< लूक 12 >
1 १ आणि त्यादरम्यान हजारो लोकांचा समुदाय जमला होता आणि एवढा की ते एकमेकांना तुडवू लागले, तेव्हा येशू प्रथम आपल्या शिष्यांशी बोललाः “परूश्यांच्या खमिराविषयी जपा, म्हणजे त्यांच्या ढोंगाविषयी जपा.
১তদানীং লোকাঃ সহস্ৰং সহস্ৰম্ আগত্য সমুপস্থিতাস্তত একৈকো ঽন্যেষামুপৰি পতিতুম্ উপচক্ৰমে; তদা যীশুঃ শিষ্যান্ বভাষে, যূযং ফিৰূশিনাং কিণ্ৱৰূপকাপট্যে ৱিশেষেণ সাৱধানাস্তিষ্ঠত|
2 २ उघड केले जाणार नाही असे काहीच झाकलेले नाही व जे कळणार नाही असे काहीच गुप्त नाही.
২যতো যন্ন প্ৰকাশযিষ্যতে তদাচ্ছন্নং ৱস্তু কিমপি নাস্তি; তথা যন্ন জ্ঞাস্যতে তদ্ গুপ্তং ৱস্তু কিমপি নাস্তি|
3 ३ म्हणून तुम्ही जे काही अंधारात बोलाल ते उजेडात ऐकले जाईल आणि तुम्ही कोणाच्या कानात जे काही एकांतात सांगाल ते घराच्या छतावरुन घोषित केले जाईल.”
৩অন্ধকাৰে তিষ্ঠনতো যাঃ কথা অকথযত তাঃ সৰ্ৱ্ৱাঃ কথা দীপ্তৌ শ্ৰোষ্যন্তে নিৰ্জনে কৰ্ণে চ যদকথযত গৃহপৃষ্ঠাৎ তৎ প্ৰচাৰযিষ্যতে|
4 ४ “परंतु माझ्या मित्रांनो, मी तुम्हास सांगतो, जे शरीराला मारतात त्यांना तुम्ही भिऊ नका, कारण त्यानंतर त्यापेक्षा जास्त त्यांना काही करता येत नाही.
৪হে বন্ধৱো যুষ্মানহং ৱদামি, যে শৰীৰস্য নাশং ৱিনা কিমপ্যপৰং কৰ্ত্তুং ন শক্ৰুৱন্তি তেভ্যো মা ভৈষ্ট|
5 ५ तुम्ही कोणाची भीती बाळगावी हे मी तुम्हास सांगतो. तुम्हास ठार मारल्या यानंतर तुम्हास नरकात टाकून देण्यास ज्याला अधिकार आहे, त्याची भीती धरा. होय, मी तुम्हास सांगतो, त्याचेच भय धरा. (Geenna )
৫তৰ্হি কস্মাদ্ ভেতৱ্যম্ ইত্যহং ৱদামি, যঃ শৰীৰং নাশযিৎৱা নৰকং নিক্ষেপ্তুং শক্নোতি তস্মাদেৱ ভযং কুৰুত, পুনৰপি ৱদামি তস্মাদেৱ ভযং কুৰুত| (Geenna )
6 ६ पाच चिमण्या दोन नाण्यांना विकतात की नाही? तरी त्यातील एकीचाही देवाला विसर पडत नाही.
৬পঞ্চ চটকপক্ষিণঃ কিং দ্ৱাভ্যাং তাম্ৰখণ্ডাভ্যাং ন ৱিক্ৰীযন্তে? তথাপীশ্ৱৰস্তেষাম্ একমপি ন ৱিস্মৰতি|
7 ७ पण तुमच्या डोक्यावरील सर्व केसदेखील त्याने मोजलेले आहेत. भिऊ नका. पुष्कळ चिमण्यांपेक्षा तुमचे मूल्य जास्त आहे.
৭যুষ্মাকং শিৰঃকেশা অপি গণিতাঃ সন্তি তস্মাৎ মা ৱিভীত বহুচটকপক্ষিভ্যোপি যূযং বহুমূল্যাঃ|
8 ८ जो मला इतर लोकांसमोर स्वीकारतो, त्या प्रत्येक मनुष्यास देवाच्या दूतासमोर मनुष्याचा पुत्रही स्वीकारील.
৮অপৰং যুষ্মভ্যং কথযামি যঃ কশ্চিন্ মানুষাণাং সাক্ষান্ মাং স্ৱীকৰোতি মনুষ্যপুত্ৰ ঈশ্ৱৰদূতানাং সাক্ষাৎ তং স্ৱীকৰিষ্যতি|
9 ९ परंतु जो मला इतर लोकांसमोर नाकारतो, तो देवदूतांसमोरही नाकारला जाईल.
৯কিন্তু যঃ কশ্চিন্মানুষাণাং সাক্ষান্মাম্ অস্ৱীকৰোতি তম্ ঈশ্ৱৰস্য দূতানাং সাক্ষাদ্ অহম্ অস্ৱীকৰিষ্যামি|
10 १० प्रत्येक मनुष्य जो मनुष्याच्या पुत्राविरुद्ध बोलतो, त्यास क्षमा केली जाईल. परंतु जो पवित्र आत्म्याविरुद्ध दुर्भाषण करतो त्यास क्षमा केली जाणार नाही.
১০অন্যচ্চ যঃ কশ্চিন্ মনুজসুতস্য নিন্দাভাৱেন কাঞ্চিৎ কথাং কথযতি তস্য তৎপাপস্য মোচনং ভৱিষ্যতি কিন্তু যদি কশ্চিৎ পৱিত্ৰম্ আত্মানং নিন্দতি তৰ্হি তস্য তৎপাপস্য মোচনং ন ভৱিষ্যতি|
11 ११ जेव्हा ते तुम्हास सभास्थाने, राज्यकर्ते व अधिकारी यांच्यासमोर धरुन आणतील तेव्हा तुम्ही काय बोलावे किंवा स्वतःचा बचाव कसा करावा याविषयी आधीच चिंता करीत बसू नका.
১১যদা লোকা যুষ্মান্ ভজনগেহং ৱিচাৰকৰ্তৃৰাজ্যকৰ্তৃণাং সম্মুখঞ্চ নেষ্যন্তি তদা কেন প্ৰকাৰেণ কিমুত্তৰং ৱদিষ্যথ কিং কথযিষ্যথ চেত্যত্ৰ মা চিন্তযত;
12 १२ कारण तुम्ही काय बोलावे हे पवित्र आत्मा त्याचवेळी तुम्हास शिकवील.”
১২যতো যুষ্মাভিৰ্যদ্ যদ্ ৱক্তৱ্যং তৎ তস্মিন্ সমযএৱ পৱিত্ৰ আত্মা যুষ্মান্ শিক্ষযিষ্যতি|
13 १३ नंतर लोकसमुदायातील एकजण त्यास म्हणाला, “गुरुजी, माझ्या भावाला वतन विभागून माझे मला द्यायला सांगा!”
১৩ততঃ পৰং জনতামধ্যস্থঃ কশ্চিজ্জনস্তং জগাদ হে গুৰো মযা সহ পৈতৃকং ধনং ৱিভক্তুং মম ভ্ৰাতৰমাজ্ঞাপযতু ভৱান্|
14 १४ परंतु येशू त्यास म्हणाला, “मनुष्या, मला तुमच्यावर मध्यस्थ किंवा न्यायाधीश म्हणून कोणी नेमले?”
১৪কিন্তু স তমৱদৎ হে মনুষ্য যুৱযো ৰ্ৱিচাৰং ৱিভাগঞ্চ কৰ্ত্তুং মাং কো নিযুক্তৱান্?
15 १५ मग येशू त्यांना म्हणाला, “सांभाळा आणि सर्व प्रकारच्या लोभापासून स्वतःला दूर ठेवा कारण जेव्हा एखाद्या मनुष्याजवळ त्याच्या गरजेपेक्षा अधिक असते तेव्हा ती संपत्ती त्याचे जीवन होत असे नाही.”
১৫অনন্তৰং স লোকানৱদৎ লোভে সাৱধানাঃ সতৰ্কাশ্চ তিষ্ঠত, যতো বহুসম্পত্তিপ্ৰাপ্ত্যা মনুষ্যস্যাযু ৰ্ন ভৱতি|
16 १६ नंतर त्याने त्यास एक दाखला सांगितला, “कोणाएका धनवान मनुष्याच्या शेतजमिनीत फार उत्तम पीक आले.
১৬পশ্চাদ্ দৃষ্টান্তকথামুত্থাপ্য কথযামাস, একস্য ধনিনো ভূমৌ বহূনি শস্যানি জাতানি|
17 १७ तो स्वतःशी विचार करून असे म्हणाला, ‘मी काय करू, कारण धान्य साठवायला माझ्याकडे जागा नाही?’
১৭ততঃ স মনসা চিন্তযিৎৱা কথযাম্বভূৱ মমৈতানি সমুৎপন্নানি দ্ৰৱ্যাণি স্থাপযিতুং স্থানং নাস্তি কিং কৰিষ্যামি?
18 १८ मग तो असे म्हणाला, ‘मी आता असे करतो, मी माझी धान्याची कोठारे पाडून मोठी बांधीतो, मी माझे सर्व धान्य व माल तेथे साठवीन’
১৮ততোৱদদ্ ইত্থং কৰিষ্যামি, মম সৰ্ৱ্ৱভাণ্ডাগাৰাণি ভঙ্ক্ত্ৱা বৃহদ্ভাণ্ডাগাৰাণি নিৰ্ম্মায তন্মধ্যে সৰ্ৱ্ৱফলানি দ্ৰৱ্যাণি চ স্থাপযিষ্যামি|
19 १९ आणि मी माझ्या जीवाला म्हणेन, ‘हे जीवा, आता तुझ्यासाठी अनेक वर्षे पुरतील अशा पुष्कळ चांगल्या गोष्टी साठवून ठेवलेल्या आहेत. आराम कर, खा, पी आणि मजा कर.’
১৯অপৰং নিজমনো ৱদিষ্যামি, হে মনো বহুৱৎসৰাৰ্থং নানাদ্ৰৱ্যাণি সঞ্চিতানি সন্তি ৱিশ্ৰামং কুৰু ভুক্ত্ৱা পীৎৱা কৌতুকঞ্চ কুৰু| কিন্ত্ৱীশ্ৱৰস্তম্ অৱদৎ,
20 २० पण देव त्यास म्हणतो, ‘अरे मूर्खा, जर आज तुझा जीव गेला तर तू साठवलेल्या गोष्टी कोणाला मिळतील?’
২০ৰে নিৰ্বোধ অদ্য ৰাত্ৰৌ তৱ প্ৰাণাস্ত্ৱত্তো নেষ্যন্তে তত এতানি যানি দ্ৰৱ্যাণি ৎৱযাসাদিতানি তানি কস্য ভৱিষ্যন্তি?
21 २१ जो कोणी स्वतःसाठी संपत्ती जमा करतो परंतु देवाच्या दृष्टीने जो धनवान नाही, अशा मनुष्यासारखे हे आहे.”
২১অতএৱ যঃ কশ্চিদ্ ঈশ্ৱৰস্য সমীপে ধনসঞ্চযমকৃৎৱা কেৱলং স্ৱনিকটে সঞ্চযং কৰোতি সোপি তাদৃশঃ|
22 २२ मग येशू त्याच्या शिष्यांना म्हणाला, “म्हणून मी तुम्हास सांगतो, स्वतःच्या जीवनाविषयी किंवा तुम्ही काय खावे याविषयी चिंता करू नका. किंवा तुमच्या शरीराविषयी म्हणजे कोणते कपडे घालावेत याविषयी चिंता करू नका.
২২অথ স শিষ্যেভ্যঃ কথযামাস, যুষ্মানহং ৱদামি, কিং খাদিষ্যামঃ? কিং পৰিধাস্যামঃ? ইত্যুক্ত্ৱা জীৱনস্য শৰীৰস্য চাৰ্থং চিন্তাং মা কাৰ্ষ্ট|
23 २३ कारण अन्नापेक्षा जीव आणि कपड्यांपेक्षा शरीर महत्त्वाचे आहे.
২৩ভক্ষ্যাজ্জীৱনং ভূষণাচ্ছৰীৰঞ্চ শ্ৰেষ্ঠং ভৱতি|
24 २४ कावळ्यांचा विचार करा ते पेरीत नाहीत व कापणीही करीत नाहीत. त्यांना कोठार नाही व कणगीही नाही. तरीही देव त्याचे पोषण करतो. पक्ष्यांपेक्षा तुम्ही कितीतरी मौल्यवान आहात!
২৪কাকপক্ষিণাং কাৰ্য্যং ৱিচাৰযত, তে ন ৱপন্তি শস্যানি চ ন ছিন্দন্তি, তেষাং ভাণ্ডাগাৰাণি ন সন্তি কোষাশ্চ ন সন্তি, তথাপীশ্ৱৰস্তেভ্যো ভক্ষ্যাণি দদাতি, যূযং পক্ষিভ্যঃ শ্ৰেষ্ঠতৰা ন কিং?
25 २५ चिंता करून तुम्हापैकी कोण स्वतःच्या आयुष्याची दोरी हातभर वाढवावयास कोण समर्थ आहे?
২৫অপৰঞ্চ ভাৱযিৎৱা নিজাযুষঃ ক্ষণমাত্ৰং ৱৰ্দ্ধযিতুং শক্নোতি, এতাদৃশো লাকো যুষ্মাকং মধ্যে কোস্তি?
26 २६ ज्याअर्थी तुम्हीही सर्वात लहान गोष्ट करू शकत नाही, तर इतर गोष्टींविषयीची चिंता का करता?
২৬অতএৱ ক্ষুদ্ৰং কাৰ্য্যং সাধযিতুম্ অসমৰ্থা যূযম্ অন্যস্মিন্ কাৰ্য্যে কুতো ভাৱযথ?
27 २७ रानफुले कशी वाढतात याचा विचार करा. ती कष्ट करीत नाहीत व कातीत नाहीत. तरी मी तुम्हास सांगतो, शलमोनदेखील आपल्या सर्व वैभवात त्यांच्यातील एकासारखाही सजला नव्हता.
২৭অন্যচ্চ কাম্পিলপুষ্পং কথং ৱৰ্দ্ধতে তদাপি ৱিচাৰযত, তৎ কঞ্চন শ্ৰমং ন কৰোতি তন্তূংশ্চ ন জনযতি কিন্তু যুষ্মভ্যং যথাৰ্থং কথযামি সুলেমান্ বহ্ৱৈশ্ৱৰ্য্যান্ৱিতোপি পুষ্পস্যাস্য সদৃশো ৱিভূষিতো নাসীৎ|
28 २८ तर, जे आज आहे व उद्या भट्टीत टाकले जाईल अशा त्या रानातील गवताला देवाने असा पोशाख घातला आहे, तर तुम्ही जे अल्पविश्वासू त्या तुम्हास तो कितीतरी अधिक चांगला पोशाख घालणार नाही काय!
২৮অদ্য ক্ষেত্ৰে ৱৰ্ত্তমানং শ্ৱশ্চূল্ল্যাং ক্ষেপ্স্যমানং যৎ তৃণং, তস্মৈ যদীশ্ৱৰ ইত্থং ভূষযতি তৰ্হি হে অল্পপ্ৰত্যযিনো যুষ্মান কিং ন পৰিধাপযিষ্যতি?
29 २९ तुम्ही काय खावे व काय प्यावे याविषयी काळजीत असू नका आणि या गोष्टींविषयी चिंता करू नका.
২৯অতএৱ কিং খাদিষ্যামঃ? কিং পৰিধাস্যামঃ? এতদৰ্থং মা চেষ্টধ্ৱং মা সংদিগ্ধ্ৱঞ্চ|
30 ३० कारण परराष्ट्री हे मिळविण्याची खटपट करतात पण या गोष्टींची तुम्हास गरज आहे, हे तुमच्या स्वर्गीय पित्याला माहीत आहे.
৩০জগতো দেৱাৰ্চ্চকা এতানি সৰ্ৱ্ৱাণি চেষ্টনতে; এষু ৱস্তুষু যুষ্মাকং প্ৰযোজনমাস্তে ইতি যুষ্মাকং পিতা জানাতি|
31 ३१ त्याऐवजी प्रथम त्याचे राज्य मिळविण्यासाठी झटा म्हणजे या गोष्टीही तुम्हास दिल्या जातील.
৩১অতএৱেশ্ৱৰস্য ৰাজ্যাৰ্থং সচেষ্টা ভৱত তথা কৃতে সৰ্ৱ্ৱাণ্যেতানি দ্ৰৱ্যাণি যুষ্মভ্যং প্ৰদাযিষ্যন্তে|
32 ३२ हे लहान कळपा भिऊ नको, कारण तुम्हास त्याचे राज्य द्यावे यामध्ये स्वर्गीय पित्याला संतोष वाटतो.
৩২হে ক্ষুদ্ৰমেষৱ্ৰজ যূযং মা ভৈষ্ট যুষ্মভ্যং ৰাজ্যং দাতুং যুষ্মাকং পিতুঃ সম্মতিৰস্তি|
33 ३३ तुमची मालमत्ता विका आणि गरिबांमध्ये वाटा. जुन्या न होणाऱ्या व न झिजणाऱ्या अशा थैल्या स्वतःसाठी स्वर्गात बनवा. तेथे चोरही जाऊ शकणार नाही व कसरही त्याचा नाश करणार नाही.
৩৩অতএৱ যুষ্মাকং যা যা সম্পত্তিৰস্তি তাং তাং ৱিক্ৰীয ৱিতৰত, যৎ স্থানং চৌৰা নাগচ্ছন্তি, কীটাশ্চ ন ক্ষাযযন্তি তাদৃশে স্ৱৰ্গে নিজাৰ্থম্ অজৰে সম্পুটকে ঽক্ষযং ধনং সঞ্চিনুত চ;
34 ३४ कारण जेथे तुमचे धन आहे तेथे तुमचे मनही लागेल.
৩৪যতো যত্ৰ যুষ্মাকং ধনং ৱৰ্ত্ততে তত্ৰেৱ যুষ্মাকং মনঃ|
35 ३५ तुमच्या कंबरा बांधलेल्या आणि दिवे लागलेले असू द्या.
৩৫অপৰঞ্চ যূযং প্ৰদীপং জ্ৱালযিৎৱা বদ্ধকটযস্তিষ্ঠত;
36 ३६ लग्नाच्या मेजवानीवरुन परतणाऱ्या मालकाची वाट पाहणाऱ्या लोकांसारखे व्हा जेणेकरून, तो परत येतो व दरवाजा ठोकावतो तेव्हा त्याच्यासाठी त्यांनी ताबडतोब दरवाजा उघडावा.
৩৬প্ৰভু ৰ্ৱিৱাহাদাগত্য যদৈৱ দ্ৱাৰমাহন্তি তদৈৱ দ্ৱাৰং মোচযিতুং যথা ভৃত্যা অপেক্ষ্য তিষ্ঠন্তি তথা যূযমপি তিষ্ঠত|
37 ३७ मालक परत आल्यावर जे नोकर त्यास जागे व तयारीत असलेले आढळतील ते धन्य. मी तुम्हास खरे सांगतो, तो स्वतः त्यांची सेवा करण्यासाठी कंबर कसेल, त्यांना मेजावर बसायला सांगून त्यांची सेवा करील.
৩৭যতঃ প্ৰভুৰাগত্য যান্ দাসান্ সচেতনান্ তিষ্ঠতো দ্ৰক্ষ্যতি তএৱ ধন্যাঃ; অহং যুষ্মান্ যথাৰ্থং ৱদামি প্ৰভুস্তান্ ভোজনাৰ্থম্ উপৱেশ্য স্ৱযং বদ্ধকটিঃ সমীপমেত্য পৰিৱেষযিষ্যতি|
38 ३८ तो मध्यरात्री किंवा त्यानंतर येवो, जर ते नोकर त्यास तयारीत आढळतील तर ते धन्य.
৩৮যদি দ্ৱিতীযে তৃতীযে ৱা প্ৰহৰে সমাগত্য তথৈৱ পশ্যতি, তৰ্হি তএৱ দাসা ধন্যাঃ|
39 ३९ परंतु याविषयी खात्री बाळगा; चोर केव्हा येणार हे जर घराच्या मालकाला माहीत असते तर त्याने आपले घर त्यास फोडू दिले नसते.
৩৯অপৰঞ্চ কস্মিন্ ক্ষণে চৌৰা আগমিষ্যন্তি ইতি যদি গৃহপতি ৰ্জ্ঞাতুং শক্নোতি তদাৱশ্যং জাগ্ৰন্ নিজগৃহে সন্ধিং কৰ্ত্তযিতুং ৱাৰযতি যূযমেতদ্ ৱিত্ত|
40 ४० तुम्हीही तयार असा कारण तुम्हास वाटत नाही अश्या क्षणी? मनुष्याचा पुत्र येईल.”
৪০অতএৱ যূযমপি সজ্জমানাস্তিষ্ঠত যতো যস্মিন্ ক্ষণে তং নাপ্ৰেক্ষধ্ৱে তস্মিন্নেৱ ক্ষণে মনুষ্যপুত্ৰ আগমিষ্যতি|
41 ४१ मग पेत्र म्हणाला, “प्रभू, तुम्ही हा दाखला आम्हासच सांगत आहात की सर्वांना?”
৪১তদা পিতৰঃ পপ্ৰচ্ছ, হে প্ৰভো ভৱান্ কিমস্মান্ উদ্দিশ্য কিং সৰ্ৱ্ৱান্ উদ্দিশ্য দৃষ্টান্তকথামিমাং ৱদতি?
42 ४२ तेव्हा प्रभू म्हणाला, “प्रभू त्याच्या इतर नोकरांना त्यांचे धान्य योग्यवेळी देण्यासाठी ज्याची नेमणूक करील असा व विश्वासू कारभारी कोण आहे?
৪২ততঃ প্ৰভুঃ প্ৰোৱাচ, প্ৰভুঃ সমুচিতকালে নিজপৰিৱাৰাৰ্থং ভোজ্যপৰিৱেষণায যং তৎপদে নিযোক্ষ্যতি তাদৃশো ৱিশ্ৱাস্যো বোদ্ধা কৰ্ম্মাধীশঃ কোস্তি?
43 ४३ त्याचा मालक येईल त्यावेळी असे करतांना जो नोकर त्यास आढळेल तो धन्य.
৪৩প্ৰভুৰাগত্য যম্ এতাদৃশে কৰ্ম্মণি প্ৰৱৃত্তং দ্ৰক্ষ্যতি সএৱ দাসো ধন্যঃ|
44 ४४ मी तुम्हास खरे सांगतो, मालक त्यास त्याच्या सर्व मालमत्तेवर अधिकारी म्हणून नेमील.
৪৪অহং যুষ্মান্ যথাৰ্থং ৱদামি স তং নিজসৰ্ৱ্ৱস্ৱস্যাধিপতিং কৰিষ্যতি|
45 ४५ पण जर तो नोकर मनात म्हणतो, ‘माझा मालक येण्यास फार उशीर करत आहे,’ आणि मग तो त्याच्या स्त्री व पुरूष नोकरांना मारहाण करायला व खाण्यापिण्यास सुरुवात करतो व झिंगतो,
৪৫কিন্তু প্ৰভুৰ্ৱিলম্বেনাগমিষ্যতি, ইতি ৱিচিন্ত্য স দাসো যদি তদন্যদাসীদাসান্ প্ৰহৰ্ত্তুম্ ভোক্তুং পাতুং মদিতুঞ্চ প্ৰাৰভতে,
46 ४६ तर तो नोकर वाट पाहत नाही त्यादिवशी आणि त्यास माहीत नाही तेव्हा त्याचा मालक येईल व त्यास कापून त्याचे तुकडे करील आणि अविश्वासू लोकांबरोबर त्याचा वाटा ठेवील.
৪৬তৰ্হি যদা প্ৰভুং নাপেক্ষিষ্যতে যস্মিন্ ক্ষণে সোঽচেতনশ্চ স্থাস্যতি তস্মিন্নেৱ ক্ষণে তস্য প্ৰভুৰাগত্য তং পদভ্ৰষ্টং কৃৎৱা ৱিশ্ৱাসহীনৈঃ সহ তস্য অংশং নিৰূপযিষ্যতি|
47 ४७ आपल्या मालकाची इच्छा माहीत असूनही जो नोकर तयार राहत नाही किंवा जो आपल्या मालकाच्या इच्छेप्रमाणे करीत नाही, त्या नोकराला खूप मार मिळेल.
৪৭যো দাসঃ প্ৰভেৰাজ্ঞাং জ্ঞাৎৱাপি সজ্জিতো ন তিষ্ঠতি তদাজ্ঞানুসাৰেণ চ কাৰ্য্যং ন কৰোতি সোনেকান্ প্ৰহাৰান্ প্ৰাপ্স্যতি;
48 ४८ परंतु ज्याला माहीती नव्हते म्हणून त्याने मालकाला न आवडणारे असे कृत्य जर नोकराने केले असेल तर त्यास कमी मार बसेल. ज्या कोणाला पुष्कळ दिले आहे त्याच्याकडून पुष्कळाची अपेक्षा केली जाईल. ज्यांच्याजवळ जास्त ठेवले आहे त्यांच्याकडून जास्त मागितले जाईल.”
৪৮কিন্তু যো জনোঽজ্ঞাৎৱা প্ৰহাৰাৰ্হং কৰ্ম্ম কৰোতি সোল্পপ্ৰহাৰান্ প্ৰাপ্স্যতি| যতো যস্মৈ বাহুল্যেন দত্তং তস্মাদেৱ বাহুল্যেন গ্ৰহীষ্যতে, মানুষা যস্য নিকটে বহু সমৰ্পযন্তি তস্মাদ্ বহু যাচন্তে|
49 ४९ “मी पृथ्वीवर आग लावण्यास आलो आणि जर ती अगोदरच पेटलेली असेल तर मग मला आणखी काय पाहीजे?
৪৯অহং পৃথিৱ্যাম্ অনৈক্যৰূপং ৱহ্নি নিক্ষেপ্তুম্ আগতোস্মি, স চেদ্ ইদানীমেৱ প্ৰজ্ৱলতি তত্ৰ মম কা চিন্তা?
50 ५० मला बाप्तिस्मा घ्यावयाचा आहे आणि तो होईपर्यंत मी किती अस्वस्थ आहे!
৫০কিন্তু যেন মজ্জনেনাহং মগ্নো ভৱিষ্যামি যাৱৎকালং তস্য সিদ্ধি ৰ্ন ভৱিষ্যতি তাৱদহং কতিকষ্টং প্ৰাপ্স্যামি|
51 ५१ मी पृथ्वीवर शांतता प्रस्थापित करण्यास आलो आहे, असे तुम्हास वाटते का? नाही, मी तुम्हास सांगतो, मी तुमच्यात फूट पाडण्यासाठी आलो आहे.
৫১মেলনং কৰ্ত্তুং জগদ্ আগতোস্মি যূযং কিমিত্থং বোধধ্ৱে? যুষ্মান্ ৱদামি ন তথা, কিন্ত্ৱহং মেলনাভাৱং কৰ্ত্তুংম্ আগতোস্মি|
52 ५२ मी असे म्हणतो कारण आतापासून घरातील पाच जणात एकमेकांविरुद्ध फूट पडेल. तिघे दोघांविरुद्ध व दोघे तिघांविरुद्ध अशी फूट पडेल.
৫২যস্মাদেতৎকালমাৰভ্য একত্ৰস্থপৰিজনানাং মধ্যে পঞ্চজনাঃ পৃথগ্ ভূৎৱা ত্ৰযো জনা দ্ৱযোৰ্জনযোঃ প্ৰতিকূলা দ্ৱৌ জনৌ চ ত্ৰযাণাং জনানাং প্ৰতিকূলৌ ভৱিষ্যন্তি|
53 ५३ त्यांच्यात पित्याविरुद्ध मुलगा व मुलाविरुद्ध पिता अशी फूट पडेल, आईविरुद्ध मुलगी व मुलीविरुद्ध आई अशी फूट पडेल, सासूविरुद्ध सून व सुनेविरुद्ध सासू अशी त्यांच्यात फूट पडेल.
৫৩পিতা পুত্ৰস্য ৱিপক্ষঃ পুত্ৰশ্চ পিতু ৰ্ৱিপক্ষো ভৱিষ্যতি মাতা কন্যাযা ৱিপক্ষা কন্যা চ মাতু ৰ্ৱিপক্ষা ভৱিষ্যতি, তথা শ্ৱশ্ৰূৰ্বধ্ৱা ৱিপক্ষা বধূশ্চ শ্ৱশ্ৰ্ৱা ৱিপক্ষা ভৱিষ্যতি|
54 ५४ तो लोकसमुदायाला म्हणाला, जेव्हा पश्चिमेकडून ढग येताना पाहता तेव्हा तुम्ही लगेच म्हणता की, पाऊस पडेल आणि तसेच घडते.
৫৪স লোকেভ্যোপৰমপি কথযামাস, পশ্চিমদিশি মেঘোদ্গমং দৃষ্ট্ৱা যূযং হঠাদ্ ৱদথ ৱৃষ্টি ৰ্ভৱিষ্যতি ততস্তথৈৱ জাযতে|
55 ५५ जेव्हा दक्षिणेकडचा वारा वाहतो, तेव्हा तुम्ही म्हणता उकाडा होईल आणि तसेच घडते.
৫৫অপৰং দক্ষিণতো ৱাযৌ ৱাতি সতি ৱদথ নিদাঘো ভৱিষ্যতি ততঃ সোপি জাযতে|
56 ५६ अहो ढोंग्यांनो! तुम्हास पृथ्वीवरील व आकाशातील चिन्हांची लक्षणे पारखता येतात, पण सध्याच्या काळाचा अर्थ तुम्हास का काढता येत नाही काय?
৫৬ৰে ৰে কপটিন আকাশস্য ভূম্যাশ্চ লক্ষণং বোদ্ধুং শক্নুথ,
57 ५७ आणि तुम्ही तुमच्यासाठी काय योग्य आहे ते तुम्ही स्वतःचे स्वतःच का ठरवीत नाही?
৫৭কিন্তু কালস্যাস্য লক্ষণং কুতো বোদ্ধুং ন শক্নুথ? যূযঞ্চ স্ৱযং কুতো ন ন্যাষ্যং ৱিচাৰযথ?
58 ५८ तुम्ही तुमच्या वाद्याबरोबर न्यायालयात जात असता वाटेतच त्यांच्याशी समेट करा नाही तर तो तुम्हास न्यायाधीशासमोर नेईल आणि न्यायाधीश तुम्हास दंडाधिकाऱ्याच्या स्वाधीन करील आणि अधिकारी तुम्हास तुरुंगात टाकील.
৫৮অপৰঞ্চ ৱিৱাদিনা সাৰ্দ্ধং ৱিচাৰযিতুঃ সমীপং গচ্ছন্ পথি তস্মাদুদ্ধাৰং প্ৰাপ্তুং যতস্ৱ নোচেৎ স ৎৱাং ধৃৎৱা ৱিচাৰযিতুঃ সমীপং নযতি| ৱিচাৰযিতা যদি ৎৱাং প্ৰহৰ্ত্তুঃ সমীপং সমৰ্পযতি প্ৰহৰ্ত্তা ৎৱাং কাৰাযাং বধ্নাতি
59 ५९ मी तुम्हास सांगतो, अगदी शेवटली दमडी न दमडी फेडीपर्यंत तुम्ही तेथून सुटणारच नाही.”
৫৯তৰ্হি ৎৱামহং ৱদামি ৎৱযা নিঃশেষং কপৰ্দকেষু ন পৰিশোধিতেষু ৎৱং ততো মুক্তিং প্ৰাপ্তুং ন শক্ষ্যসি|