< उत्पत्ति 41 >

1 साधारणपणे दोन वर्षे पूर्ण झाल्यानंतर फारो राजाला स्वप्न पडले. ते असे की, पाहा तो नाईल नदीच्या काठी उभा राहिला होता.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ଦୁଇ ବର୍ଷ ଶେଷରେ ଫାରୋ ଏହି ସ୍ୱପ୍ନ ଦେଖିଲେ; ଦେଖ, ସେ ନୀଳ ନଦୀ କୂଳରେ ଠିଆ ହୋଇଅଛନ୍ତି।
2 तेव्हा पाहा, त्याने सात गाई नाईल नदीतून बाहेर येताना पाहिल्या. त्या धुष्टपुष्ट व सुंदर होत्या. त्या तेथे उभ्या राहून गवतात चरत होत्या.
ଆଉ ଦେଖ, ନଦୀ ଭିତରୁ ସାତୋଟି ହୃଷ୍ଟପୁଷ୍ଟ ସୁନ୍ଦର ଗୋରୁ ଉଠି ନଳ-ତୃଣ ମଧ୍ୟରେ ଚରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
3 त्यानंतर आणखी सात दुबळ्या व कुरुप गाई नदीतून बाहेर आल्या व नदीच्या किनारी त्या सात धष्टपुष्ट व सुंदर गाईंच्या बाजूला उभ्या राहिल्या.
ସେମାନଙ୍କ ଉତ୍ତାରେ ଦେଖ, ଅନ୍ୟ ସାତୋଟି କୃଶ ଓ କୁତ୍ସିତ ଗୋରୁ ନଦୀରୁ ଉଠି ନଦୀ ତଟରେ ସେହି ଗୋରୁମାନଙ୍କ ପାଖରେ ଠିଆ ହେଲେ।
4 आणि त्या सात दुबळ्या व कुरुप गाईंनी त्या सात सुंदर व धष्टपुष्ट गाईंना खाऊन टाकले. त्यानंतर फारो राजा जागा झाला.
ତହିଁରେ ସେହି ଦୁର୍ବଳ ଓ କୁତ୍ସିତ ଗୋରୁ ସେହି ସାତୋଟି ହୃଷ୍ଟପୁଷ୍ଟ ସୁନ୍ଦର ଗୋରୁଙ୍କୁ ଖାଇ ପକାଇଲେ। ଏପରି ସମୟରେ ଫାରୋଙ୍କର ନିଦ୍ରା ଭଙ୍ଗ ହେଲା।
5 मग फारो राजा पुन्हा झोपल्यावर त्यास दुसऱ्यांदा स्वप्न पडले. त्यामध्ये त्याने पाहिले की, एकाच ताटाला सात भरदार कणसे आली.
ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ସେ ନିଦ୍ରିତ ହୋଇ ଦ୍ୱିତୀୟ ଥର ସ୍ୱପ୍ନ ଦେଖିଲେ; ଗୋଟିଏ ଡେମ୍ଫରେ ସାତୋଟି ପରିପୁଷ୍ଟ ଓ ଉତ୍ତମ ଶିଷା ବାହାରିଲା।
6 त्यानंतर पाहा, त्या ताटाला सात खुरटलेली व पूर्वेच्या वाऱ्याने करपलेली अशी सात कणसे आली.
ସେମାନଙ୍କ ଉତ୍ତାରେ ପୂର୍ବୀୟ ବାୟୁରେ ଶୁଷ୍କ ଆଉ ସାତୁଟା କ୍ଷୀଣ ଶିଷା ଉତ୍ପନ୍ନ ହେଲା।
7 नंतर त्या सात खुरटलेल्या व करपलेल्या कणसांनी ती सात चांगली व टपोऱ्या दाण्यांची भरदार कणसे गिळून टाकली. तेव्हा फारो पुन्हा जागा झाला आणि ते तर स्वप्न असल्याचे त्यास समजले.
ପୁଣି, ସେହି ସାତୁଟା କ୍ଷୀଣ ଶିଷା ଏହି ସାତୋଟି ପରିପୁଷ୍ଟ ଓ ପୂର୍ଣ୍ଣ ଶିଷାକୁ ଗ୍ରାସ କଲା। ଏପରି ସମୟରେ ଫାରୋଙ୍କର ନିଦ୍ରା ଭଙ୍ଗ ହୁଅନ୍ତେ, ସ୍ୱପ୍ନ-ମାତ୍ର ଜ୍ଞାତ ହେଲା।
8 दुसऱ्या दिवशी सकाळ झाल्यावर फारो राजा त्या स्वप्नांमुळे चिंतेत पडून बेचैन झाला. त्याने मिसर देशातील जादूगार व ज्ञान्यांना बोलावले. फारोने आपली स्वप्ने त्यांना सांगितली. परंतु त्यांच्यातील कोणालाच त्या स्वप्नांचा अर्थ सांगता आला नाही.
ପୁଣି, ପ୍ରଭାତରେ ତାଙ୍କର ମନ ଉଦ୍‍ବିଗ୍ନ ହେଲା, ତହୁଁ ସେ ଲୋକ ପଠାଇ ମିସର ଦେଶୀୟ ମନ୍ତ୍ରଜ୍ଞ ଓ ପଣ୍ଡିତ ସମସ୍ତଙ୍କୁ ଡକାଇଲେ; ମାତ୍ର ଫାରୋ ସେମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ଆପଣା ସ୍ୱପ୍ନର କଥା କହନ୍ତେ, ସେମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କେହି ଫାରୋଙ୍କୁ ତହିଁର ଅର୍ଥ କହି ପାରିଲେ ନାହିଁ।
9 तेव्हा प्यालेबरदार फारोस म्हणाला, “आज मला माझ्या अपराधाची आठवण होत आहे.
ସେତେବେଳେ ପ୍ରଧାନ ପାନପାତ୍ରବାହକ ଫାରୋଙ୍କ ଛାମୁରେ ନିବେଦନ କଲା, “ଆଜି ମୁଁ ନିଜ ଅପରାଧ ସ୍ମରଣ କରୁଅଛି।
10 १० फारो, आपण माझ्यावर व आचाऱ्यावर संतापला होता आणि आपण आम्हांस पहारेकऱ्यांच्या सरदाराच्या वाड्यातील तुरुंगात टाकले होते.
ଫାରୋ ଆପଣା ଦାସ ମୋʼ ପ୍ରତି ଓ ପ୍ରଧାନ ସୂପକାର ପ୍ରତି କ୍ରୋଧାନ୍ୱିତ ହୋଇ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ରକ୍ଷକ ସୈନ୍ୟାଧିପତିର କାରାଗାରରେ ବନ୍ଦ କରି ରଖିଥିଲେ।
11 ११ तेव्हा तुरुंगात असताना एकाच रात्री मला व त्याला, आम्हा दोघांना स्वप्ने पडली. आम्हांला लागू होतील अशी निरनिराळी स्वप्ने आम्हांला पडली.
ତହିଁରେ ଆମ୍ଭେ ଦୁହେଁ ଏକ ରାତ୍ରିରେ ସ୍ୱପ୍ନ ଦେଖିଲୁ; ପୁଣି, ଦୁହିଁଙ୍କ ସ୍ୱପ୍ନର ଦୁଇ ପ୍ରକାର ଅର୍ଥ ହେଲା।
12 १२ तेथे कोणी इब्री तरुण आमच्याबरोबर कैदेत होता. तो संरक्षण दलाच्या सरदाराचा दास होता. त्यास आम्ही आमची स्वप्ने सांगितली त्याने त्याचे स्पष्टीकरण केले. त्याने आमच्या प्रत्येकाच्या स्वप्नांचा अर्थ सांगितला.
ସେଠାରେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ସଙ୍ଗରେ ରକ୍ଷକ ସୈନ୍ୟାଧିପତିର ଦାସ ଜଣେ ଏବ୍ରୀୟ ଯୁବା ଥିଲା; ଆମ୍ଭେମାନେ ତାକୁ ସ୍ୱପ୍ନର କଥା କହନ୍ତେ, ସେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ତହିଁର ଅର୍ଥ କହିଲା, ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜଣର ସ୍ୱପ୍ନାନୁସାରେ ଅର୍ଥ କହିଲା।
13 १३ आणि त्याने सांगितलेल्या अर्थाप्रमाणे तसे ते घडले. तो म्हणाला, फारो तुला पूर्वीप्रमाणे कामावर पुन्हा घेईल आणि परंतु दुसऱ्याला फाशी देईल.”
ତହିଁରେ ସେ ଆମ୍ଭ ଦୁହିଁଙ୍କୁ ଯେରୂପ ଅର୍ଥ କହିଥିଲା, ତଦ୍ରୂପ ଘଟିଲା; ମୁଁ ପୂର୍ବ ପଦରେ ନିଯୁକ୍ତ ହେଲି ଓ ସେ ଫାଶୀ ପାଇଲା।”
14 १४ मग फारोने योसेफाला बोलावणे पाठवले. तेव्हा त्यांनी त्यास ताबडतोब तुरुंगातून बाहेर आणले. योसेफ दाढी करून व कपडे बदलून फारोकडे आला.
ସେତେବେଳେ ଫାରୋ ଯୋଷେଫଙ୍କୁ ଡକାଇ ପଠାନ୍ତେ, ଲୋକମାନେ କାରାଗାରରୁ ତାଙ୍କୁ ଶୀଘ୍ର ଆଣିଲେ; ସେ କ୍ଷୌରକର୍ମ କରି ଓ ଉତ୍ତମ ବସ୍ତ୍ର ପିନ୍ଧି ଫାରୋଙ୍କ ଛାମୁରେ ଉପସ୍ଥିତ ହେଲେ।
15 १५ मग फारो योसेफास म्हणाला, “मला स्वप्न पडले आहे, परंतु त्याचा अर्थ सांगणारा कोणी नाही. मी तुझ्याविषयी ऐकले की, जेव्हा कोणी तुला स्वप्न सांगतो तेव्हा तू स्वप्नांचा अर्थ सांगतोस.”
ତହୁଁ ଫାରୋ ଯୋଷେଫଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେ ଗୋଟିଏ ସ୍ୱପ୍ନ ଦେଖିଅଛୁ, କେହି ତହିଁର ଅର୍ଥ କରି ପାରୁ ନାହାନ୍ତି; ମାତ୍ର ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭ ବିଷୟରେ ଶୁଣିଅଛୁ, ଯେ ତୁମ୍ଭେ ସ୍ୱପ୍ନ ଶୁଣିଲେ, ତହିଁର ଅର୍ଥ କରିପାର।”
16 १६ योसेफाने फारोला उत्तर देऊन म्हणाला, “तसे सामर्थ्य माझ्यामध्ये नाही. देवच फारोला स्वप्नांचा अर्थ सांगेल.”
ତହିଁରେ ଯୋଷେଫ କହିଲେ, “ତାହା ମୋହର ଆୟତ୍ତ ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ପରମେଶ୍ୱର ଫାରୋଙ୍କୁ ମାଙ୍ଗଳିକ ଉତ୍ତର ଦେବେ।”
17 १७ मग फारो योसेफाला म्हणाला, “माझ्या स्वप्नामध्ये मी नाईल नदीच्या काठी उभा होतो.
ତହୁଁ ଫାରୋ ଯୋଷେଫଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭ ସ୍ୱପ୍ନରେ, ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ନଦୀ ତଟରେ ଠିଆ ହୋଇଥିଲୁ।
18 १८ तेव्हा पाहा नदीतून सात धष्टपुष्ट व सुंदर गाई बाहेर आल्या व गवत खाऊ लागल्या असे मी पाहिले.
ତହିଁରେ ନଦୀ ଭିତରୁ ସାତୋଟି ହୃଷ୍ଟପୁଷ୍ଟ ସୁନ୍ଦର ଗୋରୁ ଉଠି ନଳ-ତୃଣ ମଧ୍ୟରେ ଚରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
19 १९ त्यानंतर पाहा, सात दुबळ्या व कुरुप गाई वर आल्या. मी सबंध मिसर देशात त्यांच्यासारख्या बेढब गाई कधीच पाहिल्या नव्हत्या.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେମାନଙ୍କ ଉତ୍ତାରେ ଆଉ ସାତୋଟି ଦୁର୍ବଳ ଅତି କୁତ୍ସିତ ଓ କୃଶାଙ୍ଗ ଗୋରୁ ଉଠି ଆସିଲେ; ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ପରି କୁତ୍ସିତ ଗୋରୁ ସମୁଦାୟ ମିସର ଦେଶରେ କଦାପି ଦେଖି ନାହୁଁ।
20 २० त्या दुबळ्या व कुरुप गाईंनी आधीच्या धष्टपुष्ट व सुंदर गाई गिळून टाकल्या.
ପୁଣି, ସେହି କ୍ଷୀଣ କୁତ୍ସିତ ଗୋରୁ ପୂର୍ବର ହୃଷ୍ଟପୁଷ୍ଟ ସେହି ସାତୋଟି ଗୋରୁଙ୍କୁ ଖାଇ ପକାଇଲେ।
21 २१ तरीही त्या दुबळ्या व कुरुपच राहिल्या, त्यांच्याकडे पाहिल्यावर त्यांनी त्या सात गाई गिळून टाकल्या असे वाटत नव्हते, त्या पूर्वीप्रमानेच कुरुप व दुबळ्या दिसत होत्या मग मी जागा झालो.
ମାତ୍ର ଖାଇଲା ଉତ୍ତାରେ ସେମାନଙ୍କ ପେଟ ଖାଇଲା ପରି ଜଣାଗଲା ନାହିଁ; ସେମାନେ ପୂର୍ବ ପରି କୁତ୍ସିତ ରହିଲେ। ଏପରି ସମୟରେ ଆମ୍ଭର ନିଦ୍ରା ଭଙ୍ଗ ହେଲା।
22 २२ त्यानंतर माझ्या दुसऱ्या स्वप्नात एकाच ताटाला सात चांगली भरदार व टपोऱ्या दाण्यांची भरगच्च कणसे आली,
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଆମ୍ଭେ ସ୍ୱପ୍ନରେ ଦେଖିଲୁ ଯେ, ଦେଖ, ଗୋଟିଏ ଶଣ୍ଢାରେ ସାତୋଟି ପୂର୍ଣ୍ଣ ଓ ଉତ୍ତମ ଶିଷା ବାହାରିଲା।
23 २३ मग त्यांच्या मागून त्या ताटाला आणखी दुसरी वाळलेली, बारीक व पूर्वेच्या गरम वाऱ्याच्या झळांमुळे करपलेली सात कणसे आली.
ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ପୂର୍ବୀୟ ବାୟୁରେ ଶୁଷ୍କ, କ୍ଷୀଣ ଓ ମ୍ଳାନ ସାତୋଟି ଶିଷା ଉତ୍ପନ୍ନ ହେଲା।
24 २४ बारीक कणसांनी ती चांगली सात कणसे गिळून टाकली. ही माझी स्वप्ने मी माझ्या जादुगारांना सांगितली. परंतु त्यांच्यातील कोणालाही त्यांचा उलगडा करून सांगता आले नाही.”
ପୁଣି, ସେହି କ୍ଷୀଣ ଶିଷା, ସେହି ଉତ୍ତମ ସାତ ଶିଷାକୁ ଗ୍ରାସ କଲା। ଏହି ସ୍ୱପ୍ନ ଆମ୍ଭେ ମନ୍ତ୍ରଜ୍ଞମାନଙ୍କୁ କହିଲୁ, ମାତ୍ର କେହି ଏଥିର ଅର୍ଥ ଆମ୍ଭକୁ କହି ପାରିଲେ ନାହିଁ।”
25 २५ मग योसेफ फारोला म्हणाला, “महाराज, या दोन्हीही स्वप्नांचा अर्थ एकच आहे. देव जे काही करणार आहे ते त्याने आपणांस कळविले आहे.
ତେବେ ଯୋଷେଫ ଫାରୋଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଫାରୋଙ୍କର ସ୍ୱପ୍ନ ଏକ; ପରମେଶ୍ୱର ଯାହା କରିବାକୁ ଉଦ୍ୟତ, ତାହା ଫାରୋଙ୍କ ପ୍ରତି ପ୍ରକାଶ କରିଅଛନ୍ତି।
26 २६ त्या सात चांगल्या गाई आणि ती सात चांगली कणसे म्हणजे सात चांगली वर्षे आहेत. स्वप्ने सारखीच आहेत.
ସେହି ସାତୋଟି ଉତ୍ତମ ଗୋରୁ ସାତ ବର୍ଷ ସ୍ୱରୂପ, ପୁଣି, ସେହି ସାତୋଟି ଉତ୍ତମ ଶିଷା ମଧ୍ୟ ସାତ ବର୍ଷ ସ୍ୱରୂପ, ସ୍ୱପ୍ନ ଏକମାତ୍ର।
27 २७ त्या दुसऱ्या सात दुबळ्या गाई व ती सात सुकलेली व पूर्वेच्या वऱ्याने करपलेली कणसेही म्हणजे अवघ्या देशावर येणाऱ्या दुष्काळाची सात वर्षे आहेत.
ତହିଁ ପଶ୍ଚାତ୍‍ ଉତ୍ଥିତ ସେହି ସାତୋଟି କ୍ଷୀଣ କୁତ୍ସିତ ଗୋରୁ ସାତ ବର୍ଷ ସ୍ୱରୂପ; ଆଉ ପୂର୍ବୀୟ ବାୟୁରେ ଶୁଷ୍କ ସାତୋଟି ଶିଷା ମଧ୍ୟ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷର ସାତ ବର୍ଷ ସ୍ୱରୂପ।
28 २८ जी गोष्ट मी फारोला सांगितली ती हीच आहे. जे काय घडणार आहे हे देवाने आपणास दाखवले आहे.
ମୁଁ ଫାରୋଙ୍କୁ କହିଅଛି: ପରମେଶ୍ୱର ଯାହା କରିବାକୁ ଉଦ୍ୟତ, ତାହା ଫାରୋଙ୍କୁ ଦେଖାଇଅଛନ୍ତି।
29 २९ पाहा सर्व मिसर देशात सात वर्षांच्या सुबत्तेच्या काळात चांगले व भरपूर पीक येईल.
ଦେଖନ୍ତୁ, ସମସ୍ତ ମିସର ଦେଶରେ ସାତ ବର୍ଷ ମହା ସୁଭିକ୍ଷ ଆସୁଅଛି।
30 ३० परंतु सुकाळाच्या सात वर्षांनंतर सर्व देशभर दुष्काळाची अशी सात वर्षे येतील की, त्यामुळे मिसर देशाला सुकाळाचा विसर पडेल आणि हा दुष्काळ देशाचा नाश करील.
ତହିଁ ପଛେ ସାତ ବର୍ଷ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ପଡ଼ିବ; ସମସ୍ତ ସୁଭିକ୍ଷ ମିସର ଦେଶରୁ ବିସ୍ମୃତ ହେବ; ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ଦେଶକୁ ଧ୍ୱଂସ କରିବ।
31 ३१ आणि भरपूर धान्य असतानाचे दिवस देशात कसे होते याचा लोकांस विसर पडेल, कारण तो फार भयंकर काळ असेल.
ପୁଣି, ପଶ୍ଚାଦ୍‍ବର୍ତ୍ତୀ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ସକାଶୁ ଦେଶରେ ସୁଭିକ୍ଷ ଜଣା ପଡ଼ିବ ନାହିଁ; କାରଣ ତାହା ଅତି ଭାରୀ ହେବ।
32 ३२ तेव्हा फारो महाराज, एकाच गोष्टीविषयी आपणाला दोनदा स्वप्ने पडली, ती यासाठी की, देव हे सर्व लवकरच व नक्की घडवून आणील हे आपणास दाखवावे.
ଫାରୋ ଦୁଇ ଥର ସ୍ୱପ୍ନ ଦେଖିବାର ଭାବ ଏହି ଯେ, ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଦ୍ୱାରା ତାହା ନିଶ୍ଚିତ ହୋଇଅଛି, ପୁଣି, ପରମେଶ୍ୱର ତାହା ଶୀଘ୍ର ଘଟାଇବେ।
33 ३३ तेव्हा, फारोने एखाद्या समंजस व शहाण्या मनुष्याची निवड करून त्यास सर्व मिसर देशावर नेमावे.
ଏଥିପାଇଁ ଏବେ ଫାରୋ ଜଣେ ବୁଦ୍ଧିମାନ ଜ୍ଞାନୀ ପୁରୁଷ ଦେଖି ମିସର ଦେଶ ଉପରେ ନିଯୁକ୍ତ କରନ୍ତୁ।
34 ३४ फारोने हे करावे: देशावर देखरेख करणारे नेमावे. त्यांनी येत्या सात वर्षांच्या सुकाळात मिसरातल्या पिकाचा पाचवा हिस्सा गोळा करून घ्यावा.
ଫାରୋ ଏହା କରନ୍ତୁ, ଆଉ ଦେଶରେ ଅଧ୍ୟକ୍ଷଗଣ ନିଯୁକ୍ତ କରି ସାତ ବର୍ଷ ସୁଭିକ୍ଷ ସମୟରେ ମିସର ଦେଶରୁ ଶସ୍ୟର ପଞ୍ଚମାଂଶ ଗ୍ରହଣ କରନ୍ତୁ।
35 ३५ अशा रीतीने ही जी येणारी चांगली वर्षे, त्यामध्ये सर्व अन्नधान्य गोळा करावे. फारोच्या अधिकाराखाली ते धान्य नगरांमध्ये साठवून ठेवावे. त्यांनी त्याची राखण करावी.
ଅର୍ଥାତ୍‍, ସେମାନେ ସେହି ଆଗାମୀ ଉତ୍ତମ ବର୍ଷର ସବୁ ଭକ୍ଷ୍ୟ ସଂଗ୍ରହ କରନ୍ତୁ, ପୁଣି, ପ୍ରତି ନଗରରେ ଖାଦ୍ୟ ନିମନ୍ତେ ଫାରୋଙ୍କ ହସ୍ତାଧୀନରେ ଶସ୍ୟ ସଞ୍ଚୟ କରି ରକ୍ଷା କରନ୍ତୁ।
36 ३६ येणाऱ्या दुष्काळातील सात वर्षांच्या काळात त्या धान्याचा पुरवठा मिसर देशाला करावा. अशा प्रकारे मग दुष्काळाच्या सात वर्षात देशाचा नाश होणार नाही.”
ଏହିରୂପେ ମିସର ଦେଶରେ ଭବିଷ୍ୟତ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷର ସାତ ବର୍ଷ ନିମନ୍ତେ ଦେଶର ନିର୍ବାହାର୍ଥେ ସେହି ଭକ୍ଷ୍ୟ ସଞ୍ଚିତ ଥିଲେ, ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ଦ୍ୱାରା ଦେଶ ଉଚ୍ଛିନ୍ନ ହେବ ନାହିଁ।”
37 ३७ हा सल्ला फारो राजाच्या दृष्टीने व त्याच्या सर्व सेवकांच्या दृष्टीने चांगला वाटला.
ସେତେବେଳେ ଫାରୋଙ୍କର ଓ ତାଙ୍କର ଦାସମାନଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ଏହି କଥା ଉତ୍ତମ ବୋଧ ହେଲା।
38 ३८ फारो त्याच्या सेवकांना म्हणाला, “देवाचा आत्मा ज्याच्यात आहे असा, ह्याच्यापेक्षा अधिक चांगला व योग्य असा दुसरा कोणी मनुष्य सापडेल काय?”
ତହିଁରେ ଫାରୋ ଆପଣା ଦାସମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେମାନେ କି ଏହାଙ୍କ ପରି ପୁରୁଷ ଆଉ ପାଇ ପାରିବା? ଏହାଙ୍କଠାରେ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଆତ୍ମା ଅଛନ୍ତି।”
39 ३९ तेव्हा फारो योसेफास म्हणाला, “देवाने तुला या सर्व गोष्टी दाखवल्या आहेत, म्हणून तुझ्यासारखा समंजस व शहाणा दुसरा कोणी नाही.
ତହୁଁ ଫାରୋ ଯୋଷେଫଙ୍କୁ କହିଲେ, “ପରମେଶ୍ୱର ତୁମ୍ଭକୁ ଏସମସ୍ତ ଜଣାଇଛନ୍ତି, ଏଣୁ ତୁମ୍ଭ ପରି ବୁଦ୍ଧିମାନ ଓ ଜ୍ଞାନୀ କେହି ନାହିଁ;
40 ४० तू माझ्या घराचा अधिकारी हो आणि तुझ्या शब्दाप्रमाणे माझे सर्व लोक चालतील. या देशात केवळ राजासनापुरता म्हणून काय तो मी तुझ्यापेक्षा मोठा असेन.”
ତୁମ୍ଭେ ଆମ୍ଭର ଗୃହାଧ୍ୟକ୍ଷ ହୁଅ; ଆମ୍ଭର ସମସ୍ତ ପ୍ରଜା ତୁମ୍ଭର ବାକ୍ୟ ଶିରୋଧାର୍ଯ୍ୟ କରିବେ, କେବଳ ସିଂହାସନରେ ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭଠାରୁ ବଡ଼ ଥିବା।”
41 ४१ मग फारो योसेफास म्हणाला, “मी तुला सर्व मिसर देशावर नेमले आहे.”
ଫାରୋ ଯୋଷେଫଙ୍କୁ ଆହୁରି କହିଲେ, “ଦେଖ, ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ସମୁଦାୟ ମିସର ଦେଶ ଉପରେ ନିଯୁକ୍ତ କଲୁ।”
42 ४२ मग फारोने राजमुद्रा असलेली आपल्या बोटातील अंगठी योसेफाच्या बोटात घातली; तलम तागाच्या वस्त्राचा पोशाख त्यास घातला आणि त्याच्या गळ्यात एक सोन्याची साखळी घातली.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଫାରୋ ଆପଣା ହସ୍ତରୁ ନିଜ ସନ୍ତକ-ଅଙ୍ଗୁରୀୟ କାଢ଼ି ଯୋଷେଫଙ୍କ ହସ୍ତରେ ଦେଇ ତାଙ୍କୁ ସୂକ୍ଷ୍ମବସ୍ତ୍ର ପିନ୍ଧାଇ ତାଙ୍କ ଗଳାରେ ସୁବର୍ଣ୍ଣ ହାର ଦେଲେ।
43 ४३ नंतर त्याने त्यास आपल्या दुसऱ्या रथात बसवले. लोक त्याच्यापुढे आरोळी देत चालले “गुडघे टेका.” फारोने त्यास सर्व देशावर नेमले.
ପୁଣି, ତାଙ୍କୁ ଆପଣା ଦ୍ୱିତୀୟ ରଥରେ ଆରୋହଣ କରାଇଲେ; ଆଉ ଲୋକମାନେ ତାଙ୍କର ଆଗେ ଆଗେ “ଆଣ୍ଠୁ ପାତ ଆଣ୍ଠୁ ପାତ” ବୋଲି ଘୋଷଣା କଲେ। ଏହି ପ୍ରକାରେ ସେ ତାଙ୍କୁ ସମସ୍ତ ମିସର ଦେଶ ଉପରେ ନିଯୁକ୍ତ କଲେ।
44 ४४ फारो योसेफाला म्हणाला, “मी फारो आहे, आणि सर्व मिसर देशात तुझ्या हुकुमाशिवाय कोणी आपला हात किंवा पाय हलवू शकणार नाही.”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଫାରୋ ଯୋଷେଫଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେ ଫାରୋ ଅଟୁ, ଏହେତୁ ତୁମ୍ଭ ଆଜ୍ଞା ବିନୁ ସମସ୍ତ ମିସର ଦେଶରେ କୌଣସି ଲୋକ ହାତ ଗୋଡ଼ ଉଠାଇ ପାରିବ ନାହିଁ।”
45 ४५ फारो राजाने योसेफाला “सापनाथ-पानेह” असे दुसरे नाव दिले. फारोने ओन शहराचा याजक पोटीफर याची मुलगी आसनथ ही योसेफाला पत्नी करून दिली. योसेफ सर्व मिसर देशावर अधिकारी झाला.
ପୁଣି, ଫାରୋ ଯୋଷେଫଙ୍କର ନାମ “ସାଫନତ୍‍-ପାନେହ ରଖିଲେ;” ପୁଣି, ଓନ୍‍ ନଗର ନିବାସୀ ପୋଟୀଫେର ନାମକ ଯାଜକର ଆସନତ୍‍ ନାମ୍ନୀ କନ୍ୟା ସହିତ ତାଙ୍କର ବିବାହ ଦେଲେ। ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଯୋଷେଫ ସମୁଦାୟ ମିସର ଦେଶରେ ଗମନାଗମନ କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
46 ४६ योसेफ मिसर देशाचा राजा फारो याची सेवा करू लागला तेव्हा तो तीस वर्षांचा होता. योसेफाने मिसर देशभर दौरा करून देशाची पाहणी केली.
ଯୋଷେଫ ତିରିଶ ବର୍ଷ ବୟସ ସମୟରେ ମିସରୀୟ ରାଜା ଫାରୋଙ୍କ ଛାମୁରେ ଠିଆ ହୋଇଥିଲେ; ତାହା ପରେ ଯୋଷେଫ ଫାରୋଙ୍କ ନିକଟରୁ ପ୍ରସ୍ଥାନ କରି ମିସର ଦେଶର ସର୍ବତ୍ର ଭ୍ରମଣ କଲେ।
47 ४७ सुकाळाच्या सात वर्षात सर्व देशभर भरपूर पीक आले.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେହି ସୁଭିକ୍ଷର ସାତ ବର୍ଷ ଭୂମିରେ ଅପାର ଅପାର ଶସ୍ୟ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେଲା।
48 ४८ योसेफाने सुकाळाच्या सात वर्षात अन्नधान्य गोळा करून नगरोनगरी साठवून ठेवले. त्याने प्रत्येक नगराभोवतालच्या शेतातले अन्नधान्य त्यामध्येच साठवून ठेवले.
ଯୋଷେଫ ସେହି ସାତ ବର୍ଷରେ ମିସର ଦେଶରେ ଉତ୍ପନ୍ନ ସକଳ ଶସ୍ୟ ସଂଗ୍ରହ କରି ପ୍ରତି ନଗରରେ ସଞ୍ଚୟ କଲେ; ପୁଣି, ଯେଉଁ ଯେଉଁ ନଗରର ଚାରିଆଡ଼ ଭୂମିରେ ଯେତେ ଶସ୍ୟ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେଲା, ତାହାସବୁ ସେହି ସେହି ନଗରରେ ସଞ୍ଚୟ କଲେ।
49 ४९ योसेफाने जणू काय समुद्राच्या वाळूप्रमाणे अन्नधान्य गोळा करून साठवून ठेवले. ते इतके होते की, त्याने मोजणे सोडले कारण ते मोजमाप करता येत नव्हते.
ଏହି ପ୍ରକାରେ ଯୋଷେଫ ସମୁଦ୍ରର ବାଲି ପରି ଏତେ ବହୁଳ ଶସ୍ୟ ସଂଗ୍ରହ କଲେ ଯେ, ତାହା ଆଉ ମାପିଲେ ନାହିଁ; କାରଣ ତାହା ଅପରିମେୟ ଥିଲା।
50 ५० दुष्काळ येण्यापूर्वी योसेफाला, आसनथ जी ओनचा याजक पोटीफर याची मुलगी तिच्या पोटी दोन पुत्र झाले.
ଆଉ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ବର୍ଷ ପୂର୍ବରେ ଯୋଷେଫଙ୍କର ଦୁଇ ପୁତ୍ର ଜାତ ହୋଇଥିଲେ, ଓନ୍‍ ନଗର ନିବାସୀ ପୋଟୀଫେର ଯାଜକର ଆସନତ୍‍ ନାମ୍ନୀ କନ୍ୟା ସେମାନଙ୍କୁ ଜନ୍ମ କରିଥିଲା।
51 ५१ योसेफाने पाहिल्या मुलाचे नाव मनश्शे ठेवले. कारण तो म्हणाला, “देवाने, मला झालेल्या सर्व कष्टांचा व तसेच माझ्या वडिलाच्या घराचा विसर पडू दिला.”
ତହିଁରେ ଯୋଷେଫ ଜ୍ୟେଷ୍ଠର ନାମ ମନଃଶି ରଖିଲେ, କାରଣ ସେ କହିଲେ, “ପରମେଶ୍ୱର ମୋହର ସମସ୍ତ କ୍ଳେଶର ଓ ନିଜ ପିତୃଗୃହର ବିସ୍ମୃତି ଜନ୍ମାଇ ଅଛନ୍ତି।”
52 ५२ त्याने दुसऱ्या मुलाचे नाव एफ्राईम असे ठेवले, कारण तो म्हणाला, “माझ्या दुःखाच्या भूमीमध्ये देवाने मला सर्व बाबतींत सफल केले.”
ପୁଣି, ଦ୍ୱିତୀୟ ପୁତ୍ରର ନାମ ଇଫ୍ରୟିମ ରଖିଲେ, କାରଣ ସେ କହିଲେ, “ମୋହର ଦୁଃଖଭୋଗର ଦେଶରେ ପରମେଶ୍ୱର ମୋତେ ଫଳବାନ କରିଅଛନ୍ତି।”
53 ५३ मिसरमध्ये असलेली भरपुरीची, सुबत्तेची सात वर्षे संपली.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମିସର ଦେଶରେ ଘଟିତ ସୁଭିକ୍ଷର ସାତ ବର୍ଷ ଶେଷ ହେଲା।
54 ५४ सात वर्षांनंतर अगदी योसेफाने सांगितल्याप्रमाणे दुष्काळ पडण्यास सुरुवात झाली. सर्व देशांमध्ये दुष्काळ पडला होता, परंतु मिसरमध्ये मात्र अन्न होते.
ପୁଣି, ଯୋଷେଫଙ୍କ ବାକ୍ୟାନୁସାରେ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷର ସାତ ବର୍ଷର ଆରମ୍ଭ ହେଲା; ତହିଁରେ ଅନ୍ୟ ସମସ୍ତ ଦେଶରେ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ପଡ଼ିଲା, ମାତ୍ର ସମୁଦାୟ ମିସର ଦେଶରେ ଆହାର ଥିଲା।
55 ५५ दुष्काळ पडण्यास सुरुवात झाली, तेव्हा लोकांनी अन्नासाठी फारोकडे ओरड केली. तेव्हा फारो मिसरच्या सर्व लोकांस म्हणाला, “योसेफाला विचारा व तो सांगले ते करा.”
ପୁଣି, ସମୁଦାୟ ମିସର ଦେଶରେ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ପଡ଼ନ୍ତେ, ପ୍ରଜାମାନେ ଆହାର ନିମନ୍ତେ ଫାରୋଙ୍କ ନିକଟରେ ଡକା ପକାଇଲେ; ତହିଁରେ ଫାରୋ ସମସ୍ତ ମିସରୀୟ ଲୋକଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ଯୋଷେଫ ନିକଟକୁ ଯାଅ; ସେ ଯାହା କହନ୍ତି, ତାହା କର।”
56 ५६ संपूर्ण देशामध्ये दुष्काळ पडला होता. योसेफाने सर्व गोदामे उघडली आणि मिसरच्या लोकांस धान्य विकत दिले. मिसरमध्ये फार कडक दुष्काळ पडला होता.
ସେତେବେଳେ ସର୍ବଦେଶରେ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ହୁଅନ୍ତେ, ଯୋଷେଫ ସବୁ ସ୍ଥାନର ଗୋଲା ଫିଟାଇ ମିସରୀୟମାନଙ୍କୁ ଶସ୍ୟ ବିକ୍ରୟ କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ; ତଥାପି ମିସର ଦେଶରେ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ପ୍ରବଳ ହେଲା।
57 ५७ सर्व पृथ्वीवरील देशातून लोक धान्य विकत घेण्यासाठी मिसरात योसेफाकडे येऊ लागले, कारण त्या वेळी पृथ्वीच्या सर्व भागांत दुष्काळ पडला होता.
ପୁଣି, ସର୍ବଦେଶୀୟ ଲୋକମାନେ ମିସର ଦେଶରେ ଶସ୍ୟ କିଣିବା ପାଇଁ ଯୋଷେଫଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆସିଲେ। ଯେହେତୁ ସବୁ ଦେଶରେ ଦୁର୍ଭିକ୍ଷ ପ୍ରବଳ ଥିଲା।

< उत्पत्ति 41 >