< निर्गम 32 >

1 मोशेला पर्वतावरून उतरण्यास बराच विलंब लागला आहे असे लोकांनी पाहिले तेव्हा सर्व लोक अहरोनाभोवती जमले व त्यास म्हणाले, “पाहा, मोशेने आम्हांला मिसर देशातून बाहेर आणले आहे. परंतु मोशेचे काय झाले ते आम्हांला कळत नाही, म्हणून आमच्यापुढे चालतील असे देव आमच्यासाठी तयार कर.”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମୋଶାଙ୍କର ପର୍ବତରୁ ଓହ୍ଲାଇବାର ବିଳମ୍ବ ଦେଖି ଲୋକମାନେ ହାରୋଣଙ୍କ ନିକଟରେ ଏକତ୍ର ହୋଇ ତାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଉଠ, ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ଅଗ୍ରଗାମୀ ହେବା ପାଇଁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଦେବତା ନିର୍ମାଣ କର, ଯେହେତୁ ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତି ମିସର ଦେଶରୁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ବାହାର କରି ଆଣିଲେ, ସେହି ମୋଶାଙ୍କ ପ୍ରତି କଅଣ ଘଟିଅଛି, ତାହା ଆମ୍ଭେମାନେ ଜାଣୁ ନାହୁଁ।”
2 तेव्हा अहरोन लोकांस म्हणाला, “तुम्ही तुमच्या स्रिया, पुत्र व कन्या यांच्या कानातील सोन्याची कुंडले मजकडे आणा.”
ତହୁଁ ହାରୋଣ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତେବେ ତୁମ୍ଭେମାନେ ଆପଣା ଆପଣା ଭାର୍ଯ୍ୟା ଓ ପୁତ୍ରକନ୍ୟାଗଣର କର୍ଣ୍ଣରୁ ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣକୁଣ୍ଡଳ କାଢ଼ି ମୋʼ ପାଖକୁ ଆଣ।”
3 मग सर्व लोकांनी आपल्या कानातील सोन्याची कुंडले काढून अहरोनाकडे आणली.
ତହିଁରେ ସମସ୍ତ ଲୋକ ଆପଣା ଆପଣା କର୍ଣ୍ଣରୁ ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣକୁଣ୍ଡଳସବୁ କାଢ଼ି ହାରୋଣଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆଣିଲେ।
4 अहरोनाने लोकांकडून ते सोने घेतले; आणि ते ओतून व कोरणीने कोरून त्यापासून वासरू केले. मग लोक म्हणाले, “हे इस्राएला, ज्या देवाने तुला मिसर देशातून बाहेर आणले आहे तो हाच देव आहे.”
ସେ ସେମାନଙ୍କ ହସ୍ତରୁ ତାହା ନେଇ ଶିଳ୍ପାସ୍ତ୍ରରେ ଛାଞ୍ଚ ପ୍ରସ୍ତୁତ କରି ଏକ ଢଳା ବାଛୁରି ନିର୍ମାଣ କଲେ; ତହୁଁ ଲୋକମାନେ କହିଲେ, “ହେ ଇସ୍ରାଏଲ, ଯେଉଁ ଦେବତା ତୁମ୍ଭଙ୍କୁ ମିସର ଦେଶରୁ ବାହାର କରି ଆଣିଲେ, ସେ ଏହି।”
5 अहरोनाने हे सर्व पाहिले तेव्हा त्याने त्या वासरापुढे एक वेदी बांधली आणि जाहीर करून तो म्हणाला, “तुमच्या परमेश्वराकरता उद्या उत्सव होणार आहे.”
ତହିଁରେ ହାରୋଣ ତାହା ଦେଖି ତାହାର ସମ୍ମୁଖରେ ଗୋଟିଏ ବେଦି ନିର୍ମାଣ କଲେ, “ପୁଣି, ଆସନ୍ତାକାଲି ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଉତ୍ସବ ହେବ,” ଏହା ଘୋଷଣା କରାଇଲେ।
6 लोक दुसऱ्या दिवशी पहाटेस उठले; त्यांनी होमार्पणे अर्पिली व शांत्यर्पणे आणली. मग ते खाण्यापिण्यास बसले; नंतर उठून ते खेळायला लागले.
ଏଥିରେ ଲୋକମାନେ ପରଦିନ ପ୍ରଭାତରେ ଉଠି ହୋମବଳି ଉତ୍ସର୍ଗ କଲେ ଓ ମଙ୍ଗଳାର୍ଥକ ନୈବେଦ୍ୟ ଆଣିଲେ; ତହୁଁ ଲୋକମାନେ ଭୋଜନ ଓ ପାନ କରିବାକୁ ବସିଲେ; ଏଉତ୍ତାରେ ଲୀଳା କରିବାକୁ ଉଠିଲେ।
7 त्या वेळी परमेश्वर मोशेला म्हणाला, “तू पर्वत उतरुन लवकर खाली जा, कारण ज्या तुझ्या लोकांस तू मिसर देशातून बाहेर आणले ते बिघडले आहेत.
ତେବେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେ ଓହ୍ଲାଇ ଯାଅ, କାରଣ ତୁମ୍ଭର ଯେଉଁ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ତୁମ୍ଭେ ମିସରରୁ ବାହାର କରି ଆଣିଲ, ସେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ଭ୍ରଷ୍ଟ କରିଅଛନ୍ତି।
8 ज्या मार्गाने त्यांनी जावे म्हणून मी त्यांना आज्ञापिले होते त्या मार्गापासून किती लवकर ते बहकून गेले आहेत. त्यांनी आपल्यासाठी सोने वितळवून वासराची मूर्ती केली आहे; ते त्याची पूजा करीत आहेत व त्यास बली अर्पणे वाहत आहेत; ते म्हणत आहेत, ‘हे इस्राएला, याच देवांनी तुला मिसर देशातून बाहेर आणले आहे.”
ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ଯେଉଁ ପଥ ବିଷୟରେ ଆଜ୍ଞା ଦେଲୁ, ସେମାନେ ଶୀଘ୍ର ତହିଁରୁ ବିମୁଖ ହେଲେ; ସେମାନେ ଆପଣାମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଏକ ଛାଞ୍ଚରେ ଢଳା ବାଛୁରି ନିର୍ମାଣ କରି ତାକୁ ପୂଜା କଲେ, ପୁଣି, ତାହା ନିକଟରେ ବଳିଦାନ କରି କହିଲେ, ‘ହେ ଇସ୍ରାଏଲ, ଯେଉଁ ଦେବତା ତୁମ୍ଭଙ୍କୁ ମିସର ଦେଶରୁ ବାହାର କରି ଆଣିଲେ, ସେ ଏହି।’”
9 परमेश्वर मोशेला म्हणाला, “या लोकांस मी पाहिले आहे; ते ताठ मानेचे लोक आहेत;
ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ ଆହୁରି କହିଲେ, “ଆମ୍ଭେ ଏହି ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଦେଖିଅଛୁ; ଦେଖ, ସେମାନେ ଅତିଶୟ ଶକ୍ତଗ୍ରୀବ ଲୋକ।
10 १० तर आता मला आड येऊ नको, त्यांना माझ्या रागाच्या तडाख्याने भस्म करतो. नंतर मी तुझ्यापासूनच एक महान राष्ट्र निर्माण करतो.”
ଏଣୁ ତୁମ୍ଭେ ଏବେ ଆମ୍ଭଙ୍କୁ ଛାଡ଼ିଦିଅ, ମୋହର କ୍ରୋଧ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳରେ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଉ, ତହିଁରେ ଆମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କୁ ସଂହାର କରିବା; ମାତ୍ର ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ମହାଗୋଷ୍ଠୀ କରିବା।”
11 ११ परंतु काकुळतीने विनंती करून मोशे आपला देव परमेश्वर ह्याला म्हणाला, हे परमेश्वरा, तुझ्या महान सामर्थ्याने व भुजप्रतापाने त्यांना मिसर देशातून बाहेर आणले त्यांच्यावर तुझा कोप का भडकावा?
ତହିଁରେ ମୋଶା ଆପଣା ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କୁ ନିବେଦନ କରି କହିଲେ, “ହେ ସଦାପ୍ରଭୋ, ତୁମ୍ଭେ ଆପଣାର ଯେଉଁ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଆପଣା ମହାପରାକ୍ରମ ଓ ବାହୁ ବଳରେ ମିସର ଦେଶରୁ ବାହାର କରି ଆଣିଅଛ, ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳରେ ତୁମ୍ଭର କ୍ରୋଧ କାହିଁକି ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେବ?
12 १२ आणि परमेश्वराने त्यांचे वाईट करण्यासाठी, डोंगरावर त्यांना ठार मारण्यासाठी व पृथ्वीवरून त्यांचा नायनाट करण्यासाठी त्यांना मिसर देशातून बाहेर आणले असे मिसरी लोकांनी का म्हणावे? आपल्या तीव्र कोपापासून फीर, आणि आपल्या लोकांवर आपत्ती आणण्याच्या हेतूपासून परावृत्त हो.
‘ସେ ପର୍ବତମୟ ଅଞ୍ଚଳରେ ସେମାନଙ୍କୁ ନଷ୍ଟ କରି ପୃଥିବୀରୁ ଲୋପ କରିବା ପାଇଁ, ଅନିଷ୍ଟ ନିମନ୍ତେ ବାହାର କରି ଆଣିଲେ,’ ଏପରି କଥା ମିସରୀୟମାନେ କାହିଁକି ଗଳ୍ପ କରିବେ? ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧରୁ ଫେର ଓ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳରେ ଏପରି ଅନିଷ୍ଟ ବିଷୟରୁ ନିବୃତ୍ତ ହୁଅ।
13 १३ तुझे सेवक अब्राहाम, इसहाक व इस्राएल, यांची आठवण कर; तू तुझ्या नावाने शपथ वाहिली होतीस; तू म्हणाला होतास, मी तुमची संतती आकाशातील ताऱ्यांइतकी जास्तीत जास्त करीन, मी ज्या देशाविषयी सांगितले तो सर्व देश मी तुझ्या संततीला देईन व तो सर्वकाळ त्यांचे वतन होईल.
ଆପଣା ଦାସ ଅବ୍ରହାମ ଓ ଇସ୍‌ହାକ ଓ ଇସ୍ରାଏଲଙ୍କୁ ସ୍ମରଣ କର, ତୁମ୍ଭେ ଆପଣା ନିଜ ନାମରେ ଶପଥ କରି ସେମାନଙ୍କୁ କହିଅଛ, ‘ଆମ୍ଭେ ଆକାଶର ତାରାଗଣ ନ୍ୟାୟ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ବଂଶ ବୃଦ୍ଧି କରିବା ଓ ଏହି ଯେଉଁସବୁ ଦେଶର କଥା କହିଲୁ, ତାହା ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ବଂଶକୁ ଦେବା, ସେମାନେ ଅନନ୍ତକାଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ତାହା ଅଧିକାର କରିବେ।’”
14 १४ तेव्हा आपल्या लोकांवर आपत्ती आणण्याचा जो परमेश्वराचा हेतू होता, त्यापासून तो परावृत्त झाला.
ତେବେ ସଦାପ୍ରଭୁ ଆପଣା ଲୋକମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଯେଉଁ ଅନିଷ୍ଟ କରିବାର କଥା କହିଥିଲେ, ତହିଁରୁ ନିବୃତ୍ତ ହେଲେ।
15 १५ मग मोशे पर्वतावरून साक्षपटाच्या दोन पाट्या घेऊन पर्वतावरून खाली उतरला. त्या पाट्यावर पुढे व मागे अशा दोन्ही बाजूंना लिहिलेले होते.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମୋଶା ମୁଖ ଫେରାଇ ସାକ୍ଷ୍ୟ ସ୍ୱରୂପ ଦୁଇ ପ୍ରସ୍ତର ପଟା ହସ୍ତରେ ଘେନି ପର୍ବତରୁ ଓହ୍ଲାଇଲେ; ସେହି ପ୍ରସ୍ତର ପଟାର ଉଭୟ ପାର୍ଶ୍ୱରେ ଲେଖାଥିଲା।
16 १६ देवाने स्वत: च त्या पाट्या तयार केल्या होत्या व त्यांच्यावर कोरलेला लेख देवाने लिहिलेला होता.
ସେହି ପ୍ରସ୍ତର ପଟା ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ନିର୍ମିତ; ପୁଣି, ତହିଁରେ ଖୋଦିତ ଲିଖନ ହିଁ ପରମେଶ୍ୱରଙ୍କ ଲିଖନ ଥିଲା।
17 १७ यहोशवाने लोकांचा गोंगाट ऐकला व तो मोशेला म्हणाला, “छावणीत लढाईसारखा आवाज ऐकू येत आहे.”
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ଲୋକମାନେ ଉଚ୍ଚ ରବ କରନ୍ତେ, ଯିହୋଶୂୟ ଲୋକମାନଙ୍କର କୋଳାହଳ ଶୁଣି ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଛାଉଣିରେ ଯୁଦ୍ଧ ଶବ୍ଦ ହେଉଅଛି।”
18 १८ मोशेने उत्तर दिले, “एखाद्या सैन्याच्या विजयाचा हा आवाज नाही किंवा एखाद्या सैन्याच्या पराभवाचा हा आक्रोश नाही; मला जो आवाज ऐकू येत आहे तो नाचगाण्यांचा आहे.”
ତହିଁରେ ସେ କହିଲେ, “ଏହା ଜୟଧ୍ୱନିର ଶବ୍ଦ ନୁହେଁ, କିଅବା ପରାଜୟ ସ୍ୱରର ଶବ୍ଦ ନୁହେଁ, ମାତ୍ର ମୁଁ ଗାୟନର ଶବ୍ଦ ଶୁଣୁଅଛି।”
19 १९ मोशे छावणीजवळ येऊन पोहोचल्यावर त्याने ते सोन्याचे वासरू व लोकांच्या नाचगाण्यांचा धिंगाणा पाहिला आणि तो भयंकर संतापला; त्याने आपल्या हातातल्या दगडी पाट्या खाली डोंगराच्या पायथ्याशी फेकून फोडून टाकल्या.
ଏଥିରେ ସେ ଛାଉଣିର ନିକଟବର୍ତ୍ତୀ ହେବା ମାତ୍ରେ ସେହି ବାଛୁରି ଓ ନୃତ୍ୟ ଦେଖିଲେ; ତହିଁରେ ମୋଶାଙ୍କର କ୍ରୋଧ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ହେଲା; ଏଣୁ ସେ ଆପଣା ହସ୍ତରୁ ସେହି ଦୁଇ ପ୍ରସ୍ତର ପଟା ଫୋପାଡ଼ି ଦେଇ ପର୍ବତ ତଳେ ତାହା ଭାଙ୍ଗିଲେ।
20 २० नंतर लोकांनी बनविलेले ते सोन्याचे वासरू मोशेने तोडून फोडून ते अग्नीत जाळले. व कुटून त्याची पूड केली; मग ती पाण्यात टाकली. नंतर ते पाणी त्याने इस्राएल लोकांस प्यायला दिले.
ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କ ନିର୍ମିତ ବାଛୁରି ଘେନି ଅଗ୍ନିରେ ପୋଡ଼ିଲେ ଓ ତାହା ପେଷି ଧୂଳି କଲେ, ଆଉ ଜଳ ଉପରେ ବିଞ୍ଚି ଦେଇ ଇସ୍ରାଏଲ-ସନ୍ତାନଗଣକୁ ପିଆଇଲେ।
21 २१ मोशे अहरोनास म्हणाला, “या लोकांनी तुझे असे काय केले होते की तू त्यांना असे भयंकर पाप करावयास लावलेस?”
ତହୁଁ ମୋଶା ହାରୋଣଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଏହି ଲୋକମାନେ ତୁମ୍ଭ ପ୍ରତି କʼଣ କଲେ ଯେ, ତୁମ୍ଭେ ସେମାନଙ୍କ ଉପରେ ଏପରି ମହାପାପ ବର୍ତ୍ତାଇଅଛ?”
22 २२ अहरोन मोशेला म्हणाला, “स्वामी, असे माझ्यावर रागावू नका; या लोकांची प्रवृत्ती पापाकडे आहे, हे आपल्याला माहीत आहे.
ତହିଁରେ ହାରୋଣ କହିଲେ, “ଆମ୍ଭ ପ୍ରଭୁଙ୍କର କ୍ରୋଧ ପ୍ରଜ୍ୱଳିତ ନ ହେଉ; ଆପଣ ଜାଣନ୍ତି ଯେ, ଏହି ଲୋକମାନେ ଦୁଷ୍ଟତାରେ ଆସକ୍ତ।
23 २३ लोक मला म्हणाले, ‘मोशेने आम्हांला मिसर देशातून काढून बाहेर आणले; परंतु आता त्याचे काय झाले हे आम्हांला माहीत नाही; तेव्हा आमच्यापुढे चालतील असे देव तू आमच्यासाठी करून दे.’
ଏମାନେ ମୋତେ କହିଲେ, ‘ଆମ୍ଭମାନଙ୍କର ଅଗ୍ରଗାମୀ ହେବା ପାଇଁ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ଦେବତା ନିର୍ମାଣ କର; କାରଣ ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତି ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ମିସର ଦେଶରୁ ବାହାର କରି ଆଣିଲେ, ସେହି ମୋଶାଙ୍କର କଅଣ ହୋଇଅଛି, ତାହା ଆମ୍ଭେମାନେ ଜାଣୁ ନାହୁଁ।’
24 २४ तेव्हा मी त्यांना सांगितले, ‘जर तुमच्याकडे सोन्याची कुंडले असतील तर ती मला द्या.’ तेव्हा लोकांनी मला त्यांच्याकडील सोने दिले; मी सोने भट्टीत टाकले आणि तिच्यातून हे वासरू बाहेर आले.”
ତେବେ ମୁଁ କହିଲି, ‘ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରେ ଯାହାର ଯେକୌଣସି ସୁନା ଅଛି, ତାହା ସେମାନେ କାଢ଼ି ଦିଅନ୍ତୁ; ତହିଁରେ ସେମାନେ ମୋତେ ତାହା ଦେଲେ; ମୁଁ ତାହା ନେଇ ଅଗ୍ନିରେ ପକାଇଲି, ତହୁଁ ଏହି ବାଛୁରି ବାହାରି ଆସିଲା।’”
25 २५ मोशेने पाहिले की अहरोनाने लोकांवरचे नियंत्रण ढिले केले त्यामुळे ते बेभान होत गेले आणि त्यांच्या मूर्खपणाच्या आचरणाचा तमाशा त्यांच्या शत्रूंनी पाहिला.
ଆଉ ମୋଶା ଲୋକମାନଙ୍କୁ ସ୍ୱେଚ୍ଛାଚାରୀ ଦେଖିଲେ, କାରଣ ହାରୋଣ ସେମାନଙ୍କୁ ଶତ୍ରୁଗଣ ମଧ୍ୟରେ ହାସ୍ୟାସ୍ପଦ ହେବା ଭଳି ସ୍ୱେଚ୍ଛାଚାରୀ କରି ଛାଡ଼ିଥିଲେ।
26 २६ तेव्हा मोशे छावणीच्या दाराजवळ उभा राहिला आणि म्हणाला, “ज्या कोणाला परमेश्वराच्या मागे यावयाचे असेल, त्याने मजकडे यावे,” आणि लगेच लेवी वंशाचे सर्व लोक मोशेकडे जमा झाले.
ଏଥିରେ ମୋଶା ଛାଉଣି ଦ୍ୱାରରେ ଠିଆ ହୋଇ କହିଲେ, “ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ପକ୍ଷରେ କିଏ ଅଛି? ସେ ମୋʼ ନିକଟକୁ ଆସୁ,” ତହିଁରେ ଲେବୀର ସନ୍ତାନଗଣ ତାଙ୍କ ନିକଟରେ ଏକତ୍ର ହେଲେ।
27 २७ मग मोशे त्यांना म्हणाला, “इस्राएलाचा देव परमेश्वर काय म्हणतो ते मी तुम्हास सांगतो, ‘प्रत्येकाने आपल्या कमरेस तलवार लटकावावी आणि छावणीच्या या प्रवेशव्दारापासून त्या प्रवेशव्दारापर्यंत अवश्य जावे आणि प्रत्येक मनुष्याने आपला भाऊ, मित्र व शेजारी यांना अवश्य जिवे मारावे.”
ତହୁଁ ସେ ସେମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଇସ୍ରାଏଲର ସଦାପ୍ରଭୁ ପରମେଶ୍ୱର ଏହି କଥା କହନ୍ତି, ‘ତୁମ୍ଭେମାନେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜଣ ଆପଣା ଆପଣା ଜଙ୍ଘରେ ଖଡ୍ଗ ବାନ୍ଧି ଛାଉଣିର ମଧ୍ୟଦେଇ ଏକ ଦ୍ୱାରରୁ ଅନ୍ୟ ଦ୍ୱାର ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ଗତାୟାତ କର, ପ୍ରତି ଜଣ ଆପଣା ଆପଣା ଭାଇ, ମିତ୍ର ଓ ପ୍ରତିବାସୀକୁ ବଧ କର।’”
28 २८ लेवी वंशाच्या लोकांनी मोशेची आज्ञा पाळली आणि त्या दिवशी सुमारे तीन हजार इस्राएल लोक मरण पावले.
ତହିଁରେ ଲେବୀର ସନ୍ତାନମାନେ ମୋଶାଙ୍କର ବାକ୍ୟାନୁସାରେ ତଦ୍ରୂପ କରନ୍ତେ, ସେହି ଦିନ ଲୋକମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଊଣାଧିକ ତିନି ହଜାର ଲୋକ ମଲେ।
29 २९ मग मोशे म्हणाला, “आज आपणाला परमेश्वराकरता समर्पण करून प्रत्त्येक पुरुषाने आपल्या पुत्रावर व भावावर चालून जावे, म्हणजे आज तो तुम्हास आशीर्वाद देईल.”
ଆଉ ମୋଶା କହିଥିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ଜଣ ଆପଣା ଆପଣା ପୁତ୍ର ଓ ଭାଇମାନଙ୍କର ବିପକ୍ଷ ହୋଇ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଆପଣାମାନଙ୍କୁ ନିଯୁକ୍ତ କର, ତହିଁରେ ସେ ଏହି ଦିନରେ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଆଶୀର୍ବାଦ କରିବେ।”
30 ३० दुसऱ्या दिवशी सकाळी मोशेने लोकांस सांगितले, “तुम्ही भयंकर पाप केले आहे! परंतु आता मी परमेश्वराकडे पर्वतावर जातो; काहीतरी करून कदाचित मला तुमच्या पापांचे प्रायश्चित करता येईल.”
ତହିଁ ପରଦିନ ମୋଶା ଲୋକମାନଙ୍କୁ କହିଲେ, “ତୁମ୍ଭେମାନେ ମହାପାପ କରିଅଛ, ଏବେ ମୁଁ ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟକୁ ଆରୋହଣ କରୁଅଛି; ଯଦି ହୋଇପାରେ, ତେବେ ମୁଁ ତୁମ୍ଭମାନଙ୍କ ପାପର ପ୍ରାୟଶ୍ଚିତ୍ତ କରିବି।”
31 ३१ तेव्हा मोशे माघारी परमेश्वराकडे जाऊन म्हणाला, “हाय, हाय या लोकांनी फार घोर पातक केले आहे. आपणासाठी सोन्याचे देव बनविले;
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମୋଶା ସଦାପ୍ରଭୁଙ୍କ ନିକଟକୁ ଫେରିଯାଇ କହିଲେ, “ହାୟ, ହାୟ, ଏହି ଲୋକମାନେ ମହାପାପ କରି ଆପଣାମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ସ୍ୱର୍ଣ୍ଣ ଦେବତା ନିର୍ମାଣ କରିଅଛନ୍ତି।
32 ३२ तरी आता तू त्यांच्या या पापांची क्षमा कर! परंतु जर तू त्यांच्या पापांची क्षमा करणार नसशील तर मग तू लिहिलेल्या पुस्तकातून मला काढून टाक.”
ତଥାପି ଏବେ, ତୁମ୍ଭେ ଯଦି ସେମାନଙ୍କର ପାପ କ୍ଷମା କରିବ; କିନ୍ତୁ ଯଦି ନ କରିବ, ତେବେ ମୁଁ ବିନୟ କରୁଅଛି, ତୁମ୍ଭର ଲିଖିତ ପୁସ୍ତକରୁ ମୋହର ନାମ କାଟି ପକାଅ।”
33 ३३ परंतु परमेश्वर मोशेला म्हणाला, “जे माझ्याविरूद्ध पाप करतात केवळ त्या लोकांचीच नावे मी माझ्या पुस्तकातून काढून टाकतो.
ତହିଁରେ ସଦାପ୍ରଭୁ ମୋଶାଙ୍କୁ କହିଲେ, “ଯେଉଁ ଲୋକ ଆମ୍ଭ ବିରୁଦ୍ଧରେ ପାପ କରିଅଛି, ଆମ୍ଭେ ଆପଣା ପୁସ୍ତକରୁ ତାହାର ନାମ କାଟି ପକାଇବା।
34 ३४ तेव्हा तू आता खाली जा आणि मी सांगतो तेथे लोकांस घेऊन जा; माझा दूत तुझ्यापुढे चालेल व तुला मार्ग दाखवील. जेव्हा पाप केलेल्या लोकांस शिक्षा करण्याची वेळ येईल तेव्हा त्यांना शिक्षा केली जाईल.”
ଏବେ ଯାଅ, ଆମ୍ଭେ ଯେଉଁ ଦେଶ ବିଷୟରେ ତୁମ୍ଭକୁ କହିଅଛୁ, ସେହି ଦେଶକୁ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ନେଇଯାଅ; ଦେଖ, ଆମ୍ଭ ଦୂତ ତୁମ୍ଭ ଆଗେ ଆଗେ ଗମନ କରିବେ; ମାତ୍ର ଆମ୍ଭେ ପ୍ରତିଫଳ ଦେବା ଦିନରେ ସେମାନଙ୍କ ପାପର ପ୍ରତିଫଳ ସେମାନଙ୍କୁ ଦେବା।”
35 ३५ अहरोनाने बनवलेले वासरू लोकांनीच बनवले होते, म्हणून परमेश्वराने त्यांना ताडण केले.
ପୁଣି, ସଦାପ୍ରଭୁ ଲୋକମାନଙ୍କୁ ଆଘାତ କଲେ, ଯେହେତୁ ହାରୋଣ-ନିର୍ମିତ ବାଛୁରି ସେମାନେ ନିର୍ମାଣ କରିଥିଲେ।

< निर्गम 32 >