुष्यांना कोणती उपमा देऊ? आणि ती कशासारखी आहेत?
৩১অথ প্ৰভুঃ কথযামাস, ইদানীন্তনজনান্ কেনোপমামি? তে কস্য সদৃশাঃ?
32 ३२ जी मुले बाजारामध्ये बसून एकमेकांना हाक मारतात त्यांच्यासारखी ती आहेत, ती म्हणतात, आम्ही तुमच्यासाठी पावा वाजवला तरी तुम्ही नाचला नाही, आम्ही विलाप केला तरी तुम्ही रडला नाही.
৩২যে বালকা ৱিপণ্যাম্ উপৱিশ্য পৰস্পৰম্ আহূয ৱাক্যমিদং ৱদন্তি, ৱযং যুষ্মাকং নিকটে ৱংশীৰৱাদিষ্ম, কিন্তু যূযং নানৰ্ত্তিষ্ট, ৱযং যুষ্মাকং নিকট অৰোদিষ্ম, কিন্তু যুযং ন ৱ্যলপিষ্ট, বালকৈৰেতাদৃশৈস্তেষাম্ উপমা ভৱতি|
33 ३३ कारण बाप्तिस्मा करणारा योहान भाकर न खाता आणि द्राक्षरस न पिता आला आहे आणि तुम्ही म्हणता, त्यास भूत लागले आहे.
৩৩যতো যোহন্ মজ্জক আগত্য পূপং নাখাদৎ দ্ৰাক্ষাৰসঞ্চ নাপিৱৎ তস্মাদ্ যূযং ৱদথ, ভূতগ্ৰস্তোযম্|
34 ३४ मनुष्याचा पुत्र खातपीत आला आहे आणि तुम्ही म्हणता, पाहा, हा खादाडा मनुष्य व दारूबाज, जकातदारांचा व पाप्यांचा मित्र!
৩৪ততঃ পৰং মানৱসুত আগত্যাখাদদপিৱঞ্চ তস্মাদ্ যূযং ৱদথ, খাদকঃ সুৰাপশ্চাণ্ডালপাপিনাং বন্ধুৰেকো জনো দৃশ্যতাম্|
35 ३५ परंतु ज्ञान आपल्या सर्व लेकरांकडून न्यायी ठरलेले आहे.”
৩৫কিন্তু জ্ঞানিনো জ্ঞানং নিৰ্দোষং ৱিদুঃ|
36 ३६ तेव्हा परूश्यांपैकी कोणा एकाने, “तू माझ्याबरोबर जेवावे.” अशी येशूला विनंती केली. मग तो परूश्याच्या घरात जाऊन जेवायला बसला.
৩৬পশ্চাদেকঃ ফিৰূশী যীশুং ভোজনায ন্যমন্ত্ৰযৎ ততঃ স তস্য গৃহং গৎৱা ভোক্তুমুপৱিষ্টঃ|
37 ३७ आणि पाहा, कोणीएक पापी स्त्री त्या नगरांत होती; येशू परूश्यांच्या घरात जेवायला बसला आहे हे ऐकू ती सुगंधी तेलाची अलाबास्त्र कुपी घेऊन आली.
৩৭এতৰ্হি তৎফিৰূশিনো গৃহে যীশু ৰ্ভেক্তুম্ উপাৱেক্ষীৎ তচ্ছ্ৰুৎৱা তন্নগৰৱাসিনী কাপি দুষ্টা নাৰী পাণ্ডৰপ্ৰস্তৰস্য সম্পুটকে সুগন্ধিতৈলম্ আনীয
38 ३८ आणि ती मागे त्याच्या पायांजवळ रडत उभी राहून आसवांनी त्याचे पाय भिजवू लागली व तिने ते आपल्या डोक्याच्या केसांनी पुसून, त्याच्या पायांचे पुष्कळ मुके घेतले व त्यांना सुगंधी तेल लावले.
৩৮তস্য পশ্চাৎ পাদযোঃ সন্নিধৌ তস্যৌ ৰুদতী চ নেত্ৰাম্বুভিস্তস্য চৰণৌ প্ৰক্ষাল্য নিজকচৈৰমাৰ্ক্ষীৎ, ততস্তস্য চৰণৌ চুম্বিৎৱা তেন সুগন্ধিতৈলেন মমৰ্দ|
39 ३९ तेव्हा ज्या परूश्याने येशूला बोलावले होते, त्याने हे पाहून आपल्या मनांत म्हटले, “हा संदेष्टा असता तर जी स्त्री त्यास स्पर्श करीत आहे ती कोण व कोणत्या प्रकारची आहे, म्हणजे ती पापी आहे, हे त्यास कळले असते.”
৩৯তস্মাৎ স নিমন্ত্ৰযিতা ফিৰূশী মনসা চিন্তযামাস, যদ্যযং ভৱিষ্যদ্ৱাদী ভৱেৎ তৰ্হি এনং স্পৃশতি যা স্ত্ৰী সা কা কীদৃশী চেতি জ্ঞাতুং শক্নুযাৎ যতঃ সা দুষ্টা|
40 ४० तेव्हा येशूने त्यास उत्तर देऊन म्हटले, “शिमोना, तुझ्याशी मला काही बोलायचे आहे.” तेव्हा तो म्हणाला, “गुरूजी बोला.”
৪০তদা যাশুস্তং জগাদ, হে শিমোন্ ৎৱাং প্ৰতি মম কিঞ্চিদ্ ৱক্তৱ্যমস্তি; তস্মাৎ স বভাষে, হে গুৰো তদ্ ৱদতু|
41 ४१ येशूने म्हटले, “एका सावकाराचे दोन कर्जदार होते; एकाला चांदीचे पाचशे नाणे व दुसऱ्याला पन्नास असे देणे होते.
৪১একোত্তমৰ্ণস্য দ্ৱাৱধমৰ্ণাৱাস্তাং, তযোৰেকঃ পঞ্চশতানি মুদ্ৰাপাদান্ অপৰশ্চ পঞ্চাশৎ মুদ্ৰাপাদান্ ধাৰযামাস|
42 ४२ परंतु कर्ज फेडायला त्यांच्याजवळ काही नव्हते म्हणून त्याने दोघांना क्षमा केली. तर त्यांच्यापैकी कोणता त्याच्यावर अधिक प्रीती करील?”
৪২তদনন্তৰং তযোঃ শোধ্যাভাৱাৎ স উত্তমৰ্ণস্তযো ৰৃণে চক্ষমে; তস্মাৎ তযোৰ্দ্ৱযোঃ কস্তস্মিন্ প্ৰেষ্যতে বহু? তদ্ ব্ৰূহি|
43 ४३ तेव्हा शिमोनाने उत्तर देऊन म्हटले, “ज्याला अधिक माफ केले तो, असे मला वाटते.” मग येशू त्यास म्हणाला, “ठीक ठरवलेस.”
৪৩শিমোন্ প্ৰত্যুৱাচ, মযা বুধ্যতে যস্যাধিকম্ ঋণং চক্ষমে স ইতি; ততো যীশুস্তং ৱ্যাজহাৰ, ৎৱং যথাৰ্থং ৱ্যচাৰযঃ|
44 ४४ तेव्हा त्याने त्या स्त्रीकडे वळून शिमोनाला म्हटले, “ही स्त्री तुला दिसते ना? मी तुझ्या घरात आलो, तू माझ्या पायांसाठी पाणी दिले नाही; परंतु हिने आसवांनी माझे पाय भिजवले आणि आपल्या केसांनी ते पुसले.
৪৪অথ তাং নাৰীং প্ৰতি ৱ্যাঘুঠ্য শিমোনমৱোচৎ, স্ত্ৰীমিমাং পশ্যসি? তৱ গৃহে ময্যাগতে ৎৱং পাদপ্ৰক্ষালনাৰ্থং জলং নাদাঃ কিন্তু যোষিদেষা নযনজলৈ ৰ্মম পাদৌ প্ৰক্ষাল্য কেশৈৰমাৰ্ক্ষীৎ|
45 ४५ तू माझा मुका घेतला नाही, परंतु मी आत आल्यापासून हिने माझ्या पायांचे मुके घेण्याचे थांबवले नाही,
৪৫ৎৱং মাং নাচুম্বীঃ কিন্তু যোষিদেষা স্ৱীযাগমনাদাৰভ্য মদীযপাদৌ চুম্বিতুং ন ৱ্যৰংস্ত|
46 ४६ तू माझ्या डोक्याला तेल लावले नाही, परंतु हिने माझ्या पायांना सुगंधी तेल लावले आहे.
৪৬ৎৱঞ্চ মদীযোত্তমাঙ্গে কিঞ্চিদপি তৈলং নামৰ্দীঃ কিন্তু যোষিদেষা মম চৰণৌ সুগন্ধিতৈলেনামৰ্দ্দীৎ|
47 ४७ या कारणासाठी मी तुला सांगतो, हिची जी पुष्कळ पापे त्यांची क्षमा झाली आहे; कारण हिने पुष्कळ प्रीती केली; परंतु ज्याला थोडक्याची क्षमा होते तो थोडकी प्रीती करतो.”
৪৭অতস্ত্ৱাং ৱ্যাহৰামি, এতস্যা বহু পাপমক্ষম্যত ততো বহু প্ৰীযতে কিন্তু যস্যাল্পপাপং ক্ষম্যতে সোল্পং প্ৰীযতে|
48 ४८ तेव्हा येशूने तिला म्हटले, “तुझ्या पापांची क्षमा झाली आहे.”
৪৮ততঃ পৰং স তাং বভাষে, ৎৱদীযং পাপমক্ষম্যত|
49 ४९ मग त्याच्याबरोबर जेवायला बसले होते ते आपसांत म्हणू लागले, “पापांची देखील क्षमा करणारा हा कोण आहे?”
৪৯তদা তেন সাৰ্দ্ধং যে ভোক্তুম্ উপৱিৱিশুস্তে পৰস্পৰং ৱক্তুমাৰেভিৰে, অযং পাপং ক্ষমতে ক এষঃ?
50 ५० मग त्याने त्या स्त्रीला म्हटले, “तुझ्या विश्वासाने तुला तारले आहे, शांतीने जा.”
৫০কিন্তু স তাং নাৰীং জগাদ, তৱ ৱিশ্ৱাসস্ত্ৱাং পৰ্য্যত্ৰাস্ত ৎৱং ক্ষেমেণ ৱ্ৰজ|

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