< शास्ते 9 >
1 १ यरूब्बालाचा मुलगा अबीमलेख, याने शखेमास आपल्या आईच्या नातेवाईकांजवळ जाऊन त्यास आणि त्याच्या आईच्या घरातील सर्व परिवाराला म्हटले,
১পরে যিরুব্বালের ছেলে অবীমেলক শিখিমে নিজের মায়ের আত্মীয়দের কাছে গিয়ে তাদেরকে এবং নিজের মায়ের পিতৃকুলের সব গোষ্ঠীকে এই কথা বলল; নিবেদন করি,
2 २ “तुम्ही कृपाकरून शखेमांतल्या सर्व मनुष्यास सांगा म्हणजे ते ऐकतील, यरूब्बालाच्या सर्व सत्तर मुलांनी तुम्हावर राज्य करावे किंवा एका मुलाने तुम्हावर राज्य करावे? यांतून तुम्हास कोणते चांगले वाटते? मी तुमच्या हाडाचा व मांसाचा आहे याची आठवण करा.”
২তোমরা শিখিমে সব বাড়ির লোকেদের এই কথা বল, তোমাদের পক্ষে ভাল কি? তোমাদের ওপরে যিরুব্বালের সব ছেলের অর্থাৎ সত্তর জনের কর্তৃত্ব ভাল, না এক জনের কর্তৃত্ব ভাল? আর এটাও মনে কর, আমি তোমাদের অস্থি ও তোমাদের মাংস।
3 ३ तेव्हा त्याच्या आईचे नातेवाईक त्याच्याविषयी शखेमांतल्या सर्व मनुष्यांशी बोलले, आणि त्यांनी अबीमलेखास अनुसरण्याचे मान्य केले, कारण त्यांनी म्हटले, “तो आमचा भाऊ आहे.”
৩আর তাঁর মাতার আত্মীয়েরা তাঁর পক্ষে শিখিমের সব বাড়ির লোকেদের ঐ সব কথা বললে অবীমেলকের অনুগামী হতে তাদের মনে ইচ্ছা হল; কারণ তারা বলল, উনি আমাদের আত্মীয়।
4 ४ त्यांनी त्यास बआल-बरीथाच्या घरातून सत्तर शेकेल रुपे दिले, आणि अबीमलेखाने बेकायदेशीर व बेदरकार स्वभावाची माणसे भाडयाने ठेवली. यास्तव ती त्याच्यामागे चालली.
৪আর তারা বাল্-বরীতের মন্দির থেকে তাঁকে সত্তর [থান] রূপা দিল; তাতে অবীমেলক অসার ও উৎশৃঙ্খল লোকদেরকে ঐ রূপার বেতন দিলে তারা তাঁর অনুগামী হল।
5 ५ तो आपल्या वडिलाच्या घरी अफ्रासास गेला, आणि त्याने आपले भाऊ म्हणजे यरूब्बालाचे सत्तर मुले एका दगडावर मारले; तरी यरूब्बालाचा धाकटा पुत्र योथाम राहिला, कारण तो लपलेला होता.
৫পরে সে অফ্রায় বাবার বাড়িতে গিয়ে নিজের ভাইদেরকে অর্থাৎ যিরুব্বালের সত্তর জন ছেলেকে এক পাথরের ওপরে হত্যা করল; কেবল যিরুব্বালের ছোট ছেলে যোথম লুকিয়ে থাকাতে বেঁচে গেল।
6 ६ मग शखेमांतली सर्व पुढारी व बेथ मिल्लोतल्या सर्वांनी मिळून जाऊन शखेमामधल्या एलोन खांबाजवळ अबीमलेखाला राजा करून घेतले.
৬পরে শিখিমের সব বাড়ির লোক এবং মিল্লোর সব লোক জড়ো হয়ে শিখিমস্থ স্তম্ভের এলোন গাছের কাছে গিয়ে অবীমেলককে রাজা করল।
7 ७ नंतर लोकांनी योथामाला हे कळविले, तेव्हा तो गरिज्जीम डोंगराच्या शिखरावर जाऊन उभा राहिला. “त्याने आपला स्वर उंच केला आणि त्यांना बोलला, शखेमाच्या पुढाऱ्यांनो, देवाने तुमचे ऐकावे म्हणून तुम्ही माझे ऐका.
৭আর লোকেরা যোথমকে এই সংবাদ দিলে সে গিয়ে গরিষীম পর্বতের চূড়াতে দাঁড়িয়ে জোরে চিত্কার করে ডেকে তাদেরকে বলল, হে শিখিমের বাড়ির লোক সকল, আমার কথা শোনো, শুনলে ঈশ্বর তোমাদের কথা শুনবেন।
8 ८ झाडे आपल्यावर अभिषेकाने राजा करायास निघाली; तेव्हा त्यांनी जैतूनाला म्हटले, ‘तू आमचा राजा हो.’
৮একবার বৃক্ষেরা নিজেদের উপরে অভিষেক করার জন্য রাজার খোঁজে গেল। তারা জিতবৃক্ষকে বলল, তুমি আমাদের উপরে রাজত্ব কর।
9 ९ तेव्हा जैतूनाने त्यांना म्हटले, झाडांवर अधिकार करायास जावे म्हणून, ज्याने देवाचा व मनुष्याचा सन्मान करीतात, ते माझे तेल मी सोडून देऊ काय?
৯জিতবৃক্ষ তাদেরকে বলল, আমার যে তেলের জন্য ঈশ্বর ও মানুষেরা আমার গৌরব করেন, তা ত্যাগ করে আমি কি বৃক্ষদের ওপরে দুলতে থাকব?
10 १० नंतर त्या झाडांनी अंजिराला म्हटले, ‘तू चल, आमचा राजा हो.’
১০পরে বৃক্ষরা ডুমুরবৃক্ষকে বলল, তুমি এসে আমাদের উপরে রাজত্ব কর।
11 ११ तेव्हा अंजिराने त्यांना म्हटले, ‘मी आपली गोडी व आपले चांगले फळ सोडून, झाडांवर अधिकार कारायास जावे की काय?’
১১ডুমুরবৃক্ষ তাদেরকে বলল, আমি কি নিজের মিষ্টতা ও উত্তম ফল ত্যাগ করে বৃক্ষদের উপরে দুলতে থাকবে?
12 १२ नंतर त्या झाडांनी द्राक्षवेलाला म्हटले, ‘चल तू आमचा राजा हो.’
১২পরে বৃক্ষরা আঙ্গুর গাছকে বলল, তুমি এসে আমাদের ওপরে রাজত্ব কর।
13 १३ तेव्हा द्राक्षवेलाने त्यांना म्हटले, मी आपला ताजा रस जो देवाला व मनुष्यांना संतुष्ट करतो, तो सोडून झाडावर अधिकार करायला जावे की काय?
১৩দ্রাক্ষালতা তাদেরকে বলল, আমার যে রস ঈশ্বরকে ও মানুষদেরকে খুশি করে, তা ত্যাগ করে আমি কি বৃক্ষদের ওপরে দুলতে থাকবে?
14 १४ नंतर त्या सर्व झाडांनी काटेरी झुडुपाला म्हटले, ‘चल तू आमचा राजा हो.’
১৪পরে সমস্ত বৃক্ষ কাঁটাযুক্ত বৃক্ষকে বলল, তুমি এসে আমাদের উপরে রাজত্ব কর।
15 १५ तेव्हा काटेरी झुडपाने त्या झाडांना म्हटले, ‘जर तुम्ही खरेपणाने मला अभिषेक करून राजा करीत असाल, तर येऊन माझ्या छायेचा आश्रय घ्या; नाही तर काटेरी झुडुपातून विस्तव निघून लबानोनावरल्याचे गंधसरूस जाळून टाकील.’
১৫কাঁটাযুক্ত বৃক্ষ সেই বৃক্ষদেরকে বলল, তোমরা যদি নিজেদের ওপরে সত্যিই আমাকে রাজা বলে অভিষেক কর, তবে এসে আমার ছায়ার শরণ নাও, তবে এই কাঁটাযুক্ত বৃক্ষ থেকে আগুন বের হয়ে লিবানোনের এরস বৃক্ষদেরকে পুড়িয়ে দিক।
16 १६ यास्तव आता तुम्ही विचार करा की, खरेपणाने व प्रामाणिकपणाने वर्तणूक करून तुम्ही अबीमलेखाला राजा केले आहे का? आणि यरूब्बालासंबंधी आणि त्याच्या घराण्यासंबंधी जर तुम्ही बरे केले का आणि त्याच्या हातांच्या कृत्यांनुसार त्यास शिक्षा केली आहे काय?
১৬এখন অবীমেলককে রাজা করাতে তোমরা যদি সত্য ও যথার্থ আচরণ করে থাক এবং যদি যিরুব্বালের ও তাঁর কুলের প্রতি ভালো আচরণ করে থাক, ও তাঁর হাতের উপকারানুসারে তাঁর প্রতি ব্যবহার করে থাক;
17 १७ आणि विचार करा की, माझ्या वडिलाने तुमच्यासाठी लढाई केली, आपला जीव धोक्यात घालून तुम्हाला मिद्यानाच्या हातातून सोडवले आहे.
১৭কারণ আমার বাবা তোমাদের জন্য যুদ্ধ করেছিলেন, ও প্রাণপণ চেষ্টা করে মিদিয়নের হাত থেকে তোমাদেরকে উদ্ধার করেছিলেন;
18 १८ परंतु तुम्ही आज माझ्या वडिलाच्या घरावर उठला, आणि त्याचे पुत्र सत्तर माणसे, यांना तुम्ही एका शिळेवर जिवे मारले, आणि त्याच्या दासीचा पुत्र अबीमलेख याला शखेमातल्या मनुष्यांवर राजा करून ठेवले, कारण तो तुमचा भाऊ आहे.
১৮কিন্তু তোমরা আজ আমার পিতৃকুলের বিরুদ্ধে উঠে এক পাথরের ওপরে তার সত্তর জন ছেলেকে হত্যা করলে, ও তাঁর দাসীর ছেলে অবীমেলককে নিজেদের ভাই বলে শিকিমের নেতাদের ওপরে রাজা করলে;
19 १९ तर तुम्ही आजच्या दिवशी यरूब्बालाविषयी व त्याच्या घराण्याविषयी खरेपणाने व प्रामाणिकपणाने जर वर्तणूक केली असेल, तर अबीमलेखामध्ये संतोष करा; त्यानेही तुमच्यामध्ये संतोष करावा.
১৯আজ যদি তোমরা যিরুব্বালের ও তাঁর কুলের প্রতি সত্য ও যথার্থ আচরণ করে থাক, তবে অবীমেলকের বিষয়ে আনন্দ কর এবং সেও তোমাদের বিষয় আনন্দ করুন।
20 २० परंतु जर तसे नाही, तर अबीमलेखातून विस्तव निघून शखेमातील व मिल्लोतील मनुष्यांना जाळून टाको, आणि शखेमातल्या व मिल्लोतील मनुष्यांतून विस्तव निघून अबीमलेखाला जाळून टाको.”
২০কিন্তু তা যদি না হয়, তবে অবীমেলক থেকে আগুন বেরিয়ে শিখিমের লোকদেরকে ও মিল্লোর লোকদেরকে পুড়িয়ে দিক; আবার শিখিমের লোকদের থেকে মিল্লোর লোকদের থেকে আগুন বের হয়ে অবীমেলককে পুড়িয়ে দিক।
21 २१ नंतर योथाम पळून गेला व आपला भाऊ अबीमलेख ह्याच्या भीती पोटी तो बैर येथे जाऊन राहिला.
২১পরে যোথম দৌড়িয়ে পালিয়ে গেল, সে বেরে গেল এবং তার ভাই অবীমেলকের ভয়ে সেই জায়গায় বাস করল।
22 २२ तेव्हा अबीमलेखाने इस्राएलावर तीन वर्षे राज्य केले.
২২অবীমেলক ইস্রায়েলের উপরে তিন বছর কর্তৃত্ব করল।
23 २३ नंतर देवाने अबीमलेख व शखेमातली माणसे यांच्यामध्ये दुष्ट आत्मा पाठवला, म्हणून शखेमातले लोक अबीमलेखाशी कपटाने वागू लागले;
২৩পরে ঈশ্বর অবীমেলকের ও শিখিমের লোকদের মধ্যে এক মন্দ আত্মা পাঠালেন, তাতে শিখিমের লোকেরা অবীমেলকের প্রতি বিশ্বাসঘাতকতা করল;
24 २४ देवाने हे केले, यासाठी की, यरूब्बालाच्या सत्तर पुत्रांच्या विरोधात केलेल्या हिंसाचाराचा बदला घ्यावा, व त्यांच्या रक्तपाताबद्दल त्यांचा भाऊ अबीमलेख दोषी ठरवला जावा; आणि त्याच्या भावांचा खून करण्यात त्यास मदत केली म्हणून, शखेम नगरातील लोकही जबाबदार धरले जावेत.
২৪যেন যিরুব্বালের সত্তরটি ছেলের প্রতি করা অত্যাচারের প্রতিফল ঘটে এবং তাদেরকে হত্যা করেছিল যে তাদের ভাই অবীমেলক, তার ওপরে এবং ভাই হত্যায় যারা তাকে সাহায্য করেছিল, সেই শিখিমস্থ লোকদের ওপরে ঐ রক্তপাতের অপরাধে অপরাধী হয়।
25 २५ नंतर शखेमातल्या मनुष्यांनी त्याच्यासाठी डोंगराच्या शिखरावर दबा धरणारे ठेवले, आणि त्यांनी आपल्याजवळून जो कोणी वाटेवर चालला, त्यास लुटले. हे कोणीतरी अबीमलेखाला सांगितले.
২৫আর শিখিমের লোকেরা তার জন্য কোন কোন পর্বতশৃঙ্গে গোপনে লোক বসিয়ে গেল, সবারই দ্রব্যাদি তারা লুট করল; আর অবীমেলক তার সংবাদ পেল।
26 २६ मग एबेदाचा पुत्र गाल आपल्या भावांसह आला, आणि ते शखेमात आल्यानंतर शखेमातल्या मनुष्यांनी त्याच्यावर विश्वास ठेवला.
২৬পরে এবদের ছেলে গাল নিজের ভাইদেরকে সঙ্গে নিয়ে শিখিমে আসল; আর শিখিমের লোকেরা তাকে বিশ্বাস করল।
27 २७ तेव्हा त्यांनी शेतात जाऊन आपल्या द्राक्षमळ्यांची खुडणी करून द्राक्षांचा रस काढला आणि ते उत्साह करीत आपल्या देवाच्या घरात गेले, आणि तेथे खाऊन पिऊन त्यांनी अबीमलेखाला शाप दिला.
২৭আর তারা বের হয়ে নিজের নিজের দ্রাক্ষাক্ষেত্রে ফল তুলল ও তা মাড়াই করল এবং উৎসব করল, আর নিজেদের দেবতার মন্দিরে গিয়ে ভোজন পান করে অবীমেলককে অভিশাপ দিল।
28 २८ तेव्हा एबेदाचा पुत्र गाल बोलला, “अबीमलेख कोण आहे की आम्ही त्याचे दास असावे? यरूब्बालाचा मुलगा व त्याचा कारभारी जबुल हे शखेमाचा बाप हमोर यांच्या कुळांतील लोकांचे दास असतील पण आम्ही अबीमलेखाची सेवा का करावी?
২৮আর এবদের ছেলে গাল বলল, অবীমেলক কে, সে শিখিমীয় কে, যে আমরা তার দাসত্ব করব? সে কি যিরুব্বালের ছেলে না? সবূল কি তার সেনাপতি না? তোমরা বরং শিখিমের বাবা হমোরের লোকদের দাসত্ব কর;
29 २९ आणि हे लोक माझ्या हाती असते तर किती बरे होते! म्हणजे मी अबीमलेखाला काढून टाकले असते. मी अबीमलेखाला म्हणेन, तू आपले सैन्य बाहेर बोलाव.”
২৯আমরা ওর দাসত্ব কেন স্বীকার করব? আহা, এই সব লোক আমার অধিকারে এলে আমি অবীমেলককে দূর করে দিই। পরে সে অবীমেলকের উদ্দেশ্যে বলল, তুমি দলবল বৃদ্ধি করে বের হয়ে এস দেখি।
30 ३० त्या वेळेस त्या नगराचा अधिकारी जबुल याने, एबेदाचा पुत्र गाल याच्या गोष्टी ऐकल्या, आणि त्याचा राग पेटला.
৩০এবদের ছেলে গালের সেই কথা নগরের কর্তা সবূল শুনে সে ক্রোধে প্রজ্বলিত হয়ে উঠল;
31 ३१ मग त्याने कपट करून अबीमलेखाजवळ दूत पाठवून असे सांगितले की, “पाहा, एबेदाचा पुत्र गाल आपल्या भावांसोबत शखेमास आला आहे; आणि पाहा, ते तुझ्याविरूद्ध नगराला चिथावत आहेत.
৩১আর সে কৌশল করে অবীমেলকের কাছে দূত পাঠিয়ে বলল, দেখুন, এবদের ছেলে গাল ও তার ভাইরা শিখিমে এসেছে; আর দেখুন, তারা আপনার বিরুদ্ধে নগরে কুকথা বলছে।
32 ३२ तर आता, तू आपल्याजवळच्या लोकांसह रात्री उठून शेतात दबा धर.
৩২অতএব আপনি ও আপনার সঙ্গে যে সব লোক আছে, আপনারা রাতে উঠে গিয়ে মাঠে লুকিয়ে থাকুন।
33 ३३ मग असे व्हावे की, सकाळी सूर्य उगवताच तू उठून नगरावर हल्ला कर; मग पाहा, ते आपल्याजवळच्या लोकांसह तुझ्याकडे बाहेर येतील, तेव्हा जसे तुझ्या हाती येईल तसे तू त्याचे कर.”
৩৩পরে ভোরবেলায় সূর্য্যোদয় হওয়ামাত্র আপনি উঠে নগর আক্রমণ করবেন; আর দেখুন, সে ও তার সঙ্গী লোকেরা আপনার বিরুদ্ধে বের হবে, তখন আপনার হাত যা করতে পারবে, তা করবেন।
34 ३४ यास्तव अबीमलेखाने आपल्याजवळच्या सर्व लोकांसह रात्री उठून चार टोळ्या करून शखेमावर दबा धरला.
৩৪পরে অবীমেলক ও তার সঙ্গী সমস্ত লোক রাত্রিতে উঠে চারটে দল ভাগ হয়ে শিখিমের বিরুদ্ধে লুকিয়ে থাকল।
35 ३५ मग एबेदाचा पुत्र गाल, बाहेर येऊन नगराच्या वेशीजवळ उभा राहिला, आणि अबीमलेख आपल्याजवळच्या लोकांसोबत दबा सोडून उठला.
৩৫আর এবদের ছেলে গাল বাইরে গিয়ে নগরের দরজার প্রবেশের মুখে দাঁড়াল; পরে অবীমেলক ও তার সঙ্গী লোকেরা গোপন জায়গা থেকে উঠল।
36 ३६ तेव्हा गालाने त्या लोकांस पाहून जबुलाला म्हटले, “पाहा, लोक डोंगरांच्या शिखरांवरून उतरतात.” मग जबुल त्यास बोलला, “तुला डोंगराची छाया मनुष्यांसारखी दिसते.”
৩৬আর গাল সেই লোকদেরকে দেখে সবূলকে বলল, দেখ, পর্বতশৃঙ্গ থেকে লোকসকল নেমে আসছে। সবূল তাকে বলল, তুমি মানুষের ভুল পথের পর্বতের ছায়া দেখছ।
37 ३७ तेव्हा गालाने फिरून असे म्हटले की, “पाहा, देशाच्या उंचवटयावरून लोक उतरतात; आणि एक टोळी एलोन मौननीमाच्या वाटेवरून येत आहे.”
৩৭পরে গাল আবার বলল, দেখ, উচ্চ দেশ থেকে লোকসকল নেমে আসছে এবং গণকদের এলোন বৃক্ষের পথ দিয়ে এক দল আসছে।
38 ३८ मग जबुल त्यास बोलला, “तू आपल्या ज्या तोंडाने बोललास, अबीमलेख कोण की, आम्ही त्याची चाकरी करावी ते आता कोठे आहे? ज्या लोकांस तू तुच्छ केले, ते हेच की नाहीत? आता मी म्हणतो, तू बाहेर जाऊन त्यांच्याशी लढाई कर.”
৩৮সবূল তাকে বলল, কোথায় এখন তোমার সেই মুখ, যে মুখে বলেছিলে, অবীমেলক কে যে আমরা তার দাসত্ব স্বীকার করি? তুমি যে লোকদেরকে তুচ্ছ করেছিলে, ওরা কি সেই লোক না? এখন যাও, বের হয়ে ওর সঙ্গে যুদ্ধ কর।
39 ३९ मग गालाने शखेमातल्या मनुष्यांपुढे होऊन, बाहेर जाऊन अबीमलेखाशी लढाई केली.
৩৯পরে গাল শিখিমের লোকদের আগে আগে বেরিয়ে য়ে গিয়ে অবীমেলকের সঙ্গে যুদ্ধ করল।
40 ४० तेव्हा अबीमलेख त्याच्या पाठीस लागला असता तो त्याच्यापुढून पळाला, आणि वेशीच्या दारापर्यंत बहुत लोक जखमी होऊन पडले.
৪০তাতে অবীমেলক তাকে তাড়া করল ও সে তার সামনে থেকে পালিয়ে গেল এবং প্রবেশ দ্বারের জায়গা পর্যন্ত অনেক লোক আহত হয়ে পড়ল।
41 ४१ मग अबीमलेख आरूमा शहरात राहिला, जबुलाने गाल व त्याचे नातेवाईक ह्यांना शखेममधून हाकलून दिले.
৪১পরে অবীমেলক অরূমায় থাকল এবং সবূল গালকে ও তার ভাইদেরকে তাড়িয়ে দিল, তারা আর শিখিমে বাস করতে পারল না।
42 ४२ दुसऱ्या दिवशी शखेमचे लोक बाहेर शेतात गेले. ही बातमी अबीमलेखाला समजली.
৪২পর দিন লোকেরা বের হয়ে মাঠে যাচ্ছিল, আর অবীমেলক তার সংবাদ পেল।
43 ४३ तेव्हा त्याने आपल्या लोकांच्या तीन तुकड्या केल्या; ते शेतात दबा धरून बसले, लोक नगरातून बाहेर येत आहेत हे त्याने पाहिले आणि त्यांच्यावर हल्ला करून त्याने त्यांना ठार मारले.
৪৩সে লোকদেরকে নিয়ে তিনটে দল করে মাঠের মধ্যে লুকিয়ে থাকল; পরে সে চেয়ে দেখল, আর দেখ, লোকেরা নগর থেকে বের হয়ে আসছিল; তখন সে তাদের বিরুদ্ধে উঠে তাদেরকে আঘাত করল।
44 ४४ अबीमलेख व त्याच्यासोबतच्या तुकड्यांनी हल्ला करून शहराचे दरवाजे रोखून धरले. इतर दोन तुकड्यांनी शेतात असलेल्या लोकांवर हल्ला करून त्यांना ठार मारले.
৪৪পরে অবীমেলক ও তার সঙ্গীদল সকল তাড়াতাড়ি এগিয়ে গিয়ে নগর-দ্বার-প্রবেশের জায়গায় দাঁড়িয়ে থাকল এবং দুটি দল মাঠের সব লোককে আক্রমণ করে আঘাত করল।
45 ४५ अबीमलेखाने दिवसभर त्या नगराशी लढाई केली. त्याने शहराचा ताबा घेतला व त्यातील लोकांस जिवे मारले, आणि नगर उद्ध्वस्त करून त्यावर मीठ पेरून टाकले.
৪৫আর অবীমেলক সেই সব দিন ঐ নগরের বিরুদ্ধে যুদ্ধ করল; আর নগর অধিকার করে সেখানকার লোকদেরকে হত্যা করল এবং নগর সমভূমি করে তার ওপরে লবণ ছড়িয়ে দিল।
46 ४६ शखेमच्या सर्व पुढाऱ्यांनी हे ऐकले तेव्हा ते सर्वजण अल बरीथच्या किल्ल्यात गेले.
৪৬পরে শিখিমের দূর্গে অবস্থিত লোকেরা সব এই কথা শুনে এল্-বরীৎএর দূর্গে এক গৃহে প্রবেশ করল।
47 ४७ सर्व पुढारी शखेमच्या बुरुजात जमा झाले आहेत असे अबीमलेखाला कोणी सांगितले.
৪৭পরে শিখিমের দূর্গে অবস্থিত সব গৃহস্থ জড়ো হয়েছে, এই কথা অবীমেলক শুনল।
48 ४८ तेव्हा अबीमलेख आपल्याजवळच्या सर्व लोकांसहीत सल्मोन डोंगरावर गेला, आणि अबीमलेखाने आपल्या हाती कुऱ्हाड घेऊन झाडाची फांदी तोडली, मग तिला आपल्या खांद्यावर उचलून घेऊन त्याने आपल्याजवळच्या लोकांस सांगितले, “जे मी केले ते तुम्ही पाहिले, तसे माझ्यासारखे लवकर करा.”
৪৮তখন অবীমেলক ও তার সঙ্গীরা সকলে সল্মোন পর্বতে উঠল। আর অবীমেলক কুঠার হাতে নিয়েছিল; সে বৃক্ষ থেকে একটা ডাল কেটে নিয়ে নিজের কাঁধে রাখল এবং নিজের সঙ্গী লোকদেরকে বলল, তোমরা আমাকে যা করতে দেখলে, তাড়াতাড়ি সেরকম কর।
49 ४९ तेव्हा सर्व लोकांतल्या एकएकाने फांदी तोडून घेतली, आणि ते अबीमलेखाच्या मागे चालले; मग त्यांनी, त्या फांद्या बुरुजाला लावल्या व ते लोक आत असता बुरूजाला आग लावली; अशा प्रकारे शखेमाच्या बुरुजातले सर्व पुरुष व स्त्रिया मिळून सुमारे एक हजार इतके लोक मरण पावले.
৪৯তাতে সব লোক প্রত্যেকে এক একটা ডাল কেটে নিয়ে অবীমেলকের পিছন পিছন চলল; পরে সেই সমস্ত ডাল ঐ উঁচু বাড়ীর গায়ে রেখে সেই বাড়িতে আগুন লাগিয়ে দিল; এই ভাবে শিখিমের দুর্গে অবস্থিত সমস্ত লোকও মারা গেল; তারা স্ত্রী ও পুরুষ অনুমান হাজার লোক ছিল।
50 ५० नंतर अबीमलेख तेबेस शहरास गेला, आणि त्याने तेबेसला वेढा देऊन ते घेतले.
৫০পরে অবীমেলক তেবেসে চলে গেল, ও তেবেসের বিরুদ্ধে শিবির তৈরী করে তা দখল করল।
51 ५१ परंतु त्या नगरात एक मजबूत बुरूज होता, आणि सर्व पुरुष स्त्रियांसह म्हणजे त्या नगरातली सर्व माणसे त्यामध्ये पळून गेली आणि आपल्यामागे दरवाजा बंद करून बुरूजाच्या धाब्यावर चढली.
৫১কিন্তু ঐ নগরের মধ্যে এক শক্তিশালী দূর্গ ছিল, অতএব সমস্ত পুরুষ ও স্ত্রী এবং নগরের সমস্ত লোকেরা পালিয়ে তার মধ্যে গিয়ে দরজা বন্ধ করে দূর্গের ছাদের ওপরে উঠল।
52 ५२ नंतर अबीमलेख त्या बुरूजाजवळ आला आणि त्याच्याविरुध्द लढला, आणि बुरूजाला आग लावून जाळायला त्याच्या दाराजवळ गेला.
৫২পরে অবীমেলক সেই দূর্গের কাছে গিয়ে তার বিরুদ্ধে যুদ্ধ করল এবং তা আগুন দিয়ে পুড়িয়ে দেবার জন্য দূর্গের দরজা পর্যন্ত গেল।
53 ५३ तेव्हा एका स्त्रीने अबीमलेखाची टाळू फोडण्यास त्याच्या डोक्यावर जात्याची वरची तळी टाकली.
৫৩তখন একটি স্ত্রীলোক যাঁতার উপরের পাথরটি নিয়ে অবীমেলকের মাথার ওপরে ছুঁড়ে তার মাথার খুলি ভেঙে দিল।
54 ५४ तेव्हा त्याने त्याची हत्यारे वाहणाऱ्या तरुणाला घाईघाईने हाक मारून सांगितले, “तू आपली तलवार काढून मला जिवे मार, नाही तर स्त्रीने त्यास मारले. असे माझ्याविषयी म्हणतील.” म्हणून त्यास तरुणाने त्यास भोसकल्यावर तो मेला.
৫৪তাতে সে তাড়াতাড়ি নিজের অস্ত্রবাহক যুবককে ডেকে বলল, তুমি তরোয়াল বের করে আমাকে হত্যা কর; যদি লোকে আমার বিষয়ে বলে, একটা স্ত্রীলোক ওকে হত্যা করেছে। তখন সেই যুবক তাকে বিদ্ধ করলে সে মরে গেল।
55 ५५ मग अबीमलेख मेला हे पाहून इस्राएली माणसे आपापल्या ठिकाणी गेली.
৫৫পরে অবীমেলক মারা গিয়েছে দেখে ইস্রায়েলীয়রা প্রত্যেকে নিজের নিজের জায়গায় চলে গেল।
56 ५६ तर अबीमलेखाने जी दुष्टाई आपल्या सत्तर भावांना जिवे मारण्याने आपल्या पित्याविषयी केली होती, तिचा देवाने त्याच्यावर सूड घेतला.
৫৬এই ভাবে অবীমেলক নিজের সত্তর জন ভাইকে হত্যা করে নিজের বাবার বিরুদ্ধে যে দুষ্কর্ম্ম করেছিল, ঈশ্বর তার সঠিক শাস্তি তাকে দিলেন;
57 ५७ आणि शखेमातल्या मनुष्यांचीही सर्व दुष्टाई देवाने त्यांच्या मस्तकावर उलटून लावली; याप्रमाणे यरूब्बालाचा पुत्र योथाम याचा शाप त्यास भोवला.
৫৭আবার শিখিমের লোকদের মাথায় ঈশ্বর তাদের সমস্ত দুষ্কর্ম্মের প্রতিফল দিলেন; তাতে যিরুব্বালের ছেলে যোথমের অভিশাপ তাদের ওপরে পড়ল।