< दानीएल 8 >
1 १ त्यानंतर बेलशस्सर राजाच्या कारकिर्दीच्या तिसऱ्या वर्षी मी जो दानीएल त्या मला प्रथम दृष्टांत झाला.
ବେଲ୍ଶତ୍ସର ରାଜାର ରାଜତ୍ଵର ତୃତୀୟ ବର୍ଷରେ ମୁଁ ଦାନିୟେଲ ପ୍ରଥମ ଦର୍ଶନର ଉତ୍ତାରେ ଆଉ ଏକ ଦର୍ଶନ ପାଇଲି।
2 २ मला दृष्टांतात दिसले ते असे, मी पाहत होतो तेव्हा मी एलाम परगण्यातील शूशन, तटबंदीच्या शहरात होतो. मी दृष्टांतात पाहिले तो मी उलई नदीच्या काठी होतो.
ପୁଣି, ମୁଁ ଦର୍ଶନକ୍ରମେ ଦେଖିଲି; ମୁଁ ଦେଖୁ ଦେଖୁ ଦେଖିଲି ଯେ, ମୁଁ ଏଲମ୍ ପ୍ରଦେଶସ୍ଥ ଶୂଶନ୍ ରାଜଗୃହରେ ଅଛି; ଆଉ, ସେହି ଦର୍ଶନରେ ମୁଁ ଦେଖିଲି ଯେ, ମୁଁ ଉଳୟ ନଦୀ ନିକଟରେ ଅଛି।
3 ३ मी डोळे वर करून पाहिले तो मला माझ्यासमोर दोन शिंग असलेला एडका, नदीकाठी उभा असलेला दिसला. त्याचे एक शिंग दुसऱ्यापेक्षा लांब होते. पण लांब शिंगाची वाढ लहानपेक्षा हळूहळू झाली होती, आणि ते हळू वाढत आहे.
ତହିଁରେ ମୁଁ ଚକ୍ଷୁ ଖୋଲି ଦେଖିଲି ଯେ, ଦେଖ, ନଦୀ ସମ୍ମୁଖରେ ଏକ ମେଷ ଠିଆ ହୋଇଅଛି, ତାହାର ଦୁଇ ଶୃଙ୍ଗ ଓ ସେହି ଦୁଇ ଶୃଙ୍ଗ ଉଚ୍ଚ; ମାତ୍ର ଏକ ଶୃଙ୍ଗ ଅନ୍ୟ ଅପେକ୍ଷା ଉଚ୍ଚ ଓ ଯାହା ଉଚ୍ଚ, ତାହା ପଶ୍ଚାତ୍ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେଲା।
4 ४ मी पाहिले तो एक एडका पश्चिमेस नंतर उत्तरेस आणि नंतर दक्षिणेस धडक मारत होता, कोणी पशू त्यासमोर उभा राहू शकला नाही. त्याच्या तावडीतून कोणी सोडवण्यास सबळ नव्हता त्यास जे पाहिजे ते तो करी आणि तो महान झाला.
ମୁଁ ସେହି ମେଷକୁ ପଶ୍ଚିମ, ଉତ୍ତର ଓ ଦକ୍ଷିଣ ଦିଗକୁ ପେଲି ମାଡ଼ିବାର ଦେଖିଲି; ଆଉ, କୌଣସି ପଶୁ ତାହା ସମ୍ମୁଖରେ ଠିଆ ହୋଇ ପାରିଲେ ନାହିଁ, କିଅବା ତାହାର ହସ୍ତରୁ ଉଦ୍ଧାର କରିବାକୁ କେହି ନ ଥିଲା; ମାତ୍ର ସେ ସ୍ଵେଚ୍ଛାମତ କର୍ମ କରି ଆପଣାର ବଡ଼ାଇ ପ୍ରକାଶ କଲା।
5 ५ जसा मी त्याविषयी विचार करत होतो, तेव्हा मला एक बकरा पश्चिमेकडून येताना दिसला. तो सर्व पृथ्वी आक्रमून आला. धावताना त्याचे पाय जमिनीला लागत नव्हते त्या बकऱ्याच्या डोळ्यांच्या मधोमध एक मोठे शिंग होते.
ପୁଣି, ମୁଁ ଏହି ବିଷୟ ବିବେଚନା କରୁ କରୁ ଦେଖିଲି ଯେ, ଦେଖ, ଏକ ଛାଗ ପଶ୍ଚିମ ଦିଗରୁ ସମୁଦାୟ ପୃଥିବୀ ପାର ହୋଇ ଆସିଲା ଓ ସେ ଭୂମି ସ୍ପର୍ଶ କଲା ନାହିଁ; ଆଉ, ସେହି ଛାଗର ଦୁଇ ଚକ୍ଷୁ ମଧ୍ୟରେ ଗୋଟିଏ ବିଲକ୍ଷଣ ଶୃଙ୍ଗ ଥିଲା।
6 ६ मी नदीकाठी जो एडका पाहिला होता त्याकडे तो बकरा आला आणि तो बकरा पूर्ण शक्तीने त्या एडक्यावर चाल करून आला.
ଆଉ, ମୁଁ ଯେଉଁ ଦୁଇ ଶୃଙ୍ଗବିଶିଷ୍ଟ ମେଷକୁ ନଦୀ ସମ୍ମୁଖରେ ଠିଆ ହେବାର ଦେଖିଲି, ତାହା ଆଡ଼କୁ ସେ ଆସି ଆପଣା ବଳର ପ୍ରଚଣ୍ଡତାରେ ତାହା ଉପରକୁ ଧାଇଁଲା।
7 ७ मी पाहिले तो बकरा त्या एडक्याजवळ आला तो एडक्यावर रागे भरुन होता आणि त्याने एडक्यास धडक दिली आणि त्याची दोन शिंगे तोडून टाकली. एडका त्याच्यासमोर उभा राहण्यास शक्तीहिन होता. बकऱ्याने त्यास जमिनीवर पाडून तुडवून टाकले त्याच्या हातून त्या एडक्यास सोडविण्याचे कोणालाही सामर्थ्य नव्हते.
ପୁଣି, ମୁଁ ଦେଖିଲି ଯେ, ସେ ସେହି ମେଷ ନିକଟକୁ ଆସିଲା ଓ ତାହା ଉପରେ ପ୍ରଚଣ୍ଡ କ୍ରୋଧରେ ଉତ୍ତେଜିତ ହୋଇ ସେହି ମେଷକୁ ଆଘାତ କଲା ଓ ତାହାର ଦୁଇ ଶୃଙ୍ଗ ଭାଙ୍ଗି ପକାଇଲା ଓ ତାହା ସମ୍ମୁଖରେ ଠିଆ ହେବା ପାଇଁ ସେହି ମେଷର ଆଉ ଶକ୍ତି ରହିଲା ନାହିଁ; ମାତ୍ର ସେ ଛାଗ ତାହାକୁ ଭୂମିରେ ପକାଇ ପଦରେ ଦଳିଲା, ଆଉ ତାହାର ହସ୍ତରୁ ସେହି ମେଷକୁ ଉଦ୍ଧାର କରିବା ପାଇଁ କେହି ନ ଥିଲା।
8 ८ मग तो बकरा मोठा झाला पण तो जेव्हा प्रबळ झाला, तेव्हा त्याचे मोठे शिंग मोडले आणि त्याच्या जागेवर चार नवीन शिंगे फुटली ती चारही बाजूस ठळक होती.
ଏଉତ୍ତାରେ ସେ ଛାଗ ଆପଣାର ଅତିଶୟ ବଡ଼ାଇ ପ୍ରକାଶ କଲା ଓ ସେ ବଳବାନ ଥିଲା ବେଳେ ତାହାର ବୃହତ ଶୃଙ୍ଗ ଭଗ୍ନ ହେଲା; ଆଉ, ତହିଁର ପରିବର୍ତ୍ତରେ ଆକାଶର ଚତୁର୍ଦ୍ଦିଗ ଆଡ଼େ ଚାରି ବିଲକ୍ଷଣ ଶୃଙ୍ଗ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେଲା।
9 ९ त्यातल्या एकातून एक लहान शिंग निघाले मग ते दक्षिणेस पुर्वेस आणि इस्राएलास गौरवी प्रदेशात वाढत गेले.
ପୁଣି, ସେହି ଶୃଙ୍ଗମାନର ଗୋଟିକର ମଧ୍ୟରୁ ଗୋଟିଏ କ୍ଷୁଦ୍ର ଶୃଙ୍ଗ ଉତ୍ପନ୍ନ ହୋଇ ଦକ୍ଷିଣ ଓ ପୂର୍ବ ରମ୍ୟ ଦେଶ ଆଡ଼େ ଅତିଶୟ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଲା।
10 १० त्याची वाढ इतकी झाली की ते आकाशातील सैन्याबरोबर लढू शकेल काही सैन्य आणि काही तारे त्याने जमिनीवर पाडून तुडवले.
ଆଉ, ତାହା ଆକାଶମଣ୍ଡଳର ବାହିନୀ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ହିଁ ବୃଦ୍ଧି ପାଇଲା ଓ ସେହି ବାହିନୀ ଓ ତାରାଗଣର କେତେକଙ୍କୁ ଭୂମିରେ ପକାଇ ସେମାନଙ୍କୁ ପଦ ତଳେ ଦଳିଲା।
11 ११ आणि त्याने आपणाला त्या सैन्याच्या अधिपतीबरोबर मोठ केले, आणि त्याचे नित्याचे होमार्पण बंद केले, व त्याच्या पवित्रस्थानाची जागा पाडून टाकली.
ହଁ, ସେହି ବାହିନୀଗଣର ଅଧିପତି ବିରୁଦ୍ଧରେ ଆପଣାର ବଡ଼ାଇ କରି ତାହାଙ୍କଠାରୁ ନିତ୍ୟ ହୋମାର୍ଥକ ବଳି ଅପହରଣ କଲା ଓ ତାହାଙ୍କ ଧର୍ମଧାମ ନିପାତିତ ହେଲା।
12 १२ आणि लोकांच्या पातकामुळे नित्याच्या होमार्पणासहित ते सैन्य त्याच्या स्वाधीन करण्यात आले; तेव्हा त्याने सत्य मातीस मिळवले; आणि ते कार्य करीत व समृद्ध होत गेले.
ପୁଣି, ଆଜ୍ଞାଲଙ୍ଘନ ସକାଶୁ ନିତ୍ୟ ହୋମବଳି ସହିତ ବାହିନୀ ତାହା ହସ୍ତରେ ସମର୍ପିତ ହେଲା ଓ ସେ ସତ୍ୟତାକୁ ଭୂମିରେ ନିପାତ କଲା, ଆଉ ସ୍ଵେଚ୍ଛାମତ କର୍ମ କରି ସଫଳତା ଲାଭ କଲା।
13 १३ नंतर मी एका पवित्र पुरुषास, दुसऱ्या पवित्र पुरुषासोबत बोलताना ऐकले, “हा रोजचा यज्ञयांग नाशदायी पाप, वेदी आणि सैन्य तुडवणे, या दृष्टांतातील गोष्टी किती दिवस चालत राहणार?”
ଏଉତ୍ତାରେ ମୁଁ ଏକ ପବିତ୍ର ବ୍ୟକ୍ତି କଥା କହିବାର ଶୁଣିଲି; ଆଉ, ଯେ କଥା କହିଲେ, ତାଙ୍କୁ ଅନ୍ୟ ଏକ ପବିତ୍ର ବ୍ୟକ୍ତି ପଚାରିଲେ, “ନିତ୍ୟ ହୋମବଳି ଓ ଧ୍ୱଂସକାରୀ ଆଜ୍ଞାଲଙ୍ଘନ ଓ ଦଳିତ ହେବା ନିମନ୍ତେ ଧର୍ମଧାମର ଓ ବାହିନୀର ସମର୍ପଣ ହେବା ବିଷୟକ ଯେଉଁ ଦର୍ଶନ, ତାହା କେତେ କାଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ହେବ?”
14 १४ तो मला म्हणाला, “हे सर्व दोन हजार तीनशे संध्याकाळ व सकाळ चालत राहणार नंतर वेदीची योग्य स्थापना होईल.”
ତହିଁରେ ସେ ମୋତେ କହିଲେ, “ଦୁଇ ହଜାର ତିନି ଶହ ସନ୍ଧ୍ୟା ଓ ପ୍ରାତଃକାଳ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ; ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ଧର୍ମଧାମ ପରିଷ୍କୃତ ହେବ।”
15 १५ मग मी दानीएलाने हा दुष्टांत पाहून त्याचा अर्थ समजण्याचा प्रयत्न करत असता पाहा एक मानवासारखा कोणी तरी माझ्यासमोर उभा होता.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମୁଁ ଦାନିୟେଲ ଏହି ଦର୍ଶନ ପାଇଲା ଉତ୍ତାରେ ତାହା ବୁଝିବା ପାଇଁ ଚେଷ୍ଟା କଲି; ଆଉ ଦେଖ, ମନୁଷ୍ୟାକୃତି ଏକ ବ୍ୟକ୍ତି ସମ୍ମୁଖରେ ଠିଆ ହେଲେ।
16 १६ मी एक मानवी वाणी ऐकली; ती उलई नदीच्या काठामधून आली ती म्हणाली, “गब्रीएला या पुरुषास हा दृष्टांत समजावून सांग.”
ପୁଣି, ଉଳୟ ନଦୀ ମଧ୍ୟରୁ ମୁଁ ମନୁଷ୍ୟର ରବ ଶୁଣିଲି, ସେ ଡାକି କହିଲେ, “ହେ ଗାବ୍ରିଏଲ, ଏହି ମନୁଷ୍ୟକୁ ଦର୍ଶନର ତାତ୍ପର୍ଯ୍ୟ ବୁଝାଇ ଦିଅ।”
17 १७ मग तो, जेथे मी उभा होतो, तेथे आला तेव्हा मी घाबरुन पालथा पडलो, तो मला म्हणाला, “मानवपुत्रा हा दृष्टांत समजून घे, हा शेवटच्या काळाविषयीचा आहे.”
ତହିଁରେ ମୁଁ ଯେଉଁ ସ୍ଥାନରେ ଠିଆ ହୋଇଥିଲି, ସେହି ସ୍ଥାନର ନିକଟକୁ ସେ ଆସିଲେ; ପୁଣି, ସେ ଆସନ୍ତେ, ମୁଁ ଭୀତ ହେଲି ଓ ମୁହଁ ମାଡ଼ି ପଡ଼ିଲି; ମାତ୍ର ସେ ମୋତେ କହିଲେ, “ହେ ମନୁଷ୍ୟ-ସନ୍ତାନ, ବୁଝ; କାରଣ ଏହି ଦର୍ଶନ ଶେଷ କାଳ ବିଷୟକ।”
18 १८ जेव्हा तो माझ्याशी बोलला तेव्हा मी पालथा पडलो मला गाढ झोप लागली. मग त्याने मला स्पर्श करून उभे केले.
ସେ ମୋତେ କଥା କହୁ କହୁ ମୁଁ ଭୂମି ଆଡ଼େ ମୁଖ କରି ଘୋର ନିଦ୍ରାଗ୍ରସ୍ତ ହେଲି; ମାତ୍ର ସେ ସ୍ପର୍ଶ କରି ମୋତେ ଠିଆ କରାଇଲେ।
19 १९ तो म्हणाला, “बघ, कोपाच्या काळात काय होईल ते मी तुला दाखवतो, कारण तो दृष्टांत शेवटच्या नेमलेल्या दिवसाचा आहे.
ଆଉ, ସେ ମୋତେ କହିଲେ, “ଦେଖ, କ୍ରୋଧର ପରିଣାମ ସମୟରେ ଯାହା ଘଟିବ, ତାହା ଆମ୍ଭେ ତୁମ୍ଭକୁ ଜଣାଇବା; କାରଣ ଏହା ନିରୂପିତ ଶେଷ କାଳର କଥା।
20 २० जो मेंढा तू पाहिला त्यास दोन शिंगे होती, ती माद्य व पारस यांचे राजे आहेत.
ତୁମ୍ଭେ ଯେଉଁ ମେଷ ଦେଖିଲ, ତାହାର ଦୁଇ ଶୃଙ୍ଗ ମାଦୀୟ ଓ ପାରସିକ ରାଜା।
21 २१ तो बकरा म्हणजे ग्रीसचा राजा, त्याच्या डोळयाच्या मधोमध असलेले शिंग म्हणजे पहिला राजा आहे.
ପୁଣି, ସେ ଲୋମଶ ଛାଗ ଯବନ ଦେଶର ରାଜା ଓ ତାହାର ଦୁଇ ଚକ୍ଷୁର ମଧ୍ୟସ୍ଥାନରେ ଥିବାର ବୃହତ ଶୃଙ୍ଗ ପ୍ରଥମ ରାଜା।
22 २२ जसे त्याचे तुटलेले शिंग ज्याच्या जागी चार शिंग आली, तसा त्या देशातून चार राज्याचा उदय होईल, पण त्याचासारखा बलवान एकही नसणार.
ଆଉ, ଯେଉଁ ଶୃଙ୍ଗ ଭଗ୍ନ ହୋଇ ତହିଁର ସ୍ଥାନରେ ଯେ ଚାରି ଶୃଙ୍ଗ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେଲା, ଏଥିରେ ସେହି ଦେଶୀୟମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ଚାରି ରାଜ୍ୟ ଉତ୍ପନ୍ନ ହେବାର ଜାଣିବ, ମାତ୍ର ପରାକ୍ରମରେ ତାହାର ତୁଲ୍ୟ ନୋହିବ।
23 २३ त्या राज्याच्या शेवटच्या काळात लोकांच्या पातकाचा घडा भरला त्यावेळी उग्ररुपी बुध्दीमान राजा उदयास येईल.
ପୁଣି, ସେମାନଙ୍କ ରାଜ୍ୟର ପରିଣାମ ସମୟରେ ଯେତେବେଳେ ଆଜ୍ଞା-ଲଙ୍ଘନକାରୀମାନଙ୍କର ଆଜ୍ଞାଲଙ୍ଘନ ସମ୍ପୂର୍ଣ୍ଣ ହେବ, ସେତେବେଳେ ଭୟଙ୍କର ବଦନ ଓ ନିଗୂଢ଼ ବାକ୍ୟ-ଜ୍ଞାନୀ ଏକ ରାଜା ଉତ୍ପନ୍ନ ହେବ।
24 २४ त्याची सत्ता महान होईल पण ती त्याच्या स्वबळाने नाही तो दूरपर्यंत पोहचणारा विनाश करील तो जे काही करील त्यामध्ये त्याचा विकास होईल तो पवित्र व बलवानांचा नाश करील.
ସେ ବଳରେ ପରାକ୍ରାନ୍ତ ହେବ, ମାତ୍ର ତାହାର ନିଜ ବଳରେ ନୁହେଁ; ଆଉ, ସେ ଆଶ୍ଚର୍ଯ୍ୟ ରୂପେ ବିନାଶ କରିବ ଓ ସମୃଦ୍ଧ ହୋଇ ସ୍ଵେଚ୍ଛାମତ କାର୍ଯ୍ୟ କରିବ; ଆଉ, ସେ ପରାକ୍ରମୀଗଣକୁ ଓ ପବିତ୍ର ଲୋକମାନଙ୍କୁ ବିନାଶ କରିବ।
25 २५ तो कपटाने आपली कारस्थाने सिध्दीस नेईल तसेच तो अधिपतींच्या अधिपतींविरुद्ध विरोधात उठेल आणि त्याचा चुराडा होईल पण मनुष्याच्या बलाने नाही.
ପୁଣି, ଆପଣା କୌଶଳ ଦ୍ୱାରା ତାହାର ହସ୍ତରେ ଛଳ ସଫଳ ହେବ ଓ ସେ ଆପଣା ଅନ୍ତଃକରଣରେ ନିଜକୁ ବଡ଼ାଇ କରିବ ଓ ସେମାନଙ୍କ ନିରାପଦ କାଳରେ ଅନେକଙ୍କୁ ବିନାଶ କରିବ; ଆହୁରି, ସେ ଅଧିପତିଗଣର ଅଧିପତିଙ୍କ ପ୍ରତିକୂଳରେ ଠିଆ ହେବ; ମାତ୍ର ସେ ବିନା ହସ୍ତରେ ଭଗ୍ନ ହେବ।
26 २६ हा सांज-सकाळाचा दृष्टांत सांगितला तो खरा आहे पण तू हा गुप्त ठेव कारण तो भविष्यात अनेक दिवसानंतर पूर्ण होईल.”
ଆଉ, ସନ୍ଧ୍ୟା ଓ ପ୍ରାତଃକାଳ ବିଷୟରେ କଥିତ ଦର୍ଶନ ସତ୍ୟ; ମାତ୍ର ତୁମ୍ଭେ ଏହି ଦର୍ଶନ ମୁଦ୍ରାଙ୍କିତ କର; କାରଣ ତାହା ଆଗାମୀ ଅନେକ ଦିନର କଥା।”
27 २७ तेव्हा मी दानीएल बरेच दिवस अशक्त होऊन आजारी पडलो मग मी बरा होऊन राजकामासाठी गेलो तो दृष्टांत मी सगळ्यांना सांगितला पण त्यास समजणारा कोणीच नव्हता.
ଏଥିଉତ୍ତାରେ ମୁଁ ଦାନିୟେଲ କ୍ଳାନ୍ତ ହେଲି ଓ ଅନେକ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ପୀଡ଼ିତ ହେଲି; ତହିଁ ଉତ୍ତାରେ ମୁଁ ଉଠି ରାଜକାର୍ଯ୍ୟ କଲି; ଆଉ, ମୁଁ ସେହି ଦର୍ଶନରେ ଚମତ୍କୃତ ହେଲି, ମାତ୍ର କେହି ସେ ଦର୍ଶନ ବୁଝିଲେ ନାହିଁ।