< यिर्मया 25 >
1 १ यहूदातील सर्व लोकांबद्दल यिर्मयाकडे आलेले वचन, ते असे, यहूदाचा राजा योशीया, याचा मुलगा, यहोयाकीम याच्या कारकिर्दीच्या चौथ्या वर्षी, हे बाबेलचा राजा नबुखद्नेस्सर ह्याच्या पाहिल्या वर्षात,
ଯୋଶୀୟର ପୁତ୍ର, ଯିହୁଦାର ରାଜା ଯିହୋୟାକୀମ୍ଙ୍କ ରାଜତ୍ଵର ଚତୁର୍ଥ ବର୍ଷରେ ଯିହୁଦାର ସମଗ୍ର ଲୋକ ବିଷୟରେ ଯିରିମୀୟଙ୍କ ନିକଟରେ ଏହି ବାକ୍ୟ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା, ସେହି ବର୍ଷ ବାବିଲର ରାଜା ନବୂଖଦ୍ନିତ୍ସରଙ୍କ ରାଜତ୍ଵର ପ୍ରଥମ ବର୍ଷ ଥିଲା;
2 २ यहूदा लोकांस आणि यरूशलेमधील राहणाऱ्यांना यिर्मया संदेष्ट्याने पुढील संराष्ट्र घोषीत केला:
ଯିରିମୀୟ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତା ଯିହୁଦାର ସମସ୍ତ ଲୋକ ଓ ଯିରୂଶାଲମ ନିବାସୀ ସମସ୍ତଙ୍କ ନିକଟରେ ସେହି ବାକ୍ୟ ପ୍ରଚାର କରି କହିଲେ;
3 ३ यहूदाचा राजा आमोन ह्याचा मुलगा योशीया ह्याच्या कारकिर्दीच्या तेराव्या वर्षापासून तर गेली तेवीस वर्षे परमेश्वराचे वचन माझ्याकडे येत आले आहे, मी तेव्हापासून आजपर्यंत तुम्हास ते ऐकवित आलो. पण तुम्ही ऐकले नाही आणि लक्ष दिले नाही.
“ଆମୋନ୍ର ପୁତ୍ର ଯିହୁଦାର ରାଜା ଯୋଶୀୟଙ୍କ ରାଜତ୍ଵର ତ୍ରୟୋଦଶ ବର୍ଷଠାରୁ ଆଜି ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଏହି ତେଇଶ ବର୍ଷଯାକ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ବାକ୍ୟ ମୋʼ ନିକଟରେ ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇଅଛି ଓ ମୁଁ ପ୍ରତ୍ୟୁଷରେ ଉଠି ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ କହିଅଛି, ମାତ୍ର ତାହା ତୁମ୍ଭେମାନେ ଶୁଣି ନାହଁ।
4 ४ परमेश्वराने, त्याच्या सेवकांना संदेष्ट्यांना पुन्हा पुन्हा तुमच्याकडे पाठवले, ते बाहेर जाण्यासाठी उत्सुक होते, पण तुम्ही त्यांचे ऐकले नाही. तुम्ही त्यांच्याकडे लक्षसुद्धा दिले नाही.
ଆଉ, ସଦାପ୍ରଭୁ ପ୍ରତ୍ୟୁଷରେ ଉଠି ଆପଣାର ସମସ୍ତ ଦାସ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବକ୍ତାଗଣଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟକୁ ପଠାଇଅଛନ୍ତି, ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେମାନେ ଶୁଣି ନାହଁ, କିଅବା ଶୁଣିବା ପାଇଁ କର୍ଣ୍ଣପାତ କରି ନାହଁ।
5 ५ ते संदेष्टे म्हणाले, “प्रत्येक मनुष्य आपल्या वाईट कृत्यांपासून, आपल्या कर्माच्या दुष्टतेपासून फिरा, आणि जे राष्ट्र परमेश्वराने तुम्हास आणि तुमच्या पूर्वजांना कायमचा राहण्यास दिला, त्यामध्ये जा.
ମୁଁ କହିଅଛି, ‘ତୁମ୍ଭେମାନେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜଣ ଆପଣା ଆପଣା କୁପଥରୁ ଓ ଆପଣା ଆପଣା ଆଚରଣର ଦୁଷ୍ଟତାରୁ ଫେର, ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ପୁରାତନ କାଳରୁ ସଦାକାଳ ନିମନ୍ତେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଓ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ପୂର୍ବପୁରୁଷଗଣକୁ ଯେଉଁ ଦେଶ ଦେଇଅଛନ୍ତି, ତହିଁ ମଧ୍ୟରେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ବାସ କରିବ;
6 ६ म्हणून दुसऱ्या दैवतांना अनुसरायला आणि त्यांना पाया पडायला त्यांच्या मागे जाऊ नका आणि तुम्ही त्यास आपल्या हातांच्या कामाने मला राग आणू नका, म्हणजे मी तुमचे काही वाईट करणार नाही.”
ଆଉ, ଅନ୍ୟ ଦେବଗଣର ସେବା ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରଣାମ କରିବା ନିମନ୍ତେ ସେମାନଙ୍କ ପଶ୍ଚାଦ୍ଗାମୀ ହୁଅ ନାହିଁ ଓ ଆପଣାମାନଙ୍କ ହସ୍ତକୃତ କର୍ମ ଦ୍ୱାରା ମୋତେ ବିରକ୍ତ କର ନାହିଁ ଓ ତହିଁରେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର କୌଣସି ଅମଙ୍ଗଳ କରିବି ନାହିଁ।’
7 ७ परमेश्वर असे म्हणतो, “पण तुम्ही माझे ऐकले नाहीत, आणि तुम्हावर अरिष्ट यावे म्हणून तुम्ही आपल्या हातांच्या कामाने मला राग आणून दिला.”
ତଥାପି ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆମ୍ଭ କଥାରେ ଅବଧାନ କରି ନାହଁ ଓ ଆପଣାମାନଙ୍କ ଅମଙ୍ଗଳ ନିମନ୍ତେ ନିଜ ହସ୍ତକୃତ କର୍ମ ଦ୍ୱାରା ଆମ୍ଭଙ୍କୁ ବିରକ୍ତ କରିଅଛ।
8 ८ सेनाधीश परमेश्वर असे म्हणतो, पाहा! “तुम्ही माझ्या संदेशाकडे लक्ष दिले नाही.
ଏହେତୁ ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆମ୍ଭର ବାକ୍ୟରେ ଅବଧାନ କରି ନାହଁ;
9 ९ म्हणून मी लवकरच उत्तरेकडील कुळांना आणि बाबेलचा राजा नबुखद्नेस्सर, या देशाविरूद्ध आणि त्यातील सर्व राहणाऱ्यांविरूद्ध, तुझ्या भोवती असणाऱ्या राष्ट्रांविरूद्ध बोलावून घेईन. परमेश्वर असे म्हणतो, कारण मी त्यांना नाश करण्यासाठी ठेवीण. आणि त्यांना विस्मय व फूत्कार व सर्व काळ ओसाड असे करीन.
ଏଥିପାଇଁ ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ଲୋକ ପଠାଇ ଉତ୍ତର ଦିଗସ୍ଥିତ ସମସ୍ତ ଗୋଷ୍ଠୀଙ୍କୁ, ପୁଣି ଆମ୍ଭର ଦାସ ବାବିଲର ରାଜା ନବୂଖଦ୍ନିତ୍ସରକୁ ନେଇ ଏହି ଦେଶ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଓ ତନ୍ନିବାସୀମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଓ ତହିଁର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗସ୍ଥ ଏହିସବୁ ଗୋଷ୍ଠୀ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆଣିବା; ଆଉ, ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ନିଃଶେଷ ରୂପେ ବିନାଶ କରିବା ଓ ସେମାନଙ୍କୁ ବିସ୍ମୟ ଓ ଶୀସ୍ ଶବ୍ଦର ବିଷୟ ଓ ଚିରକାଳର ଉତ୍ସନ୍ନ ସ୍ଥାନ କରିବା।
10 १० त्या ठिकाणच्या सुखाच्या व आनंदाच्या कल्लोळांचा मी शेवट करीन. तेथे नव वर वधूचा सुखाचा शब्द उमटणार नाही, जात्यांचा आवाज येणार नाही आणि दिव्यातला प्रकाश नाहीसा होईल असे मी करीन.
ଆହୁରି, ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଆମୋଦର ଧ୍ୱନି, ଆନନ୍ଦର ଧ୍ୱନି ଓ ବରର ରବ ଓ କନ୍ୟାର ରବ, ଚକିର ଶବ୍ଦ ଓ ପ୍ରଦୀପର ଆଲୁଅ ଦୂର କରିବା।
11 ११ आणि ती सगळी भूमी वैराण व वाळवंट होईल, आणि ही राष्ट्रे सत्तर वर्षांपर्यंत बाबेलाच्या राजाचे दास होतील.
ତହିଁରେ ଏହି ସମୁଦାୟ ଦେଶ ଉତ୍ସନ୍ନ ସ୍ଥାନ ଓ ବିସ୍ମୟର ବିଷୟ ହେବ ଓ ଏହିସବୁ ଗୋଷ୍ଠୀ ସତୁରି ବର୍ଷ ବାବିଲ ରାଜାର ଦାସତ୍ୱ କରିବେ।
12 १२ परमेश्वर असे म्हणतो, आणि असे होईल सत्तर वर्षे संपल्यावर, मी बाबेलाच्या राजाला आणि त्या राष्ट्राला आणि खास्द्यांच्या देशाला त्यांच्या दुष्कृत्यांमुळे शिक्षा करीन.” त्या भूमीचे रुपांतर कायमच्या वाळवंटात करीन.
ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି, ସତୁରି ବର୍ଷ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ହେଲେ ଆମ୍ଭେ ବାବିଲ ରାଜାକୁ ଓ ସେହି ଗୋଷ୍ଠୀକୁ ଓ କଲ୍ଦୀୟମାନଙ୍କ ଦେଶକୁ ସେମାନଙ୍କ ଅଧର୍ମ ସକାଶେ ଶାସ୍ତି ଦେବା ଓ ତାହା ସଦାକାଳ ଧ୍ୱଂସର ସ୍ଥାନ କରିବା।
13 १३ आणि त्या देशाविरूद्ध जी काही वचने मी बोललो, म्हणजे जे काही या पुस्तकात लिहीले आहे, जे सगळ्या राष्ट्रांविषयी यिर्मयाने भविष्य सांगितले ते मी त्यांच्यावर आणीन.
ଆଉ, ଆମ୍ଭେ ସେହି ଦେଶ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯାହା ଯାହା କହିଅଛୁ, ଅର୍ଥାତ୍, ସକଳ ଗୋଷ୍ଠୀ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯିରିମୀୟଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ପ୍ରଚାରିତ ଯେ ଯେ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବାକ୍ୟ ଏହି ପୁସ୍ତକରେ ଲିଖିତ ଅଛି, ଆମ୍ଭର ସେହି ସମସ୍ତ ବାକ୍ୟ ଆମ୍ଭେ ସେହି ଦେଶ ପ୍ରତି ସଫଳ କରିବା।
14 १४ त्यांना राष्ट्रांचे आणि मोठ्या राजांचे दास्य करावे लागेल. त्यांच्या कृत्यांबद्दल योग्य अशीच शिक्षा त्यांना मी देईन.
କାରଣ ଅନେକ ଗୋଷ୍ଠୀ ଓ ମହାନ ମହାନ ରାଜାମାନେ ସେମାନଙ୍କୁ ହିଁ ଆପଣାମାନଙ୍କର ଦାସ୍ୟକର୍ମ କରାଇବେ, ଆଉ ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ କ୍ରିୟାନୁସାରେ ଓ ସେମାନଙ୍କ ହସ୍ତକୃତ କର୍ମାନୁସାରେ ସେମାନଙ୍କୁ ପ୍ରତିଫଳ ଦେବା।”
15 १५ कारण परमेश्वर, इस्राएलाचा देव, त्याने मला हे सांगितले: “माझ्या हातातील क्रोधाच्या द्राक्षरसाचा प्याला घे आणि मी तुला पाठवतो त्या सर्व राष्ट्रांना हा द्राक्षरस प्यायला लाव.
କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର ମୋତେ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, “ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ହସ୍ତରୁ ଏହି ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧରୂପ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସର ପାତ୍ର ନେଇ, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଯେଉଁ ସକଳ ଗୋଷ୍ଠୀ ନିକଟକୁ ପଠାଉ, ସେମାନଙ୍କୁ ତାହା ପାନ କରାଅ।
16 १६ कारण ते हा द्राक्षरस पितील आणि जी तलवार मी त्यांच्यामध्ये पाठवीन तिच्यामुळे ते मागेपुढे डोलतील व वेड्याप्रमाणे वागतील.”
ତହିଁରେ ସେମାନେ ତାହା ପାନ କରି ଏଣେତେଣେ ଟଳଟଳ ହେବେ, ପୁଣି ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟକୁ ଯେଉଁ ଖଡ୍ଗ ପଠାଇବା, ତହିଁ ସକାଶୁ ସେମାନେ ଉନ୍ମତ୍ତ ହେବେ।”
17 १७ मग मी परमेश्वराच्या हातातून द्राक्षरसाचा प्याला घेतला. देवाने मला पाठवलेल्या त्या सर्व राष्ट्रांत मी प्यायला लावला.
ତହିଁରେ ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ସେହି ପାତ୍ର ନେଇ, ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋତେ ଯେଉଁ ଯେଉଁ ଗୋଷ୍ଠୀ ନିକଟକୁ ପଠାଇଲେ, ସେହି ସମସ୍ତଙ୍କୁ ତାହା ପାନ କରାଇଲି;
18 १८ यरूशलेम, यहूदा शहर आणि तिच्यातील राजे आणि नेते यांना मी तो प्याला दिला, म्हणजे वैराण, विस्मय व वाळवंट, आणि फुत्कार व शाप असे होतील.
ଅର୍ଥାତ୍, ଆଜିର ତୁଲ୍ୟ ଉତ୍ସନ୍ନ ସ୍ଥାନ ଓ ବିସ୍ମୟର, ଆଉ ଶୀସ୍ ଶବ୍ଦର ଓ ଅଭିଶାପର ବିଷୟ ହେବା ନିମନ୍ତେ ଯିରୂଶାଲମକୁ, ଯିହୁଦାର ନଗରସମୂହକୁ, ଆଉ ତହିଁର ରାଜା ଓ ଅଧିପତିମାନଙ୍କୁ ପାନ କରାଇଲି।
19 १९ दुसऱ्या राष्ट्रांनाही तो प्यावा लागेल, मी मिसरच्या राजा फारो, त्याच्या अधिकाऱ्यांना, त्याच्या सेवकांना, आणि त्याच्या लोकांस,
ମିସରର ରାଜା ଫାରୋକୁ, ତାହାର ଦାସଗଣକୁ ଓ ଅଧିପତିଗଣକୁ ଓ ତାହାର ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କୁ;
20 २० मी सर्व मिश्रित लोक, अरब व ऊस देशातील राजे, पलिष्ट्यांच्या देशातील सर्व राजे, अष्कलोन, गज्जा, एक्रोन व अश्दोद शहरामधील उरलेले अशा सर्व राजांना त्या प्याल्यातून द्राक्षरस पिण्यास भाग पाडले.
ପୁଣି, ମିଶ୍ରିତ ଲୋକ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଓ ଊଷ ଦେଶସ୍ଥ ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ ଓ ପଲେଷ୍ଟୀୟ ଦେଶସ୍ଥ ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ ଆଉ ଅସ୍କିଲୋନ, ଘସା, ଇକ୍ରୋଣ ଓ ଅସ୍ଦୋଦର ଅବଶିଷ୍ଟାଂଶକୁ ପାନ କରାଇଲି;
21 २१ आणि अदोम, मवाब व अम्मोन यामधील राजांनाही द्राक्षरस प्यायला लावले.
ଇଦୋମ, ମୋୟାବ ଓ ଅମ୍ମୋନର ସନ୍ତାନଗଣକୁ;
22 २२ आणखी सोरच्या व सीदोनाचे सर्व राजे, समूद्राच्या दुसऱ्या बाजूस असणारे सर्व राजे,
ପୁଣି, ସୋରର ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ ଓ ସୀଦୋନର ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ ଓ ସମୁଦ୍ରପାରସ୍ଥ ଦ୍ୱୀପର ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ;
23 २३ आणि ददान, तेमा व बूज केसांच्या या कडा कापलेले सर्व लोक,
ଦଦାନ, ତେମା ଓ ବୂଷ୍, ଆପଣା ଆପଣା କେଶ କୋଣ ମୁଣ୍ଡନକାରୀ ସମସ୍ତ ଲୋକଙ୍କୁ;
24 २४ अरबस्तानातील सर्व राजे, व जे मिश्रित लोक रानांत राहतात त्यांचे सर्व राजे,
ପୁଣି, ଆରବୀୟ ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ ଓ ପ୍ରାନ୍ତରବାସୀ ମିଶ୍ରିତ ଗୋଷ୍ଠୀବର୍ଗର ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ;
25 २५ आणि जिमरी, एलाम व माद्य येथील सर्व राजे,
ଆଉ, ସିମ୍ରିର ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ, ଏଲମ୍ର ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ ଓ ମାଦୀୟମାନଙ୍କର ସମସ୍ତ ରାଜାଙ୍କୁ;
26 २६ उत्तरेकडील सर्व, दूरच्या व जवळचे राजे या सर्वांना, या पृथ्वीवर असणारे सर्व, आपल्या राज्यांसहीत, भावांसहीत, त्या सर्वांना मी तो प्याला प्या प्यायला लावला आहे. पण बाबेलचा राजा, त्या सर्वांच्या नंतर या प्याल्यातून पिईल.
ପୁଣି, ଉତ୍ତର ଦିଗର ନିକଟସ୍ଥ ଓ ଦୂରସ୍ଥ ଯାବତୀୟ ରାଜାଙ୍କୁ, ପରସ୍ପରର ସହିତ ଓ ଭୂମଣ୍ଡଳର ଉପରିସ୍ଥ ଜଗତର ସମୁଦାୟ ରାଜ୍ୟକୁ ପାନ କରାଇଲି; ଆଉ, ସେମାନଙ୍କ ଉତ୍ତାରେ ଶେଶକର ରାଜା ପାନ କରିବ।
27 २७ “परमेश्वर मला म्हणाला, यिर्मया, तू त्यांना असे सांग, सेनाधीश परमेश्वर, इस्राएलचा देव म्हणतो: प्या आणि त्यामुळे झिंगा आणि वांत्या करा, पडा आणि मी पाठवत असलेली तलवार येण्यापर्यंत परत उठू नका.
ଆଉ, ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିବ, “ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ ଇସ୍ରାଏଲର ପରମେଶ୍ୱର ଏହି କଥା କହନ୍ତି; ‘ତୁମ୍ଭେମାନେ ପାନ କରି ମତ୍ତ ହୁଅ ଓ ବାନ୍ତି କର, ପୁଣି ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟକୁ ଯେଉଁ ଖଡ୍ଗ ପଠାଇବା, ତହିଁ ହେତୁ ପତିତ ହୋଇ ଆଉ ଉଠ ନାହିଁ।’
28 २८ मग ते तुझ्या हातातून प्यायला पिण्यास तयार नसतील तर, तू त्यांना असे सांग सेनाधीश परमेश्वर असे म्हणतो, तुम्ही खरोखरच या प्याल्यातून पिणारच.
ଆଉ, ସେମାନେ ତୁମ୍ଭ ହସ୍ତରୁ ପାତ୍ର ନେଇ ପାନ କରିବାକୁ ଯେବେ ଅସମ୍ମତ ହେବେ, ତେବେ ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ଏହା କହିବ, ‘ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହିରୂପେ କଥା କହନ୍ତି, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଅବଶ୍ୟ ପାନ କରିବ।
29 २९ कारण पाहा! माझ्या नावाने ओळखल्या जाणाऱ्या नगरावर जर मी आपत्ती आणत आहे, तर तुम्हास शिक्षा होणार नाही असे कसे? तुमची सुटका होणार नाही, कारण मी पृथ्वीवरील सर्व राहणाऱ्यांविरूद्ध तलवारीला पाठवणार आहे.” सेनाधीश परमेश्वर असे म्हणतो.
କାରଣ ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ନାମରେ ଖ୍ୟାତ ନଗର ପ୍ରତି ଅମଙ୍ଗଳ ଘଟାଇବାକୁ ଆରମ୍ଭ କରିଅଛୁ ଓ ତୁମ୍ଭେମାନେ କି ନିତାନ୍ତ ଅଦଣ୍ଡିତ ହେବ? ତୁମ୍ଭେମାନେ ଅଦଣ୍ଡିତ ହେବ ନାହିଁ, କାରଣ ଆମ୍ଭେ ପୃଥିବୀନିବାସୀ ସମସ୍ତଙ୍କ ଉପରେ ଖଡ୍ଗ ଆହ୍ୱାନ କରିବା,’ ଏହା ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି।
30 ३० “तर यिर्मया, तू त्यांना हे भविष्यवचन सांग, त्यांना बोल: परमेश्वर उंचावरुन गर्जना करतो, आणि त्याच्या पवित्र मंदिरातून आपला शब्द उच्चारील, तो त्याच्या कळपाविरूद्ध गर्जना करील. द्राक्षरस काढताना, द्राक्षे तुडविताना, लोक ज्याप्रमाणे मोठ्याने गातात, तसा, देशाच्या सर्व राहणाऱ्यांविरूद्ध तो ओरडेन.
ଏହେତୁ ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଏହିସବୁ ଭବିଷ୍ୟଦ୍ବାକ୍ୟ ପ୍ରଚାର କରି କୁହ, ‘ସଦାପ୍ରଭୁ ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱରୁ ହୁଙ୍କାର କରିବେ ଓ ଆପଣା ପବିତ୍ର ବାସସ୍ଥାନରୁ ଆପଣା ରବ ଶୁଣାଇବେ; ସେ ଆପଣା ଖୁଆଡ଼ ଉପରେ ମହାହୁଙ୍କାର କରିବେ; ସେ ଦ୍ରାକ୍ଷାମର୍ଦ୍ଦନକାରୀମାନଙ୍କ ପରି ପୃଥିବୀର ନିବାସୀ ସମୁଦାୟଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ସିଂହନାଦ କରିବେ।
31 ३१ तो आवाज पृथ्वीच्या शेवटापर्यंत येणार, कारण परमेश्वराचा विवाद राष्ट्रांविरूद्ध आहे, तो त्यांचा न्यायनिवाडा करणार. आणि तो सर्व देहावर न्यायव्यवस्था चालवणार. दुष्टांना तो तलवारीस देणार.” परमेश्वर असे म्हणतो.
ପୃଥିବୀର ସୀମା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗୋଟିଏ ଧ୍ୱନି ବ୍ୟାପିବ; କାରଣ ନାନା ଗୋଷ୍ଠୀୟମାନଙ୍କ ସହିତ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ବିବାଦ ଅଛି, ସେ ସବୁ ପ୍ରାଣୀର ବିଚାର କରିବେ; ପୁଣି, ଦୁଷ୍ଟମାନଙ୍କୁ ସେ ଖଡ୍ଗରେ ସମର୍ପଣ କରିବେ,’ ଏହା ସଦାପ୍ରଭୁ କହନ୍ତି।
32 ३२ सेनाधीश परमेश्वर असे म्हणतो, “अरिष्टे एका राष्ट्रातून दुसऱ्या राष्ट्रात पुढे जाणार, आणि पृथ्वीवरच्या अतिदूरच्या ठिकाणाहून वादळाची सुरुवात होईल.”
ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ଦେଖ, ଦେଶକୁ ଦେଶ ଅମଙ୍ଗଳ ଘଟିବ ଓ ପୃଥିବୀର ପ୍ରାନ୍ତ ସୀମାରୁ ଏକ ମହାତୋଫାନ ଉଠିବ।
33 ३३ आणि जे परमेश्वरापासून मारले गेले, त्या लोकांची प्रेते पृथ्वीच्या एका टोकाकडून दुसऱ्या टोकाकडे पसरतील. त्यांच्यासाठी कोणीही शोक करणार नाही किंवा ती गोळा करणार नाही आणि पुरणारही नाही. शेणाप्रमाणे ती जमिनीवर पडतील.
ପୁଣି, ସେସମୟରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ହତ ଲୋକମାନେ, ପୃଥିବୀର ଆଦ୍ୟ ସୀମା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଦେଖାଯିବେ; ସେମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ବିଳାପ କରାଯିବ ନାହିଁ, ସେମାନେ ସଂଗୃହୀତ କିଅବା କବରପ୍ରାପ୍ତ ହେବେ ନାହିଁ; ସେମାନେ ଭୂମି ଉପରେ ଖତ ପରି ପଡ଼ି ରହିବେ।
34 ३४ मेंढपाळांनो विलाप करा आणि मदतीसाठी रडा. कळपातील धन्यांनो जमिनीवर लोळा. कारण ही तुला मारल्या जाण्याचा आणि विखरण्याचा दिवस आला आहे. तुम्ही फुटक्या मडक्याच्या तुकड्याप्रमाणे सगळीकडे पडाल.
ହେ ମେଷପାଳକଗଣ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ହାହାକାର ଓ କ୍ରନ୍ଦନ କର; ହେ ମେଷଗଣର ଅଗ୍ରଗଣ୍ୟମାନେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଭସ୍ମରେ ଗଡ଼; କାରଣ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କର ହତ୍ୟା ସମୟ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ରୂପେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲା, ଆଉ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଖଣ୍ଡ ଖଣ୍ଡ କରି ଭାଙ୍ଗିବା ଓ ତୁମ୍ଭେମାନେ ମନୋହର ପାତ୍ର ତୁଲ୍ୟ ପଡ଼ିଯିବ।
35 ३५ मेंढपाळांना लपायला कोठेही आश्रय राहणार नाही. आणि कळपातील धन्यांना सुटता येणार नाही.
ପୁଣି, ମେଷପାଳକମାନେ ପଳାଇବାର ବାଟ ପାଇବେ ନାହିଁ ଓ ପଲର ଅଗ୍ରଗଣ୍ୟମାନେ ରକ୍ଷା ପାଇବେ ନାହିଁ।
36 ३६ मग मेंढपाळांच्या दुःखाचे रडणे आणि कळपाच्या धन्याचा विलाप तिथे असेल. कारण परमेश्वर त्यांच्या कळपाचा विनाशक झाला आहे.
ମେଷପାଳକମାନଙ୍କର କ୍ରନ୍ଦନର ଶବ୍ଦ ଓ ମେଷର ଅଗ୍ରଗଣ୍ୟମାନଙ୍କର ହାହାକାର ଶବ୍ଦ ଶୁଣାଯାଏ। କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ସେମାନଙ୍କର ଚରାସ୍ଥାନ ଉଜାଡ଼ କରୁଅଛନ୍ତି।
37 ३७ त्या शांत कुरणांचा नाश केला जाईल आणि ती ओसाड वाळवंट होतील. परमेश्वराचा संतप्त क्रोध हा,
ଆଉ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧ ସକାଶୁ ଶାନ୍ତିଯୁକ୍ତ ଖୁଆଡ଼ସବୁ ନିଃଶବ୍ଦ ହେଉଅଛି।
38 ३८ जसा गुहेत राहणाऱ्या तरुन सिंहाप्रमाणे, ज्याने आपली गुहा सोडली आहे त्याप्रमाणे असेल. कारण पीडणाऱ्या तलवारींमुळे व त्याच्या संतप्त क्रोधामुळे त्यांचा देश ओसाड झाला आहे.
ସେ ସିଂହ ତୁଲ୍ୟ ଆପଣା ଗହ୍ୱର ତ୍ୟାଗ କରିଅଛନ୍ତି; ତାହାଙ୍କର ଉତ୍ପୀଡ଼କ ଖଡ୍ଗର ଭୟଙ୍କରତା ସକାଶୁ ଓ ତାହାଙ୍କର ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧ ସକାଶୁ ଦେଶ ବିସ୍ମୟ ସ୍ଥାନ ହୋଇଅଛି।”