< लेवीय 14 >

1 परमेश्वर मोशेला म्हणाला,
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ,
2 महारोग बरा झालेल्या लोकांस शुद्ध करून घेण्याविषयीचे नियम असे: याजकाने महारोग्याला तपासावे.
“କୁଷ୍ଠରୋଗୀର ଶୁଚି ହେବା ଦିନରେ ତାହାର ଏହି ବ୍ୟବସ୍ଥା; ସେ ଯାଜକ ନିକଟକୁ ଅଣାଯିବ;
3 याजकाने छावणीच्या बाहेर जाऊन त्या महारोग्याला तपासावे व त्याचा महारोग बरा झाला आहे किंवा नाही ते पाहावे.
ତହୁଁ ଯାଜକ ଛାଉଣିର ବାହାରକୁ ଯିବ; ପୁଣି ଯାଜକ ଦେଖିବ, ଆଉ, ଯଦି କୁଷ୍ଠୀର କୁଷ୍ଠରୋଗର ଘାʼ ସୁସ୍ଥ ହୋଇଥାଏ,
4 तो बरा झाला असल्यास याजकाने त्यास शुद्ध होण्यासाठी दोन जिवंत शुद्ध पक्षी, गंधसरूचे लाकूड, किरमिजी रंगाचे कापड व एजोब झाडाची फांदी घेऊन येण्यास सांगावे.
ତେବେ ଯେଉଁ ଲୋକ ଶୁଚି ହେବାକୁ ଅଛି, ଯାଜକ ସେହି ଲୋକ ନିମନ୍ତେ ଦୁଇ ଜୀଅନ୍ତା ଶୁଚି ପକ୍ଷୀ, ଏରସ କାଠ, ସିନ୍ଦୂର ବର୍ଣ୍ଣ (ଲୋମ) ଓ ଏସୋବ ନେବା ପାଇଁ ଆଜ୍ଞା ଦେବ।
5 मग वाहत्या पाण्यावर मातीच्या पात्रात त्यातला एक पक्षी मारण्याची याजकाने आज्ञा द्यावी.
ପୁଣି ଯାଜକ ମୃତ୍ତିକା ପାତ୍ରସ୍ଥିତ ସ୍ରୋତଜଳ ଉପରେ ଏକ ପକ୍ଷୀକୁ ବଧ କରିବାକୁ ଆଜ୍ଞା ଦେବ।
6 याजकाने जिवंत पक्षी, गंधसरुचे लाकूड, किरमिजी रंगाचे कापड व एजोब ही सामग्री घेऊन जिवंत पक्षासह वाहत्या पाण्यावर मारलेल्या पक्ष्याच्या रक्तात बुडवावी;
ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ସେ ସେହି ଜୀଅନ୍ତା ପକ୍ଷୀକୁ, ଏରସ କାଠ, ସିନ୍ଦୂର ବର୍ଣ୍ଣ (ଲୋମ) ଓ ଏସୋବ ନେଇ ସେହି ସ୍ରୋତଜଳ ଉପରେ ହତ ପକ୍ଷୀର ରକ୍ତରେ ଜୀଅନ୍ତା ପକ୍ଷୀକୁ ଓ ସେହି ସବୁ ଡୁବାଇବ;
7 आणि ते रक्त महारोगापासून शुद्ध ठरवावयाच्या मनुष्यावर सात वेळा शिंपडावे; मग तो शुद्ध झाला आहे असे सांगावे व त्यानंतर याजकाने माळरानात जाऊन त्या जिवंत पक्ष्यास सोडून द्यावे.
ପୁଣି ସେ କୁଷ୍ଠରୋଗରୁ ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକ ଉପରେ ସାତ ଥର ତାହା ଛିଞ୍ଚି; ସେ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ, ଆଉ ସେହି ଜୀଅନ୍ତା ପକ୍ଷୀକୁ କ୍ଷେତ୍ର ଆଡ଼େ ଛାଡ଼ିଦେବ।
8 मग शुद्ध ठरवावयाच्या मनुष्याने आपले कपडे धुवावे, आपले मुंडन करून घ्यावे आणि पाण्याने स्नान करावे म्हणजे तो शुद्ध ठरेल; त्यानंतर त्याने छावणीत यावे; तरी त्याने सात दिवस आपल्या तंबूबाहेर रहावे;
ତହୁଁ ସେହି ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକ ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଧୋଇ ଓ ସମସ୍ତ କେଶ କ୍ଷୌର କରି ଜଳରେ ସ୍ନାନ କରିବ, ତହିଁରେ ସେ ଶୁଚି ହେବ; ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ସେ ଛାଉଣି ଭିତରକୁ ଆସିବ, ମାତ୍ର ସେ ସାତ ଦିନ ଆପଣା ତମ୍ବୁର ବାହାରେ ରହିବ।
9 सातव्या दिवशी त्याने आपले डोके, दाढी, भुवया व अंगावरील एकंदर सर्व केस मुंडवावे; आपले कपडे धुवावे व पाण्याने स्नान करावे, म्हणजे तो शुद्ध होईल.
ଆଉ, ସପ୍ତମ ଦିନରେ ସେ ଆପଣାର ସମସ୍ତ କେଶ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ମସ୍ତକ, ଦାଢ଼ି ଓ ଭ୍ରୂଲତାର ସମସ୍ତ କେଶ କ୍ଷୌର କରିବ, ପୁଣି ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଧୋଇ ଆପେ ଜଳରେ ସ୍ନାନ କରି ଶୁଚି ହେବ।
10 १० आठव्या दिवशी त्या मनुष्याने दोन निर्दोष कोकरे, एक वर्षाची निर्दोष मेंढी, अन्नार्पणासाठी तेलात मळलेला तीन दशांश एफा मैदा, व एक लोगभर तेल ही सामग्री याजकाकडे आणावी;
ପୁଣି, ଅଷ୍ଟମ ଦିନରେ ଦୁଇ ନିଖୁନ୍ତ ମେଷବତ୍ସ, ଏକବର୍ଷୀୟା ଏକ ନିଖୁନ୍ତ ମେଷବତ୍ସା ଓ ଭକ୍ଷ୍ୟ ନୈବେଦ୍ୟ ନିମନ୍ତେ ଏକ ଐଫାର ତିନି ଦଶମାଂଶ ତୈଳ ମିଶ୍ରିତ ସରୁ ମଇଦା ଓ ଏକ ଲୋଗ୍‍ ତୈଳ ନେବ।
11 ११ आणि शुद्ध ठरविणाऱ्या याजकाने शुद्ध ठरवणाऱ्या मनुष्यास, त्या अर्पण करावयाच्या सामग्रीसह परमेश्वरासमोर दर्शनमंडपाच्या दारापाशी उभे करावे.
ତହୁଁ ଶୁଚିକାରୀ ଯାଜକ ସେହି ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକକୁ ଓ ସେହି ସବୁ ଦ୍ରବ୍ୟ ନେଇ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁର ଦ୍ୱାର ନିକଟରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ସ୍ଥାପନ କରିବ;
12 १२ मग याजकाने दोषार्पणासाठी एक कोकरु व एक लोगभर तेल अर्पावे; ते ओवाळणीचे अर्पण म्हणून परमेश्वरासमोर ओवाळावे;
ପୁଣି ଯାଜକ ସେହି ଦୁଇ ମେଷବତ୍ସ ମଧ୍ୟରୁ ଗୋଟିଏ ଓ ସେହି ଏକ ଲୋଗ୍‍ ତୈଳ ନେଇ ଦୋଷାର୍ଥକ ବଳି ରୂପେ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ, ଆଉ ଦୋଳନୀୟ ନୈବେଦ୍ୟ ନିମନ୍ତେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଦୋଳାଇବ।
13 १३ मग याजकाने पवित्रस्थानात जेथे पापबली व होमबली ह्यांचा वध करतात तेथे ते कोकरु वधावे कारण पापबली प्रमाणेच दोषार्पणावरही याजकाचा हक्क आहे; हे अर्पण परमपवित्र आहे.
ଆଉ, ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ପାପାର୍ଥକ ଓ ହୋମାର୍ଥକ ବଳି ବଧ କରାଯାଏ, ସେହି ପବିତ୍ର ସ୍ଥାନରେ ସେହି ମେଷବତ୍ସ ବଧ କରିବ; କାରଣ ଯେପରି ପାପାର୍ଥକ ବଳି, ସେପରି ଦୋଷାର୍ଥକ ବଳି ଯାଜକର ଅଟଇ; ତାହା ମହାପବିତ୍ର ଅଟେ।
14 १४ मग याजकाने दोषार्पणाचे काही रक्त घेऊन शुद्ध ठरवावयाच्या मनुष्याच्या उजव्या कानाच्या पाळीला, उजव्या हाताच्या अंगठ्याला व उजव्या पायाच्या अंगठ्याला लावावे.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଯାଜକ ସେହି ଦୋଷାର୍ଥକ ବଳିର କିଛି ରକ୍ତ ନେବ; ପୁଣି, ଯାଜକ ସେହି ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକର ଡାହାଣ କର୍ଣ୍ଣପ୍ରାନ୍ତରେ, ଡାହାଣ ହସ୍ତର ବୃଦ୍ଧାଙ୍ଗୁଳିରେ ଓ ଡାହାଣ ପାଦର ବୃଦ୍ଧାଙ୍ଗୁଳିରେ ତାହା ଲଗାଇବ;
15 १५ याजकाने लोगभर तेलातले थोडेस तेल आपल्या डाव्या तळहातावर ओतावे;
ଆଉ, ଯାଜକ ସେହି ଏକ ଲୋଗ୍‍ ତୈଳରୁ କିଛି ନେଇ ଆପଣା ବାମ ହସ୍ତର ପାପୁଲିରେ ଢାଳିବ;
16 १६ मग याजकाने आपल्या उजव्या हाताचे बोट आपल्या डाव्या तळहातावरील तेलात बुडवून त्यातले काही परमेश्वरासमोर सात वेळा बोटाने शिंपडावे.
ତହୁଁ ଯାଜକ ସେହି ବାମ ହସ୍ତର ପାପୁଲିସ୍ଥିତ ତୈଳରେ ଆପଣା ଡାହାଣ ଅଙ୍ଗୁଳି ଡୁବାଇ ଅଙ୍ଗୁଳି ଦ୍ୱାରା ସେହି ତୈଳରୁ କିଛି ନେଇ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ସାତ ଥର ଛିଞ୍ଚିବ;
17 १७ त्याच्या तळहातावर जे तेल उरेल त्यातले काही घेऊन याजकाने शुद्ध ठरवावयाच्या मनुष्याच्या उजव्या कानाच्या पाळीवरील, उजव्या हाताच्या अंगठ्यावरील व उजव्या पायाच्या अंगठ्यावरील दोषार्पणाच्या रक्तावर लवावे.
ପୁଣି, ଯାଜକ ଆପଣା ହସ୍ତସ୍ଥିତ ଅବଶିଷ୍ଟ ତୈଳ ନେଇ ସେହି ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକର ଡାହାଣ କର୍ଣ୍ଣପ୍ରାନ୍ତରେ, ଡାହାଣ ହସ୍ତର ବୃଦ୍ଧାଙ୍ଗୁଳିରେ ଓ ଡାହାଣ ପାଦର ବୃଦ୍ଧାଙ୍ଗୁଳିରେ ଲାଗିଥିବା ଦୋଷାର୍ଥକ ବଳିର ରକ୍ତ ଉପରେ ଲଗାଇବ;
18 १८ तळहातावर उरलेले तेल याजकाने शुद्ध ठरवावयाच्या मनुष्याच्या डोक्याला लावावे आणि अशा प्रकारे त्या मनुष्यासाठी याजकाने परमेश्वरासमोर प्रायश्चित करावे.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଯାଜକ ଆପଣା ହସ୍ତସ୍ଥିତ ଅବଶିଷ୍ଟ ତୈଳ ସେହି ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକର ମସ୍ତକରେ ଲଗାଇବ; ପୁଣି ଯାଜକ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ତାହା ପାଇଁ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବ।
19 १९ मग याजकाने पापबली अर्पावा आणि अशुद्ध झालेल्या मनुष्याच्या शुद्धतेसाठी प्रायश्चित करावे; त्यानंतर त्याने होमबलीचा वध करावा;
ଆଉ ଯାଜକ ପାପାର୍ଥକ ବଳି ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ ଓ ସେହି ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକର ଅଶୁଚିତା ହେତୁ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବ; ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେ ହୋମାର୍ଥକ ବଳି ବଧ କରିବ।
20 २० मग याजकाने होमबली व अन्नबली वेदीवर अर्पून त्या मनुष्यासाठी प्रायश्चित करावे म्हणजे तो शुद्ध ठरेल.
ଆଉ, ଯାଜକ ହୋମବଳି ଓ ଭକ୍ଷ୍ୟ ନୈବେଦ୍ୟ ଆଣି ବେଦିରେ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ, ତହୁଁ ଯାଜକ ତାହା ନିମନ୍ତେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କଲେ ସେ ଶୁଚି ହେବ।
21 २१ परंतु तो मनुष्य गरीब असून एवढे आणण्याची त्यास ऐपत नसेल तर त्याने आपल्या प्रायश्चितासाठी ओवाळणीचे एक कोकरु दोषार्पण म्हणून आणावे आणि अन्नार्पणासाठी तेलात मळलेला, एक दशांश एफा मैदा आणि एक लोगभर तेल आणावे;
ଆଉ, ଯଦି ସେ ଦରିଦ୍ର ଓ ସେହି ସମସ୍ତ ବଳିଦାନ ଆଣି ନ ପାରେ, ତେବେ ସେ ଆପଣା ନିମନ୍ତେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବାକୁ ଦୋଳନୀୟ ନୈବେଦ୍ୟ ରୂପେ ଦୋଷାର୍ଥକ ବଳି ପାଇଁ ଗୋଟିଏ ମେଷବତ୍ସ ଓ ଭକ୍ଷ୍ୟ ନୈବେଦ୍ୟ ରୂପେ ଏକ ଐଫାର ଦଶମାଂଶ ତୈଳ ମିଶ୍ରିତ ସରୁ ମଇଦା ଓ ଏକ ଲୋଗ୍‍ ତୈଳ;
22 २२ आणि ऐपतीप्रमाणे दोन होले किंवा पारव्याची दोन पिल्ले त्याने आणावी; त्यातील एक पापबली व एक होमबली व्हावा.
ପୁଣି, ତାହାର ପ୍ରାପ୍ତିର ସାଧ୍ୟାନୁସାରେ ଦୁଇ କପୋତ ଅବା ଦୁଇ ପାରାଛୁଆ ଆଣିବ; ଆଉ, ଏଥିରୁ ଗୋଟିଏ ପାପାର୍ଥକ ବଳି ଓ ଅନ୍ୟଟି ହୋମବଳି ହେବ।
23 २३ आठव्या दिवशी आपल्या शुद्धीकरणासाठी त्यानेही सामग्री घेऊन दर्शनमंडपाच्या दारापाशी याजकाकडे परमेश्वरासमोर जावे.
ଆଉ, ଅଷ୍ଟମ ଦିନରେ ସେ ଆପଣାର ଶୁଚିକାର୍ଯ୍ୟ ନିମନ୍ତେ ସମାଗମ-ତମ୍ବୁର ଦ୍ୱାର ନିକଟରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଯାଜକ ନିକଟକୁ ସେମାନଙ୍କୁ ଆଣିବ।
24 २४ मग याजकाने ते दोषार्पणाचे कोकरू व लोगभर तेल घेऊन ओवाळणीचे अर्पण म्हणून परमेश्वरासमोर ओवाळावे.
ତହୁଁ ଯାଜକ ଦୋଷାର୍ଥକ ବଳିର ମେଷବତ୍ସ ଓ ସେହି ଏକ ଲୋଗ୍‍ ତୈଳ ନେବ; ପୁଣି, ଯାଜକ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ଦୋଳନୀୟ ନୈବେଦ୍ୟାର୍ଥେ ତାହା ଦୋଳାଇବ।
25 २५ त्यानंतर याजकाने दोषार्पणाच्या कोकराचा वध करावा आणि त्याने त्या कोकऱ्याचे काही रक्त घेऊन शुद्ध ठरवावयाच्या व्यक्तीच्या उजव्या कानाच्या पाळीला, उजव्या हाताच्या अंगठ्याला व उजव्या पायाच्या अंगठ्यांला लावावे.
ପୁଣି, ସେ ସେହି ଦୋଷାର୍ଥକ ବଳିର ମେଷବତ୍ସ ବଧ କରିବ; ଆଉ ଯାଜକ ସେହି ଦୋଷାର୍ଥକ ବଳିର କିଛି ରକ୍ତ ନେଇ ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକର ଡାହାଣ କର୍ଣ୍ଣପ୍ରାନ୍ତରେ, ଡାହାଣ ହସ୍ତର ବୃଦ୍ଧାଙ୍ଗୁଳିରେ ଓ ଡାହାଣ ପାଦର ବୃଦ୍ଧାଙ୍ଗୁଳିରେ ଲଗାଇବ;
26 २६ याजकाने त्या तेलातले काही आपल्या डाव्या तळहातावर ओतावे;
ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଯାଜକ ସେହି ତୈଳରୁ କିଛି ନେଇ ଆପଣା ବାମ ହସ୍ତ ପାପୁଲିରେ ଢାଳିବ;
27 २७ मग याजकाने उजव्या हाताच्या बोटाने त्यातील काही तेल परमेश्वरासमोर सात वेळा शिंपडावे.
ଆଉ, ଯାଜକ ଆପଣା ଡାହାଣ ଅଙ୍ଗୁଳି ଦ୍ୱାରା ସେହି ବାମ ହସ୍ତସ୍ଥିତ ତୈଳରୁ କିଛି କିଛି ନେଇ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁରେ ସାତ ଥର ଛିଞ୍ଚିବ;
28 २८ मग याजकाने आपल्या तळहातावरील काही तेल घेऊन शुद्ध ठरवावयाच्या मनुष्याच्या उजव्या कानाच्या पाळीवर, उजव्या हाताच्या व उजव्या पायाच्या अंगठ्यांवर, दोषार्पणाचे रक्त लावलेल्या जागेवर लावावे.
ତହୁଁ ଯାଜକ ଆପଣା ହସ୍ତସ୍ଥିତ ତୈଳ ନେଇ ସେହି ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକର ଡାହାଣ କର୍ଣ୍ଣପ୍ରାନ୍ତରେ, ତାହାର ଡାହାଣ ହସ୍ତର ବୃଦ୍ଧାଙ୍ଗୁଳିରେ ଓ ଡାହାଣ ପାଦର ବୃଦ୍ଧାଙ୍ଗୁଳିରେ ଲାଗିଥିବା ଦୋଷାର୍ଥକ ବଳିର ରକ୍ତ ସ୍ଥାନରେ ଲଗାଇବ।
29 २९ याजकाने तळहातावर उरलेले तेल शुद्ध ठरवावयाच्या मनुष्याच्या डोक्याला परमेश्वरासमोर त्या मनुष्यासाठी प्रायश्चित म्हणून लावावे.
ପୁଣି ଯାଜକ ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକ ନିମନ୍ତେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁରେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବା ପାଇଁ ଆପଣା ହସ୍ତସ୍ଥିତ ଅବଶିଷ୍ଟ ତୈଳ ତାହାର ମସ୍ତକରେ ଲଗାଇବ।
30 ३० मग त्याच्या ऐपतीप्रमाणे त्यास मिळालेले होले किंवा पारव्याची पिल्ले ह्यांच्यापैकी एकाचे त्याने अर्पण करावे.
ପୁଣି, ସେ ତାହାର ପ୍ରାପ୍ତିର ସାଧ୍ୟାନୁସାରେ ସେହି ଦୁଇ କପୋତ ଅବା ଦୁଇ ପାରାଛୁଆ ମଧ୍ୟରୁ ଗୋଟିଏ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ;
31 ३१ त्यांच्यापैकी एकाचे पापार्पण करावे व दुसऱ्याचे होमार्पण करावे; पक्ष्यांची ही अर्पणे त्याने अन्नार्पणासहीत करावी; ह्याप्रकारे याजकाने शुद्ध ठरवावयाच्या मनुष्याकरिता परमेश्वरासमोर प्रायश्चित करावे; मग तो मनुष्य शुद्ध होईल.
ଅର୍ଥାତ୍‍, ତାହାର ପ୍ରାପ୍ତିର ସାଧ୍ୟାନୁସାରେ ଭକ୍ଷ୍ୟ ନୈବେଦ୍ୟ ସହିତ ଗୋଟିଏକୁ ପାପାର୍ଥକ ବଳି ରୂପେ ଓ ଅନ୍ୟଟିକୁ ହୋମବଳି ରୂପେ ଉତ୍ସର୍ଗ କରିବ; ପୁଣି, ଯାଜକ ଶୁଚିଯୋଗ୍ୟ ଲୋକ ନିମନ୍ତେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସମ୍ମୁଖରେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବ।
32 ३२ अंगावरील महारोगाचा चट्टा बरा झालेल्या मनुष्यास आपल्या शुद्धीकरणासाठी साहित्य मिळण्याची ऐपत नसलेल्या मनुष्याच्या शुद्धीकरणासंबंधी हे नियम आहेत.
ଯେଉଁ କୁଷ୍ଠରୋଗର ଘାʼଯୁକ୍ତ ଲୋକ ଆପଣାର ଶୁଚିକାର୍ଯ୍ୟ ସମ୍ବନ୍ଧୀୟ ଦ୍ରବ୍ୟ ପାଇବାକୁ ଅସମର୍ଥ, ତାହା ପାଇଁ ଏହି ବ୍ୟବସ୍ଥା।”
33 ३३ परमेश्वर मोशे व अहरोन ह्याना असेही म्हणाला,
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶା ଓ ହାରୋଣଙ୍କୁ କହିଲେ,
34 ३४ कनान देश मी तुम्हास वतन म्हणून देत आहे. तुमचे लोक त्यामध्ये जाऊन पोहोंचतील त्यावेळी तुमच्या वतनाच्या देशातील एखाद्या घराला मी महारोगाचा चट्टा पाडला,
“ଆମ୍ଭେ ଯେଉଁ ଦେଶ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଅଧିକାର ନିମନ୍ତେ ଦେବା, ସେହି କିଣାନ ଦେଶରେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ପ୍ରବେଶ କଲେ, ଯେବେ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ଅଧିକୃତ ଦେଶର କୌଣସି ଗୃହରେ କୁଷ୍ଠରୋଗର ଦାଗ ଉତ୍ପନ୍ନ କରୁ;
35 ३५ तर त्या घराच्या मालकाने याजकाला जाऊन सांगावे की, माझ्या घरात चट्ट्यासारखे काहीतरी दिसते.
ତେବେ ସେହି ଗୃହସ୍ୱାମୀ ଯାଜକ ନିକଟକୁ ଆସି କହିବ, ଯଥା, ‘ମୋʼ ଗୃହରେ ଦାଗ ଥିଲା ପରି ମୋତେ ଦେଖାଯାଉଅଛି;’
36 ३६ मग याजकाने लोकांस घर रिकामे करण्याची आज्ञा द्यावी; लोकांनीही घरातील सर्व वस्तू याजक, चट्टा तपासण्यासाठी घरात जाण्याच्या अगोदर बाहेर काढाव्या नाहीतर घरातील सर्व वस्तू अशुद्ध समजाव्या. मग याजकाने रिकाम्या घरात जाऊन ते तपासावे.
ତହୁଁ ଗୃହର ସମସ୍ତ ଦ୍ରବ୍ୟ ଯେପରି ଅଶୁଚି ନ ହୁଏ, ଏଥିପାଇଁ ଯାଜକ ଦାଗ ଦେଖିବାକୁ ପ୍ରବେଶ କରିବା ପୂର୍ବେ ଗୃହ ଶୂନ୍ୟ କରିବାକୁ ଯାଜକ ଆଜ୍ଞା ଦେବ; ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଯାଜକ ଗୃହ ଦେଖିବାକୁ ପ୍ରବେଶ କରିବ।
37 ३७ तो चट्टा त्याने तपासावा, आणि घराच्या भिंतीवर हिरवट किंवा तांबूस रंगाची छिद्रे किंवा खळगे असतील व ती भिंतीच्या पृष्ठभागाच्या आत गेली असतील.
ପୁଣି, ସେ ସେହି ଦାଗ ଦେଖିବ, ପୁଣି ପ୍ରକୃତରେ, ଯଦି ସେହି ଦାଗ ଗୃହର କାନ୍ଥରେ ଟୋଲାପୋଲା ହୋଇ ବସିଯାଇ ଅଳ୍ପ ଶାଗୁଆ ବର୍ଣ୍ଣ ବା ରକ୍ତବର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଥାଏ, ପୁଣି ତାହା କାନ୍ଥର ନୀଚସ୍ଥ ଦେଖାଯାଏ,
38 ३८ तर मग याजकाने घराबाहेर दारापाशी यावे व ते घर सात दिवस बंद करून ठेवावे.
ତେବେ ଯାଜକ ଗୃହରୁ ବାହାର ହୋଇ ଦ୍ୱାର ନିକଟକୁ ଯିବ ଓ ସେହି ଗୃହକୁ ସାତ ଦିନ ବନ୍ଦ କରି ରଖିବ।
39 ३९ मग सातव्या दिवशी याजकाने पुन्हा जाऊन ते घर तपासावे आणि तो चट्टा घराच्या भिंतीवर पसरला असल्यास,
ପୁଣି, ଯାଜକ ସପ୍ତମ ଦିନରେ ପୁନର୍ବାର ଆସି ଦେଖିବ; ପୁଣି ପ୍ରକୃତରେ, ଯଦି ଗୃହର କାନ୍ଥରେ ସେହି ଦାଗ ବଢ଼ିଥାଏ,
40 ४० चट्टा असलेले दगड काढून नगराबाहेर एखाद्या अशुद्ध जागी टाकून देण्याची याजकाने लोकांस आज्ञा द्यावी.
ତେବେ ଯାଜକ ଦାଗଯୁକ୍ତ ପ୍ରସ୍ତରସବୁ ବାହାର କରି ନଗରର ବାହାରେ ଅଶୁଚି ସ୍ଥାନରେ ପକାଇ ଦେବାକୁ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଆଜ୍ଞା ଦେବ।
41 ४१ मग याजकाने घर लोकांकडून आतून खरडवून घ्यावे आणि खरडवून काढलेला चुना नगराबाहेर अशुद्ध ठिकाणी लोकांनी टाकून द्यावा.
ପୁଣି, ସେ ସେହି ଗୃହର ଭିତର ଚାରିଆଡ଼େ ଚଞ୍ଛାଇବ ଓ ସେହି ଚଞ୍ଛା ଧୂଳି ନଗରର ବାହାରେ ଅଶୁଚି ସ୍ଥାନରେ ପକାଇ ଦେବ।
42 ४२ त्या मनुष्याने त्या दगडांच्या ऐवजी भिंतीत दुसरे दगड बसवावे आणि त्या घराला नव्या चुन्याचा गिलावा करावा.
ଆଉ, ସେମାନେ ଅନ୍ୟ ପ୍ରସ୍ତର ନେଇ ସେହି ପ୍ରସ୍ତର ସ୍ଥାନରେ ବସାଇବେ ଓ ଅନ୍ୟ ଲେପ ନେଇ ଗୃହ ଲେପନ କରିବେ।
43 ४३ जुने दगड काढून नवीन दगड बसविल्यावर व घर खरडवून नवीन गिलावा केल्यावर जर तो चट्टा घरात पुन्हा उद्भवला.
ଆଉ, ସେହି ପ୍ରସ୍ତର ବଦଳ କଲା ଉତ୍ତାରେ ଓ ଗୃହ ଚାଞ୍ଛିଲା ଉତ୍ତାରେ ଓ ଲେପନ କଲା ଉତ୍ତାରେ ଯେବେ ସେହି ଦାଗ ପୁନର୍ବାର ଗୃହରେ ଫୁଟି ବାହାରେ,
44 ४४ तर याजकाने आत जाऊन तो तपासावा; घरात तो चट्टा पसरला असल्यास तो घरात चरत जाणारा महारोगाचा चट्टा होय; ते घर अशुद्ध आहे.
ତେବେ ଯାଜକ ଆସି ଦେଖିବ, ପୁଣି ପ୍ରକୃତରେ, ଯଦି ସେହି ଦାଗ ଗୃହରେ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଥାଏ, ତେବେ ସେହି ଗୃହରେ କ୍ଷୟ କୁଷ୍ଠରୋଗ ଅଛି; ତାହା ଅଶୁଚି ଅଟେ।
45 ४५ मग त्या मनुष्याने ते घर खणून पाडावे; त्याचे दगड, लाकूड व सगळा चुना त्याने तेथून काढून नगराबाहेर एखाद्या अशुद्ध ठिकाणी फेकून द्यावा.
ତହିଁରେ ସେ ସେହି ଗୃହ ଭାଙ୍ଗି ପକାଇବ, ତହିଁର ପ୍ରସ୍ତର ଓ କାଷ୍ଠ ଓ ଧୂଳିସବୁ ନଗରର ବାହାରେ ଅଶୁଚି ସ୍ଥାନକୁ ବୋହି ନେଇଯିବ।
46 ४६ आणि घर बंद असताना त्यामध्ये कोणी शिरला तर त्याने संध्याकाळपर्यंत अशुद्ध रहावे;
ଆହୁରି, ସେହି ଗୃହ ବନ୍ଦ ହୋଇଥିବା ସମୟରେ ଯେକେହି ତହିଁ ଭିତରକୁ ଯାଏ, ସେ ସନ୍ଧ୍ୟା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଅଶୁଚି ହୋଇ ରହିବ।
47 ४७ त्या घरात कोणी काही खाल्ले किंवा कोणी त्या घरात निजला तर त्याने आपले कपडे धुवावे.
ପୁଣି, ଯେ ସେହି ଗୃହରେ ଶୟନ କରେ, ସେ ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଧୋଇବ ଓ ସେହି ଘରେ ଯେ ଭୋଜନ କରେ, ସେ ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଧୋଇବ।
48 ४८ घराला नवीन दगड बसविल्यावर व नवीन गिलावा केल्यावर याजकाने आत जाऊन ते घर तपासावे आणि घरात चट्टा परत उद्भवला नसेल तर त्या घरातला चट्टा गेल्यामुळे त्याने ते शुद्ध ठरवावे.
ଆଉ, ଯାଜକ ଆସି ଦେଖନ୍ତେ, ଯଦି, ସେହି ଗୃହ ଲେପନ କଲା ଉତ୍ତାରେ ଦାଗ ସେହି ଗୃହରେ ବଢ଼ି ନାହିଁ, ତେବେ ଯାଜକ ସେହି ଗୃହକୁ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ, କାରଣ ଦାଗ ଅଦୃଶ୍ୟ ହୋଇଅଛି।
49 ४९ त्या घराच्या शुद्धीकरणासाठी दोन पक्षी, गंधसरुचे लाकूड, किरमिजी रंगाचे कापड व एजोब ही त्याने आणावी;
ତହୁଁ ସେ ସେହି ଗୃହକୁ ଶୁଚି କରିବା ପାଇଁ ଦୁଇ ପକ୍ଷୀ, ଏରସ କାଠ, ସିନ୍ଦୂର ବର୍ଣ୍ଣ (ଲୋମ) ଓ ଏସୋବ ନେବ;
50 ५० त्याने एक पक्षी वाहत्या पाण्यावर मातीच्या पात्रात मारावा;
ପୁଣି, ମୃତ୍ତିକା ପାତ୍ରସ୍ଥିତ ସ୍ରୋତଜଳ ଉପରେ ଏକ ପକ୍ଷୀକୁ ବଧ କରିବ;
51 ५१ मग त्याने गंधसरुचे लाकूड, एजोब, किरमिजी रंगाचे कापड व जिवंत पक्षी घेऊन त्या मारलेल्या पक्ष्याच्या रक्तात व वाहत्या पाण्यात बुडवून त्या घरावर सात वेळा शिंपडावे.
ତହୁଁ ସେ ସେହି ଏରସ କାଠ, ଏସୋବ, ସିନ୍ଦୂର ବର୍ଣ୍ଣ (ଲୋମ) ଓ ଜୀଅନ୍ତା ପକ୍ଷୀକୁ ନେଇ ହତ ପକ୍ଷୀର ରକ୍ତରେ ଓ ସେହି ସ୍ରୋତଜଳରେ ଡୁବାଇବ ଓ ସେହି ଗୃହରେ ସାତ ଥର ଛିଞ୍ଚିବ।
52 ५२ त्या पक्ष्याचे रक्त, वाहते पाणी, तो जिवंत पक्षी, गंधसरूचे लाकूड, एजोब, आणि किरमिजी रंगाचे कापड ह्याप्रकारे याजकाने ते घर शुद्ध करावे.
ଏହି ପ୍ରକାରେ ପକ୍ଷୀର ରକ୍ତ ଦ୍ୱାରା, ସ୍ରୋତଜଳ ଦ୍ୱାରା, ଜୀଅନ୍ତା ପକ୍ଷୀ ଦ୍ୱାରା, ଏରସ କାଠ ଦ୍ୱାରା, ଏସୋବ ଦ୍ୱାରା ଓ ସିନ୍ଦୂର ବର୍ଣ୍ଣ (ଲୋମ) ଦ୍ୱାରା ସେହି ଗୃହକୁ ଶୁଚି କରିବ।
53 ५३ मग त्याने तो जिवंत पक्षी नगराबाहेर जाऊन माळरानात सोडून द्यावा; ह्याप्रकारे त्याने घरासाठी प्रायश्चित केले म्हणजे ते शुद्ध होईल.
ମାତ୍ର ସେ ଜୀଅନ୍ତା ପକ୍ଷୀକୁ ନଗରର ବାହାରସ୍ଥ କ୍ଷେତ୍ର ଆଡ଼େ ଛାଡ଼ିଦେବ; ଏହିରୂପେ ସେ ଗୃହ ନିମନ୍ତେ ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବ; ତହିଁରେ ତାହା ଶୁଚି ହେବ।”
54 ५४ सर्व प्रकारचे महारोगाचे चट्टे, चाई,
କୁଷ୍ଠରୋଗର ସର୍ବପ୍ରକାର ଘାଆ ଓ ଛଉର ଏହି ବ୍ୟବସ୍ଥା;
55 ५५ कपड्यावरील किंवा घराचा महारोग,
ପୁଣି, ବସ୍ତ୍ରସ୍ଥିତ ଓ ଗୃହସ୍ଥିତ କୁଷ୍ଠରୋଗ;
56 ५६ सूज, खवंद, तकतकीत डाग या सर्वासंबधीचे हे नियम आहेत;
ଆଉ, ଫୁଲା ଓ ପାମା ଓ ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନ,
57 ५७ हे केव्हा शुद्ध व केव्हा अशुद्ध हे ठरविण्याविषयी शिकवतात; हे महारोगासंबंधीचे नियम आहेत.
ଏହିସବୁ କେଉଁ ସମୟରେ ଶୁଚି ଓ କେଉଁ ସମୟରେ ଅଶୁଚି, ଏହା ଜଣାଇବା ନିମନ୍ତେ କୁଷ୍ଠରୋଗର ଏହି ବ୍ୟବସ୍ଥା।

< लेवीय 14 >