< यशया 44 >
1 १ तर आता याकोबा, माझ्या सेवका आणि इस्राएला, ज्या तुला मी निवडले आहे तो तू माझे ऐक.
ତଥାପି ହେ ଆମ୍ଭର ଦାସ ଯାକୁବ ଓ ଆମ୍ଭର ମନୋନୀତ ଇସ୍ରାଏଲ, ଏବେ ଶୁଣ;
2 २ ज्याने तुला निर्माण केले आणि गर्भस्थानापासून तुला घडिले, जो तुझे साहाय्य करतो तो परमेश्वर असे म्हणतो, हे याकोबा, माझ्या सेवका, आणि यशुरुना, ज्या तुला मी निवडले आहे तो तू भिऊ नको.
ଯେ ତୁମ୍ଭକୁ ନିର୍ମାଣ କଲେ ଓ ଗର୍ଭରୁ ତୁମ୍ଭକୁ ଗଢ଼ିଲେ, ଯେ ତୁମ୍ଭର ସାହାଯ୍ୟ କରିବେ, ସେହି ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି; ହେ ଆମ୍ଭର ଦାସ ଯାକୁବ, ହେ ଆମ୍ଭର ମନୋନୀତ ଯିଶୁରୁଣ, ଭୟ କର ନାହିଁ।
3 ३ कारण मी तहानलेल्या जमिनीवर पाणी ओतीन आणि मी कोरड्या जमिनीवर प्रवाह वाहतील. मी तुझ्या संततीवर आपला आत्मा आणि तुझ्या मुलांवर आपला आशीर्वाद ओतीन.
କାରଣ ଆମ୍ଭେ ତୃଷିତ ଉପରେ ଜଳ ଓ ଶୁଷ୍କ ଭୂମି ଉପରେ ଜଳସ୍ରୋତ ଢାଳିବା; ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ବଂଶ ଉପରେ ଆପଣା ଆତ୍ମା ଓ ତୁମ୍ଭ ସନ୍ତାନଗଣ ଉପରେ ଆପଣା ଆଶୀର୍ବାଦ ଢାଳିବା;
4 ४ पाण्याच्या प्रवाहाजवळ जसे वाळुंज, तसे ते गवतामध्ये उगवते.
ତହିଁରେ ସେମାନେ ଜଳସ୍ରୋତ ନିକଟସ୍ଥ ବାଇଶୀ ବୃକ୍ଷ ତୁଲ୍ୟ ତୃଣ ମଧ୍ୟରେ ଅଙ୍କୁରିତ ହେବେ।
5 ५ “एकजण म्हणेल, ‘मी परमेश्वराचा आहे’ दुसरा ‘याकोबाचे’ नाव आपणास ठेवील; आणि दुसरा आपल्या हातावर परमेश्वरासाठी असे लिहील आणि त्यास इस्राएलाच्या नावाने बोलावतील.”
ଏକ ଜଣ କହିବ, ‘ଆମ୍ଭେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କର;’ ଅନ୍ୟ ଜଣ ଯାକୁବ ନାମରେ ଆପଣାକୁ ଖ୍ୟାତ କରିବ; ଆଉ, ଜଣେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ସ୍ୱହସ୍ତରେ ସ୍ୱାକ୍ଷର କରିବ ଓ ଇସ୍ରାଏଲୀୟ କୁଳ ନାମରେ ଆପଣାକୁ ପ୍ରସିଦ୍ଧ କରିବ।”
6 ६ इस्राएलाचा राजा परमेश्वर, तिचा उद्धारक, सेनाधीश परमेश्वर म्हणतो, “मीच आरंभ आहे आणि मीच शेवट आहे; आणि माझ्याशिवाय कोणी देव नाही.
ସଦାପ୍ରଭୁ, ଇସ୍ରାଏଲର ରାଜା ଓ ତାହାର ମୁକ୍ତିଦାତା ସୈନ୍ୟାଧିପତି ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହି କଥା କହନ୍ତି; “ଆମ୍ଭେ ଆଦି ଓ ଆମ୍ଭେ ଅନ୍ତ, ପୁଣି ଆମ୍ଭ ଛଡ଼ା ପରମେଶ୍ୱର ଆଉ ନାହିଁ।
7 ७ माझ्यासारखा कोण आहे? तर त्याने जाहीर करावे आणि मला स्पष्टीकरण करावे माझे पुरातन लोक स्थापले तेव्हापासून ज्या गोष्टी घडत आहेत व पुढे ज्या घडतील त्या त्यांनी कळवाव्या.
ଆମ୍ଭେ ସେହି ପୁରାତନ ଲୋକଙ୍କୁ ସ୍ଥାପନ କରିବା ସମୟଠାରୁ ଆମ୍ଭ ତୁଲ୍ୟ କିଏ ଆହ୍ୱାନ କରିବ ଓ ତାହା ପ୍ରକାଶ କରିବ ଓ ଯଥାକ୍ରମେ ଆମ୍ଭ ପାଇଁ ତାହା ସଜାଇବ? ପୁଣି, ଯାହା ଯାହା ନିକଟବର୍ତ୍ତୀ ଓ ଯାହା ଯାହା ଘଟିବ, ତାହା ସେମାନେ ପ୍ରକାଶ କରନ୍ତୁ।
8 ८ तुम्ही भिऊ नका किंवा घाबरे होऊ नका. पुरातन काळापासून मी तुला सांगितले आणि जाहीर केले नाही काय? तू माझा साक्षीदार आहे. माझ्याशिवाय तेथे कोणी देव आहे काय? तेथे कोणी दुसरा ‘खडक’ नाही; मला कोणी माहीत नाही.”
ତୁମ୍ଭେମାନେ କମ୍ପିତ କିଅବା ଭୀତ ହୁଅ ନାହିଁ; ଆମ୍ଭେ କʼଣ ପୂର୍ବରୁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ପ୍ରକାଶ କରି ନାହୁଁ ଓ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ତାହା ଜଣାଇ ନାହୁଁ? ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆମ୍ଭର ସାକ୍ଷୀ। ଆମ୍ଭ ଭିନ୍ନ ଆଉ କି ପରମେଶ୍ୱର ଅଛନ୍ତି? ଅନ୍ୟ ଶୈଳ ନାହିଁ; ଆମ୍ଭେ କାହାକୁ ଜାଣୁ ନା।”
9 ९ जे कोरीव मूर्ती घडवतात ते सर्व काहीच नाहीत; ज्या गोष्टीत ते आनंदीत होतात त्या कवडीमोलाच्या आहेत. त्यांचे साक्षी पाहू शकत नाही किंवा काहीच समजत नाही आणि ते लज्जित होतील.
ଯେଉଁମାନେ ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା ନିର୍ମାଣ କରନ୍ତି, ସେମାନେ ସମସ୍ତେ ଅସାର ଓ ସେମାନଙ୍କର ମନୋହର ବିଷୟମାନ ଉପକାରକ ହେବ ନାହିଁ; ସେମାନେ ଯେପରି ଲଜ୍ଜିତ ହେବେ, ଏଥିପାଇଁ ସେମାନଙ୍କର ନିଜ ସାକ୍ଷୀଗଣ ଦେଖନ୍ତି ନାହିଁ, କିଅବା ଜାଣନ୍ତି ନାହିଁ।
10 १० हे देव कोणी किंवा जी ओतीव मूर्ती क्षुल्लक आहे ती कोणी घडवली आहे?
ଯାହା କୌଣସି ବିଷୟରେ ଉପକାରକ ନୁହେଁ, ଏପରି ଦେବତା କିଏ ନିର୍ମାଣ କରିଅଛି, ଅବା ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା କିଏ ଛାଞ୍ଚରେ ଢାଳିଅଛି?
11 ११ पाहा, त्याचे सर्व सोबती लज्जित होतील; कारागीर तर केवळ माणसे आहेत. ते सर्व एकत्र जमून निर्णय घेवोत; ते एकत्र भयभीत व लज्जित होतील.
ଦେଖ, ତାହାର ସହାୟ ସମସ୍ତେ ଲଜ୍ଜିତ ହେବେ; ପୁଣି, ଶିଳ୍ପକାରୀମାନେ ମନୁଷ୍ୟ ମାତ୍ର; ସେସମସ୍ତେ ଏକତ୍ର ହେଉନ୍ତୁ, ସେମାନେ ଛିଡ଼ା ହେଉନ୍ତୁ; ସେମାନେ କମ୍ପିତ ହେବେ, ସେମାନେ ଏକାବେଳେ ଲଜ୍ଜିତ ହେବେ।
12 १२ लोहार त्याच्या हत्याराने, निखाऱ्यांवर काम करून, घडवत असतो. तो त्यास हातोड्याने आकार देतो आणि आपल्या बळकट बाहूने काम करतो. तो भुकेला होतो आणि त्याची शक्ती जाते. तो पाणी पीत नाही आणि क्षीण होतो.
କର୍ମକାର ଲୌହ ଅସ୍ତ୍ର ନିର୍ମାଣ କରି ତପ୍ତ ଅଙ୍ଗାରରେ କର୍ମ କରେ ଓ ହାତୁଡ଼ିରେ ତାହା ଗଢ଼ି ନିଜର ବଳିଷ୍ଠ ବାହୁରେ ତାହା ପ୍ରସ୍ତୁତ କରେ; ହଁ, ସେ କ୍ଷୁଧିତ ହୁଏ ଓ ତାହାର ବଳ ଊଣା ପଡ଼ିଯାଏ, ସେ ଜଳ ପାନ ନ କରି କ୍ଳାନ୍ତ ହୁଏ।
13 १३ सुतार लाकडाचे माप दोरीने रेष मारून करतो आणि गेरूने आखणी करतो. त्याच्या हत्याराने त्यास आकार देतो आणि कंपासाने त्यावर खुणा करतो. ती पवित्रस्थानात रहावी म्हणून त्यास मनुष्याच्या आकाराची, आकर्षक मनुष्यासारखी घडवून तयार करतो.
ସୂତ୍ରଧର ସୂତା ଟାଣେ; ସେ ସିନ୍ଦୁର ଦ୍ୱାରା ଚିହ୍ନ ଦିଏ, ସେ ରନ୍ଦା ବୁଲାଇ ଆକୃତି କରି କମ୍ପାସ ଦ୍ୱାରା ଚିହ୍ନ ଦିଏ ଓ ଗୃହରେ ବାସ କରାଇବା ନିମନ୍ତେ ମନୁଷ୍ୟର ଆକୃତି ଓ ସୌନ୍ଦର୍ଯ୍ୟ ଅନୁସାରେ ତାହା ନିର୍ମାଣ କରେ।
14 १४ तो आपणासाठी गंधसरू तोडतो, किंवा सरू वा अल्लोनची झाडे निवडतो. तो आपणासाठी जंगलात झाडे तोडतो. तो देवदारूचे झाड लावतो पाऊस ते वाढवतो.
ସେ ଆପଣା ନିମନ୍ତେ ଏରସ ବୃକ୍ଷ କାଟେ, ତର୍ସା ଓ ଅଲୋନ ବୃକ୍ଷ ନିଏ, ସେ ବନବୃକ୍ଷ ମଧ୍ୟରୁ ଗୋଟିଏ ବୃକ୍ଷ ଆପଣା ପାଇଁ ଦୃଢ଼ କରେ; ସେ ଦେବଦାରୁ ବୃକ୍ଷ ରୋପଣ କରେ ଓ ବୃଷ୍ଟି ତାହା ବଢ଼ାଏ।
15 १५ मग मनुष्य त्याचा उपयोग सरपणासाठी आणि स्वतःला गरम ठेवण्यासाठी करतो. होय! त्याने अग्नी पेटून आणि भाकर भाजण्यासाठी करतो. मग त्यांपासून देव बनवतो आणि त्याच्या पाया पडतो; तो त्यापासून मूर्ती करतो व त्याच्या पाया पडतो.
ଏଉତ୍ତାରେ ତାହା ମନୁଷ୍ୟର ଜାଳେଣି କାଷ୍ଠ ହୁଏ; ସେ ତହିଁରୁ କିଛି ନେଇ ଅଗ୍ନି ତାପ ନିଏ; ଆଉ, ସେ ତାହା ଜାଳି ରୁଟି ପାକ କରେ; ଆହୁରି, ଗୋଟିଏ ଦେବତା କରି ତାହା ପୂଜା କରେ; ସେ ଗୋଟିଏ ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା କରି ତାହା ଆଗରେ ଦଣ୍ଡବତ କରେ।
16 १६ लाकडाचा एक भाग अग्नीसाठी जाळतो, त्यावर मांसाचा भाग भाजतो. तो खातो आणि तृप्त होतो. तो स्वत: ला ऊबदार ठेवतो आणि म्हणतो, “अहा! मला ऊब आहे, मी अग्नी पाहीला आहे.”
ସେ ତହିଁରୁ ଏକ ଅଂଶ ଅଗ୍ନିରେ ପୋଡ଼େ; ଅନ୍ୟ ଅଂଶରେ ସେ ମାଂସ ପାକ କରି ଭୋଜନ କରେ ଓ ଶୂଲ୍ୟମାଂସ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରି ତୃପ୍ତ ହୁଏ, ଆହୁରି ସେ ଅଗ୍ନି ତାପ ନେଇ କହେ, “ଆଃ, ଆମ୍ଭେ ଉଷ୍ଣ ହେଲୁ, ଆମ୍ଭେ ଅଗ୍ନି ଦେଖିଲୁ।”
17 १७ शिल्लक राहिलेल्या लाकडाचे तो देव बनवतो, आपली कोरीव प्रतिमा घडवतो; तो त्याच्यापुढे नतमस्तक होतो व पूजा करतो, आणि प्रार्थना करून म्हणतो, तू माझा देव आहेस म्हणून मला वाचव.
ପୁଣି, ସେ ତହିଁର ଅବଶିଷ୍ଟାଂଶ ଦ୍ୱାରା ଏକ ଦେବତା, ଆପଣାର ଖୋଦିତ ପ୍ରତିମା ନିର୍ମାଣ କରେ; ସେ ତାହା ଆଗରେ ଦଣ୍ଡବତ କରି ପୂଜା କରେ ଓ ତାହା ନିକଟରେ ପ୍ରାର୍ଥନା କରି କହେ, “ଆମ୍ଭକୁ ଉଦ୍ଧାର କର, ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭର ଦେବତା।”
18 १८ त्यांना कळत नाही, किंवा त्यांना समजत नाही, कारण त्यांचे डोळे आंधळे आहेत व ते पाहू शकत नाही, आणि त्यांच्या हृदयाला आकलन होत नाहीत.
ସେମାନେ ଜାଣନ୍ତି ନାହିଁ, କିଅବା ବିବେଚନା କରନ୍ତି ନାହିଁ, କାରଣ ସେମାନେ ଯେପରି ଦେଖି ନ ପାରିବେ, ଏଥିପାଇଁ ସେମାନଙ୍କର ଚକ୍ଷୁ ଓ ସେମାନେ ଯେପରି ବୁଝି ନ ପାରିବେ, ଏଥିପାଇଁ ସେମାନଙ୍କର ଚିତ୍ତ ସେ ମୁଦ୍ରିତ କରିଅଛନ୍ତି।
19 १९ कोणी विचार करीत नाही किंवा त्यांना नीट समजत नाही ते म्हणतात, मी लाकडाचा एक भाग अग्नीत जाळला; होय, मी त्याच्या निखाऱ्यावर भाकर भाजली. मी त्याच्या निखाऱ्यावर मांस भाजले व खाल्ले. आता त्याच्या दुसऱ्या भागाच्या लाकडाचा आराधनेसाठी काहीतरी ओंगळ बनवू काय? मी लाकडाच्या ठोकळ्याच्या पाया पडू काय?
କେହି ମନେ କରେ ନାହିଁ, କିଅବା ଏହା କହିବା ପାଇଁ କାହାରି ଜ୍ଞାନ କି ବୁଦ୍ଧି ନାହିଁ ଯେ, “ଯହିଁର ଏକ ଅଂଶ ନେଇ ଆମ୍ଭେ ଅଗ୍ନିରେ ଦଗ୍ଧ କରିଅଛୁ ଓ ଯହିଁର ଜ୍ୱଳ; ଅଙ୍ଗାର ନେଇ ରୁଟି ପାକ କରିଅଛୁ ଓ ମାଂସ ପାକ କରି ଭୋଜନ କରିଅଛୁ, ତହିଁର ଅବଶିଷ୍ଟାଂଶ ନେଇ କି ଘୃଣାଯୋଗ୍ୟ ବସ୍ତୁ ନିର୍ମାଣ କରିବା? ଆମ୍ଭେ କି ଖଣ୍ଡେ କାଷ୍ଠ ଆଗରେ ଦଣ୍ଡବତ କରିବା?”
20 २० हे जसे तो जर राख खातो; त्याचे फसवलेले हृदय चुकीच्या मार्गाने नेते. तो आपल्या जीवाला वाचवू शकत नाही किंवा तो म्हणत नाही, “माझ्या हातात धरलेल्या या गोष्टी खोटे देव आहेत.” असे तो म्हणणार नाही.
ସେ ଭସ୍ମ ଭୋଜନ କରେ; ସେ ଯେପରି ଆପଣା ପ୍ରାଣ ଉଦ୍ଧାର କରି ନ ପାରେ, “କିଅବା ଆମ୍ଭ ଡାହାଣ ହସ୍ତରେ କି ମିଥ୍ୟା ନାହିଁ,” ଏହା କହି ନ ପାରେ, ଏଥିପାଇଁ ଭ୍ରାନ୍ତ ଚିତ୍ତ ତାହାକୁ ବିପଥଗାମୀ କରିଅଛି।
21 २१ “हे याकोबा, आणि इस्राएला, यागोष्टीबद्दल विचार कर, कारण तू माझा सेवक आहेस. मी तुला निर्माण केले; तू माझा सेवक आहेस. हे इस्राएला, मला तुझा विसर पडणार नाही.
ହେ ଯାକୁବ, ହେ ଇସ୍ରାଏଲ, ତୁମ୍ଭେ ଏହିସବୁ କଥା ସ୍ମରଣ କର, କାରଣ ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭର ଦାସ; ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଗଢ଼ିଅଛୁ; ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭର ଦାସ; ହେ ଇସ୍ରାଏଲ, ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭ ଦ୍ୱାରା ବିସ୍ମୃତ ହେବ ନାହିଁ।
22 २२ मी तुझी बंडखोरीची कृत्ये, दाट ढगाप्रमाणे आणि तुझे पाप आभाळाप्रमाणे, पुसून टाकली आहेत; माझ्याकडे माघारी ये, कारण मी तुला उद्धारीले आहे.”
ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭର ଅଧର୍ମସବୁ ନିବିଡ଼ କୁହୁଡ଼ିର ନ୍ୟାୟ ଓ ତୁମ୍ଭର ପାପସବୁ ମେଘ ପରି ମାର୍ଜନା କରିଅଛୁ; ଆମ୍ଭ ନିକଟକୁ ଫେରି ଆସ; କାରଣ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ମୁକ୍ତ କରିଅଛୁ।
23 २३ अहो, आकाशांनो, गायन करा, तुम्ही पृथ्वीच्या खालील अधोलोकांनो आरोळी मारा; अहो पर्वतांनो व रान, त्यातली सर्व झाडे गायन करा; कारण परमेश्वराने याकोबास उद्धारीले आहे आणि इस्राएलात आपले प्रताप दाखविले आहे.
ହେ ଆକାଶମଣ୍ଡଳ, ଗାନ କର, କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ଏହା ସାଧନ କରିଅଛନ୍ତି; ହେ ପୃଥିବୀର ଅଧଃସ୍ଥାନସକଳ, ଆନନ୍ଦଧ୍ୱନି କର; ହେ ପର୍ବତଗଣ, ହେ ଅରଣ୍ୟ ଓ ତନ୍ମଧ୍ୟସ୍ଥ ପ୍ରତ୍ୟେକ ବୃକ୍ଷ, ତୁମ୍ଭେମାନେ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ ଗାନ କର; କାରଣ ସଦାପ୍ରଭୁ ଯାକୁବକୁ ମୁକ୍ତ କରିଅଛନ୍ତି ଓ ଇସ୍ରାଏଲ ମଧ୍ୟରେ ଆପଣାକୁ ଗୌରବାନ୍ୱିତ କରିବେ।
24 २४ तुझा उद्धारक, ज्याने तुला गर्भावस्थेपासून घडवले तो परमेश्वर, ज्याने सर्वकाही निर्माण केले, जो एकटा आकाश पसरतो, ज्या एकट्याने पृथ्वी तयार केली तो म्हणतो मीच परमेश्वर आहे.
ତୁମ୍ଭର ମୁକ୍ତିଦାତା ସଦାପ୍ରଭୁ, ଗର୍ଭରୁ ଯେ ତୁମ୍ଭକୁ ଗଢ଼ିଲେ, ସେ ଏହା କହନ୍ତି; “ଆମ୍ଭେ ସଦାପ୍ରଭୁ, ଆମ୍ଭେ ସବୁ କାର୍ଯ୍ୟ ସାଧନ କରୁ ଆମ୍ଭେ ଏକାକୀ ଆକାଶମଣ୍ଡଳ ବିସ୍ତାର କରୁ; ଆମ୍ଭେ ପୃଥିବୀକୁ ପ୍ରସାର କରୁ; ଆମ୍ଭର ସଙ୍ଗୀ କିଏ?
25 २५ व्यर्थ बोलणाऱ्याचे शकून मी निष्फळ करतो आणि जे शकून वाचतात त्यांना काळिमा लावतो; जो मी ज्ञानाचे ज्ञान मागे फिरवतो आणि त्यांचे सल्ले मूर्खपण करतो.
ଆମ୍ଭେ ମିଥ୍ୟାବାଦୀମାନଙ୍କର (ଦତ୍ତ) ଲକ୍ଷଣସବୁ ବିଫଳ କରୁ ଓ ମନ୍ତ୍ରଜ୍ଞମାନଙ୍କୁ ଉନ୍ମତ୍ତ କରୁ; ଆମ୍ଭେ ଜ୍ଞାନୀମାନଙ୍କୁ ପଛକୁ ହଟାଇ ଦେଉ ଓ ସେମାନଙ୍କର ଜ୍ଞାନ ମୂର୍ଖତା କରୁ;
26 २६ मी परमेश्वर! जो आपल्या सेवकाची घोषणा परिपूर्ण करतो आणि आपल्या दूतांचा सल्ला सिद्धीस नेणारा, जो यरूशलेमेविषयी म्हणतो की, ती वसविली जाईल आणि यहूदाच्या नगराविषयी म्हणतो की, ती पुन्हा बांधली जातील आणि मी त्याच्या उजाड जागेची उभारणी करीन.
ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ଦାସର ବାକ୍ୟ ଦୃଢ଼ କରୁ ଓ ଆପଣା ଦୂତଗଣର ମନ୍ତ୍ରଣା ସିଦ୍ଧ କରୁ; ଆମ୍ଭେ ଯିରୂଶାଲମ ବିଷୟରେ କହୁ, ତାହା ବସତିବିଶିଷ୍ଟ ହେବ ଓ ଯିହୁଦାର ନଗରମାନଙ୍କ ବିଷୟରେ କହୁ, ‘ସେହି ସବୁ ପୁନଃନିର୍ମିତ ହେବ,’ ‘ପୁଣି ଆମ୍ଭେ ତହିଁର ଉଜାଡ଼ ସ୍ଥାନସବୁ ପୁନର୍ବାର ପତ୍ତନ କରିବା;’
27 २७ जो खोल समुद्राला म्हणतो, आटून जा आणि मी तुझे प्रवाह सुकवीन.
ଆମ୍ଭେ ଅଗାଧ ଜଳକୁ କହୁ, ‘ଶୁଷ୍କ ହୁଅ; ପୁଣି ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭର ନଦ-ନଦୀସବୁ ଶୁଷ୍କ କରିବା;’
28 २८ जो कोरेशाविषयी म्हणतो, तो माझा मेंढपाळ आहे, तो माझी प्रत्येक इच्छा पूर्ण करील. तो यरूशलेमेविषयी म्हणेल, ती पुन्हा बांधण्यात येईल आणि मंदिराविषयी म्हणेल, तुझा पाया घातला जाईल.
ଆମ୍ଭେ କୋରସ୍ ବିଷୟରେ କହୁ, ‘ସେ ଆମ୍ଭ ପଲର ପାଳକ ଓ ଆମ୍ଭର ଇଷ୍ଟ ସାଧନ କରିବ;’ ସେ ଯିରୂଶାଲମ ବିଷୟରେ କହିବ, ‘ତାହା ପୁନଃନିର୍ମିତ ହେବ’ ଓ ମନ୍ଦିରକୁ କହିବ, ‘ତୁମ୍ଭର ଭିତ୍ତିମୂଳ ସ୍ଥାପିତ ହେବ।’”