< लेवीय 13 >
1 १ परमेश्वर मोशे व अहरोन यांना म्हणाला,
ତାʼପରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶା ଓ ହାରୋଣଙ୍କୁ କହିଲେ,
2 २ एखाद्या मनुष्याच्या अंगावरील कातडीला सूज, खवंद किंवा तकतकीत डाग असेल व तो महारोगाच्या चट्ट्यासारखा दिसत असेल तर त्यास अहरोन याजकाकडे किंवा त्याच्या याजक मुलांपैकी एकाकडे न्यावे.
“ଯଦି କୌଣସି ମନୁଷ୍ୟର ଶରୀରର ଚର୍ମରେ ଫୁଲା କି କାଛୁକୁଣ୍ଡିଆ କି ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନ ହୁଏ ଓ ତାହା ଶରୀରର ଚର୍ମରେ କୁଷ୍ଠରୋଗର ଘାʼ ହୁଏ, ତେବେ ସେ ହାରୋଣ ଯାଜକ ନିକଟକୁ କିଅବା ତାହାର ପୁତ୍ରଗଣଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କୌଣସି ଯାଜକ ନିକଟକୁ ଅଣାଯିବ।
3 ३ मग याजकाने त्याच्या अंगाच्या कातडीवरील तो चट्टा तपासावा व त्या चट्ट्यावरील केस पांढरे झाले असल्यास व तो चट्टा कातडीपेक्षा खोल गेलेला दिसल्यास तो महारोगाचा चट्टा समजावा; मग त्या मनुष्याची तपासणी झाल्यावर याजकाने त्यास अशुद्ध ठरवावे.
ତହୁଁ ଯାଜକ ତାହା ଶରୀରର ଚର୍ମସ୍ଥିତ ଘାʼ ଦେଖିବ; ଆଉ ଯଦି ଘାʼର ଲୋମ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଥାଏ, ପୁଣି ଘାʼ ଯଦି ତାହା ଶରୀରର ଚର୍ମଠାରୁ ନୀଚ ଦେଖାଯାଏ, ତେବେ ତାହା କୁଷ୍ଠରୋଗର ଘାʼ ଅଟେ; ଆଉ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଦେଖିବ ଓ ତାହାକୁ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ।
4 ४ त्या मनुष्याच्या अंगाच्या कातडीवरील डाग पांढरा असेल पण त्याच्या कातडीपेक्षा तो खरोखर खोल गेलेला नसेल व त्यावरील केस पांढरे झालेले नसतील तर याजकाने त्या चट्टा पडलेल्या मनुष्यास सात दिवस इतर मनुष्यापासून वेगळे एकटे ठेवावे.
ପୁଣି, ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନ ଯଦି ତାହା ଶରୀରର ଚର୍ମରେ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଥାଏ ଓ ତାହା ଚର୍ମଠାରୁ ନୀଚ ନ ଥାଏ ଓ ତାହାର ଲୋମ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୋଇ ନ ଥାଏ, ତେବେ ଯାହାର ଘାʼ ହୋଇଅଛି, ଯାଜକ ତାହାକୁ ସାତ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପୃଥକ କରି ରଖିବ।
5 ५ सातव्या दिवशी याजकाने परत त्याची तपासणी करावी आणि तो चट्टा जसाच्या तसाच असून कातडीत पसरला नाही असे त्यास दिसून आले तर याजकाने त्यास आणखी सात दिवस इतरापासून वेगळे ठेवावे.
ତହୁଁ ସପ୍ତମ ଦିନରେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଦେଖିବ; ପୁଣି, ଯଦି ତାହାର ଦୃଷ୍ଟିରେ ସେହି ଘାʼ ସେହି ପ୍ରକାର ଥାଏ ଓ ଚର୍ମରେ ବ୍ୟାପି ନ ଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଆହୁରି ସାତ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ବନ୍ଦ କରି ରଖିବ।
6 ६ सातव्या दिवसानंतर याजकाने पुन्हा त्याची तपासणी करावी आणि चट्टा जर बुजत चालला असेल व तो कातडीत पसरला नसेल तर याजकाने त्यास शुद्ध ठरवावे; ते साधे खवंद होय; त्या मनुष्याने आपली वस्त्रे धुवावी आणि पुन्हा शुद्ध व्हावे.
ପୁଣି, ସପ୍ତମ ଦିନରେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ପୁନର୍ବାର ଦେଖିବ; ଆଉ, ଯଦି ଘାʼ ମଳିନ ହୋଇଥାଏ ଓ ଘାʼ ଚର୍ମରେ ବ୍ୟାପି ନ ଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ତାହା କାଛୁକୁଣ୍ଡିଆ ଅଟେ; ତହୁଁ ସେ ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଧୋଇ ଶୁଚି ହେବ।
7 ७ परंतु त्या मनुष्याने स्वत: ला शुद्ध ठरवण्यासाठी याजकाला दाखविल्यानंतर त्याच्या कातडीवरील ते खवंद पसरत गेले असेल तर मग त्याने पुन्हा याजकापुढे हजर व्हावे.
ମାତ୍ର ସେ ଶୁଚି ହେବା ନିମନ୍ତେ ଆପଣାକୁ ଯାଜକକୁ ଦେଖାଇଲା ଉତ୍ତାରେ ଯଦି ତାହାର କାଛୁକୁଣ୍ଡିଆ ଚର୍ମରେ ବ୍ୟାପେ, ତେବେ ସେ ଆପଣାକୁ ପୁନର୍ବାର ଯାଜକକୁ ଦେଖାଇବ।
8 ८ याजकाने त्याची तपासणी करावी आणि ते खवंद कातडीत पसरल्याचे दिसून आल्यास त्याने त्यास अशुद्ध ठरवावे; तो महारोग होय.
ତହିଁରେ କାଛୁକୁଣ୍ଡିଆ ତାହାର ଚର୍ମରେ ବ୍ୟାପିଲା, ଏପରି ଯଦି ଯାଜକ ଦେଖେ, ତେବେ ସେ ତାହାକୁ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ, କାରଣ ତାହା କୁଷ୍ଠରୋଗ ଅଟେ।
9 ९ एखाद्या मनुष्यास महारोगाचा चट्टा असेल तर त्यास याजकाकडे न्यावे.
କୌଣସି ମନୁଷ୍ୟଠାରେ କୁଷ୍ଠରୋଗର ଘାʼ ହେଲେ, ସେ ଯାଜକ ନିକଟକୁ ଅଣାଯିବ;
10 १० याजकाने त्यास तपासावे; आणि जर त्याच्या कातडीच्या पांढऱ्या चट्ट्यावर सूज आली असेल व तेथील केस पांढरे झाले असतील व सुजेच्या जागेवरील मांस हुळहुळे झाले असेल तर
ତହୁଁ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଦେଖିବ; ଆଉ, ଯଦି ତାହାର ଚର୍ମରେ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଫୁଲା ଥାଏ ଓ ତହିଁର ଲୋମ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଥାଏ ଓ ସେହି ଫୁଲାରେ କଞ୍ଚା ମାଂସ ବୃଦ୍ଧି ପାଉଥାଏ,
11 ११ त्याच्या कातडीतला तो जुनाट महारोग होय; याजकाने त्यास अशुद्ध ठरवावे; अधिक तपासणीसाठी त्यास काही काळासाठी इतरापासून वेगळे ठेवू नये, कारण तो अशुद्धच आहे.
ତେବେ ତାହାର ଶରୀରର ଚର୍ମରେ ତାହା ପୁରାତନ କୁଷ୍ଠରୋଗ ଅଟେ, ପୁଣି ଯାଜକ ତାହାକୁ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ସେ ତାହାକୁ ରୁଦ୍ଧ କରିବ ନାହିଁ, କାରଣ ସେ ଅଶୁଚି।
12 १२ एखाद्या मनुष्याच्या कातडीला कोड फुटून तो डोक्यापासून पायापर्यंत अंगभर सर्व कातडीवर पसरला असेल तर याजकाने त्यास अंगभर तपासावे,
ଆଉ, ଯଦି କୁଷ୍ଠରୋଗ ଚର୍ମରେ ଫୁଟି ବାହାରେ ଓ ଯେତେ ଦୂର ଯାଜକକୁ ଦେଖାଯାଏ, ତଦନୁସାରେ ଘାʼଯୁକ୍ତ ଲୋକର ମସ୍ତକ ଠାରୁ ପାଦ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଚର୍ମ କୁଷ୍ଠରୋଗରେ ଆଚ୍ଛନ୍ନ ହୋଇଥାଏ,
13 १३ याजकाने त्याची तपासणी करावी त्याचा कोड अंगभर पसरल्याचे त्यास दिसून आले तर त्याने त्यास शुद्ध ठरवावे; त्याचे सर्व अंग पांढरे झाले आहे म्हणजे तो शुद्ध आहे.
ତେବେ ଯାଜକ ଦେଖିବ; ପୁଣି, ଯଦି କୁଷ୍ଠରୋଗ ତାହାର ସର୍ବାଙ୍ଗ ଆଚ୍ଛନ୍ନ କରିଥାଏ, ତେବେ ସେ ରୋଗୀକୁ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ସର୍ବାଙ୍ଗ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଅଛି; ସେ ଶୁଚି ଅଟେ।
14 १४ पण त्याच्या अंगावर काही मांस कोवळे असेल तर तो अशुद्ध समजावा.
ମାତ୍ର ଯେତେବେଳେ କଞ୍ଚା ମାଂସ ତାହା ଦେହରେ ପ୍ରକାଶ ପାଏ, ସେତେବେଳେ ସେ ଅଶୁଚି ହେବ।
15 १५ याजकाने कोवळे मांस पाहून त्यास अशुद्ध ठरवावे; असले कोवळे मांस अशुद्धच असते; तो महारोग होय.
ଆଉ, ଯାଜକ ସେହି କଞ୍ଚା ମାଂସ ଦେଖି ତାହାକୁ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ସେହି କଞ୍ଚା ମାଂସ ଅଶୁଚି; ତାହା କୁଷ୍ଠରୋଗ।
16 १६ परंतु ते कोवळे मांस जर परत पांढरे झाले तर त्याने परत याजकाकडे यावे;
ଅଥବା ଯଦି ସେହି କଞ୍ଚା ମାଂସ ପୁନର୍ବାର ପାଲଟି ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଯାଏ, ତେବେ ସେ ଯାଜକ ନିକଟକୁ ଯିବ,
17 १७ याजकाने पुन्हा त्यास तपासावे आणि जर त्याचा चट्टा परत पांढरा झाला असेल तर त्याने त्या मनुष्यास शुद्ध ठरवावे; तो शुद्ध आहे.
ଆଉ, ଯାଜକ ତାହାକୁ ଦେଖିବ; ପୁଣି ଦେଖ, ଯଦି ସେହି ଘାʼ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ସେ ଘାʼଯୁକ୍ତ ଲୋକକୁ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ସେ ଶୁଚି ଅଟେ।
18 १८ कोणाच्या कातडीला फोड येऊन तो बरा झाला
ଆଉ ଶରୀରର ଚର୍ମରେ ବଥ ହୋଇ ଭଲ ହେଲା ଉତ୍ତାରେ,
19 १९ व फोडाच्या जागी पांढरी सूज आली किंवा पांढरा तकतकीत लाल रेषा असलेला डाग पडला तर त्याने तो याजकाला दाखवावा.
ଯଦି ସେହି ବଥ ସ୍ଥାନରେ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଫୁଲା ଅବା ରକ୍ତ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନ ହୁଏ, ତେବେ ତାହା ଯାଜକକୁ ଦେଖାଇବ;
20 २० याजकाने त्यास तपासावे आणि जर ती जागा कातडीपेक्षा खोल गेलेली दिसली व त्यावरील केस पांढरे झाले असले तर त्याने त्यास अशुद्ध ठरवावे; फोडातून बाहेर पडलेला हा महारोगाचा चट्टा आहे.
ତହିଁରେ ଯାଜକ ତାହା ଦେଖିବ, ଆଉ, ଯଦି ତାହା ଚର୍ମର ନୀଚସ୍ଥ ଦେଖାଯାଏ ଓ ତହିଁର ଲୋମ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୋଇଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ତାହା ବଥରୁ ଉତ୍ପନ୍ନ କୁଷ୍ଠରୋଗର ଘାʼ ଅଟେ।
21 २१ पण तपासणी केल्यावर त्यावरचे केस पांढरे झालेले नाहीत व ती जागा कातडीपेक्षा खोल गेलेली नाही तसेच ती बुजून पुसट होत चाललेली आहे असे याजकाला दिसून आले तर त्याने त्यास सात दिवस वेगळे ठेवावे.
ମାତ୍ର ଯାଜକ ତାହା ଦେଖନ୍ତେ, ଯଦି, ତହିଁରେ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଲୋମ ନ ଥାଏ ଓ ତାହା ଚର୍ମର ନୀଚସ୍ଥ ନ ହୋଇ ମଳିନ ହୋଇଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ସାତ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପୃଥକ କରି ରଖିବ।
22 २२ त्यानंतर तो कातडीवर पसरत गेला आहे असे दिसले तर याजकाने त्या मनुष्यास अशुद्ध ठरवावे; तो चट्टा आहे.
ଆଉ, ଯଦି ତାହା ଚର୍ମରେ ବ୍ୟାପେ, ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; କାରଣ ତାହା କୁଷ୍ଠରୋଗର ଘାʼ ଅଟେ।
23 २३ पण तो तकतकीत डाग तेथल्या तेथेच राहून पसरला नाहीतर तो फोडाचा वण आहे, म्हणून याजकाने त्या मनुष्यास शुद्ध ठरवावे.
ମାତ୍ର ଯଦି ସେହି ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନ ସ୍ୱ ସ୍ଥାନରେ ଥାଇ ନ ବଢ଼େ, ତେବେ ତାହା ବଥର ଚିହ୍ନ ଅଟେ; ପୁଣି ଯାଜକ ତାହାକୁ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ।
24 २४ एखाद्याच्या कातडीत जळाल्याचा वण असेल व त्या वणाच्या कोवळ्या मांसात तांबूस-पांढरा किंवा पांढरा डाग दिसून येईल.
କିଅବା ଯଦି ମାଂସର ଚର୍ମରେ ଅଗ୍ନିଦାହ ହୁଏ ଓ ସେହି ଦାହର ବଢ଼ିଲା ମାଂସରେ ରକ୍ତ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଅବା ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନ ହୁଏ;
25 २५ तर याजकाने त्यास तपासावे; त्या तकतकीत डागावरील केस पांढरे झाले असतील व कातडीपेक्षा ती जागा खोल गेलेली दिसत असेल तर त्या जळलेल्या जागी महारोग फुटला आहे; मग याजकाने त्यास अशुद्ध ठरवावे; तो महारोगाचा चट्टा होय.
ତେବେ ଯାଜକ ତାହା ଦେଖିବ; ଆଉ, ଯଦି ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନରେ ଥିବା ଲୋମ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୁଏ ଓ ଚର୍ମର ନୀଚସ୍ଥ ଦେଖାଯାଏ, ତେବେ ତାହା କୁଷ୍ଠରୋଗ, ତାହା ଅଗ୍ନିଦାହରୁ ଉତ୍ପନ୍ନ ହୋଇଅଛି; ପୁଣି ଯାଜକ ତାହାକୁ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ତାହା କୁଷ୍ଠରୋଗର ଘାʼ ଅଟେ।
26 २६ परंतू तपासल्यावर त्या डागावरचे केस पांढरे झालेले नाहीत व ती जागा कातडीपेक्षा खोल गेलेली नाही आणि ती पुसट होत चालली आहे असे याजकाला दिसून आले तर त्याने त्यास सात दिवस वेगळे ठेवावे.
ମାତ୍ର ଯାଜକ ତାହା ଦେଖନ୍ତେ, ଯଦି ସେହି ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନରେ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଲୋମ ନ ଥାଏ ଓ ତାହା ଚର୍ମର ନୀଚସ୍ଥ ନ ହୋଇ ମଳିନ ହୋଇଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ସାତ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପୃଥକ କରି ରଖିବ।
27 २७ सातव्या दिवशी त्याने त्यास तपासावे व त्याचा डाग कातडीवर पसरत गेला आहे असे दिसले तर याजकाने त्या मनुष्यास अशुद्ध ठरवावे; तो महारोगाचा चट्टा होय;
ତହୁଁ ସପ୍ତମ ଦିନରେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଦେଖିବ; ଯଦି ତାହା ଚର୍ମରେ ବ୍ୟାପିଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ତାହା କୁଷ୍ଠରୋଗର ଘାʼ ଅଟେ।
28 २८ परंतु तो डाग तेथल्या तेथेच असून कातडीवर पसरला नाही व तो पुसट होत चालला आहे असे दिसून आल्यास ती जळलेल्या जागेची सूज आहे म्हणून याजकाने त्यास शुद्ध ठरवावे; तो त्या जळलेल्या जागेवरचा वण होय.
ଆଉ, ଯଦି ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନ ସ୍ୱ ସ୍ଥାନରେ ଥାଏ ଓ ଚର୍ମରେ ବୃଦ୍ଧି ନ ପାଇ ମଳିନ ହୋଇଥାଏ; ତେବେ ତାହା ଦାହର ଫୁଲା, ଆଉ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ଯେହେତୁ ତାହା ଅଗ୍ନିକୃତ କ୍ଷତର ଚିହ୍ନ।
29 २९ एखाद्या पुरुषाच्या किंवा स्त्रीच्या डोक्यावर किंवा हनुवटीवर चट्टा असला,
ଆଉ, ପୁରୁଷ ଅବା ସ୍ତ୍ରୀର ମସ୍ତକରେ ଅବା ଦାଢ଼ିରେ ଘାʼ ହେଲେ ଯାଜକ ସେହି ଘାʼ ଦେଖିବ;
30 ३० तर याजकाने त्याची तपासणी करावी आणि ती जागा कातडीपेक्षा खोल दिसली व तिच्यावर काही पिंगट बारीक केस असले तर त्याने त्या व्यक्तीला अशुद्ध ठरवावे; ही चाई म्हणजे तो डोक्याचा किंवा हनुवटीचा महारोग होय.
ଆଉ ଦେଖ, ଯଦି ତାହା ଚର୍ମର ନୀଚସ୍ଥ ଦେଖାଯାଏ ଓ ତହିଁରେ ହଳଦି ବର୍ଣ୍ଣ ସରୁ ଲୋମ ଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ତାହା ଛଉ ଅଟେ, ତାହା ମସ୍ତକ ଅବା ଦାଢ଼ିର କୁଷ୍ଠରୋଗ ଅଟେ।
31 ३१ तो चाईचा चट्टा कातडीपेक्षा खोल नसला व त्याच्यावर काळे केस नसले तर चाईचा चट्टा असलेल्या व्यक्तीला याजकाने सात दिवस वेगळे ठेवावे.
ଆଉ, ଯାଜକ ଛଉର ଘାʼ ଦେଖନ୍ତେ, ଯଦି ତାହା ଚର୍ମର ନୀଚସ୍ଥ ନ ଥାଏ ଓ ତହିଁରେ କୃଷ୍ଣବର୍ଣ୍ଣ ଲୋମ ନ ଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ସେହି ଛଉ ଘାʼଯୁକ୍ତ ଲୋକକୁ ସାତ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପୃଥକ କରି ରଖିବ।
32 ३२ सातव्या दिवशी याजकाने त्या चट्ट्याची तपासणी करावी; ती चाई पसरली नाही, त्या जागी पिंगट केस नाहीत व ती जागा कातडीपेक्षा खोल गेलेली दिसली नाही,
ତହୁଁ ସପ୍ତମ ଦିନରେ ଯାଜକ ତାହା ଦେଖିବ; ପୁଣି, ଯଦି ସେହି ଛଉ ବଢ଼ି ନ ଥାଏ ଓ ତହିଁରେ ହଳଦି ବର୍ଣ୍ଣ ଲୋମ ହୋଇ ନ ଥାଏ; ଆଉ, ତାହା ଚର୍ମର ନୀଚସ୍ଥ ଦେଖା ନ ଯାଏ,
33 ३३ तर त्या मनुष्याने आपल्या डोक्याचे केस काढावेत; पण चाईवरचे केस काढू नयेत; याजकाने चाई असलेल्या त्या मनुष्यास आणखी सात दिवस वेगळे ठेवावे.
ତେବେ ସେ ଲଣ୍ଡା ହେବ, ମାତ୍ର ଛଉ ସ୍ଥାନ ଲଣ୍ଡା କରିବ ନାହିଁ; ପୁଣି ଯାଜକ ସେହି ଛଉଯୁକ୍ତ ଲୋକକୁ ଆଉ ସାତ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପୃଥକ କରି ରଖିବ।
34 ३४ सातव्या दिवशी याजकाने ती चाई पुन्हा तपासून पाहावी आणि चाई कातडीवर पसरलेली नसली व कातडीपेक्षा ती खोल गेलेली नसली तर याजकाने त्यास शुद्ध ठरवावे; त्या मनुष्याने आपले कपडे धुवावे व शुद्ध व्हावे.
ପୁଣି, ସପ୍ତମ ଦିନରେ ଯାଜକ ସେହି ଛଉ ଦେଖିବ; ଆଉ, ଯଦି ସେହି ଛଉ ଚର୍ମରେ ବଢ଼ି ନ ଥାଏ ଓ ତାହା ଚର୍ମର ନୀଚସ୍ଥ ଦେଖା ନ ଯାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ପୁଣି ସେ ଆପଣା ବସ୍ତ୍ର ଧୋଇ ଶୁଚି ହେବ।
35 ३५ परंतु तो शुद्ध ठरल्यानंतर ती चाई पसरत गेली
ମାତ୍ର ତାହାର ଶୁଚି ହେଲା ଉତ୍ତାରେ ଯଦି ଚର୍ମରେ ସେହି ଛଉ ବ୍ୟାପିଯାଏ,
36 ३६ तर याजकाने त्यास तपासावे व ती चाई कातडीवर पसरलेली दिसली तर पिंगट केस शोधीत न बसता त्या मनुष्यास अशुद्ध ठरवावे.
ତେବେ ଯାଜକ ତାହାକୁ ଦେଖିବ; ପୁଣି, ଯଦି ଛଉ ଚର୍ମରେ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଥାଏ, ତେବେ ଯାଜକ ହଳଦି ବର୍ଣ୍ଣ ଲୋମର ଅନ୍ୱେଷଣ କରିବ ନାହିଁ; କାରଣ ସେ ଅଶୁଚି ଅଟେ।
37 ३७ परंतु ती चाई होती तेवढीच असेल व तिच्यावर काळे केस येत आहेत असे त्यास दिसून आले तर ती चाई बरी झाली आहे व तो मनुष्य शुद्ध झाला आहे; याजकाने त्यास शुद्ध ठरवावे.
ମାତ୍ର ତାହାର ଦୃଷ୍ଟିରେ ଯଦି ସେହି ଛଉ ବଢ଼ି ନ ଥାଏ ଓ ତହିଁରେ କୃଷ୍ଣବର୍ଣ୍ଣ ଲୋମ ଉଠିଥାଏ, ତେବେ ସେହି ଛଉର ଆରୋଗ୍ୟ ହୋଇଅଛି; ସେ ଶୁଚି ହୋଇଅଛି; ଆଉ, ଯାଜକ ତାହାକୁ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ।
38 ३८ कोणा पुरुषाच्या किंवा स्त्रीच्या अंगावर पांढरे डाग असतील.
ପୁଣି, ଯଦି କୌଣସି ପୁରୁଷ କି ସ୍ତ୍ରୀର ଶରୀରର ଚର୍ମରେ ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନଗୁଡ଼ିକ, ଅର୍ଥାତ୍, ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନଗୁଡ଼ିକ ହୁଏ;
39 ३९ तर याजकाने ते तपासावे व त्या व्यक्तीच्या अंगावरील ते डाग करडे असतील तर ती कातडीवर फुटलेली दाद होय. ती व्यक्ती शुद्ध होय.
ତେବେ ଯାଜକ ତାହା ଦେଖିବ; ପୁଣି ପ୍ରକୃତରେ, ଯଦି ସେମାନଙ୍କ ଶରୀରର ଚର୍ମରେ ସେହି ଚିକ୍କଣ ଚିହ୍ନ ଅଳ୍ପ ମଳିନ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ହୁଏ, ତେବେ ତାହା ଚର୍ମରୁ ଉତ୍ପନ୍ନ ଜାଦୁରୋଗ; ସେ ଲୋକ ଶୁଚି ଅଟେ।
40 ४० कोणा मनुष्याचे केस गळून पडू लागले तर ते केवळ टक्कल आहे; तो मनुष्य शुद्ध होय.
ଆଉ, ଯଦି କୌଣସି ମନୁଷ୍ୟର ମସ୍ତକରୁ କେଶ ଉପୁଡ଼ିଯାଏ, ତେବେ ସେ ଚନ୍ଦା; ତଥାପି ସେ ଶୁଚି ଅଟେ।
41 ४१ त्याच्या डोक्याच्या बाजूचे केस गळू लागले तरी ते एक प्रकारचे टक्कल होय; तो मनुष्य शुद्ध आहे.
ଆଉ, ଯଦି ତାହାର କେଶ ମସ୍ତକର ସମ୍ମୁଖ ଭାଗରୁ ଉପୁଡ଼ିଯାଏ, ତେବେ ସେ ଚନ୍ଦା କପାଳ; ତଥାପି ସେ ଶୁଚି ଅଟେ।
42 ४२ परंतु त्या टक्कल पडलेल्या डोक्यावरील चामडीवर तांबूस पांढरा चट्टा पडलेला असेल तर त्याच्या डोक्यावर महारोग फुटत आहे.
ମାତ୍ର ଯଦି ଚନ୍ଦା ମସ୍ତକରେ କି ଚନ୍ଦା କପାଳରେ ରକ୍ତ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଘାʼ ହୁଏ; ତେବେ ତାହା ତାହାର ଚନ୍ଦା ମସ୍ତକରେ କି ଚନ୍ଦା କପାଳରେ ଉତ୍ପନ୍ନ କୁଷ୍ଠରୋଗ ଅଟେ।
43 ४३ मग याजकाने त्यास तपासावे आणि त्याच्या टक्कल पडलेल्या डोक्याच्या भागावर, अंगावरील कातडीच्या महारोगासारखा तांबूस पांढरा चट्टा पडलेला असल्याचे दिसले,
ତହୁଁ ଯାଜକ ତାହା ଦେଖିବ; ପୁଣି, ଯଦି ଶରୀରର ଚର୍ମସ୍ଥିତ କୁଷ୍ଠରୋଗ ପରି ଚନ୍ଦା ମସ୍ତକ କି ଚନ୍ଦା କପାଳରେ ରକ୍ତ ଶ୍ଵେତବର୍ଣ୍ଣ ଘାʼର ଫୁଲା ଦେଖାଯାଏ;
44 ४४ तर त्या मनुष्याच्या डोक्यावर पडलेला चट्टा महारोगाचा होय; तो मनुष्य अशुद्ध होय; याजकाने त्यास अशुद्ध ठरवावे.
ତେବେ ସେ କୁଷ୍ଠୀ, ସେ ଅଶୁଚି ଅଟେ; ଯାଜକ ତାହାକୁ ଅବଶ୍ୟ ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବ; ତାହାର ମସ୍ତକରେ ଘାʼ ହୋଇଅଛି।
45 ४५ ज्या मनुष्यास महारोग झालेला आहे त्याचे कपडे फाटके असावे; त्याने आपले केस मोकळे सोडावे, आपले तोंड झाकावे व इतर लोकांस इशारा देण्यासाठी अशुद्ध, अशुद्ध असे ओरडत जावे.
ଆଉ, ଯେଉଁ କୁଷ୍ଠୀର ଘାʼ ହୋଇଅଛି, ତାହାର ବସ୍ତ୍ର ଚିରାଯିବ ଓ ତାହାର ମସ୍ତକର କେଶ ମୁକୁଳା ରହିବ ଓ ସେ ଆପଣାର ଉପର ଓଷ୍ଠ ବସ୍ତ୍ରରେ ଢାଙ୍କିବ, ପୁଣି ‘ଅଶୁଚି ଅଶୁଚି’ ବୋଲି ଡାକ ପକାଇବ।
46 ४६ जोपर्यंत त्याच्या अंगावर चट्टा असेल तितक्या दिवसापर्यंत त्याने अशुद्ध रहावे; तो अशुद्ध होय; त्याने एकटे रहावे; त्याची वस्ती छावणीबाहेर असावी.
ତାହାଠାରେ ଯେତେ ଦିନ ଘାʼ ଥିବ, ସେତେ ଦିନ ସେ ଅଶୁଚି ରହିବ; କାରଣ ସେ ଅଶୁଚି ଅଟେ; ସେ ଏକାକୀ ବାସ କରିବ; ଛାଉଣିର ବାହାରେ ତାହାର ବାସସ୍ଥାନ ହେବ।
47 ४७ “एखाद्या लोकरीच्या किंवा सणाच्या वस्त्राला महारोगाचा चट्टा पडला,
ମଧ୍ୟ ଯେଉଁ ବସ୍ତ୍ରରେ କୁଷ୍ଠରୋଗର ଦାଗ ହୁଏ, ତାହା ଲୋମ ବସ୍ତ୍ର ହେଉ କି ମସିନା ବସ୍ତ୍ର ହେଉ,
48 ४८ किंवा तो सणाच्या किंवा लोकरीच्या ताण्याला किंवा बाण्याला, चमड्याला किंवा चामड्याच्या वस्तुला पडला.
ଅବା ତାହା ଲୋମ କି ମସିନାର ଟାଣୀରେ କି ପଡୀୟାଣରେ ହେଉ; କିଅବା ଚର୍ମରେ କି ଚର୍ମ ନିର୍ମିତ କୌଣସି ଦ୍ରବ୍ୟରେ ହେଉ;
49 ४९ आणि त्या वस्त्राला, त्याच्या ताण्याला किंवा त्याच्या बाण्याला अथवा चामड्याला किंवा चामड्याच्या कोणत्याही वस्तूचा चट्टा हिरवट किंवा तांबूस असला तर तो महारोगाचा चट्टा होय; तो याजकाला दाखवावा.
ଯଦି ସେହି ଦାଗ ବସ୍ତ୍ରରେ କି ଚର୍ମରେ, ଟାଣୀରେ କି ପଡୀୟାଣରେ କିମ୍ବା ଚର୍ମ ନିର୍ମିତ କୌଣସି ଦ୍ରବ୍ୟରେ ଶାଗୁଆ ବର୍ଣ୍ଣ କି ରକ୍ତବର୍ଣ୍ଣ ହୁଏ, ତେବେ ତାହା କୁଷ୍ଠରୋଗର ଦାଗ; ପୁଣି, ତାହା ଯାଜକକୁ ଦେଖାଇ ଦିଆଯିବ।
50 ५० याजकाने तो चट्टा तपासावा; चट्टा पडलेली ती वस्तू त्याने सात दिवस वेगळी करून ठेवावी.
ତହିଁରେ ଯାଜକ ସେହି ଦାଗ ଦେଖିବ, ପୁଣି ଯେଉଁଥିରେ ସେହି ଦାଗ ଥାଏ, ତାହା ସାତ ଦିନ ବନ୍ଦ କରି ରଖିବ।
51 ५१ त्याने सातव्या दिवशी तो चट्टा तपासावा आणि चामड्यावर किंवा वस्त्राचा ताण्यावर किंवा बाण्यावर अथवा चामड्याच्या कोणत्याही वस्तूवर तो चट्टा पसरलेला दिसला तर ते वस्त्र किंवा चामडे अशुद्ध आहे, चरत जाणारे कुष्ठ आहे.
ତହୁଁ ସେ ସପ୍ତମ ଦିନରେ ସେହି ଦାଗ ଦେଖିବ; ଯଦି ବସ୍ତ୍ରରେ କି ଟାଣୀରେ କି ପଡୀୟାଣରେ କିଅବା ଚର୍ମରେ, ଯେକୌଣସି ଚର୍ମ ନିର୍ମିତ ବସ୍ତୁରେ ଯଦି ସେହି ଦାଗ ବଢ଼ିଥାଏ, ତେବେ ତାହା କ୍ଷୟ କୁଷ୍ଠରୋଗ; ତାହା ଅଶୁଚି ଅଟେ।
52 ५२ ते वस्त्र लोकरीचे असो किंवा सणाचे असो त्याच्या ताण्यावर किंवा बाण्यावर, तसेच चामड्यावर किंवा चामड्याच्या एखाद्या वस्तूवर तो चट्टा असला तर याजकाने ते वस्त्र किंवा चामडे जाळून टाकावे.
ଏଣୁ ବସ୍ତ୍ରରେ ଅବା ଲୋମନିର୍ମିତ କି ମସିନା ନିର୍ମିତ ଟାଣୀରେ କି ପଡୀୟାଣରେ କି ଚର୍ମ ନିର୍ମିତ କୌଣସି ଦ୍ରବ୍ୟରେ ସେହି ଦାଗ ଥାଏ, ତାହା ସେ ଦଗ୍ଧ କରିବ; କାରଣ ତାହା କ୍ଷୟ କୁଷ୍ଠରୋଗ; ତାହା ଅଗ୍ନିରେ ଦଗ୍ଧ ହେବ।
53 ५३ परंतु तो चट्टा पसरला नाही असे याजकाला दिसून आले तर ते वस्त्र किंवा चामडे अवश्य धुतले पाहिजे.
ମାତ୍ର ଯାଜକ ତାହା ଦେଖନ୍ତେ, ଯଦି, ସେହି ଦାଗ ବସ୍ତ୍ରରେ କି ଟାଣୀରେ କି ପଡୀୟାଣରେ କିଅବା ଚର୍ମ ନିର୍ମିତ କୌଣସି ଦ୍ରବ୍ୟରେ ବଢ଼ି ନ ଥାଏ;
54 ५४ याजकाने लोकांस ते वस्त्र किंवा चामडे धुण्यास सांगावे. मग धुवून झाल्यावर ते त्याने आणखी सात दिवस वेगळे ठेवावे.
ତେବେ ଯାଜକ ସେହି ଦାଗଯୁକ୍ତ ଦ୍ରବ୍ୟ ଧୋଇବାକୁ ଆଜ୍ଞା ଦେବ, ପୁଣି ସେ ଆଉ ସାତ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତାହା ପୃଥକ କରି ରଖିବ;
55 ५५ त्यानंतर याजकाने पुन्हा त्याची तपासणी करावी, आणि जर तो आहे तसाच असला व जरी पसरलेला नसला तरी तो अशुद्ध समजावा आणि ते वस्त्र किंवा चामडे अग्नीत जाळून टाकावे.
ଆଉ ସେହି ଦାଗ ଧୁଆଗଲା ଉତ୍ତାରେ ଯାଜକ ତାହା ଦେଖିବ; ପୁଣି, ଯଦି ସେହି ଦାଗର ବର୍ଣ୍ଣ ବଦଳି ନ ଥାଏ ଓ ସେହି ଦାଗ ବଢ଼ି ନ ଥାଏ, ତେବେ ତାହା ଅଶୁଚି ଅଟେ; ତୁମ୍ଭେ ତାହା ଅଗ୍ନିରେ ଦଗ୍ଧ କରିବ; କାରଣ ସେହି ଦାଗ ଭିତରେ ଥାଉ କି ବାହାରେ ଥାଉ, ତାହା କ୍ଷୟକାରକ।
56 ५६ परंतु धुतल्यावर तो चट्टा पुसट झाला आहे असे याजकाला दिसून आले तर त्याने त्या वस्त्राचा किंवा चामड्याचा अथवा ताण्याचा किंवा बाण्याचा भाग फाडून टाकावा.
ମାତ୍ର ଧୁଆଗଲା ଉତ୍ତାରେ ଯାଜକ ଦେଖନ୍ତେ, ଯଦି, ସେହି ଦାଗ ମଳିନ ହୋଇଥାଏ, ତେବେ ସେ ସେହି ବସ୍ତ୍ରରୁ କି ଚର୍ମରୁ କିଅବା ଟାଣୀରୁ କି ପଡୀୟାଣରୁ ତାହା ଚିରି ପକାଇବ।
57 ५७ इतके केल्यावरही जर त्या वस्त्रावर, त्याच्या ताण्यावर किंवा बाण्यावर अथवा चामड्याच्या कोणत्याही वस्तूवर तो चट्टा पुन्हा आला तर तो चट्टा चरत व पसरत आहे असे समजून ते चामडे किंवा वस्त्र अवश्य जाळून टाकावे.
ତଥାପି ଯଦି ସେହି ବସ୍ତ୍ରରେ କି ଟାଣୀରେ କି ପଡୀୟାଣରେ କିଅବା ଚର୍ମ ନିର୍ମିତ କୌଣସି ଦ୍ରବ୍ୟରେ ତାହା ଦେଖାଯାଏ, ତେବେ ତାହା ବଢ଼ୁଅଛି; ଯହିଁରେ ସେହି ଦାଗ ଥାଏ, ତାହା ତୁମ୍ଭେ ଅଗ୍ନିରେ ପୋଡ଼ି ପକାଇବ।
58 ५८ परंतु तो चट्टा धुतल्यानंतर पुन्हा आला नाही तर ते चामडे किंवा वस्त्र शुद्ध समजावे, ते शुद्ध आहे.”
ପୁଣି ଯେଉଁ ବସ୍ତ୍ର କି ଟାଣୀ କି ପଡୀୟାଣ କି ଚର୍ମ ନିର୍ମିତ କୌଣସି ଦ୍ରବ୍ୟ ଧୌତ କରିବ, ତହିଁରୁ ଯଦି ସେହି ଦାଗ ଯାଏ, ତେବେ ଦ୍ୱିତୀୟ ଥର ତାହା ଧୁଆଯିବ; ତହିଁରେ ତାହା ଶୁଚି ହେବ।”
59 ५९ लोकरीच्या किंवा सणाच्या वस्त्रावर, त्याच्या ताण्यावर किंवा बाण्यावर अथवा चामड्याच्या कोणत्याही वस्तूवर महारोगाचा चट्टा दिसून आला तर ती शुद्ध किंवा अशुद्ध ठरविण्याचे हे नियम आहेत.
ଲୋମ କି ମସିନା ନିର୍ମିତ ବସ୍ତ୍ରର କିଅବା ଟାଣୀର କି ପଡୀୟାଣର କିଅବା ଚର୍ମ ନିର୍ମିତ କୌଣସି ଦ୍ରବ୍ୟର କୁଷ୍ଠରୋଗର ଦାଗ ବିଷୟରେ ଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବା ବା ଅଶୁଚି ବୋଲି ପ୍ରକାଶ କରିବାର ବ୍ୟବସ୍ଥା ଏହି।