< प्रेषि. 14 >

1 पौल व बर्णबा इकुन्या शहरात गेले, ते तेथील यहूदी सभास्थानात गेले, तेथील लोकांशी ते बोलले, पौल व बर्णबा अशा रीतीने बोलले की, पुष्कळ यहूदी लोकांनी व ग्रीक लोकांनी त्यांनी जे सांगितले त्यावर विश्वास ठेवला.
ଇକନୀୟରେ ମଧ୍ୟ ସେହି ପ୍ରକାର ଘଟିଲା; ପାଉଲ ଓ ବର୍ଣ୍ଣବ୍ବା ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ସମାଜଗୃହରେ ପ୍ରବେଶ କରି ଏପରି କଥା କହିଲେ ଯେ, ଯିହୁଦୀ ଓ ଗ୍ରୀକ୍‍ମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟରୁ ବହୁସଂଖ୍ୟକ ଲୋକ ବିଶ୍ୱାସ କଲେ।
2 परंतु काही यहूदी लोकांनी विश्वास ठेवला नाही, त्यांनी परराष्ट्रीय लोकांची मने भडकाविली आणि बंधुजनांविषयीची मने वाईट केली.
କିନ୍ତୁ ଯେଉଁ ଯିହୁଦୀମାନେ ବିଶ୍ୱାସ କଲେ ନାହିଁ, ସେମାନେ ଅଣଯିହୁଦୀମାନଙ୍କର ମନକୁ ଉତ୍ତେଜିତ କରି ଭାଇମାନଙ୍କ ବିରୁଦ୍ଧରେ ମନ୍ଦ ଭାବ ଜନ୍ମାଇଦେଲେ।
3 म्हणून पौल व बर्णबाने त्याठिकाणी बरेच दिवस मुक्काम केला आणि परमेश्वराच्या बलाने येशूविषयी धैर्याने सांगत राहीले, पौल व बर्णबाने देवाच्या कृपेविषयी साक्ष दिला, परमेश्वराने त्यांना पौल व बर्णबाला चमत्कार व अद्भूते कृत्ये करण्यास मदत करून ते जे काही सांगत होते ते खरे ठरवले.
ସେମାନେ ଅନେକ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ସେହି ସ୍ଥାନରେ ରହି ପ୍ରଭୁଙ୍କ ଉପରେ ନିର୍ଭର କରି ସାହସରେ ପ୍ରଚାର କଲେ; ଆଉ ସେ ସେମାନଙ୍କ ହସ୍ତ ଦ୍ଵାରା ନାନା ଲକ୍ଷଣ ଓ ଅଦ୍ଭୁତ କର୍ମ ସାଧନ କରି ଆପଣା ଅନୁଗ୍ରହ ବାକ୍ୟ ସପକ୍ଷରେ ସାକ୍ଷ୍ୟ ଦେଲେ।
4 परंतु शहरातील काही लोकांस यहूदी लोकांची मते पटली, दुसऱ्या लोकांस प्रेषित पौल व बर्णबाचे म्हणणे पटले, त्यामुळे शहरात दोन तट पडले.
କିନ୍ତୁ ନଗରର ଲୋକସମୂହ ଦୁଇ ଦଳ ହେଲେ, ଦଳେ ଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ପକ୍ଷରେ ଆଉ ଦଳେ ପ୍ରେରିତମାନଙ୍କ ପକ୍ଷରେ।
5 काही परराष्ट्रीय लोक, काही यहूदी लोक व त्यांचे पुढारी यांनी पौल व बर्णबाला बांधले व इजा करण्याचा प्रयत्न केला, त्यांना पौल व बर्णबा यांना दगडमार करून मारावयाचे होते.
ଯେତେବେଳେ ଅଣଯିହୁଦୀ ଓ ଯିହୁଦୀମାନେ ସେମାନଙ୍କର ଅଧ୍ୟକ୍ଷମାନଙ୍କ ସହିତ ସେମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ଦୌରାତ୍ମ୍ୟ କରିବାକୁ ଓ ପଥର ଫୋପାଡ଼ିବାକୁ ଉଠିଲେ,
6 पौल व बर्णबा यांना जेव्हा त्याविषयी कळले तेव्हा त्यांनी ते शहर सोडले, ते लुस्र व दर्बे या लुकवनिया देशाच्या नगरात गेले आणि त्या शहरांच्या सभोवतालच्या परिसरात गेले.
ସେତେବେଳେ ସେମାନେ ତାହା ଜାଣି ପାରି ଲୁକାୟନିଆ ଦେଶରେ ଲୁସ୍ତ୍ରା ଓ ଦର୍ବୀ ସହର ପୁଣି, ଚାରିଆଡ଼ର ଅଞ୍ଚଳକୁ ପଳାଇଗଲେ,
7 आणि तेथे त्यांनी सुवार्ता सांगितली.
ଆଉ ସେମାନେ ସେଠାରେ ସୁସମାଚାର ପ୍ରଚାର କରିବାକୁ ଲାଗିଲେ।
8 लुस्र येथे एक मनुष्य होता त्याचे पाय अधू होते तो जन्मतःच पांगळा जन्मला होता व कधीच चालला नव्हता.
ଲୁସ୍ତ୍ରାରେ ଜଣେ ଲୋକ ରହୁଥିଲା, ତାହାର ପାଦ ଦୁର୍ବଳ, ସେ ମାତୃଗର୍ଭରୁ ଖଞ୍ଜ, ଆଉ ସେ କେବେ ଚାଲି ନ ଥିଲା।
9 पौल भाषण करीत असताना हा मनुष्य ऐकत होता, पौलाने त्याच्याकडे दृष्टी लावून व त्यास आपण बरे होऊ असा त्या मनुष्याचा विश्वास आहे असे पाहून.
ସେହି ଲୋକଟି ପାଉଲଙ୍କ ପ୍ରଚାର ଶୁଣୁଥିଲା। ପାଉଲ ତାହାକୁ ଏକଦୃଷ୍ଟିରେ ଚାହିଁ ସୁସ୍ଥ ହେବା ପାଇଁ ତାହାର ବିଶ୍ୱାସ ଥିବାର ଦେଖି ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ କହିଲେ,
10 १० मोठ्याने म्हणाला, “तुझ्या पायांवर नीट उभा राहा!” तेव्हा त्या मनुष्याने उडी मारली आणि चालू लागला.
ତୁମ୍ଭର ପାଦର ଭାର ଦେଇ ସିଧା ଠିଆ ହୁଅ। ସେଥିରେ ସେ କୁଦା ମାରି ଚାଲିବାକୁ ଲାଗିଲା।
11 ११ पौलाने केलेले लोकांनी जेव्हा पाहिले, तेव्हा ते आपल्या लुकवनिया भाषेत ओरडले, ते म्हणाल, “देव मनुष्यांच्या रूपाने आमच्यात उतरले आहेत.”
ପାଉଲ ଯାହା କରିଅଛନ୍ତି, ଲୋକସମୂହ ତାହା ଦେଖି ଲୁକାୟନିଆ ଭାଷାରେ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ, ଦେବତାମାନେ ମନୁଷ୍ୟରୂପରେ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କ ମଧ୍ୟକୁ ଓହ୍ଲାଇ ଆସିଅଛନ୍ତି।
12 १२ लोकांनी बर्णबाला ज्यूपितर म्हटले व पौलाला मर्क्युरी म्हटले, कारण पौल मुख्य बोलणारा होता.
ସେମାନେ ବର୍ଣ୍ଣବ୍ବାଙ୍କୁ ବୃହସ୍ପତି ବୋଲି କହିଲେ, ପୁଣି, ପାଉଲ ପ୍ରଧାନ ବକ୍ତା ଥିବାରୁ ତାହାଙ୍କୁ ବୁଧ ବୋଲି କହିଲେ।
13 १३ ज्यूपितरचे मंदिर जवळ होते, या मंदिराचा पुजारी काही बैल व फुले घेऊन वेशीजवळ आला, पुजारी व लोकांस पौल व बर्णबा यांची उपासाना करण्यासाठी त्यांच्यापुढे बळी द्यावयाचा होता.
ନଗର ସମ୍ମୁଖରେ ଥିବା ବୃହସ୍ପତିଙ୍କ ମନ୍ଦିରର ଯାଜକ କେତେକ ବୃଷ ଓ ପୁଷ୍ପହାର ଦ୍ୱାର ନିକଟକୁ ଆଣି ଲୋକସମୂହ ସହିତ ବଳି ଦେବାକୁ ଇଚ୍ଛା କରିଥିଲେ।
14 १४ परंतु ते काय करीत आहेत, हे जेव्हा प्रेषित पौल व बर्णबा यांना समजले तेव्हा त्यांनी आपले कपडे फाडले व लोकांच्या गर्दीत शिरले आणि मोठ्याने म्हणाले.
କିନ୍ତୁ ପ୍ରେରିତମାନେ, ଅର୍ଥାତ୍‍ ବର୍ଣ୍ଣବ୍ବା ଓ ପାଉଲ, ଏହା ଶୁଣି ଆପଣା ଆପଣାର ବସ୍ତ୍ର ଚିରି ଲୋକସମୂହ ମଧ୍ୟକୁ ବେଗେ ଦୌଡ଼ିଯାଇ ଉଚ୍ଚସ୍ୱରରେ କହିବାକୁ ଲାଗିଲେ,
15 १५ लोकांनो, या गोष्टी तुम्ही का करीत आहात? आम्ही देव नाही! तुम्हास जशा भावना आहेत, तशाच आम्हासही आहेत! आम्ही तुम्हास सुवार्ता सांगायला आलो, आम्ही तुम्हास हे सांगत आहोत की या व्यर्थ गोष्टींपासून तुम्ही तुमचे मन वळवावे, खऱ्या जिवंत देवाकडे आपले मन लावावे, त्यानेच आकाश, पृथ्वी, समुद्र व जे काही आहे ते निर्माण केले.
ହେ ମହାଶୟମାନେ, କାହିଁକି ଏସମସ୍ତ କରୁଅଛନ୍ତି? ଆମ୍ଭେମାନେ ମଧ୍ୟ ଆପଣମାନଙ୍କ ପରି ସୁଖଦୁଃଖଭୋଗୀ ମନୁଷ୍ୟ, ଆପଣମାନଙ୍କ ନିକଟରେ ଏହି ସୁସମାଚାର ପ୍ରଚାର କରୁଅଛୁ, ଯେପରି ଆପଣମାନେ ଏହିସବୁ ଅସାର ବସ୍ତୁଠାରୁ ବିମୁଖ ହୋଇ ଜୀବନ୍ତ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ପ୍ରତି ଫେରନ୍ତି। ସେ ଆକାଶମଣ୍ଡଳ, ପୃଥିବୀ, ସମୁଦ୍ର ଓ ସେସବୁରେ ଥିବା ସମସ୍ତ ସୃଷ୍ଟି କରିଅଛନ୍ତି;
16 १६ भूतकाळात, देवाने सर्व राष्ट्रांना त्यांना जसे पाहिजे तसे वागू दिले.
ସେ ଅତୀତ ପୁରୁଷ-ପରମ୍ପରାରେ ସମସ୍ତ ଜାତିର ଲୋକଙ୍କୁ ଆପଣା ଆପଣା ପଥରେ ଚାଲିବାକୁ ଛାଡ଼ିଦେଇଥିଲେ।
17 १७ परंतु देवाने अशा गोष्टी केल्या, की त्याद्वारे तो खरा आहे हे सिद्ध व्हावे, तो तुमच्यासाठी चांगल्या गोष्टी करतो, तो तुम्हास आकाशातून पाऊस देतो, योग्यवेळी तो तुम्हास चांगले पीक देतो, तो तुम्हास भरपूर अन्न देतो व तो तुमची अंतःकरणे आनंदाने भरतो.
ତଥାପି ସେ ଆପଣାକୁ ସାକ୍ଷ୍ୟ ବିହୀନ କରି ରଖି ନାହାନ୍ତି, କାରଣ ସେ ମଙ୍ଗଳ କରିଅଛନ୍ତି, ଆଉ ଆକାଶରୁ ବୃଷ୍ଟି ଓ ଫଳଦାୟକ ଋତୁ ଗୁଡ଼ିକ ଦେଇ ଭକ୍ଷ ଓ ଆନନ୍ଦରେ ଆପଣମାନଙ୍କ ହୃଦୟ ପରିତୃପ୍ତ କରିଅଛନ୍ତି।
18 १८ पौल व बर्णबाने या गोष्टी लोकांस सांगितल्या व मोठ्या प्रयासाने आपणास यज्ञ अर्पिण्यापासून त्याना परावृत्त केले.
ଏହିସବୁ କଥା କହି ସେମାନେ ଅତି କଷ୍ଟରେ ସେମାନଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ବଳିଦାନ କରିବାରୁ ଲୋକସମୂହଙ୍କୁ ନିବୃତ୍ତ କଲେ।
19 १९ नंतर अंत्युखिया व इकुन्या येथील काही यहूदी लोक तेथे आले, त्यांनी लोकसमुदायाची मने आपल्या बाजूस वळविली आणि पौलाला दगडमार केला, त्यामध्ये पौल मरण पावला असे समजून त्यांनी त्यास ओढत नेऊन नगराबाहेर टाकले.
କିନ୍ତୁ ଆନ୍ତିୟଖିଆ ଓ ଇକନୀୟରୁ ସେଠାକୁ ଯିହୁଦୀମାନେ ଆସି ଲୋକସମୂହକୁ ପ୍ରବର୍ତ୍ତାଇଲେ, ପୁଣି, ପାଉଲଙ୍କୁ ପଥର ମାରି ସେ ମରିଅଛନ୍ତି ବୋଲି ମନେ କରି ବାହାରକୁ ଟାଣି ଘେନିଗଲେ।
20 २० पण शिष्य पौलाभोवती जमा झाल्यावर पौल उठून परत शहरात गेला व दुसऱ्या दिवशी बर्णबाबरोबर तो दर्बे शहरास गेले.
ମାତ୍ର ଶିଷ୍ୟମାନେ ତାହାଙ୍କୁ ଘେରି ଠିଆ ହୁଅନ୍ତେ ସେ ଉଠି ସହର ମଧ୍ୟରେ ପ୍ରବେଶ କଲେ। ପରଦିନ ସେ ବର୍ଣ୍ଣବ୍ବାଙ୍କ ସହିତ ଦର୍ବୀକୁ ବାହାରିଗଲେ।
21 २१ आणि त्या नगरात त्यांनी सुवार्ता सांगून अनेक लोकांस शिष्य केले, त्यानंतर ते लुस्र, इकुन्या आणि अंत्युखिया नगरांना परत आले.
ସେମାନେ ସେହି ନଗରରେ ସୁସମାଚାର ପ୍ରଚାର କରି ଓ ଅନେକଙ୍କୁ ଶିଷ୍ୟ କଲା ଉତ୍ତାରେ ଲୁସ୍ତ୍ରା, ଇକନୀୟ ଓ ଆନ୍ତିୟଖିଆକୁ ବାହୁଡ଼ି ଆସିଲେ,
22 २२ आणि त्यांनी तेथील शिष्यांना येशूवरील विश्वासात बळकट केले, त्यांनी आपल्या विश्वासांत अढळ रहावे म्हणून उत्तेजन दिले, ते म्हणाले, “अनेक दुःखांना तोंड देत आपण देवाच्या राज्यात प्रवेश केला पाहिजे.”
ପୁଣି, ସେ ସ୍ଥାନମାନଙ୍କରେ ଶିଷ୍ୟମାନଙ୍କ ମନକୁ ସୁସ୍ଥିର କଲେ ଓ ବିଶ୍ୱାସରେ ଅଟଳ ରହିବା ପାଇଁ ସେମାନଙ୍କୁ ଉତ୍ସାହ ପ୍ରଦାନ କରି କହିଲେ, ଅନେକ କ୍ଲେଶ ମଧ୍ୟ ଦେଇ ଆମ୍ଭମାନଙ୍କୁ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ରାଜ୍ୟରେ ପ୍ରବେଶ କରିବାକୁ ହେବ।
23 २३ पौल व बर्णबाने प्रत्येक मंडळीत वडीलजनांची नेमणूक केली, त्यांनी या वडिलांसाठी उपवास आणि प्रार्थना केल्या, प्रभू येशूवर विश्वास असलेले असे सर्व वडीलजन होते म्हणून पौलाने व बर्णबाने त्यांना प्रभूच्या हाती सोपवले.
ଆଉ ସେମାନେ ସେମାନଙ୍କ ନିମନ୍ତେ ପ୍ରତ୍ୟେକ ମଣ୍ଡଳୀରେ ପ୍ରାଚୀନମାନଙ୍କୁ ନିଯୁକ୍ତ କରି ଉପବାସ ସହିତ ପ୍ରାର୍ଥନା କଲେ, ପୁଣି, ଯେଉଁ ପ୍ରଭୁଙ୍କଠାରେ ସେମାନେ ବିଶ୍ୱାସ କରିଥିଲେ, ତାହାଙ୍କ ହସ୍ତରେ ସେମାନଙ୍କୁ ସମର୍ପଣ କଲେ।
24 २४ पौल आणि बर्णबा पिसिदिया प्रदेशातून गेले नंतर ते पंफुलिया येथे आले.
ପରେ ସେମାନେ ପିସିଦିଆ ଦେଶ ମଧ୍ୟ ଦେଇ ପଂଫୂଲିଆ ଦେଶକୁ ଆସିଲେ,
25 २५ त्यांनी पिर्गा शहरात देवाचा संदेश दिला नंतर ते अत्तलिया शहरात गेले.
ଆଉ ପର୍ଗୀରେ ବାକ୍ୟ ପ୍ରଚାର କରି ଆତ୍ତାଲିଆକୁ ଗଲେ।
26 २६ नंतर तेथून पुढे पौल व बर्णबा सिरीया प्रांतातील अंत्युखियात समुद्रमार्गे गेले, जे काम त्यांनी पूर्ण केले होते त्याची सुरुवात त्यांनी देवाच्या कृपेने अंत्युखियापासूनच केली होती.
ସେଠାରୁ ସେମାନେ ଆନ୍ତିୟଖିଆକୁ ଜାହାଜରେ ଯାତ୍ରା କଲେ; ସେମାନେ ଯେଉଁ କାର୍ଯ୍ୟ ସାଧନ କରିଥିଲେ, ତାହା କରିବା ନିମନ୍ତେ ଈଶ୍ବରଙ୍କ ଅନୁଗ୍ରହରେ ସମର୍ପିତ ହୋଇ ସେ ସ୍ଥାନରୁ ବାହାରିଥିଲେ।
27 २७ ते जेव्हा तेथे पोहोचले, तेव्हा त्यांनी मंडळीला एकत्र बोलावले आणि देवाने त्यांच्याबाबतीत ज्या ज्या गोष्टी केल्या त्या त्यांना सांगितल्या तसेच दुसऱ्या देशातील परराष्ट्रीय लोकांमध्ये देवाने विश्वासाचे द्वार कसे उघडले ते सांगितले.
ସେମାନେ ପହଞ୍ଚି ମଣ୍ଡଳୀକୁ ଏକତ୍ର କଲେ, ପୁଣି, ଈଶ୍ବର ସେମାନଙ୍କ ସାଙ୍ଗରେ ଥାଇ ଯେ ସମସ୍ତ କାର୍ଯ୍ୟ କରିଥିଲେ ଓ ଅଣଯିହୁଦୀମାନଙ୍କ ପ୍ରତି ବିଶ୍ୱାସର ଦ୍ୱାର ଫିଟାଇ ଦେଇଥିଲେ, ସେହିସବୁ ବର୍ଣ୍ଣନା କଲେ।
28 २८ नंतर ते विश्वास ठेवणाऱ्यांबरोबर तेथे बरेच दिवस राहिले.
ଆଉ ସେମାନେ ସେହି ବିଶ୍ୱାସୀମାନଙ୍କ ସହିତ ଅନେକ ଦିନ ପର୍ଯ୍ୟନ୍ତ ରହିଲେ।

< प्रेषि. 14 >