< उत्पत्ति 27 >

1 जेव्हा इसहाक म्हातारा झाला आणि त्याची नजर मंद झाल्यामुळे त्यास दिसेनासे झाले तेव्हा त्याने आपला वडील मुलगा एसाव याला बोलावून म्हटले, “माझ्या मुला.” तो म्हणाला, “काय बाबा?”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଇସ୍‌ହାକ ବୃଦ୍ଧ ହୁଅନ୍ତେ, ଚକ୍ଷୁ ନିସ୍ତେଜ ହେବାରୁ ଆଉ ଦେଖି ପାରିଲେ ନାହିଁ; ସେତେବେଳେ ସେ ଆପଣା ଜ୍ୟେଷ୍ଠ ପୁତ୍ର ଏଷୌକୁ ଡାକି କହିଲେ, “ପୁଅରେ,” ତହିଁରେ ସେ ଉତ୍ତର କଲା, “ଦେଖନ୍ତୁ, ମୁଁ ଏଠାରେ।”
2 तो म्हणाला, “हे पाहा, मी म्हातारा झालो आहे, माझ्या मरणाचा दिवस मला माहीत नाही.
ତହୁଁ ସେ ତାହାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଦେଖ, ମୁଁ ବୃଦ୍ଧ ହୋଇଅଛି, କେଉଁ ଦିନ ମୋହର ମୃତ୍ୟୁୁ ହେବ, ତାହା ମୁଁ ଜାଣେ ନାହିଁ।
3 म्हणून तुझी हत्यारे, बाणांचा भाता व धनुष्य घे, आणि बाहेर रानात जा आणि माझ्यासाठी शिकार घेऊन ये.
ଏବେ ବିନୟ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭେ ଏତେବେଳେ ତୂଣ ଓ ଧନୁକାଦି ଶସ୍ତ୍ର ଘେନି ପ୍ରାନ୍ତରକୁ ଯାଇ ମୋʼ ନିମନ୍ତେ ମୃଗ ଆଣ।
4 मला आवडणारे रुचकर जेवण तयार करून माझ्याकडे आण, म्हणजे मग मी ते खाईन व मरण्यापूर्वी मी तुला आशीर्वाद देईन.”
ପୁଣି, ମୁଁ ଯେରୂପ ଖାଦ୍ୟ ଭଲ ପାଏ, ସେହିପରି ସୁସ୍ୱାଦୁ ଖାଦ୍ୟ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରି ଭୋଜନ ନିମନ୍ତେ ମୋʼ ନିକଟକୁ ଆଣ; ତହିଁରେ ମୋହର ପ୍ରାଣ ମୃତ୍ୟୁୁ ପୂର୍ବରେ ତୁମ୍ଭକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିବ।”
5 जेव्हा इसहाक त्याच्या मुलाशी बोलत होता तेव्हा रिबका ऐकत होती. एसाव रानात शिकार करून घेऊन येण्यासाठी गेला.
ଇସ୍‌ହାକ ଆପଣା ପୁତ୍ର ଏଷୌକୁ ଏହି କଥା କହିବା ସମୟରେ ରିବିକା ଶୁଣିଲା। ଏହେତୁ ଏଷୌ ମୃଗୟା ମାଂସ ଆଣିବା ନିମନ୍ତେ କ୍ଷେତ୍ରକୁ ଗଲା ଉତ୍ତାରେ,
6 रिबका आपला मुलगा याकोब याला म्हणाली, “हे पाहा, तुझ्या बापाला तुझा भाऊ एसावाशी बोलताना मी ऐकले. तो म्हणाला,
ରିବିକା ଆପଣା ପୁତ୍ର ଯାକୁବଙ୍କୁ କହିଲା, “ଦେଖ, ତୁମ୍ଭର ଭ୍ରାତା ଏଷୌ ସହିତ ତୁମ୍ଭ ପିତାଙ୍କର କଥୋପକଥନ ମୁଁ ଶୁଣିଲି,
7 ‘माझ्यासाठी शिकार घेऊन ये आणि त्याचे रुचकर जेवण करून माझ्याकडे घेऊन ये म्हणजे मी ते खाईन आणि माझ्या मरण्यापूर्वी परमेश्वराच्या उपस्थितीत तुला आशीर्वाद देईन.’
ସେ ତାହାକୁ କହିଲେ, ‘ତୁମ୍ଭେ ମୃଗୟା ମାଂସ ଆଣି ଆମ୍ଭ ନିମନ୍ତେ ସୁସ୍ୱାଦୁ ଖାଦ୍ୟ ପ୍ରସ୍ତୁତ କର, ତହିଁରେ ଆମ୍ଭେ ଭୋଜନ କରି ମୃତ୍ୟୁୁ ପୂର୍ବରେ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଛାମୁରେ ତୁମ୍ଭକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିବା।’
8 तर आता माझ्या मुला, मी तुला आज्ञा देते त्याप्रमाणे माझा शब्द पाळ.
ଏନିମନ୍ତେ, ପୁଅ, ଏବେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଯେଉଁ ଆଜ୍ଞା ଦେଉଅଛି, ମୋହର ସେହି କଥା ଶୁଣ।
9 आपल्या कळपाकडे जा आणि त्यातून दोन चांगली करडे घेऊन मला आणून दे. मी त्यांचे तुझ्या वडिलाच्या आवडीचे रुचकर जेवण तयार करते,
ତୁମ୍ଭେ ଏବେ ଗୋଠକୁ ଯାଇ ସେଠାରୁ ଦୁଇଗୋଟି ଉତ୍ତମ ଛେଳିଛୁଆ ଆଣ; ତହିଁରେ ତୁମ୍ଭର ପିତା ଯେପରି ଭଲ ପାʼନ୍ତି, ସେହିପରି ସୁସ୍ୱାଦୁ ଖାଦ୍ୟ ମୁଁ ରାନ୍ଧିଦେବି।
10 १० मग ते जेवण तुझ्या बापाकडे घेऊन जा, म्हणजे मग ते खाऊन तुझा बाप मरण्यापूर्वी तुला आशीर्वाद देईल.”
ତୁମ୍ଭେ ତାହା ଘେନି ପିତାଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯାଅ; ତହିଁରେ ସେ ତାହା ଭୋଜନ କରି ମୃତ୍ୟୁୁ ପୂର୍ବରୁ ତୁମ୍ଭକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିବେ।”
11 ११ परंतु याकोब आपली आई रिबका हिला म्हणाला, “माझा भाऊ एसाव केसाळ मनुष्य आहे; मी गुळगुळीत मनुष्य आहे.
ସେତେବେଳେ ଯାକୁବ ଆପଣା ମାତା ରିବିକାକୁ କହିଲା, “ଦେଖ, ମୋହର ଭ୍ରାତା ଏଷୌ ଲୋମଶ, ମାତ୍ର ମୁଁ ନିର୍ଲୋମ।
12 १२ कदाचित माझा बाप मला स्पर्श करेल आणि मी फसवणारा असा होईल. मी आपणावर शाप ओढवून घेईन, आशीर्वाद आणणार नाही.”
ଏଣୁ ଯଦି ପିତା ମୋତେ ସ୍ପର୍ଶ କରିବେ, ତେବେ ମୁଁ ତାଙ୍କ ଦୃଷ୍ଟିରେ ପ୍ରବଞ୍ଚକ ଦେଖାଯିବି; ତାହାହେଲେ ମୁଁ ଆପଣା ଉପରକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ ନ ଆଣି ଅଭିଶାପ ଆଣିବି।”
13 १३ त्याची आई त्यास म्हणाली, “माझ्या मुला, तुझ्यावरचा शाप माझ्यावर येवो. केवळ माझा शब्द पाळ आणि जा, माझ्याकडे ते घेऊन ये.”
ମାତ୍ର ତାହାର ମାତା କହିଲା, “ପୁଅ, ସେହି ଅଭିଶାପ ମୋତେ ଘଟୁ, କେବଳ ତୁମ୍ଭେ ମୋʼ କଥା ମାନ ଓ ଯାଇ ଛେଳିଛୁଆ ଆଣ।”
14 १४ मग याकोब गेला आणि ती करडे आईकडे घेऊन आला. त्याच्या आईने त्यांचे त्याच्या वडिलाच्या आवडीचे रुचकर जेवण तयार केले.
ତହୁଁ ଯାକୁବ ଯାଇ ତାହା ଘେନି ମାତା ନିକଟକୁ ଆଣନ୍ତେ, ମାତା ତାହାର ପିତାଙ୍କର ରୁଚି ଅନୁସାରେ ସୁସ୍ୱାଦୁ ଖାଦ୍ୟ ରନ୍ଧନ କଲା।
15 १५ रिबकाने आपला वडील मुलगा एसावाचे चांगले कपडे घरात तिच्याजवळ होते ते घेऊन आपला धाकटा मुलगा याकोबाच्या अंगात घातले.
ତହିଁରେ ରିବିକା ଘରେ ଆପଣା ନିକଟରେ ଜ୍ୟେଷ୍ଠ ପୁତ୍ର ଏଷୌର ଥିବା ଉତ୍ତମ ବସ୍ତ୍ର ଆଣି କନିଷ୍ଠ ପୁତ୍ର ଯାକୁବକୁ ପିନ୍ଧାଇଲା।
16 १६ तसेच तिने करडांचे कातडे याकोबाच्या हातावर व त्याच्या मानेवरच्या गुळगुळीत भागावर लावले.
ପୁଣି, ଛେଳିଛୁଆର ଛାଲ ଘେନି ତାହା ହସ୍ତରେ ଓ ଗଳଦେଶର ନିର୍ଲୋମ ସ୍ଥାନରେ ଗୁଡ଼ାଇ ଦେଲା।
17 १७ तिने स्वतः इसहाकासाठी तयार केलेले रुचकर जेवण आणि भाकर आणून याकोबाच्या हातात दिले.
ଆଉ ସେହି ରନ୍ଧା ସୁସ୍ୱାଦୁ ଖାଦ୍ୟ ଓ ରୁଟି ଯାକୁବର ହସ୍ତରେ ଦେଲା।
18 १८ ते घेऊन याकोब आपल्या बापाकडे गेला आणि म्हणाला, “माझ्या बापा” तो म्हणाला, “मी येथे आहे, माझ्या मुला तू कोण आहेस?”
ତହୁଁ ଯାକୁବ ଆପଣା ପିତା ନିକଟକୁ ଯାଇ କହିଲା, “ପିତଃ,” ସେ ଉତ୍ତର କଲେ, “ଦେଖ, ମୁଁ ଏଠାରେ ପୁତ୍ର, ତୁମ୍ଭେ କିଏ?”
19 १९ याकोब आपल्या बापाला म्हणाला, “मी तुमचा वडील मुलगा एसाव आहे; तुम्ही मला सांगतिले तसे मी केले आहे. तेव्हा आता उठून बसा व तुमच्यासाठी शिकार करून आणलेले मांस खा म्हणजे मग तुम्ही मला आशीर्वाद द्याल.”
ଯାକୁବ ଆପଣା ପିତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ମୁଁ ଆପଣଙ୍କ ଜ୍ୟେଷ୍ଠ ପୁତ୍ର ଏଷୌ; ଆପଣ ଯାହା ଆଜ୍ଞା କରିଥିଲେ, ମୁଁ ତାହା କରିଅଛି, ଏବେ ନିବେଦନ କରୁଅଛି, ଆପଣ ଉଠନ୍ତୁ, ପୁଣି, ବସି ମୋହର ମୃଗୟା ମାଂସ ଭୋଜନ କରନ୍ତୁ, ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଆପଣ ମୋତେ ଆଶୀର୍ବାଦ କରନ୍ତୁ।”
20 २० इसहाक आपल्या मुलाला म्हणाला, “माझ्या मुला एवढ्या लवकर तुला शिकार कशी काय मिळाली?” याकोब म्हणाला, “कारण तुमचा देव परमेश्वराने मला मिळवून दिली.”
ତହିଁରେ ଇସ୍‌ହାକ ଆପଣା ପୁତ୍ରକୁ କହିଲେ, “ପୁତ୍ର, ତୁମ୍ଭେ ଏତେ ଶୀଘ୍ର ତାହା କିପରି ପାଇଲ?” ସେ କହିଲା, “ଆପଣଙ୍କ ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱର ମୋତେ ତାହା ଭେଟାଇ ଦେଲେ।”
21 २१ इसहाक याकोबाला म्हणाला, “माझ्या मुला, माझ्याजवळ ये, म्हणजे मी तुला स्पर्श करतो आणि मग तू खरेच माझा मुलगा एसावच आहेस की नाही हे मला समजेल.”
ଇସ୍‌ହାକ ଯାକୁବଙ୍କୁ ଆହୁରି କହିଲେ, “ପୁତ୍ର, ମୋʼ ପାଖକୁ ଆସ, ତୁମ୍ଭେ ପ୍ରକୃତରେ ମୋହର ପୁତ୍ର ଏଷୌ କି ନାହିଁ, ତୁମ୍ଭକୁ ସ୍ପର୍ଶ କରି ଜାଣିବି।”
22 २२ तेव्हा याकोब आपल्या बापाजवळ गेला. इसहाकाने त्यास स्पर्श केला आणि म्हणाला, “तुझा आवाज तर याकोबाच्या आवाजासारखा आहे. परंतु तुझे हात मात्र एसावाच्या हातासारखे केसाळ आहेत.”
ତହୁଁ ଯାକୁବ ଆପଣା ପିତା ଇସ୍‌ହାକଙ୍କ ନିକଟକୁ ଯାʼନ୍ତେ, ସେ ତାହା ସ୍ପର୍ଶ କରି କହିଲେ, “ଏହି ସ୍ୱର ଯାକୁବର ସ୍ୱର, ମାତ୍ର ଏହି ହସ୍ତ ଏଷୌର ହସ୍ତ ଅଟଇ।”
23 २३ इसहाकाने त्यास ओळखले नाही कारण त्याचे हात एसावाच्या हातासारखे केसाळ होते, म्हणून त्याने त्यास आशीर्वाद दिला.
ଏହିରୂପେ ସେ ତାହାକୁ ଚିହ୍ନି ପାରିଲେ ନାହିଁ, ଯେହେତୁ ସେ ଆପଣା ଭ୍ରାତା ଏଷୌର ହସ୍ତ ନ୍ୟାୟ ଆପଣା ହସ୍ତ ଲୋମଯୁକ୍ତ କରିଥିଲା; ଏଣୁ ସେ ତାହାକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କଲେ।
24 २४ तो म्हणाला, “तू खरेच माझा मुलगा एसावच आहेस काय?” आणि तो म्हणाला, “मी आहे.”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ସେ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ କି ନିତାନ୍ତ ମୋହର ପୁତ୍ର ଏଷୌ?” ସେ କହିଲା, “ହଁ, ମୁଁ ସେହି।”
25 २५ इसहाक म्हणाला, “तू जेवण माझ्याकडे आण, आणि मी तू आणलेले हरणाचे ते मांस खाईन, मग तुला आशीर्वाद देईन.” तेव्हा याकोबाने आपल्या बापाला जेवण दिले. इसहाकाने ते खाल्ले आणि याकोबाने त्याच्यासाठी द्राक्षरसही दिला आणि तो प्याला.
ସେତେବେଳେ ଇସ୍‌ହାକ କହିଲେ, “ତାହା ମୋʼ ପାଖକୁ ଆଣ; ମୁଁ ଆପଣା ପୁତ୍ରର ଆନୀତ ମୃଗୟା ମାଂସ ଭୋଜନ କରିବି, ତହୁଁ ମୁଁ ତୁମ୍ଭକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିବି।” ତହିଁରେ ସେ ନିକଟକୁ ଆଣି ଦିଅନ୍ତେ, ଇସ୍‌ହାକ ତାହା ଭୋଜନ କଲେ; ପୁଣି, ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ଆଣି ଦିଅନ୍ତେ, ତାହା ପାନ କଲେ।
26 २६ मग इसहाक त्याचा बाप त्यास म्हणाला, “माझ्या मुला जरा माझ्याजवळ ये व मला चुंबन दे.”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ତାହାର ପିତା ଇସ୍‌ହାକ କହିଲେ, “ପୁତ୍ର, ଏବେ ମୋʼ ନିକଟକୁ ଆସି ମୋତେ ଚୁମ୍ବନ କର।”
27 २७ मग याकोब आपल्या बापाजवळ गेला आणि त्याने त्याचे चुंबन घेतले. आणि त्याने त्याच्या कपड्यांचा वास घेतला; त्याने त्यास आशीर्वाद दिला. तो म्हणाला, “पाहा ज्या शेताला परमेश्वराने आशीर्वाद दिला त्याचा वास जसा येतो तसा माझ्या मुलाचा वास आहे.
ସେତେବେଳେ ସେ ନିକଟକୁ ଯାଇ ଚୁମ୍ବନ କରନ୍ତେ, ଇସ୍‌ହାକ ତାହାର ବସ୍ତ୍ରର ଗନ୍ଧ ପାଇ ତାଙ୍କୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରି କହିଲେ, “ଦେଖ, ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଆଶୀର୍ବାଦ ପ୍ରାପ୍ତ କ୍ଷେତ୍ରର ସୁଗନ୍ଧି ତୁଲ୍ୟ ମୋʼ ପୁତ୍ରର ସୁଗନ୍ଧି;
28 २८ देव तुला आकाशातले दव व भूमीची समृद्धी व भरपूर धान्य व द्राक्षरस देईल.
ପରମେଶ୍ୱର ଆକାଶର କାକରରୁ ଓ ପୃଥିବୀର ଉର୍ବରତାରୁ ଉତ୍ପନ୍ନ (ଫଳ) ଓ ପ୍ରଚୁର ଶସ୍ୟ ଓ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ତୁମ୍ଭକୁ ଦିଅନ୍ତୁ;
29 २९ लोक तुझी सेवा करोत व राष्ट्रे तुझ्यापुढे नमोत. तू तुझ्या भावांवर राज्य करशील. तुझ्या आईची मुले तुला नमन करतील. तुला शाप देणारा प्रत्येकजण शापित होईल आणि तुला आशीर्वाद देणारा प्रत्येकजण आशीर्वादित होईल.”
ଲୋକସମୂହ ତୁମ୍ଭର ସେବା କରନ୍ତୁ ଓ ନାନା ବଂଶ ତୁମ୍ଭକୁ ପ୍ରଣାମ କରନ୍ତୁ; ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ଜ୍ଞାତିମାନଙ୍କର କର୍ତ୍ତା ହୁଅ, ପୁଣି, ତୁମ୍ଭର ମାତୃପୁତ୍ରମାନେ ତୁମ୍ଭକୁ ପ୍ରଣାମ କରନ୍ତୁ; ଯେ ତୁମ୍ଭକୁ ଅଭିଶାପ ଦିଏ, ସେ ଅଭିଶପ୍ତ ହେଉ, ପୁଣି, ଯେ ତୁମ୍ଭକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରେ, ସେ ଆଶୀର୍ବାଦ ପ୍ରାପ୍ତ ହେଉ।”
30 ३० इसहाकाने याकोबाला आशीर्वाद देण्याचे संपविले आणि त्यानंतर याकोब आपल्या बापापासून निघून गेला तोच एसाव शिकारीहून आला.
ଏହି ପ୍ରକାରେ ଇସ୍‌ହାକ ଯାକୁବଙ୍କୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କଲା ଉତ୍ତାରେ ଯାକୁବ ଆପଣା ପିତା ଇସ୍‌ହାକଙ୍କ ନିକଟରୁ ବାହାର ହେବା ମାତ୍ରେ ତାହାର ଭ୍ରାତା ଏଷୌ ଶିକାରରୁ ଆସିଲା।
31 ३१ त्यानेही आपल्या वडिलाच्या आवडीचे रुचकर भोजन तयार करून आपल्या बापाजवळ आणले, तो त्याच्या बापाला म्हणाला, “माझ्या वडिलाने उठावे आणि तुमच्या मुलाने शिकार करून आणलेले मांस खावे जेणेकरून मला आशीर्वाद द्यावा.”
ପୁଣି, ସେ ମଧ୍ୟ ସୁସ୍ୱାଦୁ ଖାଦ୍ୟ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରି ପିତା ନିକଟକୁ ଆଣି କହିଲା, “ପିତଃ, ଆପଣ ଉଠି ପୁତ୍ରର ଆନୀତ ମୃଗୟା ମାଂସ ଭୋଜନ କରନ୍ତୁ, ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଆପଣ ମୋତେ ଆଶୀର୍ବାଦ କରନ୍ତୁ।”
32 ३२ इसहाक त्याचा बाप त्यास म्हणाला, “तू कोण आहेस?” तो म्हणाला, “मी तुमचा मुलगा वडील मुलगा एसाव आहे.”
ତହିଁରେ ତାହାର ପିତା ଇସ୍‌ହାକ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ କିଏ?” ସେ କହିଲା, “ମୁଁ ଆପଣଙ୍କ ପୁତ୍ର, ଆପଣଙ୍କ ପ୍ରଥମଜାତ ଏଷୌ।”
33 ३३ मग इसहाक भीतीने थरथर कापत म्हणाला, “तर मग तू येण्या अगोदर ज्याने मांस तयार करून मला आणून दिले तो कोण होता? मी ते सर्व खाऊन त्यास आशीर्वाद दिला. खरोखर तो आशीर्वादित होईल.”
ସେତେବେଳେ ଇସ୍‌ହାକ ଅତିଶୟ କମ୍ପିତ ହୋଇ କହିଲେ, “ତେବେ ଯେ ମୋʼ ନିକଟକୁ ମୃଗୟା ମାଂସ ଆଣିଥିଲା, ସେ କିଏ? ତୁମ୍ଭ ଆସିବା ପୂର୍ବେ ମୁଁ ତାହା ଭୋଜନ କରି ତାକୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କଲି, ଆହୁରି ସେ ଆଶୀର୍ବାଦ ପ୍ରାପ୍ତ ହେବ।”
34 ३४ जेव्हा एसावाने आपल्या बापाचे शब्द ऐकले, तो खूप मोठ्याने ओरडून आणि दुःखाने रडून म्हणाला “माझ्या पित्या; मलाही आशीर्वाद द्या.”
ଏଷୌ ପିତାଙ୍କର ଏହି କଥା ଶୁଣିବାମାତ୍ରେ ଅତ୍ୟନ୍ତ ବ୍ୟାକୁଳ ଚିତ୍ତରେ ମହାଚିତ୍କାର କଲା, ପୁଣି, ଆପଣା ପିତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ପିତଃ, ମୋତେ, ମୋତେ ମଧ୍ୟ ଆଶୀର୍ବାଦ କରନ୍ତୁ।”
35 ३५ इसहाक म्हणाला, “तुझा भाऊ कपटाने येथे आला आणि तो तुझे आशीर्वाद घेऊन गेला.”
ତହିଁରେ ଇସ୍‌ହାକ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭର ଭ୍ରାତା ଆସି ପ୍ରବଞ୍ଚନା କରି ତୁମ୍ଭର (ପ୍ରାପ୍ତବ୍ୟ) ଆଶୀର୍ବାଦ ହରଣ କରିଅଛି।”
36 ३६ एसाव म्हणाला, “त्याचे याकोब हे नाव त्यास योग्यच आहे की नाही? त्याने माझी दोनदा फसवणूक केली आहे. त्याने माझा ज्येष्ठपणाचा हक्क हिरावून घेतला आणि आता त्याने माझा आशीर्वादही काढून घेतला आहे.” आणि एसाव म्हणाला, “माझ्याकरिता तुम्ही काही आशीर्वाद राखून ठेवला नाही काय?”
ତହିଁରେ ଏଷୌ କହିଲା, “ତାହାର ଯଥାର୍ଥ ନାମ କି ଯାକୁବ ନୁହେଁ? ଯେହେତୁ ସେ ଦୁଇ ଥର ମୋତେ ପ୍ରବଞ୍ଚନା କରିଅଛି, ସେ ପୂର୍ବରେ ମୋର ଜ୍ୟେଷ୍ଠାଧିକାର ହରଣ କରିଥିଲା, ପୁଣି, ଦେଖ, ଏବେ ମୋର (ପ୍ରାପ୍ତବ୍ୟ) ଆଶୀର୍ବାଦ ମଧ୍ୟ ହରଣ କରିଅଛି।” ସେ ପୁନର୍ବାର କହିଲା, “ଆପଣ କି ମୋʼ ନିମନ୍ତେ ଗୋଟିଏ ଆଶୀର୍ବାଦ ରଖି ନାହାନ୍ତି?”
37 ३७ इसहाकाने एसावास उत्तर दिले आणि म्हणाला “पाहा, मी त्यास तुझ्यावर धनीपणा करण्याचा अधिकार दिला आहे, आणि तुझे सर्व बंधू त्याचे सेवक होतील. आणि त्यास मी धान्य व नवा द्राक्षरस दिला आहे. माझ्या मुला, मी तुझ्यासाठी काय करू.”
ତହୁଁ ଇସ୍‌ହାକ ଏଷୌକୁ କହିଲେ, “ଦେଖ, ମୁଁ ତାହାକୁ ତୁମ୍ଭର କର୍ତ୍ତା କଲି, ପୁଣି, ତାହାର ଜ୍ଞାତି ସମସ୍ତଙ୍କୁ ତାହାର ଅଧୀନ କଲି, ଆଉ ଶସ୍ୟ ଓ ଦ୍ରାକ୍ଷାରସ ଦ୍ୱାରା ତାହାକୁ ସବଳ କଲି; ଏହେତୁ ପୁତ୍ର, ଏବେ ତୁମ୍ଭ ନିମନ୍ତେ ଆଉ କଅଣ କରିପାରେ?”
38 ३८ एसाव आपल्या बापाला म्हणाला, “माझ्या बापा, माझ्यासाठी तुमच्याकडे एकही आशीर्वाद नाही काय? माझ्या बापा मलाही आशीर्वाद द्या.” एसाव मोठ्याने रडला!
ତହିଁରେ ଏଷୌ ପୁନର୍ବାର ଆପଣା ପିତାଙ୍କୁ କହିଲା, “ପିତଃ, ଆପଣଙ୍କର କି କେବଳ ଗୋଟିଏ ଆଶୀର୍ବାଦ ଥିଲା? ହେ ପିତଃ, ମୋତେ, ମୋତେ ମଧ୍ୟ ଆଶୀର୍ବାଦ କରନ୍ତୁ।” ଏହା କହି ଏଷୌ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ କାନ୍ଦିବାକୁ ଲାଗିଲା।
39 ३९ मग त्याचा बाप इसहाकाने उत्तर दिले आणि त्यास म्हणाला, “पाहा, जेथे पृथ्वीवरील समृद्धी व आकाशातले दंव पडते त्या ठिकाणापासून दूर तुझी वस्ती होईल.
ତହୁଁ ତାହାର ପିତା ଇସ୍‌ହାକ ଉତ୍ତର ଦେଇ କହିଲେ, “ଦେଖ, ତୁମ୍ଭର ବସତି ପୃଥିବୀର ଉର୍ବରତାବିହୀନ ଓ ଉପରିସ୍ଥ ଆକାଶର କାକର-ବିହୀନ ହେବ।
40 ४० तुझ्या तलवारीने तू जगशील व आपल्या भावाची सेवा करशील, परंतु जेव्हा तू बंड करशील, तू आपल्या मानेवरून त्याचे जू मोडून टाकशील.”
ତୁମ୍ଭେ ଖଡ୍ଗଜୀବୀ ଓ ଆପଣା ଭ୍ରାତାର ଦାସ ହେବ, ମାତ୍ର ଯେତେବେଳେ ତୁମ୍ଭେ ବନ୍ଧନ ଛିଣ୍ଡାଇବ, ସେତେବେଳେ ଆପଣା କାନ୍ଧରୁ ତାହାର ଯୁଆଳି ପକାଇ ଦେବ।”
41 ४१ त्यानंतर आपल्या वडिलाने त्यास जो आशीर्वाद दिला होता त्यामुळे एसाव याकोबाचा द्वेष करू लागला. एसाव त्याच्या मनात म्हणाला, “माझ्या पित्याकरिता शोक करण्याचे दिवस जवळ आले आहेत. त्यानंतर मी माझा भाऊ याकोब याला ठार मारीन.”
ଏହି ପ୍ରକାରେ ଯାକୁବ ଆପଣା ପିତାଠାରୁ ଆଶୀର୍ବାଦ ପାଇବା ସକାଶୁ ଏଷୌ ତାହା ପ୍ରତି ଈର୍ଷାଭାବ ବହି ମନେ ମନେ ଭାଳିଲା, “ମୋହର ପିତାଙ୍କ ଶୋକକାଳ ପ୍ରାୟ ଉପସ୍ଥିତ, ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ମୁଁ ଆପଣା ଭ୍ରାତା ଯାକୁବକୁ ବଧ କରିବି।”
42 ४२ रिबकाला तिच्या वडील मुलाचे शब्द कोणी सांगितले. म्हणून तिने आपला धाकटा मुलगा याकोब याला निरोप पाठवून बोलावले आणि मग ती त्यास म्हणाली, “पाहा, तुझा भाऊ एसाव तुला ठार मारण्याचा बेत करीत आहे व स्वतःचे समाधान करून घेत आहे.
ମାତ୍ର, ଜ୍ୟେଷ୍ଠ ପୁତ୍ର ଏଷୌର ଏରୂପ କଥା ରିବିକାର କର୍ଣ୍ଣଗୋଚର ହେଲା; ତହୁଁ ସେ ଲୋକ ପଠାଇ କନିଷ୍ଠ ପୁତ୍ର ଯାକୁବଙ୍କୁ ଡକାଇ କହିଲା, “ଦେଖ, ତୁମ୍ଭର ଭ୍ରାତା ଏଷୌ ତୁମ୍ଭକୁ ବଧ କରିବା ମାନସରେ ଆପଣାକୁ ପ୍ରବୋଧିତ କରୁଅଛି।
43 ४३ म्हणून आता माझ्या मुला, माझी आज्ञा पाळ आणि, हारान प्रांतात माझा भाऊ लाबान राहत आहे, त्याच्याकडे तू पळून जा.
ଏଥିପାଇଁ, ପୁତ୍ର, ମୋହର କଥା ଶୁଣ; ତୁମ୍ଭେ ହାରଣ ନଗରକୁ ପଳାଇ ମୋହର ଭ୍ରାତା ଲାବନ ନିକଟକୁ ଯାଅ।
44 ४४ तुझ्या भावाचा राग शांत होईपर्यंत थोडे दिवस त्याजकडे राहा.
ପୁଣି, ଯେପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତୁମ୍ଭ ଭ୍ରାତାର ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧ ନିବୃତ୍ତ ନ ହୁଏ, ସେପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ କିଛି ଦିନ ସେଠାରେ ଥାଅ;
45 ४५ तुझ्यावरून तुझ्या भावाचा राग निघून जाईल, आणि तू त्यास काय केले हे तो विसरेल. मग मी तुला तेथून बोलावून घेईन. एकाच दिवशी मी तुम्हा दोघांनाही का अंतरावे?”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି ତୁମ୍ଭ ଭ୍ରାତାର କ୍ରୋଧ ନିବୃତ୍ତ ହେଲେ ଓ ତୁମ୍ଭେ ତାହା ପ୍ରତି ଯାହା କରିଅଛ, ତାହା ସେ ପାସୋରିଗଲେ, ମୁଁ ଲୋକ ପଠାଇ ସେଠାରୁ ତୁମ୍ଭକୁ ଅଣାଇବି; ଗୋଟିଏ ଦିନରେ ତୁମ୍ଭ ଦୁଇ ଜଣଙ୍କୁ କାହିଁକି ହରାଇବି?”
46 ४६ मग रिबका इसहाकाला म्हणाली, “हेथीच्या मुलींमुळे मला जीव नकोसा झाला आहे. याकोबाने जर या देशाच्या मुली करून हेथाच्या लोकांतून पत्नी केली तर माझ्या जगण्याचा काय उपयोग?”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ରିବିକା ଇସ୍‌ହାକଙ୍କୁ କହିଲା, “ଏହି ହିତ୍ତୀୟ କନ୍ୟାମାନଙ୍କ ସକାଶୁ ମୁଁ ଆପଣା ପ୍ରାଣରେ ବିରକ୍ତ ହେଉଅଛି; ଯଦି ଯାକୁବ ଏମାନଙ୍କ ତୁଲ୍ୟ କୌଣସି ହିତ୍ତୀୟ କନ୍ୟାକୁ, ଅର୍ଥାତ୍‍, ଏହି ଦେଶର କନ୍ୟାମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ କୌଣସି କନ୍ୟାକୁ ବିବାହ କରେ, ତେବେ ମୋହର ପ୍ରାଣଧାରଣରେ କି ସୁଖ?”

< उत्पत्ति 27 >