< लूक 12 >
1 १ आणि त्यादरम्यान हजारो लोकांचा समुदाय जमला होता आणि एवढा की ते एकमेकांना तुडवू लागले, तेव्हा येशू प्रथम आपल्या शिष्यांशी बोललाः “परूश्यांच्या खमिराविषयी जपा, म्हणजे त्यांच्या ढोंगाविषयी जपा.
ତଦାନୀଂ ଲୋକାଃ ସହସ୍ରଂ ସହସ୍ରମ୍ ଆଗତ୍ୟ ସମୁପସ୍ଥିତାସ୍ତତ ଏକୈକୋ ଽନ୍ୟେଷାମୁପରି ପତିତୁମ୍ ଉପଚକ୍ରମେ; ତଦା ଯୀଶୁଃ ଶିଷ୍ୟାନ୍ ବଭାଷେ, ଯୂଯଂ ଫିରୂଶିନାଂ କିଣ୍ୱରୂପକାପଟ୍ୟେ ୱିଶେଷେଣ ସାୱଧାନାସ୍ତିଷ୍ଠତ|
2 २ उघड केले जाणार नाही असे काहीच झाकलेले नाही व जे कळणार नाही असे काहीच गुप्त नाही.
ଯତୋ ଯନ୍ନ ପ୍ରକାଶଯିଷ୍ୟତେ ତଦାଚ୍ଛନ୍ନଂ ୱସ୍ତୁ କିମପି ନାସ୍ତି; ତଥା ଯନ୍ନ ଜ୍ଞାସ୍ୟତେ ତଦ୍ ଗୁପ୍ତଂ ୱସ୍ତୁ କିମପି ନାସ୍ତି|
3 ३ म्हणून तुम्ही जे काही अंधारात बोलाल ते उजेडात ऐकले जाईल आणि तुम्ही कोणाच्या कानात जे काही एकांतात सांगाल ते घराच्या छतावरुन घोषित केले जाईल.”
ଅନ୍ଧକାରେ ତିଷ୍ଠନତୋ ଯାଃ କଥା ଅକଥଯତ ତାଃ ସର୍ୱ୍ୱାଃ କଥା ଦୀପ୍ତୌ ଶ୍ରୋଷ୍ୟନ୍ତେ ନିର୍ଜନେ କର୍ଣେ ଚ ଯଦକଥଯତ ଗୃହପୃଷ୍ଠାତ୍ ତତ୍ ପ୍ରଚାରଯିଷ୍ୟତେ|
4 ४ “परंतु माझ्या मित्रांनो, मी तुम्हास सांगतो, जे शरीराला मारतात त्यांना तुम्ही भिऊ नका, कारण त्यानंतर त्यापेक्षा जास्त त्यांना काही करता येत नाही.
ହେ ବନ୍ଧୱୋ ଯୁଷ୍ମାନହଂ ୱଦାମି, ଯେ ଶରୀରସ୍ୟ ନାଶଂ ୱିନା କିମପ୍ୟପରଂ କର୍ତ୍ତୁଂ ନ ଶକ୍ରୁୱନ୍ତି ତେଭ୍ୟୋ ମା ଭୈଷ୍ଟ|
5 ५ तुम्ही कोणाची भीती बाळगावी हे मी तुम्हास सांगतो. तुम्हास ठार मारल्या यानंतर तुम्हास नरकात टाकून देण्यास ज्याला अधिकार आहे, त्याची भीती धरा. होय, मी तुम्हास सांगतो, त्याचेच भय धरा. (Geenna )
ତର୍ହି କସ୍ମାଦ୍ ଭେତୱ୍ୟମ୍ ଇତ୍ୟହଂ ୱଦାମି, ଯଃ ଶରୀରଂ ନାଶଯିତ୍ୱା ନରକଂ ନିକ୍ଷେପ୍ତୁଂ ଶକ୍ନୋତି ତସ୍ମାଦେୱ ଭଯଂ କୁରୁତ, ପୁନରପି ୱଦାମି ତସ୍ମାଦେୱ ଭଯଂ କୁରୁତ| (Geenna )
6 ६ पाच चिमण्या दोन नाण्यांना विकतात की नाही? तरी त्यातील एकीचाही देवाला विसर पडत नाही.
ପଞ୍ଚ ଚଟକପକ୍ଷିଣଃ କିଂ ଦ୍ୱାଭ୍ୟାଂ ତାମ୍ରଖଣ୍ଡାଭ୍ୟାଂ ନ ୱିକ୍ରୀଯନ୍ତେ? ତଥାପୀଶ୍ୱରସ୍ତେଷାମ୍ ଏକମପି ନ ୱିସ୍ମରତି|
7 ७ पण तुमच्या डोक्यावरील सर्व केसदेखील त्याने मोजलेले आहेत. भिऊ नका. पुष्कळ चिमण्यांपेक्षा तुमचे मूल्य जास्त आहे.
ଯୁଷ୍ମାକଂ ଶିରଃକେଶା ଅପି ଗଣିତାଃ ସନ୍ତି ତସ୍ମାତ୍ ମା ୱିଭୀତ ବହୁଚଟକପକ୍ଷିଭ୍ୟୋପି ଯୂଯଂ ବହୁମୂଲ୍ୟାଃ|
8 ८ जो मला इतर लोकांसमोर स्वीकारतो, त्या प्रत्येक मनुष्यास देवाच्या दूतासमोर मनुष्याचा पुत्रही स्वीकारील.
ଅପରଂ ଯୁଷ୍ମଭ୍ୟଂ କଥଯାମି ଯଃ କଶ୍ଚିନ୍ ମାନୁଷାଣାଂ ସାକ୍ଷାନ୍ ମାଂ ସ୍ୱୀକରୋତି ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ର ଈଶ୍ୱରଦୂତାନାଂ ସାକ୍ଷାତ୍ ତଂ ସ୍ୱୀକରିଷ୍ୟତି|
9 ९ परंतु जो मला इतर लोकांसमोर नाकारतो, तो देवदूतांसमोरही नाकारला जाईल.
କିନ୍ତୁ ଯଃ କଶ୍ଚିନ୍ମାନୁଷାଣାଂ ସାକ୍ଷାନ୍ମାମ୍ ଅସ୍ୱୀକରୋତି ତମ୍ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ଦୂତାନାଂ ସାକ୍ଷାଦ୍ ଅହମ୍ ଅସ୍ୱୀକରିଷ୍ୟାମି|
10 १० प्रत्येक मनुष्य जो मनुष्याच्या पुत्राविरुद्ध बोलतो, त्यास क्षमा केली जाईल. परंतु जो पवित्र आत्म्याविरुद्ध दुर्भाषण करतो त्यास क्षमा केली जाणार नाही.
ଅନ୍ୟଚ୍ଚ ଯଃ କଶ୍ଚିନ୍ ମନୁଜସୁତସ୍ୟ ନିନ୍ଦାଭାୱେନ କାଞ୍ଚିତ୍ କଥାଂ କଥଯତି ତସ୍ୟ ତତ୍ପାପସ୍ୟ ମୋଚନଂ ଭୱିଷ୍ୟତି କିନ୍ତୁ ଯଦି କଶ୍ଚିତ୍ ପୱିତ୍ରମ୍ ଆତ୍ମାନଂ ନିନ୍ଦତି ତର୍ହି ତସ୍ୟ ତତ୍ପାପସ୍ୟ ମୋଚନଂ ନ ଭୱିଷ୍ୟତି|
11 ११ जेव्हा ते तुम्हास सभास्थाने, राज्यकर्ते व अधिकारी यांच्यासमोर धरुन आणतील तेव्हा तुम्ही काय बोलावे किंवा स्वतःचा बचाव कसा करावा याविषयी आधीच चिंता करीत बसू नका.
ଯଦା ଲୋକା ଯୁଷ୍ମାନ୍ ଭଜନଗେହଂ ୱିଚାରକର୍ତୃରାଜ୍ୟକର୍ତୃଣାଂ ସମ୍ମୁଖଞ୍ଚ ନେଷ୍ୟନ୍ତି ତଦା କେନ ପ୍ରକାରେଣ କିମୁତ୍ତରଂ ୱଦିଷ୍ୟଥ କିଂ କଥଯିଷ୍ୟଥ ଚେତ୍ୟତ୍ର ମା ଚିନ୍ତଯତ;
12 १२ कारण तुम्ही काय बोलावे हे पवित्र आत्मा त्याचवेळी तुम्हास शिकवील.”
ଯତୋ ଯୁଷ୍ମାଭିର୍ୟଦ୍ ଯଦ୍ ୱକ୍ତୱ୍ୟଂ ତତ୍ ତସ୍ମିନ୍ ସମଯଏୱ ପୱିତ୍ର ଆତ୍ମା ଯୁଷ୍ମାନ୍ ଶିକ୍ଷଯିଷ୍ୟତି|
13 १३ नंतर लोकसमुदायातील एकजण त्यास म्हणाला, “गुरुजी, माझ्या भावाला वतन विभागून माझे मला द्यायला सांगा!”
ତତଃ ପରଂ ଜନତାମଧ୍ୟସ୍ଥଃ କଶ୍ଚିଜ୍ଜନସ୍ତଂ ଜଗାଦ ହେ ଗୁରୋ ମଯା ସହ ପୈତୃକଂ ଧନଂ ୱିଭକ୍ତୁଂ ମମ ଭ୍ରାତରମାଜ୍ଞାପଯତୁ ଭୱାନ୍|
14 १४ परंतु येशू त्यास म्हणाला, “मनुष्या, मला तुमच्यावर मध्यस्थ किंवा न्यायाधीश म्हणून कोणी नेमले?”
କିନ୍ତୁ ସ ତମୱଦତ୍ ହେ ମନୁଷ୍ୟ ଯୁୱଯୋ ର୍ୱିଚାରଂ ୱିଭାଗଞ୍ଚ କର୍ତ୍ତୁଂ ମାଂ କୋ ନିଯୁକ୍ତୱାନ୍?
15 १५ मग येशू त्यांना म्हणाला, “सांभाळा आणि सर्व प्रकारच्या लोभापासून स्वतःला दूर ठेवा कारण जेव्हा एखाद्या मनुष्याजवळ त्याच्या गरजेपेक्षा अधिक असते तेव्हा ती संपत्ती त्याचे जीवन होत असे नाही.”
ଅନନ୍ତରଂ ସ ଲୋକାନୱଦତ୍ ଲୋଭେ ସାୱଧାନାଃ ସତର୍କାଶ୍ଚ ତିଷ୍ଠତ, ଯତୋ ବହୁସମ୍ପତ୍ତିପ୍ରାପ୍ତ୍ୟା ମନୁଷ୍ୟସ୍ୟାଯୁ ର୍ନ ଭୱତି|
16 १६ नंतर त्याने त्यास एक दाखला सांगितला, “कोणाएका धनवान मनुष्याच्या शेतजमिनीत फार उत्तम पीक आले.
ପଶ୍ଚାଦ୍ ଦୃଷ୍ଟାନ୍ତକଥାମୁତ୍ଥାପ୍ୟ କଥଯାମାସ, ଏକସ୍ୟ ଧନିନୋ ଭୂମୌ ବହୂନି ଶସ୍ୟାନି ଜାତାନି|
17 १७ तो स्वतःशी विचार करून असे म्हणाला, ‘मी काय करू, कारण धान्य साठवायला माझ्याकडे जागा नाही?’
ତତଃ ସ ମନସା ଚିନ୍ତଯିତ୍ୱା କଥଯାମ୍ବଭୂୱ ମମୈତାନି ସମୁତ୍ପନ୍ନାନି ଦ୍ରୱ୍ୟାଣି ସ୍ଥାପଯିତୁଂ ସ୍ଥାନଂ ନାସ୍ତି କିଂ କରିଷ୍ୟାମି?
18 १८ मग तो असे म्हणाला, ‘मी आता असे करतो, मी माझी धान्याची कोठारे पाडून मोठी बांधीतो, मी माझे सर्व धान्य व माल तेथे साठवीन’
ତତୋୱଦଦ୍ ଇତ୍ଥଂ କରିଷ୍ୟାମି, ମମ ସର୍ୱ୍ୱଭାଣ୍ଡାଗାରାଣି ଭଙ୍କ୍ତ୍ୱା ବୃହଦ୍ଭାଣ୍ଡାଗାରାଣି ନିର୍ମ୍ମାଯ ତନ୍ମଧ୍ୟେ ସର୍ୱ୍ୱଫଲାନି ଦ୍ରୱ୍ୟାଣି ଚ ସ୍ଥାପଯିଷ୍ୟାମି|
19 १९ आणि मी माझ्या जीवाला म्हणेन, ‘हे जीवा, आता तुझ्यासाठी अनेक वर्षे पुरतील अशा पुष्कळ चांगल्या गोष्टी साठवून ठेवलेल्या आहेत. आराम कर, खा, पी आणि मजा कर.’
ଅପରଂ ନିଜମନୋ ୱଦିଷ୍ୟାମି, ହେ ମନୋ ବହୁୱତ୍ସରାର୍ଥଂ ନାନାଦ୍ରୱ୍ୟାଣି ସଞ୍ଚିତାନି ସନ୍ତି ୱିଶ୍ରାମଂ କୁରୁ ଭୁକ୍ତ୍ୱା ପୀତ୍ୱା କୌତୁକଞ୍ଚ କୁରୁ| କିନ୍ତ୍ୱୀଶ୍ୱରସ୍ତମ୍ ଅୱଦତ୍,
20 २० पण देव त्यास म्हणतो, ‘अरे मूर्खा, जर आज तुझा जीव गेला तर तू साठवलेल्या गोष्टी कोणाला मिळतील?’
ରେ ନିର୍ବୋଧ ଅଦ୍ୟ ରାତ୍ରୌ ତୱ ପ୍ରାଣାସ୍ତ୍ୱତ୍ତୋ ନେଷ୍ୟନ୍ତେ ତତ ଏତାନି ଯାନି ଦ୍ରୱ୍ୟାଣି ତ୍ୱଯାସାଦିତାନି ତାନି କସ୍ୟ ଭୱିଷ୍ୟନ୍ତି?
21 २१ जो कोणी स्वतःसाठी संपत्ती जमा करतो परंतु देवाच्या दृष्टीने जो धनवान नाही, अशा मनुष्यासारखे हे आहे.”
ଅତଏୱ ଯଃ କଶ୍ଚିଦ୍ ଈଶ୍ୱରସ୍ୟ ସମୀପେ ଧନସଞ୍ଚଯମକୃତ୍ୱା କେୱଲଂ ସ୍ୱନିକଟେ ସଞ୍ଚଯଂ କରୋତି ସୋପି ତାଦୃଶଃ|
22 २२ मग येशू त्याच्या शिष्यांना म्हणाला, “म्हणून मी तुम्हास सांगतो, स्वतःच्या जीवनाविषयी किंवा तुम्ही काय खावे याविषयी चिंता करू नका. किंवा तुमच्या शरीराविषयी म्हणजे कोणते कपडे घालावेत याविषयी चिंता करू नका.
ଅଥ ସ ଶିଷ୍ୟେଭ୍ୟଃ କଥଯାମାସ, ଯୁଷ୍ମାନହଂ ୱଦାମି, କିଂ ଖାଦିଷ୍ୟାମଃ? କିଂ ପରିଧାସ୍ୟାମଃ? ଇତ୍ୟୁକ୍ତ୍ୱା ଜୀୱନସ୍ୟ ଶରୀରସ୍ୟ ଚାର୍ଥଂ ଚିନ୍ତାଂ ମା କାର୍ଷ୍ଟ|
23 २३ कारण अन्नापेक्षा जीव आणि कपड्यांपेक्षा शरीर महत्त्वाचे आहे.
ଭକ୍ଷ୍ୟାଜ୍ଜୀୱନଂ ଭୂଷଣାଚ୍ଛରୀରଞ୍ଚ ଶ୍ରେଷ୍ଠଂ ଭୱତି|
24 २४ कावळ्यांचा विचार करा ते पेरीत नाहीत व कापणीही करीत नाहीत. त्यांना कोठार नाही व कणगीही नाही. तरीही देव त्याचे पोषण करतो. पक्ष्यांपेक्षा तुम्ही कितीतरी मौल्यवान आहात!
କାକପକ୍ଷିଣାଂ କାର୍ୟ୍ୟଂ ୱିଚାରଯତ, ତେ ନ ୱପନ୍ତି ଶସ୍ୟାନି ଚ ନ ଛିନ୍ଦନ୍ତି, ତେଷାଂ ଭାଣ୍ଡାଗାରାଣି ନ ସନ୍ତି କୋଷାଶ୍ଚ ନ ସନ୍ତି, ତଥାପୀଶ୍ୱରସ୍ତେଭ୍ୟୋ ଭକ୍ଷ୍ୟାଣି ଦଦାତି, ଯୂଯଂ ପକ୍ଷିଭ୍ୟଃ ଶ୍ରେଷ୍ଠତରା ନ କିଂ?
25 २५ चिंता करून तुम्हापैकी कोण स्वतःच्या आयुष्याची दोरी हातभर वाढवावयास कोण समर्थ आहे?
ଅପରଞ୍ଚ ଭାୱଯିତ୍ୱା ନିଜାଯୁଷଃ କ୍ଷଣମାତ୍ରଂ ୱର୍ଦ୍ଧଯିତୁଂ ଶକ୍ନୋତି, ଏତାଦୃଶୋ ଲାକୋ ଯୁଷ୍ମାକଂ ମଧ୍ୟେ କୋସ୍ତି?
26 २६ ज्याअर्थी तुम्हीही सर्वात लहान गोष्ट करू शकत नाही, तर इतर गोष्टींविषयीची चिंता का करता?
ଅତଏୱ କ୍ଷୁଦ୍ରଂ କାର୍ୟ୍ୟଂ ସାଧଯିତୁମ୍ ଅସମର୍ଥା ଯୂଯମ୍ ଅନ୍ୟସ୍ମିନ୍ କାର୍ୟ୍ୟେ କୁତୋ ଭାୱଯଥ?
27 २७ रानफुले कशी वाढतात याचा विचार करा. ती कष्ट करीत नाहीत व कातीत नाहीत. तरी मी तुम्हास सांगतो, शलमोनदेखील आपल्या सर्व वैभवात त्यांच्यातील एकासारखाही सजला नव्हता.
ଅନ୍ୟଚ୍ଚ କାମ୍ପିଲପୁଷ୍ପଂ କଥଂ ୱର୍ଦ୍ଧତେ ତଦାପି ୱିଚାରଯତ, ତତ୍ କଞ୍ଚନ ଶ୍ରମଂ ନ କରୋତି ତନ୍ତୂଂଶ୍ଚ ନ ଜନଯତି କିନ୍ତୁ ଯୁଷ୍ମଭ୍ୟଂ ଯଥାର୍ଥଂ କଥଯାମି ସୁଲେମାନ୍ ବହ୍ୱୈଶ୍ୱର୍ୟ୍ୟାନ୍ୱିତୋପି ପୁଷ୍ପସ୍ୟାସ୍ୟ ସଦୃଶୋ ୱିଭୂଷିତୋ ନାସୀତ୍|
28 २८ तर, जे आज आहे व उद्या भट्टीत टाकले जाईल अशा त्या रानातील गवताला देवाने असा पोशाख घातला आहे, तर तुम्ही जे अल्पविश्वासू त्या तुम्हास तो कितीतरी अधिक चांगला पोशाख घालणार नाही काय!
ଅଦ୍ୟ କ୍ଷେତ୍ରେ ୱର୍ତ୍ତମାନଂ ଶ୍ୱଶ୍ଚୂଲ୍ଲ୍ୟାଂ କ୍ଷେପ୍ସ୍ୟମାନଂ ଯତ୍ ତୃଣଂ, ତସ୍ମୈ ଯଦୀଶ୍ୱର ଇତ୍ଥଂ ଭୂଷଯତି ତର୍ହି ହେ ଅଲ୍ପପ୍ରତ୍ୟଯିନୋ ଯୁଷ୍ମାନ କିଂ ନ ପରିଧାପଯିଷ୍ୟତି?
29 २९ तुम्ही काय खावे व काय प्यावे याविषयी काळजीत असू नका आणि या गोष्टींविषयी चिंता करू नका.
ଅତଏୱ କିଂ ଖାଦିଷ୍ୟାମଃ? କିଂ ପରିଧାସ୍ୟାମଃ? ଏତଦର୍ଥଂ ମା ଚେଷ୍ଟଧ୍ୱଂ ମା ସଂଦିଗ୍ଧ୍ୱଞ୍ଚ|
30 ३० कारण परराष्ट्री हे मिळविण्याची खटपट करतात पण या गोष्टींची तुम्हास गरज आहे, हे तुमच्या स्वर्गीय पित्याला माहीत आहे.
ଜଗତୋ ଦେୱାର୍ଚ୍ଚକା ଏତାନି ସର୍ୱ୍ୱାଣି ଚେଷ୍ଟନତେ; ଏଷୁ ୱସ୍ତୁଷୁ ଯୁଷ୍ମାକଂ ପ୍ରଯୋଜନମାସ୍ତେ ଇତି ଯୁଷ୍ମାକଂ ପିତା ଜାନାତି|
31 ३१ त्याऐवजी प्रथम त्याचे राज्य मिळविण्यासाठी झटा म्हणजे या गोष्टीही तुम्हास दिल्या जातील.
ଅତଏୱେଶ୍ୱରସ୍ୟ ରାଜ୍ୟାର୍ଥଂ ସଚେଷ୍ଟା ଭୱତ ତଥା କୃତେ ସର୍ୱ୍ୱାଣ୍ୟେତାନି ଦ୍ରୱ୍ୟାଣି ଯୁଷ୍ମଭ୍ୟଂ ପ୍ରଦାଯିଷ୍ୟନ୍ତେ|
32 ३२ हे लहान कळपा भिऊ नको, कारण तुम्हास त्याचे राज्य द्यावे यामध्ये स्वर्गीय पित्याला संतोष वाटतो.
ହେ କ୍ଷୁଦ୍ରମେଷୱ୍ରଜ ଯୂଯଂ ମା ଭୈଷ୍ଟ ଯୁଷ୍ମଭ୍ୟଂ ରାଜ୍ୟଂ ଦାତୁଂ ଯୁଷ୍ମାକଂ ପିତୁଃ ସମ୍ମତିରସ୍ତି|
33 ३३ तुमची मालमत्ता विका आणि गरिबांमध्ये वाटा. जुन्या न होणाऱ्या व न झिजणाऱ्या अशा थैल्या स्वतःसाठी स्वर्गात बनवा. तेथे चोरही जाऊ शकणार नाही व कसरही त्याचा नाश करणार नाही.
ଅତଏୱ ଯୁଷ୍ମାକଂ ଯା ଯା ସମ୍ପତ୍ତିରସ୍ତି ତାଂ ତାଂ ୱିକ୍ରୀଯ ୱିତରତ, ଯତ୍ ସ୍ଥାନଂ ଚୌରା ନାଗଚ୍ଛନ୍ତି, କୀଟାଶ୍ଚ ନ କ୍ଷାଯଯନ୍ତି ତାଦୃଶେ ସ୍ୱର୍ଗେ ନିଜାର୍ଥମ୍ ଅଜରେ ସମ୍ପୁଟକେ ଽକ୍ଷଯଂ ଧନଂ ସଞ୍ଚିନୁତ ଚ;
34 ३४ कारण जेथे तुमचे धन आहे तेथे तुमचे मनही लागेल.
ଯତୋ ଯତ୍ର ଯୁଷ୍ମାକଂ ଧନଂ ୱର୍ତ୍ତତେ ତତ୍ରେୱ ଯୁଷ୍ମାକଂ ମନଃ|
35 ३५ तुमच्या कंबरा बांधलेल्या आणि दिवे लागलेले असू द्या.
ଅପରଞ୍ଚ ଯୂଯଂ ପ୍ରଦୀପଂ ଜ୍ୱାଲଯିତ୍ୱା ବଦ୍ଧକଟଯସ୍ତିଷ୍ଠତ;
36 ३६ लग्नाच्या मेजवानीवरुन परतणाऱ्या मालकाची वाट पाहणाऱ्या लोकांसारखे व्हा जेणेकरून, तो परत येतो व दरवाजा ठोकावतो तेव्हा त्याच्यासाठी त्यांनी ताबडतोब दरवाजा उघडावा.
ପ୍ରଭୁ ର୍ୱିୱାହାଦାଗତ୍ୟ ଯଦୈୱ ଦ୍ୱାରମାହନ୍ତି ତଦୈୱ ଦ୍ୱାରଂ ମୋଚଯିତୁଂ ଯଥା ଭୃତ୍ୟା ଅପେକ୍ଷ୍ୟ ତିଷ୍ଠନ୍ତି ତଥା ଯୂଯମପି ତିଷ୍ଠତ|
37 ३७ मालक परत आल्यावर जे नोकर त्यास जागे व तयारीत असलेले आढळतील ते धन्य. मी तुम्हास खरे सांगतो, तो स्वतः त्यांची सेवा करण्यासाठी कंबर कसेल, त्यांना मेजावर बसायला सांगून त्यांची सेवा करील.
ଯତଃ ପ୍ରଭୁରାଗତ୍ୟ ଯାନ୍ ଦାସାନ୍ ସଚେତନାନ୍ ତିଷ୍ଠତୋ ଦ୍ରକ୍ଷ୍ୟତି ତଏୱ ଧନ୍ୟାଃ; ଅହଂ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ଯଥାର୍ଥଂ ୱଦାମି ପ୍ରଭୁସ୍ତାନ୍ ଭୋଜନାର୍ଥମ୍ ଉପୱେଶ୍ୟ ସ୍ୱଯଂ ବଦ୍ଧକଟିଃ ସମୀପମେତ୍ୟ ପରିୱେଷଯିଷ୍ୟତି|
38 ३८ तो मध्यरात्री किंवा त्यानंतर येवो, जर ते नोकर त्यास तयारीत आढळतील तर ते धन्य.
ଯଦି ଦ୍ୱିତୀଯେ ତୃତୀଯେ ୱା ପ୍ରହରେ ସମାଗତ୍ୟ ତଥୈୱ ପଶ୍ୟତି, ତର୍ହି ତଏୱ ଦାସା ଧନ୍ୟାଃ|
39 ३९ परंतु याविषयी खात्री बाळगा; चोर केव्हा येणार हे जर घराच्या मालकाला माहीत असते तर त्याने आपले घर त्यास फोडू दिले नसते.
ଅପରଞ୍ଚ କସ୍ମିନ୍ କ୍ଷଣେ ଚୌରା ଆଗମିଷ୍ୟନ୍ତି ଇତି ଯଦି ଗୃହପତି ର୍ଜ୍ଞାତୁଂ ଶକ୍ନୋତି ତଦାୱଶ୍ୟଂ ଜାଗ୍ରନ୍ ନିଜଗୃହେ ସନ୍ଧିଂ କର୍ତ୍ତଯିତୁଂ ୱାରଯତି ଯୂଯମେତଦ୍ ୱିତ୍ତ|
40 ४० तुम्हीही तयार असा कारण तुम्हास वाटत नाही अश्या क्षणी? मनुष्याचा पुत्र येईल.”
ଅତଏୱ ଯୂଯମପି ସଜ୍ଜମାନାସ୍ତିଷ୍ଠତ ଯତୋ ଯସ୍ମିନ୍ କ୍ଷଣେ ତଂ ନାପ୍ରେକ୍ଷଧ୍ୱେ ତସ୍ମିନ୍ନେୱ କ୍ଷଣେ ମନୁଷ୍ୟପୁତ୍ର ଆଗମିଷ୍ୟତି|
41 ४१ मग पेत्र म्हणाला, “प्रभू, तुम्ही हा दाखला आम्हासच सांगत आहात की सर्वांना?”
ତଦା ପିତରଃ ପପ୍ରଚ୍ଛ, ହେ ପ୍ରଭୋ ଭୱାନ୍ କିମସ୍ମାନ୍ ଉଦ୍ଦିଶ୍ୟ କିଂ ସର୍ୱ୍ୱାନ୍ ଉଦ୍ଦିଶ୍ୟ ଦୃଷ୍ଟାନ୍ତକଥାମିମାଂ ୱଦତି?
42 ४२ तेव्हा प्रभू म्हणाला, “प्रभू त्याच्या इतर नोकरांना त्यांचे धान्य योग्यवेळी देण्यासाठी ज्याची नेमणूक करील असा व विश्वासू कारभारी कोण आहे?
ତତଃ ପ୍ରଭୁଃ ପ୍ରୋୱାଚ, ପ୍ରଭୁଃ ସମୁଚିତକାଲେ ନିଜପରିୱାରାର୍ଥଂ ଭୋଜ୍ୟପରିୱେଷଣାଯ ଯଂ ତତ୍ପଦେ ନିଯୋକ୍ଷ୍ୟତି ତାଦୃଶୋ ୱିଶ୍ୱାସ୍ୟୋ ବୋଦ୍ଧା କର୍ମ୍ମାଧୀଶଃ କୋସ୍ତି?
43 ४३ त्याचा मालक येईल त्यावेळी असे करतांना जो नोकर त्यास आढळेल तो धन्य.
ପ୍ରଭୁରାଗତ୍ୟ ଯମ୍ ଏତାଦୃଶେ କର୍ମ୍ମଣି ପ୍ରୱୃତ୍ତଂ ଦ୍ରକ୍ଷ୍ୟତି ସଏୱ ଦାସୋ ଧନ୍ୟଃ|
44 ४४ मी तुम्हास खरे सांगतो, मालक त्यास त्याच्या सर्व मालमत्तेवर अधिकारी म्हणून नेमील.
ଅହଂ ଯୁଷ୍ମାନ୍ ଯଥାର୍ଥଂ ୱଦାମି ସ ତଂ ନିଜସର୍ୱ୍ୱସ୍ୱସ୍ୟାଧିପତିଂ କରିଷ୍ୟତି|
45 ४५ पण जर तो नोकर मनात म्हणतो, ‘माझा मालक येण्यास फार उशीर करत आहे,’ आणि मग तो त्याच्या स्त्री व पुरूष नोकरांना मारहाण करायला व खाण्यापिण्यास सुरुवात करतो व झिंगतो,
କିନ୍ତୁ ପ୍ରଭୁର୍ୱିଲମ୍ବେନାଗମିଷ୍ୟତି, ଇତି ୱିଚିନ୍ତ୍ୟ ସ ଦାସୋ ଯଦି ତଦନ୍ୟଦାସୀଦାସାନ୍ ପ୍ରହର୍ତ୍ତୁମ୍ ଭୋକ୍ତୁଂ ପାତୁଂ ମଦିତୁଞ୍ଚ ପ୍ରାରଭତେ,
46 ४६ तर तो नोकर वाट पाहत नाही त्यादिवशी आणि त्यास माहीत नाही तेव्हा त्याचा मालक येईल व त्यास कापून त्याचे तुकडे करील आणि अविश्वासू लोकांबरोबर त्याचा वाटा ठेवील.
ତର୍ହି ଯଦା ପ୍ରଭୁଂ ନାପେକ୍ଷିଷ୍ୟତେ ଯସ୍ମିନ୍ କ୍ଷଣେ ସୋଽଚେତନଶ୍ଚ ସ୍ଥାସ୍ୟତି ତସ୍ମିନ୍ନେୱ କ୍ଷଣେ ତସ୍ୟ ପ୍ରଭୁରାଗତ୍ୟ ତଂ ପଦଭ୍ରଷ୍ଟଂ କୃତ୍ୱା ୱିଶ୍ୱାସହୀନୈଃ ସହ ତସ୍ୟ ଅଂଶଂ ନିରୂପଯିଷ୍ୟତି|
47 ४७ आपल्या मालकाची इच्छा माहीत असूनही जो नोकर तयार राहत नाही किंवा जो आपल्या मालकाच्या इच्छेप्रमाणे करीत नाही, त्या नोकराला खूप मार मिळेल.
ଯୋ ଦାସଃ ପ୍ରଭେରାଜ୍ଞାଂ ଜ୍ଞାତ୍ୱାପି ସଜ୍ଜିତୋ ନ ତିଷ୍ଠତି ତଦାଜ୍ଞାନୁସାରେଣ ଚ କାର୍ୟ୍ୟଂ ନ କରୋତି ସୋନେକାନ୍ ପ୍ରହାରାନ୍ ପ୍ରାପ୍ସ୍ୟତି;
48 ४८ परंतु ज्याला माहीती नव्हते म्हणून त्याने मालकाला न आवडणारे असे कृत्य जर नोकराने केले असेल तर त्यास कमी मार बसेल. ज्या कोणाला पुष्कळ दिले आहे त्याच्याकडून पुष्कळाची अपेक्षा केली जाईल. ज्यांच्याजवळ जास्त ठेवले आहे त्यांच्याकडून जास्त मागितले जाईल.”
କିନ୍ତୁ ଯୋ ଜନୋଽଜ୍ଞାତ୍ୱା ପ୍ରହାରାର୍ହଂ କର୍ମ୍ମ କରୋତି ସୋଲ୍ପପ୍ରହାରାନ୍ ପ୍ରାପ୍ସ୍ୟତି| ଯତୋ ଯସ୍ମୈ ବାହୁଲ୍ୟେନ ଦତ୍ତଂ ତସ୍ମାଦେୱ ବାହୁଲ୍ୟେନ ଗ୍ରହୀଷ୍ୟତେ, ମାନୁଷା ଯସ୍ୟ ନିକଟେ ବହୁ ସମର୍ପଯନ୍ତି ତସ୍ମାଦ୍ ବହୁ ଯାଚନ୍ତେ|
49 ४९ “मी पृथ्वीवर आग लावण्यास आलो आणि जर ती अगोदरच पेटलेली असेल तर मग मला आणखी काय पाहीजे?
ଅହଂ ପୃଥିୱ୍ୟାମ୍ ଅନୈକ୍ୟରୂପଂ ୱହ୍ନି ନିକ୍ଷେପ୍ତୁମ୍ ଆଗତୋସ୍ମି, ସ ଚେଦ୍ ଇଦାନୀମେୱ ପ୍ରଜ୍ୱଲତି ତତ୍ର ମମ କା ଚିନ୍ତା?
50 ५० मला बाप्तिस्मा घ्यावयाचा आहे आणि तो होईपर्यंत मी किती अस्वस्थ आहे!
କିନ୍ତୁ ଯେନ ମଜ୍ଜନେନାହଂ ମଗ୍ନୋ ଭୱିଷ୍ୟାମି ଯାୱତ୍କାଲଂ ତସ୍ୟ ସିଦ୍ଧି ର୍ନ ଭୱିଷ୍ୟତି ତାୱଦହଂ କତିକଷ୍ଟଂ ପ୍ରାପ୍ସ୍ୟାମି|
51 ५१ मी पृथ्वीवर शांतता प्रस्थापित करण्यास आलो आहे, असे तुम्हास वाटते का? नाही, मी तुम्हास सांगतो, मी तुमच्यात फूट पाडण्यासाठी आलो आहे.
ମେଲନଂ କର୍ତ୍ତୁଂ ଜଗଦ୍ ଆଗତୋସ୍ମି ଯୂଯଂ କିମିତ୍ଥଂ ବୋଧଧ୍ୱେ? ଯୁଷ୍ମାନ୍ ୱଦାମି ନ ତଥା, କିନ୍ତ୍ୱହଂ ମେଲନାଭାୱଂ କର୍ତ୍ତୁଂମ୍ ଆଗତୋସ୍ମି|
52 ५२ मी असे म्हणतो कारण आतापासून घरातील पाच जणात एकमेकांविरुद्ध फूट पडेल. तिघे दोघांविरुद्ध व दोघे तिघांविरुद्ध अशी फूट पडेल.
ଯସ୍ମାଦେତତ୍କାଲମାରଭ୍ୟ ଏକତ୍ରସ୍ଥପରିଜନାନାଂ ମଧ୍ୟେ ପଞ୍ଚଜନାଃ ପୃଥଗ୍ ଭୂତ୍ୱା ତ୍ରଯୋ ଜନା ଦ୍ୱଯୋର୍ଜନଯୋଃ ପ୍ରତିକୂଲା ଦ୍ୱୌ ଜନୌ ଚ ତ୍ରଯାଣାଂ ଜନାନାଂ ପ୍ରତିକୂଲୌ ଭୱିଷ୍ୟନ୍ତି|
53 ५३ त्यांच्यात पित्याविरुद्ध मुलगा व मुलाविरुद्ध पिता अशी फूट पडेल, आईविरुद्ध मुलगी व मुलीविरुद्ध आई अशी फूट पडेल, सासूविरुद्ध सून व सुनेविरुद्ध सासू अशी त्यांच्यात फूट पडेल.
ପିତା ପୁତ୍ରସ୍ୟ ୱିପକ୍ଷଃ ପୁତ୍ରଶ୍ଚ ପିତୁ ର୍ୱିପକ୍ଷୋ ଭୱିଷ୍ୟତି ମାତା କନ୍ୟାଯା ୱିପକ୍ଷା କନ୍ୟା ଚ ମାତୁ ର୍ୱିପକ୍ଷା ଭୱିଷ୍ୟତି, ତଥା ଶ୍ୱଶ୍ରୂର୍ବଧ୍ୱା ୱିପକ୍ଷା ବଧୂଶ୍ଚ ଶ୍ୱଶ୍ର୍ୱା ୱିପକ୍ଷା ଭୱିଷ୍ୟତି|
54 ५४ तो लोकसमुदायाला म्हणाला, जेव्हा पश्चिमेकडून ढग येताना पाहता तेव्हा तुम्ही लगेच म्हणता की, पाऊस पडेल आणि तसेच घडते.
ସ ଲୋକେଭ୍ୟୋପରମପି କଥଯାମାସ, ପଶ୍ଚିମଦିଶି ମେଘୋଦ୍ଗମଂ ଦୃଷ୍ଟ୍ୱା ଯୂଯଂ ହଠାଦ୍ ୱଦଥ ୱୃଷ୍ଟି ର୍ଭୱିଷ୍ୟତି ତତସ୍ତଥୈୱ ଜାଯତେ|
55 ५५ जेव्हा दक्षिणेकडचा वारा वाहतो, तेव्हा तुम्ही म्हणता उकाडा होईल आणि तसेच घडते.
ଅପରଂ ଦକ୍ଷିଣତୋ ୱାଯୌ ୱାତି ସତି ୱଦଥ ନିଦାଘୋ ଭୱିଷ୍ୟତି ତତଃ ସୋପି ଜାଯତେ|
56 ५६ अहो ढोंग्यांनो! तुम्हास पृथ्वीवरील व आकाशातील चिन्हांची लक्षणे पारखता येतात, पण सध्याच्या काळाचा अर्थ तुम्हास का काढता येत नाही काय?
ରେ ରେ କପଟିନ ଆକାଶସ୍ୟ ଭୂମ୍ୟାଶ୍ଚ ଲକ୍ଷଣଂ ବୋଦ୍ଧୁଂ ଶକ୍ନୁଥ,
57 ५७ आणि तुम्ही तुमच्यासाठी काय योग्य आहे ते तुम्ही स्वतःचे स्वतःच का ठरवीत नाही?
କିନ୍ତୁ କାଲସ୍ୟାସ୍ୟ ଲକ୍ଷଣଂ କୁତୋ ବୋଦ୍ଧୁଂ ନ ଶକ୍ନୁଥ? ଯୂଯଞ୍ଚ ସ୍ୱଯଂ କୁତୋ ନ ନ୍ୟାଷ୍ୟଂ ୱିଚାରଯଥ?
58 ५८ तुम्ही तुमच्या वाद्याबरोबर न्यायालयात जात असता वाटेतच त्यांच्याशी समेट करा नाही तर तो तुम्हास न्यायाधीशासमोर नेईल आणि न्यायाधीश तुम्हास दंडाधिकाऱ्याच्या स्वाधीन करील आणि अधिकारी तुम्हास तुरुंगात टाकील.
ଅପରଞ୍ଚ ୱିୱାଦିନା ସାର୍ଦ୍ଧଂ ୱିଚାରଯିତୁଃ ସମୀପଂ ଗଚ୍ଛନ୍ ପଥି ତସ୍ମାଦୁଦ୍ଧାରଂ ପ୍ରାପ୍ତୁଂ ଯତସ୍ୱ ନୋଚେତ୍ ସ ତ୍ୱାଂ ଧୃତ୍ୱା ୱିଚାରଯିତୁଃ ସମୀପଂ ନଯତି| ୱିଚାରଯିତା ଯଦି ତ୍ୱାଂ ପ୍ରହର୍ତ୍ତୁଃ ସମୀପଂ ସମର୍ପଯତି ପ୍ରହର୍ତ୍ତା ତ୍ୱାଂ କାରାଯାଂ ବଧ୍ନାତି
59 ५९ मी तुम्हास सांगतो, अगदी शेवटली दमडी न दमडी फेडीपर्यंत तुम्ही तेथून सुटणारच नाही.”
ତର୍ହି ତ୍ୱାମହଂ ୱଦାମି ତ୍ୱଯା ନିଃଶେଷଂ କପର୍ଦକେଷୁ ନ ପରିଶୋଧିତେଷୁ ତ୍ୱଂ ତତୋ ମୁକ୍ତିଂ ପ୍ରାପ୍ତୁଂ ନ ଶକ୍ଷ୍ୟସି|