< यशया 7 >

1 यहूदाचा राजा आहाज, जो योथामाचा पुत्र व योथाम हा उज्जीयाचा पुत्र, त्याच्या कारकीर्दित अरामाचा राजा रसीन व इस्राएलाचा राजा पेकह, जे रमाल्याचा पुत्र, हे यरूशलेमावर लढाई करण्याकरीता चालून गेले, परंतु त्यांची त्यावर सरशी झाली नाही.
ଯିହୁଦା-ରାଜା ଉଷୀୟର ପୌତ୍ର ଯୋଥମ୍‍ର ପୁତ୍ର ଆହସ୍‌ର ସମୟରେ ଅରାମର ରତ୍ସୀନ ରାଜା ଓ ରମଲୀୟର ପୁତ୍ର ପେକହ ନାମେ ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଯିରୂଶାଲମର ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯୁଦ୍ଧ କରିବା ନିମନ୍ତେ ସେଠାକୁ ଗଲେ; ମାତ୍ର ତାହା ପରାସ୍ତ କରି ପାରିଲେ ନାହିଁ।
2 दावीदाच्या घराण्याला कळविण्यात आले की, अराम आणि एफ्राईम हे एक झाले आहेत. तेव्हा रानातील वृक्ष वाऱ्याने कापतात तसे आहाज आणि त्याच्या लोकांची मने भीतीने कंपीत झाली.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଦାଉଦ-ବଂଶକୁ ଜ୍ଞାତ କରାଗଲା ଯେ, ଅରାମ ଇଫ୍ରୟିମର ସହାୟ ହୋଇଅଛି। ଏଥିରେ ତାହାର ହୃଦୟ ଓ ତାହାର ଲୋକମାନଙ୍କ ହୃଦୟ ବାୟୁରେ କମ୍ପିତ ଓ ବନବୃକ୍ଷ ତୁଲ୍ୟ କମ୍ପିତ ହେଲା।
3 मग परमेश्वर यशयाला म्हणाला, “आहाजाला भेटण्यासाठी तू तुझा मुलगा शआरयाशूब याजबरोबर धोब्याच्या शेताकडे जाणाऱ्या रस्त्यावर जेथे वरच्या तळ्याचे पाणी मिळते तेथे जा.
ସେତେବେଳେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଯିଶାଇୟଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଓ ତୁମ୍ଭ ପୁତ୍ର ଶାର-ଯାଶୂବ, ରଜକ କ୍ଷେତ୍ରର ରାଜପଥସ୍ଥ ଉପର ପୁଷ୍କରିଣୀର ନାଳ ମୁଣ୍ଡରେ ଆହସ୍‌ର ସଙ୍ଗେ ସାକ୍ଷାତ କରିବାକୁ ଯାଅ।
4 त्यास सांग, सावध हो, शांत रहा, भिऊ नको किंवा या दोन जळत्या कोलीतांमुळे रसीन, अराम, आणि रमाल्याचा पुत्र पेकह यांच्या उग्र क्रोधामुळे खचून जाऊ नको.
ଓ ତାହାକୁ କୁହ, ‘ସାବଧାନ ଓ ସୁସ୍ଥିର ହୁଅ; ଏହି ଧୂମମୟ କାଷ୍ଠର ଦୁଇ ଲାଞ୍ଜ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ରତ୍ସୀନ, ଅରାମର ଓ ରମଲୀୟର ପୁତ୍ରର ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧ ସକାଶୁ ଭୀତ ହୁଅ ନାହିଁ, କିଅବା ଆପଣା ହୃଦୟକୁ ନିରାଶ ହେବାକୁ ଦିଅ ନାହିଁ।
5 अराम, एफ्राईम, व रमाल्याच्या पुत्राने तुमच्या विरूद्ध दुष्ट योजना केली आहे, ते म्हणतात,
କାରଣ ଅରାମ, ମଧ୍ୟ ଇଫ୍ରୟିମ ଓ ରମଲୀୟର ପୁତ୍ର ତୁମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ କୁମନ୍ତ୍ରଣା କରି କହୁଅଛନ୍ତି,
6 आपण यहूदावर चालून जाऊ व त्यास घाबरे करू, त्याची तटबंदी फोडून तेथे ताबेलाच्या पुत्राला राजा करु.
ଆସ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଯିହୁଦା ବିରୁଦ୍ଧରେ ଯାଇ ତାହାକୁ ଅଧୈର୍ଯ୍ୟ କରୁ ଓ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ତହିଁ ମଧ୍ୟରେ ଭଗ୍ନ ସ୍ଥାନ କରି ଏକ ରାଜାକୁ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଟାବେଲର ପୁତ୍ରକୁ ସ୍ଥାପନ କରୁ।
7 प्रभू परमेश्वर म्हणतो, असे काही होणार नाही; असे काही घडणार नाही,
ପ୍ରଭୁ ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ତାହା ସ୍ଥିର ହେବ ନାହିଁ ଅବା ସିଦ୍ଧ ହିଁ ହେବ ନାହିଁ।
8 कारण अरामाचे शीर दिमिष्क व दिमिष्काचे शीर रसीन आहे. पासष्ट वर्षांच्या आत एफ्राईम भंग पावेल व तेथील लोक एक राष्ट्र म्हणून राहणार नाहीत.
କାରଣ ଅରାମର ମସ୍ତକ ଦମ୍ମେଶକ ଓ ଦମ୍ମେଶକର ମସ୍ତକ ରତ୍ସୀନ; ପୁଣି, ପଞ୍ଚଷଠି ବର୍ଷ ମଧ୍ୟରେ ଇଫ୍ରୟିମ ଖଣ୍ଡ ଖଣ୍ଡ ହୋଇ ଏପରି ଭଗ୍ନ ହେବ ଯେ, ସେ ଆଉ ଏକ ଗୋଷ୍ଠୀ ହୋଇ ରହିବ ନାହିଁ;
9 एफ्राईमाचे शीर शोमरोन आणि शोमरोनाचे शीर रमाल्याचा पुत्र आहे. तू जर विश्वासात स्थिर राहिला नाहीस तर खात्रीने तू सुरक्षीत राहणार नाहीस.”
ଆଉ, ଇଫ୍ରୟିମର ମସ୍ତକ ଶମରୀୟା ଓ ଶମରୀୟାର ମସ୍ତକ ରମଲୀୟର ପୁତ୍ର। ଯଦି ତୁମ୍ଭେମାନେ ବିଶ୍ୱାସ ନ କରିବ, ତେବେ ସ୍ଥିରୀକୃତ ହେବ ନାହିଁ, ଏହା ନିଶ୍ଚୟ।’”
10 १० परमेश्वर पुन्हा आहाजाशी बोलला,
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆହସ୍‌କୁ ଆହୁରି କହିଲେ,
11 ११ “तुझा देव परमेश्वर याला चिन्ह माग, खाली पाताळात माग किंवा वर आकाशात माग.” (Sheol h7585)
“ତୁମ୍ଭେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣା ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ଏକ ଚିହ୍ନ ମାଗ; ଅଧୋଲୋକରେ କି ଊର୍ଦ୍ଧ୍ୱଲୋକରେ ହେଉ, ମାଗ।” (Sheol h7585)
12 १२ परंतु आहाज म्हणाला, “मी मागणार नाही किंवा परमेश्वराची परीक्षा पाहणार नाही.”
ମାତ୍ର ଆହସ୍‌ କହିଲା, “ମୁଁ ମାଗିବି ନାହିଁ କି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କୁ ପରୀକ୍ଷା କରିବି ନାହିଁ।”
13 १३ मग यशयाने उत्तर दिले, “दावीदाच्या घराण्या, ऐक लोकांच्या धीराला तुम्ही कसोटीला लावले ऐवढे पुरे नाही काय? माझ्या देवाच्या सहनशीलतेला पण तुम्ही कसोटीला लावावे काय?
ଏଥିରେ ସେ କହିଲେ, “ହେ ଦାଉଦର ବଂଶ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଏବେ ଶୁଣ; ମନୁଷ୍ୟର ଧୈର୍ଯ୍ୟକୁ ପରୀକ୍ଷା କରିବାର ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପ୍ରତି କ୍ଷୁଦ୍ର ବିଷୟ ବୋଲି କି ତୁମ୍ଭେମାନେ ମୋʼ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଧୈର୍ଯ୍ୟ ମଧ୍ୟ ପରୀକ୍ଷା କରିବ?
14 १४ म्हणून प्रभू स्वतः तुम्हास एक चिन्ह देईल, पहा, एक तरुण स्त्री गर्भवती होऊन मुलाला जन्म देईल, आणि त्यास इम्मानुएल हे नाव देईल.
ଏହେତୁ ପ୍ରଭୁ ଆପେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଏକ ଚିହ୍ନ ଦେବେ; ଦେଖ, ଏକ କନ୍ୟା ଗର୍ଭବତୀ ହୋଇ ଏକ ପୁତ୍ର ପ୍ରସବ କରିବ ଓ ତାହାର ନାମ ଇମ୍ମାନୁୟେଲ (ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସହିତ ପରମେଶ୍ୱର) ରଖିବ।
15 १५ तो वाईटाला नाकारील आणि चांगले ते पसंत करणे हे जेव्हा त्यास समजेल तेव्हा तो लोणी व मध यांचे सेवन करील.
ମନ୍ଦକୁ ଅଗ୍ରାହ୍ୟ ଓ ଭଲକୁ ମନୋନୀତ କରିବାର ଜାଣିବା ବେଳେ ସେ ଦହି ଓ ମଧୁ ଖାଇବ।
16 १६ कारण त्या मुलाला वाईट नाकारून व चांगले ते पसंत करावे हे कळू लागण्याआधीच ज्या दोन राजांची तुला धास्ती पडली आहे त्यांची भूमी उजाड होईल.
କାରଣ ବାଳକ ମନ୍ଦକୁ ଅଗ୍ରାହ୍ୟ ଓ ଭଲକୁ ମନୋନୀତ କରିବାର ଜାଣିବା ପୂର୍ବେ ଯେଉଁ ଦେଶର ଦୁଇ ରାଜାଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭେ ଘୃଣା କରୁଅଛ, ସେହି ଦେଶ ପରିତ୍ୟକ୍ତ ହେବ।
17 १७ एफ्राईम यहूदापासून वेगळा आला तेव्हापासून आले नाहीत असे दिवस परमेश्वर तुझ्यावर, तुझ्या लोकांवर आणि तुझ्या वडिलाच्या घराण्यावर आणील; तो अश्शूरच्या राजाला तुजविरूद्ध आणील.”
ଇଫ୍ରୟିମ ଯିହୁଦାଠାରୁ ପୃଥକ ହେବା ଦିନଠାରୁ ଯେପ୍ରକାର ସମୟ କେବେ ହୋଇ ନାହିଁ, ସେପ୍ରକାର ସମୟ ସଦାପ୍ରଭୁ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ଓ ତୁମ୍ଭ ଲୋକମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଓ ତୁମ୍ଭ ପିତୃବଂଶ ପ୍ରତି ଘଟାଇବେ; ଅର୍ଥାତ୍‍, ଅଶୂରର ରାଜାକୁ ଆଣିବେ।”
18 १८ त्यावेळी मिसरच्या दूरच्या ओढ्यांमधून माशीला व अश्शूर देशातील मधमाशीला परमेश्वर शीळ घालून बोलावील.
ପୁଣି, ସେହି ଦିନ ସଦାପ୍ରଭୁ ମିସର ଦେଶୀୟ ନଦୀସବୁର ପ୍ରାନ୍ତସ୍ଥ ମକ୍ଷିକାର ପ୍ରତି ଓ ଅଶୂର ଦେଶୀୟ ମହୁମାଛି ପ୍ରତି ଶିଷ୍‍ ଦେବେ।
19 १९ त्या सगळ्या खोऱ्यात व खडकाच्या कपारीत सगळ्या काटेरी झुडपात व सर्व कुरणांत तळ देतील.
ତହିଁରେ ସେସମସ୍ତେ ଆସି ଉଚ୍ଛିନ୍ନ ଉପତ୍ୟକାସମୂହରେ ଓ ଶୈଳମାନଙ୍କର ଛିଦ୍ର ସ୍ଥାନରେ ଓ କଣ୍ଟକ ବନରେ ଓ ଚରାଭୂମିସମୂହରେ ବସିବେ।
20 २० त्यावेळी प्रभू अश्शूरच्या राजाचा एका भाड्याने घेतलेल्या वस्तऱ्याप्रमाणे उपयोग करून, तुमच्या डोक्याच्या व पायांच्या केसांचा मुंडण करील तो तुमची दाढी देखील तासून काढील.
ସେହି ଦିନ ପ୍ରଭୁ ନଦୀର ସେପାରିସ୍ଥ ଭଡ଼ାଟିଆ କ୍ଷୁର ଦ୍ୱାରା, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଅଶୂରର ରାଜା ଦ୍ୱାରା ମସ୍ତକ, ପଦର ଲୋମ କ୍ଷୌର କରିବେ ଓ ତଦ୍ଦ୍ୱାରା ଦାଢ଼ି ମଧ୍ୟ ନଷ୍ଟ ହେବ।
21 २१ त्या दिवशी मनुष्य एक कालवड व दोन मेंढ्या पाळील.
ସେହି ଦିନ କେହି ଗୋଟିଏ ଯୁବତୀ ଗାଭୀ ଓ ଦୁଇଗୋଟି ମେଷ ପୋଷିଲେ,
22 २२ आणि त्या पुष्कळ दूध देतील म्हणून तो लोणी खाईल, कारण देशात मागे राहीलेला प्रत्येक मनुष्य लोणी व मध खाईल.
ସେମାନଙ୍କ ଦତ୍ତ ଦୁଗ୍ଧର ବାହୁଲ୍ୟରେ ସେ ଦହି ଖାଇବ; କାରଣ ଦେଶ ମଧ୍ୟରେ ଅବଶିଷ୍ଟ ସମସ୍ତ ଲୋକ ଦହି ଓ ମଧୁ ଖାଇବେ।
23 २३ त्यावेळी जेथे हजार शेकेल चांदीच्या नाण्याएवढ्या किंमतीची हजार द्राक्षवेली होत्या, तेथे तण आणि काटेकुटे याव्यतिरिक्त काहीही राहणार नाही
ଆହୁରି, ଯେଉଁ ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ସହସ୍ର ରୌପ୍ୟ ମୁଦ୍ରା ମୂଲ୍ୟର ଦ୍ରାକ୍ଷାଲତା ଥିଲା, ସେହି ଦିନ ସେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ସ୍ଥାନ କାନକୋଳି ଓ କଣ୍ଟକ ବୃକ୍ଷମୟ ହେବ।
24 २४ माणसे तेथे बाण घेऊन शिकारीसाठी जातील कारण सर्व भूमी तण व काटेकुटे यांनी भरलेली असते.
ପୁଣି, ସମୁଦାୟ ଦେଶ କାନକୋଳି ଓ କଣ୍ଟକ ବୃକ୍ଷମୟ ହେବାରୁ ଲୋକେ ତୀର ଓ ଧନୁ ନେଇ ସେସ୍ଥାନକୁ ଯିବେ।
25 २५ ज्या टेकड्यांवर कुदळींनी खणून शेती करीत त्या सर्वापासून ते काटेरीझुडपांच्या भीतीमुळे दूर राहतील, पण गुरेढोरे व मेढ्या तेवढ्या चरण्यासाठी तेथे जातील.
ଆଉ, ଯେସବୁ ପର୍ବତ କୋଡ଼ିରେ ଖୋଳା ହୋଇଥିଲା, ତୁମ୍ଭେ କାନକୋଳି ଓ କଣ୍ଟକ ବନର ଭୟରେ ସେ ସ୍ଥାନକୁ ଗମନ କରିବ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ତାହା ବଳଦର ଚରାସ୍ଥାନ ଓ ମେଷର ପାଦ ତଳେ ଦଳିତ ହେବାର ସ୍ଥାନ ହେବ।

< यशया 7 >