< यशया 5 >

1 मला माझ्या प्रियासाठी गाणे गाऊ द्या, माझ्या प्रियाच्या द्राक्षमळ्याविषयीचे हे गीत आहे. माझ्या प्रियाचा द्राक्षमळा अतिशय सुपीक डोंगरावर आहे.
ମୁଁ ଆପଣା ପ୍ରିୟତମଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ, ତାହାଙ୍କ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ବିଷୟରେ ମୋʼ ପ୍ରିୟତମଙ୍କର ଗୋଟିଏ ଗୀତ ଗାନ କରେ। ଅତି ଉର୍ବରା ଏକ ପର୍ବତରେ ମୋʼ ପ୍ରିୟତମଙ୍କର ଗୋଟିଏ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଥିଲା;
2 माझ्या मित्राने खणून जमीन साफसूफ केली. तिच्यामध्ये अतिशय उत्तम प्रतीच्या द्राक्षाची लागवड केली. त्याने मळ्याच्या मध्यभागी एक टेहळणी बुरूज बांधला आणि त्यामध्ये द्राक्षकुंडहि खणले, मग त्याने द्राक्षे द्यावी या अपेक्षेत होता पण त्यातून रानद्राक्षे निघाली.
ପୁଣି, ସେ ତାହା ଖୋଳି ପ୍ରସ୍ତରସବୁ ବାହାର କଲେ ଓ ଅତ୍ୟୁତ୍ତମ ଦ୍ରାକ୍ଷାଲତା ତହିଁରେ ରୋପଣ କଲେ ଓ ତହିଁର ମଧ୍ୟସ୍ଥାନରେ ଗୋଟିଏ ଉଚ୍ଚ ଗୃହ ନିର୍ମାଣ କରି ଦ୍ରାକ୍ଷାକୁଣ୍ଡ ମଧ୍ୟ ଖୋଳିଲେ, ଆଉ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଳ ଫଳିବ ବୋଲି ଅପେକ୍ଷାରେ ରହିଲେ, ମାତ୍ର ତହିଁରେ ବନ୍ୟ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଳ ଫଳିଲା।
3 म्हणून आता, “यरूशलेमेमध्ये राहणाऱ्यांनो व यहूदातल्या पुरुषांनो, माझा आणि माझ्या द्राक्षमळ्याचा न्याय करा.
ଏଣୁ ଏବେ ହେ ଯିରୂଶାଲମ ନିବାସୀମାନେ ଓ ଯିହୁଦାର ଲୋକମାନେ, ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ବିନୟ କରେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ମୋହର ଓ ମୋʼ ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ରର ମଧ୍ୟରେ ବିଚାର କର।
4 मी माझ्या द्राक्षमळ्यासाठी जे केले आहे, त्यापेक्षा मी आणखी करायला पाहीजे असते? चांगले द्राक्ष यावे म्हणून मी त्याकडे पाहिले असता, त्याने का रानद्राक्षे उत्पन्न केले?
ମୁଁ ଆପଣା ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ରରେ ଯାହା କରି ନାହିଁ, ଏପରି କେଉଁ ଅଧିକ କର୍ମ ତହିଁ ପ୍ରତି କରାଯାଇ ପାରନ୍ତା? ଏନିମନ୍ତେ ମୁଁ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଳ ଫଳିବ ବୋଲି ଅପେକ୍ଷା କଲେ, ତହିଁରେ ବନ୍ୟ ଦ୍ରାକ୍ଷାଫଳ ଫଳିଲା କାହିଁକି?
5 आता मी माझ्या द्राक्षमळ्याचे काय करणार आहे ते तुम्हास सांगतो. मळ्याच्या संरक्षणासाठी लावलेले काटेरी कुंपण काढीन. मी त्यास कुरण असे करीन, त्याच्या आवाराची दगडी भिंत फोडून टाकील आणि ती पायाने तुडवीली जाईल.
ଏଣୁ ଏବେ ଶୁଣ; ମୁଁ ଆପଣା ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ପ୍ରତି ଯାହା କରିବି, ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଜଣାଇବି; ମୁଁ ତହିଁର ବାଡ଼ କାଢ଼ି ପକାଇବି, ତହିଁରେ ତାହା ଗ୍ରାସ କରାଯିବ; ମୁଁ ତହିଁର ବେଢ଼ା ଭାଙ୍ଗି ପକାଇବି, ତହିଁରେ ତାହା ଦଳିତ ହେବ;
6 मी तो उजाड करीन, त्यास खच्ची करणार नाहीत व कुदळणार नाहीत, पण तण व काटेकुटे फुटतील, तेथे पाऊस न पाडण्याची मी ढगांना आज्ञा करीन.”
ପୁଣି, ମୁଁ ତାହା ଉଜାଡ଼ କରିବି; ତାହାର ଡାଳ କଟା ହେବ ନାହିଁ କିମ୍ବା ଭୂମି କୋଡ଼ା ହେବ ନାହିଁ; ମାତ୍ର ତାହା କାନକୋଳି ଓ କଣ୍ଟକ ବୃକ୍ଷମୟ ହେବ; ମଧ୍ୟ ତହିଁ ଉପରେ ଜଳ ବର୍ଷଣ ନ କରିବା ପାଇଁ ମୁଁ ମେଘମାଳକୁ ଆଜ୍ଞା କରିବି।
7 कारण सेनाधीश परमेश्वराचा द्राक्षमळा म्हणजे इस्राएल घराणे होय. आणि यहूदाचे पुरुष हे त्यातील आनंददायी लागवड होय. त्याने न्यायाची वाट पाहिली, परंतु त्याऐवजी, तेथे मारणे; न्यायीपणाची वाट पाहिली, परंतू त्याऐवजी, मदतीचा आक्रोश आढळून आला.
ଯେହେତୁ ଇସ୍ରାଏଲ ବଂଶ ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ର ଓ ଯିହୁଦାର ଲୋକେ ତାହାଙ୍କର ମନୋରମ ଚାରା; ସେ ନ୍ୟାୟ ଅପେକ୍ଷା କଲେ, ମାତ୍ର ଦେଖ, ଉପଦ୍ରବ; ଧାର୍ମିକତା ଅପେକ୍ଷା କଲେ, ମାତ୍ର ଦେଖ, କ୍ରନ୍ଦନ।
8 जे घराला घर आणि आपण देशामध्ये रहावे म्हणून जागा न उरेपर्यंत शेताला शेत लावतात, त्यांना हाय हाय!
ଦେଶରେ ଯେପରି ଆଉ ସ୍ଥାନ ନ ଥିବ ଓ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯେପରି ତହିଁ ମଧ୍ୟରେ ଏକାକୀ ବାସ କରିବ, ଏଥିପାଇଁ ଗୃହକୁ ଗୃହ, କ୍ଷେତ୍ରକୁ କ୍ଷେତ୍ର ଲଗାଉଅଛ ଯେ ତୁମ୍ଭେମାନେ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ସନ୍ତାପର ପାତ୍ର!
9 सेनाधीश परमेश्वर माझ्याशी बोलला, “तेथे खूप घरे रिकामी होतील, मोठी व सुंदर घरे राहणाऱ्यांशिवाय ओसाड पडतील.
ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋʼ କର୍ଣ୍ଣରେ କହନ୍ତି, “ନିଶ୍ଚୟ ଅନେକ ଗୃହ ଧ୍ୱଂସସ୍ଥାନ, ମଧ୍ୟ ବୃହତ ଓ ସୁନ୍ଦର ଗୃହମାନ ନିବାସବିହୀନ ହେବ।
10 १० दहा एकर द्राक्षमळा एक बाथ रस देईल, आणि एक होमर बी केवळ एक एफा उपज देईल.
କାରଣ ଦଶ ଏକର ଦ୍ରାକ୍ଷାକ୍ଷେତ୍ରରେ ଏକ ମହଣ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେବ ଓ ଦଶ ମହଣ ବୀଜରୁ କେବଳ ଏକ ମହଣ ଶସ୍ୟ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେବ।”
11 ११ सकाळी उठून मद्याच्या शोधास लागणाऱ्यांनो तुम्हास हाय हाय! जे तुम्ही मद्यापानाने धुंद होऊन रात्री उशिरापर्यंत जागत राहता.
ଯେଉଁମାନେ ସୁରାପାନ କରିବାକୁ ଅତି ପ୍ରଭାତରେ ଉଠନ୍ତି; ଦ୍ରାକ୍ଷାରସରେ ଉତ୍ତପ୍ତ ହେବା ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ରାତ୍ରିରେ ବିଳମ୍ବ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ସନ୍ତାପର ପାତ୍ର!
12 १२ मद्य, सारंगी, डफ, बासरी आणि इतर वाद्ये यांच्या संगतीत तुम्ही मेजवान्या करता पण त्यांना परमेश्वराची कार्ये त्यांना दिसत नाहीत, किंवा त्याच्या हातची कामे ते विचारात घेत नाहीत.
ସେମାନଙ୍କ ଭୋଜିରେ ବୀଣା, ନେବଲ, ତବଲା, ବଂଶୀ ଓ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ଥାଏ; ମାତ୍ର ସେମାନେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର କାର୍ଯ୍ୟ ନିରୀକ୍ଷଣ କରନ୍ତି ନାହିଁ କିଅବା ତାହାଙ୍କର ହସ୍ତର କର୍ମ ସେମାନେ ବିବେଚନା କରି ନାହାନ୍ତି।
13 १३ यास्तव माझे लोक ज्ञानाच्या अभावामुळे पाडावपणांत गेले आहेत, त्यांचे अधिकारी भुकेले आहेत आणि त्यांच्या समुदायाला पिण्यास पाणी नाही.
ଏଥିପାଇଁ ମୋହର ଲୋକମାନେ ଜ୍ଞାନ ଅଭାବରୁ ବନ୍ଦୀ ହୋଇ ଯାଇଅଛନ୍ତି; ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କର ସମ୍ଭ୍ରାନ୍ତ ଲୋକମାନେ କ୍ଷୁଧାର୍ତ୍ତ ଓ ସେମାନଙ୍କର ଲୋକସମୂହ ତୃଷାରେ ଶୁଷ୍କ ହେଉଅଛନ୍ତି।
14 १४ यास्तव मृत्यूने आपली भुक वाढवली आहे आणि आपले तोंड मोठे उघडले आहे. आणि त्यांचे उत्तम लोक, त्यांचा समुदाय, त्यांचे अधिकारी, आणि त्यांच्यातील मौजमजा करणारे आणि आनंदी, हे अधोलोकात जातील.” (Sheol h7585)
ଏଥିପାଇଁ ପାତାଳ ଆପଣା ଉଦର ବିସ୍ତାର ଓ ଆପଣା ମୁଖ ଅପରିମିତ ରୂପେ ମେଲାଇଅଛି; ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କର ଗୌରବ, ସେମାନଙ୍କର ଲୋକସମୂହ, ସେମାନଙ୍କର କଳହ ଓ ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଉଲ୍ଲାସକାରୀ ଲୋକ ତହିଁ ମଧ୍ୟକୁ ଓହ୍ଲାଇଯାʼନ୍ତି। (Sheol h7585)
15 १५ मनुष्यास खाली आणले आहे, महान मनुष्य नम्र केला गेला आहे, आणि गर्वीष्ठांचे डोळे खालावले आहेत.
ପୁଣି, ସାମାନ୍ୟ ଲୋକ ଅଧୋମୁଖ ଓ ମହାନ ଲୋକ ନତ ହୁଏ, ପୁଣି ଅହଙ୍କାରୀମାନଙ୍କର ଦୃଷ୍ଟି ନତ ହୁଏ;
16 १६ सेनाधीश परमेश्वर आपल्या न्यायात उंचावला जातो, आणि देव जो पवित्र आहे आपल्या न्यायीपणा द्वारे आपणाला पवित्र प्रकट करतो.
ମାତ୍ର ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ ବିଚାରରେ ଉନ୍ନତ ହୁଅନ୍ତି, ପୁଣି, ଧର୍ମସ୍ୱରୂପ ପରମେଶ୍ୱର ଧାର୍ମିକତାରେ ପବିତ୍ର ରୂପେ ମାନ୍ୟ ହୁଅନ୍ତି।
17 १७ मग मेंढ्या त्यांच्या कुरणात असल्यासारखे चरतील, आणि श्रीमंतांच्या ओसाड भूमीवर कोकरे चरतील.
ସେହି ସମୟରେ ମେଷଶାବକମାନେ ଆପଣା ଚରାସ୍ଥାନରେ ଚରିବା ପରି ଚରିବେ, ପୁଣି, ଭ୍ରମଣକାରୀମାନେ ହୃଷ୍ଟପୁଷ୍ଟ ଲୋକମାନଙ୍କର ଧ୍ୱଂସସ୍ଥାନ ଭୋଗ କରିବେ।
18 १८ जे रितेपणाच्या दोऱ्यांनी अन्याय ओढतात आणि जे गाडीच्या दोरांनी पाप ओढतात त्यांना हाय हाय!
ଯେଉଁମାନେ ଅସାରତାରୂପ ରଜ୍ଜୁରେ ଅପରାଧ ଓ ଶଗଡ଼ ରଜ୍ଜୁରେ ପାପ ଆକର୍ଷଣ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ସନ୍ତାପର ପାତ୍ର!
19 १९ जे असे म्हणतात, “देव घाई करो, तो त्वरीत कृती करो, म्हणजे आम्ही ते झालेले पाहू, आणि इस्राएलाच्या पवित्र्याच्या योजना आकार घेऊन येवोत, म्हणजे त्या आम्ही जाणावे. त्यांना हायहाय!”
ସେମାନେ କହନ୍ତି, “ଆମ୍ଭେମାନେ ଯେପରି ଖୋଜି ପାରିବା, ଏଥିପାଇଁ ସେ ତ୍ୱରା କରନ୍ତୁ, ସେ ଆପଣା କାର୍ଯ୍ୟ ଶୀଘ୍ର କରନ୍ତୁ; ଆଉ, ଆମ୍ଭେମାନେ ଯେପରି ଜାଣି ପାରିବା, ଏଥିପାଇଁ ଇସ୍ରାଏଲର ଧର୍ମସ୍ୱରୂପଙ୍କ ମନ୍ତ୍ରଣା ଉପସ୍ଥିତ ହୋଇ ଘଟୁ।”
20 २० जे चांगल्यास वाईट आणि वाईटास चांगले म्हणतात. ते प्रकाशाला अंधार व अंधाराला प्रकाश म्हणून त्याचे प्रतिनिधित्व करतात, जे कडुपणाला गोड असे व गोडला कडु असे सादर करतात, त्यांना हाय हाय!
ଯେଉଁମାନେ ମନ୍ଦକୁ ଭଲ ଓ ଭଲକୁ ମନ୍ଦ କୁହନ୍ତି; ଯେଉଁମାନେ ଅନ୍ଧାରକୁ ଆଲୁଅ ଓ ଆଲୁଅକୁ ଅନ୍ଧାର ଭଳି ମନେ କରନ୍ତି; ଯେଉଁମାନେ ତିକ୍ତକୁ ମିଷ୍ଟ ଓ ମିଷ୍ଟକୁ ତିକ୍ତ ଭଳି ମନେ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ସନ୍ତାପର ପାତ୍ର!
21 २१ जे स्वत: च्या नजरेत आपणास शहाणे समजतात आणि आपल्या मताने विचारवंत आहेत त्यांना हायहाय!
ଯେଉଁମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ଦୃଷ୍ଟିରେ ଜ୍ଞାନବାନ ଓ ଆପଣା ଆପଣା ବୋଧରେ ବୁଦ୍ଧିମାନ, ସେମାନେ ସନ୍ତାପର ପାତ୍ର!
22 २२ जे मद्य पिण्यामध्ये विजेते आहेत आणि मद्याचे मिश्रण करण्यात जे प्रवीण आहेत, त्यांना हायहाय!
ଯେଉଁମାନେ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ପାନ କରିବାକୁ ପରାକ୍ରମୀ ଓ ମଦ୍ୟ ମିଶ୍ରିତ କରିବାକୁ ବଳବାନ;
23 २३ जे पैशासाठी दुष्टाला न्यायी ठरवितात, आणि निर्दोषाला त्याच्या अधिकारांपासून वंचित ठेवतात, त्यांना हायहाय!
ଯେଉଁମାନେ ଲାଞ୍ଚ ସକାଶେ ଦୁଷ୍ଟକୁ ନିର୍ଦ୍ଦୋଷ କରନ୍ତି ଓ ଧାର୍ମିକର ଧାର୍ମିକତା ତାହାଠାରୁ ଦୂର କରନ୍ତି, ସେମାନେ ସନ୍ତାପର ପାତ୍ର!
24 २४ यास्तव ज्याप्रमाणे आग धसकट खाऊन टाकते आणि जसे सुके गवत आगीच्या जाळात राख होऊन पडते, त्याप्रमाणे त्यांचे मूळ कुजणार आणि त्यांचा बहर धूळीसारखा उडला जाईल. कारण त्यांनी सेनाधीश परमेश्वराची आज्ञा मानण्यास, नकार दिला आणि इस्राएलाच्या पवित्र देवाच्या संदेशाचा त्यांनी तिरस्कार केला.
ଏଥିନିମନ୍ତେ ଅଗ୍ନିର ଜିହ୍ୱା ଯେପରି ନଡ଼ା ଗ୍ରାସ କରେ ଓ ଶୁଷ୍କ ତୃଣ ଯେପରି ଅଗ୍ନିଶିଖାରେ ଭସ୍ମସାତ୍‍ ହୁଏ, ସେହିପରି ସେମାନଙ୍କର ମୂଳ ସଢ଼ିଯିବ ଓ ସେମାନଙ୍କର ପୁଷ୍ପ ଧୂଳି ପରି ଉଡ଼ିଯିବ; କାରଣ ସେମାନେ ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର ବ୍ୟବସ୍ଥା ଅଗ୍ରାହ୍ୟ କରିଅଛନ୍ତି ଓ ଇସ୍ରାଏଲର ଧର୍ମସ୍ୱରୂପଙ୍କ ବାକ୍ୟ ଅଗ୍ରାହ୍ୟ କରିଅଛନ୍ତି।
25 २५ म्हणून परमेश्वराचा क्रोध त्याच्या लोकांवर पेटला आहे, आणि त्याने आपला हात, त्यांच्यावर उगारून त्यांना शिक्षा केली आहे. डोंगरसुध्दा भीतीने कापले आहेत आणि त्यांची मृतदेह कचऱ्याप्रमाणे रस्त्यावर पडली आहेत. हे सर्व असूनही देवाचा राग शांत झाला नाही, पण त्याचा हात लोकांस शिक्षा करण्याकरीता उगारलेलाच राहील.
ଏଥିପାଇଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର କ୍ରୋଧ ତାହାଙ୍କ ଲୋକମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହୋଇଅଛି ଓ ସେ ସେମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆପଣା ହସ୍ତ ବିସ୍ତାର କରି ସେମାନଙ୍କୁ ଆଘାତ କରିଅଛନ୍ତି, ପୁଣି, ଉପପର୍ବତଗଣ କମ୍ପିଲେ ଓ ଲୋକମାନଙ୍କ ଶବ ସଡ଼କ ମଧ୍ୟରେ ଅଳିଆ ପରି ହେଲା। ଏହିସବୁ ହେଲେ ହେଁ ତାହାଙ୍କର କ୍ରୋଧ ନିବୃତ୍ତ ହୁଏ ନାହିଁ, ମାତ୍ର ତାହାଙ୍କର ହସ୍ତ ପୂର୍ବ ପରି ବିସ୍ତାରିତ ହୋଇ ରହିଅଛି।
26 २६ तो दूरच्या राष्ट्रांना खूण म्हणून झेंडा उंच करील आणि पृथ्वीवरच्यांसाठी तो शीळ वाजवील, पाहा ते त्वरेने आणि तातडीने येत आहेत.
ପୁଣି, ସେ ଦୂରଦେଶୀୟ ଗୋଷ୍ଠୀଗଣ ପ୍ରତି ଗୋଟିଏ ଧ୍ୱଜା ଉଠାଇବେ ଓ ପୃଥିବୀର ପ୍ରାନ୍ତରୁ ସେମାନଙ୍କ ପାଇଁ ଶିଷ୍‍ ଦେବେ, ପୁଣି, ଦେଖ, ସେମାନେ ଦ୍ରୁତଗମନ କରି ଶୀଘ୍ର ଆସିବେ;
27 २७ त्यांच्या मध्ये कोणीच थकलेला व ठेच लागलेला असणार नाही, त्यांचा कमरबंद कधीच सैल पडणार नाही, आणि त्यांच्या पादत्राणांचे बंद कधीच तुटणार नाहीत.
ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ କେହି କ୍ଳାନ୍ତ ହେବେ ନାହିଁ, କି ଝୁଣ୍ଟି ପଡ଼ିବେ ନାହିଁ; କେହି ଢୁଳାଇବେ ନାହିଁ କି ନିଦ୍ରା ଯିବେ ନାହିଁ; ଆଉ, ସେମାନଙ୍କର କଟିବନ୍ଧନ ଫିଟିବ ନାହିଁ କି ସେମାନଙ୍କର ପାଦୁକାର ବନ୍ଧନ ଛିଣ୍ଡିବ ନାହିଁ;
28 २८ त्यांचे बाण तीक्ष्ण आहेत आणि त्यांचे धनुष्ये वाकलेली आहेत. त्यांच्या घोड्यांचे खूर गारगोटी सारखे आहेत आणि त्यांच्या रथाचे चाक वादळा प्रमाणे आहेत.
ସେମାନଙ୍କର ତୀର ତୀକ୍ଷ୍ଣ ଓ ସେମାନଙ୍କର ଧନୁସବୁ ଗୁଣଦିଆ; ସେମାନଙ୍କ ଅଶ୍ୱଗଣର ଖୁରା ଚକ୍‍ମକି ପଥର ପରି ଓ ସେମାନଙ୍କ ରଥର ଚକ୍ର ଘୂର୍ଣ୍ଣିବାୟୁ ପରି;
29 २९ त्यांची गर्जना जणूकाय सिंहाच्या गर्जनेसारखी असणार, तरूण सिंहासारखे ते गर्जना करतील. ते गर्जतील आणि आपल्या भक्ष्याला पकडून खेचत नेतील, वाचवणारा कोणीच नसेल.
ସେମାନଙ୍କର ଗର୍ଜ୍ଜନ ସିଂହୀର ଗର୍ଜ୍ଜନ ପରି, ସେମାନେ ଯୁବା ସିଂହ ପରି ଗର୍ଜ୍ଜନ କରିବେ; ଆହୁରି, ସେମାନେ ଗର୍ଜ୍ଜନ କରି ଓ ଶିକାର ଧରି ନିରାପଦରେ ତାହା ନେଇଯିବେ ଓ ଉଦ୍ଧାର କରିବାକୁ କେହି ନ ଥିବେ।
30 ३० त्या दिवशी जसा समुद्रगर्जना करतो त्या प्रमाणे ते आपल्या भक्ष्याविरूद्ध गर्जना करतील. जर कोणी भूमीकडे दृष्टी लावली तर पाहा अंधार व संकट आणि तिच्यावरील अभ्रांनी प्रकाश जाऊन अंधार झालेला आहे.
ପୁଣି, ସେମାନେ ସେହି ଦିନ ସମୁଦ୍ରର ଗର୍ଜ୍ଜନ ତୁଲ୍ୟ ଲୋକମାନଙ୍କ ଉପରେ ଗର୍ଜ୍ଜନ କରିବେ; ତହିଁରେ ଯଦି କେହି ଦେଶ ପ୍ରତି ଅନାଇବ, ତେବେ ଦେଖ, ଅନ୍ଧକାର ଓ ସଙ୍କଟ, ପୁଣି, ସେହି ସ୍ଥାନର ଦୀପ୍ତି ମେଘମାଳାରେ ଅନ୍ଧକାରମୟ ହେବ।

< यशया 5 >