< योहान 15 >

1 “मीच खरा द्राक्षवेल आहे आणि माझा पिता माळी आहे.
অহং সত্যদ্রাক্ষালতাস্ৱরূপো মম পিতা তূদ্যানপরিচারকস্ৱরূপঞ্চ|
2 माझ्यातील, फळ न देणारा, प्रत्येक फाटा तो काढून टाकतो आणि फळ देणार्‍या प्रत्येक फाट्याला अधिक फळ यावे म्हणून तो त्यास साफसूफ करतो.
মম যাসু শাখাসু ফলানি ন ভৱন্তি তাঃ স ছিনত্তি তথা ফলৱত্যঃ শাখা যথাধিকফলানি ফলন্তি তদর্থং তাঃ পরিষ্করোতি|
3 जे वचन मी तुम्हास सांगितले त्यामुळे, तुम्ही आता शुद्ध झालाच आहात.
ইদানীং মযোক্তোপদেশেন যূযং পরিষ্কৃতাঃ|
4 तुम्ही माझ्यामध्ये राहा आणि मी तुम्हामध्ये राहीन. जसे फाटा वेलात राहिल्यावाचून त्यास आपल्याआपण फळ देता येत नाही, तसे माझ्यामध्ये राहिल्यावाचून तुम्हासही देता येणार नाही.
অতঃ কারণাৎ মযি তিষ্ঠত তেনাহমপি যুষ্মাসু তিষ্ঠামি, যতো হেতো র্দ্রাক্ষালতাযাম্ অসংলগ্না শাখা যথা ফলৱতী ভৱিতুং ন শক্নোতি তথা যূযমপি ময্যতিষ্ঠন্তঃ ফলৱন্তো ভৱিতুং ন শক্নুথ|
5 मीच वेल आहे, तुम्ही फाटे आहा; जो माझ्यामध्ये राहतो आणि मी ज्याच्यामध्ये राहतो तो पुष्कळ फळ देतो, कारण माझ्यापासून वेगळे असल्यास तुम्हास काही करीता येत नाही.
অহং দ্রাক্ষালতাস্ৱরূপো যূযঞ্চ শাখাস্ৱরূপোঃ; যো জনো মযি তিষ্ঠতি যত্র চাহং তিষ্ঠামি, স প্রচূরফলৈঃ ফলৱান্ ভৱতি, কিন্তু মাং ৱিনা যূযং কিমপি কর্ত্তুং ন শক্নুথ|
6 कोणी माझ्यामध्ये राहिला नाही, तर त्यास फाट्याप्रमाणे बाहेर टाकतात व तो वाळून जातो आणि तसले फाटे गोळा करून अग्नीत टाकतात व ते जळून जातात.
যঃ কশ্চিন্ মযি ন তিষ্ঠতি স শুষ্কশাখেৱ বহি র্নিক্ষিপ্যতে লোকাশ্চ তা আহৃত্য ৱহ্নৌ নিক্ষিপ্য দাহযন্তি|
7 तुम्ही माझ्यामध्ये राहीला आणि माझी वचने तुम्हामध्ये राहिली तर जे काही तुम्हास पाहिजे असेल ते मागा म्हणजे ते तुम्हास मिळेल.
যদি যূযং মযি তিষ্ঠথ মম কথা চ যুষ্মাসু তিষ্ঠতি তর্হি যদ্ ৱাঞ্ছিৎৱা যাচিষ্যধ্ৱে যুষ্মাকং তদেৱ সফলং ভৱিষ্যতি|
8 तुम्ही विपुल फळ दिल्याने माझ्या पित्याचे गौरव होते; आणि तुम्ही माझे शिष्य व्हाल.
যদি যূযং প্রচূরফলৱন্তো ভৱথ তর্হি তদ্ৱারা মম পিতু র্মহিমা প্রকাশিষ্যতে তথা যূযং মম শিষ্যা ইতি পরিক্ষাযিষ্যধ্ৱে|
9 जशी पित्याने माझ्यावर प्रीती केली तशीच मीही तुम्हावर प्रीती केली आहे; तसेच तुम्हीही माझ्या प्रीतीत रहा.
পিতা যথা মযি প্রীতৱান্ অহমপি যুষ্মাসু তথা প্রীতৱান্ অতো হেতো র্যূযং নিরন্তরং মম প্রেমপাত্রাণি ভূৎৱা তিষ্ঠত|
10 १० जसा मी माझ्या पित्याच्या आज्ञा पाळून त्याच्या प्रीतीत राहतो, तसेच तुम्ही माझ्या आज्ञा पाळाल तर तुम्ही माझ्या प्रीतीत रहाल.
১০অহং যথা পিতুরাজ্ঞা গৃহীৎৱা তস্য প্রেমভাজনং তিষ্ঠামি তথৈৱ যূযমপি যদি মমাজ্ঞা গুহ্লীথ তর্হি মম প্রেমভাজনানি স্থাস্যথ|
11 ११ माझा आनंद तुम्हामध्ये असावा आणि तुमचा आनंद परिपूर्ण व्हावा म्हणून मी हे तुम्हास या गोष्टी सांगितल्या आहेत.
১১যুষ্মন্নিমিত্তং মম য আহ্লাদঃ স যথা চিরং তিষ্ঠতি যুষ্মাকম্ আনন্দশ্চ যথা পূর্য্যতে তদর্থং যুষ্মভ্যম্ এতাঃ কথা অত্রকথম্|
12 १२ जशी मी तुम्हावर प्रीती केली तशीच तुम्ही एकमेकांवर प्रीती करावी अशी माझी आज्ञा आहे.
১২অহং যুষ্মাসু যথা প্রীযে যূযমপি পরস্পরং তথা প্রীযধ্ৱম্ এষা মমাজ্ঞা|
13 १३ आपल्या मित्रांसाठी आपला जीव द्यावा यापेक्षा कोणाची प्रीती मोठी नाही.
১৩মিত্রাণাং কারণাৎ স্ৱপ্রাণদানপর্য্যন্তং যৎ প্রেম তস্মান্ মহাপ্রেম কস্যাপি নাস্তি|
14 १४ मी तुम्हास जे काही सांगतो ते तुम्ही कराल तर तुम्ही माझे मित्र आहात.
১৪অহং যদ্যদ্ আদিশামি তত্তদেৱ যদি যূযম্ আচরত তর্হি যূযমেৱ মম মিত্রাণি|
15 १५ मी तुम्हास आतापासून दास म्हणत नाही, कारण धनी काय करतो ते दासास कळत नाही; पण मी तुम्हास मित्र म्हणले आहे, कारण मी ज्या गोष्टी पित्याकडून ऐकून घेतल्या त्या सर्व मी तुम्हास कळवल्या आहेत.
১৫অদ্যারভ্য যুষ্মান্ দাসান্ ন ৱদিষ্যামি যৎ প্রভু র্যৎ করোতি দাসস্তদ্ ন জানাতি; কিন্তু পিতুঃ সমীপে যদ্যদ্ অশৃণৱং তৎ সর্ৱ্ৱং যূষ্মান্ অজ্ঞাপযম্ তৎকারণাদ্ যুষ্মান্ মিত্রাণি প্রোক্তৱান্|
16 १६ तुम्ही मला निवडले नाही, तर मी तुम्हास निवडले आणि नेमले आहे; यामध्ये हेतू हा आहे की, तुम्ही जाऊन, फळ द्यावे, तुमचे फळ टिकावे आणि जे काही तुम्ही माझ्या नावाने पित्याजवळ मागाल ते त्याने तुम्हास द्यावे.
১৬যূযং মাং রোচিতৱন্ত ইতি ন, কিন্ত্ৱহমেৱ যুষ্মান্ রোচিতৱান্ যূযং গৎৱা যথা ফলান্যুৎপাদযথ তানি ফলানি চাক্ষযাণি ভৱন্তি, তদর্থং যুষ্মান্ ন্যজুনজং তস্মান্ মম নাম প্রোচ্য পিতরং যৎ কিঞ্চিদ্ যাচিষ্যধ্ৱে তদেৱ স যুষ্মভ্যং দাস্যতি|
17 १७ तुम्ही एकमेकांवर प्रीती करावी म्हणून मी तुम्हास या आज्ञा करतो.
১৭যূযং পরস্পরং প্রীযধ্ৱম্ অহম্ ইত্যাজ্ঞাপযামি|
18 १८ जग जर तुमचा द्वेष करते तर तुमचा द्वेष करण्याच्यापूर्वी त्याने माझाही केला आहे.
১৮জগতো লোকৈ র্যুষ্মাসু ঋতীযিতেষু তে পূর্ৱ্ৱং মামেৱার্ত্তীযন্ত ইতি যূযং জানীথ|
19 १९ जर तुम्ही जगाचे असता तर जगाने स्वकीयांवर प्रीती केली असती. पण तुम्ही जगाचे नाही, मी तुम्हास जगांतून निवडले आहे, म्हणून जग तुमचा द्वेष करते,
১৯যদি যূযং জগতো লোকা অভৱিষ্যত তর্হি জগতো লোকা যুষ্মান্ আত্মীযান্ বুদ্ধ্ৱাপ্রেষ্যন্ত; কিন্তু যূযং জগতো লোকা ন ভৱথ, অহং যুষ্মান্ অস্মাজ্জগতোঽরোচযম্ এতস্মাৎ কারণাজ্জগতো লোকা যুষ্মান্ ঋতীযন্তে|
20 २० ‘दास धन्यापेक्षा मोठा नाही’ हे जे वचन मी तुम्हास सांगितले त्याची आठवण करा. ते माझ्या पाठीस लागले तर ते तुमच्याही पाठीस लागतील; त्यांनी माझे वचन पाळले तर ते तुमचेही पाळतील.
২০দাসঃ প্রভো র্মহান্ ন ভৱতি মমৈতৎ পূর্ৱ্ৱীযং ৱাক্যং স্মরত; তে যদি মামেৱাতাডযন্ তর্হি যুষ্মানপি তাডযিষ্যন্তি, যদি মম ৱাক্যং গৃহ্লন্তি তর্হি যুষ্মাকমপি ৱাক্যং গ্রহীষ্যন্তি|
21 २१ पण ते माझ्या नावाकरता हे सर्व तुम्हास करतील; कारण ज्याने मला पाठवले त्यास ते ओळखीत नाहीत.
২১কিন্তু তে মম নামকারণাদ্ যুষ্মান্ প্রতি তাদৃশং ৱ্যৱহরিষ্যন্তি যতো যো মাং প্রেরিতৱান্ তং তে ন জানন্তি|
22 २२ मी जर आलो नसतो आणि त्यांच्याशी बोललो नसतो तर त्यांच्याकडे पाप नसते, पण आता त्यांना आपल्या पापाविषयी निमित्त सांगता येत नाही.
২২তেষাং সন্নিধিম্ আগত্য যদ্যহং নাকথযিষ্যং তর্হি তেষাং পাপং নাভৱিষ্যৎ কিন্ত্ৱধুনা তেষাং পাপমাচ্ছাদযিতুম্ উপাযো নাস্তি|
23 २३ जो माझा द्वेष करतो तो माझ्या पित्याचाही द्वेष करतो.
২৩যো জনো মাম্ ঋতীযতে স মম পিতরমপি ঋতীযতে|
24 २४ जी कामे दुसर्‍या कोणी केली नाहीत ती मी त्यांच्यामध्ये केली नसती तर त्यांच्याकडे पाप नसते. पण आता त्यांनी मला आणि माझ्या पित्यालाही पाहिले आहे व आमचा द्वेष केला आहे.
২৪যাদৃশানি কর্ম্মাণি কেনাপি কদাপি নাক্রিযন্ত তাদৃশানি কর্ম্মাণি যদি তেষাং সাক্ষাদ্ অহং নাকরিষ্যং তর্হি তেষাং পাপং নাভৱিষ্যৎ কিন্ত্ৱধুনা তে দৃষ্ট্ৱাপি মাং মম পিতরঞ্চার্ত্তীযন্ত|
25 २५ तथापि ‘त्यांनी विनाकारण माझा द्वेष केला’ हे जे वचन त्यांच्या शास्त्रात लिहिले आहे ते पूर्ण व्हावे म्हणून हे असे होते.
২৫তস্মাৎ তেঽকারণং মাম্ ঋতীযন্তে যদেতদ্ ৱচনং তেষাং শাস্ত্রে লিখিতমাস্তে তৎ সফলম্ অভৱৎ|
26 २६ पण जो पित्यापासून निघतो, ज्याला मी पित्यापासून तुम्हाकडे पाठवीन तो कैवारी म्हणजे सत्याचा आत्मा येईल तेव्हा तो माझ्याविषयी साक्ष देईल.
২৬কিন্তু পিতু র্নির্গতং যং সহাযমর্থাৎ সত্যমযম্ আত্মানং পিতুঃ সমীপাদ্ যুষ্মাকং সমীপে প্রেষযিষ্যামি স আগত্য মযি প্রমাণং দাস্যতি|
27 २७ आणि तुम्ही पहिल्यापासून माझ्याबरोबर आहात म्हणून तुम्हीही साक्ष द्याल.”
২৭যূযং প্রথমমারভ্য মযা সার্দ্ধং তিষ্ঠথ তস্মাদ্ধেতো র্যূযমপি প্রমাণং দাস্যথ|

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