< यिर्मया 4 >

1 परमेश्वर असे म्हणतो, “हे इस्राएल जर तू परत येशील, माझ्याकडे परत वळशील. तू आपले तिरस्करणीय गोष्टी माझ्यासमोर दूर करशील आणि जर तू भटकणार नाहीस,
ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, “ହେ ଇସ୍ରାଏଲ, ଯଦି ତୁମ୍ଭେ ଫେରିବ, ତେବେ ଆମ୍ଭ ନିକଟକୁ ତୁମ୍ଭେ ଫେରି ଆସିବ; ଆଉ, ଯଦି ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ଦୃଷ୍ଟିରୁ ତୁମ୍ଭର ଘୃଣାଯୋଗ୍ୟ ବିଷୟସବୁ ଦୂର କରିବ, ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ସ୍ଥାନାନ୍ତରୀକୃତ ହେବ ନାହିଁ;
2 आणि जर तू परमेश्वर जिवंत आहे अशी शपथ, सत्यतेने, न्यायाने आणि न्यायीपणाने वाहशील, तर त्याच्या ठायी राष्ट्रे आपणास आशीर्वादीत म्हणतील व त्याच्या ठायी हर्ष करतील.”
ଆଉ, ତୁମ୍ଭେ ସତ୍ୟରେ, ନ୍ୟାୟରେ ଓ ଧାର୍ମିକତାରେ ଜୀବିତ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନାମରେ ଶପଥ କରିବ; ତହିଁରେ ନାନା ଦେଶୀୟମାନେ ତାହାଙ୍କଠାରେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ଆଶୀର୍ବାଦର ପାତ୍ର କରିବେ ଓ ତାହାଙ୍କଠାରେ ଦର୍ପ କରିବେ।”
3 कारण परमेश्वर यहूदा व यरूशलेम मधील प्रत्येक व्यक्तीला म्हणतो: “तुम्ही आपली जमीन नांगरा, काट्यांमध्ये बी पेरु नका.
କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ଯିହୁଦାର ଓ ଯିରୂଶାଲମର ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କର ପଡ଼ିଆ ଭୂମି ଚାଷ କର ଓ କଣ୍ଟାବଣ ମଧ୍ୟରେ ବୀଜ ବୁଣ ନାହିଁ।
4 अहो यहूदातील मनुष्यांनो आणि यरूशलेममधील रहिवास्यांनो, परमेश्वरासाठी तुम्ही आपली सुंता करा व आपले हृदय परमेश्वराला समर्पण करा. नाही तर तुमच्यातील कोणालाही विझवता न येणारा माझा क्रोधाचा अग्नी बाहेर पडून तुम्हास जाळून टाकील. हे असे घडण्याचे कारण तुम्ही केलेल्या दुष्कृत्ये आहेत.”
ହେ ଯିହୁଦାର ଲୋକେ ଓ ଯିରୂଶାଲମର ନିବାସୀଗଣ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ସୁନ୍ନତ କର ଓ ଆପଣା ଆପଣା ହୃଦୟର ଅଗ୍ରଚର୍ମ କାଢ଼ି ପକାଅ; ନୋହିଲେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ କ୍ରିୟାର ଦୁଷ୍ଟତା ସକାଶୁ ଆମ୍ଭର କୋପ ଅଗ୍ନି ତୁଲ୍ୟ ବାହାରି ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେବ ଓ କେହି ତାହା ଲିଭାଇ ପାରିବ ନାହିଁ।”
5 “यहूदाच्या लोकांस ही वार्ता कळवा आणि यरूशलेमला हे ऐकू जाऊ द्या: ‘देशात रणशिंगे फुंका, घोषीत करा, एकत्र या. आपण सर्व मजबूत शहराकडे जाऊ या.’
ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯିହୁଦାରେ ପ୍ରଚାର କର ଓ ଯିରୂଶାଲମରେ ଘୋଷଣା କର; “ଆଉ କୁହ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଦେଶରେ ତୂରୀ ବଜାଅ; ଉଚ୍ଚସ୍ୱର କରି କୁହ, ‘ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏକତ୍ର ହୁଅ, ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଦୃଢ଼ ନଗରମାନଙ୍କୁ ଯାଉ।’
6 खुण म्हणून ध्वज उभारा व तो सियोनेच्या दिशेने दाखवा आणि सुरक्षिततेसाठी पळा. थांबू नका, कारण मी उत्तरेकडून अरिष्ट व भयानक विध्वंस आणीत आहे.
ସିୟୋନ ଆଡ଼େ ଧ୍ୱଜା ଟେକ, ରକ୍ଷା ନିମନ୍ତେ ପଳାଅ, ବିଳମ୍ବ କର ନାହିଁ; କାରଣ ଆମ୍ଭେ ଉତ୍ତର ଦିଗରୁ ଅମଙ୍ଗଳ ଓ ମହାବିନାଶ ଆଣିବା।
7 सिंह त्याच्या झाडीतून बाहेर आला आहे, आणि राष्ट्रांचा नाश करणारा निघाला आहे. जिथे कोणी राहत नाही असे, तुमच्या शहरांना भयामध्ये आणि ओसाडी मध्ये पालटायला तो आपल्या स्थानांतून निघून येत आहे.
ସିଂହ ଆପଣା ଗହ୍ୱରରୁ ବାହାରିଅଛି, ନାନା ଦେଶୀୟମାନଙ୍କର ବିନାଶକ ଆସୁଅଛି; ତୁମ୍ଭ ନଗରସମୂହ ଯେପରି ଉଚ୍ଛିନ୍ନ, ନିବାସୀବିହୀନ ହେବ, ଏଥିପାଇଁ ତୁମ୍ଭ ଦେଶକୁ ଉଜାଡ଼ କରିବାକୁ ସେ ବାଟରେ ଅଛି, ସେ ଆପଣା ସ୍ଥାନରୁ ବାହାରିଅଛି।
8 म्हणून स्वत: ला गोणताट गुंडाळा, रडा आणि मोठ्याने आक्रोश करा. कारण परमेश्वराचा क्रोध आमच्यापासून मागे फिरला नाही.”
ଏଥିସକାଶୁ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଚଟ ପିନ୍ଧି ବିଳାପ ଓ ହାହାକାର କର; କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କଠାରୁ ଫେରି ନାହିଁ।”
9 “आणि परमेश्वर म्हणतो, त्या दिवशी असे होईल की राजांचे आणि त्यांच्या अधिकाऱ्यांचे हृदय मरून जाईल, याजक घाबरतील आणि संदेष्टे भयभीत होतील.”
ପୁଣି ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, “ସେହି ଦିନ ରାଜାର ହୃଦୟ ଓ ଅଧିପତିଗଣର ହୃଦୟ କ୍ଷୟ ପାଇବ ଓ ଯାଜକଗଣ ଚମତ୍କୃତ ହେବେ ଓ ଭବିଷ୍ୟଦ୍‍ବକ୍ତାମାନେ ବିସ୍ମୟାପନ୍ନ ହେବେ।”
10 १० तेव्हा मी म्हणालो, “परमेश्वरा, माझ्या प्रभू तू यहूदातील आणि यरूशलेममधील लोकांस खरोखरच युक्तीने फसविलेस. ‘तू त्यांना म्हणालास की तुम्हास शांती मिळेल.’ तलवार तर जिवापर्यंत पोचली आहे.”
ଏଥିରେ ମୁଁ କହିଲି, “ହାୟ ହାୟ, ହେ ପ୍ରଭୁ, ସଦାପ୍ରଭୁ, ତୁମ୍ଭେ ଏହି ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଓ ଯିରୂଶାଲମକୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ଶାନ୍ତି ହେବ ବୋଲି କହି ନିଶ୍ଚୟ ଅତିଶୟ ଭ୍ରାନ୍ତ କରିଅଛ; ଯେହେତୁ ଖଡ୍ଗ ପ୍ରାଣକୁ ଆଘାତ କରୁଅଛି।”
11 ११ त्या वेळेला या लोकांस व यरूशलेमेला असे सांगण्यात येईल. “उजाड टेकड्यावरुन गरम वाऱ्याच्या झळा माझ्या लोकांच्या कन्येकडे येतील. तो त्यांना उफळायला किंवा स्वच्छ करायला येणार नाही.”
ସେହି ସମୟରେ ଏହି ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଓ ଯିରୂଶାଲମକୁ କୁହାଯିବ, “ପ୍ରାନ୍ତରସ୍ଥ ବୃକ୍ଷଶୂନ୍ୟ ଉଚ୍ଚସ୍ଥଳୀରୁ ଆମ୍ଭ ଲୋକମାନଙ୍କର କନ୍ୟା ଆଡ଼କୁ ଉଷ୍ମ ବାୟୁ ଆସୁଅଛି, ତାହା ଶସ୍ୟ ଝାଡ଼ିବା କି ପରିଷ୍କାର କରିବା ନିମନ୍ତେ ନୁହେଁ;
12 १२ हा वारा त्यापेक्षा जोराचा आहे आणि तो माझ्या आज्ञेवरून येत आहे, आणि मी आता त्यांच्याविरुद्ध माझा निकाल जाहीर करीन.
ସେହି ସବୁ ସ୍ଥାନରୁ ଘୂର୍ଣ୍ଣିବାୟୁ ଆମ୍ଭ ସପକ୍ଷରେ ଆସିବ; ଏବେ ଆମ୍ଭେ ହିଁ ଲୋକମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଦଣ୍ଡାଜ୍ଞା ପ୍ରକାଶ କରିବା।”
13 १३ पाहा! तो ढगाप्रमाणे आक्रमण करील, त्याचे रथ वादळाप्रमाणे आहेत. त्यांचे घोडे गरुडांपेक्षा वेगवान आहेत. आम्हांला हाय! कारण आम्ही लुटलेले आहो.
ଦେଖ, ସେ ମେଘମାଳା ତୁଲ୍ୟ ଆସୁଅଛି, ତାହାର ରଥସବୁ ଘୂର୍ଣ୍ଣିବାୟୁ ସ୍ୱରୂପ ହେବ; ତାହାର ଅଶ୍ୱଗଣ ଉତ୍କ୍ରୋଶ ପକ୍ଷୀ ଅପେକ୍ଷା ଦ୍ରୁତଗାମୀ। ହାୟ ହାୟ! ଆମ୍ଭେମାନେ ବିନଷ୍ଟ ହେଲୁ।
14 १४ हे यरूशलेमे, तू तारली जावी, म्हणून तू आपल्या हृदयातील पाप धुऊन काढ. “पाप कसे करावे” हे तुझ्या मनातील खोल विचार किती काळ राहतील?
ହେ ଯିରୂଶାଲମ, ଉଦ୍ଧାର ପାଇବା ନିମନ୍ତେ ଦୁଷ୍ଟତାରୁ ଆପଣା ହୃଦୟ ଧୁଅ। ତୁମ୍ଭର ମନ୍ଦ କଳ୍ପନାସବୁ କେତେ କାଳ ତୁମ୍ଭ ମଧ୍ୟରେ ବାସ କରିବ?
15 १५ कारण बातमीचा आवाज दान शहरातून येत आहे आणि एफ्राईमाच्या पर्वतांवरून येणारी विपत्ती ऐकू येत आहे.
କାରଣ ଦାନ୍ ନଗରଠାରୁ ଏକ ରବ ପ୍ରଚାର କରେ ଓ ଇଫ୍ରୟିମ ପର୍ବତମାଳାରୁ ଅମଙ୍ଗଳ ଘୋଷଣା କରେ;
16 १६ “राष्ट्रांना ह्याबद्दल विचार करण्यास लावा. पाहा! यरूशलेमेविरूद्ध घोषीत करा की, दूर देशातून वेढा घालणारे येत आहेत आणि यहूदाच्या विरूद्ध ते आपला शब्द उच्चारत आहेत.
ତୁମ୍ଭେମାନେ ନାନା ଦେଶୀୟମାନଙ୍କୁ ଜଣାଅ; ଦେଖ, ଯିରୂଶାଲମ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଘୋଷଣା କର, “ଦୂର ଦେଶରୁ ଅବରୋଧକାରୀମାନେ ଆସୁଅଛନ୍ତି ଓ ସେମାନେ ଯିହୁଦାର ନଗରସମୂହର ବିରୁଦ୍ଧରେ ହୁଙ୍କାର କରୁଅଛନ୍ତି।
17 १७ शेताचे रक्षण करणारे तसे ते तिच्याभोवती आहेत. कारण तिने माझ्या विरूद्ध बंड केले आहे. असे परमेश्वर म्हणतो.
ସେମାନେ କ୍ଷେତ୍ର ରକ୍ଷକମାନଙ୍କ ପରି ତାହାର ଚାରିଆଡ଼େ ଅଛନ୍ତି, କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ସେ ଆମ୍ଭର ବିଦ୍ରୋହାଚାରିଣୀ ହୋଇଅଛି।
18 १८ तूझे मार्ग आणि तुझे कर्म यानी तुला या गोष्टी आणून दिल्या आहेत. ही तुझी दुष्टाई आहे, आणि ती कडू या कारणाने तुझ्या हृदयापर्यंत पोचली आहे.”
ତୁମ୍ଭର ଆଚରଣ ଓ ତୁମ୍ଭର କ୍ରିୟା ଏହିସବୁ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ଘଟାଇଅଛି; ଏହା ତୁମ୍ଭ ଦୁଷ୍ଟତାର ଫଳ, ହଁ, ତାହା ତିକ୍ତ, ହଁ, ତାହା ମର୍ମଭେଦକ।”
19 १९ माझे हृदय! माझे हृदय! मी माझ्या हृदयात दु: खी आहे. माझ्याठायी माझे हृदय अनावर झाले आहे. माझ्याने शांत बसवत नाही, कारण हे माझ्या जीवा तू रणशिंग्याचा आवाज, लढाईची ओरड ऐकली आहे.
ହାୟ, ମୋହର ପ୍ରାଣ! ମୋହର ପ୍ରାଣ! ମୁଁ ହୃଦୟରେ ବ୍ୟଥିତ ଅଛି; ମୋର ହୃଦୟ ମୋʼ ମଧ୍ୟରେ ଅସ୍ଥିର ହେଉଅଛି; ମୁଁ ନୀରବ ରହି ନ ପାରେ; କାରଣ ହେ ମୋହର ପ୍ରାଣ, ତୁମ୍ଭେ ତୂରୀ ଶବ୍ଦ ଓ ଯୁଦ୍ଧର ନାଦ ଶୁଣିଅଛ।
20 २० अरिष्टामागून अरिष्ट घोषीत करण्यात आले आहे. कारण संपूर्ण देशाचा नाश झाला आहे. एकाएकी त्यांनी माझ्या तंबूचा व कनातींचा नाश केला आहे.
ବିନାଶ ଉପରେ ବିନାଶ ପ୍ରଚାରିତ ହେଉଅଛି; କାରଣ ସମୁଦାୟ ଦେଶ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ ହୋଇଅଛି; ଅକସ୍ମାତ୍‍ ମୋହର ତମ୍ବୁ, ଏକ ନିମିଷ ମଧ୍ୟରେ ମୋହର ଆବରଣସବୁ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ ହେଲା।
21 २१ युद्धाचा झेंडा मी किती काळ पाहू? काय मला रणशिंग्याचा आवाज ऐकायला मिळेल?
ମୁଁ କେତେ କାଳ ପତାକା ଦେଖିବି ଓ ତୂରୀର ଶବ୍ଦ ଶୁଣିବି?
22 २२ कारण देव म्हणतो, “माझे लोक मूर्ख आहेत, ते मला ओळखत नाहीत. ती मूर्ख लोक आहेत आणि त्यांना काहीएक समजत नाही. दुष्कृत्ये करण्यात ते पटाईत आहेत पण चांगले करायचे त्यांना ज्ञान नाही.”
“କାରଣ ଆମ୍ଭର ଲୋକମାନେ ଅଜ୍ଞାନ, ସେମାନେ ଆମ୍ଭକୁ ଚିହ୍ନନ୍ତି ନାହିଁ; ସେମାନେ ନିର୍ବୋଧ ବାଳକ, ସେମାନଙ୍କର କିଛି ବିବେଚନା ନାହିଁ; ସେମାନେ କୁକର୍ମ କରିବାକୁ ନିପୁଣ, ମାତ୍ର ସୁକର୍ମ କରିବାକୁ ସେମାନଙ୍କର କିଛି ଜ୍ଞାନ ନାହିଁ।”
23 २३ मी पृथ्वीकडे पाहिले आणि पाहा! ती उजाड आणि आकारविरहीत होती. मी आकाशाकडे पाहिले त्यामध्ये काही प्रकाश नव्हता.
ମୁଁ ପୃଥିବୀକୁ ଅନାଇଲି, ଆଉ ଦେଖ, ତାହା ନିର୍ଜନ ଓ ଶୂନ୍ୟ ଥିଲା; ଆକାଶମଣ୍ଡଳକୁ ଅନାଇଲି, ଆଉ ତହିଁରେ ଦୀପ୍ତି ନ ଥିଲା।
24 २४ मी डोंगराकडे पाहिले आणि पाहा! ते कापत होते व सर्व टेकड्या थरथरत होत्या.
ମୁଁ ପର୍ବତମାଳାକୁ ଅନାଇଲି, ଆଉ ଦେଖ, ସେସବୁ କମ୍ପିଲେ ଓ ଉପପର୍ବତସବୁ ଏଣେତେଣେ ଦୋହଲିଲେ।
25 २५ मी पाहिले आणि पाहा! पण कोठेही माणसे नव्हती आणि आकाशातील सर्व पक्षी पळाले होते.
ମୁଁ ଅନାଇଲି, ଆଉ ଦେଖ, କେହି ମନୁଷ୍ୟ ନ ଥିଲା ଓ ଆକାଶର ପକ୍ଷୀସବୁ ପଳାଇ ଯାଇଥିଲେ।
26 २६ मी पाहिले आणि पाहा! फळबागेचे वाळवंट झाले होते आणि सर्व शहरे परमेश्वरा समोर, त्याच्या संतप्त क्रोधासमोर खाली ओढले गेले होते.
ମୁଁ ଅନାଇଲି, ଆଉ ଦେଖ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁରେ ଓ ତାହାଙ୍କ ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧ ସମ୍ମୁଖରେ ଉର୍ବରା କ୍ଷେତ୍ର, ମରୁଭୂମି ଓ ତହିଁର ନଗରସକଳ ଭଗ୍ନ ହୋଇଥିଲା।
27 २७ परमेश्वर असे म्हणाला: “संपूर्ण देशाची नासधूस होईल, पण मी त्यांचा संपूर्ण नाश करणार नाही.
କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, “ସମୁଦାୟ ଦେଶ ଧ୍ୱଂସସ୍ଥାନ ହେବ; ତଥାପି ଆମ୍ଭେ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ରୂପେ ନାଶ କରିବା ନାହିଁ।
28 २८ या कारणामुळे भूमी शोक करणार आणि वर आकाशे काळोख होतील. कारण मी माझे बेत घोषीत केले आहेत, मी त्यापासून माघार फिरणार नाही.”
ଏଥିସକାଶୁ ପୃଥିବୀ ଶୋକ କରିବ ଓ ଉପରିସ୍ଥ ଆକାଶମଣ୍ଡଳ ଅନ୍ଧକାର ହେବ; କାରଣ ଆମ୍ଭେ ଏହା କହିଅଛୁ, ଆମ୍ଭେ ଏହା ମନରେ ସ୍ଥିର କରିଅଛୁ ଓ ଆମ୍ଭେ ଦୁଃଖିତ ହୋଇ ନାହୁଁ, କିଅବା ଆମ୍ଭେ ଏଥିରୁ ଫେରିବୁ ନାହିଁ।”
29 २९ प्रत्येक शहर स्वर व धनुर्धारी यांच्या आवाजाने पळून जातील, ते जंगलात पळून जातील. प्रत्येक शहर डोंगरकड्याच्या ठिकाणी चढेल. शहरे ओसाड पडतील, कारण तेथे कोणीही राहणारे नसतील.
ଅଶ୍ୱାରୋହୀ ଓ ଧନୁର୍ଦ୍ଧାରୀମାନଙ୍କ ରବ ସକାଶୁ ସମୁଦାୟ ନଗର ପଳାୟନ କରେ; ସେମାନେ ନିବିଡ଼ ବନକୁ ଯାଆନ୍ତି ଓ ଶୈଳ ଉପରେ ଚଢ଼ନ୍ତି; ପ୍ରତ୍ୟେକ ନଗର ତ୍ୟକ୍ତ ହୋଇଅଛି ଓ ତହିଁ ମଧ୍ୟରେ ଜଣେ ମନୁଷ୍ୟ ସୁଦ୍ଧା ବାସ କରେ ନାହିଁ।
30 ३० आता तू उद्ध्वस्त होशील, तेव्हा काय करशील? जरी तू किरमिजी वस्त्रे घातली, आणि सोन्याच्या दागिण्याने आपल्याला सजवतेस, जरी तू काजळ घालून डोळे मोठे करतेस, पण जे मनुष्य तुझ्याकरता वासनाधीन होते आता तुझा तिरस्कार करतात. उलट, ते तुझा जीव घेण्याचा प्रयत्न करीत आहेत.
ଆଉ, ତୁମ୍ଭେ ଯେତେବେଳେ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ ହେବ, ସେତେବେଳେ ତୁମ୍ଭେ କଅଣ କରିବ? ଯଦ୍ୟପି ତୁମ୍ଭେ ରକ୍ତବର୍ଣ୍ଣ ବସ୍ତ୍ର ପରିଧାନ କରୁଅଛ, ଯଦ୍ୟପି ତୁମ୍ଭେ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ଅଳଙ୍କାରରେ ଆପଣାକୁ ଭୂଷିତା କରୁଅଛ, ଯଦ୍ୟପି ତୁମ୍ଭେ ଅଞ୍ଜନ ଦ୍ୱାରା ଆପଣା ଚକ୍ଷୁ ପ୍ରସାରୁଅଛ, ତଥାପି ତୁମ୍ଭେ ବ୍ୟର୍ଥରେ ଆପଣାକୁ ସୁନ୍ଦର କରୁଅଛ; ତୁମ୍ଭର ଜାରପୁରୁଷମାନେ ତୁମ୍ଭକୁ ଘୃଣା କରନ୍ତି, ସେମାନେ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରାଣନାଶ କରିବାକୁ ଚେଷ୍ଟା କରନ୍ତି।
31 ३१ त्यामुळे मी दुःखाचा आवाज ऐकतो आहे, पहिल्या बाळंतपणाच्या वेळेला स्त्री ज्याप्रमाणे किंकाळी फोडते, तसाच सियोनकन्येचा आवाज मी ऐकला आहे. ती श्वासाकरता धडपडत आहे, ती आपले हात पसरत आहे, “मला हाय हाय! कारण माझ्या घातक्यांमुळे माझा जीव कंटाळला आहे!”
କାରଣ ପ୍ରସବକାରିଣୀ ସ୍ତ୍ରୀର ରବ ପରି, ପ୍ରଥମ ସନ୍ତାନ ପ୍ରସବକାରିଣୀ ସ୍ତ୍ରୀର ବେଦନା ପରି ସିୟୋନ କନ୍ୟାର ରବ ଆମ୍ଭେ ଶୁଣିଅଛୁ, ସେ ଦୀର୍ଘ ନିଶ୍ୱାସ ଛାଡ଼ି ଓ ଆପଣା ହାତ ପ୍ରସାରି କହୁଅଛି, “ହାୟ ହାୟ! ହତ୍ୟାକାରୀମାନଙ୍କ ଆଗରେ ମୋʼ ପ୍ରାଣ ମୂର୍ଚ୍ଛିତ ହେଲା।”

< यिर्मया 4 >